सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: सौर ऊर्जा और अमोनिया निष्कर्षण से संबंधित अवधारणाएं
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान का एक मजबूत आधार होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह खंड उम्मीदवारों को भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान जैसे विभिन्न विषयों के बारे में अपने ज्ञान का परीक्षण करने का अवसर प्रदान करता है। यह अभ्यास सत्र आपको नवीनतम वैज्ञानिक विकासों से जुड़े महत्वपूर्ण सिद्धांतों को समझने में मदद करेगा, जो आपके परीक्षा की तैयारी को और मजबूत करेगा।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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सौर ऊर्जा का उपयोग करके अपशिष्ट जल से अमोनिया निकालने की प्रक्रिया का प्राथमिक वैज्ञानिक सिद्धांत क्या है?
- (a) विद्युत अपघटन (Electrolysis)
- (b) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
- (c) फोटोकैटलिसिस (Photocatalysis)
- (d) ऊष्मीय वाष्पीकरण (Thermal Evaporation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फोटोकैटलिसिस एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक पदार्थ (फोटोकैटलिस्ट) प्रकाश की उपस्थिति में रासायनिक अभिक्रिया की दर को बढ़ाता है। सौर ऊर्जा इस प्रक्रिया को संचालित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है, जो अपशिष्ट जल में अमोनिया को तोड़ने या परिवर्तित करने में मदद करती है।
व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा का उपयोग करने वाला उपकरण अमोनिया निष्कर्षण के लिए फोटोकैटलिस्ट का उपयोग करता है। जब सूर्य का प्रकाश इन फोटोकैटलिस्ट पर पड़ता है, तो यह प्रतिक्रियाओं को शुरू करता है जो अमोनिया को या तो गैस में परिवर्तित कर देते हैं जिसे आसानी से हटाया जा सकता है, या अन्य कम हानिकारक यौगिकों में बदल देते हैं। विद्युत अपघटन में बिजली का उपयोग होता है, प्रकाश संश्लेषण पौधों से संबंधित है, और ऊष्मीय वाष्पीकरण केवल पानी को भाप में बदलता है, अमोनिया को नहीं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अमोनिया (NH₃) के रासायनिक सूत्र में नाइट्रोजन (N) और हाइड्रोजन (H) का परमाणु अनुपात क्या है?
- (a) 1:1
- (b) 1:2
- (c) 1:3
- (d) 2:3
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र एक यौगिक में मौजूद तत्वों के परमाणुओं की सापेक्ष संख्या को दर्शाते हैं।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया का रासायनिक सूत्र NH₃ है, जिसका अर्थ है कि इसके प्रत्येक अणु में नाइट्रोजन का एक परमाणु (N) और हाइड्रोजन के तीन परमाणु (H) होते हैं। इसलिए, नाइट्रोजन और हाइड्रोजन का परमाणु अनुपात 1:3 है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने वाले उपकरण को क्या कहते हैं?
- (a) सौर तापीय पैनल (Solar Thermal Panel)
- (b) फोटोवोल्टिक सेल (Photovoltaic Cell)
- (c) पवन टरबाइन (Wind Turbine)
- (d) भूतापीय ऊर्जा संयंत्र (Geothermal Power Plant)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फोटोवोल्टिक प्रभाव वह घटना है जिसके द्वारा प्रकाश ऊर्जा को सीधे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): फोटोवोल्टिक सेल, जिन्हें सौर सेल भी कहा जाता है, अर्धचालक सामग्री (जैसे सिलिकॉन) से बने होते हैं जो सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर फोटोवोल्टिक प्रभाव के माध्यम से बिजली उत्पन्न करते हैं। सौर तापीय पैनल सूर्य की गर्मी का उपयोग करते हैं, पवन टरबाइन हवा का उपयोग करते हैं, और भूतापीय ऊर्जा पृथ्वी की आंतरिक गर्मी का उपयोग करती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अपशिष्ट जल में अमोनिया की उपस्थिति से पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) जल निकायों में ऑक्सीजन की कमी (Eutrophication)
- (b) जल निकायों में पोषक तत्वों का अत्यधिक संवर्धन
- (c) मछली और जलीय जीवों के लिए विषाक्तता
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया एक पोषक तत्व है जो शैवाल के विकास को बढ़ावा दे सकता है, और यह जलीय जीवों के लिए विषाक्त भी हो सकता है।
व्याख्या (Explanation): अपशिष्ट जल में अमोनिया की उच्च सांद्रता कई पर्यावरणीय समस्याएं पैदा कर सकती है। यह यूट्रोफिकेशन (Eutrophication) का कारण बन सकता है, जहां पोषक तत्वों की अधिकता से शैवाल का अत्यधिक विकास होता है, जो बाद में सड़कर पानी में ऑक्सीजन की कमी कर देता है (dead zones)। अमोनिया सीधे तौर पर मछली और अन्य जलीय जीवों के लिए विषाक्त होता है, खासकर यदि पानी में ऑक्सीजन का स्तर कम हो। इसलिए, अमोनिया को अपशिष्ट जल से निकालना पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रकाश-उत्प्रेरित (photocatalytic) अमोनिया निष्कर्षण में कौन सा प्रकाश-उत्प्रेरक आमतौर पर प्रयोग किया जाता है?
- (a) प्लैटिनम (Platinum)
- (b) टाइटेनियम डाइऑक्साइड (Titanium Dioxide – TiO₂)
- (c) सोना (Gold)
- (d) चांदी (Silver)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO₂) एक व्यापक रूप से अध्ययन किया जाने वाला और प्रभावी फोटोकैटलिस्ट है जो सौर प्रकाश के तहत विभिन्न रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करता है, जिसमें अपशिष्ट जल उपचार भी शामिल है।
व्याख्या (Explanation): TiO₂ अपनी स्थायित्व, गैर-विषाक्तता और पराबैंगनी (UV) प्रकाश के प्रति उच्च प्रतिक्रियाशीलता के कारण फोटोकैटलिसिस में एक लोकप्रिय विकल्प है। जब TiO₂ पर UV प्रकाश पड़ता है, तो यह इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े बनाता है जो अन्य अणुओं को ऑक्सीडाइज या रिड्यूस कर सकते हैं, जिससे अमोनिया का रूपांतरण होता है। जबकि अन्य धातुएं उत्प्रेरक गुण दिखा सकती हैं, TiO₂ इस विशेष अनुप्रयोग के लिए अधिक सामान्य है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पानी के अणु का रासायनिक सूत्र क्या है?
- (a) CO₂
- (b) H₂O
- (c) O₂
- (d) N₂
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र किसी यौगिक के एक अणु में मौजूद तत्वों और परमाणुओं की संख्या को इंगित करता है।
व्याख्या (Explanation): पानी के एक अणु में हाइड्रोजन के दो परमाणु (H) और ऑक्सीजन का एक परमाणु (O) होता है, जिसे H₂O के रूप में दर्शाया जाता है। CO₂ कार्बन डाइऑक्साइड है, O₂ ऑक्सीजन गैस है, और N₂ नाइट्रोजन गैस है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्नलिखित में से कौन सी एक गैस है जो प्रकाश-उत्प्रेरक प्रक्रिया में अमोनिया (NH₃) के ऑक्सीकरण से उत्पन्न हो सकती है?
- (a) नाइट्रोजन (N₂)
- (b) मीथेन (CH₄)
- (c) हाइड्रोजन सल्फाइड (H₂S)
- (d) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया (NH₃) का ऑक्सीकरण, विशेष रूप से फोटोकैटलिटिक परिस्थितियों में, नाइट्रोजन गैस (N₂) का उत्पादन कर सकता है।
व्याख्या (Explanation): फोटोकैटलिटिक ऑक्सीकरण के दौरान, अमोनिया का नाइट्रोजन परमाणु ऑक्सीकृत होकर नाइट्रोजन गैस (N₂) बना सकता है, जो एक स्थिर और हानिरहित गैस है। प्रतिक्रिया इस प्रकार हो सकती है: 4NH₃ + 3O₂ → 2N₂ + 6H₂O (यह एक सरलीकृत प्रतिनिधित्व है, वास्तविक प्रक्रिया अधिक जटिल होती है)। मीथेन, हाइड्रोजन सल्फाइड और कार्बन मोनोऑक्साइड अमोनिया के प्रत्यक्ष ऑक्सीकरण उत्पाद नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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सौर ऊर्जा की इकाइयों को क्या कहा जाता है?
- (a) वाट (Watt)
- (b) जूल (Joule)
- (c) कैलोरी (Calorie)
- (d) पास्कल (Pascal)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): शक्ति (Power) को प्रति इकाई समय में किए गए कार्य या स्थानांतरित ऊर्जा की दर के रूप में मापा जाता है। ऊर्जा को वाट-सेकंड (जूल) में मापा जाता है, और शक्ति को जूल प्रति सेकंड (वाट) में मापा जाता है।
व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा की दर या उससे उत्पन्न शक्ति को आमतौर पर वाट (W) या किलोवाट (kW) में मापा जाता है। जूल ऊर्जा की एक इकाई है, कैलोरी ऊष्मा की एक इकाई है, और पास्कल दबाव की एक इकाई है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया निकालने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- (a) पानी को अधिक पीने योग्य बनाना
- (b) पानी को विद्युत चालक बनाना
- (c) पानी को साफ करना और पर्यावरणीय प्रदूषण कम करना
- (d) पानी का स्वाद बेहतर बनाना
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपशिष्ट जल उपचार का प्राथमिक लक्ष्य मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर हानिकारक प्रभावों को कम करना है।
व्याख्या (Explanation): अपशिष्ट जल में अमोनिया की उच्च सांद्रता जलीय जीवन के लिए हानिकारक हो सकती है और यूट्रोफिकेशन जैसी पर्यावरणीय समस्याओं को जन्म दे सकती है। अमोनिया को हटाने से पानी की गुणवत्ता में सुधार होता है और जल निकायों का स्वास्थ्य बना रहता है। हालांकि पानी का उपचार अन्य लाभ भी प्रदान कर सकता है, अमोनिया निष्कर्षण का मुख्य उद्देश्य पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करना है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वह कौन सी प्रक्रिया है जिसमें एक पदार्थ प्रकाश की उपस्थिति में विघटित होता है?
- (a) पायरोलिसिस (Pyrolysis)
- (b) हाइड्रोलिसिस (Hydrolysis)
- (c) फोटोडिग्रेडेशन (Photodegradation)
- (d) ऑक्सीकरण (Oxidation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फोटोडिग्रेडेशन वह प्रक्रिया है जिसमें प्रकाश, विशेष रूप से पराबैंगनी (UV) विकिरण, रासायनिक बंधों को तोड़कर यौगिकों को विघटित करता है।
व्याख्या (Explanation): फोटोकैटलिटिक अमोनिया निष्कर्षण में, फोटोडिग्रेडेशन एक प्रमुख तंत्र है जहाँ प्रकाश की ऊर्जा अमोनिया के अणुओं को छोटे, हानिरहित घटकों में तोड़ देती है। पायरोलिसिस बिना ऑक्सीजन के उच्च तापमान पर विघटन है, हाइड्रोलिसिस पानी द्वारा विघटन है, और ऑक्सीकरण एक पदार्थ का ऑक्सीजन या अन्य ऑक्सीकारक के साथ प्रतिक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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फोटोवोल्टिक सेल में किस प्रकार की सामग्री का उपयोग किया जाता है?
- (a) संवाहक (Conductors)
- (b) विद्युतरोधी (Insulators)
- (c) अर्धचालक (Semiconductors)
- (d) अतिचालक (Superconductors)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अर्धचालक सामग्री में विद्युत चालकता चालकों और विद्युतरोधियों के बीच होती है, और वे प्रकाश के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं, जिससे फोटोवोल्टिक प्रभाव संभव होता है।
व्याख्या (Explanation): फोटोवोल्टिक सेल आमतौर पर सिलिकॉन जैसे अर्धचालक सामग्री से बनाए जाते हैं। जब इन सामग्रियों पर प्रकाश पड़ता है, तो वे इलेक्ट्रॉनों को छोड़ते हैं, जिससे विद्युत प्रवाह उत्पन्न होता है। चालक बहुत आसानी से बिजली का संचालन करते हैं, और विद्युतरोधी बिजली का संचालन नहीं करते हैं। अतिचालक बिना किसी प्रतिरोध के बिजली का संचालन करते हैं, लेकिन इसके लिए बहुत कम तापमान की आवश्यकता होती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हाइड्रोजन (H) का परमाणु क्रमांक कितना होता है?
- (a) 1
- (b) 2
- (c) 3
- (d) 16
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणु क्रमांक (Atomic Number) एक परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन की संख्या होती है।
व्याख्या (Explanation): हाइड्रोजन (H) का परमाणु क्रमांक 1 है, जिसका अर्थ है कि इसके नाभिक में एक प्रोटॉन होता है। हीलियम का परमाणु क्रमांक 2, लिथियम का 3 और सल्फर (जो ऑक्सीजन का भाग नहीं है) का 16 होता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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अपशिष्ट जल उपचार में कौन सी गैसें उत्पादित हो सकती हैं?
- (a) मीथेन (CH₄) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- (b) अमोनिया (NH₃) और नाइट्रोजन (N₂)
- (c) ऑक्सीजन (O₂) और हाइड्रोजन (H₂)
- (d) सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अवायवीय पाचन (Anaerobic Digestion) जैसी प्रक्रियाओं में, अपशिष्ट जल में मौजूद कार्बनिक पदार्थ बैक्टीरिया द्वारा विघटित होकर बायोगैस बनाते हैं, जिसमें मुख्य रूप से मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड होती है।
व्याख्या (Explanation): हालांकि अमोनिया निष्कर्षण में नाइट्रोजन गैस (N₂) उत्पन्न हो सकती है, सामान्य अपशिष्ट जल उपचार प्रक्रियाओं (विशेषकर जहाँ जैविक विघटन शामिल है) में बायोगैस का उत्पादन एक आम बात है। मीथेन एक ज्वलनशील गैस है, और कार्बन डाइऑक्साइड भी बायोगैस का एक प्रमुख घटक है। अन्य विकल्प या तो अमोनिया निष्कर्षण से सीधे संबंधित नहीं हैं या सामान्य अपशिष्ट जल उपचार के प्रमुख उत्पाद नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रकाश-उत्प्रेरक प्रक्रिया में, प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग मुख्य रूप से किसके लिए किया जाता है?
- (a) फोटोकैटलिस्ट को गर्म करने के लिए
- (b) प्रतिक्रिया को शुरू करने और संचालित करने के लिए
- (c) अमोनिया को अवशोषित करने के लिए
- (d) पानी को शुद्ध करने के लिए
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फोटोकैटलिसिस में, प्रकाश ऊर्जा रासायनिक प्रतिक्रियाओं को शुरू करने के लिए आवश्यक सक्रियण ऊर्जा प्रदान करती है।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश-उत्प्रेरक प्रतिक्रियाओं में, प्रकाश ऊर्जा (जैसे सौर ऊर्जा) फोटोकैटलिस्ट को उत्तेजित करती है। यह उत्तेजना इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े उत्पन्न करती है जो तब अमोनिया जैसे प्रदूषकों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, जिससे उनका विघटन या रूपांतरण होता है। यह प्रतिक्रिया को सीधे संचालित करता है, न कि केवल फोटोकैटलिस्ट को गर्म करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा धातु आयन प्रकाश-उत्प्रेरक में इलेक्ट्रॉन-होल जोड़ी के पुनर्संयोजन (recombination) को कम करने में मदद कर सकता है?
- (a) सोडियम (Na⁺)
- (b) पोटेशियम (K⁺)
- (c) कोबाल्ट (Co²⁺)
- (d) कैल्शियम (Ca²⁺)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ धातु आयन, विशेष रूप से संक्रमण धातुएं, फोटोकैटलिसिस में सह-उत्प्रेरक (co-catalyst) के रूप में कार्य कर सकती हैं। वे इलेक्ट्रॉन-होल जोड़ी के पुनर्संयोजन को कम करके या चार्ज हस्तांतरण को सुविधाजनक बनाकर दक्षता बढ़ा सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): कोबाल्ट (Co²⁺) जैसे संक्रमण धातु आयनों को TiO₂ जैसे फोटोकैटलिस्ट के साथ जोड़ने पर यह देखा गया है कि वे इलेक्ट्रॉन-होल पुनर्संयोजन को बाधित करके फोटोकैटलिटिक गतिविधि को बढ़ाते हैं। सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम आमतौर पर इस तरह के सह-उत्प्रेरक प्रभाव नहीं दिखाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किस प्रकार के प्रदूषण को संबोधित करता है?
- (a) वायु प्रदूषण
- (b) जल प्रदूषण
- (c) ध्वनि प्रदूषण
- (d) मृदा प्रदूषण
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपशिष्ट जल उपचार सीधे तौर पर जल निकायों में छोड़े जाने वाले दूषित पदार्थों से संबंधित है।
व्याख्या (Explanation): अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाना एक जल उपचार प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य जल निकायों में छोड़े जाने वाले दूषित पदार्थों की मात्रा को कम करना है, जिससे जल प्रदूषण का समाधान होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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फोटोवोल्टिक सेल का एक सामान्य घटक क्या है जो प्रकाश को अवशोषित करता है?
- (a) एंटीना (Antenna)
- (b) लेंस (Lens)
- (c) सौर सेल (Solar Cell)
- (d) ट्रांसफार्मर (Transformer)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फोटोवोल्टिक सेल का मुख्य कार्य प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करना और उसे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करना है।
व्याख्या (Explanation): सौर सेल, आमतौर पर अर्धचालक सामग्री से बने होते हैं, जो सीधे सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करते हैं और फोटोवोल्टिक प्रभाव के माध्यम से बिजली उत्पन्न करते हैं। एंटीना रेडियो तरंगों को पकड़ते हैं, लेंस प्रकाश को केंद्रित करते हैं, और ट्रांसफार्मर वोल्टेज को बदलते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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एक फोटोकैटलिस्ट के रूप में TiO₂ की प्रभावशीलता पर किसका प्रभाव पड़ता है?
- (a) प्रकाश की तरंग दैर्ध्य (Wavelength of light)
- (b) प्रकाश की तीव्रता (Intensity of light)
- (c) फोटोकैटलिस्ट की सतह क्षेत्र (Surface area of photocatalyst)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फोटोकैटलिसिस की दक्षता प्रकाश की गुणवत्ता (तरंग दैर्ध्य), मात्रा (तीव्रता), और कैटेलिस्ट की सतह की उपलब्धता जैसे कई कारकों पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश की तरंग दैर्ध्य यह निर्धारित करती है कि कैटेलिस्ट द्वारा कितनी ऊर्जा अवशोषित की जा सकती है। प्रकाश की तीव्रता प्रतिक्रिया दर को प्रभावित करती है। एक बड़ा सतह क्षेत्र अधिक फोटोकैटलिस्ट को प्रकाश के संपर्क में आने और प्रतिक्रियाओं में भाग लेने की अनुमति देता है। इसलिए, ये सभी कारक TiO₂ की प्रभावशीलता को बढ़ाते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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अपशिष्ट जल में अमोनिया की उपस्थिति जल की किस गुणवत्ता पैरामीटर को प्रभावित करती है?
- (a) pH
- (b) घुलित ऑक्सीजन (Dissolved Oxygen – DO)
- (c) बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया का जल की गुणवत्ता पर कई तरह से प्रभाव पड़ता है, जिसमें pH, घुलित ऑक्सीजन का स्तर और BOD शामिल है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH₃) एक क्षारीय यौगिक है और पानी में इसकी उच्च सांद्रता pH को बढ़ा सकती है। जलीय जीवों द्वारा अमोनिया का बायोलॉजिकल ऑक्सीकरण (नाइट्रिफिकेशन) पानी से घुलित ऑक्सीजन (DO) की खपत करता है, जिससे DO का स्तर कम हो जाता है। अमोनिया का ऑक्सीकरण भी बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) को बढ़ाता है क्योंकि बैक्टीरिया को इसे विघटित करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रकाश-उत्प्रेरक प्रक्रिया में, अमोनिया का रूपांतरण मुख्य रूप से किसमें होता है?
- (a) मेथेनॉल (Methanol)
- (b) एसिटिक एसिड (Acetic Acid)
- (c) नाइट्रोजन गैस (N₂) और जल (H₂O)
- (d) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फोटोकैटलिटिक ऑक्सीकरण का लक्ष्य अमोनिया जैसे प्रदूषकों को हानिरहित उत्पादों में परिवर्तित करना है, जिसमें नाइट्रोजन गैस और जल प्रमुख हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा और फोटोकैटलिस्ट (जैसे TiO₂) का उपयोग करके, अमोनिया को अक्सर नाइट्रोजन गैस (N₂) और जल (H₂O) जैसे कम हानिकारक उत्पादों में विघटित किया जाता है। मेथेनॉल, एसिटिक एसिड और कार्बन डाइऑक्साइड अमोनिया के प्रत्यक्ष या सामान्य फोटोकैटलिटिक रूपांतरण उत्पाद नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सौर ऊर्जा को अवशोषित करने वाले फोटोवोल्टिक उपकरणों में निम्नलिखित में से कौन सा कण (particle) महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है?
- (a) प्रोटॉन (Photon)
- (b) इलेक्ट्रॉन (Electron)
- (c) न्यूट्रॉन (Neutron)
- (d) पॉज़िट्रॉन (Positron)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश ऊर्जा कणों के रूप में यात्रा करती है जिन्हें फोटॉन कहा जाता है। ये फोटॉन ही फोटोवोल्टिक उपकरणों में इलेक्ट्रॉनों को उत्तेजित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा फोटॉन के रूप में आती है। जब ये फोटॉन फोटोवोल्टिक सेल की अर्धचालक सामग्री से टकराते हैं, तो वे इलेक्ट्रॉनों को अपनी ऊर्जा स्थानांतरित करते हैं, जिससे वे सामग्री के माध्यम से प्रवाहित होने लगते हैं और विद्युत प्रवाह उत्पन्न करते हैं। इलेक्ट्रॉन सेल के भीतर गतिशील कण हैं, लेकिन वह कण जो ऊर्जा लाता है वह फोटॉन है। न्यूट्रॉन और पॉज़िट्रॉन सूर्य के प्रकाश का हिस्सा नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया निष्कर्षण के लिए उपयोग किए जाने वाले सौर उपकरणों का मुख्य लाभ क्या है?
- (a) यह बहुत कम ऊर्जा की खपत करता है
- (b) यह एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत का उपयोग करता है
- (c) यह महंगा नहीं है
- (d) यह सभी प्रकार के प्रदूषकों को हटा सकता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर ऊर्जा एक नवीकरणीय संसाधन है, जिसका अर्थ है कि यह स्वाभाविक रूप से पुन: उत्पन्न होता है और समाप्त नहीं होता है।
व्याख्या (Explanation): सौर उपकरणों का प्राथमिक लाभ यह है कि वे सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं, जो एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। यह जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करता है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करता है। जबकि यह ऊर्जा-कुशल हो सकता है, यह हमेशा सबसे सस्ता नहीं होता है, और इसकी प्रभावशीलता प्रदूषण के प्रकार पर निर्भर करती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अमोनिया (NH₃) के अणु में नाइट्रोजन और हाइड्रोजन के बीच किस प्रकार का रासायनिक बंधन होता है?
- (a) आयनिक बंधन (Ionic Bond)
- (b) सहसंयोजक बंधन (Covalent Bond)
- (c) धात्विक बंधन (Metallic Bond)
- (d) हाइड्रोजन बंधन (Hydrogen Bond)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन तब बनता है जब दो परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं। यह आमतौर पर अधातुओं के बीच पाया जाता है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया में, नाइट्रोजन और हाइड्रोजन दोनों अधातु हैं, और वे इलेक्ट्रॉनों को साझा करके एक साथ बंधे होते हैं, जिससे सहसंयोजक बंधन बनता है। आयनिक बंधन तब बनता है जब एक परमाणु दूसरे को इलेक्ट्रॉन देता है, धात्विक बंधन धातुओं में पाया जाता है, और हाइड्रोजन बंधन अणुओं के बीच होता है, न कि एक ही अणु के भीतर परमाणुओं के बीच।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रकाश-उत्प्रेरक अभिक्रियाओं में, एक ‘होल’ (hole) का क्या कार्य होता है?
- (a) यह एक इलेक्ट्रॉन होता है जो अभिक्रिया में भाग लेता है
- (b) यह एक धनात्मक आवेशित रिक्ति (positive charge vacancy) है जो ऑक्सीकरण में मदद करती है
- (c) यह प्रतिक्रिया में उत्प्रेरक को स्थिर करता है
- (d) यह प्रकाश को अवशोषित करता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फोटोकैटलिसिस में, प्रकाश ऊर्जा अर्धचालक में इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े बनाती है। ‘होल’ वास्तव में एक इलेक्ट्रॉन की अनुपस्थिति है, जो धनात्मक रूप से आवेशित कण के रूप में कार्य करता है।
व्याख्या (Explanation): जब फोटोकैटलिस्ट पर प्रकाश पड़ता है, तो इलेक्ट्रॉन (e⁻) संयोजकता बैंड से चालन बैंड में कूद जाता है, पीछे एक ‘होल’ (h⁺) छोड़ जाता है। यह ‘होल’ एक शक्तिशाली ऑक्सीकारक के रूप में कार्य करता है, जो अन्य अणुओं (जैसे अमोनिया) से इलेक्ट्रॉन निकाल सकता है, जिससे उनका ऑक्सीकरण होता है। इलेक्ट्रॉन एक अपचायक (reductant) के रूप में कार्य करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर ऊर्जा का उपयोग करके अमोनिया निकालने की प्रक्रिया का उपयोग करके किस प्रकार के जल स्रोत को लक्षित किया जा सकता है?
- (a) पीने योग्य जल (Potable water)
- (b) औद्योगिक अपशिष्ट जल (Industrial wastewater)
- (c) वर्षा जल (Rainwater)
- (d) अलवणीकृत जल (Desalinated water)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया को हटाने की आवश्यकता मुख्य रूप से उन जल स्रोतों में होती है जो दूषित होते हैं, विशेष रूप से वे जिनमें जैविक या औद्योगिक निर्वहन होता है।
व्याख्या (Explanation): औद्योगिक अपशिष्ट जल में अक्सर उच्च सांद्रता में अमोनिया जैसे प्रदूषक होते हैं, जिससे यह सौर ऊर्जा-आधारित अमोनिया निष्कर्षण जैसी उपचार प्रक्रियाओं के लिए एक प्रमुख लक्ष्य बन जाता है। पीने योग्य जल, वर्षा जल और अलवणीकृत जल में सामान्यतः अमोनिया का स्तर बहुत कम होता है, इसलिए उन्हें इस प्रकार के उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।