इतिहास की गहराइयों में उतरें: रोज़ाना 25 सवालों का महासंग्राम
नमस्कार, भविष्य के प्रशासकों! आज हम इतिहास के विशाल सागर में गोता लगाने के लिए तैयार हैं। यह सत्र केवल ज्ञान की परीक्षा नहीं, बल्कि समय के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा है। क्या आप प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक युग के संघर्षों तक, अपनी समझ को परखने के लिए तैयार हैं? आइए, अपनी तैयारी को और धारदार बनाते हैं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का बाग’ या ‘मृतकों का टीला’ के रूप में जाना जाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- धौलावीरा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मोहनजोदड़ो का अर्थ “मृतकों का टीला” है। यह सिंधु घाटी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण शहरी केंद्र था, जहाँ बड़े पैमाने पर योजनाबद्ध शहर, स्नानागार और अन्य महत्वपूर्ण संरचनाएँ पाई गई हैं।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो की खोज 1922 में राखल दास बनर्जी द्वारा की गई थी। यहाँ मिली विशाल स्नानागार (Great Bath) सिंधु सभ्यता की इंजीनियरिंग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह स्थल पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा, सिंधु सभ्यता का पहला खोजा गया स्थल था। लोथल एक प्रमुख बंदरगाह शहर था, और धौलावीरा एक जल प्रबंधन प्रणाली के लिए प्रसिद्ध था।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस वेद को ‘भारतीय संगीत का आदि स्रोत’ माना जाता है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: सामवेद को भारतीय संगीत का आदि स्रोत माना जाता है। इसमें मुख्य रूप से यज्ञों के अवसर पर गाए जाने वाले मंत्रों का संग्रह है, जो ऋग्वेद के मंत्रों पर आधारित हैं, लेकिन गेय रूप में व्यवस्थित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: सामवेद में 1549 (कुछ संस्करणों में 1875) ऋचाएँ हैं, जिनमें से अधिकांश ऋग्वेद से ली गई हैं। यह भारतीय शास्त्रीय संगीत की जड़ों को दर्शाता है।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है और इसमें देवताओं की स्तुति में मंत्र हैं। यजुर्वेद कर्मकांडों और यज्ञ विधियों से संबंधित है, और अथर्ववेद में जादू, टोना, और चिकित्सा संबंधी मंत्र हैं।
प्रश्न 3: सम्राट अशोक का कौन सा अभिलेख कलिंग युद्ध के बाद उसके हृदय परिवर्तन की जानकारी देता है?
- पहला शिलालेख
- सातवाँ शिलालेख
- तेरहवाँ शिलालेख
- रुकमदेई स्तंभलेख
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: अशोक का तेरहवाँ शिलालेख कलिंग युद्ध (261 ईसा पूर्व) के बाद उसके हृदय परिवर्तन और बौद्ध धर्म अपनाने की जानकारी देता है। इस अभिलेख में कलिंग पर विजय के बाद हुए विनाश और नरसंहार के प्रति अशोक की पश्चाताप की भावना का उल्लेख है।
- संदर्भ और विस्तार: इस शिलालेख में अशोक ने घोषित किया कि वह अब भविष्य में युद्ध नहीं करेगा और उसने धर्म (धम्म) के प्रसार को अपना मुख्य लक्ष्य बनाया। यह अशोक के जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
- गलत विकल्प: पहला शिलालेख पशु बलि का निषेध करता है। सातवाँ शिलालेख विभिन्न धर्मों के प्रति सहिष्णुता की बात करता है। रुकमदेई स्तंभलेख लुम्बिनी में अशोक की यात्रा और वहाँ कर माफ करने के बारे में है।
प्रश्न 4: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-अर्ज’ नामक एक सैन्य विभाग की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य का सबसे महान शासक किसे माना जाता है, जिसने ‘अष्टदिग्गज’ नामक तेलुगु साहित्य के आठ महान कवियों को आश्रय दिया?
- हरिहर
- बुक्का
- देवराय द्वितीय
- कृष्ण देवराय
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कृष्ण देवराय (1509-1529) विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रतापी और महान शासकों में से एक थे। वे स्वयं एक विद्वान थे और उन्होंने तेलुगु साहित्य के आठ महान कवियों, जिन्हें ‘अष्टदिग्गज’ कहा जाता है, को अपने दरबार में संरक्षण दिया।
- संदर्भ और विस्तार: उनके शासनकाल को विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है। उन्होंने साहित्य, कला और वास्तुकला को बढ़ावा दिया। उन्होंने ‘आमुक्तमाल्यता’ नामक तेलुगु महाकाव्य की रचना भी की।
- गलत विकल्प: हरिहर और बुक्का ने विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की थी। देवराय द्वितीय एक सक्षम शासक थे, लेकिन कृष्ण देवराय की प्रसिद्धि साहित्य और कला के संरक्षण में अधिक थी।
प्रश्न 6: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल लॉर्ड कैनिंग था। विद्रोह के बाद, 1858 में भारत सरकार अधिनियम द्वारा भारत का शासन ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश ताज के अधीन स्थानांतरित कर दिया गया, और लॉर्ड कैनिंग भारत के प्रथम वाइसरॉय बने।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कैनिंग ने विद्रोह को दबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसके बाद भारत में महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार लागू किए।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी 1857 के विद्रोह से ठीक पहले गवर्नर-जनरल थे और उनकी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) जैसे नीतियों को विद्रोह का एक कारण माना जाता है। लॉर्ड लिटन और लॉर्ड कर्जन बाद के वायसराय थे।
प्रश्न 7: ‘नील दर्पण’ नामक प्रसिद्ध नाटक के लेखक कौन थे, जिसने नील की खेती करने वाले किसानों की दुर्दशा का चित्रण किया?
- बंकिम चंद्र चटर्जी
- दिनबंधु मित्र
- रवींद्रनाथ टैगोर
- शरत चंद्र चट्टोपाध्याय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘नील दर्पण’ के लेखक दीनबंधु मित्र थे। यह नाटक 1859-60 के नील विद्रोह के दौरान लिखा गया था और इसमें नील बागान मालिकों द्वारा किसानों पर किए गए अत्याचारों और शोषण का मार्मिक चित्रण है।
- संदर्भ और विस्तार: इस नाटक का अंग्रेजी में अनुवाद सॉलिसिटर केएल टैगोर ने किया था और यह बहुत लोकप्रिय हुआ, जिसने नील विद्रोह को राजनीतिक और सामाजिक समर्थन जुटाने में मदद की।
- गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चटर्जी ने ‘आनंदमठ’ लिखा था। रवींद्रनाथ टैगोर ने ‘गीतांजलि’ लिखी थी, और शरत चंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘देवदास’ जैसे उपन्यास लिखे थे।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से किस वायसराय ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गठन के समय भारत में राजनीतिक सुधारों के लिए एक कमीशन का गठन किया था?
- लॉर्ड डफरिन
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड रिपन
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लॉर्ड डफरिन (1884-1888) के शासनकाल के दौरान 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई थी। उन्होंने इल्बर्ट बिल विवाद के दौरान राजनीतिक सुधारों की आवश्यकता को महसूस करते हुए 1886 में सर आर्थर लेटन की अध्यक्षता में एक लोक सेवा आयोग (Public Service Commission) का गठन किया, जिसका उद्देश्य भारतीयों के लिए सरकारी सेवाओं में अधिक अवसर खोलना था।
- संदर्भ और विस्तार: यह आयोग भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गठन के ठीक बाद बना था और इसने भारतीयों को प्रशासनिक सेवाओं में शामिल करने की बात कही, हालांकि यह भारतीयों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया। लॉर्ड रिपन को स्थानीय स्वशासन का जनक कहा जाता है और उन्होंने इल्बर्ट बिल का समर्थन किया था। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय थे।
प्रश्न 9: भारत की स्वतंत्रता के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कौन थे?
- विंस्टन चर्चिल
- क्लीमेंट एटली
- मार्गरेट थैचर
- टोनी ब्लेयर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: भारत की स्वतंत्रता (1947) के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली थे। वे लेबर पार्टी से थे और उन्होंने भारत को स्वतंत्रता देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
- संदर्भ और विस्तार: एटली सरकार ने भारत की स्वतंत्रता के लिए एक समय-सीमा (जून 1948) तय की थी, लेकिन अंततः 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्रदान कर दी गई। उनके शासनकाल में भारत के विभाजन का भी निर्णय हुआ।
- गलत विकल्प: विंस्टन चर्चिल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री थे और भारत की स्वतंत्रता के समर्थक नहीं थे। मार्गरेट थैचर और टोनी ब्लेयर बहुत बाद के प्रधानमंत्रियों में से हैं।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा सुल्तान ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ के लिए जाना जाता है?
- गयासुद्दीन तुगलक
- फिरोज शाह तुगलक
- अलाउद्दीन खिलजी
- सिकंदर लोदी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: अलाउद्दीन खिलजी (1296-1316) को उसकी कठोर और विस्तृत ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ (Dah-i-Mandi) के लिए जाना जाता है। इसका उद्देश्य सेना के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना और बाजार में महंगाई को नियंत्रित करना था।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने खाद्यान्न, कपड़े, पशुओं आदि के मूल्यों को निर्धारित किया और उनके उल्लंघन पर कठोर दंड का प्रावधान था। उन्होंने ‘शहना-ए- मंडी’ (बाजार अधीक्षक) और ‘बरीद’ (जासूस) जैसे अधिकारियों की नियुक्ति की थी।
- गलत विकल्प: गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलक वंश की नींव रखी। फिरोजशाह तुगलक ने कई नहरें बनवाईं और जकात को छोड़कर अन्य करों में कुछ छूट दी। सिकंदर लोदी ने आगरा शहर की स्थापना की थी।
प्रश्न 11: ‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना किसने की थी?
- ज्योतिबा फुले
- आत्माराम पांडुरंग
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
- स्वामी विवेकानंद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ज्योतिबा फुले ने 1873 में ‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना की थी। यह समाज समाज में समानता लाने, जातिगत भेदभाव को समाप्त करने और दलितों तथा स्त्रियों की शिक्षा पर जोर देने के लिए समर्पित था।
- संदर्भ और विस्तार: ज्योतिबा फुले महाराष्ट्र के एक प्रमुख समाज सुधारक थे। उन्होंने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर लड़कियों के लिए पहला स्कूल खोला था।
- गलत विकल्प: आत्माराम पांडुरंग ने प्रार्थना समाज की स्थापना की थी। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया। स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
प्रश्न 12: किस मुगल बादशाह ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नया धर्म चलाने का प्रयास किया?
- हुमायूँ
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मुगल बादशाह अकबर ने 1582 में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नवीन धार्मिक सिद्धांत का प्रतिपादन किया। इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के तत्वों को मिलाकर एक ऐसा सार्वभौमिक धर्म बनाना था जो सभी के लिए स्वीकार्य हो।
- संदर्भ और विस्तार: अकबर ने अपनी धार्मिक सहिष्णुता और विभिन्न धर्मों के विद्वानों के साथ वाद-विवाद के माध्यम से इस धर्म की परिकल्पना की थी। हालांकि, बहुत कम लोगों ने इसे अपनाया और यह अकबर के जीवन काल के बाद समाप्त हो गया। बीरबल इसके प्रमुख अनुयायी थे।
- गलत विकल्प: हुमायूँ, जहाँगीर और शाहजहाँ प्रमुख रूप से अपने-अपने क्षेत्रों में ख्याति रखते थे (जैसे जहाँगीर का न्याय का घंटा, शाहजहाँ का स्थापत्य प्रेम), लेकिन उन्होंने ऐसा कोई धर्म चलाने का प्रयास नहीं किया।
प्रश्न 13: कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?
- कलकत्ता अधिवेशन, 1928
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- कराची अधिवेशन, 1931
- त्रिपुरी अधिवेशन, 1939
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया था। इस अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य पूर्ण स्वराज प्राप्त करना होगा और 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाने का भी फैसला किया गया।
- गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन (1928) में साइमन कमीशन का बहिष्कार का प्रस्ताव था। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीति का प्रस्ताव था, जिसकी अध्यक्षता सरदार पटेल ने की थी। त्रिपुरी अधिवेशन (1939) सुभाष चंद्र बोस और गांधीजी के बीच मतभेद के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 14: ‘The Spirit of Laws’ (कानून की आत्मा) नामक प्रसिद्ध पुस्तक के लेखक कौन हैं?
- जीन-जैक्स रूसो
- जॉन लॉक
- मॉन्टेस्क्यू
- एडम स्मिथ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘The Spirit of Laws’ (कानून की आत्मा) के लेखक फ्रांसीसी दार्शनिक मॉन्टेस्क्यू (Montesquieu) हैं। यह पुस्तक 1748 में प्रकाशित हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में मॉन्टेस्क्यू ने शक्ति पृथक्करण (Separation of Powers) के सिद्धांत का प्रतिपादन किया, जिसके अनुसार सरकार की शक्तियों को विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में विभाजित किया जाना चाहिए। यह सिद्धांत आधुनिक लोकतांत्रिक सरकारों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- गलत विकल्प: जीन-जैक्स रूसो ने ‘The Social Contract’ लिखी थी। जॉन लॉक ने ‘Two Treatises of Government’ लिखी थी। एडम स्मिथ को अर्थशास्त्र का जनक माना जाता है और उन्होंने ‘The Wealth of Nations’ लिखी थी।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से ‘पक्की ईंटों का हल’ (Ploughed Field) प्राप्त हुआ है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- बनावली
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: बनावली (वर्तमान हरियाणा में) से पक्की ईंटों का हल (ploughed field) और ‘हल के टेराकोटा मॉडल’ प्राप्त हुए हैं। यह दर्शाता है कि उस समय के लोग कृषि में हल का उपयोग करते थे।
- संदर्भ और विस्तार: बनावली से जल निकासी प्रणाली का अभाव भी पाया गया है, जो अन्य प्रमुख हड़प्पा स्थलों से भिन्न है। यहाँ से उन्नत जल प्रबंधन प्रणाली के साक्ष्य भी मिलते हैं, जैसे कि जलाशय।
- गलत विकल्प: हड़प्पा से कब्रिस्तान (H Cemetery) और विशाल अन्न भंडार मिले हैं। मोहनजोदड़ो से ‘महास्नानागार’ (Great Bath) मिला है। लोथल एक प्रमुख बंदरगाह था जहाँ से गोदी (Dockyard) के प्रमाण मिले हैं।
प्रश्न 16: ग्यारहवीं सदी में महमूद गजनवी के साथ भारत कौन सा प्रसिद्ध इतिहासकार आया था?
- अल-बरुनी
- इब्न बतूता
- अल-इदरीसी
- अल-मसूदी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ग्यारहवीं सदी में महमूद गजनवी के साथ फारसी विद्वान और इतिहासकार अल-बरुनी (Al-Biruni) भारत आया था। उसने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘किताब-उल-हिंद’ (Tahqiq-i-Hind) में भारतीय समाज, धर्म, विज्ञान और संस्कृति का विस्तृत वर्णन किया है।
- संदर्भ और विस्तार: अल-बरुनी की पुस्तक को भारत के उस काल के सामाजिक और सांस्कृतिक अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है। वह संस्कृत जानता था और उसने कई भारतीय ग्रंथों का अरबी में अनुवाद भी किया।
- गलत विकल्प: इब्न बतूता चौदहवीं सदी में मोहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में भारत आया था। अल-इदरीसी और अल-मसूदी अन्य अरब विद्वान थे, लेकिन वे गजनवी के साथ भारत नहीं आए थे।
प्रश्न 17: चोल काल में ‘वेल्लल’ शब्द किस वर्ग के लोगों के लिए प्रयुक्त होता था?
- ब्राह्मण
- पुरोहित
- सैन्य अधिकारी
- किसान
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: चोल काल में ‘वेल्लल’ शब्द उन संपन्न किसानों के लिए प्रयुक्त होता था जो भूमि के स्वामी होते थे और खेती करते थे। ये कृषक समाज के एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली वर्ग थे।
- संदर्भ और विस्तार: चोल प्रशासन में ग्राम प्रशासन का महत्व था और ये ‘वेल्लल’ ग्राम सभाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। इनकी उपजाऊ भूमि पर स्वामित्व होता था।
- गलत विकल्प: ब्राह्मण धार्मिक और शैक्षिक वर्ग थे। पुरोहित विशेष रूप से पूजा-पाठ करने वाले होते थे। सैन्य अधिकारी सेना से संबंधित होते थे।
प्रश्न 18: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कहाँ हुई थी?
- भारत
- जापान
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- अफगानिस्तान
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में संयुक्त राज्य अमेरिका (विशेष रूप से सैन फ्रांसिस्को) में लाला हरदयाल और उनके साथियों द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था।
- संदर्भ और विस्तार: गदर पार्टी का मुख्य प्रकाशन ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र था, जो उर्दू, पंजाबी और अन्य भाषाओं में छपता था और भारत में ब्रिटिश विरोधी भावना को बढ़ावा देता था।
- गलत विकल्प: गदर पार्टी की स्थापना भारत, जापान या अफगानिस्तान में नहीं हुई थी।
प्रश्न 19: ‘The Communist Manifesto’ (साम्यवादी घोषणापत्र) के लेखक कौन हैं?
- व्लादिमीर लेनिन
- कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स
- लियोन ट्रॉट्स्की
- जोसेफ स्टालिन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘The Communist Manifesto’ (साम्यवादी घोषणापत्र) कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध राजनीतिक पर्चा है, जो 1848 में प्रकाशित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह घोषणापत्र पूंजीवाद की आलोचना करता है और सर्वहारा वर्ग (मजदूर वर्ग) के क्रांति द्वारा सत्ता पर कब्जा करने का आह्वान करता है। इसने मार्क्सवाद के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और दुनिया भर में समाजवादी और साम्यवादी आंदोलनों को प्रेरित किया।
- गलत विकल्प: लेनिन, ट्रॉट्स्की और स्टालिन प्रमुख कम्युनिस्ट नेता थे, लेकिन उन्होंने ‘साम्यवादी घोषणापत्र’ नहीं लिखा था; वे इसके अनुयायी और कार्यान्वयनकर्ता थे।
प्रश्न 20: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल अपनी उन्नत जल प्रबंधन प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ बड़ी संख्या में जलाशय पाए गए?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- धौलावीरा
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गुजरात में स्थित धौलावीरा, अपनी अनूठी जल संचयन और प्रबंधन प्रणाली के लिए जाना जाता है। यहाँ बड़ी संख्या में जलाशय (reservoirs) पाए गए हैं, जो यह दर्शाते हैं कि उस समय के लोग पानी की कमी से निपटने के लिए कितने उन्नत थे।
- संदर्भ और विस्तार: धौलावीरा को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का दर्जा भी प्राप्त है। यह शहर एक विशाल किलेबंद शहर था जिसमें सुनियोजित सड़कें, सार्वजनिक भवन और एक विशेष स्टेडियम भी था।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो अपने शहरी नियोजन के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन धौलावीरा की जल प्रबंधन प्रणाली अद्वितीय है। लोथल एक बंदरगाह शहर था।
प्रश्न 21: किस सूफी संत की दरगाह अजमेर में स्थित है, जहाँ प्रतिवर्ष उर्स का मेला लगता है?
- शेख सलीम चिश्ती
- ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती
- शेख निजामुद्दीन औलिया
- बाबा फरीद
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह अजमेर में स्थित है। वे चिश्ती सिलसिले के सबसे प्रसिद्ध संतों में से एक थे और 12वीं शताब्दी के अंत में भारत आए थे।
- संदर्भ और विस्तार: उनकी दरगाह दुनिया भर के मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। प्रतिवर्ष हिजरी कैलेंडर के अनुसार रजब माह की पहली तारीख से छठी तारीख तक उर्स का मेला आयोजित किया जाता है।
- गलत विकल्प: शेख सलीम चिश्ती की दरगाह फतेहपुर सीकरी में है। शेख निजामुद्दीन औलिया दिल्ली में स्थित हैं। बाबा फरीद भी पंजाब क्षेत्र से जुड़े थे।
प्रश्न 22: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘दासता का अंत’ (Abolition of Untouchability) से संबंधित है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 17
- अनुच्छेद 18
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता (छुआछूत) का अंत करता है और किसी भी रूप में इसके आचरण को दंडनीय घोषित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद नागरिकों को छुआछूत से संबंधित किसी भी प्रकार के भेदभाव से बचाता है और इसे समाप्त करने का अधिकार देता है। यह मौलिक अधिकारों के तहत आता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता की बात करता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 18 उपाधियों का अंत करता है।
प्रश्न 23: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने किस मराठा सरदार को ‘पेशवा’ का पद प्रदान किया था?
- शिवाजी
- बाजीराव प्रथम
- बाळाजी विश्वनाथ
- माधवराव
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1713 में बाळाजी विश्वनाथ को ‘पेशवा’ का पद प्रदान किया था। वे बाजीराव प्रथम के पिता थे।
- संदर्भ और विस्तार: बाळाजी विश्वनाथ ने मराठा संघ की नींव रखी और पेशवा को सर्वोच्च पद पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 1713-1720 तक पेशवा के रूप में कार्य किया।
- गलत विकल्प: शिवाजी मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे और उन्होंने ‘पेशवा’ का पद बनाया था, लेकिन ब्रिटिश उन्हें यह पद नहीं दे सकते थे। बाजीराव प्रथम एक महान पेशवा थे, और माधवराव भी एक सक्षम पेशवा थे।
प्रश्न 24: चौरी-चौरा की घटना कब हुई थी, जिसके कारण गांधीजी ने असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया था?
- 1920
- 1921
- 1922
- 1923
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: चौरी-चौरा की हिंसक घटना 4 फरवरी 1922 को हुई थी। इस घटना में भीड़ ने चौरी-चौरा पुलिस थाने को आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस घटना से आहत होकर और आंदोलन को अहिंसक बनाए रखने के अपने सिद्धांत के कारण महात्मा गांधी ने 12 फरवरी 1922 को असहयोग आंदोलन को तत्काल स्थगित करने का निर्णय लिया। इस निर्णय से कई कांग्रेस नेताओं में असंतोष भी था।
- गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन 1920 में शुरू हुआ था, लेकिन चौरी-चौरा की घटना 1922 में हुई थी।
प्रश्न 25: भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत किसे कहा जाता है?
- स्वामी विवेकानंद
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राममोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: राजा राममोहन राय को ‘भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत’ और ‘आधुनिक भारत का पिता’ कहा जाता है। उन्होंने 19वीं शताब्दी में भारत में सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक सुधारों के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए।
- संदर्भ और विस्तार: राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की और सती प्रथा के उन्मूलन, बाल विवाह के विरोध और महिलाओं की शिक्षा जैसे सुधारों को बढ़ावा दिया। उन्होंने बहुदेववाद और मूर्तिपूजा का विरोध किया।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की और भारतीय दर्शन को पश्चिम में लोकप्रिय बनाया। स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की और ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा दिया। ईश्वर चंद्र विद्यासागर विधवा पुनर्विवाह के प्रबल समर्थक थे।