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सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: अपनी तैयारी को परखें

सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: अपनी तैयारी को परखें

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहन समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह खंड आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान से संबंधित महत्वपूर्ण अवधारणाओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) का एक अभ्यास सेट प्रदान करता है। इन प्रश्नों को हल करके, आप अपनी ज्ञान की जाँच कर सकते हैं और परीक्षा के लिए अपनी तैयारी को और मजबूत कर सकते हैं। आइए, इन चुनौतियों का सामना करें!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. सौर ऊर्जा का उपयोग करके अपशिष्ट जल से अमोनिया निकालने के लिए किस प्रकार की रासायनिक अभिक्रिया (Chemical Reaction) का उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) ऑक्सीकरण (Oxidation)
    • (b) अपचयन (Reduction)
    • (c) संघनन (Condensation)
    • (d) आयन विनिमय (Ion Exchange)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): आयन विनिमय (Ion Exchange) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक आयन को एक अन्य, समान आवेश वाले आयन द्वारा विस्थापित किया जाता है। अमोनिया (NH3) पानी में अमोनियम आयनों (NH4+) के रूप में मौजूद हो सकता है। आयन विनिमय रेजिन का उपयोग इन अमोनियम आयनों को हटाने के लिए किया जा सकता है।

    व्याख्या (Explanation): सौर उपकरण अमोनिया निष्कर्षण के लिए आयन विनिमय विधियों का उपयोग कर सकते हैं। विशिष्ट रेजिन अमोनियम आयनों को अपने सतह पर सोख लेते हैं, उन्हें पानी से अलग कर देते हैं। सौर ऊर्जा का उपयोग इस प्रक्रिया को चलाने या रेजिन को पुनर्जीवित करने के लिए किया जा सकता है। ऑक्सीकरण, अपचयन और संघनन सीधे अमोनिया निष्कर्षण के मुख्य तंत्र नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  2. सौर उपकरण में उपयोग की जाने वाली आम फोटोवोल्टेइक (Photovoltaic) सामग्री कौन सी है जो प्रकाश को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है?

    • (a) क्वार्ट्ज (Quartz)
    • (b) सिलिकॉन (Silicon)
    • (c) एल्यूमीनियम (Aluminum)
    • (d) सोना (Gold)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): फोटोवोल्टेइक प्रभाव वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा प्रकाश ऊर्जा को सीधे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है, आमतौर पर अर्धचालक (semiconductors) का उपयोग करके। सिलिकॉन सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला अर्धचालक है।

    व्याख्या (Explanation): सौर पैनलों में, सिलिकॉन अर्धचालक प्रकाश से फोटॉन को अवशोषित करता है, जिससे इलेक्ट्रॉन मुक्त होते हैं और विद्युत प्रवाह उत्पन्न होता है। क्वार्ट्ज एक अकार्बनिक यौगिक (SiO2) है, एल्यूमीनियम एक धातु है, और सोना एक कीमती धातु है, और ये सभी फोटोवोल्टेइक प्रभाव के लिए कुशल सामग्री नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. अमोनिया (NH3) अणु में, नाइट्रोजन (N) और हाइड्रोजन (H) परमाणुओं के बीच किस प्रकार का रासायनिक बंधन (Chemical Bond) पाया जाता है?

    • (a) आयनिक बंधन (Ionic Bond)
    • (b) सहसंयोजक बंधन (Covalent Bond)
    • (c) धात्विक बंधन (Metallic Bond)
    • (d) हाइड्रोजन बंधन (Hydrogen Bond)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन तब बनता है जब दो परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं। नाइट्रोजन और हाइड्रोजन दोनों अधातु (non-metals) हैं, और वे अपने बाहरी इलेक्ट्रॉन कोश को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रॉनों को साझा करके अमोनिया बनाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH3) में, नाइट्रोजन परमाणु अपने वैलेंस इलेक्ट्रॉनों को तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के साथ साझा करता है, जिससे तीन सहसंयोजक बंधन बनते हैं। आयनिक बंधन धातुओं और अधातुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों के हस्तांतरण से बनते हैं। धात्विक बंधन धातुओं में पाए जाते हैं। हाइड्रोजन बंधन तब बनते हैं जब हाइड्रोजन एक अत्यधिक विद्युतीय परमाणु (जैसे N, O, F) से जुड़ा होता है और दूसरे विद्युतीय परमाणु के पास आकर्षित होता है, जो अमोनिया के भीतर प्राथमिक बंधन नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  4. सौर-संचालित अमोनिया निष्कर्षण उपकरण में, अमोनिया को अवशोषित करने या केंद्रित करने के लिए किस प्रकार की सामग्री का उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) निष्क्रिय गैसें (Inert Gases)
    • (b) उत्प्रेरक (Catalysts)
    • (c) सोखने वाले पदार्थ (Adsorbents)
    • (d) विलायक (Solvents)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सोखना (Adsorption) एक सतह घटना है जहाँ अणु (adsorbate) दूसरी सामग्री (adsorbent) की सतह पर जमा हो जाते हैं। विशेष रूप से डिज़ाइन की गई सामग्री, जैसे जिओलाइट्स (zeolites) या सक्रिय कार्बन (activated carbon), अमोनिया अणुओं को प्रभावी ढंग से सोख सकती हैं।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया निष्कर्षण में, सोखने वाले पदार्थ अपशिष्ट जल से अमोनिया को पकड़ने के लिए उपयोग किए जाते हैं। सौर ऊर्जा का उपयोग इन सोखने वाले पदार्थों को गर्म करके अमोनिया को छोड़ने (desorption) और पुनर्प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। निष्क्रिय गैसें प्रतिक्रिया नहीं करती हैं। उत्प्रेरक प्रतिक्रिया की दर बढ़ाते हैं लेकिन स्वयं उपभोग नहीं होते। विलायक अमोनिया को घोलते हैं, न कि मुख्य रूप से सतह पर जमा करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  5. प्रकाश को ऊष्मा (Heat) में परिवर्तित करने की प्रक्रिया, जिसे अक्सर सौर उपकरणों में उपयोग किया जाता है, किस प्रकार की ऊर्जा हस्तांतरण (Energy Transfer) से संबंधित है?

    • (a) चालन (Conduction)
    • (b) संवहन (Convection)
    • (c) विकिरण (Radiation)
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विकिरण (Radiation) विद्युत चुम्बकीय तरंगों (electromagnetic waves) के माध्यम से ऊर्जा का स्थानांतरण है, जिसे किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है। सूर्य से प्रकाश और ऊष्मा विकिरण के रूप में पृथ्वी तक पहुँचते हैं।

    व्याख्या (Explanation): सौर उपकरण सूर्य के प्रकाश (जो विकिरण है) को अवशोषित करते हैं। यह अवशोषित प्रकाश ऊर्जा फिर प्रकाश-वोल्टेइक कोशिकाओं में विद्युत में परिवर्तित हो जाती है या अन्य घटकों को गर्म करने के लिए ऊष्मा में परिवर्तित हो जाती है। चालन ठोस पदार्थों में होता है, और संवहन तरल पदार्थ या गैसों में होता है। हालांकि ये प्रक्रियाएं सौर उपकरणों के भीतर भी हो सकती हैं, प्रकाश को ऊष्मा में प्रारंभिक परिवर्तन मुख्य रूप से विकिरण के कारण होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  6. अपशिष्ट जल से अमोनिया (NH3) निकालने की प्रक्रिया के संबंध में ‘बायो जियोकेमिकल साइकिल’ (Biogeochemical Cycle) में अमोनिया की भूमिका क्या है?

    • (a) यह केवल ऑक्सीजन को स्थिर करता है।
    • (b) यह कार्बन चक्र का एक अभिन्न अंग है।
    • (c) यह नाइट्रोजन चक्र (Nitrogen Cycle) में एक महत्वपूर्ण मध्यवर्ती है।
    • (d) यह जल चक्र (Water Cycle) को सीधे प्रभावित नहीं करता है।

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): नाइट्रोजन चक्र एक बायो जियोकेमिकल साइकिल है जो पृथ्वी पर नाइट्रोजन के विभिन्न रूपों में परिवर्तन का वर्णन करता है। अमोनिया (और अमोनियम आयन) इस चक्र में एक महत्वपूर्ण मध्यवर्ती यौगिक है, जो विभिन्न सूक्ष्मजीवी प्रक्रियाओं (जैसे नाइट्रीकरण और विनाइट्रीकरण) से गुजरता है।

    व्याख्या (Explanation): अपशिष्ट जल में अमोनिया मानव और पशु अपशिष्ट से आता है। प्राकृतिक रूप से, अमोनिया को विभिन्न जीवाणुओं द्वारा नाइट्रेट्स और नाइट्राइट्स में परिवर्तित किया जाता है (नाइट्रीकरण) या वातावरण में वापस नाइट्रोजन गैस के रूप में परिवर्तित किया जाता है (विनाइट्रीकरण)। इसलिए, अमोनिया नाइट्रोजन चक्र में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। यह सीधे ऑक्सीजन को स्थिर नहीं करता है, न ही यह मुख्य रूप से कार्बन चक्र का हिस्सा है, और यह जल चक्र को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकता है (जैसे सुपोषण द्वारा)।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  7. सौर उपकरण द्वारा अमोनिया को निकालने के लिए उपयोग किए जाने वाले ‘मेम्ब्रेन टेक्नोलॉजी’ (Membrane Technology) का मुख्य सिद्धांत क्या है?

    • (a) वाष्पीकरण (Evaporation)
    • (b) अवक्षेपण (Precipitation)
    • (c) चयनात्मक पारगम्यता (Selective Permeability)
    • (d) आसवन (Distillation)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मेम्ब्रेन टेक्नोलॉजी में, एक अर्ध-पारगम्य झिल्ली (semi-permeable membrane) का उपयोग किया जाता है जो कुछ अणुओं या आयनों को गुजरने देती है, जबकि अन्य को रोक देती है। यह ‘चयनात्मक पारगम्यता’ पर आधारित है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया को निकालने के लिए मेम्ब्रेन का उपयोग करते समय, झिल्ली को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि वह अमोनिया या अमोनियम आयनों को गुजरने दे, जबकि पानी और अन्य अशुद्धियों को रोक दे। सौर ऊर्जा का उपयोग झिल्ली के पार दबाव बनाने (जैसे रिवर्स ऑस्मोसिस में) या झिल्ली की सोखने की क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। वाष्पीकरण, अवक्षेपण और आसवन झिल्लियों के पार चयनात्मक परिवहन के प्रमुख सिद्धांत नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. हाइड्रोपोनिक्स (Hydroponics) जैसी कृषि प्रणालियों में अमोनिया की भूमिका क्या है, जहाँ अमोनिया युक्त अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) यह पौधों के लिए विषाक्त है और इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
    • (b) यह पौधों के लिए नाइट्रोजन का एक स्रोत हो सकता है, लेकिन नियंत्रित सांद्रता में।
    • (c) यह केवल मिट्टी में उपयोग के लिए उपयुक्त है।
    • (d) यह प्रकाश संश्लेषण की दर को कम करता है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पौधों को वृद्धि के लिए नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है। अमोनिया (NH3) या अमोनियम आयन (NH4+) पौधों द्वारा सीधे अवशोषित किए जा सकने वाले नाइट्रोजन के रूप हैं।

    व्याख्या (Explanation): हाइड्रोपोनिक्स में, पोषक तत्वों को सीधे पानी में घोला जाता है। यदि अमोनिया को उचित रूप से नियंत्रित किया जाता है, तो यह पौधों के लिए नाइट्रोजन का एक मूल्यवान स्रोत प्रदान कर सकता है। हालांकि, उच्च सांद्रता में, अमोनिया पौधों की जड़ों के लिए विषाक्त हो सकता है, जिससे पीएच (pH) में वृद्धि होती है। इसलिए, अमोनिया का उपयोग सावधानीपूर्वक निगरानी और नियंत्रण के साथ किया जाता है। यह केवल मिट्टी के लिए उपयुक्त नहीं है और यह प्रकाश संश्लेषण को कम करने के बजाय, नाइट्रोजन की आपूर्ति करके इसे बढ़ावा दे सकता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  9. प्रकाश-रासायनिक (Photochemical) अभिक्रियाएँ, जो सौर उपकरणों में होती हैं, मुख्य रूप से किस पर निर्भर करती हैं?

    • (a) ऊष्मीय ऊर्जा (Thermal energy)
    • (b) प्रकाश ऊर्जा (Light energy)
    • (c) यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical energy)
    • (d) विद्युत चुम्बकीय विकिरण (Electromagnetic radiation) की आवृत्ति

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश-रासायनिक अभिक्रियाएँ वे अभिक्रियाएँ हैं जो प्रकाश ऊर्जा द्वारा शुरू या संचालित होती हैं। प्रकाश में मौजूद फोटॉन अभिकारक अणुओं के साथ परस्पर क्रिया करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): सौर उपकरणों में, प्रकाश-रासायनिक अभिक्रियाओं का उपयोग सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का सीधे उपयोग करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, फोटोवोल्टेइक सेल में, प्रकाश ऊर्जा इलेक्ट्रॉनों को उत्तेजित करती है। प्रकाश ऊर्जा, न कि केवल ऊष्मीय ऊर्जा, विद्युत चुम्बकीय विकिरण की आवृत्ति, या यांत्रिक ऊर्जा, इन अभिक्रियाओं के लिए प्राथमिक प्रेरक शक्ति है। आवृत्ति यह निर्धारित करती है कि प्रकाश ऊर्जा कितनी है, लेकिन मुख्य इनपुट स्वयं ‘प्रकाश ऊर्जा’ है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  10. पानी में अमोनिया की घुलनशीलता (Solubility) किस पर निर्भर करती है?

    • (a) केवल तापमान (Temperature)
    • (b) केवल दबाव (Pressure)
    • (c) तापमान और ध्रुवीयता (Polarity)
    • (d) तापमान, दबाव और विलेय की सांद्रता (Concentration of solute)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): “समान समान को घोलता है” (Like dissolves like) का सिद्धांत बताता है कि ध्रुवीय विलायक ध्रुवीय विलेय को घोलते हैं, और अध्रुवीय विलायक अध्रुवीय विलेय को घोलते हैं। अमोनिया (NH3) एक ध्रुवीय अणु है, और पानी (H2O) भी एक ध्रुवीय विलायक है। तापमान और दबाव भी गैसों की घुलनशीलता को प्रभावित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया पानी में बहुत अधिक घुलनशील है क्योंकि दोनों ध्रुवीय होते हैं और हाइड्रोजन बंधन बना सकते हैं। तापमान का भी प्रभाव पड़ता है; सामान्य तौर पर, गैसों की घुलनशीलता तापमान बढ़ने पर कम हो जाती है। दबाव भी एक भूमिका निभाता है, खासकर जब अमोनिया को गैस के रूप में माना जाता है। हालांकि, विलेय की सांद्रता स्वयं घुलनशीलता को निर्धारित नहीं करती है; यह एक परिणाम है। ध्रुवीयता एक मूलभूत कारक है। इसलिए, तापमान और ध्रुवीयता (साथ ही दबाव) मुख्य कारक हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  11. अपशिष्ट जल उपचार (Wastewater Treatment) में ‘नाइट्रीकरण’ (Nitrification) प्रक्रिया में कौन से सूक्ष्मजीव (Microorganisms) मुख्य भूमिका निभाते हैं?

    • (a) कवक (Fungi)
    • (b) बैक्टीरिया (Bacteria)
    • (c) वायरस (Viruses)
    • (d) प्रोटोजोआ (Protozoa)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): नाइट्रीकरण एक दो-चरणीय जैव रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें अमोनिया (NH3) को पहले नाइट्राइट (NO2-) में और फिर नाइट्रेट (NO3-) में ऑक्सीकृत किया जाता है। यह प्रक्रिया विशेष प्रकार के बैक्टीरिया द्वारा की जाती है।

    व्याख्या (Explanation): नाइट्रीकरण के लिए मुख्य सूक्ष्मजीव ऑटोट्रॉफिक बैक्टीरिया हैं, जैसे कि *Nitrosomonas* (जो अमोनिया को नाइट्राइट में परिवर्तित करते हैं) और *Nitrobacter* (जो नाइट्राइट को नाइट्रेट में परिवर्तित करते हैं)। अन्य सूक्ष्मजीवों की इस प्रक्रिया में प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  12. सौर ऊष्मीय (Solar Thermal) प्रणालियाँ, जो प्रकाश को ऊष्मा में परिवर्तित करती हैं, किस सिद्धांत पर काम करती हैं?

    • (a) प्रकाश विद्युत प्रभाव (Photoelectric effect)
    • (b) ग्रीनहाउस प्रभाव (Greenhouse effect)
    • (c) अवशोषण (Absorption) और विकिरण (Radiation)
    • (d) क्रिस्टलीकरण (Crystallization)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सौर ऊष्मीय कलेक्टर सूर्य के प्रकाश (विकिरण) को अवशोषित करते हैं, जिससे उनकी सतह गर्म हो जाती है। यह ऊष्मा फिर एक तरल या गैस में स्थानांतरित हो जाती है।

    व्याख्या (Explanation): सौर ऊष्मीय उपकरण सूर्य के विकिरण को अवशोषित करने के लिए डिज़ाइन किए गए विशेष सतहों (जैसे काले रंग की कोटिंग) का उपयोग करते हैं। अवशोषित ऊर्जा ऊष्मीय ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। प्रकाश विद्युत प्रभाव प्रकाश को सीधे विद्युत में परिवर्तित करता है। ग्रीनहाउस प्रभाव ऊर्जा को फंसाता है, लेकिन यह ऊष्मा को अवशोषित करने का प्रत्यक्ष तंत्र नहीं है। क्रिस्टलीकरण एक ठोस रूप से ठोस बनाने की प्रक्रिया है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  13. अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाने की प्रक्रिया को ‘डिनिट्रीफिकेशन’ (Denitrification) क्यों नहीं कहा जाता है?

    • (a) क्योंकि डिनिट्रीफिकेशन केवल नाइट्रेट्स को नाइट्रोजन गैस में परिवर्तित करता है।
    • (b) क्योंकि डिनिट्रीफिकेशन में अमोनिया का उपयोग नहीं होता है।
    • (c) क्योंकि डिनिट्रीफिकेशन केवल फास्फोरस को हटाता है।
    • (d) क्योंकि डिनिट्रीफिकेशन के लिए प्रकाश संश्लेषण की आवश्यकता होती है।

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): डिनिट्रीफिकेशन एक जैविक प्रक्रिया है जिसमें सूक्ष्मजीव नाइट्रेट (NO3-) को नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) या नाइट्रोजन गैस (N2) में परिवर्तित करते हैं, जो वायुमंडल में वापस चली जाती है। यह एक अवायवीय (anaerobic) प्रक्रिया है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया को हटाने की प्रक्रियाओं में अमोनिया को पहले नाइट्रीकरण द्वारा नाइट्रेट में परिवर्तित करना शामिल हो सकता है, जिसके बाद डिनिट्रीफिकेशन द्वारा नाइट्रोजन गैस में परिवर्तित किया जा सकता है। हालाँकि, ‘अमोनिया को हटाना’ स्वयं डिनिट्रीफिकेशन नहीं है क्योंकि यह प्रक्रिया नाइट्रेट से शुरू होती है, अमोनिया से नहीं। इसलिए, यह कहना सही है कि अमोनिया हटाने को डिनिट्रीफिकेशन नहीं कहा जाता है क्योंकि यह प्रक्रिया नाइट्रेट पर काम करती है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  14. सौर सेल (Solar Cell) में ‘डोपिंग’ (Doping) का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    • (a) सेल को पानी प्रतिरोधी बनाना
    • (b) सेल के विद्युत गुणों को बदलना
    • (c) सेल की सतह को साफ करना
    • (d) सेल की बाहरी सतह को चिकना बनाना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अर्धचालक (semiconductors) की चालकता (conductivity) को बढ़ाने या बदलने के लिए डोपिंग एक नियंत्रित प्रक्रिया है। इसमें अर्धचालक सामग्री में अशुद्धियाँ (impurities) थोड़ी मात्रा में मिलाई जाती हैं।

    व्याख्या (Explanation): सिलिकॉन जैसे अर्धचालकों को पी-टाइप (p-type) या एन-टाइप (n-type) अर्धचालक बनाने के लिए डोप किया जाता है, जिससे उनमें धनात्मक या ऋणात्मक आवेश वाहकों की संख्या बढ़ जाती है। यह pn जंक्शन (pn junction) बनाने के लिए आवश्यक है, जो सौर सेल में फोटोवोल्टेइक प्रभाव के लिए महत्वपूर्ण है। डोपिंग से सेल का प्रतिरोध नहीं बदलता है, न ही यह पानी प्रतिरोधी, साफ या चिकना बनाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  15. अपशिष्ट जल से अमोनिया निष्कर्षण के लिए ‘इलेक्ट्रोडायलिसिस’ (Electrodialysis) में किस प्रकार के आयन (Ion) अमोनिया के साथ परिवहनित (transported) हो सकते हैं?

    • (a) केवल धनायन (Cations)
    • (b) केवल ऋणायन (Anions)
    • (c) धनायन और ऋणायन दोनों
    • (d) कोई आयन परिवहनित नहीं होता

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): इलेक्ट्रोडायलिसिस एक झिल्ली-आधारित अलगाव प्रक्रिया है जो विद्युत क्षेत्र का उपयोग करके आयनों को झिल्लियों के पार ले जाती है। इसमें धनायन-विनिमय झिल्ली (cation-exchange membranes) और ऋणायन-विनिमय झिल्ली (anion-exchange membranes) का उपयोग किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH3) स्वयं तटस्थ (neutral) है, लेकिन यह पानी में अमोनियम आयनों (NH4+) के रूप में मौजूद हो सकता है, जो धनायन हैं। इसके अलावा, पानी में अन्य आयन भी हो सकते हैं। धनायन-विनिमय झिल्लियाँ धनायनों (जैसे NH4+) को जाने देती हैं, और ऋणायन-विनिमय झिल्लियाँ ऋणायनों (जैसे Cl-, SO42-) को जाने देती हैं। अमोनिया को हटाने की प्रक्रिया में, झिल्लियाँ अमोनिया (या अमोनियम आयनों) को चुनिंदा रूप से केंद्रित करने के लिए डिज़ाइन की जाती हैं, जिससे धनायन और ऋणायन दोनों का परिवहन शामिल हो सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  16. पौधों में प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया में, CO2 और पानी का उपयोग किसमें परिवर्तित होता है?

    • (a) प्रोटीन (Proteins)
    • (b) लिपिड (Lipids)
    • (c) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates)
    • (d) विटामिन (Vitamins)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और पानी (H2O) को ग्लूकोज (एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट) और ऑक्सीजन (O2) में परिवर्तित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण का समग्र समीकरण है: 6CO2 + 6H2O + Light Energy → C6H12O6 (ग्लूकोज) + 6O2। ग्लूकोज एक शर्करा (sugar) है, जो कार्बोहाइड्रेट का एक रूप है। पौधे इस कार्बोहाइड्रेट का उपयोग ऊर्जा के लिए करते हैं और अन्य कार्बनिक यौगिकों (जैसे प्रोटीन, लिपिड) के निर्माण के लिए करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  17. सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते समय, ऊर्जा के किस रूप में ‘हानि’ (Loss) हो सकती है?

    • (a) केवल प्रकाश अवशोषण में
    • (b) केवल ऊष्मा में रूपांतरण में
    • (c) अपवर्तन (Refraction) और आंतरिक परावर्तन (Internal reflection) में
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ऊर्जा रूपांतरण (Energy conversion) की प्रक्रियाएं कभी भी 100% कुशल नहीं होती हैं। ऊर्जा का कुछ हिस्सा हमेशा अवांछित रूपों में खो जाता है।

    व्याख्या (Explanation): सौर सेल में, प्रकाश के परावर्तन, अपवर्तन, और सामग्री द्वारा अवशोषण (जो विद्युत में परिवर्तित नहीं होता) से ऊर्जा का नुकसान हो सकता है। अवशोषित प्रकाश ऊर्जा का विद्युत में रूपांतरण भी पूर्ण नहीं होता है, जिससे ऊष्मा के रूप में हानि होती है। सेल का आंतरिक प्रतिरोध भी ऊष्मा उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, सभी सूचीबद्ध कारक ऊर्जा हानि में योगदान कर सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  18. अपशिष्ट जल में अमोनिया का स्रोत क्या है?

    • (a) केवल औद्योगिक निर्वहन (Industrial discharge)
    • (b) केवल कृषि अपवाह (Agricultural runoff)
    • (c) मानव और पशु अपशिष्ट (Human and animal waste)
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अमोनिया अपशिष्ट जल में विभिन्न स्रोतों से प्रवेश कर सकता है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया यूरिया के विघटन से उत्पन्न होता है, जो मानव और पशुओं के मूत्र में पाया जाता है। औद्योगिक प्रक्रियाओं (जैसे उर्वरक उत्पादन) से भी अमोनिया का निर्वहन हो सकता है। कृषि में, उर्वरकों का उपयोग और पशुधन अपशिष्ट अपवाह से अमोनिया को जल निकायों में ले जा सकते हैं। इसलिए, सभी सूचीबद्ध स्रोत अमोनिया के महत्वपूर्ण स्रोत हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  19. तापमान के संबंध में, अमोनिया (NH3) के ‘क्वथनांक’ (Boiling Point) और ‘गलनांक’ (Melting Point) क्या हैं?

    • (a) गलनांक: -77.7 °C, क्वथनांक: -33.3 °C
    • (b) गलनांक: -33.3 °C, क्वथनांक: -77.7 °C
    • (c) गलनांक: 0 °C, क्वथनांक: 100 °C
    • (d) गलनांक: -50 °C, क्वथनांक: -10 °C

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का गलनांक वह तापमान होता है जिस पर वह ठोस से द्रव अवस्था में बदलता है, और क्वथनांक वह तापमान होता है जिस पर वह द्रव से गैस अवस्था में बदलता है। यह मानक वायुमंडलीय दबाव पर मापा जाता है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH3) का गलनांक (पिघलने का बिंदु) -77.7 °C है और इसका क्वथनांक (उबलने का बिंदु) -33.3 °C है। ये मान आम तौर पर पूछे जाने वाले भौतिक गुण हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  20. पौधे अपने विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को मिट्टी से किस रूप में अवशोषित करते हैं?

    • (a) केवल जटिल कार्बनिक अणु (Complex organic molecules)
    • (b) केवल गैसें (Gases)
    • (c) आयनों (Ions) के रूप में, जो मिट्टी के कणों पर सोखे जाते हैं
    • (d) केवल सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पादित सरल शर्करा

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पौधे मिट्टी से पोषक तत्वों को आयनों के रूप में अवशोषित करते हैं। मिट्टी के कणों पर सोखे गए आयन को विस्थापित (displaced) करके पौधे उन्हें ग्रहण करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): उदाहरण के लिए, पौधे मिट्टी से नाइट्रेट (NO3-) और अमोनियम (NH4+) आयनों को नाइट्रोजन स्रोत के रूप में अवशोषित करते हैं, पोटेशियम (K+) को पोटेशियम स्रोत के रूप में, और फॉस्फेट (PO43-) को फास्फोरस स्रोत के रूप में। जटिल कार्बनिक अणु, गैसें और सरल शर्करा का अवशोषण सीमित होता है या अलग-अलग तंत्रों के माध्यम से होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  21. सौर प्रकाश-वोल्टेइक सेल में, विद्युत धारा (Electric Current) का प्रवाह मुख्य रूप से किसके कारण होता है?

    • (a) फोटॉनों का नाभिकीय विखंडन (Nuclear fission of photons)
    • (b) इलेक्ट्रॉनों की गति (Movement of electrons)
    • (c) न्यूट्रॉनों का क्षय (Decay of neutrons)
    • (d) प्रोटॉनों का संघनन (Condensation of protons)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत धारा को आवेशित कणों के प्रवाह के रूप में परिभाषित किया जाता है। सौर सेल में, प्रकाश ऊर्जा इलेक्ट्रॉनों को मुक्त करती है, जो फिर विद्युत परिपथ में प्रवाहित होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): सौर सेल में, प्रकाश (फोटॉन) अर्धचालक सामग्री के भीतर इलेक्ट्रॉनों को ऊर्जा प्रदान करता है। जब ये इलेक्ट्रॉन उत्तेजित होकर मुक्त हो जाते हैं, तो वे एक विद्युत परिपथ में प्रवाहित होने लगते हैं, जिससे विद्युत धारा उत्पन्न होती है। फोटॉन का नाभिकीय विखंडन नहीं होता है; वे कण (या ऊर्जा के पैकेट) होते हैं। न्यूट्रॉन का क्षय रेडियोधर्मिता से संबंधित है, और प्रोटॉन का संघनन विद्युत धारा का कारण नहीं बनता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  22. “अपशिष्ट जल से अमोनिया निष्कर्षण” के संदर्भ में, ‘सुपोषण’ (Eutrophication) क्या है और यह अमोनिया से कैसे संबंधित है?

    • (a) यह मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि है, अमोनिया को छोड़कर।
    • (b) यह जल निकायों में पोषक तत्वों (जैसे अमोनिया और नाइट्रेट) की अत्यधिक वृद्धि है, जिससे शैवाल का अत्यधिक विकास होता है।
    • (c) यह पानी में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ना है, जो अमोनिया को अवक्षेपित करता है।
    • (d) यह जल उपचार की एक विधि है जिसमें अमोनिया को फिल्टर किया जाता है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सुपोषण (Eutrophication) एक पर्यावरणीय प्रक्रिया है जिसमें जल निकायों में पोषक तत्वों, विशेष रूप से नाइट्रोजन और फास्फोरस की सांद्रता में वृद्धि होती है।

    व्याख्या (Explanation): अपशिष्ट जल में अमोनिया नाइट्रोजन का एक प्रमुख स्रोत है। जब यह अपशिष्ट जल जल निकायों में छोड़ा जाता है, तो अमोनिया (और इसके रूपांतरित उत्पाद जैसे नाइट्रेट) शैवाल और अन्य जलीय पौधों के लिए उर्वरक का काम करता है। यह शैवाल के अत्यधिक विकास (algal bloom) का कारण बनता है। जब ये शैवाल मर जाते हैं और विघटित होते हैं, तो वे पानी में ऑक्सीजन को समाप्त कर देते हैं, जिससे जलीय जीवन को नुकसान पहुँचता है। इसलिए, अमोनिया सीधे सुपोषण से जुड़ा हुआ है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  23. तापमान और दबाव में परिवर्तन के कारण गैसों की घुलनशीलता पर लागू होने वाले ‘हैनरी के नियम’ (Henry’s Law) का सूत्र क्या है?

    • (a) P = kxC
    • (b) v = IR
    • (c) F = ma
    • (d) Q = mcΔT

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हेनरी का नियम बताता है कि किसी दिए गए तापमान पर, किसी विलायक में गैस की घुलनशीलता (या उस गैस का आंशिक दबाव) सीधे उस गैस के आंशिक दबाव के समानुपाती होती है जो विलायक के संपर्क में होती है। सूत्र P = kxC है, जहाँ P गैस का आंशिक दबाव है, C घोल में गैस की सांद्रता है, और k हेनरी स्थिरांक (Henry’s constant) है।

  24. व्याख्या (Explanation): अमोनिया, एक गैस होने के नाते, इस नियम का पालन करती है। जब सौर उपकरण अमोनिया को पानी से निकालते हैं, तो इस नियम के सिद्धांत लागू हो सकते हैं। विकल्प (b) ओम का नियम (Ohm’s Law), (c) न्यूटन का गति का दूसरा नियम (Newton’s Second Law of Motion), और (d) विशिष्ट ऊष्मा का सूत्र (Specific Heat formula) हैं, जिनका अमोनिया की घुलनशीलता से सीधा संबंध नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  25. पौधों के ऊतकों (Plant Tissues) में जाइलम (Xylem) का मुख्य कार्य क्या है?

    • (a) पत्तियों तक शर्करा का परिवहन
    • (b) जड़ों से पानी और खनिजों का परिवहन
    • (c) प्रकाश संश्लेषण करना
    • (d) पौधे को सहारा देना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जाइलम पौधों में एक संवहनी ऊतक (vascular tissue) है जो पानी और उसमें घुले खनिजों को जड़ों से तने और पत्तियों तक पहुँचाने के लिए जिम्मेदार है।

    व्याख्या (Explanation): अपशिष्ट जल उपचार और पुन: उपयोग में, विशेष रूप से पौधों-आधारित प्रणालियों (जैसे कि हरित अवशोषण (green adsorption) या बायोरेमेडिएशन (bioremediation)) में, जाइलम द्वारा पानी और खनिजों का परिवहन महत्वपूर्ण है। शर्करा का परिवहन फ्लोएम (phloem) द्वारा होता है। प्रकाश संश्लेषण पत्तियों में होता है, और जबकि जाइलम पानी प्रदान करता है, यह स्वयं प्रकाश संश्लेषण नहीं करता है। सहारा देना पौधे के समग्र संरचनात्मक कार्य का हिस्सा है, लेकिन जाइलम का प्राथमिक कार्य पानी और खनिज परिवहन है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

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