इतिहास का महासंग्राम: 25 प्रश्नों का अचूक अभ्यास
नमस्कार, इतिहास के जिज्ञासुओं! आज के इस दैनिक अभ्यास सत्र में आपका स्वागत है। हम आपको समय की भूलभुलैया में ले जाकर, सिंधु घाटी की प्राचीनता से लेकर स्वतंत्रता संग्राम की गौरवगाथा तक, विभिन्न युगों के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रश्न पूछेंगे। अपनी ऐतिहासिक समझ को परखें और आगामी परीक्षाओं के लिए खुद को और भी सशक्त बनाएं। चलिए, इस ज्ञानवर्धक यात्रा का शुभारंभ करें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि उन्हें उनके विस्तृत विजय अभियानों और राजनीतिक कुशलता के कारण दी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त (लगभग 335-375 ई.) गुप्त साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे। उन्होंने उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों को जीता और दक्षिण भारत में भी एक सफल अभियान चलाया, जिससे उनकी शक्ति और प्रभाव का साम्राज्य विस्तृत हुआ। प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) उनके विजयों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश के संस्थापक थे, चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने मालवा पर विजय प्राप्त की और अपने दरबार में नवरत्नों को संरक्षण दिया, जबकि स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया।
प्रश्न 2: ‘अकाल संहिता’ (Famine Code) किस वायसराय के कार्यकाल में पारित हुई?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘अकाल संहिता’ (Famine Code) 1866 में लॉर्ड कैनिंग के कार्यकाल में पारित हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह संहिता भारत में अकाल प्रबंधन के लिए प्रथम व्यवस्थित प्रयास था। इसका मुख्य उद्देश्य भविष्य में होने वाले अकालों से निपटने के लिए एक रूपरेखा तैयार करना था, जिसमें राहत कार्यों का संगठन और व्यवस्था शामिल थी। यह संहिता 1866 के महान अकाल के बाद लाई गई थी।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी (व्यपगत का सिद्धांत), लॉर्ड कर्जन (बंगाल का विभाजन), और लॉर्ड लिटन (वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट) अन्य महत्वपूर्ण नीतियों और घटनाओं से जुड़े हैं, लेकिन अकाल संहिता उनके कार्यकाल से संबंधित नहीं है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से किस सिंधु घाटी सभ्यता स्थल से योगी-पशुपति की मुहर प्राप्त हुई है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मोहनजोदड़ो से योगी-पशुपति की मुहर प्राप्त हुई है।
- संदर्भ और विस्तार: यह मुहर पुरातात्विक दृष्ट्या अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें एक व्यक्ति को पद्मासन मुद्रा में बैठा दिखाया गया है, जिसके चारों ओर हाथी, बाघ, गेंडा और भैंसा जैसे जानवर हैं। इसे शिव के प्रारंभिक रूप या किसी महत्वपूर्ण धार्मिक हस्ती के रूप में व्याख्यायित किया गया है। मोहनजोदड़ो (सिंधु नदी के तट पर स्थित) सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण शहरों में से एक था।
- गलत विकल्प: हड़प्पा से पुरोहित-राजा की प्रतिमा और कब्रिस्तान R-37 मिले, लोथल से गोदी (डॉकयार्ड) और फारस की खाड़ी की मुहरें प्राप्त हुईं, जबकि कालीबंगा से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले।
प्रश्न 4: 1857 के विद्रोह के दौरान, अवध (Oudh) का नेतृत्व किसने किया था?
- रानी लक्ष्मीबाई
- बेगम हजरत महल
- तात्या टोपे
- कुंवर सिंह
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: अवध के विद्रोह का नेतृत्व बेगम हजरत महल ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: अवध को 1856 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा व्यपगत सिद्धांत (Doctrine of Lapse) के तहत हड़प लिया गया था। इसके कारण नवाब वाजिद अली शाह को गद्दी से हटा दिया गया। उनकी पत्नी, बेगम हजरत महल, ने अपने नाबालिग बेटे बिरजिस क़द्र को गद्दी पर बिठाकर विद्रोह का झंडा उठाया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्थानीय लोगों को एकजुट किया।
- गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई झाँसी से, तात्या टोपे कानपुर के पास और कुंवर सिंह बिहार से विद्रोह का नेतृत्व कर रहे थे।
प्रश्न 5: भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) कब लागू किया गया था?
- 1793
- 1820
- 1858
- 1765
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) 1793 में लॉर्ड कॉर्नवालिस के कार्यकाल में बंगाल, बिहार और उड़ीसा में लागू किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इसे ‘इस्तमरारी बंदोबस्त’ भी कहा जाता है। इस व्यवस्था के तहत, जमींदारों को भूमि का मालिक माना गया और उनसे कहा गया कि वे सरकार को एक निश्चित राशि (लगान) जमा करें, जो स्थायी रूप से तय कर दी गई थी। इससे सरकार को एक निश्चित आय प्राप्त होती थी, लेकिन जमींदारों के पास किसानों से मनमाना लगान वसूलने की शक्ति आ गई।
- गलत विकल्प: 1765 में रॉबर्ट क्लाइव द्वारा ‘दीवानी’ अधिकार प्राप्त किए गए थे, 1820 में थॉमस मुनरो द्वारा ‘रैयतवाड़ी’ व्यवस्था शुरू हुई, और 1858 भारत में ब्रिटिश ताज के शासन की शुरुआत का वर्ष है।
प्रश्न 6: मेसोपोटामिया सभ्यता का विकास किस नदी के किनारे हुआ?
- नील नदी
- सिंधु नदी
- यूफ्रेट्स और टिगरिस नदियाँ
- पीली नदी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मेसोपोटामिया सभ्यता का विकास यूफ्रेट्स (फरात) और टिगरिस (दजला) नदियों के बीच की उपजाऊ भूमि में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: ‘मेसोपोटामिया’ शब्द का अर्थ ही “दो नदियों के बीच की भूमि” है। यह सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है, जहाँ सुमेरियन, अक्कडियन, बेबीलोनियन और असीरियन जैसी संस्कृतियों का विकास हुआ। इन्होंने लेखन (क्यूनीफॉर्म), पहिया, और गणित जैसे महत्वपूर्ण आविष्कार किए।
- गलत विकल्प: नील नदी मिस्र सभ्यता से, सिंधु नदी सिंधु घाटी सभ्यता से, और पीली नदी चीन सभ्यता से संबंधित है।
प्रश्न 7: ‘अष्टप्रधान’ किस मराठा शासक के मंत्रिमंडल का नाम था?
- बाजीराव प्रथम
- शिवाजी महाराज
- साहू महाराज
- बाजीराव द्वितीय
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘अष्टप्रधान’ छत्रपति शिवाजी महाराज के मंत्रिमंडल का नाम था।
- संदर्भ और विस्तार: शिवाजी महाराज ने अपने सुशासन के लिए आठ मंत्रियों की एक परिषद बनाई थी, जिसे ‘अष्टप्रधान’ कहा जाता था। इसमें प्रधान (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (राजस्व और शाही पत्र व्यवहार), सुमंत (विदेश मंत्री), सेनापति (सैन्य प्रमुख), पंडितराव (धार्मिक मामलों के प्रमुख), न्यायधीश (मुख्य न्यायाधीश) और वाकयानिवीस (गृह मंत्री) जैसे पद शामिल थे।
- गलत विकल्प: अन्य मराठा शासकों के शासनकाल में भी प्रशासनिक व्यवस्थाएं थीं, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ विशेष रूप से शिवाजी महाराज से जुड़ा है।
प्रश्न 8: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?
- 1885
- 1905
- 1919
- 1947
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी ए.ओ. ह्यूम ने की थी, और प्रथम अधिवेशन बॉम्बे (अब मुंबई) में व्योमेश चंद्र बनर्जी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ था। इसका प्रारंभिक उद्देश्य भारतीयों को राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल करना और ब्रिटिश सरकार और भारतीयों के बीच संवाद स्थापित करना था।
- गलत विकल्प: 1905 बंगाल विभाजन का वर्ष है, 1919 जलियांवाला बाग हत्याकांड और रॉलेट एक्ट का वर्ष है, और 1947 भारत की स्वतंत्रता का वर्ष है।
प्रश्न 9: ‘दास प्रथा’ (Slavery) का उन्मूलन ब्रिटिश भारत में किस अधिनियम द्वारा किया गया?
- भारतीय परिषद अधिनियम, 1861
- भारतीय दंड संहिता, 1860
- भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1858
- भारतीय दासता उन्मूलन अधिनियम, 1833
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारत में दास प्रथा का उन्मूलन भारतीय दासता उन्मूलन अधिनियम, 1833 (Indian Slavery Abolition Act, 1833) द्वारा किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिनियम लॉर्ड विलियम बेंटिंक के कार्यकाल के दौरान पारित हुआ था, जिसने भारत में दासता को गैर-कानूनी घोषित कर दिया। इसने दासता से जुड़े सभी कानूनों को समाप्त कर दिया और दासों के व्यापार पर रोक लगा दी।
- गलत विकल्प: भारतीय परिषद अधिनियम, 1861 ने भारत में विधान परिषदों का गठन किया। भारतीय दंड संहिता, 1860 ने अपराधों और दंडों के लिए एक व्यापक संहिता प्रदान की। भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1858 ने भारत को ब्रिटिश ताज के सीधे शासन के अधीन लाया।
प्रश्न 10: किस युद्ध ने भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी?
- प्लासी का युद्ध
- बक्सर का युद्ध
- पानीपत का प्रथम युद्ध
- खानवा का युद्ध
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1526 में हुआ पानीपत का प्रथम युद्ध भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखने वाला निर्णायक युद्ध था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में बाबर ने इब्राहिम लोदी, दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान, को हराया। बाबर ने इस युद्ध में पहली बार तोपों और बारूद का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया, जिसने भारतीय युद्ध शैलियों को बदल दिया। इस विजय ने भारत में मुगल वंश की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।
- गलत विकल्प: प्लासी का युद्ध (1757) और बक्सर का युद्ध (1764) ने ब्रिटिश शक्ति की स्थापना की, जबकि खानवा का युद्ध (1527) बाबर द्वारा राणा सांगा के विरुद्ध एक और महत्वपूर्ण विजय थी जिसने उत्तर भारत में उसकी स्थिति को मजबूत किया।
प्रश्न 11: ‘सर्वोदय’ की अवधारणा किससे संबंधित है?
- एम.एन. रॉय
- एम. के. गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- बी. आर. अम्बेडकर
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘सर्वोदय’ की अवधारणा महात्मा गांधी से गहराई से जुड़ी हुई है।
- संदर्भ और विस्तार: ‘सर्वोदय’ का अर्थ है “सभी का उदय” या “समस्त का कल्याण”। गांधीजी ने इस अवधारणा का उपयोग जॉन रस्किन की पुस्तक ‘अनटू दिस लास्ट’ के अनुवाद के शीर्षक के रूप में किया था। यह विचार समाज के सबसे कमजोर और पिछड़े हुए सदस्यों के उत्थान पर जोर देता है, जो अहिंसा, समानता और सामाजिक न्याय पर आधारित है।
- गलत विकल्प: एम.एन. रॉय मानववाद से, जवाहरलाल नेहरू समाजवाद और आधुनिक भारत के निर्माण से, और बी.आर. अम्बेडकर दलितों के अधिकारों और संविधान निर्माण से जुड़े थे।
प्रश्न 12: प्राचीन भारत में ‘महाजनपद’ काल की अवधि क्या थी?
- ईसा पूर्व 600 – ईसा पूर्व 300
- ईसा पूर्व 1500 – ईसा पूर्व 500
- ईसा पूर्व 200 – ईसा पूर्व 100
- ईस्वी 500 – ईस्वी 700
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: प्राचीन भारत में ‘महाजनपद’ काल मोटे तौर पर ईसा पूर्व छठी शताब्दी से ईसा पूर्व चौथी शताब्दी (लगभग 600 ईसा पूर्व से 300 ईसा पूर्व) तक माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में गंगा के मैदानी इलाकों में सोलह बड़े राज्यों (महाजनपदों) का उदय हुआ, जिनमें मगध, कोशल, वत्स और अवंती सबसे प्रमुख थे। यह बौद्ध और जैन धर्म के उदय का भी काल था, जिन्होंने तत्कालीन सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्थाओं पर गहरा प्रभाव डाला।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प वैदिक काल (लगभग 1500-500 ईसा पूर्व), शुंग-सातवाहन काल (लगभग 200 ईसा पूर्व – 200 ईस्वी), और गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) जैसी अन्य अवधियों से संबंधित हैं।
प्रश्न 13: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’ यह नारा किसने दिया था?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- बाल गंगाधर तिलक
- सुभाष चंद्र बोस
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: यह प्रसिद्ध नारा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: तिलक, जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे, ने इस नारे के माध्यम से भारतीय जनता में राष्ट्रवाद और आत्म-निर्णय की भावना को जागृत किया। उन्होंने स्वदेशी, बहिष्कार, राष्ट्रीय शिक्षा और स्वराज को भारतीय स्वतंत्रता के लिए चार मुख्य स्तंभों के रूप में प्रस्तुत किया।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी ‘करो या मरो’ और ‘भारत छोड़ो’ जैसे नारों के लिए जाने जाते हैं, जवाहरलाल नेहरू ‘पूर्ण स्वराज’ के समर्थक थे, और सुभाष चंद्र बोस ने ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा दिया था।
प्रश्न 14: मेगस्थनीज की पुस्तक ‘इंडिका’ का मूल विषय क्या है?
- सिकंदर का भारत पर आक्रमण
- मौर्यकालीन भारतीय समाज और प्रशासन
- गुप्तकालीन कला और साहित्य
- संगमकालीन राजवंश
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मेगस्थनीज की पुस्तक ‘इंडिका’ मुख्य रूप से मौर्यकालीन भारतीय समाज, संस्कृति और प्रशासन का विस्तृत वर्णन करती है।
- संदर्भ और विस्तार: मेगस्थनीज एक यूनानी राजदूत था जिसे सेल्यूकस निकेटर ने चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में भेजा था। यद्यपि ‘इंडिका’ का मूल पाठ खो गया है, लेकिन बाद के लेखकों (जैसे एरियन, प्लूटार्क) द्वारा इसके उद्धरणों से हमें मौर्य साम्राज्य की राजनीति, समाज, अर्थव्यवस्था, सेना और शहरी जीवन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प भारतीय इतिहास के विभिन्न कालों से संबंधित हैं, जैसे सिकंदर का आक्रमण (ईसा पूर्व चौथी शताब्दी), गुप्तकालीन कला (गुप्त काल), और संगमकालीन राजवंश (ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी – ईसवी तीसरी शताब्दी)।
प्रश्न 15: 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड के समय भारत का वायसराय कौन था?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
- लॉर्ड रीडिंग
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड के समय लॉर्ड चेम्सफोर्ड भारत के वायसराय थे।
- संदर्भ और विस्तार: 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में जनरल डायर के आदेश पर निहत्थे भीड़ पर गोलीबारी की गई थी, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है और इसने ब्रिटिश शासन के प्रति विरोध को और तीव्र कर दिया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन 1905 में बंगाल विभाजन के लिए जाने जाते हैं, लॉर्ड मिंटो 1909 के मार्ले-मिंटो सुधारों से जुड़े हैं, और लॉर्ड रीडिंग 1921-1926 के बीच वायसराय रहे।
प्रश्न 16: ‘देवदास’ उपन्यास के लेखक कौन थे?
- रवींद्रनाथ टैगोर
- प्रेमचंद
- शरतचंद्र चट्टोपाध्याय
- बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: प्रसिद्ध बंगाली लेखक शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘देवदास’ उपन्यास लिखा था।
- संदर्भ और विस्तार: यह उपन्यास 1917 में प्रकाशित हुआ था और इसने एक युवा पारो और देवदास के बीच की अधूरी प्रेम कहानी को दर्शाया है, जिसने सामाजिक वर्जनाओं और व्यक्तिगत नियति के प्रभाव को चित्रित किया। यह उपन्यास कई भाषाओं में अनुवादित हुआ और भारतीय साहित्य में एक मील का पत्थर साबित हुआ।
- गलत विकल्प: रवींद्रनाथ टैगोर ‘गीतांजलि’ के लिए जाने जाते हैं, प्रेमचंद ‘गोदान’ और ‘निर्मला’ जैसे उपन्यास के लिए प्रसिद्ध हैं, और बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘वंदे मातरम्’ लिखा था।
प्रश्न 17: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?
- 1914 – 1918
- 1939 – 1945
- 1905 – 1910
- 1920 – 1925
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक चला।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मुख्य रूप से यूरोप में केंद्रित था, जिसमें केंद्रीय शक्तियां (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ऑटोमन साम्राज्य) और मित्र राष्ट्र (फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, बाद में इटली और अमेरिका) शामिल थे। इस युद्ध के परिणामस्वरूप करोड़ों लोगों की जान गई और इसने विश्व के राजनीतिक मानचित्र को महत्वपूर्ण रूप से बदल दिया।
- गलत विकल्प: 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध का काल है, जबकि अन्य विकल्प किसी बड़े वैश्विक संघर्ष से संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 18: ‘The Spirit of Laws’ नामक पुस्तक किसने लिखी थी?
- जीन-जैक्स रूसो
- जॉन लॉक
- मॉन्टेस्क्यू
- इमैनुएल कांट
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘The Spirit of Laws’ (फ्रांसीसी: De l’esprit des lois) नामक पुस्तक फ्रांसीसी दार्शनिक मॉन्टेस्क्यू (Charles-Louis de Secondat, Baron de La Brède et de Montesquieu) ने लिखी थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक 1748 में प्रकाशित हुई थी और इसने शक्ति के पृथक्करण (Separation of Powers) के सिद्धांत को प्रतिपादित किया, जो आधुनिक संवैधानिक सरकारों के लिए एक आधारशिला बना। मॉन्टेस्क्यू ने तर्क दिया कि सरकार की तीन शाखाएं – विधायी (Legislative), कार्यकारी (Executive) और न्यायिक (Judicial) – स्वतंत्र होनी चाहिए ताकि स्वतंत्रता की रक्षा हो सके।
- गलत विकल्प: रूसो ‘The Social Contract’ के लिए, जॉन लॉक ‘Two Treatises of Government’ के लिए, और कांट ‘Critique of Pure Reason’ के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 19: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्ण देवराय
- हरिहर और बुक्का
- देवराय द्वितीय
- बुक्का द्वितीय
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम नामक दो भाइयों ने 1336 ईस्वी में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह साम्राज्य दक्षिण भारत के इतिहास का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, जो अपनी कला, साहित्य, वास्तुकला और कुशल प्रशासन के लिए जाना जाता है। इन्होंने तुंगभद्रा नदी के किनारे हम्पी को अपनी राजधानी बनाया। विजयनगर साम्राज्य ने लगभग 250 वर्षों तक शासन किया और अपनी मजबूत सैन्य शक्ति तथा व्यापारिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध था।
- गलत विकल्प: कृष्ण देवराय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी। देवराय द्वितीय और बुक्का द्वितीय उनके वंशज थे।
प्रश्न 20: ‘गदर पार्टी’ का मुख्यालय कहाँ स्थित था?
- लंदन
- न्यूयॉर्क
- सैन फ्रांसिस्को
- बर्लिन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गदर पार्टी का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित था।
- संदर्भ और विस्तार: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा की गई थी, जिनका उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत को मुक्त कराना था। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय प्रवासी श्रमिकों को संगठित करना और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में शामिल करना था। पार्टी अपना मुखपत्र ‘गदर’ नामक समाचार पत्र प्रकाशित करती थी।
- गलत विकल्प: अन्य शहर महत्वपूर्ण आंदोलनों या प्रवासी समुदायों के केंद्र रहे हो सकते हैं, लेकिन गदर पार्टी का मुख्य केंद्र सैन फ्रांसिस्को ही था।
प्रश्न 21: किस गुप्त शासक को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि से जाना जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: चंद्रगुप्त द्वितीय को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि से जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय (लगभग 380-415 ई.) गुप्त साम्राज्य के एक अत्यंत प्रतापी और कुशल शासक थे। उन्होंने पश्चिमी भारत के शकों को हराकर अपनी शक्ति का विस्तार किया और मालवा को अपने साम्राज्य में मिला लिया। उनके दरबार में कालिदास, वराहमिहिर जैसे महान विद्वान थे। ‘विक्रमादित्य’ का अर्थ है “पराक्रम का सूर्य”।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश के संस्थापक थे, समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है, और कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।
प्रश्न 22: ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन कब प्रारंभ हुआ?
- 1920
- 1930
- 1942
- 1947
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन 8 अगस्त 1942 को प्रारंभ हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा ब्रिटिश शासन को समाप्त करने की मांग के साथ शुरू किया गया था। गांधीजी ने इस आंदोलन में ‘करो या मरो’ का नारा दिया। इस आंदोलन में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां हुईं और कई नेता भूमिगत हो गए। इसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी।
- गलत विकल्प: 1920 में असहयोग आंदोलन, 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन (नमक सत्याग्रह) शुरू हुआ, और 1947 भारत की स्वतंत्रता का वर्ष है।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सी धातु सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों को ज्ञात नहीं थी?
- तांबा
- कांसा
- सोना
- लौह
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सिंधु घाटी सभ्यता के लोग लोहे धातु से परिचित नहीं थे।
- संदर्भ और विस्तार: सिंधु घाटी सभ्यता (लगभग 2500-1900 ईसा पूर्व) कांस्य युग की सभ्यता थी, जहाँ तांबा और टिन मिलाकर कांसा बनाया जाता था। उन्हें सोने, चांदी, तांबे और सीसे का ज्ञान था, लेकिन लोहे का ज्ञान उन्हें उत्तर वैदिक काल से प्राप्त हुआ, जो सिंधु सभ्यता के पतन के बाद का काल है।
- गलत विकल्प: तांबा, कांसा और सोना इस सभ्यता में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते थे, जैसा कि विभिन्न कलाकृतियों और औजारों से पता चलता है।
प्रश्न 24: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक राजनीतिक दल की स्थापना किसने की थी?
- जवाहरलाल नेहरू
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- सुभाष चंद्र बोस
- भगत सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक राजनीतिक दल की स्थापना सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह कदम उन्होंने तब उठाया जब वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद गांधीजी और कांग्रेस के अन्य नेताओं की नीतियों से असहमत थे। फॉरवर्ड ब्लॉक का उद्देश्य भारत के लिए अधिक उग्र और त्वरित स्वतंत्रता प्राप्त करना था।
- गलत विकल्प: अन्य नेता भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख व्यक्ति थे, लेकिन फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना सुभाष चंद्र बोस ने की थी।
प्रश्न 25: 1929 में निम्नलिखित में से कौन सी घटना घटी थी?
- गांधी-इरविन समझौता
- द्वितीय गोलमेज सम्मेलन
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन
- कम्युनल अवार्ड की घोषणा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन हुआ था, जिसमें ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यहीं पर यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस का अंतिम लक्ष्य ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) प्राप्त करना है। इसी अधिवेशन में 26 जनवरी 1930 को भारत में ‘स्वतंत्रता दिवस’ मनाने का संकल्प लिया गया था।
- गलत विकल्प: गांधी-इरविन समझौता 1931 में हुआ था, द्वितीय गोलमेज सम्मेलन भी 1931 में हुआ था, और कम्युनल अवार्ड (सांप्रदायिक पंचाट) की घोषणा 1932 में की गई थी।