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संविधान मंथन: अपनी तैयारी को परखें

संविधान मंथन: अपनी तैयारी को परखें

नमस्कार, भावी राष्ट्र निर्माताओं! भारतीय लोकतंत्र की नींव को मजबूत बनाने के लिए संविधान की गहरी समझ अत्यंत आवश्यक है। आज के इस विशेष प्रश्नोत्तरी सत्र में, हम आपके वैचारिक ज्ञान की परीक्षा लेंगे और आपको भारतीय राजव्यवस्था के जटिल पहलुओं से रूबरू कराएंगे। तो चलिए, अपनी तैयारी को परखते हैं और उत्कृष्टता की ओर एक और कदम बढ़ाते हैं!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का क्या महत्व है?

  1. सभी नागरिकों के बीच एकता और अखंडता सुनिश्चित करना।
  2. समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करना।
  3. सरकार के तीन अंगों के बीच समन्वय स्थापित करना।
  4. राज्य के नीति-निर्देशक तत्वों को लागू करना।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का अर्थ है भाईचारे की भावना। यह सुनिश्चित करता है कि नागरिक एक-दूसरे के साथ ऐसे व्यवहार करें जैसे वे एक ही परिवार के सदस्य हों, जो राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए आवश्यक है। यह विचार भारतीय संविधान के भाग III में उल्लिखित मौलिक अधिकारों और भाग IV में निर्देशक तत्वों के अंतर्निहित भावना को भी सुदृढ़ करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना स्पष्ट रूप से ‘बंधुत्व’ को ‘व्यक्ति की गरिमा’ और ‘राष्ट्र की एकता और अखंडता’ सुनिश्चित करने के रूप में वर्णित करती है। इसका तात्पर्य यह भी है कि सभी नागरिकों के बीच समानता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि वे एक-दूसरे का समर्थन कर सकें।
  • गलत विकल्प: (b) सामाजिक बुराइयों को दूर करना मौलिक अधिकारों (जैसे अनुच्छेद 17) और निर्देशक तत्वों (जैसे अनुच्छेद 47) का हिस्सा है, न कि विशेष रूप से बंधुत्व का। (c) सरकार के अंगों के बीच समन्वय शक्तियों के पृथक्करण और संतुलन की अवधारणा है। (d) निर्देशक तत्वों को लागू करना राज्य का दायित्व है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद भारतीय संविधान में ‘राज्य’ की परिभाषा का सबसे व्यापक रूप प्रदान करता है?

  1. अनुच्छेद 12
  2. अनुच्छेद 13
  3. अनुच्छेद 14
  4. अनुच्छेद 15

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 12, भाग III (मौलिक अधिकार) के प्रयोजनों के लिए ‘राज्य’ की परिभाषा देता है। इसमें भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र के अधीन सभी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अनुच्छेद का उद्देश्य मौलिक अधिकारों को राज्य की मनमानी शक्तियों से बचाना है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने कई निर्णयों में इस परिभाषा का विस्तार किया है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) और यहाँ तक कि कुछ गैर-सरकारी संस्थाओं को भी ‘राज्य’ की श्रेणी में शामिल किया गया है यदि वे राज्य के कार्यों का निर्वहन करती हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 कानून की परिभाषा और मौलिक अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाले कानूनों को शून्य घोषित करने से संबंधित है। अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण से संबंधित है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है।

प्रश्न 3: किस संवैधानिक संशोधन अधिनियम ने मौलिक कर्तव्यों को भारतीय संविधान में जोड़ा?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 ने भारतीय संविधान में भाग IV-A जोड़ा, जिसमें मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान है। ये कर्तव्य नागरिकों द्वारा राज्य, समाज और राष्ट्र के प्रति निभाए जाने वाले दायित्व हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने संविधान में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए, जिनमें प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को जोड़ना भी शामिल है। मौलिक कर्तव्यों को सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों के आधार पर जोड़ा गया था।
  • गलत विकल्प: 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर एक कानूनी अधिकार बनाया। 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 ने दसवीं अनुसूची को जोड़ा, जो दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है। 61वें संशोधन अधिनियम, 1989 ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी।

प्रश्न 4: भारत के राष्ट्रपति के पदच्युति (महाभियोग) की प्रक्रिया किस अनुच्छेद में वर्णित है?

  1. अनुच्छेद 61
  2. अनुच्छेद 56
  3. अनुच्छेद 58
  4. अनुच्छेद 60

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 61 भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया का उल्लेख करता है। महाभियोग का आधार ‘संविधान का उल्लंघन’ है, और यह प्रक्रिया संसद के किसी भी सदन द्वारा शुरू की जा सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: महाभियोग की प्रक्रिया एक अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया है। आरोप लगाने वाले सदन के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस दिया जाना चाहिए, और आरोप लगाने से पहले 14 दिन का पूर्व नोटिस आवश्यक है। आरोप को उस सदन के कुल सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से पारित करना होता है, और फिर दूसरे सदन द्वारा जांच की जाती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति के कार्यकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 58 राष्ट्रपति के पद के लिए योग्यताएं निर्धारित करता है। अनुच्छेद 60 राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान का उल्लेख करता है।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारत के प्रधानमंत्री की नियुक्ति के संबंध में सही है?

  1. प्रधानमंत्री की नियुक्ति सीधे राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  2. प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत दल के नेता के रूप में की जाती है।
  3. प्रधानमंत्री का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है।
  4. प्रधानमंत्री का मनोनयन संसद के दोनों सदनों द्वारा किया जाता है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 75(1) के अनुसार, प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। व्यावहारिक रूप से, राष्ट्रपति उस व्यक्ति को नियुक्त करते हैं जो लोकसभा में बहुमत दल का नेता होता है या जिसे लोकसभा में बहुमत प्राप्त हो सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति की जाती है, प्रधानमंत्री वास्तविक कार्यकारी प्रमुख होते हैं और केंद्र सरकार का नेतृत्व करते हैं। यह परंपरा है कि राष्ट्रपति बहुमत वाले दल या गठबंधन के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करते हैं। यदि किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है, तो राष्ट्रपति अपने विवेक का प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन अंततः प्रधानमंत्री को सदन में विश्वास मत हासिल करना होता है।
  • गलत विकल्प: (a) और (c) गलत हैं क्योंकि प्रधानमंत्री का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है। (d) गलत है क्योंकि प्रधानमंत्री का मनोनयन नहीं होता, बल्कि नियुक्ति होती है, और यह संसद के दोनों सदनों द्वारा नहीं, बल्कि राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

प्रश्न 6: भारतीय संसद का कौन सा सदन ‘निम्न सदन’ के रूप में जाना जाता है?

  1. लोकसभा
  2. राज्यसभा
  3. उपरोक्त दोनों
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: लोकसभा को ‘निम्न सदन’ या ‘जनता का सदन’ कहा जाता है, जबकि राज्यसभा को ‘उच्च सदन’ या ‘राज्यों का सदन’ कहा जाता है। अनुच्छेद 79 भारतीय संसद के गठन का प्रावधान करता है, जिसमें राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: लोकसभा के सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं, जबकि राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव राज्य विधानमंडलों के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। लोकसभा अधिक शक्तिशाली मानी जाती है क्योंकि धन विधेयक केवल वहीं पेश किए जा सकते हैं और सरकार लोकसभा के प्रति जवाबदेह होती है।
  • गलत विकल्प: (b) गलत है क्योंकि राज्यसभा को उच्च सदन कहा जाता है। (c) और (d) स्पष्ट रूप से गलत हैं।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘संविधान की मूल संरचना’ (Basic Structure) के सिद्धांत का प्रतिपादन किया?

  1. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973)
  2. मेनका गांधी बनाम भारत संघ (1978)
  3. ए.के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य (1950)
  4. शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ (1951)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की 13 जजों की पीठ ने फैसला सुनाया कि संसद के पास संविधान के किसी भी भाग को संशोधित करने की शक्ति है, लेकिन वह ‘संविधान की मूल संरचना’ को नहीं बदल सकती। अनुच्छेद 368 संविधान में संशोधन की प्रक्रिया का वर्णन करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत ने संसद की संशोधन शक्ति पर महत्वपूर्ण सीमाएं लगाईं और संविधान की सर्वोच्चता को बनाए रखा। मूल संरचना में न्यायपालिका की स्वतंत्रता, मौलिक अधिकारों का सार, संसदीय प्रणाली, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद आदि शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: मेनका गांधी मामले ने अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) के दायरे का विस्तार किया। ए.के. गोपालन मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 21 की संकीर्ण व्याख्या की थी। शंकर प्रसाद मामले में, न्यायालय ने कहा था कि संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग को संशोधित कर सकती है।

प्रश्न 8: भारत में ‘संसदीय प्रणाली’ किस देश के मॉडल पर आधारित है?

  1. ब्रिटेन
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका
  3. कनाडा
  4. ऑस्ट्रेलिया

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संसदीय प्रणाली, जिसमें कार्यपालिका (प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद) विधायिका (संसद) के प्रति जवाबदेह होती है, का मॉडल ब्रिटेन के संसदीय मॉडल से लिया गया है। यह व्यवस्था अनुच्छेद 74 और 75 में परिलक्षित होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली में, राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख होता है, जबकि प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है। मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है। यह प्रणाली स्थिरता और जवाबदेही का संतुलन प्रदान करती है।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका में अध्यक्षीय प्रणाली है, जहां राष्ट्रपति सरकार का प्रमुख होता है और विधायिका से स्वतंत्र होता है। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी संसदीय प्रणालियाँ हैं, लेकिन भारतीय प्रणाली पर ब्रिटेन का प्रभाव अधिक स्पष्ट है।

प्रश्न 9: भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (CAG) किसके द्वारा नियुक्त किया जाता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. लोकसभा अध्यक्ष
  4. राज्यसभा के सभापति

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (CAG) अनुच्छेद 148 के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। CAG भारत के सार्वजनिक वित्त का संरक्षक होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG को पद से हटाना उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के समान प्रक्रिया के अधीन है, जो इसकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है। CAG केंद्र और राज्यों के खातों का लेखा-परीक्षण करता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति या संबंधित राज्यपाल को प्रस्तुत करता है, जो फिर इसे संसद या राज्य विधानमंडल के समक्ष रखते हैं।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति CAG की नियुक्ति नहीं करते हैं।

प्रश्न 10: पंचायत राज व्यवस्था को भारतीय संविधान के किस भाग में शामिल किया गया है?

  1. भाग IX
  2. भाग IX-A
  3. भाग X
  4. भाग XI

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: पंचायत राज संस्थाओं को 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा संविधान के भाग IX में अनुच्छेद 243 से 243-O तक शामिल किया गया। यह संशोधन पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: भाग IX पंचायतों के गठन, उनके सदस्यों के चुनाव, शक्तियों, प्राधिकारों और उत्तरदायित्वों, कराधान की शक्तियों, वित्तीय मामलों आदि से संबंधित प्रावधानों का वर्णन करता है। इसने पंचायती राज को ग्रामीण स्थानीय स्वशासन की एक इकाई के रूप में स्थापित किया।
  • गलत विकल्प: भाग IX-A नगर पालिकाओं से संबंधित है। भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित है। भाग XI संघ और राज्यों के बीच विधायी और कार्यकारी संबंधों से संबंधित है।

प्रश्न 11: भारतीय संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कौन कर सकता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. गृह मंत्री
  4. रक्षा मंत्री

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। यह घोषणा युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर की जा सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: आपातकाल की घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए। यदि संसद द्वारा अनुमोदित नहीं किया जाता है, तो यह एक महीने के बाद समाप्त हो जाती है। इसे एक बार में छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, जब तक कि संसद द्वारा बार-बार अनुमोदित किया जाता रहे।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, गृह मंत्री या रक्षा मंत्री सीधे आपातकाल की घोषणा नहीं कर सकते; यह राष्ट्रपति का संवैधानिक कर्तव्य है, जो आमतौर पर मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करते हैं।

प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सी रिट केवल एक सरकारी अधिकारी को अपना कर्तव्य निभाने के लिए जारी की जा सकती है?

  1. परमादेश (Mandamus)
  2. प्रतिषेध (Prohibition)
  3. उत्प्रेषण (Certiorari)
  4. अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: परमादेश (Mandamus), जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’, एक उच्च न्यायालय द्वारा किसी निम्न न्यायालय, न्यायाधिकरण या सार्वजनिक प्राधिकारी को सार्वजनिक या सांविधिक कर्तव्य करने के लिए जारी की जाती है। यह शक्ति सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसे किसी निजी व्यक्ति या निकाय के खिलाफ या राष्ट्रपति या राज्यपालों के खिलाफ जारी नहीं किया जा सकता है, जब तक कि वे उनके आधिकारिक कर्तव्यों से संबंधित न हों। यह एक सकारात्मक रिट है जिसका उद्देश्य किसी अधिकारी को वह कार्य करने के लिए मजबूर करना है जो उसे कानून द्वारा करना आवश्यक है।
  • गलत विकल्प: ‘प्रतिषेध’ किसी अधीनस्थ न्यायालय या न्यायाधिकरण को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए जारी की जाती है। ‘उत्प्रेषण’ किसी अधीनस्थ न्यायालय या न्यायाधिकरण द्वारा पारित किसी आदेश को रद्द करने के लिए जारी की जाती है। ‘अधिकार पृच्छा’ किसी व्यक्ति द्वारा गैर-कानूनी रूप से धारण किए गए सार्वजनिक पद के संबंध में जारी की जाती है।

प्रश्न 13: भारत के संविधान में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?

  1. राज्य का प्रमुख वंशानुगत होता है।
  2. राज्य का प्रमुख अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है।
  3. राज्य का प्रमुख प्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है।
  4. राज्य का प्रमुख नियुक्त किया जाता है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना भारत को एक ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य’ घोषित करती है। ‘गणराज्य’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (अर्थात राष्ट्रपति) वंशानुगत नहीं होता, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत में राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जो संसद सदस्यों और राज्य विधानमंडलों के सदस्यों से मिलकर बनता है। यह राजशाही प्रणाली के विपरीत है जहाँ राज्य का प्रमुख वंशानुगत होता है।
  • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि गणराज्य में प्रमुख वंशानुगत नहीं होता। (c) हालांकि कुछ देशों में प्रत्यक्ष चुनाव होता है, भारत में अप्रत्यक्ष चुनाव होता है। (d) यह भी गलत है क्योंकि प्रमुख निर्वाचित होता है, नियुक्त नहीं।

प्रश्न 14: राज्य विधानमंडल के किसी सदस्य की अयोग्यता के संबंध में, भारत के राष्ट्रपति अंतिम निर्णय लेने से पहले किसकी राय लेते हैं?

  1. भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त
  2. संबंधित राज्य के राज्यपाल
  3. भारत के महान्यायवादी
  4. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 192 के अनुसार, किसी राज्य विधानमंडल के किसी सदस्य की अयोग्यता के संबंध में कोई प्रश्न उत्पन्न होने पर, अंतिम निर्णय राष्ट्रपति द्वारा लिया जाएगा, लेकिन ऐसे मामले में वह चुनाव आयोग की राय लेगा।
  • संदर्भ और विस्तार: यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि अयोग्यता संबंधी निर्णय निष्पक्ष हो, क्योंकि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है। चुनाव आयोग मामले की जांच करता है और फिर राष्ट्रपति को अपनी राय देता है, जिसके अनुसार राष्ट्रपति निर्णय लेते हैं।
  • गलत विकल्प: राज्यपाल अनुच्छेद 163 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करते हैं। महान्यायवादी कानूनी सलाह देते हैं। मुख्य न्यायाधीश का इस मामले में सीधा हस्तक्षेप नहीं होता, जब तक कि मामला न्यायिक समीक्षा के अधीन न हो।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान का कौन सा भाग ‘पंचायतों’ को ‘स्व-शासन की इकाइयों’ के रूप में कार्य करने की शक्ति प्रदान करता है?

  1. भाग IX
  2. भाग IX-A
  3. भाग VII
  4. भाग VIII

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा संविधान के भाग IX में अनुच्छेद 243G शामिल किया गया, जो पंचायतों को ‘स्व-शासन की इकाइयों’ के रूप में कार्य करने की शक्ति और प्राधिकार प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 243G राज्य विधानमंडल को कुछ ऐसे अधिकारों, प्राधिकारों और शक्तियों को प्रदान करने की अनुमति देता है जो पंचायतों को स्व-शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक हो सकते हैं। इसमें ग्यारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 29 विषयों का समावेश शामिल है।
  • गलत विकल्प: भाग IX-A नगर पालिकाओं से संबंधित है। भाग VII (जो अब निरस्त हो गया है) सातवीं अनुसूची के भाग B राज्यों से संबंधित था। भाग VIII संघ शासित प्रदेशों से संबंधित है।

प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को उपलब्ध है?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
  3. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
  4. संघ बनाने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक एकत्र होने, संघ बनाने, संचरण की स्वतंत्रता, निवास की स्वतंत्रता और कोई भी पेशा अपनाने की स्वतंत्रता) केवल भारतीय नागरिकों को उपलब्ध है।
  • संदर्भ और विस्तार: अन्य विकल्प, जैसे अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा), और अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता), सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 21 और 25 सभी के लिए उपलब्ध हैं, इसलिए ये गलत हैं।

प्रश्न 17: भारतीय संविधान की उद्देशिका में ‘न्याय’ का कौन सा रूप शामिल नहीं है?

  1. सामाजिक
  2. आर्थिक
  3. धार्मिक
  4. राजनीतिक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना नागरिकों के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना में ‘धार्मिक न्याय’ का उल्लेख स्पष्ट रूप से नहीं किया गया है, हालांकि धर्मनिरपेक्षता (secularism) के सिद्धांत के माध्यम से सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित किया जाता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से धार्मिक न्याय को भी कवर करता है।
  • गलत विकल्प: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय स्पष्ट रूप से प्रस्तावना में उल्लिखित हैं।

प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन संसद की एक वित्तीय समिति है?

  1. प्राक्कलन समिति
  2. सार्वजनिक उपक्रम समिति
  3. लोक लेखा समिति
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: तीनों समितियाँ – प्राक्कलन समिति, लोक लेखा समिति और सार्वजनिक उपक्रम समिति – संसद की महत्वपूर्ण वित्तीय समितियाँ हैं। इनका गठन वित्तीय व्यवस्था को नियंत्रित करने और सरकार के वित्तीय आचरण की जांच करने के लिए किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) का कार्य सरकारी व्यय में मितव्ययता और दक्षता के सुझाव देना है। लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee – PAC) CAG की रिपोर्टों की जांच करती है। सार्वजनिक उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings – COPU) सार्वजनिक उपक्रमों के प्रदर्शन की जांच करती है।
  • गलत विकल्प: सभी विकल्प वित्तीय समितियाँ हैं, इसलिए यह विकल्प सही है।

प्रश्न 19: यदि किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है, तो उस राज्य के विधायी कार्यों को करने की शक्ति किसके पास होती है?

  1. भारत की संसद
  2. संबंधित राज्य के राज्यपाल
  3. भारत के राष्ट्रपति
  4. संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन की घोषणा के बाद, संसद को उस राज्य के लिए कानून बनाने का अधिकार प्राप्त हो जाता है। राष्ट्रपति, संसद द्वारा बनाए गए किसी भी कानून के तहत, आवश्यकतानुसार विधायी शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अवधि के दौरान, राज्य विधानमंडल निलंबित हो सकता है या भंग किया जा सकता है। यदि विधानमंडल निलंबित है, तो संसद बनाए गए कानून लागू रहते हैं। राष्ट्रपति, यदि आवश्यक हो, राज्य के लिए उपबंध भी कर सकते हैं।
  • गलत विकल्प: राज्यपाल के पास विधायी शक्तियाँ केवल तभी होती हैं जब विधानमंडल कार्य कर रहा हो। राष्ट्रपति सीधे कानून नहीं बनाते, बल्कि संसद को यह अधिकार दे सकते हैं या उसके द्वारा बनाए गए कानूनों का प्रयोग कर सकते हैं। उच्च न्यायालय न्यायिक कार्य करते हैं, विधायी नहीं।

प्रश्न 20: ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) का उन्मूलन किस मौलिक अधिकार के अंतर्गत आता है?

  1. समानता का अधिकार
  2. स्वतंत्रता का अधिकार
  3. शोषण के विरुद्ध अधिकार
  4. संवैधानिक उपचारों का अधिकार

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अस्पृश्यता का उन्मूलन मौलिक अधिकार के रूप में अनुच्छेद 17 के तहत आता है, जो समानता के अधिकार (अनुच्छेद 14-18) का हिस्सा है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता को समाप्त करता है और इसका किसी भी रूप में आचरण निषिद्ध करता है। इससे संबंधित कानूनों के अनुसार, अस्पृश्यता से उत्पन्न किसी भी अक्षमता को लागू करना एक दंडनीय अपराध है।
  • गलत विकल्प: स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22), शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24), और संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32) अलग-अलग मौलिक अधिकारों से संबंधित हैं।

प्रश्न 21: भारत में ‘लोकसभा’ के अध्यक्ष का चुनाव कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. लोकसभा के सदस्य
  4. संसद के दोनों सदन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 93 के अनुसार, लोकसभा अपने सदस्यों में से एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष का चुनाव करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: अध्यक्ष लोकसभा की कार्यवाही का संचालन करते हैं, सदन के नियमों और प्रक्रियाओं को बनाए रखते हैं, और सदन के विशेषाधिकारों की रक्षा करते हैं। अध्यक्ष का चुनाव आम तौर पर नई लोकसभा के गठन के बाद पहली बैठक में ही कर लिया जाता है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या संसद के दोनों सदन अध्यक्ष का चुनाव नहीं करते हैं, बल्कि लोकसभा के सदस्य ही करते हैं।

प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा निकाय ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है?

  1. चुनाव आयोग (Election Commission)
  2. वित्त आयोग (Finance Commission)
  3. नीति आयोग (NITI Aayog)
  4. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), वित्त आयोग (अनुच्छेद 280), और संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) सभी संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि उनका उल्लेख भारतीय संविधान में किया गया है और उनके गठन, शक्तियाँ व कार्य संविधान में वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: नीति आयोग (NITI Aayog) भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी 2015 को एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से स्थापित किया गया था। यह एक गैर-संवैधानिक, गैर-वैधानिक निकाय है, जिसे योजना आयोग के स्थान पर लाया गया था। यह सरकार के लिए एक थिंक-टैंक के रूप में कार्य करता है।
  • गलत विकल्प: अन्य सभी विकल्प संवैधानिक निकायों के उदाहरण हैं।

प्रश्न 23: भारत में ‘कानून का शासन’ (Rule of Law) का सिद्धांत किस अनुच्छेद में निहित है?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 15
  3. अनुच्छेद 16
  4. अनुच्छेद 17

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 14, जो विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण की गारंटी देता है, ‘कानून के शासन’ के सिद्धांत का सबसे प्रमुख आधार है। यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है और कानून का अनुप्रयोग सभी पर समान रूप से होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: कानून के शासन का अर्थ है कि सरकार मनमाने ढंग से कार्य नहीं कर सकती, बल्कि कानून के अनुसार कार्य करती है। यह ब्रिटिश न्यायविद ए.वी. डाइसी द्वारा लोकप्रिय बनाया गया एक सिद्धांत है, जिसे भारतीय संविधान में भी अपनाया गया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के मामलों में अवसर की समानता से संबंधित है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का उन्मूलन करता है।

प्रश्न 24: ‘नियंत्रक-महालेखापरीक्षक’ (CAG) का कर्तव्य क्या नहीं है?

  1. केंद्र और राज्यों के खातों का लेखा-परीक्षण करना।
  2. सरकारी कंपनियों के खातों का लेखा-परीक्षण करना।
  3. व्यय की वैधता और औचित्य की जांच करना।
  4. मंत्रिमंडल के निर्णयों पर राय देना।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 149 CAG को लेखा-परीक्षण के संबंध में कर्तव्य सौंपता है। CAG मुख्य रूप से सरकारी खातों की वैधता, मितव्ययिता और कुशलता की जांच करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG अपनी रिपोर्टों के माध्यम से सरकार के वित्तीय आचरण पर प्रकाश डालता है, जिससे जवाबदेही सुनिश्चित होती है। हालांकि, CAG अपनी रिपोर्टों में विधायी निर्णयों या कार्यकारी नीतियों की वैधता पर राय नहीं देता, और वह मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए निर्णयों पर प्रत्यक्ष रूप से राय देने के लिए अधिकृत नहीं है। इसका मुख्य कार्य वित्तीय आचरण का लेखा-परीक्षण करना है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) CAG के मुख्य कार्यों में शामिल हैं। CAG सरकारी खर्च की वैधता और औचित्य की जांच करता है, लेकिन मंत्रिपरिषद के निर्णयों पर राय देना उसका कर्तव्य नहीं है।

प्रश्न 25: भारतीय संविधान के निम्नलिखित किस संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
  4. 64वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायतें संबंधित प्रावधान हैं, जिससे पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायतों को स्व-शासन की इकाइयों के रूप में मान्यता दी और उनके चुनाव, शक्तियों, वित्त आदि के संबंध में एक समान ढाँचा स्थापित किया। इसने ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को मजबूत किया।
  • गलत विकल्प: 74वें संशोधन अधिनियम ने नगर पालिकाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। 64वें और 65वें संशोधन विधेयक क्रमशः पंचायती राज और नगरपालिका के संबंध में प्रस्तुत किए गए थे, लेकिन वे पारित नहीं हुए थे और बाद में 73वें और 74वें संशोधनों का आधार बने।

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