रोज़ाना संविधान: अपनी तैयारी को दें धार
भारतीय लोकतंत्र के स्तंभों को समझना हर प्रतियोगी परीक्षा की कुंजी है! क्या आप अपनी संवैधानिक सूझबूझ का परीक्षण करने और अपने ज्ञान को पैना करने के लिए तैयार हैं? आइए, आज के इन 25 गहन प्रश्नों के साथ भारतीय राजव्यवस्था की गहराई में उतरें और अपनी तैयारी को एक नया आयाम दें।
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस संवैधानिक संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जो पंचायतों से संबंधित है, और अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा और सुरक्षा प्रदान करता है। इसने संविधान में 11वीं अनुसूची भी जोड़ी, जिसमें पंचायतों के 29 कार्य सूचीबद्ध हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं को अधिक स्वायत्तता और शक्ति प्रदान करना था ताकि वे ग्रामीण स्थानीय शासन के रूप में प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।
- गलत विकल्प: 42वां संशोधन, 1976, ‘लघु संविधान’ कहलाता है और इसने प्रस्तावना, मौलिक अधिकारों और नीति निदेशक तत्वों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए। 74वां संशोधन, 1992, शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 61वां संशोधन, 1989, ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की।
प्रश्न 2: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘स्वतंत्रता’, ‘समानता’ और ‘बंधुत्व’ के आदर्श किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- ब्रिटेन
- फ्रांस
- आयरलैंड
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में उल्लिखित ‘स्वतंत्रता’, ‘समानता’ और ‘बंधुत्व’ के आदर्श फ्रांसीसी क्रांति (1789-1799) के प्रमुख नारे से प्रेरित हैं, जिसका प्रभाव फ्रांस के संवैधानिक विचारों पर पड़ा।
- संदर्भ और विस्तार: ये आदर्श भारतीय गणराज्य की नींव हैं और सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के साथ-साथ नागरिकों के बीच गरिमा और एकता को सुनिश्चित करने की आकांक्षाओं को दर्शाते हैं।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से ‘मौलिक अधिकार’, ‘न्यायिक पुनरावलोकन’, ‘उपराष्ट्रपति का पद’ और ‘संघीय व्यवस्था’ (कुछ हद तक) प्रेरित हैं। ब्रिटेन से ‘संसदीय शासन’, ‘कानून का शासन’ और ‘एकल नागरिकता’ ली गई है। आयरलैंड से ‘राज्य के नीति निदेशक तत्व’ और ‘राष्ट्रपति के चुनाव की पद्धति’ प्रेरित है।
प्रश्न 3: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) अपना प्रतिवेदन किसे प्रस्तुत करता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- वित्त मंत्री
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) का प्रावधान अनुच्छेद 148 में है। CAG अपनी ऑडिट रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है, जो फिर संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखी जाती है (अनुच्छेद 151)।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है और केंद्र व राज्य सरकारों के खातों का ऑडिट करता है। राष्ट्रपति इन रिपोर्टों को संसद के पटल पर रखते हैं, जहाँ लोक लेखा समिति (PAC) इनकी जांच करती है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के मुखिया होते हैं लेकिन CAG सीधे उन्हें रिपोर्ट नहीं करता। लोकसभा अध्यक्ष सदन की कार्यवाही के संचालन के लिए जिम्मेदार होते हैं, रिपोर्ट की जांच के लिए नहीं। वित्त मंत्री राष्ट्रीय वित्तीय मामलों के प्रभारी होते हैं, पर CAG की रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत होती है।
प्रश्न 4: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति संविधान के किस अनुच्छेद में वर्णित है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 111
- अनुच्छेद 124
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को कुछ मामलों में क्षमादान, दंडादेश के प्रविलंबन,विराम या परिहार करने की शक्ति प्रदान करता है, जैसे कि सभी मामलों में जहाँ दंड या दंडादेश, किसी ऐसे अपराध के लिए है जो संघ की विधियों के विरुद्ध है; सेना न्यायालयों द्वारा दिए गए दंड; मृत्युदंड के मामले में।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति राष्ट्रपति को न्यायालय द्वारा दिए गए दंड के कुछ पहलू को कम करने या समाप्त करने का अधिकार देती है। यह पूर्ण क्षमा (pardon), लघुकरण (commutation), प्रविलंबन (reprieve), विराम (respite) और परिहार (remission) के रूप में हो सकती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की विधेयक पर अनुमति देने या न देने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 124 सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना और गठन से संबंधित है।
प्रश्न 5: भारतीय संविधान का कौन सा भाग ‘राज्यों के नीति निदेशक तत्व’ (DPSP) से संबंधित है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग V
- भाग VI
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, अनुच्छेद 36 से 51 तक, राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का वर्णन करता है। ये तत्व देश के शासन में मूलभूत हैं और कानून बनाने में राज्य का यह कर्तव्य होगा कि वे इन सिद्धांतों को लागू करें।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना का लक्ष्य रखते हैं। ये गैर-न्यायिक (non-justiciable) हैं, जिसका अर्थ है कि इनके उल्लंघन पर किसी नागरिक को न्यायालय में जाने का अधिकार नहीं है, परंतु वे सरकार के लिए मार्गदर्शन का कार्य करते हैं।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 12-35) से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका, संसद और उच्चतम न्यायालय से संबंधित है (अनुच्छेद 52-151)। भाग VI राज्यों की कार्यपालिका, विधायिका और उच्च न्यायालयों से संबंधित है (अनुच्छेद 152-237)।
प्रश्न 6: भारतीय संसद के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के उपराष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 108 के तहत राष्ट्रपति द्वारा आहूत संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष द्वारा की जाती है। यदि अध्यक्ष अनुपस्थित हो, तो लोकसभा के उपाध्यक्ष और यदि वे भी अनुपस्थित हों, तो राज्यसभा के उपसभापति संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: संयुक्त अधिवेशन सामान्यतः तब बुलाया जाता है जब किसी विधेयक पर दोनों सदनों में गतिरोध की स्थिति हो। यह लोकसभा को विशेषाधिकार प्रदान करता है क्योंकि उस स्थिति में मतदान का परिणाम अक्सर लोकसभा के पक्ष में जाता है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति संयुक्त बैठक बुलाते हैं, अध्यक्षता नहीं करते। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं और सामान्यतः संयुक्त बैठक की अध्यक्षता नहीं करते, जब तक कि वह उपसभापति के पद पर न हों (जो एक दुर्लभ स्थिति है)। मुख्य न्यायाधीश का विधायी प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं है।
प्रश्न 7: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 256
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने की शक्ति देता है, यदि वे “युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह” (या इसकी आशंका) के कारण भारत या उसके किसी भाग की सुरक्षा को खतरा होने की संतुष्टि पर ऐसा करना उचित समझें।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा का संसद द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदन आवश्यक है। इस दौरान मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर) निलंबित किए जा सकते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 256 राज्यों को केंद्र के निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य करता है।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?
- चुनाव आयोग (Election Commission)
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
- नीति आयोग (NITI Aayog)
- वित्त आयोग (Finance Commission)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग, जिसे 2015 में योजना आयोग के स्थान पर गठित किया गया था, एक कार्यकारी आदेश (executive order) द्वारा स्थापित एक गैर-संवैधानिक निकाय है। इसके विपरीत, चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) संविधान में स्पष्ट रूप से वर्णित संवैधानिक निकाय हैं।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे भारत के संविधान में होता है और उनके गठन, शक्तियां व कार्य संविधान में निर्धारित होते हैं। नीति आयोग एक थिंक-टैंक के रूप में कार्य करता है।
- गलत विकल्प: चुनाव आयोग, UPSC और वित्त आयोग तीनों ही संविधान के अनुच्छेद द्वारा स्थापित किए गए हैं, इसलिए वे संवैधानिक निकाय हैं।
प्रश्न 9: ‘कानून के समक्ष समानता’ (Equality before Law) का सिद्धांत भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में निहित है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 14 ‘विधि के समक्ष समानता’ (Equality before the Law) और ‘विधियों का समान संरक्षण’ (Equal Protection of Laws) का प्रावधान करता है। यह सिद्धांत सभी व्यक्तियों को कानून के तहत समान अधिकार और सुरक्षा प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: ‘विधि के समक्ष समानता’ ब्रिटिश मूल का है और इसका अर्थ है कि किसी भी व्यक्ति को विशेषाधिकार प्राप्त नहीं है और सभी कानून के अधीन समान रूप से माने जाएंगे। ‘विधियों का समान संरक्षण’ अमेरिकी संविधान से प्रेरित है और इसका अर्थ है कि समान परिस्थितियों में सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के मामलों में अवसर की समानता की गारंटी देता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के अंत का प्रावधान करता है।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सी रिट ‘हमारा शरीर हाजिर करो’ का शाब्दिक अर्थ देती है?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) लैटिन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है ‘तुम्हारे पास शरीर होना चाहिए’। यह एक ऐसी रिट है जो किसी ऐसे व्यक्ति को अदालत में पेश करने का आदेश देती है जिसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया हो। यह मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन में उच्चतम न्यायालय (अनुच्छेद 32) और उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226) द्वारा जारी की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक शक्तिशाली साधन है। इसके माध्यम से न्यायालय यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी व्यक्ति को गैरकानूनी ढंग से गिरफ्तार या हिरासत में न रखा जाए।
- गलत विकल्प: परमादेश का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’ और यह किसी लोक प्राधिकारी को अपना कर्तव्य करने का आदेश देती है। प्रतिषेध एक उच्च न्यायालय द्वारा निम्न न्यायालय को किसी कार्यवाही को रोकने का आदेश है। उत्प्रेषण भी एक उच्च न्यायालय द्वारा निम्न न्यायालय या न्यायाधिकरण से किसी मामले को अपने पास भेजने का आदेश है।
प्रश्न 11: भारतीय संविधान के निर्माता डॉक्टर बी. आर. अंबेडकर ने किस अनुच्छेद को ‘संविधान की आत्मा और हृदय’ कहा है?
- अनुच्छेद 19
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 21
- अनुच्छेद 14
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: डॉक्टर बी. आर. अंबेडकर ने अनुच्छेद 32, जो मौलिक अधिकारों को लागू कराने के लिए उपचारों का अधिकार (Right to Constitutional Remedies) प्रदान करता है, को ‘संविधान की आत्मा और हृदय’ कहा है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर सीधे सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) या उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226) जाने का अधिकार देता है, जो रिट जारी कर सकते हैं। यह इसे भारतीय संविधान का सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेद बनाता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 19 वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित है। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा का अधिकार है। अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता से संबंधित है। हालांकि ये अनुच्छेद भी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अंबेडकर ने विशेष रूप से अनुच्छेद 32 को संविधान की आत्मा कहा था।
प्रश्न 12: संसदीय प्रणाली में ‘शून्य काल’ (Zero Hour) की क्या विशेषता है?
- यह प्रश्नकाल के ठीक बाद का समय है जब सदस्य बिना किसी पूर्व सूचना के लोक महत्व के मामले उठा सकते हैं।
- यह सत्र का वह समय है जब विधेयक पारित किए जाते हैं।
- यह वह समय है जब केवल सरकारी विधेयक प्रस्तुत किए जाते हैं।
- यह वह समय है जब सदस्य अपने व्यक्तिगत विशेषाधिकारों की चर्चा कर सकते हैं।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: शून्य काल (Zero Hour) संसदीय कार्यवाही का वह समय है जो प्रश्नकाल के तुरंत बाद शुरू होता है और दोपहर के भोजन से ठीक पहले तक चलता है (आमतौर पर 12:00 बजे से 1:00 बजे तक)। इस दौरान, सदस्य बिना पूर्व सूचना के अविलंबनीय लोक महत्व के मुद्दे उठा सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: शून्य काल की शुरुआत 1960 के दशक में भारत में हुई थी और यह प्रक्रियात्मक नियम का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक स्थापित परिपाटी है। यह सरकार पर त्वरित कार्रवाई का दबाव बनाने का एक प्रभावी तरीका है।
- गलत विकल्प: शून्य काल में केवल लोक महत्व के मामले उठाए जाते हैं, न कि केवल सरकारी विधेयक या व्यक्तिगत विशेषाधिकार। विधेयक पारित करने का काम अन्य सत्रों में होता है।
प्रश्न 13: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव कौन करता है?
- संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य
- संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य
- लोकसभा के सदस्य
- राज्यसभा के सदस्य
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 66 के अनुसार, संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले एक निर्वाचक मंडल द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य (चाहे वे निर्वाचित हों या मनोनीत) उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं। यह राष्ट्रपति के चुनाव से भिन्न है, जहाँ केवल निर्वाचित सदस्य ही भाग लेते हैं।
- गलत विकल्प: केवल निर्वाचित सदस्य या केवल लोकसभा/राज्यसभा के सदस्य उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं करते।
प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन ‘जनहित याचिका’ (PIL) को उच्चतम न्यायालय में दायर करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के उस निर्णय से जुड़ा है जिसने इस प्रक्रिया को उदार बनाया?
- ए.के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- एस.पी. गुप्ता बनाम भारत संघ (First Judges Case)
- मेनका गांधी बनाम भारत संघ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: एस.पी. गुप्ता बनाम भारत संघ (1981), जिसे प्रथम न्यायाधीश मामला भी कहा जाता है, में सर्वोच्च न्यायालय ने जनहित याचिका (PIL) दायर करने की प्रक्रिया को अत्यंत उदार बनाया। न्यायालय ने माना कि कोई भी व्यक्ति या सामाजिक संगठन, जिसका हित प्रभावित हुआ हो, पीड़ित व्यक्ति की ओर से न्यायालय में याचिका दायर कर सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय ने पीआईएल को आम जनता के लिए सुलभ बनाया, जिससे हाशिए पर पड़े और वंचित वर्गों को न्याय मिल सका। यह मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के तरीके में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
- गलत विकल्प: ए.के. गोपालन मामले ने निवारक निरोध के संबंध में स्वतंत्रता के अधिकार की व्याख्या को संकुचित किया था। केशवानंद भारती मामले ने ‘संविधान के मूल ढांचे’ के सिद्धांत को स्थापित किया। मेनका गांधी मामले ने जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार की व्याख्या का विस्तार किया।
प्रश्न 15: ‘दल-बदल’ (Defection) के आधार पर किसी सदन के सदस्य की अयोग्यता का प्रावधान संविधान की किस अनुसूची में है?
- पांचवीं अनुसूची
- आठवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संशोधन संदर्भ: दल-बदल के आधार पर अयोग्यता का प्रावधान भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची में है। इसे 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुसूची उन आधारों को परिभाषित करती है जिन पर किसी सदस्य को दल-बदल के कारण अयोग्य घोषित किया जा सकता है, जैसे कि स्वेच्छा से अपनी पार्टी की सदस्यता छोड़ना या पार्टी द्वारा जारी विप (whip) का उल्लंघन करना।
- गलत विकल्प: पांचवीं अनुसूची अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन से संबंधित है। आठवीं अनुसूची भारत की आधिकारिक भाषाओं से संबंधित है। नौवीं अनुसूची भूमि सुधारों और जमींदारी प्रणाली के उन्मूलन से संबंधित कानूनों को दर्शाती है।
प्रश्न 16: संघ की कार्यपालिका शक्ति किसमें निहित होती है?
- प्रधानमंत्री
- केंद्रीय मंत्रिपरिषद
- भारत के राष्ट्रपति
- संसद
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 53(1) के अनुसार, संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी और वह इसका प्रयोग इस संविधान के अनुसार स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: यद्यपि कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित है, वास्तविक कार्यकारी शक्ति का प्रयोग केंद्रीय मंत्रिपरिषद द्वारा किया जाता है, जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होता है। राष्ट्रपति नाममात्र के कार्यकारी (nominal executive) हैं, जबकि प्रधानमंत्री वास्तविक कार्यकारी (real executive) हैं।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद के प्रमुख हैं, न कि कार्यपालिका शक्ति के एकमात्र धारक। मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से राष्ट्रपति के प्रति उत्तरदायी होती है। संसद विधायी निकाय है।
प्रश्न 17: ‘समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता’ का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 38
- अनुच्छेद 39A
- अनुच्छेद 40
- अनुच्छेद 42
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 39A, जो राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है, यह प्रावधान करता है कि राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि विधि के शासन का संचालन इस प्रकार हो कि वह समान अवसर के आधार पर न्याय तक सबकी पहुंच सुनिश्चित करे और तत्समय लागू किसी विधि के उपबंधों द्वारा, या किन्हीं विशिष्ट योजना द्वारा, आर्थिक या किसी अन्य निर्योग्यता के कारण किसी नागरिक को न्याय प्राप्त करने के अवसर से वंचित न किया जाए। साथ ही, यह निःशुल्क विधिक सहायता का भी प्रावधान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद भारत को एक ‘कल्याणकारी राज्य’ बनाने के उद्देश्य को पुष्ट करता है, यह सुनिश्चित करके कि निर्धन और कमजोर वर्ग भी कानूनी प्रणाली तक समान पहुंच प्राप्त कर सकें।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 38 सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को बढ़ावा देकर लोक कल्याण की अभिवृद्धि करने का राज्य का प्रयास करेगा। अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों के गठन का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 42 कार्य की न्यायसंगत और मानवीय दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबंध करेगा।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान में ‘संविधान के मूल ढांचे’ (Basic Structure) के सिद्धांत का प्रतिपादन किस ऐतिहासिक मामले में किया गया था?
- ए. के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- मेनका गांधी बनाम भारत संघ
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए ‘संविधान के मूल ढांचे’ के सिद्धांत को प्रतिपादित किया। न्यायालय ने कहा कि संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति है, लेकिन वह संविधान के मूल ढांचे या सार को नहीं बदल सकती।
- संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत ने संसद की संशोधन शक्ति पर सीमाएं लगाईं और संविधान की सर्वोच्चता और उसके मूलभूत स्वरूप को बनाए रखा। इसमें न्यायपालिका की स्वतंत्रता, विधि का शासन, शक्तियों का पृथक्करण, धर्मनिरपेक्षता आदि शामिल माने जाते हैं।
- गलत विकल्प: गोलकनाथ मामले (1967) में न्यायालय ने कहा था कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती। केशवानंद भारती मामले ने इस राय को पलट दिया और मूल ढांचे का सिद्धांत दिया। ए.के. गोपालन और मेनका गांधी मामले मौलिक अधिकारों की व्याख्या से संबंधित हैं।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सी भाषायें आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं हैं?
- कश्मीरी, सिंधी, नेपाली
- संथाली, डोगरी, बोडो, मैथिली
- कन्नड़, मलयालम, ओडिया
- फारसी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में वर्तमान में 22 भाषाएँ शामिल हैं। फारसी (Persian) इन 22 भाषाओं में से नहीं है। संथाली, डोगरी, बोडो और मैथिली को 92वें संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा जोड़ा गया था। कश्मीरी, सिंधी और नेपाली को 71वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था। कन्नड़, मलयालम और ओडिया मूल रूप से आठवीं अनुसूची में शामिल थीं।
- संदर्भ और विस्तार: आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं को सरकारी नौकरी के लिए एक वैकल्पिक विषय के रूप में चुना जा सकता है और उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए भी पात्र माना जाता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b) और (c) में दी गई सभी भाषाएँ आठवीं अनुसूची में शामिल हैं।
प्रश्न 20: राष्ट्रपति की महाभियोग प्रक्रिया संविधान के किस अनुच्छेद में वर्णित है?
- अनुच्छेद 61
- अनुच्छेद 56
- अनुच्छेद 62
- अनुच्छेद 76
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 61 राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया को उपबंधित करता है। महाभियोग केवल ‘संविधान के अतिक्रमण’ के आधार पर लगाया जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: महाभियोग की प्रक्रिया संसद के किसी भी सदन द्वारा शुरू की जा सकती है। आरोप लगाने वाले प्रस्ताव पर सदन के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए और उस सदन के कुल सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित होना चाहिए। इसके बाद वह प्रस्ताव दूसरे सदन में भेजा जाता है, जहाँ आरोपों की जांच की जाती है। यदि दूसरा सदन भी दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित कर दे, तो राष्ट्रपति को पद से हटा दिया जाता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति के पद की अवधि से संबंधित है। अनुच्छेद 62 राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए चुनाव करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए चुनाव के लिए प्रावधान करता है। अनुच्छेद 76 भारत का महान्यायवादी (Attorney General) से संबंधित है।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन भारत के संविधान की ‘संघ सूची’ (Union List) का विषय नहीं है?
- रक्षा
- रेलवे
- कृषि
- बैंकिंग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुसूची संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में शक्तियों के वितरण को दर्शाया गया है, जिसमें संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची शामिल हैं। ‘कृषि’ राज्य सूची (सूची II) का विषय है, जबकि ‘रक्षा’ (सूची I), ‘रेलवे’ (सूची I), और ‘बैंकिंग’ (सूची I) संघ सूची के विषय हैं।
- संदर्भ और विस्तार: संघ सूची में ऐसे विषय होते हैं जिन पर केवल केंद्र सरकार कानून बना सकती है। राज्य सूची के विषयों पर राज्य सरकारें कानून बनाती हैं, और समवर्ती सूची के विषयों पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन मतभेद की स्थिति में केंद्रीय कानून प्रभावी होता है।
- गलत विकल्प: रक्षा, रेलवे और बैंकिंग स्पष्ट रूप से संघ सूची के तहत आते हैं। कृषि राज्य का विषय होने के कारण संघ सूची में नहीं है।
प्रश्न 22: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश और राज्यों के राज्यपालों की सलाह पर
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- संसद
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 124(2) के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। हालांकि, यह नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) और सर्वोच्च न्यायालय तथा राज्यों के उच्च न्यायालयों के ऐसे अन्य न्यायाधीशों से परामर्श के बाद की जाती है, जिन्हें राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के प्रयोजनों के लिए, आवश्यक समझे। यह ‘कॉलेजियम प्रणाली’ का आधार है, जिसे विभिन्न न्याययिक निर्णयों (जैसे सेकिंड जजेस केस) द्वारा विकसित किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रक्रिया न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने और नियुक्तियों में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश या संसद सीधे नियुक्ति नहीं करते, बल्कि राष्ट्रपति अपनी सलाह पर कार्य करते हैं।
प्रश्न 23: किसी राज्य में विधानसभा अध्यक्ष (Speaker) को पद से कैसे हटाया जा सकता है?
- राज्यपाल द्वारा
- मुख्यमंत्री के कहने पर राष्ट्रपति द्वारा
- विधानसभा के तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा, यदि कम से कम 14 दिन पूर्व इसकी सूचना दी गई हो
- उच्च न्यायालय के आदेश द्वारा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 179(c) के अनुसार, विधानसभा का अध्यक्ष या उपाध्यक्ष, जब तक वह उस पद पर है, तब तक वह उस राज्य की विधान सभा के तत्कालीन सभी सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा पद से हटाया जा सकता है। ऐसे किसी संकल्प के प्रस्ताव की सूचना कम से कम चौदह दिन पूर्व दी जानी चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: अध्यक्ष सदन का मुखिया होता है और उसे तभी हटाया जा सकता है जब उस सदन का बहुमत उसके खिलाफ हो। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि अध्यक्ष सदन की इच्छा के अनुसार ही अपने पद पर बना रहे।
- गलत विकल्प: राज्यपाल या राष्ट्रपति विधानसभा अध्यक्ष को सीधे नहीं हटा सकते। अध्यक्ष पद से अपना त्याग पत्र उपाध्यक्ष को सौंपता है।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक कर्तव्य भारतीय संविधान में मूल रूप से शामिल था?
- सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवतावाद और पूछताछ तथा सुधार की भावना विकसित करना
- 6 से 14 वर्ष की आयु के अपने बच्चों या प्रतिपाल्य को शिक्षा के अवसर प्रदान करना
- संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करना
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संशोधन संदर्भ: मूल संविधान में कोई मौलिक कर्तव्य शामिल नहीं थे। 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर भाग IV-A के तहत 10 मौलिक कर्तव्य जोड़े गए थे। इनमें से ‘संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करना’ भी शामिल था। 11वां मौलिक कर्तव्य 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक कर्तव्य नागरिकों के प्रति राज्य के दायित्वों के साथ-साथ नागरिकों के अपने राष्ट्र के प्रति कुछ कर्तव्यों को भी रेखांकित करते हैं।
- गलत विकल्प: सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना (कर्तव्य 9), वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना (कर्तव्य 10e) और 6-14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करना (कर्तव्य 11, 86वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया) ये सभी मौलिक कर्तव्य हैं, लेकिन ये मूल संविधान में शामिल नहीं थे; इन्हें बाद में जोड़ा गया।
प्रश्न 25: भारत में ‘सर्वोच्च न्यायालय’ का उल्लेख संविधान के किस भाग में है?
- भाग V
- भाग VI
- भाग VII
- भाग VIII
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग V ‘संघ’ (The Union) से संबंधित है। इसके अध्याय IV में, अनुच्छेद 124 से 147 तक, सर्वोच्च न्यायालय (The Supreme Court) की स्थापना, संरचना, शक्तियां और अधिकार क्षेत्र का विस्तार से वर्णन किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: भाग V भारत की संघ सरकार की संरचना और कार्यों का वर्णन करता है, जिसमें संघ की कार्यपालिका, संसद और सर्वोच्च न्यायालय शामिल हैं।
- गलत विकल्प: भाग VI राज्यों से संबंधित है। भाग VII (जो सातवें संशोधन द्वारा निरस्त कर दिया गया था) पहली अनुसूची के भाग B के राज्यों से संबंधित था। भाग VIII केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित है।