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हीरों की चमक: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विज्ञान के प्रश्न

हीरों की चमक: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विज्ञान के प्रश्न

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड होता है। इन परीक्षाओं में सफलता के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों की गहरी समझ आवश्यक है। इस अभ्यास सत्र में, हम “Doubling Down on Diamond” नामक सामयिक संकेत का उपयोग करके विभिन्न वैज्ञानिक अवधारणाओं पर आधारित 25 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) प्रस्तुत कर रहे हैं, ताकि आप अपनी तैयारी को परख सकें और अपने ज्ञान को मजबूत कर सकें।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. हीरा, जो अपने असाधारण कठोरता के लिए जाना जाता है, किस प्रकार के बंधन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है?

    • (a) आयनिक बंधन
    • (b) सहसंयोजक बंधन
    • (c) धात्विक बंधन
    • (d) हाइड्रोजन बंधन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन में, परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करके एक साथ बंधे होते हैं। हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों के माध्यम से जुड़ा होता है, जिससे एक अत्यंत मजबूत त्रि-आयामी जाली संरचना बनती है।

    व्याख्या (Explanation): आयनिक बंधन में इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है, धात्विक बंधन में “मुक्त” इलेक्ट्रॉन होते हैं, और हाइड्रोजन बंधन कमजोर अंतर-आणविक बल है। हीरे की असाधारण कठोरता इसके मजबूत सहसंयोजक बंधों का परिणाम है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  2. हीरे का उच्च अपवर्तनांक (refractive index) किस कारण होता है?

    • (a) इसकी क्रिस्टल संरचना
    • (b) इसमें प्रकाश के धीमे प्रसार का कारण बनने वाले इलेक्ट्रॉनों की उच्च घनत्व
    • (c) इसमें कार्बन परमाणुओं की विशेष व्यवस्था
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी सामग्री का अपवर्तनांक प्रकाश की गति को धीमा करने की उसकी क्षमता से संबंधित होता है। हीरे में, यह उच्च घनत्व, सघन क्रिस्टल संरचना और परमाणुओं की विशेष व्यवस्था के कारण होता है, जो प्रकाश के साथ दृढ़ता से संपर्क करते हैं, जिससे प्रकाश का प्रसार धीमा हो जाता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) इसकी चमकदार “आग” (fire) के लिए जिम्मेदार है। यह इसकी घनी क्रिस्टल संरचना, इलेक्ट्रॉनों के उच्च घनत्व और कार्बन परमाणुओं की विशिष्ट व्यवस्था के संयोजन का परिणाम है, जो प्रकाश को बार-बार परावर्तित और अपवर्तित करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  3. तापमान के संबंध में, हीरा क्या है?

    • (a) ऊष्मा का बहुत खराब संवाहक
    • (b) ऊष्मा का बहुत अच्छा संवाहक
    • (c) ऊष्मा का मध्यम संवाहक
    • (d) ऊष्मा का बिल्कुल भी संवाहक नहीं

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थ की ऊष्मा चालकता उसकी आणविक संरचना और परमाणुओं के कंपन की स्वतंत्रता पर निर्भर करती है। हीरे में, मजबूत सहसंयोजक बंधों के कारण परमाणु बहुत कसकर बंधे होते हैं, जिससे ऊष्मीय ऊर्जा का कुशल संचरण होता है।

    व्याख्या (Explanation): अपने असाधारण विद्युत रोधी गुणों के बावजूद, हीरा ज्ञात पदार्थों में से सबसे अच्छा ऊष्मा संवाहक है। इसकी कुशल ऊष्मा चालकता इसकी कठोर जाली संरचना और मजबूत बंधों के कारण परमाणुओं के उच्च-आवृत्ति कंपनों के माध्यम से ऊष्मा के तेजी से संचरण से उपजी है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  4. कार्बन के किस अपररूप (allotrope) का उपयोग पेंसिल लेड में किया जाता है?

    • (a) हीरा
    • (b) ग्रेफाइट
    • (c) फुलरीन
    • (d) चारकोल

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ग्रेफाइट कार्बन का एक अपररूप है जिसमें कार्बन परमाणु षट्कोणीय परतों में व्यवस्थित होते हैं। इन परतों के बीच कमजोर वान डेर वाल्स बल होते हैं, जो उन्हें एक दूसरे पर फिसलने की अनुमति देते हैं, जिससे ग्रेफाइट को चिकनाई और “लिखने” का गुण मिलता है।

    व्याख्या (Explanation): पेंसिल लेड ग्रेफाइट और मिट्टी का मिश्रण है। ग्रेफाइट की परतदार संरचना, जिसमें परतें आसानी से फिसल सकती हैं, इसे लिखने के लिए उपयुक्त बनाती है, जबकि हीरा अपनी अत्यधिक कठोरता के कारण इस उद्देश्य के लिए अनुपयुक्त है।

    अतः, सही उत्तर (b) है.

  5. हीरे का गलनांक (melting point) अत्यंत उच्च क्यों होता है?

    • (a) यह एक आयनिक यौगिक है।
    • (b) इसमें मजबूत धात्विक बंधन होते हैं।
    • (c) यह एक विशाल सहसंयोजक जाली (covalent lattice) है जिसमें बहुत मजबूत सहसंयोजक बंधन होते हैं।
    • (d) इसमें कम अंतरा-आणविक बल होते हैं।

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का गलनांक उन बलों की प्रबलता पर निर्भर करता है जो उसके परमाणुओं या अणुओं को एक साथ बांधे रखते हैं। विशाल सहसंयोजक जाली वाले पदार्थों में, परमाणुओं को अलग करने के लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके परिणामस्वरूप उच्च गलनांक होता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरा एक विशाल सहसंयोजक जाली वाला पदार्थ है। प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से मजबूत सहसंयोजक बंधों से जुड़ा होता है। इन बंधों को तोड़ने के लिए अत्यधिक उच्च तापमान की आवश्यकता होती है, जिससे हीरे का गलनांक बहुत अधिक (लगभग 3550°C) होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  6. हीरा विद्युत का एक दुर्बल चालक (poor conductor) क्यों है, जबकि ग्रेफाइट एक अच्छा चालक है?

    • (a) हीरे में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं, जबकि ग्रेफाइट में होते हैं।
    • (b) हीरे में मजबूत सहसंयोजक बंधन होते हैं, जबकि ग्रेफाइट में कमजोर बंधन होते हैं।
    • (c) हीरे की क्रिस्टल संरचना अधिक सघन होती है।
    • (d) हीरे में कार्बन परमाणुओं की संख्या अधिक होती है।

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ की विद्युत चालकता उसमें मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति पर निर्भर करती है जो आवेश वाहक के रूप में कार्य कर सकते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने चार संयोजी इलेक्ट्रॉनों को अन्य चार कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंधन बनाने में उपयोग करता है। इस प्रकार, सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन बंधे हुए होते हैं और मुक्त नहीं होते हैं, जिससे हीरा विद्युत का कुचालक बन जाता है। ग्रेफाइट में, प्रत्येक कार्बन परमाणु केवल तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से बंधा होता है, जिससे प्रत्येक कार्बन परमाणु पर एक संयोजी इलेक्ट्रॉन अप्रतिबंधित (delocalized) रहता है, जो विद्युत प्रवाह की अनुमति देता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  7. पृथ्वी के आंतरिक भाग में कौन सा खनिज दाब और उच्च तापमान के कारण हीरे के निर्माण के लिए जिम्मेदार है?

    • (a) क्वार्ट्ज
    • (b) अभ्रक
    • (c) कार्बन
    • (d) सिलिका

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरा कार्बन का एक अपररूप है। प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के मेंटल में अत्यधिक उच्च दबाव (लगभग 4.5-6 GPa) और तापमान (900-1300°C) पर कार्बन के क्रिस्टलीकरण से बनते हैं।

    व्याख्या (Explanation): जबकि पृथ्वी के आंतरिक भाग में कई खनिज मौजूद होते हैं, हीरे के निर्माण के लिए मौलिक तत्व कार्बन है। यह कार्बन, जब उपयुक्त दबाव और तापमान की स्थितियों के अधीन होता है, तो हीरे की क्रिस्टल संरचना में व्यवस्थित हो जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. “ब्लू डायमंड” (Blue Diamond) जैसे विशिष्ट रंग के हीरे में रंग का कारण क्या होता है?

    • (a) अशुद्धियाँ, विशेष रूप से बोरॉन
    • (b) नाइट्रोजन की उपस्थिति
    • (c) विशिष्ट क्रिस्टल संरचना
    • (d) प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे के रंग का कारण अक्सर उनमें मौजूद ट्रेस अशुद्धियाँ होती हैं। बोरॉन की उपस्थिति हीरे को नीला रंग प्रदान करती है।

    व्याख्या (Explanation): अधिकांश रंगीन हीरे में रंग कुछ अशुद्धियों की उपस्थिति के कारण होता है। नीले हीरे में, बोरॉन की थोड़ी मात्रा क्रिस्टल जाली में कार्बन को प्रतिस्थापित करती है, जिससे यह नीले रंग का प्रकाश अवशोषित करता है और हीरे को नीला रंग देता है। पीला रंग नाइट्रोजन की उपस्थिति से जुड़ा होता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  9. हीरे के चमकीलेपन (brilliance) और “आग” (fire) में योगदान देने वाले प्रमुख ऑप्टिकल गुणों में से एक क्या है?

    • (a) कम फैलाव (low dispersion)
    • (b) उच्च अपवर्तन (high refraction)
    • (c) कम परावर्तन (low reflection)
    • (d) उच्च पारगम्यता (high transmission)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) और मध्यम फैलाव (dispersion) इसके चमकीलेपन और “आग” के लिए जिम्मेदार होते हैं। उच्च अपवर्तन प्रकाश को हीरे के अंदर फंसाने में मदद करता है, जबकि फैलाव सफेद प्रकाश को उसके घटक रंगों में अलग करता है।

    व्याख्या (Explanation): जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो इसका उच्च अपवर्तनांक इसे अधिक गहराई से अपवर्तित और परावर्तित करता है। “आग” तब उत्पन्न होती है जब प्रकाश हीरे से बाहर निकलने से पहले इंद्रधनुष के रंगों में बिखर जाता है, जो हीरे के फैलाव के कारण होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  10. कार्बनिक रसायन विज्ञान में, “डायमंड” शब्द का प्रयोग कभी-कभी किस प्रकार की संरचना का वर्णन करने के लिए किया जाता है?

    • (a) रैखिक बहुलक
    • (b) शाखित श्रृंखला यौगिक
    • (c) त्रिविमीय (three-dimensional) नेटवर्क संरचना वाले यौगिक
    • (d) समतल चक्रीय यौगिक

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बनिक रसायन विज्ञान में, “डायमंड” शब्द का प्रयोग उन अणुओं या संरचनाओं का वर्णन करने के लिए किया जाता है जिनमें त्रिविमीय, अत्यधिक शाखित और त्रि-आयामी नेटवर्क जैसी व्यवस्था होती है, जो हीरे की क्रिस्टल संरचना से प्रेरित होती है।

    व्याख्या (Explanation): यह शब्द उन अणुओं के लिए एक रूपक के रूप में उपयोग किया जाता है जिनमें अत्यधिक क्रॉस-लिंक्ड या टेट्राहेड्रल (tetrahedral) समन्वय होता है, जिससे एक कठोर और सघन संरचना बनती है, जैसे कुछ पॉलिमर या जटिल कार्बनिक फ्रेमवर्क।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  11. हीरे को तराशने और पॉलिश करने के लिए किस प्रकार के उपकरणों का उपयोग किया जाता है?

    • (a) स्टील के ब्लेड
    • (b) हीरे के पाउडर या हीरे के ब्लेड
    • (c) सिरेमिक कटर
    • (d) केवल लेजर

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): “हीरे से हीरा कटता है” (Diamond cuts diamond) कहावत लागू होती है। किसी पदार्थ को काटने या आकार देने के लिए, काटने वाले पदार्थ की कठोरता काटने वाले पदार्थ से अधिक या उसके बराबर होनी चाहिए।

    व्याख्या (Explanation): चूंकि हीरा ज्ञात सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थों में से एक है, इसलिए इसे केवल दूसरे हीरे (हीरे के पाउडर या हीरे के ब्लेड के रूप में) का उपयोग करके ही प्रभावी ढंग से काटा और पॉलिश किया जा सकता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  12. हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) उच्च होने के कारण, यह प्रकाश को कैसे प्रतिक्रिया करता है?

    • (a) प्रकाश को अधिक मोड़ता है
    • (b) प्रकाश को कम मोड़ता है
    • (c) प्रकाश को अवशोषित करता है
    • (d) प्रकाश को विसरित करता है

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का अपवर्तनांक यह मापता है कि वह प्रकाश को कितना मोड़ता है (अपवर्तित करता है)। उच्च अपवर्तनांक का मतलब है कि प्रकाश उस माध्यम से गुजरते समय अधिक मुड़ता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) यह सुनिश्चित करता है कि जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह काफी मुड़ जाता है। यह गुण, फैलाव के साथ मिलकर, हीरे की चमक और “आग” में योगदान देता है, क्योंकि प्रकाश कई बार आंतरिक रूप से परावर्तित होता है और फिर बाहर निकलता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  13. हीरे की कठोरता का मापन मोह कठोरता पैमाने (Mohs hardness scale) पर क्या है?

    • (a) 3
    • (b) 7
    • (c) 10
    • (d) 5

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मोह कठोरता पैमाना खनिजों की सापेक्ष कठोरता को मापने के लिए एक गुणात्मक पैमाना है, जो इस आधार पर आधारित है कि कौन सा खनिज दूसरे को खरोंच सकता है।

    व्याख्या (Explanation): मोह पैमाने पर, हीरा 10 का कठोरता मान रखता है, जो इसे सबसे कठोर ज्ञात प्राकृतिक पदार्थ बनाता है। यह इंगित करता है कि हीरा मोह पैमाने पर किसी भी अन्य खनिज को खरोंच सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  14. हीरे की “आग” (fire) का क्या अर्थ है?

    • (a) हीरे की चमक
    • (b) हीरे का रंग
    • (c) सफेद प्रकाश का उसके घटक रंगों में बिखराव
    • (d) हीरे का उच्च अपवर्तनांक

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): “आग” (fire) या “फैलाव” (dispersion) वह ऑप्टिकल प्रभाव है जहां सफेद प्रकाश को उसके घटक रंगों (जैसे इंद्रधनुष) में अलग किया जाता है। यह विभिन्न तरंग दैर्ध्य के प्रकाश के लिए पदार्थ के अपवर्तनांक में भिन्नता के कारण होता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का फैलाव (लगभग 0.044) काफी अधिक है। जब प्रकाश हीरे के अंदर से गुजरता है, तो विभिन्न रंग अलग-अलग कोणों पर अपवर्तित होते हैं, जिससे सफेद प्रकाश का एक रंगीन प्रदर्शन होता है, जिसे हीरे की “आग” कहा जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  15. हीरे के सबसे आम अनुप्रयोगों में से एक क्या है?

    • (a) कांच काटना
    • (b) विद्युत प्रतिरोधक
    • (c) दंत सामग्री
    • (d) प्रकाशिकी लेंस

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे की असाधारण कठोरता इसे उन अनुप्रयोगों के लिए आदर्श बनाती है जहाँ घर्षण और अपघटन (abrasion) का प्रतिरोध महत्वपूर्ण है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का उपयोग लंबे समय से कांच काटने के औजारों में किया जाता रहा है। इसकी कठोरता कांच की सतह को आसानी से खरोंचने की अनुमति देती है, जिससे इसे सटीक रूप से काटा जा सकता है। जबकि हीरे के अन्य अनुप्रयोग भी हैं (जैसे अपघर्षक, इलेक्ट्रॉनिक्स में, और कुछ उच्च-प्रदर्शन वाले लेंस), कांच काटना सबसे प्रसिद्ध में से एक है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  16. कृत्रिम हीरे (synthetic diamonds) के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली एक सामान्य विधि कौन सी है?

    • (a) उच्च दाब, निम्न तापमान
    • (b) उच्च दाब, उच्च तापमान (HPHT)
    • (c) निम्न दाब, उच्च तापमान
    • (d) निम्न दाब, निम्न तापमान

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे बनाने की एक प्रमुख विधि उच्च दाब, उच्च तापमान (HPHT) प्रक्रिया है, जो प्राकृतिक हीरे के निर्माण की स्थितियों का अनुकरण करती है।

    व्याख्या (Explanation): HPHT विधि में, कार्बन स्रोत (जैसे ग्रेफाइट) को एक धातु उत्प्रेरक (जैसे निकल या लोहा) के साथ उच्च दाब (लगभग 5-6 GPa) और उच्च तापमान (1300-1600°C) पर एक छोटे हीरे के बीज क्रिस्टल के साथ रखा जाता है। ये स्थितियाँ कार्बन को पिघलने और बीज क्रिस्टल पर हीरे के रूप में क्रिस्टलीकृत होने की अनुमति देती हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  17. हीरे के क्रिस्टल संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु किस प्रकार के संकरण (hybridization) से गुजरता है?

    • (a) sp
    • (b) sp²
    • (c) sp³
    • (d) d²sp³

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): संकरण परमाणुओं के आणविक ऑर्बिटल्स का मिश्रण है जो सहसंयोजक बंध बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। sp³ संकरण में, एक s ऑर्बिटल और तीन p ऑर्बिटल्स मिलकर चार समतुल्य sp³ संकरित ऑर्बिटल्स बनाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से एकल सहसंयोजक बंध बनाता है। ये बंध चतुष्फलकीय (tetrahedral) रूप से उन्मुख होते हैं, जो sp³ संकरण की विशेषता है। यह sp³ संकरण हीरे की कठोर, त्रि-आयामी नेटवर्क संरचना के लिए मौलिक है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  18. कौन सा उपकरण हीरे की चमक को बढ़ा सकता है, जिससे वह अधिक “जीवित” दिखाई देता है?

    • (a) एक फ्रॉस्टेड लेंस
    • (b) पॉलिश और कट्स का सटीक संयोजन
    • (c) एक मैट फिनिश
    • (d) एक ही रंग का आभूषण

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे की चमक (brilliance), आग (fire) और झिलमिलाहट (scintillation) उसके कट्स (cuts) की गुणवत्ता से बहुत प्रभावित होती है। कट प्रकाश को भीतर से परावर्तित और अपवर्तित करने के तरीके को नियंत्रित करता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की कटाई एक कला है जो प्रकाश के खेल को अधिकतम करने के लिए डिज़ाइन की गई है। एक अच्छी तरह से काटा गया हीरा प्रकाश को कुशलतापूर्वक दर्शाता है और अपवर्तित करता है, जिससे उसकी चमक और “आग” बढ़ जाती है। अशुद्धियाँ या खराब पॉलिशिंग इसे मंद कर सकती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. हीरे की रासायनिक सूत्र क्या है?

    • (a) CO₂
    • (b) CH₄
    • (c) C
    • (d) SiC

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र एक यौगिक या तत्व में परमाणुओं की संख्या और प्रकार का प्रतिनिधित्व करता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक शुद्ध अपररूप है, जिसका अर्थ है कि यह केवल कार्बन परमाणुओं से बना है। इसलिए, इसका रासायनिक सूत्र केवल ‘C’ है, जो दर्शाता है कि यह एक मौलिक तत्व है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. कार्बन के किस अपररूप में परतदार संरचना होती है जो इसे स्नेहक (lubricant) के रूप में उपयोग करने की अनुमति देती है?

    • (a) हीरा
    • (b) ग्रेफाइट
    • (c) बकमिन्स्टरफुलरीन
    • (d) डायमंड नैनोट्यूब

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ग्रेफाइट में कार्बन परमाणुओं की षट्कोणीय परतें होती हैं जो कमजोर वान डेर वाल्स बलों से एक साथ बंधी होती हैं। ये परतें एक दूसरे पर आसानी से फिसल सकती हैं।

    व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट की परतदार प्रकृति इसे एक उत्कृष्ट स्नेहक बनाती है क्योंकि परतें आसानी से फिसल सकती हैं, जिससे सतहों के बीच घर्षण कम हो जाता है। यह गुण हीरे के विपरीत है, जो अपनी कठोरता और मजबूत बंधों के कारण स्नेहक के रूप में कार्य नहीं करता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. हीरे के कटाई और पॉलिशिंग की प्रक्रिया में, कट को किस आधार पर वर्गीकृत किया जाता है?

    • (a) वजन (कैरेट)
    • (b) रंग (Color)
    • (c) स्पष्टता (Clarity)
    • (d) कट की गुणवत्ता (Quality of Cut)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे के “4 Cs” – कट (Cut), रंग (Color), स्पष्टता (Clarity), और कैरेट (Carat) – में से, कट हीरे की चमक, आग और झिलमिलाहट पर सबसे अधिक प्रभाव डालता है।

    व्याख्या (Explanation): कटाई की गुणवत्ता को विभिन्न कट ग्रेड (जैसे उत्कृष्ट, बहुत अच्छा, अच्छा, खराब) में वर्गीकृत किया जाता है, जो यह दर्शाता है कि हीरे को कितनी अच्छी तरह से आकार दिया गया है ताकि प्रकाश को अधिकतम रूप से परावर्तित और अपवर्तित किया जा सके। हालांकि रंग, स्पष्टता और कैरेट वजन महत्वपूर्ण हैं, वे सीधे हीरे के “चमकने” को प्रभावित नहीं करते हैं जिस तरह से एक अच्छी कटाई करती है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  22. मानव शरीर पर कार्बन के किस अपररूप का प्रयोग चिकित्सा उपकरण में किया जा सकता है?

    • (a) हीरा
    • (b) ग्रेफाइट
    • (c) कार्बन फाइबर (Diamond-like carbon coatings)
    • (d) फुलरीन

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): “डायमंड-लाइक कार्बन” (DLC) कोटिंग्स में हीरे के समान रासायनिक और भौतिक गुण होते हैं, जैसे कि कठोरता और कम घर्षण, जो उन्हें बायो-कम्पैटिबल (biocompatible) बनाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): DLC कोटिंग्स का उपयोग विभिन्न चिकित्सा उपकरणों, जैसे कृत्रिम जोड़ों (जैसे हिप और घुटने के प्रत्यारोपण), सर्जिकल उपकरणों और दंत प्रत्यारोपण पर घर्षण को कम करने, पहनने के प्रतिरोध को बढ़ाने और बायो-कम्पैटिबिलिटी में सुधार करने के लिए किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  23. हीरे के चमकीलेपन (brilliance) के लिए कौन सी भौतिक घटना जिम्मेदार है?

    • (a) अपवर्तन (Refraction)
    • (b) परावर्तन (Reflection)
    • (c) प्रकीर्णन (Scattering)
    • (d) विवर्तन (Diffraction)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी वस्तु की चमक (brilliance) का तात्पर्य प्रकाश को वापस परावर्तित करने की क्षमता से है। हीरे की उच्च चमक इसके उच्च अपवर्तनांक और उत्कृष्ट पॉलिशिंग के कारण प्रकाश के आंतरिक परावर्तन से होती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में प्रवेश करने वाली रोशनी का एक बड़ा हिस्सा आंतरिक रूप से परावर्तित होता है, विशेष रूप से अच्छी तरह से काटे गए हीरे में। यह बार-बार होने वाला परावर्तन, उच्च अपवर्तनांक द्वारा सहायता प्राप्त, हीरे को उसकी विशिष्ट चमक प्रदान करता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  24. जैविक प्रणालियों में, “डायमंड” शब्द का उपयोग कभी-कभी किस संदर्भ में किया जाता है?

    • (a) रक्त में ऑक्सीजन परिवहन
    • (b) कोशिका झिल्ली की संरचना
    • (c) डीएनए (DNA) की दोहरी हेलिक्स संरचना
    • (d) प्रोटीन की त्रिविमीय तह

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): डीएनए की दोहरी हेलिक्स संरचना में, आधार जोड़े (base pairs) एक विशेष ज्यामितीय व्यवस्था में जुड़ते हैं, जिससे एक “डायमंड-नेट” (diamond-net) जैसी संरचना बन सकती है जब एक निश्चित तरीके से देखा जाता है।

    व्याख्या (Explanation): वैज्ञानिक अध्ययनों ने डीएनए की संरचना में नियमित अंतराल पर आधार जोड़ों के संरेखण का वर्णन करने के लिए “डायमंड-नेट” या “डायमंड-जैसे” संरचनाओं का उपयोग किया है। यह आणविक स्तर पर एक रूपात्मक तुलना है, न कि भौतिक हीरे का संदर्भ।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. हीरे के निर्माण में उत्प्रेरक (catalyst) के रूप में क्या कार्य करता है?

    • (a) पानी
    • (b) ऑक्सीजन
    • (c) पिघली हुई धातु
    • (d) अमोनिया

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): उच्च दाब, उच्च तापमान (HPHT) हीरे संश्लेषण में, एक पिघली हुई धातु (जैसे लोहा, निकल, या कोबाल्ट) उत्प्रेरक और विलायक दोनों के रूप में कार्य करती है, जो कार्बन को घोलने और हीरे के रूप में क्रिस्टलीकृत होने की सुविधा प्रदान करती है।

    व्याख्या (Explanation): धातु उत्प्रेरक कार्बन के लिए एक माध्यम प्रदान करता है, जिससे यह पिघल जाता है और फिर धीरे-धीरे क्रिस्टल के रूप में अवक्षेपित (precipitate) होता है। यह प्रक्रिया कार्बन को हीरे की विशिष्ट चतुष्फलकीय संरचना में व्यवस्थित होने में मदद करती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

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