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इतिहास का संग्राम: 25 प्रश्नों से करें अपने ज्ञान का मूल्यांकन!

इतिहास का संग्राम: 25 प्रश्नों से करें अपने ज्ञान का मूल्यांकन!

नमस्कार, युवा योद्धओं! इतिहास के विशाल महासागर में आज फिर से डुबकी लगाने का समय आ गया है। अपनी तैयारी के रथ को गति देने और अपने ज्ञान के शस्त्रागार को मजबूत करने के लिए तैयार हो जाइए। यह 25 प्रश्नों का महासंग्राम आपकी सूझ-बूझ और स्मरण शक्ति की अंतिम परीक्षा लेगा। आइए, समय के धागे बुनें और अपने विजय पथ को प्रशस्त करें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का बाग’ (Garden of Sindh) कहलाता था?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मोहनजोदड़ो को ‘सिंधु का बाग’ या ‘मृतकों का टीला’ (Mound of the Dead) भी कहा जाता है। यह सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख और विशालतम पुरातात्विक स्थल है।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ सिंधी भाषा में ‘मृतकों का टीला’ है, आधुनिक पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है। यहाँ विशाल स्नानागार, अन्नागार, पशुपति की मुहर, और कांस्य नर्तकी की मूर्ति जैसी महत्वपूर्ण खोजें हुई हैं। इसकी शहरी योजना और जल निकासी व्यवस्था अत्यंत उन्नत थी।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा पहला सिंधु स्थल था जिसे खोजा गया। लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था जहाँ गोदी (dockyard) मिली। कालीबंगन में अग्निकुंड के प्रमाण मिले हैं।

प्रश्न 2: जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर कौन थे?

  1. पार्श्वनाथ
  2. महावीर
  3. ऋषभनाथ
  4. नेमिनाथ

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ऋषभनाथ (जिन्हें आदिनाथ भी कहा जाता है) जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर थे।
  • संदर्भ और विस्तार: जैन धर्म के अनुसार, 24 तीर्थंकर हुए जिन्होंने समय-समय पर धर्म का उपदेश दिया। ऋषभनाथ को जैन धर्म का संस्थापक माना जाता है, जिन्होंने अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह के सिद्धांतों की शिक्षा दी।
  • गलत विकल्प: पार्श्वनाथ 23वें तीर्थंकर थे। महावीर 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे, जिन्होंने जैन धर्म को लोकप्रिय बनाया। नेमिनाथ 22वें तीर्थंकर थे।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा प्राचीन ग्रंथ वेदों का अंतिम भाग है?

  1. ब्राह्मण ग्रंथ
  2. आरण्यक
  3. उपनिषद
  4. सूत्र ग्रंथ

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: उपनिषद वेदों के अंतिम भाग हैं, जिन्हें ‘वेदांत’ भी कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: उपनिषद दार्शनिक विचारों का संकलन हैं जो आत्मा, परमात्मा, कर्म और मोक्ष जैसे विषयों पर प्रकाश डालते हैं। ये वैदिक साहित्य के उत्तरवर्ती काल में रचे गए और भारतीय दर्शन के आधार बने। ‘उपनिषद’ का शाब्दिक अर्थ है ‘गुरु के समीप बैठना’।
  • गलत विकल्प: ब्राह्मण ग्रंथ वेदों की व्याख्या करते हैं। आरण्यक ग्रंथ जंगलों में रहने वाले ऋषियों द्वारा रचे गए और इनमें दार्शनिक चिंतन अधिक है। सूत्र ग्रंथ वेदों के विभिन्न अंगों को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करते हैं।

प्रश्न 4: चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में ‘इंडिका’ नामक पुस्तक किसने लिखी?

  1. टॉलेमी
  2. मेगास्थनीज
  3. फाह्यान
  4. ह्वेन त्सांग

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मेगास्थनीज, जो सेल्यूकस प्रथम का राजदूत था, चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था और उसने ‘इंडिका’ नामक पुस्तक लिखी।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘इंडिका’ में मेगास्थनीज ने मौर्य साम्राज्य, उसकी प्रशासनिक व्यवस्था, समाज, संस्कृति और भौगोलिक स्थिति का विस्तृत वर्णन किया है। हालांकि मूल पुस्तक खो गई है, इसके अंश अन्य लेखकों के कार्यों में मिलते हैं, जो उस समय के भारत के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।
  • गलत विकल्प: टॉलेमी एक भूगोलवेत्ता था। फाह्यान और ह्वेन त्सांग चीनी यात्री थे जो क्रमशः गुप्त और वर्धन काल में भारत आए थे।

प्रश्न 5: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

  1. कला, साहित्य और विज्ञान की प्रगति के कारण
  2. विशाल साम्राज्य और कुशल प्रशासन के कारण
  3. लगातार युद्धों और विजयों के कारण
  4. विदेशों से व्यापार में भारी वृद्धि के कारण

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान और वास्तुकला में अभूतपूर्व प्रगति हुई।
  • संदर्भ और विस्तार: कालिदास जैसे महान कवियों, आर्यभट्ट जैसे खगोलविदों और गणितज्ञों, और गुप्तकालीन मूर्तिकला (जैसे सारनाथ की बुद्ध प्रतिमा) और वास्तुकला (जैसे अजंता की गुफाएं) इस काल की महान उपलब्धियां हैं।
  • गलत विकल्प: हालांकि गुप्तों का साम्राज्य विशाल था और प्रशासन कुशल था, यह प्रगति की तुलना में कम महत्वपूर्ण कारण है। लगातार युद्धों और विजयों का इस काल से सीधा संबंध कम है, और विदेशी व्यापार बढ़ा जरूर था, लेकिन यह ‘स्वर्ण युग’ कहने का मुख्य कारण नहीं है।

प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत की स्थापना का श्रेय किस वंश को जाता है?

  1. खिलजी वंश
  2. सैयद वंश
  3. गुलाम वंश
  4. लोदी वंश

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: दिल्ली सल्तनत की स्थापना का श्रेय गुलाम वंश को जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: 1206 ईस्वी में, मुहम्मद गोरी के एक तुर्क दास, कुतुबुद्दीन ऐबक ने गुलाम वंश की स्थापना की और दिल्ली सल्तनत का पहला सुल्तान बना। इसके बाद खिलजी, तुगलक, सैय्यद और लोदी वंशों ने शासन किया।
  • गलत विकल्प: खिलजी, सैय्यद और लोदी वंशों ने गुलाम वंश के बाद शासन किया।

प्रश्न 7: किस मुगल सम्राट ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नया धर्म चलाया?

  1. अकबर
  2. जहाँगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नया धर्म चलाया।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘दीन-ए-इलाही’ एक संश्लेषणवादी (syncretic) धर्म था जो विभिन्न धर्मों के तत्वों को मिलाकर बनाया गया था। इसका उद्देश्य विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच सद्भाव स्थापित करना था। यह धर्म बहुत अधिक लोकप्रिय नहीं हुआ और इसके अनुयायियों की संख्या बहुत कम थी।
  • गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने अपने-अपने शासनकालों में अपनी नीतियां अपनाईं, लेकिन किसी ने भी ‘दीन-ए-इलाही’ जैसा नया धर्म नहीं चलाया।

प्रश्न 8: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किस नदी के किनारे हुई थी?

  1. गोदावरी
  2. कृष्णा
  3. तुंगभद्रा
  4. कावेरी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना तुंगभद्रा नदी के किनारे हंपी में हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम नामक दो भाइयों ने की थी। यह दक्षिण भारत का एक शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य था जो लगभग 250 वर्षों तक चला। हंपी के खंडहर आज यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल हैं।
  • गलत विकल्प: गोदावरी, कृष्णा और कावेरी अन्य प्रमुख दक्षिण भारतीय नदियाँ हैं, लेकिन विजयनगर साम्राज्य का केंद्र तुंगभद्रा नदी के तट पर था।

प्रश्न 9: 1857 के विद्रोह को ‘सिपाही विद्रोह’ के साथ-साथ ‘राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम’ किसने कहा?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. सर जॉन लॉरेंस
  3. आर.सी. मजूमदार
  4. लॉर्ड कैनिंग

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कार्ल मार्क्स ने 1857 के विद्रोह को ‘सिपाही विद्रोह’ कहने के बजाय ‘भारतीय विद्रोह’ या ‘राष्ट्रीय विद्रोह’ कहा था।
  • संदर्भ और विस्तार: कार्ल मार्क्स, जो एक प्रसिद्ध दार्शनिक और समाजवादी विचारक थे, ने अपने लेखन में 1857 के विद्रोह को एक महत्वपूर्ण घटना माना और इसे भारतीय जनता के औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध एक संघर्ष के रूप में देखा।
  • गलत विकल्प: सर जॉन लॉरेंस और लॉर्ड कैनिंग ने इसे केवल ‘सिपाही विद्रोह’ माना। आर.सी. मजूमदार ने भी इसके राष्ट्रीय चरित्र पर संदेह व्यक्त किया था।

प्रश्न 10: बंगाल के पहले गवर्नर-जनरल कौन थे?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. वॉरन हेस्टिंग्स
  3. लॉर्ड कर्जन
  4. विलियम बेंटिक

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: वॉरन हेस्टिंग्स 1772 से 1785 तक बंगाल के पहले गवर्नर-जनरल थे।
  • संदर्भ और विस्तार: 1773 के रेग्युलेटिंग एक्ट द्वारा फोर्ट विलियम (कलकत्ता) के गवर्नर को बंगाल का गवर्नर-जनरल बनाया गया। वॉरन हेस्टिंग्स ने इस पद पर रहते हुए प्रशासनिक, न्यायिक और राजस्व सुधार लागू किए, जैसे कि द्वैध शासन का अंत और कंपनी की सेना का गठन।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया। विलियम बेंटिक भारत के पहले गवर्नर-जनरल थे (1833 के चार्टर एक्ट के बाद)।

प्रश्न 11: किस भारतीय समाज सुधारक को ‘भारत का मैकियावेली’ कहा जाता है?

  1. राजा राममोहन राय
  2. स्वामी विवेकानंद
  3. बाल गंगाधर तिलक
  4. गोपाल कृष्ण गोखले

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: गोपाल कृष्ण गोखले को अक्सर ‘भारत का मैकियावेली’ कहा जाता था, यह उपाधि उन्हें उनके राजनीतिक कौशल, दूरदर्शिता और अंग्रेजों के साथ व्यवहार करने की उनकी कूटनीतिक शैली के कारण दी गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: गोखले, महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु थे और उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे संवैधानिक तरीकों और राष्ट्रवाद के समर्थक थे। यह उपाधि उन्हें कभी-कभी विरोधियों द्वारा भी इस्तेमाल की जाती थी, लेकिन यह उनकी राजनीतिक क्षमता का ही संकेत था।
  • गलत विकल्प: राजा राममोहन राय ‘आधुनिक भारत के पिता’ कहलाते हैं। स्वामी विवेकानंद एक महान आध्यात्मिक नेता थे। बाल गंगाधर तिलक ‘गरम दल’ के नेता थे।

प्रश्न 12: खिलाफत आंदोलन का नेतृत्व किसने किया?

  1. महात्मा गांधी
  2. मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
  3. अली बंधु (मौलाना मोहम्मद अली और मौलाना शौकत अली)
  4. सरदार वल्लभभाई पटेल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: खिलाफत आंदोलन का नेतृत्व मुख्य रूप से अली बंधुओं, मौलाना मोहम्मद अली और मौलाना शौकत अली ने किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रथम विश्व युद्ध के बाद तुर्की के खलीफा के प्रति ब्रिटिश सरकार की नीति के विरोध में यह आंदोलन 1919 में शुरू हुआ। भारतीय मुसलमानों ने इस आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और महात्मा गांधी ने इसे असहयोग आंदोलन के साथ जोड़कर ब्रिटिश सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने आंदोलन का समर्थन किया, लेकिन नेतृत्व अली बंधुओं के हाथ में था। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भी प्रमुख नेता थे, लेकिन अली बंधुओं ने प्रत्यक्ष नेतृत्व किया। सरदार पटेल ने मुख्य रूप से स्वतंत्रता संग्राम के अन्य मोर्चों पर काम किया।

प्रश्न 13: ‘पूर्ण स्वराज्य’ का नारा कांग्रेस के किस अधिवेशन में अपनाया गया?

  1. कोलकाता अधिवेशन, 1928
  2. लाहौर अधिवेशन, 1929
  3. कराची अधिवेशन, 1931
  4. फैजपुर अधिवेशन, 1936

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ‘पूर्ण स्वराज्य’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का लक्ष्य कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में अपनाया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस अब डोमिनियन स्टेटस की मांग नहीं करेगी, बल्कि पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करेगी। 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज्य दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की गई।
  • गलत विकल्प: कोलकाता अधिवेशन (1928) में नेहरू रिपोर्ट पर विचार-विमर्श हुआ था। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीतियों का प्रस्ताव पारित हुआ। फैजपुर अधिवेशन (1936) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अधिवेशन था जो किसी गांव में आयोजित हुआ था।

प्रश्न 14: भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने कौन सा प्रसिद्ध नारा दिया?

  1. सत्याग्रह
  2. करो या मरो
  3. जय हिंद
  4. आराम हराम है

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ (Do or Die) का प्रसिद्ध नारा दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नारा ब्रिटिश शासन से भारत की तत्काल मुक्ति की भावना को दर्शाता है। गांधीजी ने लोगों से इस आंदोलन में अपने प्राणों की बाजी लगाने तक के लिए तैयार रहने का आह्वान किया था।
  • गलत विकल्प: ‘सत्याग्रह’ गांधीजी का एक सामान्य सिद्धांत था। ‘जय हिंद’ सुभाष चंद्र बोस से जुड़ा है। ‘आराम हराम है’ जवाहरलाल नेहरू का प्रसिद्ध कथन है।

प्रश्न 15: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?

  1. 1905-1910
  2. 1914-1918
  3. 1939-1945
  4. 1941-1945

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ और 11 नवंबर 1918 को समाप्त हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में केंद्रीय शक्तियां (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य) और मित्र राष्ट्र (फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, बाद में इटली और संयुक्त राज्य अमेरिका) शामिल थे। इसने दुनिया के राजनीतिक मानचित्र को बदल दिया और लाखों लोगों की जान ली।
  • गलत विकल्प: 1905-1910 का काल भारत में स्वदेशी आंदोलन से जुड़ा है। 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध का काल है।

प्रश्न 16: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का मुख्य नारा क्या था?

  1. शांति, शांति, शांति
  2. स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
  3. राष्ट्र प्रथम
  4. एक लोग, एक राष्ट्र, एक नेता

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति का मुख्य नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नारा फ्रांसीसी गणराज्य का आदर्श वाक्य बन गया और इसने क्रांति के प्रमुख सिद्धांतों को व्यक्त किया, जो राजाओं के निरंकुश शासन के विरुद्ध और नागरिकों के अधिकारों की स्थापना के लिए लड़ी गई थी।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प विभिन्न राजनीतिक आंदोलनों से जुड़े हो सकते हैं, लेकिन वे फ्रांसीसी क्रांति के मूल नारे नहीं थे।

प्रश्न 17: “जेल का जवाब पत्थर से नहीं, बल्कि ईंटों से दिया जाना चाहिए।” यह कथन किसका है?

  1. लाला लाजपत राय
  2. बाल गंगाधर तिलक
  3. भगत सिंह
  4. सुभाष चंद्र बोस

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: यह प्रसिद्ध कथन महान क्रांतिकारी भगत सिंह का है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह कथन भगत सिंह की उस विचारधारा को दर्शाता है जहाँ उन्होंने क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए केवल शारीरिक बल के बजाय वैचारिक और संगठनात्मक आधार को भी महत्वपूर्ण माना। वे अपने क्रांतिकारी कार्यों के माध्यम से जनता में चेतना फैलाना चाहते थे।
  • गलत विकल्प: लाला लाजपत राय और बाल गंगाधर तिलक भी क्रांतिकारी आंदोलनों से जुड़े थे, लेकिन यह विशेष कथन भगत सिंह के विचारों से मेल खाता है। सुभाष चंद्र बोस भी राष्ट्रवादी नेता थे।

प्रश्न 18: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई?

  1. 1885
  2. 1890
  3. 1905
  4. 1919

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना ए.ओ. ह्यूम, एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी, द्वारा की गई थी। कांग्रेस का पहला अधिवेशन मुंबई (तब बंबई) में व्योमेश चंद्र बनर्जी की अध्यक्षता में हुआ था। इसका उद्देश्य भारतीयों को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल करना और ब्रिटिश सरकार के सामने उनकी मांगों को रखना था।
  • गलत विकल्प: अन्य वर्ष महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़े हैं (जैसे 1905 स्वदेशी आंदोलन, 1919 जलियांवाला बाग हत्याकांड), लेकिन कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई थी।

प्रश्न 19: ‘हरिजन’ नामक समाचार पत्र का प्रकाशन किसने किया?

  1. डॉ. बी.आर. अंबेडकर
  2. महात्मा गांधी
  3. जवाहरलाल नेहरू
  4. सरदार वल्लभभाई पटेल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: महात्मा गांधी ने अस्पृश्यता (छुआछूत) के उन्मूलन के लिए ‘हरिजन’ नामक समाचार पत्र का प्रकाशन किया।
  • संदर्भ और विस्तार: गांधीजी दलितों को ‘हरिजन’ (ईश्वर के लोग) कहते थे। उन्होंने समाज में समानता और सामाजिक न्याय स्थापित करने के उद्देश्य से इस साप्ताहिक पत्रिका को 1932 में शुरू किया था। यह हिंदी, गुजराती और अंग्रेजी में प्रकाशित होती थी।
  • गलत विकल्प: डॉ. बी.आर. अंबेडकर दलितों के प्रमुख नेता थे और उन्होंने ‘मूक नायक’ और ‘बहिष्कृत भारत’ जैसे समाचार पत्र निकाले। नेहरू और पटेल भी प्रमुख कांग्रेसी नेता थे।

प्रश्न 20: वास्को-डा-गामा भारत कब आया?

  1. 1492
  2. 1498
  3. 1505
  4. 1510

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: पुर्तगाली नाविक वास्को-डा-गामा 1498 में कालीकट (वर्तमान कोझिकोड) के बंदरगाह पर पहुंचा।
  • संदर्भ और विस्तार: वास्को-डा-गामा ने भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज की, जिसने यूरोपीय व्यापार के लिए एक नया अध्याय खोला। वह जमोरिन नामक स्थानीय शासक से मिला। उसके आगमन ने भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों (पुर्तगाली, डच, अंग्रेज, फ्रांसीसी) के आगमन का मार्ग प्रशस्त किया।
  • गलत विकल्प: 1492 कोलंबस द्वारा अमेरिका की खोज का वर्ष है। 1505 में फ्रांसिस्को-डी-अलमेडा भारत में पहला पुर्तगाली वायसराय बनकर आया। 1510 में अल्बुकर्क ने गोवा जीता।

प्रश्न 21: ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) की नीति किसने शुरू की?

  1. लॉर्ड कॉर्नवालिस
  2. लॉर्ड वेलेजली
  3. लॉर्ड विलियम बेंटिक
  4. लॉर्ड डलहौजी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: सहायक संधि की नीति लॉर्ड वेलेजली ने शुरू की थी, जो 1798 से 1805 तक भारत के गवर्नर-जनरल रहे।
  • संदर्भ और विस्तार: इस नीति के तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेना भंग कर कंपनी की सेना को बनाए रखना होता था, कंपनी का एक निवासी (रेजिडेंट) उनके दरबार में रखना होता था, और वे किसी अन्य यूरोपीय शक्ति से संबंध नहीं रख सकते थे। बदले में, कंपनी उनकी बाहरी और आंतरिक सुरक्षा की गारंटी देती थी। हैदराबाद, मैसूर, तंजौर, अवध आदि रियासतों ने यह संधि स्वीकार की।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कॉर्नवालिस ने स्थायी बंदोबस्त लागू किया। लॉर्ड विलियम बेंटिक ने सती प्रथा का अंत किया। लॉर्ड डलहौजी की ‘व्यपगत का सिद्धांत’ प्रसिद्ध है।

प्रश्न 22: किस युद्ध के बाद भारत में ब्रिटिश प्रभुत्व का मार्ग प्रशस्त हुआ?

  1. प्लासी का युद्ध (1757)
  2. बक्सर का युद्ध (1764)
  3. पानीपत का प्रथम युद्ध (1526)
  4. पानीपत का तृतीय युद्ध (1761)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: बक्सर के युद्ध (1764) के बाद भारत में ब्रिटिश प्रभुत्व का मार्ग प्रशस्त हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: प्लासी के युद्ध (1757) ने बंगाल में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की राजनीतिक शक्ति की शुरुआत की, लेकिन बक्सर के युद्ध में कंपनी की सेनाओं ने अवध के नवाब, बंगाल के नवाब और मुगल सम्राट की संयुक्त सेनाओं को निर्णायक रूप से हराया। इस जीत के बाद, कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी अधिकार (राजस्व वसूलने का अधिकार) प्राप्त हुए, जिससे उनका प्रभुत्व और मजबूत हुआ।
  • गलत विकल्प: पानीपत के युद्ध मुगल साम्राज्य की स्थापना (प्रथम युद्ध) और पतन (तृतीय युद्ध) से जुड़े हैं।

प्रश्न 23: 1930 में ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय मजदूरों की भर्ती को हतोत्साहित करने के लिए पारित कानून का नाम क्या था?

  1. इंडियन लेबर एक्ट
  2. गिरमिटिया कानून
  3. श्रम कानून, 1930
  4. नियुक्त श्रमिक विनियमन अधिनियम

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 1930 में ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय मजदूरों की भर्ती को हतोत्साहित करने के लिए पारित कानून को ‘गिरमिटिया कानून’ या ‘इंडियन इमिग्रेशन एक्ट’ के नाम से जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस कानून ने औपचारिक रूप से ‘गिरमिटिया’ (Indentured Labour) प्रणाली को समाप्त कर दिया, जो प्रवासी भारतीय मजदूरों के शोषण का एक तरीका थी। हालांकि, इसका उद्देश्य श्रम की गतिशीलता को नियंत्रित करना और भारतीय मजदूरों को सीधे तौर पर आकर्षित होने से रोकना भी था। 1917 में चंपारण सत्याग्रह के कारण इस प्रणाली को पहले ही कमजोर कर दिया गया था।
  • गलत विकल्प: ‘गिरमिटिया कानून’ सबसे सटीक उत्तर है क्योंकि यह उस प्रणाली से सीधे जुड़ा है जिसे समाप्त किया गया या हतोत्साहित किया गया। अन्य विकल्प सामान्य कानूनी शब्द हैं।

प्रश्न 24: ‘संथाल विद्रोह’ का नेतृत्व किसने किया था?

  1. बिरसा मुंडा
  2. सिद्धू और कान्हू
  3. टंट्या भील
  4. रानी लक्ष्मीबाई

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: संथाल विद्रोह (1855-56) का नेतृत्व सिद्धू और कान्हू नामक दो संथाल भाइयों ने किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह विद्रोह तत्कालीन बिहार (अब झारखंड) और पश्चिम बंगाल के संथाल परगना क्षेत्र में हुआ था। संथालों ने ब्रिटिश सरकार, जमींदारों और साहूकारों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाई थी। सिद्धू और कान्हू को संथालों का मसीहा माना जाता है।
  • गलत विकल्प: बिरसा मुंडा ने ‘उलगुलान’ विद्रोह का नेतृत्व किया था। टंट्या भील भी एक आदिवासी नेता थे। रानी लक्ष्मीबाई 1857 के विद्रोह की प्रमुख नायिका थीं।

प्रश्न 25: ‘वांडीवाश का युद्ध’ (Battle of Wandiwash) किन यूरोपीय शक्तियों के बीच लड़ा गया था?

  1. अंग्रेज और पुर्तगाली
  2. अंग्रेज और डच
  3. फ्रांसीसी और डच
  4. फ्रांसीसी और अंग्रेज

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: वांडीवाश का युद्ध (1760) अंग्रेजों और फ्रांसीसियों के बीच लड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध कर्नाटक युद्धों की श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। इस युद्ध में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना को निर्णायक रूप से पराजित किया। इस हार के बाद, भारत में फ्रांस की राजनीतिक और सैन्य शक्ति लगभग समाप्त हो गई, और अंग्रेजों का प्रभुत्व स्थापित हुआ।
  • गलत विकल्प: पुर्तगाली और डच पहले ही भारत में अपनी शक्ति खो चुके थे जब यह युद्ध हुआ।

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