इतिहास के रणबाँकुरों: अपना ज्ञान परखें!
नमस्कार, भावी चैंपियंस! समय की धाराओं में गोता लगाने और इतिहास के पन्नों को पलटने के लिए तैयार हो जाइए। यह सिर्फ एक क्विज नहीं, बल्कि आपके ज्ञान की धार को पैना करने और परीक्षा के महासंग्राम के लिए आपको सुसज्जित करने का एक अनमोल अवसर है। आइए, देखें कि आप अतीत के कितने बड़े ज्ञाता हैं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल गुजरात में स्थित है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लोथल, जो खंभात की खाड़ी के पास भोगवा नदी पर स्थित है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख बंदरगाह शहर था और यह वर्तमान गुजरात राज्य में पाया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: लोथल को सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे दक्षिणी स्थलों में से एक माना जाता है। यह व्यापार, विशेष रूप से मोतियों और कीमती पत्थरों के निर्यात का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। यहाँ से एक विशाल गोदी (dockyard) के भी अवशेष मिले हैं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो वर्तमान पाकिस्तान में स्थित हैं, जबकि कालीबंगा राजस्थान में है।
प्रश्न 2: ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’ के लेखक कौन थे?
- तुलसीदास
- कालिदास
- बाणभट्ट
- हर्षवर्धन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: कालिदास, जिन्हें अक्सर भारत का शेक्सपियर कहा जाता है, गुप्त काल के एक महान संस्कृत कवि और नाटककार थे। ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’ उनकी सबसे प्रसिद्ध कृतियों में से एक है।
- संदर्भ और विस्तार: यह नाटक राजा दुष्यंत और शकुंतला की प्रेम कहानी पर आधारित है, जो भारतीय साहित्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। कालिदास की अन्य महत्वपूर्ण कृतियों में ‘मेघदूतम्’, ‘कुमारसंभवम्’ और ‘विक्रमोर्वशीयम्’ शामिल हैं।
- गलत विकल्प: तुलसीदास ‘रामचरितमानस’ के रचयिता थे, बाणभट्ट ‘हर्षचरित’ के लेखक थे, और हर्षवर्धन स्वयं एक कवि और नाटककार थे लेकिन ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’ उनकी रचना नहीं है।
प्रश्न 3: मौर्य साम्राज्य का संस्थापक कौन था?
- सम्राट अशोक
- बिन्दुसार
- चंद्रगुप्त मौर्य
- कनिष्क
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में नंद वंश के अंतिम शासक धनानंद को हराकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य (कौटिल्य) की सहायता से एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया, जो लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप तक फैला हुआ था। उनके शासनकाल में प्रशासन, अर्थव्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया।
- गलत विकल्प: सम्राट अशोक मौर्य वंश के महानतम शासकों में से थे, जिन्होंने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपना लिया था। बिन्दुसार चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र और उत्तराधिकारी थे। कनिष्क कुषाण वंश का शासक था।
प्रश्न 4: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक अलग विभाग की स्थापना की थी?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- अलाउद्दीन खिलजी
- फ़िरोज़ शाह तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: फ़िरोज़ शाह तुगलक (शासनकाल 1351-1388) ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक विभाग की स्थापना की थी, जो दास (गुलाम) रखने और उनके प्रबंधन के लिए समर्पित था।
- संदर्भ और विस्तार: इस विभाग का उद्देश्य बड़ी संख्या में गुलामों को कृषि, निर्माण और सैन्य सेवाओं में नियोजित करना था। फ़िरोज़ शाह तुगलक ने कई अन्य जनकल्याणकारी कार्यों के लिए भी विभाग स्थापित किए, जैसे ‘दीवान-ए-खैरात’ (दान विभाग) और ‘दार-उल-शफा’ (अस्पताल)।
- गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक ने गुलाम वंश की स्थापना की थी, इल्तुतमिश ने अपनी राजधानी लाहौर से दिल्ली स्थानांतरित की थी, और अलाउद्दीन खिलजी अपनी बाजार सुधार नीतियों के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 5: ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की परिषद किस साम्राज्य में थी?
- गुप्त साम्राज्य
- वर्धन साम्राज्य
- चालुक्य साम्राज्य
- मराठा साम्राज्य
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘अष्टप्रधान’ मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित आठ मंत्रियों की एक परिषद थी, जो शासन के विभिन्न पहलुओं की देखरेख करती थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस परिषद में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडित राव (धार्मिक मामलों के मंत्री), सेनापति (सैन्य कमांडर), न्यायाधीश (न्याय मंत्री) और मंत्री (शाही पत्र व्यवहार और रोजमर्रा के कार्यों के मंत्री) शामिल थे।
- गलत विकल्प: गुप्त और वर्धन साम्राज्य में भी मंत्री परिषदें थीं, लेकिन उन्हें ‘अष्टप्रधान’ नहीं कहा जाता था। चालुक्य साम्राज्य का अपना प्रशासनिक ढांचा था।
प्रश्न 6: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण क्या था?
- डलहौजी की ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse)
- भारतीयों के लिए ईसाई धर्म का प्रसार
- एनफील्ड राइफलों में सूअर और गाय की चर्बी से सने कारतूस
- ब्रिटिशों द्वारा भारतीय संस्कृति का अपमान
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1857 के विद्रोह का सबसे तात्कालिक कारण एनफील्ड राइफलों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नए कारतूस थे, जिनके बारे में ऐसी अफवाहें थीं कि वे सूअर की चर्बी (मुसलमानों के लिए वर्जित) और गाय की चर्बी (हिंदुओं के लिए पवित्र) से चिकनाई युक्त थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस अफवाह ने सिपाहियों में धार्मिक असंतोष पैदा कर दिया, क्योंकि कारतूस को दांतों से खींचना पड़ता था। मंगल पांडे नामक एक सिपाही ने इस कारतूस का इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया और अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर हमला कर दिया, जिसे विद्रोह की शुरुआत का एक अहम क्षण माना जाता है।
- गलत विकल्प: जबकि डलहौजी की नीतियां और भारतीयों के प्रति ब्रिटिशों का रवैया विद्रोह के व्यापक कारण थे, कारतूसों का मुद्दा तात्कालिक चिंगारी था।
प्रश्न 7: ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) प्रणाली किसने शुरू की थी?
- लॉर्ड कार्नवालिस
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लॉर्ड वेलेजली, जो 1798 से 1805 तक भारत के गवर्नर-जनरल थे, ने ‘सहायक संधि’ प्रणाली को व्यापक रूप से लागू किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संधि के तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेना को भंग करना पड़ता था और ब्रिटिश सेना को अपने राज्य में रखना पड़ता था, जिसका खर्च उन्हें वहन करना पड़ता था। बदले में, ब्रिटिश उनकी बाहरी आक्रमणों से रक्षा करते थे और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने का वादा करते थे (हालांकि यह वादे का अक्सर उल्लंघन होता था)। हैदराबाद, मैसूर, तंजौर और अवध जैसे राज्यों ने इस संधि को स्वीकार किया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कार्नवालिस ने स्थायी बंदोबस्त लागू किया था, लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत के सिद्धांत’ के लिए जाने जाते हैं, और लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा को प्रतिबंधित किया था।
प्रश्न 8: गदर पार्टी की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?
- 1913, कनाडा
- 1915, बर्लिन
- 1917, मास्को
- 1919, लंदन
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका (कनाडा की सीमा के करीब) में हुई थी, जिसका उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था।
- संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी के प्रमुख नेता लाला हरदयाल थे। गदर पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र प्रकाशित किया, जो लोगों में राष्ट्रीय भावना जगाने और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित करने का काम करता था।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प गलत वर्षों और स्थानों से संबंधित हैं, जहाँ उस समय स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित अन्य गतिविधियाँ हुई हों।
प्रश्न 9: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: समुद्रगुप्त, जो गुप्त शासक चंद्रगुप्त प्रथम का पुत्र था, को उसके विजय अभियानों के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त ने अपने शासनकाल में एक विशाल साम्राज्य का विस्तार किया और लगभग पूरे भारत को अपने अधीन किया। उसके दरबार कवि हरिसेन द्वारा रचित प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में उसकी विजयों का विस्तृत वर्णन है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का वास्तविक संस्थापक था, चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने अपनी राजधानी उज्जैन स्थानांतरित की और कला व साहित्य को संरक्षण दिया, और कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की।
प्रश्न 10: ‘स्वराज पार्टी’ की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू
- सरदार पटेल और राजेंद्र प्रसाद
- मोतीलाल नेहरू और चितरंजन दास
- लाला लाजपत राय और बाल गंगाधर तिलक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: स्वराज पार्टी की स्थापना 1923 में मोतीलाल नेहरू और चितरंजन दास (सी.आर. दास) ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: असहयोग आंदोलन (1920-22) की समाप्ति के बाद, कांग्रेस के भीतर एक नया मतभेद उत्पन्न हुआ। कुछ कांग्रेसी नेताओं का मानना था कि विधानमंडलों में प्रवेश करके सरकार के काम में बाधा डालनी चाहिए, जबकि अन्य असहयोग आंदोलन को जारी रखना चाहते थे। स्वराज पार्टी ने इसी विचार के साथ स्थापना की थी।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी, सरदार पटेल और राजेंद्र प्रसाद मुख्य रूप से कांग्रेस के अहिंसक प्रतिरोध पर जोर देते थे। लाला लाजपत राय और बाल गंगाधर तिलक ने भी स्वदेशी और राष्ट्रीय शिक्षा पर जोर दिया था, लेकिन स्वराज पार्टी की स्थापना में उनकी भूमिका प्रत्यक्ष नहीं थी।
प्रश्न 11: प्राचीन भारत में ‘नालंदा विश्वविद्यालय’ किसके संरक्षण में फला-फूला?
- मौर्य
- गुप्त
- कुषाण
- पल्लव
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: नालंदा विश्वविद्यालय, जो प्राचीन भारत के सबसे महान शिक्षण केंद्रों में से एक था, मुख्य रूप से गुप्त काल के शासकों के संरक्षण में फला-फूला।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि इसकी स्थापना गुप्त काल में हुई थी, लेकिन गुप्त शासकों, विशेषकर कुमारगुप्त प्रथम के संरक्षण ने इसे प्रारंभिक प्रोत्साहन दिया। बाद के शासकों, जैसे हर्षवर्धन ने भी इसे संरक्षण प्रदान किया। यह बौद्ध धर्म, दर्शन, खगोल विज्ञान, चिकित्सा और साहित्य का एक प्रमुख केंद्र था।
- गलत विकल्प: मौर्य, कुषाण और पल्लव काल में भी शिक्षा का महत्व था, लेकिन नालंदा विश्वविद्यालय विशेष रूप से गुप्त और वर्धन काल से जुड़ा है।
प्रश्न 12: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया था?
- स्वामी विवेकानंद
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राम मोहन राय
- ज्योतिबा फुले
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: स्वामी दयानंद सरस्वती, जो एक प्रमुख समाज सुधारक और ‘आर्य समाज’ के संस्थापक थे, ने ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसिद्ध नारा दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: उनका मानना था कि वेदों में सभी प्रकार के ज्ञान का स्रोत है और तत्कालीन समाज की बुराइयों का निवारण वेदों के सिद्धांतों को अपनाने से ही संभव है। उन्होंने मूर्ति पूजा, बहुदेववाद और कर्मकांडों का विरोध किया।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने ‘उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत’ का नारा दिया था। राजा राम मोहन राय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की और सती प्रथा के विरुद्ध आवाज उठाई। ज्योतिबा फुले ने दलितों और स्त्रियों के उत्थान के लिए कार्य किया।
प्रश्न 13: भारत में प्रथम पुर्तगाली गवर्नर कौन था?
- वास्को डी गामा
- पेड्रो अल्वारेस कैब्राल
- फ्रांसिस्को डी अल्मेडा
- नीनो डी कुन्हा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: फ्रांसिस्को डी अल्मेडा, जो 1505 में भारत में पुर्तगाली वायसराय बनकर आया, पहला पुर्तगाली गवर्नर था।
- संदर्भ और विस्तार: अल्मेडा ने ‘नीला जल नीति’ (Blue Water Policy) लागू की, जिसका उद्देश्य भारतीय महासागर पर पुर्तगाली प्रभुत्व स्थापित करना था। वास्को डी गामा पहला यूरोपीय था जिसने भारत के लिए समुद्री मार्ग खोजा था (1498), लेकिन वह गवर्नर नहीं था।
- गलत विकल्प: पेड्रो अल्वारेस कैब्राल ने ब्राजील की खोज की थी और बाद में भारत आया। नीनो डी कुन्हा ने अल्मेडा के बाद गवर्नर का पद संभाला और कोचीन से गोवा अपनी राजधानी स्थानांतरित की।
प्रश्न 14: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल सम्राट ने की थी?
- हुमायूँ
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहाँ
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की शुरुआत मुगल सम्राट अकबर ने 1582 में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक ऐसा धार्मिक विचार था जिसमें विभिन्न धर्मों के सिद्धांतों का मिश्रण था, जिसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना और सभी धर्मों के अनुयायियों को एक साथ लाना था। हालांकि, यह व्यापक रूप से स्वीकार नहीं किया गया और इसके अनुयायियों की संख्या बहुत कम थी।
- गलत विकल्प: हुमायूँ ने भारत में मुगल साम्राज्य को पुनः स्थापित किया। जहांगीर कला और चित्रकला का संरक्षक था, और शाहजहाँ अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है (जैसे ताजमहल)।
प्रश्न 15: भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) प्रणाली किसने लागू की?
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कार्नवालिस
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लॉर्ड कार्नवालिस ने 1793 में बंगाल, बिहार, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में ‘स्थायी बंदोबस्त’ लागू किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था के तहत, जमींदारों को भूमि का मालिक बनाया गया और उनसे यह अपेक्षा की गई कि वे सरकार को एक निश्चित राजस्व राशि का भुगतान करें। यह ब्रिटिशों की एक भू-राजस्व नीति थी जिसका उद्देश्य एक स्थिर राजस्व स्रोत सुनिश्चित करना और भारतीय समाज में एक रूढ़िवादी वर्ग का निर्माण करना था।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प क्रमशः सहायक संधि, व्यपगत का सिद्धांत और सामाजिक सुधारों से जुड़े हैं।
प्रश्न 16: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के लेखक कौन हैं?
- राजा राम मोहन राय
- स्वामी विवेकानंद
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो आर्य समाज के दर्शन और सिद्धांतों को स्पष्ट करती है।
- संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में वेदों के महत्व, तत्कालीन समाज की बुराइयों के प्रति उनका दृष्टिकोण और सुधार के उनके विचारों का वर्णन है। यह पुस्तक हिंदी भाषा में लिखी गई थी।
- गलत विकल्प: राजा राम मोहन राय ने ‘ब्रह्मवाद’ का प्रतिपादन किया, स्वामी विवेकानंद ने वेदांत दर्शन को पुनः प्रस्तुत किया, और ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह और स्त्री शिक्षा के लिए कार्य किया।
प्रश्न 17: चौरी-चौरा की घटना कब हुई थी, जिसके कारण असहयोग आंदोलन स्थगित कर दिया गया?
- 1920
- 1921
- 1922
- 1923
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: चौरी-चौरा की हिंसक घटना 5 फरवरी 1922 को गोरखपुर जिले, उत्तर प्रदेश में हुई थी, जिसके कारण महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस घटना में, गुस्साई भीड़ ने एक पुलिस थाने में आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे। गांधीजी, जो अहिंसा के प्रबल समर्थक थे, इस घटना से बहुत आहत हुए और उन्होंने देश भर में आंदोलन के हिंसक होने की आशंका के कारण आंदोलन को वापस ले लिया।
- गलत विकल्प: 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ था, 1921 में यह चरम पर था, और 1923 में स्वराज पार्टी का गठन हुआ।
प्रश्न 18: ‘कपास का उत्पादन’ किस काल की प्रमुख आर्थिक गतिविधि थी?
- वैदिक काल
- मौर्य काल
- गुप्त काल
- सिंधु घाटी सभ्यता
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: कपास का उत्पादन और उससे वस्त्र निर्माण सिंधु घाटी सभ्यता की एक प्रमुख आर्थिक गतिविधि थी।
- संदर्भ और विस्तार: सिंधु घाटी के लोग कपास उगाते थे और उससे सूती वस्त्र बनाते थे, जिनका व्यापार दूर-दूर तक होता था। मोहनजोदड़ो से प्राप्त टेराकोटा की मूर्तियां और खुदाई में मिले कपड़े के टुकड़े इस बात के प्रमाण हैं।
- गलत विकल्प: वैदिक काल में कृषि और पशुपालन महत्वपूर्ण थे, लेकिन कपास का उतना महत्व नहीं था। मौर्य और गुप्त काल में भी कृषि मुख्य थी, लेकिन कपास का उत्पादन सिंधु घाटी सभ्यता जितना प्रमुख नहीं था।
प्रश्न 19: किस मुगल सम्राट ने ‘जजिया’ कर को पुनः लागू किया था?
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मुगल सम्राट औरंगजेब ने 1679 में गैर-मुस्लिमों पर लगने वाले ‘जजिया’ कर को फिर से लागू किया था।
- संदर्भ और विस्तार: अकबर ने जजिया कर को समाप्त कर दिया था, लेकिन औरंगजेब ने इसे इस्लामिक कानून के तहत पुनः लागू किया। यह कदम मुगल साम्राज्य के भीतर हिंदुओं में असंतोष का कारण बना।
- गलत विकल्प: अकबर ने धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई थी और जजिया समाप्त कर दिया था। जहांगीर और शाहजहाँ के शासनकाल में इस कर को लेकर ऐसी कोई महत्वपूर्ण कार्रवाई नहीं हुई थी।
प्रश्न 20: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित हुआ?
- लाहौर अधिवेशन (1929)
- त्रिपुरी अधिवेशन (1939)
- रामगढ़ अधिवेशन (1940)
- बम्बई अधिवेशन (1942)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव 8 अगस्त 1942 को बम्बई (वर्तमान मुंबई) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी ने इस आंदोलन में ‘करो या मरो’ का नारा दिया था। इसका उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन को समाप्त करना और भारत को स्वतंत्रता दिलाना था।
- गलत विकल्प: लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की मांग की गई थी, त्रिपुरी अधिवेशन में सुभाष चंद्र बोस के अध्यक्ष चुने जाने पर मतभेद हुए थे, और रामगढ़ अधिवेशन में व्यक्तिगत सत्याग्रह का प्रस्ताव पारित हुआ था।
प्रश्न 21: फ्रांसीसी क्रांति का मूल नारा क्या था?
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- राष्ट्रवाद, समाजवाद, पंथनिरपेक्षता
- एक राष्ट्र, एक राजा, एक विश्वास
- मानव अधिकार, गणतंत्र, धर्मनिरपेक्षता
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का मूल नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था।
- संदर्भ और विस्तार: इस नारे ने क्रांति के मुख्य आदर्शों को व्यक्त किया, जिसमें लोगों की स्वतंत्रता, कानून के समक्ष समानता और आपस में भाईचारा शामिल था। इसने पूरे यूरोप और दुनिया भर में राष्ट्रवादी और लोकतांत्रिक आंदोलनों को प्रेरित किया।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं या शासन प्रणालियों से जुड़े हैं, लेकिन ये फ्रांसीसी क्रांति के विशिष्ट नारे नहीं थे।
प्रश्न 22: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना कब हुई थी?
- 1857
- 1885
- 1905
- 1919
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना ए.ओ. ह्यूम, एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी, द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य भारतीयों को एक मंच पर लाना और ब्रिटिश सरकार के साथ संवाद स्थापित करना था। इसके पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे।
- गलत विकल्प: 1857 क्रांति का वर्ष है, 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ था, और 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था।
प्रश्न 23: किस गुप्त शासक ने चांदी के सिक्के जारी किए थे जिन्हें ‘रूपक’ कहा जाता था?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने अपने शासनकाल में चांदी के सिक्के जारी किए थे, जिन्हें ‘रूपक’ कहा जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: इन सिक्कों पर चंद्रगुप्त द्वितीय का चित्र और ‘रूपक’ शब्द अंकित होता था। गुप्त काल में सोने के सिक्के (दीनार) भी जारी किए जाते थे, लेकिन चंद्रगुप्त द्वितीय के काल में चांदी के सिक्कों का प्रचलन भी महत्वपूर्ण था।
- गलत विकल्प: हालांकि अन्य गुप्त शासकों ने भी सिक्के जारी किए, चांदी के ‘रूपक’ विशेष रूप से चंद्रगुप्त द्वितीय से जुड़े हैं।
प्रश्न 24: ‘सती प्रथा’ का अंत किस गवर्नर-जनरल के कार्यकाल में हुआ?
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लॉर्ड विलियम बेंटिंक (1828-1835) के कार्यकाल में 1829 में राजा राम मोहन राय के प्रयासों से सती प्रथा को गैर-कानूनी घोषित किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: राजा राम मोहन राय ने इस कुप्रथा के विरुद्ध लम्बा संघर्ष किया था। बेंटिंक ने विनियमन XVII (Regulation XVII) पारित करके इसे प्रतिबंधित कर दिया, जो भारतीय समाज सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेजली सहायक संधि से, लॉर्ड डलहौजी व्यपगत सिद्धांत से, और लॉर्ड कैनिंग 1857 की क्रांति और उसके बाद के सुधारों से जुड़े हैं।
प्रश्न 25: ‘विश्व का इतिहास’ की एक महत्वपूर्ण घटना ‘औद्योगिक क्रांति’ किस देश से शुरू हुई?
- फ्रांस
- जर्मनी
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- ग्रेट ब्रिटेन
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: औद्योगिक क्रांति 18वीं शताब्दी के मध्य में ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड) में शुरू हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक ऐसा परिवर्तनकारी दौर था जिसमें हाथ से उत्पादन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं से मशीनों द्वारा संचालित बड़े पैमाने पर उत्पादन वाली अर्थव्यवस्थाओं में परिवर्तन हुआ। भाप इंजन, कताई जेनी और पावर लूम जैसे आविष्कारों ने वस्त्र उद्योग, खनन और परिवहन के क्षेत्रों में क्रांति ला दी।
- गलत विकल्प: अन्य देश भी औद्योगिक विकास के महत्वपूर्ण केंद्र बने, लेकिन क्रांति का प्रारंभिक उद्भव ग्रेट ब्रिटेन में ही हुआ था।