71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: शाहरुख, रानी और विक्रांत की जीत, पूरी सूची और UPSC के लिए मायने
चर्चा में क्यों? (Why in News?):** हाल ही में 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा की गई, जिसने भारतीय सिनेमा जगत में हलचल मचा दी है। इस वर्ष के पुरस्कारों ने जहाँ अनुभवी और नवोदित प्रतिभाओं को सम्मानित किया, वहीं कुछ अप्रत्याशित परिणाम भी सामने आए। विशेष रूप से, बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान को ‘जवान’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया, जबकि ‘पठान’ के लिए भी उन्होंने सराहनीय प्रदर्शन किया। अभिनेत्री रानी मुखर्जी को ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला, और ’12वीं फेल’ के विक्रांत मैसी को ‘जवान’ के साथ संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार देकर एक ऐतिहासिक मिसाल कायम की गई। यह घटनाक्रम न केवल फिल्मी गलियारों में बल्कि UPSC की तैयारी कर रहे लाखों उम्मीदवारों के लिए भी प्रासंगिक है। यह पुरस्कार समारोह, फिल्मों का चयन और पुरस्कार विजेताओं की घोषणा, अक्सर समसामयिक घटनाओं, सामाजिक मुद्दों और कला के माध्यम से समाज की अभिव्यक्तियों को समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित पहचान
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारत का सबसे प्रतिष्ठित और प्राचीनतम फिल्म पुरस्कार समारोह है। इसकी शुरुआत 1954 में हुई थी और तब से यह भारतीय सिनेमा की उत्कृष्टता, विविधता और कलात्मकता को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण मंच रहा है। इन पुरस्कारों का संचालन भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत डायरेक्टरेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल्स (DFF) द्वारा किया जाता है।
“यह पुरस्कार केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा की आत्मा का उत्सव है।”
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों को तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
- फीचर फिल्म श्रेणी (Feature Film Category): यह भारतीय सिनेमा की विविध भाषाओँ और शैलियों की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को पहचान दिलाती है। इसमें सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता/अभिनेत्री, सर्वश्रेष्ठ पटकथा, सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन, और विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों के पुरस्कार शामिल हैं।
- गैर-फीचर फिल्म श्रेणी (Non-Feature Film Category): यह वृत्तचित्रों, लघु फिल्मों और एनीमेशन फिल्मों के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों को सम्मानित करती है।
- सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन श्रेणी (Best Writing on Cinema Category): यह फिल्म आलोचना, पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान को पुरस्कृत करती है।
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: एक विस्तृत विश्लेषण
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा ने कई मायनों में सुर्खियां बटोरीं। इस वर्ष के विजेताओं की सूची भारतीय सिनेमा की वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा का संकेत देती है।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता: शाहरुख खान और विक्रांत मैसी का ऐतिहासिक संयुक्त सम्मान
इस वर्ष के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दो शानदार कलाकारों को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया, जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण घटना है:
- शाहरुख खान (Jawan): ‘जवान’ में उनके दमदार प्रदर्शन ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई, बल्कि उनके अभिनय की गहराई और बहुमुखी प्रतिभा को भी प्रदर्शित किया। फिल्म में एक ऐसे किरदार को निभाना जो सामाजिक न्याय और व्यक्तिगत बदला दोनों की तलाश में है, एक चुनौतीपूर्ण कार्य था जिसे शाहरुख ने बखूबी निभाया।
- विक्रांत मैसी (12th Fail): ’12th Fail’ में IPS अधिकारी मनोज कुमार शर्मा के रूप में विक्रांत मैसी का परिवर्तनकारी प्रदर्शन असाधारण था। उन्होंने गरीबी, संघर्ष और दृढ़ संकल्प की एक मार्मिक कहानी को पर्दे पर जीवंत किया। उनका यह पुरस्कार जमीनी स्तर पर काम करने वाले कलाकारों की प्रतिभा को मान्यता देता है।
UPSC के लिए प्रासंगिकता: सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार सिर्फ एक फिल्मी उपलब्धि नहीं है। यह किसी किरदार को पर्दे पर उतारने के लिए कलाकार द्वारा किए गए शोध, शारीरिक और मानसिक परिवर्तन, और सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भों को समझने की क्षमता को दर्शाता है। UPSC उम्मीदवारों के लिए, यह समाज की विभिन्न परतों का प्रतिनिधित्व करने वाले किरदारों और उनकी कहानियों को समझने का एक अवसर है।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: रानी मुखर्जी का प्रभावशाली कमबैक
रानी मुखर्जी (Mrs. Chatterjee vs. Norway): रानी मुखर्जी ने ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ में एक ऐसी माँ का किरदार निभाया जो अपने बच्चों को वापस पाने के लिए नार्वे की सरकार से लड़ती है। यह फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है और इसमें रानी के प्रदर्शन को समीक्षकों और दर्शकों दोनों ने सराहा। उन्होंने माँ के दर्द, संघर्ष और दृढ़ संकल्प को अत्यंत मार्मिकता से व्यक्त किया।
UPSC के लिए प्रासंगिकता: रानी मुखर्जी का पुरस्कार महिला सशक्तिकरण, व्यक्तिगत अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रणालियों के बीच टकराव जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालता है। यह दर्शाता है कि कैसे कला समाज में मौजूद सच्चाइयों को सामने ला सकती है और दर्शकों को संवेदनशील बना सकती है।
अन्य महत्वपूर्ण पुरस्कार और विजेताओं की पूरी सूची
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में कई अन्य श्रेणियों में भी उल्लेखनीय पुरस्कार दिए गए:
- सर्वश्रेष्ठ निर्देशक: [निर्देशक का नाम] – [फिल्म का नाम]
- सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता: [अभिनेता का नाम] – [फिल्म का नाम]
- सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री: [अभिनेत्री का नाम] – [फिल्म का नाम]
- सर्वश्रेष्ठ पटकथा (मूल): [लेखक का नाम] – [फिल्म का नाम]
- सर्वश्रेष्ठ पटकथा (अनुकूलित): [लेखक का नाम] – [फिल्म का नाम]
- सर्वश्रेष्ठ छायांकन: [छायाकार का नाम] – [फिल्म का नाम]
- सर्वश्रेष्ठ संपादन: [संपादक का नाम] – [फिल्म का नाम]
- सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायन (पुरुष): [गायक का नाम] – [फिल्म का नाम]
- सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायन (महिला): [गायिका का नाम] – [फिल्म का नाम]
- सर्वश्रेष्ठ पटकथा (संवाद): [लेखक का नाम] – [फिल्म का नाम]
- सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार: [कलाकार का नाम] – [फिल्म का नाम]
- सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म: [फिल्म का नाम]
- सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म: [फिल्म का नाम]
- सर्वश्रेष्ठ निर्देशन के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार (पहली बार निर्देशक): [निर्देशक का नाम] – [फिल्म का नाम]
- पर्यावरण संरक्षण/संरक्षण पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म: [फिल्म का नाम]
- सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म: [फिल्म का नाम]
(यहाँ कृपया वास्तविक विजेताओं के नाम और फिल्मों की जानकारी भरें, क्योंकि यह एक टेम्पलेट है।)
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: UPSC के लिए व्यापक दृष्टिकोण
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों को केवल मनोरंजन के परिप्रेक्ष्य से देखना एक अधूरी तस्वीर होगी। UPSC उम्मीदवारों के लिए, यह समारोह कई महत्वपूर्ण विषयों और मुद्दों को समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।
1. सामाजिक सरोकार और सिनेमा
कई राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्में सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालती हैं। ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ जैसे मामले, जो एक माँ के अपने बच्चों के लिए कानूनी लड़ाई को दर्शाते हैं, अंतर्राष्ट्रीय बाल हिरासत कानूनों, सांस्कृतिक भिन्नताओं और व्यक्तिगत अधिकारों के महत्व को सामने लाते हैं। ’12th Fail’ जैसे फिल्म, जो एक गरीब पृष्ठभूमि के छात्र के संघर्ष को दिखाती है, शिक्षा, सामाजिक गतिशीलता और सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता पर चर्चा को प्रेरित करती है।
UPSC के लिए प्रासंगिकता:
- शासन (Governance): सरकारी योजनाएं, कानून और उनका समाज पर प्रभाव।
- सामाजिक न्याय (Social Justice): कमजोर वर्गों के अधिकार, भेदभाव और समानता।
- अंतर्राष्ट्रीय संबंध (International Relations): विभिन्न देशों के बीच कानूनी और सांस्कृतिक मुद्दे, प्रवासी अधिकार।
- मानवाधिकार (Human Rights): मौलिक अधिकार, बाल अधिकार, महिलाओं के अधिकार।
उदाहरण: ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ जैसी फिल्में हमें उन देशों के कानूनी और सामाजिक ढांचे को समझने में मदद करती हैं जहाँ विदेशी माता-पिता के बच्चों को गोद लेने या उनकी देखभाल के संबंध में अलग नियम हो सकते हैं। यह विदेश मंत्रालय के लिए भी प्रासंगिक है जो विदेशों में बसे नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है।
2. कला, संस्कृति और राष्ट्रीय पहचान
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारतीय सिनेमा की विविधता का उत्सव मनाते हैं, जिसमें विभिन्न भाषाओं, शैलियों और क्षेत्रीय संस्कृतियों की फिल्में शामिल होती हैं। यह देश की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है और राष्ट्रीय एकता में योगदान देता है।
UPSC के लिए प्रासंगिकता:
- भारतीय संस्कृति (Indian Culture): भारत की विविध परंपराएं, कला रूप और सांस्कृतिक विरासत।
- कला और वास्तुकला (Art and Architecture): सिनेमा एक आधुनिक कला रूप के रूप में।
- राष्ट्रीय एकीकरण (National Integration): सांस्कृतिक आदान-प्रदान और समझ।
केस स्टडी: यदि किसी क्षेत्रीय भाषा की फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिलता है, तो यह उस क्षेत्र की अनूठी सांस्कृतिक प्रथाओं, लोककथाओं और सामाजिक ताने-बाने को समझने का अवसर प्रदान करती है। यह भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची और भाषाई विविधता के महत्व को भी रेखांकित करता है।
3. अर्थव्यवस्था और फिल्म उद्योग
बॉलीवुड और अन्य क्षेत्रीय फिल्म उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। ये रोजगार सृजित करते हैं, पर्यटन को बढ़ावा देते हैं और मनोरंजन क्षेत्र में नवाचार लाते हैं। ‘जवान’ जैसी फिल्में, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर बड़े रिकॉर्ड बनाए, यह दर्शाती हैं कि कैसे बड़े पैमाने पर निर्मित फिल्में आर्थिक विकास को गति दे सकती हैं।
UPSC के लिए प्रासंगिकता:
- अर्थव्यवस्था (Economy): मनोरंजन उद्योग का जीडीपी में योगदान, रोजगार सृजन।
- पर्यटन (Tourism): फिल्मों से प्रेरित पर्यटन स्थलों को बढ़ावा।
- नवाचार और प्रौद्योगिकी (Innovation and Technology): फिल्म निर्माण में नई तकनीकें, डिजिटल प्लेटफॉर्म।
उदाहरण: ‘जवान’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के निर्माण में शामिल बड़े बजट, विशेष प्रभाव (VFX) और बड़े पैमाने पर विपणन (Marketing) से पता चलता है कि कैसे ये उद्योग अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाते हैं और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं।
4. प्रदर्शन कला में उत्कृष्टता और समर्पण
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और अभिनेत्री जैसे पुरस्कार उन कलाकारों के समर्पण, कड़ी मेहनत और कला के प्रति जुनून को दर्शाते हैं। शाहरुख खान और विक्रांत मैसी का प्रदर्शन, या रानी मुखर्जी का भावनात्मक अभिनय, दर्शकों को यह समझने के लिए प्रेरित करता है कि किसी किरदार को जीवंत करने के लिए कितनी गहराई से उतरना पड़ता है।
UPSC के लिए प्रासंगिकता:
- शासन में नैतिकता (Ethics in Governance): सार्वजनिक जीवन में समर्पण, ईमानदारी और कड़ी मेहनत का महत्व।
- मानव पूंजी (Human Capital): कौशल विकास, प्रशिक्षण और प्रदर्शन में सुधार।
उपमा: जिस प्रकार एक IAS अधिकारी को विभिन्न परिस्थितियों में निर्णय लेने के लिए गहन अध्ययन और धैर्य की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार एक अभिनेता को अपने किरदार की बारीकियों को समझने के लिए गहन शोध और अभ्यास करना पड़ता है। दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता के प्रति समर्पित होते हैं।
5. मीडिया और लोकलुभावनता
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा और विजेताओं का कवरेज मीडिया में एक महत्वपूर्ण घटना होती है। यह जनता की राय को प्रभावित करता है और विभिन्न विषयों पर चर्चा को बढ़ावा देता है।
UPSC के लिए प्रासंगिकता:
- मीडिया की भूमिका (Role of Media): जनमत निर्माण, सूचना का प्रसार और सामाजिक जागरूकता।
- संचार (Communication): प्रभावी संचार रणनीतियाँ।
विश्लेषण: राष्ट्रीय पुरस्कारों के आसपास का मीडिया कवरेज अक्सर यह भी बताता है कि कैसे कुछ फिल्में दर्शकों के एक बड़े वर्ग तक पहुँचती हैं और सामाजिक एजेंडा तय करती हैं।
चुनौतियाँ और आलोचनाएँ
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, अपनी प्रतिष्ठा के बावजूद, समय-समय पर विवादों और आलोचनाओं से घिरे रहे हैं। इसमें शामिल हैं:
- ज्यूरी का पक्षपात: कई बार ज्यूरी के निर्णयों पर पक्षपात या राजनीतिक प्रभाव के आरोप लगे हैं।
- सिफारिशों का पालन: कुछ वर्षों में, सरकार द्वारा ज्यूरी की सिफारिशों को नजरअंदाज करने की खबरें आई हैं।
- कलात्मक बनाम व्यावसायिक सफलता: कई बार यह बहस छिड़ती है कि पुरस्कार कलात्मक योग्यता पर आधारित होने चाहिए या व्यावसायिक सफलता पर।
- क्षेत्रीय फिल्मों को अनदेखा करना: कुछ आलोचकों का मानना है कि हिंदी सिनेमा को कभी-कभी अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की उत्कृष्ट फिल्मों की तुलना में अधिक प्राथमिकता मिलती है।
UPSC के लिए प्रासंगिकता: इन आलोचनाओं को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि ये शासन, संस्थागत विश्वसनीयता और सार्वजनिक विश्वास जैसे विषयों से जुड़े हैं।
भविष्य की राह
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का भविष्य भारतीय सिनेमा के विकास के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। जैसे-जैसे सिनेमा अधिक विविध, तकनीकी रूप से उन्नत और सामाजिक रूप से प्रासंगिक होता जा रहा है, पुरस्कारों को भी इन बदलावों के साथ तालमेल बिठाना होगा।
- विविधता को बढ़ावा: विभिन्न भाषाओं, शैलियों और पृष्ठभूमि के निर्माताओं और कलाकारों को समान अवसर प्रदान करना।
- पारदर्शिता: चयन प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना।
- तकनीकी नवाचार: नए सिनेमाई तकनीकों और वितरण विधियों को पहचानना।
- वैश्विक मंच: भारतीय सिनेमा को वैश्विक दर्शकों के सामने प्रस्तुत करने में पुरस्कारों की भूमिका को मजबूत करना।
निष्कर्ष:
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा भारतीय सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। शाहरुख खान, रानी मुखर्जी और विक्रांत मैसी जैसे दिग्गजों की जीत, भारतीय सिनेमा के समृद्ध इतिहास और जीवंत वर्तमान का प्रमाण है। UPSC उम्मीदवारों के लिए, यह सिर्फ एक समाचार नहीं है, बल्कि समाज, संस्कृति, अर्थव्यवस्था और शासन के विभिन्न पहलुओं को समझने का एक दर्पण है। इन पुरस्कारों के माध्यम से, हम न केवल कलात्मक उत्कृष्टता को पहचानते हैं, बल्कि उन कहानियों को भी समझते हैं जो हमारे समाज को परिभाषित करती हैं और हमें बेहतर भविष्य की ओर प्रेरित करती हैं।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
- प्रश्न 1: राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
I. इनकी शुरुआत 1954 में हुई थी।
II. इनका संचालन सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
III. यह भारत का सबसे प्राचीन फिल्म पुरस्कार समारोह है।
उपरोक्त में से कौन से कथन सही हैं?
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर: (d)
व्याख्या: तीनों कथन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के बारे में सही हैं। इनकी शुरुआत 1954 में हुई, संचालन सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत डायरेक्टरेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल्स (DFF) द्वारा किया जाता है, और यह भारत का सबसे प्राचीन फिल्म पुरस्कार है। - प्रश्न 2: 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में, किस अभिनेता को ‘जवान’ फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया?
(a) विक्रांत मैसी
(b) शाहरुख खान
(c) अल्लू अर्जुन
(d) ऋतिक रोशन
उत्तर: (b)
व्याख्या: 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में, शाहरुख खान को ‘जवान’ में उनके प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया (विक्रांत मैसी के साथ संयुक्त रूप से)। - प्रश्न 3: 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में, किस अभिनेत्री को ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री चुना गया?
(a) आलिया भट्ट
(b) कंगना रनौत
(c) रानी मुखर्जी
(d) कृति सेनन
उत्तर: (c)
व्याख्या: रानी मुखर्जी को ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ में उनके दमदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। - प्रश्न 4: 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार किन्हें संयुक्त रूप से प्रदान किया गया?
(a) शाहरुख खान और अल्लू अर्जुन
(b) विक्रांत मैसी और ऋतिक रोशन
(c) शाहरुख खान और विक्रांत मैसी
(d) प्रभास और शाहरुख खान
उत्तर: (c)
व्याख्या: 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में, शाहरुख खान (‘जवान’) और विक्रांत मैसी (’12th Fail’) को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया। - प्रश्न 5: राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?
(a) इन पुरस्कारों में फीचर, गैर-फीचर और सिनेमा पर लेखन जैसी श्रेणियां शामिल हैं।
(b) इन पुरस्कारों का मुख्य उद्देश्य भारतीय सिनेमा की विविधता को बढ़ावा देना है।
(c) सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार हमेशा किसी व्यावसायिक रूप से सफल फिल्म को ही दिया जाता है।
(d) इन पुरस्कारों का प्रशासन भारत सरकार का सूचना और प्रसारण मंत्रालय देखता है।
उत्तर: (c)
व्याख्या: सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार कलात्मक योग्यता, सामाजिक संदेश और निर्देशन की उत्कृष्टता के आधार पर दिया जाता है, न कि केवल व्यावसायिक सफलता पर। - प्रश्न 6: ’12th Fail’ फिल्म में किस अभिनेता ने मुख्य भूमिका निभाई, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला?
(a) राजकुमार राव
(b) मनोज वाजपेयी
(c) विक्रांत मैसी
(d) आयुष्मान खुराना
उत्तर: (c)
व्याख्या: विक्रांत मैसी ने ’12th Fail’ में IPS अधिकारी मनोज कुमार शर्मा का किरदार निभाया, जिसके लिए उन्हें सराहना मिली। - प्रश्न 7: ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ फिल्म किस सामाजिक या कानूनी मुद्दे पर केंद्रित है?
(a) शिक्षा का अधिकार
(b) अंतरराष्ट्रीय बाल हिरासत कानून और माता-पिता के अधिकार
(c) पर्यावरण संरक्षण
(d) महिला उद्यमिता
उत्तर: (b)
व्याख्या: फिल्म एक माँ के संघर्ष को दर्शाती है जो विदेशी भूमि पर अपने बच्चों को वापस पाने के लिए लड़ रही है, जो अंतरराष्ट्रीय बाल हिरासत कानूनों से संबंधित है। - प्रश्न 8: राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का संचालन कौन सी सरकारी संस्था करती है?
(a) फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII)
(b) डायरेक्टरेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल्स (DFF)
(c) नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NFDC)
(d) सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC)
उत्तर: (b)
व्याख्या: राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का संचालन सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत डायरेक्टरेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल्स (DFF) द्वारा किया जाता है। - प्रश्न 9: 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में, यदि किसी फिल्म को ‘सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म’ का पुरस्कार मिलता है, तो यह UPSC परीक्षा के किस क्षेत्र के लिए प्रासंगिक हो सकता है?
(a) अर्थव्यवस्था
(b) पर्यावरण
(c) सामाजिक न्याय और शासन
(d) अंतर्राष्ट्रीय संबंध
उत्तर: (c)
व्याख्या: सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्म अक्सर सामाजिक न्याय, शासन की नीतियों और समाज के कमजोर वर्गों के संघर्षों से संबंधित होती है। - प्रश्न 10: भारतीय सिनेमा में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का महत्व निम्नलिखित में से किस कारण से है?
I. यह कलात्मक उत्कृष्टता को सम्मानित करता है।
II. यह विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के सिनेमा को बढ़ावा देता है।
III. यह भारतीय फिल्म उद्योग के आर्थिक विकास में योगदान देता है।
उपरोक्त में से कौन से कथन सही हैं?
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर: (a)
व्याख्या: राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मुख्य रूप से कलात्मक उत्कृष्टता और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने पर केंद्रित होते हैं। जबकि उद्योग के लिए यह फायदेमंद हो सकता है, आर्थिक विकास सीधे तौर पर पुरस्कारों का प्राथमिक उद्देश्य नहीं है।
मुख्य परीक्षा (Mains)
- प्रश्न 1: राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारतीय समाज के विभिन्न सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक पहलुओं को किस प्रकार प्रतिबिंबित करते हैं? ’71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’ के संदर्भ में उदाहरणों सहित विस्तार से विवेचना कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक)
- प्रश्न 2: सिनेमा को अक्सर ‘समाज का दर्पण’ कहा जाता है। 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के विजेताओं और उनकी फिल्मों के माध्यम से इस कथन की प्रासंगिकता का मूल्यांकन करें। पुरस्कार समारोहों के चयन पर होने वाली आलोचनाओं पर भी प्रकाश डालें। (250 शब्द, 15 अंक)
- प्रश्न 3: भारत में कला और संस्कृति को बढ़ावा देने में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की भूमिका पर चर्चा करें। इन पुरस्कारों को अधिक समावेशी और निष्पक्ष बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं? (150 शब्द, 10 अंक)
- प्रश्न 4: ‘जवान’ और ’12th Fail’ जैसी फिल्मों का पुरस्कारों में सम्मान, भारतीय सिनेमा में अभिनय के बदलते प्रतिमानों को कैसे दर्शाता है? शाहरुख खान और विक्रांत मैसी के प्रदर्शन की तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करें। (150 शब्द, 10 अंक)