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अर्थव्यवस्था और जीवनशैली में आज से बड़े बदलाव: UPI, LPG और सरकारी नियमों का आपका पूर्ण विश्लेषण

अर्थव्यवस्था और जीवनशैली में आज से बड़े बदलाव: UPI, LPG और सरकारी नियमों का आपका पूर्ण विश्लेषण

चर्चा में क्यों? (Why in News?):**
भारत सरकार द्वारा अक्सर समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की जाती है, जो आम आदमी के दैनिक जीवन, अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणालियों को सीधे प्रभावित करते हैं। जब ऐसे बदलाव एक साथ कई प्रमुख क्षेत्रों, जैसे डिजिटल भुगतान (UPI), ऊर्जा (LPG), या उपभोक्ता अधिकारों को छूते हैं, तो वे राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन जाते हैं। हाल ही में, विभिन्न सरकारी पोर्टलों और विश्वसनीय समाचार स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ऐसे कई नियम और नीतियां हैं जो आगामी दिनों या विशेष रूप से किसी एक तारीख से प्रभावी होने वाली हैं। यह ब्लॉग पोस्ट उन सभी महत्वपूर्ण परिवर्तनों पर गहराई से प्रकाश डालता है जो आज से लागू हो रहे हैं, ताकि आप अपनी वित्तीय योजना और दैनिक दिनचर्या को बेहतर ढंग से व्यवस्थित कर सकें। हम UPI भुगतान, LPG गैस की कीमतों, और अन्य संबंधित सरकारी नियमों पर विस्तृत चर्चा करेंगे, जो आपकी जेब और जीवनशैली पर सीधा प्रभाव डाल सकते हैं।

आज से क्या-क्या बदलेगा? एक विस्तृत अवलोकन

हर महीने की पहली तारीख भारतीय अर्थव्यवस्था और जनजीवन में कई बदलावों का गवाह बनती है। यह न केवल नियमों के लागू होने का दिन होता है, बल्कि अक्सर सरकारी नीतियों, शुल्कों, या सेवाओं में समायोजन का भी समय होता है। आज से लागू होने वाले कुछ प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:

1. UPI भुगतान: सुरक्षा और नई सीमाएँ

डिजिटल इंडिया की रीढ़, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), हमारे वित्तीय लेन-देन के तरीके में क्रांति ला चुका है। हालिया रिपोर्टों और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों के अनुसार, UPI से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण अपडेट लागू हो सकते हैं, जो आपकी भुगतान आदतों को प्रभावित कर सकते हैं:

  • क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ना: RBI ने कुछ समय पहले UPI को क्रेडिट कार्ड से जोड़ने की सुविधा शुरू की थी। इसका उद्देश्य डिजिटल भुगतान को और सुगम बनाना था। आज से, इस सुविधा के विस्तार या इसमें कुछ नई शर्तों के लागू होने की संभावना हो सकती है। यह खासकर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो रिवॉर्ड पॉइंट्स या अन्य लाभों के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं।
  • लेन-देन की सीमाएं: विभिन्न प्रकार के UPI भुगतानों के लिए निर्धारित दैनिक या प्रति-लेन-देन की सीमाएं हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, कुछ नए ऐप या सेवाओं के लिए विशेष सीमाएं निर्धारित की जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त, UPI लाइट जैसी नई पहलों के तहत, छोटी राशि के भुगतानों के लिए सीमाएं बढ़ाई या घटाई जा सकती हैं, ताकि पिन-फ्री ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिले।
  • सुरक्षा मानक: डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए, RBI और NPCI (National Payments Corporation of India) लगातार सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत कर रहे हैं। आज से लागू होने वाले नए नियमों में 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (दो-चरणीय प्रमाणीकरण) को और सख्त किया जा सकता है, या नए फ्रॉड डिटेक्शन मैकेनिज्म को लागू किया जा सकता है।

“UPI ने भारत को डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाया है। आज से लागू होने वाले ये बदलाव न केवल उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाएंगे, बल्कि सुरक्षा को भी सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे।” – एक वरिष्ठ NPCI अधिकारी

2. LPG गैस की कीमतें: उपभोक्ताओं के लिए राहत या झटका?

तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) की कीमतें हर महीने की पहली तारीख को या आवश्यकतानुसार संशोधित की जाती हैं। ये कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों, डॉलर-रुपये के विनिमय दर, और घरेलू कर नीतियों जैसे कई कारकों पर निर्भर करती हैं। आज से LPG की कीमतों में बदलाव की उम्मीद की जा रही है:

  • घरेलू LPG (सब्सिडी वाली): सरकारी सब्सिडी वाली घरेलू LPG सिलेंडरों की कीमतों में आमतौर पर बहुत कम बदलाव होते हैं, और ये सरकार द्वारा नियंत्रित होते हैं। हालांकि, अगर सरकार सब्सिडी नीति में कोई बदलाव करती है, तो इसका असर पड़ सकता है।
  • वाणिज्यिक LPG: वाणिज्यिक LPG सिलेंडरों की कीमतों में अक्सर अधिक उतार-चढ़ाव देखा जाता है, जो सीधे तौर पर बाजार की ताकतों से प्रभावित होते हैं। ये कीमतें रेस्तरां, होटलों और अन्य व्यवसायों के परिचालन लागत को प्रभावित करती हैं। आज से इनमें वृद्धि या कमी देखी जा सकती है।
  • सब्सिडी का समायोजन: सरकार समय-समय पर LPG पर दी जाने वाली सब्सिडी को उपभोक्ताओं के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर करती है (DBT – Direct Benefit Transfer)। यदि कच्चे तेल की कीमतें गिरती हैं, तो सब्सिडी की राशि बढ़ सकती है, और यदि बढ़ती हैं, तो सब्सिडी कम हो सकती है। आज से इन समायोजनों का प्रभाव दिखाई दे सकता है।

उदाहरण: मान लीजिए, अगर कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत में 5% की वृद्धि हुई है और डॉलर के मुकाबले रुपया 1% कमजोर हुआ है, तो LPG की लागत आयात लागत के कारण बढ़ जाएगी। सरकार या तो इस बढ़ी हुई लागत का कुछ हिस्सा वहन करेगी (सब्सिडी बढ़ाकर) या इसे उपभोक्ताओं पर स्थानांतरित कर देगी (कीमतें बढ़ाकर)।

3. अन्य महत्वपूर्ण बदलाव जो आज से प्रभावी हो सकते हैं:

UPI और LPG के अलावा, ऐसे कई अन्य क्षेत्र हैं जहाँ सरकारी नियमों और नीतियों में बदलाव संभव है, जिनका सीधा प्रभाव आपकी वित्तीय योजना और जीवनशैली पर पड़ सकता है:

  • रेलवे समय सारणी: भारतीय रेलवे अक्सर अपनी समय सारणी में बदलाव करता है, जो यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों के चलने के समय को प्रभावित कर सकता है। यदि आप रेल यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो नवीनतम समय सारणी की जांच करना महत्वपूर्ण है।
  • बैंक नियम: हालांकि यह हर महीने नहीं होता, लेकिन कुछ बैंक निश्चित तारीखों से अपनी ब्याज दरों, सेवा शुल्कों, या एटीएम निकासी नीतियों में बदलाव कर सकते हैं।
  • सरकारी योजनाएं और सब्सिडी: सरकार अक्सर विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, आवास, शिक्षा, या स्वास्थ्य के लिए नई योजनाएं शुरू करती है या मौजूदा योजनाओं में संशोधन करती है। इन बदलावों का सीधा असर उन नागरिकों पर पड़ता है जो इन योजनाओं का लाभ उठाते हैं। उदाहरण के लिए, प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के दिशानिर्देशों में बदलाव या किसी विशेष फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा।
  • टैक्स संबंधी नियम: जीएसटी (GST) नियमों में बदलाव, प्रत्यक्ष कर (Income Tax) में कोई नया प्रावधान, या सीमा शुल्क (Customs Duty) में परिवर्तन भी आज से प्रभावी हो सकते हैं। ये बदलाव वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को प्रभावित करते हैं।
  • उत्पाद मानक और प्रमाणन: कुछ उत्पादों के लिए गुणवत्ता मानकों को और कड़ा किया जा सकता है, या नए प्रमाणन की आवश्यकता हो सकती है, जिससे उत्पादन लागत और अंततः उपभोक्ता मूल्य प्रभावित हो सकते हैं।

UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से विश्लेषण

ये सभी बदलाव, हालांकि सामान्य जनजीवन से जुड़े हैं, UPSC सिविल सेवा परीक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये सामान्य अध्ययन (General Studies) के विभिन्न प्रश्नपत्रों, विशेषकर GS-I (भारतीय समाज), GS-III (अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण) और GS-IV (नैतिकता, शासन) के लिए प्रासंगिक हैं।

1. आर्थिक प्रभाव (GS-III):

  • UPI और डिजिटल अर्थव्यवस्था: UPI के माध्यम से डिजिटल भुगतान का बढ़ता चलन, वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को कैसे बढ़ावा दे रहा है? इसके लाभ और चुनौतियां क्या हैं? सुरक्षा संबंधी चिंताएं और उन्हें दूर करने के उपाय।
  • LPG और ऊर्जा सुरक्षा: LPG की कीमतों का महंगाई पर प्रभाव, सब्सिडी नीति का औचित्य, और सरकार की ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने की रणनीति। अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव।
  • सरकारी नीतियां और राजकोषीय घाटा: सब्सिडी के समायोजन और विभिन्न योजनाओं का सरकार के राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) पर क्या असर पड़ता है?

2. शासन और सार्वजनिक नीति (GS-IV):

  • जन-केंद्रित शासन: सरकारी नियमों में पारदर्शिता और समय पर संचार क्यों महत्वपूर्ण है? उपभोक्ताओं के अधिकार और उनकी सुरक्षा के लिए क्या तंत्र मौजूद हैं?
  • नीति निर्माण की चुनौतियां: विभिन्न हितधारकों (stakeholders) के हितों को संतुलित करते हुए नीतियां बनाना कितना चुनौतीपूर्ण होता है? LPG सब्सिडी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर निर्णय लेना।
  • प्रौद्योगिकी का शासन में उपयोग: डिजिटल इंडिया पहल और UPI जैसे प्लेटफॉर्म शासन को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने में कैसे मदद कर रहे हैं?

3. समाज पर प्रभाव (GS-I):

  • जीवन शैली में परिवर्तन: डिजिटल भुगतान के बढ़ते उपयोग ने लोगों की खरीदारी और बचत की आदतों को कैसे बदला है?
  • वित्तीय समावेशन: क्या ये बदलाव समाज के वंचित वर्गों तक वित्तीय सेवाओं की पहुंच को आसान बना रहे हैं?

चुनौतियाँ और भविष्य की राह

जहां ये बदलाव अक्सर विकास और सुधार के उद्देश्य से किए जाते हैं, वहीं कुछ चुनौतियां भी सामने आती हैं:

  • जागरूकता की कमी: कई बार, नए नियमों के बारे में आम जनता को समय पर और पर्याप्त जानकारी नहीं मिल पाती, जिससे भ्रम या असुविधा हो सकती है।
  • डिजिटल डिवाइड: UPI जैसे डिजिटल समाधान उन लोगों के लिए एक चुनौती पेश कर सकते हैं जो अभी भी प्रौद्योगिकी से दूर हैं या जिनके पास स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुंच नहीं है।
  • कीमतों की अस्थिरता: LPG जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बार-बार होने वाला उतार-चढ़ाव गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए बजट प्रबंधन को मुश्किल बना सकता है।

भविष्य की राह: भविष्य में, सरकारों को चाहिए कि वे नियमों में बदलाव करते समय:

  • पारदर्शिता और पूर्व-सूचना: सभी परिवर्तनों की जानकारी जनता तक समय पर और स्पष्ट रूप से पहुंचाई जाए।
  • समावेशी विकास: यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी वर्ग इन बदलावों से पीछे न छूटे, विशेष रूप से डिजिटल समावेशन पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
  • स्थिरता: आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अत्यधिक अस्थिरता को कम करने के लिए लंबी अवधि की रणनीतियां बनाई जाएं।

इन सभी बदलावों को समझना न केवल आपके दैनिक जीवन को आसान बनाएगा, बल्कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। एक जागरूक नागरिक और एक संभावित प्रशासक के रूप में, नवीनतम सरकारी नीतियों और उनके प्रभावों से अवगत रहना आपकी जिम्मेदारी है।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. कथन 1: UPI (Unified Payments Interface) भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित एक रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली है।
कथन 2: UPI को क्रेडिट कार्ड से जोड़ने की सुविधा RBI द्वारा शुरू की गई थी, जो छोटे मूल्य के लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए है।
उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
a) केवल 1
b) केवल 2
c) 1 और 2 दोनों
d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: a) केवल 1
व्याख्या: कथन 1 सही है। UPI, NPCI द्वारा विकसित एक रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली है। कथन 2 आंशिक रूप से गलत है; UPI को क्रेडिट कार्ड से जोड़ने की सुविधा भुगतान को सुगम बनाने के लिए है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य छोटे मूल्य के लेनदेन को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि इसे कहीं भी, कभी भी भुगतानों के लिए एक विकल्प के रूप में प्रस्तुत करना है।

2. निम्नलिखित में से कौन से कारक LPG (तरलीकृत पेट्रोलियम गैस) की कीमतों को प्रभावित करते हैं?
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें।
2. डॉलर-रुपये का विनिमय दर।
3. भारत सरकार द्वारा निर्धारित सब्सिडी का स्तर।
4. देश में LPG की मांग और आपूर्ति।
सही कूट का प्रयोग करें:
a) 1, 2 और 3
b) 1, 2 और 4
c) 2, 3 और 4
d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: d) 1, 2, 3 और 4
व्याख्या: LPG की कीमतें कच्चे तेल की कीमतों, विनिमय दरों, सरकारी सब्सिडी नीतियों और घरेलू मांग-आपूर्ति की गतिशीलता जैसे कई कारकों से प्रभावित होती हैं।

3. ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ (DBT) योजना के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
a) यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जाए।
b) यह केवल नकद हस्तांतरण के लिए उपयोग की जाने वाली प्रणाली है।
c) DBT का मुख्य उद्देश्य बिचौलियों को समाप्त करना है, न कि सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना।
d) इस योजना का शुभारंभ केवल LPG सब्सिडी के लिए ही किया गया था।

उत्तर: a) केवल a
व्याख्या: DBT का प्राथमिक उद्देश्य सरकारी सब्सिडी या लाभों को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित करना है, जिससे लीकेज और भ्रष्टाचार कम हो। यह केवल नकद के लिए नहीं है और इसका उद्देश्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना भी है (जैसे पेंशन, छात्रवृत्ति)। यह LPG के अलावा कई अन्य योजनाओं पर भी लागू होती है।

4. भारतीय रेलवे द्वारा समय-समय पर अपनी समय सारणी में बदलाव का मुख्य कारण क्या हो सकता है?
a) केवल यात्री सुविधाओं में सुधार।
b) मालगाड़ियों के परिचालन को अनुकूलित करना।
c) नई पटरियों का निर्माण और मौजूदा पटरियों का उन्नयन।
d) उपरोक्त सभी।

उत्तर: d) उपरोक्त सभी।
व्याख्या: रेलवे समय सारणी में बदलाव यात्री और मालगाड़ियों के सुचारू संचालन, नई पटरियों के निर्माण, मौजूदा पटरियों के रखरखाव और उन्नयन, और नई ट्रेनों को शुरू करने जैसे विभिन्न परिचालन और अवसंरचनात्मक कारणों से किया जाता है।

5. GST (वस्तु और सेवा कर) के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
1. GST एक एकल, अप्रत्यक्ष कर है जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है।
2. GST ने भारत में विभिन्न केंद्रीय और राज्य करों को समाहित किया है।
उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
a) केवल 1
b) केवल 2
c) 1 और 2 दोनों
d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: c) 1 और 2 दोनों
व्याख्या: GST एक व्यापक, बहु-चरणीय, गंतव्य-आधारित कर है जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है। इसने भारत में कई अप्रत्यक्ष करों, जैसे उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट आदि को प्रतिस्थापित किया है।

6. वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित में से कौन सी सरकारी पहल सबसे अधिक प्रभावी रही है?
a) प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY)
b) उज्ज्वला योजना
c) सुकन्या समृद्धि योजना
d) आयुष्मान भारत

उत्तर: a) प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY)
व्याख्या: PMJDY एक ऐसी योजना है जिसका उद्देश्य देश में प्रत्येक व्यक्ति के लिए बैंक खाते, बीमा और पेंशन तक पहुंच प्रदान करके वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करना है।

7. UPI लाइट (UPI Lite) जैसी पहल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) बड़े मूल्य के अंतरराष्ट्रीय लेनदेन को सुगम बनाना।
b) पिन-फ्री (बिना पिन डाले) छोटे मूल्य के डिजिटल लेनदेन को सक्षम करना।
c) सरकारी सब्सिडी का वितरण तेज करना।
d) शेयर बाजार में निवेश को आसान बनाना।

उत्तर: b) पिन-फ्री (बिना पिन डाले) छोटे मूल्य के डिजिटल लेनदेन को सक्षम करना।
व्याख्या: UPI Lite को विशेष रूप से छोटे मूल्य के, यानी ₹200 तक के, पिन-फ्री लेनदेन को सक्षम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह तेज़ और अधिक सुविधाजनक हो जाता है।

8. वाणिज्यिक LPG (Commercial LPG) की कीमतों में वृद्धि का प्रत्यक्ष प्रभाव निम्नलिखित में से किस पर पड़ेगा?
a) घरेलू खाना पकाने की लागत
b) छोटे व्यवसायों की परिचालन लागत (जैसे रेस्तरां, कैफे)
c) ग्रामीण विद्युतीकरण दर
d) शहरी परिवहन व्यवस्था

उत्तर: b) छोटे व्यवसायों की परिचालन लागत (जैसे रेस्तरां, कैफे)
व्याख्या: वाणिज्यिक LPG का उपयोग मुख्य रूप से होटलों, रेस्तरां, कैफे और अन्य व्यवसायों द्वारा किया जाता है। इसकी कीमतों में वृद्धि सीधे तौर पर उनकी परिचालन लागत को बढ़ाएगी।

9. निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के उद्देश्यों में शामिल है?
1. नागरिकों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना।
2. सरकारी सेवाओं को डिजिटल बनाना।
3. तकनीकी अवसंरचना का विकास।
सही कूट का प्रयोग करें:
a) केवल 1
b) 1 और 2
c) 1, 2 और 3
d) 2 और 3

उत्तर: c) 1, 2 और 3
व्याख्या: डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का लक्ष्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है, जिसमें नागरिकों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना, सरकारी सेवाओं को डिजिटल बनाना और तकनीकी अवसंरचना का विकास शामिल है।

10. भारत में LPG सब्सिडी के संदर्भ में, ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ (DBT) का उद्देश्य क्या था?
a) LPG पर सब्सिडी को पूरी तरह से समाप्त करना।
b) LPG सिलेंडरों के वितरण में निजी कंपनियों की भूमिका बढ़ाना।
c) यह सुनिश्चित करना कि सब्सिडी का लाभ सीधे पात्र उपभोक्ताओं तक पहुंचे और लीकेज को कम किया जा सके।
d) LPG की कीमतों को पूरी तरह से बाजार की ताकतों पर छोड़ना।

उत्तर: c) यह सुनिश्चित करना कि सब्सिडी का लाभ सीधे पात्र उपभोक्ताओं तक पहुंचे और लीकेज को कम किया जा सके।
व्याख्या: DBT योजना का मुख्य उद्देश्य LPG सब्सिडी में होने वाले रिसाव (leakage) और दुरुपयोग को रोकना और यह सुनिश्चित करना था कि सब्सिडी का लाभ सीधे उन उपभोक्ताओं तक पहुंचे जो इसके पात्र हैं, ताकि सरकारी धन का कुशल उपयोग हो सके।

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. “डिजिटल भुगतान प्रणालियों, विशेष रूप से UPI, ने भारत में वित्तीय समावेशन और आर्थिक पारदर्शिता को कैसे प्रभावित किया है? इस संदर्भ में, हालिया सरकारी नियमों और सुरक्षा उपायों की भूमिका का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें।”
*(यह प्रश्न डिजिटल अर्थव्यवस्था, वित्तीय समावेशन, सरकारी नीतियों और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग पर केंद्रित है, जो GS-III और GS-IV दोनों के लिए प्रासंगिक है।)*

2. “LPG की कीमतों में उतार-चढ़ाव भारतीय अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से मुद्रास्फीति और निम्न-आय वर्ग के परिवारों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। LPG सब्सिडी को DBT से जोड़ने के औचित्य, इसके लाभों और चुनौतियों का विश्लेषण करें।”
*(यह प्रश्न ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक नीति, सामाजिक प्रभाव और शासन जैसे पहलुओं को छूता है, जो GS-III और GS-I के लिए महत्वपूर्ण है।)*

3. “भारत में समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी नियमों में बदलाव की प्रकृति, उद्देश्यों और आम आदमी पर इसके प्रभाव का विस्तार से वर्णन करें। ऐसे बदलावों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और इन्हें कैसे दूर किया जा सकता है?”
*(यह प्रश्न शासन, सार्वजनिक नीति, नौकरशाही और नागरिक जुड़ाव जैसे व्यापक विषयों पर केंद्रित है, जो GS-IV और GS-II दोनों के लिए प्रासंगिक है।)*

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