भारतीय राजव्यवस्था की कसौटी: आज का महा-क्विज
लोकतंत्र के आधार स्तंभों को समझना हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए अनिवार्य है। अपनी संवैधानिक समझ को परखने और अवधारणाओं को और मजबूत करने के लिए तैयार हो जाइए! आज के इस विशेष सत्र में, हम भारतीय राजव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं से 25 गहन प्रश्नों के साथ आपके ज्ञान की परीक्षा लेंगे। कमर कस लीजिए और अपने आप को चुनौती दीजिए!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे। इसने प्रस्तावना को एक महत्वपूर्ण रूप दिया।
- संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा किया गया था और इसे ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है। इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा देना था।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया; 52वां संशोधन (1985) ने दलबदल विरोधी कानून (10वीं अनुसूची) जोड़ा; 61वां संशोधन (1989) ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रपति को किसी भी मामले में, जिस पर वह मंत्रिपरिषद की सलाह लेना उचित समझे, सलाह के लिए वापस भेजने की शक्ति देता है?
- अनुच्छेद 74(1)
- अनुच्छेद 77(3)
- अनुच्छेद 78
- अनुच्छेद 111
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 74(1) के अनुसार, राष्ट्रपति अपने कार्यों के निर्वहन में मंत्रिपरिषद की सलाह और सहायता लेगा, सिवाय उन मामलों के जहां वह स्वयं विवेकाधीन शक्तियों का प्रयोग करता है। हालाँकि, राष्ट्रपति सलाह को एक बार पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रावधान 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा जोड़ा गया था, जिसमें राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद की सलाह पर पुनर्विचार करने की शक्ति दी गई थी। यदि मंत्रिपरिषद उस सलाह को फिर से राष्ट्रपति को भेजती है, तो राष्ट्रपति उस पर कार्य करने के लिए बाध्य है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 77(3) मंत्रिपरिषद को भारत सरकार के कारोबार के संचालन के लिए नियम बनाने की शक्ति देता है; अनुच्छेद 78 राष्ट्रपति को जानकारी देने के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्यों को परिभाषित करता है; अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की वीटो शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 3: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 124(1)
- अनुच्छेद 124(2)
- अनुच्छेद 129
- अनुच्छेद 143
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 124(2) राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करने की शक्ति प्रदान करता है। ये नियुक्तियाँ राष्ट्रपति द्वारा कॉलेजियम प्रणाली की सिफारिशों के आधार पर की जाती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: कॉलेजियम प्रणाली में भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं। यह नियुक्ति प्रक्रिया समय के साथ न्यायिक फैसलों (जैसे ‘दूसरे न्यायाधीश मामले’ और ‘तीसरे न्यायाधीश मामले’) के माध्यम से विकसित हुई है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 124(1) भारत के लिए एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की बात करता है; अनुच्छेद 129 सर्वोच्च न्यायालय को एक अभिलेख न्यायालय (Court of Record) घोषित करता है; अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की शक्ति देता है।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 के तहत वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक और हथियारों के बिना इकट्ठा होने, संघ बनाने, भारत में कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रता, निवास करने और बसने की स्वतंत्रता, और कोई भी पेशा, व्यवसाय या कारोबार करने की स्वतंत्रता केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: ये अधिकार भारतीय संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े होने के कारण विदेशी नागरिकों के लिए उपलब्ध नहीं हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) सभी व्यक्तियों (नागरिकों और गैर-नागरिकों दोनों) को प्राप्त हैं। अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता) भी सभी व्यक्तियों को प्राप्त है।
प्रश्न 5: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) को किस देश के संविधान से प्रेरित होकर भारतीय संविधान में शामिल किया गया है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- आयरलैंड
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IV में वर्णित राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) को आयरलैंड के संविधान से प्रेरित होकर शामिल किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: आयरिश संविधान के अनुच्छेद 45 ने इन सिद्धांतों को ‘निर्देश’ कहा था, जो राज्य के लिए मौलिक थे। भारत ने इसी अवधारणा को अपनाया, लेकिन इन्हें सीधे तौर पर न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती, बल्कि ये सरकार की नीतियों के निर्माण के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनर्विलोकन और महाभियोग की प्रक्रिया ली गई है; कनाडा से संघवाद, अवशिष्ट शक्तियों का केंद्र में निहित होना और सर्वोच्च न्यायालय का सलाहकार क्षेत्राधिकार लिया गया है; ऑस्ट्रेलिया से समवर्ती सूची, संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक और प्रस्तावना की भाषा ली गई है।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी रूप से हिरासत में लेने पर उसके व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए जारी की जाती है?
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus) का शाब्दिक अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’। यह एक ऐसी रिट है जो किसी व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखने के खिलाफ जारी की जाती है। यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 32 और उच्च न्यायालयों द्वारा अनुच्छेद 226 के तहत जारी की जा सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह मौलिक अधिकारों में से एक सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है, जो व्यक्ति की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करता है। इसे किसी भी सरकारी प्राधिकरण या निजी व्यक्ति के विरुद्ध जारी किया जा सकता है।
- गलत विकल्प: परमादेश किसी लोक प्राधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देता है; उत्प्रेषण किसी निचली अदालत या न्यायाधिकरण के आदेश को रद्द करने के लिए जारी किया जाता है; अधिकार पृच्छा किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक पद पर अनाधिकृत रूप से आसीन होने पर रोक लगाता है।
प्रश्न 7: भारतीय संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?
- भारत का राष्ट्रपति
- भारत का उपराष्ट्रपति
- लोकसभा का अध्यक्ष (Speaker)
- राज्यसभा का सभापति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 108 के अनुसार, जब किसी विधेयक पर दोनों सदनों में गतिरोध होता है, तो राष्ट्रपति दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुला सकता है। इस संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यदि लोकसभा का अध्यक्ष अनुपस्थित हो, तो उपाध्यक्ष (Deputy Speaker) या उसकी अनुपस्थिति में, राज्यसभा के उप-सभापति (Deputy Chairman) द्वारा अध्यक्षता की जाती है। राज्यसभा का सभापति (जो भारत का उपराष्ट्रपति होता है) संयुक्त बैठक की अध्यक्षता नहीं करता।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति संयुक्त बैठक बुलाता है, लेकिन अध्यक्षता नहीं करता; उपराष्ट्रपति (राज्यसभा का सभापति) भी अध्यक्षता नहीं करता।
प्रश्न 8: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत का राष्ट्रपति
- भारत का प्रधानमंत्री
- वित्त मंत्री
- राज्यसभा का सभापति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 148 के अनुसार, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक वित्त का संरक्षक है। वह सरकार के व्यय की लेखा-परीक्षा करता है और संसद के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। CAG का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) तक होता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री या राज्यसभा का सभापति CAG की नियुक्ति नहीं करते हैं।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सी अनुसूची पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है?
- 9वीं अनुसूची
- 10वीं अनुसूची
- 11वीं अनुसूची
- 12वीं अनुसूची
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा भारतीय संविधान में 11वीं अनुसूची जोड़ी गई, जिसमें पंचायती राज संस्थाओं (पंचायत) के 29 विषयों को सूचीबद्ध किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुसूची ने पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया और उन्हें स्थानीय शासन के लिए आवश्यक शक्तियां और उत्तरदायित्व सौंपे।
- गलत विकल्प: 9वीं अनुसूची भूमि सुधार से संबंधित है; 10वीं अनुसूची दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है; 12वीं अनुसूची शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिका) से संबंधित है।
प्रश्न 10: राष्ट्रीय आपातकाल (Article 352) की घोषणा को संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष कितने समय के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए?
- एक माह
- दो माह
- तीन माह
- छह माह
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की जाती है। मूल रूप से, इसके अनुमोदन के लिए 6 महीने की अवधि थी। 44वें संशोधन, 1978 द्वारा, इस अवधि को घटाकर एक माह कर दिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति द्वारा घोषित राष्ट्रीय आपातकाल, संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने की अवधि के भीतर अनुमोदित होना चाहिए। यदि घोषणा उस एक महीने की अवधि के समाप्त होने पर लागू रहती है, तो यह केवल तभी प्रभावी रहती है जब यह अनुमोदन उस एक महीने की अवधि के बाद दोनों सदनों द्वारा पुनः अनुमोदित हो जाए।
- गलत विकल्प: एक माह, तीन माह या छह माह की अवधि लागू नहीं है; वर्तमान नियम के अनुसार एक माह के भीतर प्रारंभिक अनुमोदन आवश्यक है।
प्रश्न 11: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 ने भारतीय संघ में कितने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का गठन किया?
- 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश
- 17 राज्य और 5 केंद्र शासित प्रदेश
- 15 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश
- 13 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 ने भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया और भारत को 14 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम का उद्देश्य भाषाई एकरूपता के आधार पर प्रशासनिक इकाइयों का निर्माण करना था, जिसने देश के संघीय ढांचे को मजबूत किया।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या के मामले में गलत हैं।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था दी कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है?
- ए. के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- बेरुबारी संघ मामला
- शंकरी प्रसाद बनाम भारतीय संघ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक पूर्ण पीठ ने बहुमत से यह व्यवस्था दी कि प्रस्तावना भारतीय संविधान का एक अभिन्न अंग है।
- संदर्भ और विस्तार: इस ऐतिहासिक फैसले ने ‘मूल संरचना’ सिद्धांत (Basic Structure Doctrine) को भी प्रतिपादित किया, जिसके अनुसार संसद प्रस्तावना सहित संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन कर सकती है, लेकिन उसकी मूल संरचना को नहीं बदल सकती।
- गलत विकल्प: बेरुबारी संघ मामले (1960) में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि प्रस्तावना संविधान का अंग नहीं है। ए.के. गोपालन (1950) और केशवानंद भारती से पहले के मामलों में प्रस्तावना की स्थिति स्पष्ट नहीं थी, जबकि केशवानंद भारती से पहले के मामलों में संशोधन की शक्ति को लेकर बहस थी।
प्रश्न 13: भारत के राष्ट्रपति का पद रिक्त हो सकता है?
- महाभियोग द्वारा
- त्यागपत्र द्वारा
- मृत्यु द्वारा
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति का पद संविधान के अनुच्छेद 56 और 61 के तहत विभिन्न कारणों से रिक्त हो सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति को अनुच्छेद 61 के तहत महाभियोग प्रक्रिया द्वारा हटाया जा सकता है। वह अपना त्यागपत्र अनुच्छेद 56(1)(क) के तहत उपराष्ट्रपति को संबोधित करके दे सकता है। इसके अलावा, राष्ट्रपति की मृत्यु भी पद रिक्ति का एक कारण है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति का पद इन सभी तरीकों से रिक्त हो सकता है, इसलिए कोई भी एक विकल्प अधूरा है।
प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सा कथन संघवाद (Federalism) के बारे में सही है?
- यह शक्तियों के विभाजन पर आधारित है।
- यह एक दो-स्तरीय सरकार प्रणाली है।
- यह लिखित संविधान पर आधारित होता है।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: संघवाद की प्रमुख विशेषताएँ ये सभी हैं। यह केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्तियों के स्पष्ट विभाजन पर आधारित है (जैसे, संविधान की 7वीं अनुसूची)। यह आमतौर पर एक दो-स्तरीय सरकार प्रणाली (केंद्र और राज्य) प्रदान करता है। एक लिखित संविधान संघवाद का एक अनिवार्य तत्व है, जो शक्तियों के विभाजन को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान ने कनाडा के संघवाद का अनुसरण किया है, जिसमें एक मजबूत केंद्र होता है, लेकिन यह राज्यों को भी पर्याप्त स्वायत्तता देता है।
- गलत विकल्प: ये सभी विशेषताएं संघवाद के अनिवार्य तत्व हैं, इसलिए इनमें से कोई भी एक पूर्ण उत्तर नहीं है।
प्रश्न 15: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की सिफारिश कौन सी समिति करती है?
- भारत के राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक चयन समिति
- लोकसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक चयन समिति
- मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक चयन समिति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती है। इस समिति में लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय गृह मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता, राज्यसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश (या उनके द्वारा नामित सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश) शामिल होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह समिति यह सुनिश्चित करती है कि आयोग के सदस्य निष्पक्ष और योग्य हों, जो मानव अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन में योगदान दे सकें।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति नियुक्ति करता है, लेकिन सिफारिश समिति की होती है; लोकसभा अध्यक्ष या मुख्य न्यायाधीश स्वयं अकेले चयन समिति का नेतृत्व नहीं करते, बल्कि वे समिति का हिस्सा होते हैं, जबकि प्रधानमंत्री समिति के प्रमुख होते हैं।
प्रश्न 16: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायतों से संबंधित है?
- भाग IX
- भाग IX-A
- भाग IX-B
- भाग X
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX पंचायतों से संबंधित है, जिसे 73वें संविधान संशोधन, 1992 द्वारा जोड़ा गया था। इसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक के प्रावधान शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: भाग IX पंचायतों की संरचना, सदस्यों के चुनाव, उनकी शक्तियों, प्राधिकार और उत्तरदायित्वों, निधियों आदि का विस्तृत विवरण देता है।
- गलत विकल्प: भाग IX-A नगर पालिकाओं से संबंधित है (74वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया); भाग IX-B सहकारी समितियों से संबंधित है (97वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया); भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित है।
प्रश्न 17: किस संशोधन के द्वारा मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई?
- 42वां संशोधन, 1976
- 44वां संशोधन, 1978
- 61वां संशोधन, 1989
- 73वां संशोधन, 1992
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 61वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1989 द्वारा संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन किया गया, जिससे सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर लोक सभा और राज्यों की विधान सभाओं के चुनावों के लिए मतदाताओं की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य युवा वर्ग को चुनावी प्रक्रिया में अधिक भागीदारी देना था।
- गलत विकल्प: अन्य संशोधन विभिन्न महत्वपूर्ण बदलावों से संबंधित हैं, जैसे 42वें ने प्रस्तावना में शब्द जोड़े, 44वें ने संपत्ति के अधिकार में बदलाव किया, और 73वें ने पंचायतें जोड़ीं।
प्रश्न 18: मूल संविधान में मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख नहीं था। इन्हें किस समिति की सिफारिश पर जोड़ा गया?
- बलवंत राय मेहता समिति
- संथानम समिति
- स्वरूप सिंह समिति
- सरदार स्वर्ण सिंह समिति
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों को 42वें संविधान संशोधन, 1976 द्वारा संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51-A के तहत जोड़ा गया था। यह सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर आधारित था।
- संदर्भ और विस्तार: समिति ने मूल रूप से 8 मौलिक कर्तव्यों की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने 10 कर्तव्यों को जोड़ा। बाद में 86वें संशोधन, 2002 द्वारा 11वां मौलिक कर्तव्य जोड़ा गया।
- गलत विकल्प: बलवंत राय मेहता समिति ने पंचायती राज में त्रि-स्तरीय प्रणाली की सिफारिश की थी; संथानम समिति ने भ्रष्टाचार निवारण पर सिफारिशें दी थीं; स्वरूप सिंह समिति का सीधा संबंध मौलिक कर्तव्यों से नहीं है।
प्रश्न 19: भारतीय संसद की विधायी प्रक्रिया में ‘बजट’ को किस नाम से जाना जाता है?
- वार्षिक वित्तीय विवरण
- अनुदान का प्रस्ताव
- विनियोग विधेयक
- वित्त विधेयक
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत, राष्ट्रपति प्रत्येक वित्तीय वर्ष के संबंध में संसद के दोनों सदनों के समक्ष, भारत सरकार की अनुमानित आय और व्यय का एक विवरण रखवाता है, जिसे ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ (Annual Financial Statement) कहा जाता है। सामान्य बोलचाल में इसे ‘बजट’ कहते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: बजट में सरकार की आय के स्रोत और व्यय की मदें शामिल होती हैं। इसे संसद से पारित कराना आवश्यक होता है।
- गलत विकल्प: अनुदान का प्रस्ताव (Cut Motions) बजट पर चर्चा के दौरान पेश किए जाते हैं; विनियोग विधेयक (Appropriation Bill) बजट पारित होने के बाद जारी होता है, जो सरकार को संचित निधि से धन निकालने की अनुमति देता है; वित्त विधेयक (Finance Bill) करों में परिवर्तन से संबंधित होता है।
प्रश्न 20: अनुच्छेद 368 के तहत संविधान संशोधन के लिए कौन सी विधायी प्रक्रिया अपनाई जाती है?
- साधारण बहुमत
- विशेष बहुमत
- विशेष बहुमत तथा आधे से अधिक राज्यों का अनुसमर्थन
- यह एक सतत प्रक्रिया है, जिसकी कोई निश्चित प्रक्रिया नहीं है।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 368 के अनुसार, संविधान के अधिकांश प्रावधानों को संशोधित करने के लिए ‘विशेष बहुमत’ (Article 368(2)) की आवश्यकता होती है। हालाँकि, जो संशोधन संघ की कार्यपालिका और विधानमंडल से संबंधित हों, या राज्यों के विधानमंडल की शक्तियों से संबंधित हों, या सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों से संबंधित हों, या संविधान के भाग V, VI, XI में कोई प्रावधान हो, या संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व हो, उनके लिए विशेष बहुमत के साथ-साथ कुल राज्यों के आधे से अधिक राज्यों के विधानमंडलों द्वारा अनुसमर्थन (ratification) आवश्यक है (Article 368(2) proviso)।
- संदर्भ और विस्तार: यह संघवाद की रक्षा और राज्यों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए है।
- गलत विकल्प: साधारण बहुमत का प्रयोग केवल कुछ साधारण विधियों के लिए होता है; केवल विशेष बहुमत संघीय ढांचे को प्रभावित नहीं करने वाले संशोधनों के लिए है; संविधान संशोधन की एक निश्चित प्रक्रिया है।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा कथन केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के बारे में सत्य है?
- यह एक संवैधानिक निकाय है।
- इसका गठन सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत किया गया है।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) एक सांविधिक निकाय (Statutory Body) है, जिसका गठन सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत किया गया है। इसके अध्यक्ष और सदस्य राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिश पर नियुक्त किए जाते हैं। आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
- संदर्भ और विस्तार: CIC सूचना के अधिकार के तहत नागरिकों के सूचना प्राप्त करने के अधिकार को सुनिश्चित करता है।
- गलत विकल्प: हालांकि इसे संवैधानिक नहीं, बल्कि सांविधिक निकाय कहा जाता है, अन्य सभी कथन सत्य हैं। प्रश्न में ‘संवैधानिक निकाय’ शब्द का प्रयोग किया गया है, लेकिन जब अन्य सभी कथन सही हैं और यह सबसे उपयुक्त उत्तर है, तो ऐसे प्रश्न में अक्सर सांविधिक निकाय के बजाय ‘संविधान से संबंधित’ या ‘कानून द्वारा स्थापित’ के अर्थ में सोचा जाता है। यदि प्रश्न कड़ाई से पूछा जाए तो ‘a’ गलत होगा, लेकिन दिए गए विकल्पों में ‘d’ सबसे व्यापक और सही है क्योंकि CIC का अस्तित्व ही कानून (RTI Act) से है। (ध्यान दें: इस प्रश्न का ‘a’ विकल्प तकनीकी रूप से गलत है, CIC सांविधिक है, संवैधानिक नहीं। लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर ऐसे प्रश्न होते हैं जहाँ सबसे सही विकल्प चुनना होता है।)
प्रश्न 22: भारत में ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) का उन्मूलन किस अनुच्छेद के अंतर्गत किया गया है?
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
- अनुच्छेद 18
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के उन्मूलन और किसी भी रूप में इसके आचरण को प्रतिबंधित करता है। संसद ने अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 (बाद में नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955) पारित किया है।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक अनूठा मौलिक अधिकार है जो किसी भी रूप में छुआछूत को दंडनीय अपराध घोषित करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है; अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता प्रदान करता है; अनुच्छेद 18 उपाधियों का अंत करता है।
प्रश्न 23: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?
- उनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- वे सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं।
- वे भारत के किसी भी न्यायालय में सभी मुकदमों में सरकार की ओर से पेश हो सकते हैं।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 के अनुसार, महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। वे भारत सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं और उन्हें भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है, और उन्हें संसद के दोनों सदनों में बोलने का अधिकार है, लेकिन मतदान का अधिकार नहीं।
- गलत विकल्प: सभी दिए गए कथन महान्यायवादी के पद के संबंध में सत्य हैं।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सा संवैधानिक संशोधन ‘मिनी कॉन्स्टिट्यूशन’ के रूप में जाना जाता है?
- 42वां संशोधन, 1976
- 44वां संशोधन, 1978
- 52वां संशोधन, 1985
- 61वां संशोधन, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 को ‘मिनी कॉन्स्टिट्यूशन’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसने संविधान में व्यापक संशोधन किए थे, जिसमें प्रस्तावना में तीन नए शब्द (समाजवाद, पंथनिरपेक्ष, अखंडता), मौलिक कर्तव्यों का समावेश, राष्ट्रपति के लिए मंत्रिपरिषद की सलाह को मानने का प्रावधान (जिसे बाद में 44वें संशोधन से बदला गया), और न्यायालयों की शक्तियों को सीमित करना आदि शामिल थे।
- संदर्भ और विस्तार: ये संशोधन देश की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव लाए।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन कई महत्वपूर्ण बदलावों के साथ आया, लेकिन 42वें संशोधन जितना व्यापक नहीं था; 52वां संशोधन दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है; 61वां संशोधन मतदान की आयु से संबंधित है।
प्रश्न 25: किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) लागू करने के लिए **कौन सा** आधार प्रदान किया गया है?
- राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता
- राज्य में कानून और व्यवस्था का गंभीर उल्लंघन
- राज्य के वित्तीय दिवालियापन
- उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 356 के अनुसार, यदि किसी राज्य का राज्यपाल रिपोर्ट करता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें उस राज्य का शासन संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, या राष्ट्रपति को अन्यथा समाधान हो जाता है कि राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता के कारण शासन संविधान के अनुसार नहीं चल रहा है, तो राष्ट्रपति उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: ‘संवैधानिक तंत्र की विफलता’ सबसे महत्वपूर्ण और व्यापक आधार है, जिसके तहत अनुच्छेद 356 का प्रयोग किया जाता है। कानून और व्यवस्था या वित्तीय दिवालियापन को आमतौर पर संवैधानिक तंत्र की विफलता के अंतर्गत माना जा सकता है, लेकिन स्वयं ये सीधे आधार नहीं हैं।
- गलत विकल्प: कानून और व्यवस्था का उल्लंघन या वित्तीय दिवालियापन अपने आप में अनुच्छेद 356 के प्रयोग का प्रत्यक्ष आधार नहीं है, जब तक कि वे संवैधानिक तंत्र की विफलता की ओर न ले जाएं। ‘संवैधानिक तंत्र की विफलता’ सबसे सटीक और व्यापक आधार है।