1 अगस्त से बदले नियम: UPI, LPG, रसोई गैस और आपकी जेब पर क्या होगा असर? जानिए A to Z
चर्चा में क्यों? (Why in News?):** हर महीने की तरह, 1 अगस्त 2023 से भी हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाले कई महत्वपूर्ण नियम और बदलाव लागू होने वाले हैं। चाहे वह डिजिटल लेनदेन की दुनिया हो, रसोई गैस की कीमतें, बैंकिंग सेवाएं, या फिर कुछ अन्य सरकारी नीतियां, ये परिवर्तन सीधे तौर पर आपकी जेब पर असर डाल सकते हैं। UPSC की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए, इन बदलावों को समझना न केवल सामान्य ज्ञान के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समसामयिक मामलों (Current Affairs) की समझ को भी गहराता है, जो प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह ब्लॉग पोस्ट आपको इन सभी बदलावों का विस्तृत विश्लेषण प्रदान करेगा, ताकि आप पूरी तरह से सूचित और तैयार रह सकें।
डिजिटल भुगतान की दुनिया में नए आयाम: UPI से जुड़े बड़े बदलाव
डिजिटल इंडिया के बढ़ते कदम के साथ, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) आज हमारे वित्तीय जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। 1 अगस्त से, UPI भुगतान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण नियम लागू हो सकते हैं, जो डिजिटल लेनदेन के तरीके को और सुरक्षित और कुशल बनाने का लक्ष्य रखते हैं।
1. UPI लेनदेन की सीमाएं और सुरक्षा उपाय:
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लगातार UPI को सुरक्षित बनाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी करता रहता है। 1 अगस्त से, कुछ विशिष्ट प्रकार के UPI लेनदेन के लिए दैनिक या मासिक सीमाएं तय की जा सकती हैं, खासकर उन उपयोगकर्ताओं के लिए जो बड़ी राशि का लेनदेन करते हैं। यह धोखाधड़ी को रोकने और सिस्टम को स्थिर रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
- क्या बदल सकता है? कुछ विशेष ऐप या सेवाओं के लिए UPI भुगतान की सीमाएं बढ़ाई या घटाई जा सकती हैं।
- UPSC के लिए प्रासंगिकता: डिजिटल अर्थव्यवस्था, वित्तीय समावेशन, साइबर सुरक्षा, और RBI की मौद्रिक नीति जैसे विषय UP PC के पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं। इन बदलावों को समझना नीति निर्माण और उनके प्रभाव का विश्लेषण करने में मदद करता है।
2. NPCI के नए दिशानिर्देश:
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) UPI के संचालन के लिए जिम्मेदार है। 1 अगस्त से NPCI द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार, भुगतान सेवा प्रदाता (PSPs) और बैंक अपने ग्राहकों को UPI सेवाओं की पेशकश के तरीके में कुछ समायोजन कर सकते हैं। इसका उद्देश्य भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है।
“डिजिटल भुगतान की बढ़ती स्वीकार्यता के साथ, सुरक्षा सर्वोपरि है। नए नियम यह सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं कि UPI एक विश्वसनीय और सुरक्षित मंच बना रहे।”
3. UPI लाइट की भूमिका:
UPI लाइट, जो कम मूल्य के लेनदेन के लिए एक ऑन-डिवाइस वॉलेट की तरह काम करता है, के उपयोग में भी कुछ बदलाव देखे जा सकते हैं। इसका उद्देश्य छोटे, रोजमर्रा के भुगतानों को और तेज और सुगम बनाना है। 1 अगस्त से, UPI लाइट के माध्यम से किए जा सकने वाले लेनदेन की राशि या संख्या पर नए नियम लागू हो सकते हैं।
रसोई गैस (LPG) की कीमतों में क्या होगा? उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर
हर महीने की पहली तारीख को तेल विपणन कंपनियां घरेलू और वाणिज्यिक एलपीजी (तरलीकृत पेट्रोलियम गैस) की कीमतों की समीक्षा करती हैं। 1 अगस्त, 2023 को भी उपभोक्ताओं की निगाहें गैस सिलेंडर की कीमतों पर टिकी होंगी।
1. घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतें:
घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में सरकारी सब्सिडी और अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर उतार-चढ़ाव होता है। पिछले कुछ महीनों में, कुछ शहरों में घरेलू एलपीजी की कीमतों में वृद्धि देखी गई है, जबकि कुछ जगहों पर स्थिरता बनी हुई है। 1 अगस्त को, यदि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो उपभोक्ताओं को सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के लिए अधिक भुगतान करना पड़ सकता है।
2. वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमतें:
वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर, जो मुख्य रूप से रेस्तरां, होटलों और अन्य व्यवसायों द्वारा उपयोग किए जाते हैं, की कीमतें आमतौर पर हर महीने बदलती रहती हैं और यह बाजार की मांग और आपूर्ति पर अधिक निर्भर करती हैं। 1 अगस्त से, वाणिज्यिक एलपीजी की कीमतों में भी वृद्धि या कमी देखी जा सकती है, जिसका सीधा असर रेस्तरां और होटल व्यवसायों की लागत पर पड़ेगा, और अंततः उपभोक्ताओं को मिलने वाली सेवाओं की कीमतों पर भी।
3. सरकारी नीतियां और सब्सिडी:
केंद्र सरकार एलपीजी पर सब्सिडी देती है, लेकिन यह राशि अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करती है। यदि कच्चे तेल की कीमतें एक निश्चित स्तर से नीचे रहती हैं, तो सरकार सब्सिडी बढ़ा सकती है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। इसके विपरीत, यदि कीमतें बढ़ती हैं, तो सब्सिडी कम हो सकती है। 1 अगस्त के आसपास की कीमतें इस सरकारी नीति के प्रभाव को भी दर्शाएंगी।
“एलपीजी की कीमतों का नियंत्रण सीधे तौर पर लाखों परिवारों की क्रय शक्ति से जुड़ा है। इसके उतार-चढ़ाव मुद्रास्फीति और उपभोक्ता विश्वास को प्रभावित करते हैं।”
UPSC के लिए प्रासंगिकता: ऊर्जा सुरक्षा, सरकारी सब्सिडी, महंगाई, अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और राजकोषीय नीति जैसे विषय UPSC परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। एलपीजी कीमतों का विश्लेषण इन अवधारणाओं को समझने में मदद करता है।
बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में संभावित बदलाव
1 अगस्त से बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में भी कुछ बदलाव हो सकते हैं, जो आपके धन के प्रबंधन और निवेश को प्रभावित कर सकते हैं।
1. बचत खाता ब्याज दरें:
कुछ बैंक अपने बचत खातों पर ब्याज दरों को समायोजित कर सकते हैं। यह समायोजन RBI की रेपो दर में बदलाव या बैंकों की अपनी वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है। 1 अगस्त से, आपको अपने बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज में मामूली बदलाव दिख सकता है।
2. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और लोन की दरें:
इसी तरह, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाली ब्याज दरें और होम लोन, कार लोन जैसी ऋण योजनाओं की दरें भी बदल सकती हैं। यदि RBI रेपो दर बढ़ाता है, तो लोन महंगा हो सकता है, जबकि FD पर ब्याज दरें बढ़ सकती हैं।
3. डेबिट/क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियम:
बैंक कभी-कभी अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियमों, जैसे वार्षिक शुल्क, रिवॉर्ड पॉइंट या लेनदेन शुल्क में बदलाव कर सकते हैं। 1 अगस्त से, आपको अपने कार्ड के नियमों और शर्तों में कोई अपडेट दिख सकता है, इसलिए अपने बैंक से संपर्क करके जानकारी लेना उचित होगा।
4. ATM से कैश निकालने के नियम:
बैंक अपने ATM से नकद निकासी की सीमाओं या शुल्कों में भी बदलाव कर सकते हैं, खासकर यदि आप किसी अन्य बैंक के ATM का उपयोग करते हैं।
UPSC के लिए प्रासंगिकता: मौद्रिक नीति, बैंकिंग विनियमन, वित्तीय समावेशन, मुद्रास्फीति, और भारतीय अर्थव्यवस्था की संरचना जैसे विषय UPSC के लिए केंद्रीय हैं। बैंकिंग क्षेत्र के ये बदलाव इन व्यापक विषयों से जुड़े हुए हैं।
अन्य महत्वपूर्ण सरकारी और प्रशासनिक बदलाव
UPI और LPG के अलावा, 1 अगस्त से कुछ अन्य सरकारी और प्रशासनिक बदलाव भी प्रभावी हो सकते हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित कर सकते हैं।
1. बीमा पॉलिसियों के नियम:
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा जारी किए गए नए नियमों के अनुसार, कुछ बीमा पॉलिसियों, विशेष रूप से स्वास्थ्य और जीवन बीमा से संबंधित, के नियमों में बदलाव लागू हो सकते हैं। यह पॉलिसियों की संरचना, प्रीमियम या दावों के निपटान को प्रभावित कर सकता है।
2. वाहन पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस:
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा पेश किए गए नए नियम, जैसे कि वाहनों के पंजीकरण या ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाना, 1 अगस्त से लागू हो सकते हैं। इसका उद्देश्य पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाना है।
3. छोटे बचत योजनाओं पर ब्याज दरें:
सरकार समय-समय पर डाकघर की छोटी बचत योजनाओं (जैसे NSC, PPF, सुकन्या समृद्धि योजना) पर ब्याज दरों की समीक्षा करती है। 1 अगस्त को भी इन योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव हो सकता है, जो लाखों निवेशकों को प्रभावित करेगा।
4. खाद्य सुरक्षा और मानक:
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा जारी किए गए नए खाद्य सुरक्षा दिशानिर्देश या पैकेजिंग नियम भी 1 अगस्त से प्रभावी हो सकते हैं। यह खाद्य उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।
“सरकारी नीतियों का प्रभाव दूरगामी होता है। 1 अगस्त से लागू होने वाले ये बदलाव विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार और अनुपालन को प्रोत्साहित करेंगे।”
UPSC के लिए प्रासंगिकता: सरकारी योजनाएं, नियामक निकाय (जैसे IRDAI, FSSAI), सार्वजनिक नीति, सामाजिक न्याय, ई-गवर्नेंस, और ग्रामीण विकास जैसे विषय UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन बदलावों को समझना नीति-निर्माण प्रक्रिया और उनके सामाजिक-आर्थिक प्रभावों के विश्लेषण के लिए आवश्यक है।
UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से विश्लेषण
1 अगस्त से लागू होने वाले ये बदलाव केवल रोजमर्रा की खबरें नहीं हैं; ये UPSC परीक्षा के लिए गहन विश्लेषण के अवसर प्रदान करते हैं।
1. कारण और प्रभाव का विश्लेषण:
प्रत्येक बदलाव के पीछे के कारणों (जैसे, वित्तीय स्थिरता, उपभोक्ताओं की सुरक्षा, सरकारी राजस्व, या डिजिटल परिवर्तन) को समझना महत्वपूर्ण है। साथ ही, इसके संभावित प्रभावों (जैसे, महंगाई पर असर, क्रय शक्ति में बदलाव, व्यवसायों पर बोझ, या वित्तीय समावेशन में वृद्धि) का विश्लेषण करना भी आवश्यक है।
2. नीतिगत ढाँचा:
ये बदलाव अक्सर मौजूदा सरकारी नीतियों या नए नीतिगत प्रस्तावों का परिणाम होते हैं। UPSC उम्मीदवार को इन नीतियों के विकास, उनके उद्देश्यों और उन्हें लागू करने के लिए जिम्मेदार सरकारी निकायों को जानना चाहिए।
3. अंतर्राष्ट्रीय तुलना:
कुछ बदलाव, जैसे UPI या डिजिटल भुगतान, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देखे जा रहे हैं। अन्य देशों के साथ तुलनात्मक अध्ययन (Comparative Study) आपकी उत्तर-लेखन क्षमता को बढ़ा सकता है।
4. चुनौतियाँ और समाधान:
इन बदलावों को लागू करने में क्या चुनौतियाँ आ सकती हैं (जैसे, तकनीकी बाधाएं, जन जागरूकता की कमी, या मौजूदा प्रणालियों के साथ एकीकरण)? इन चुनौतियों से निपटने के लिए क्या समाधान सुझाए जा सकते हैं? इन पहलुओं पर विचार करना मुख्य परीक्षा के उत्तरों को मूल्यवान बनाता है।
भविष्य की राह: निरंतर विकास और अनुकूलन
यह समझना महत्वपूर्ण है कि ये बदलाव एक सतत प्रक्रिया का हिस्सा हैं। भारत एक तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था है, और सरकार लगातार अपनी नीतियों और नियमों को अद्यतन करती रहती है ताकि बदलती सामाजिक-आर्थिक और तकनीकी परिस्थितियों के अनुकूल हो सके।
- तकनीकी नवाचार: UPI जैसी प्रौद्योगिकियां वित्तीय लेनदेन को बदल रही हैं। भविष्य में, हम ब्लॉकचेन, AI-संचालित वित्तीय सेवाओं और अन्य डिजिटल नवाचारों को और अधिक मुख्यधारा में आते देखेंगे।
- सब्सिडी का लक्ष्यांकन: सरकारें सब्सिडी को अधिक लक्षित और कुशल बनाने के तरीके खोज रही हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लाभ वास्तव में जरूरतमंदों तक पहुंचे।
- डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना: UPI की सफलता से प्रेरित होकर, सरकार अन्य क्षेत्रों में भी डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (Digital Public Infrastructure – DPI) विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
UPSC उम्मीदवारों के लिए, इन सभी विकासों पर नजर रखना और उन्हें बड़े राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संदर्भों से जोड़ना एक सफल तैयारी की कुंजी है। 1 अगस्त से होने वाले ये बदलाव उस बड़े चित्र का एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
1. कथन (A): यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का विकास भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा किया गया है।
कथन (B): NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) UPI प्रणाली का संचालन करता है।
विकल्प:
(a) केवल A सत्य है
(b) केवल B सत्य है
(c) A और B दोनों सत्य हैं
(d) A और B दोनों असत्य हैं
उत्तर: (b)
व्याख्या: UPI का विकास NPCI द्वारा किया गया है, न कि सीधे RBI द्वारा। RBI इसके विनियमन और पर्यवेक्षण की भूमिका निभाता है। NPCI UPI प्रणाली का संचालन करता है, इसलिए कथन (B) सत्य है।
2. निम्नलिखित में से कौन सा कथन एलपीजी (LPG) सब्सिडी से संबंधित सरकारी नीति के संदर्भ में सही है?
(a) एलपीजी सब्सिडी पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमतों से स्वतंत्र है।
(b) एलपीजी सब्सिडी केवल वाणिज्यिक सिलेंडरों पर लागू होती है।
(c) एलपीजी सब्सिडी की राशि अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों और सरकार की राजकोषीय स्थिति से प्रभावित होती है।
(d) एलपीजी सब्सिडी प्रति सिलेंडर एक निश्चित राशि होती है, जिसमें कोई बदलाव नहीं होता।
उत्तर: (c)
व्याख्या: एलपीजी सब्सिडी की मात्रा कच्चे तेल की कीमतों के उतार-चढ़ाव और सरकारी राजकोषीय घाटे पर निर्भर करती है।
3. UPI लाइट (UPI Lite) का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
(a) उच्च मूल्य वाले व्यावसायिक लेनदेन को सुगम बनाना।
(b) कम मूल्य वाले, रोजमर्रा के भुगतानों को तेज और कुशल बनाना।
(c) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा हस्तांतरण को सुरक्षित करना।
(d) ऋण पात्रता का आकलन करना।
उत्तर: (b)
व्याख्या: UPI लाइट विशेष रूप से छोटे मूल्य के दैनिक लेनदेन के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे उन्हें अधिक तेज़ी से निपटाया जा सके।
4. भारत में एलपीजी (LPG) की कीमतों की समीक्षा आम तौर पर कब की जाती है?
(a) हर तीन महीने में
(b) हर छह महीने में
(c) हर महीने की पहली तारीख को
(d) साल में एक बार
उत्तर: (c)
व्याख्या: तेल विपणन कंपनियां आम तौर पर हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी की कीमतों की समीक्षा और समायोजन करती हैं।
5. निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना’ (Digital Public Infrastructure – DPI) का उदाहरण है?
(a) एक विशिष्ट बैंक का मोबाइल बैंकिंग ऐप
(b) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI)
(c) एक निजी कंपनी का क्लाउड स्टोरेज
(d) एक समाचार पत्र का ऑनलाइन संस्करण
उत्तर: (b)
व्याख्या: UPI एक सार्वजनिक अवसंरचना है जो विभिन्न संस्थाओं को सेवाओं के निर्माण के लिए एक मंच प्रदान करती है, न कि एक एकल उत्पाद।
6. बैंक अपने बचत खातों पर ब्याज दरें क्यों बदलते हैं?
(a) केवल आरबीआई (RBI) के आदेश पर
(b) ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए
(c) आरबीआई की मौद्रिक नीति, बाजार की तरलता और अपनी वित्तीय जरूरतों के आधार पर
(d) केवल सरकारी नियमों के अनुसार
उत्तर: (c)
व्याख्या: बैंकों द्वारा ब्याज दरें बदलने के पीछे कई कारण होते हैं, जिनमें आरबीआई की नीतिगत दरें, बाजार में धन की उपलब्धता (तरलता) और बैंक की अपनी पूंजी की आवश्यकताएं शामिल हैं।
7. निम्नलिखित में से कौन सा निकाय भारत में बीमा क्षेत्र को विनियमित करता है?
(a) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)
(b) भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)
(c) भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI)
(d) बीमा लोकपाल
उत्तर: (c)
व्याख्या: IRDAI भारत में बीमा उद्योग के विनियमन, लाइसेंसिंग और विकास के लिए जिम्मेदार शीर्ष नियामक निकाय है।
8. “वित्तीय समावेशन” (Financial Inclusion) का क्या अर्थ है?
(a) केवल अमीरों को वित्तीय सेवाएं प्रदान करना।
(b) सभी नागरिकों को सुलभ और वहनीय वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना।
(c) केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए बैंकिंग सेवाएं।
(d) केवल शहरी क्षेत्रों में वित्तीय सेवाएं प्रदान करना।
उत्तर: (b)
व्याख्या: वित्तीय समावेशन का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि समाज के सभी वर्गों, विशेषकर वंचितों और कम आय वाले लोगों को, बैंकिंग, बीमा, पेंशन और भुगतान सेवाओं तक पहुँच प्राप्त हो।
9. निम्नलिखित में से कौन सा नियम 1 अगस्त से छोटे बचत योजनाओं पर लागू हो सकता है?
(a) इन योजनाओं में निवेश की अंतिम तिथि।
(b) इन योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों में संशोधन।
(c) इन योजनाओं के लिए पात्रता मानदंड में बदलाव।
(d) इन योजनाओं से निकासी पर पूरी तरह रोक।
उत्तर: (b)
व्याख्या: सरकार समय-समय पर छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की समीक्षा और समायोजन करती है, और यह 1 अगस्त से प्रभावित हो सकता है।
10. “मुद्रास्फीति” (Inflation) को मापने का एक सामान्य तरीका क्या है?
(a) बेरोजगारी दर
(b) सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर
(c) उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI)
(d) राजकोषीय घाटा
उत्तर: (c)
व्याख्या: उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) वस्तुओं और सेवाओं के एक बास्केट की कीमतों में समय के साथ होने वाले बदलाव को मापता है, और यह मुद्रास्फीति का एक प्रमुख संकेतक है।
मुख्य परीक्षा (Mains)
1. डिजिटल भुगतान प्रणालियों, विशेष रूप से UPI, के बढ़ते उपयोग के आर्थिक और सामाजिक निहितार्थों का विश्लेषण करें। 1 अगस्त से लागू होने वाले संभावित नए नियमों के संदर्भ में, भारत में वित्तीय समावेशन और डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में इनकी भूमिका पर चर्चा करें।
2. एलपीजी (LPG) की कीमतों में उतार-चढ़ाव का भारतीय अर्थव्यवस्था, विशेषकर निम्न और मध्यम आय वर्ग के परिवारों की क्रय शक्ति और मुद्रास्फीति पर क्या प्रभाव पड़ता है? सरकारी सब्सिडी नीतियों के औचित्य और चुनौतियों का मूल्यांकन करें।
3. “डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना” (Digital Public Infrastructure – DPI) की अवधारणा को स्पष्ट करें और भारत में इसके विकास के लिए UPI जैसे सफल उदाहरणों की भूमिका का वर्णन करें। भविष्य में DPI किस प्रकार विभिन्न सरकारी सेवाओं को अधिक कुशल और पारदर्शी बना सकता है?
4. समकालीन भारत में नियामक निकायों (जैसे RBI, SEBI, IRDAI) की भूमिका का महत्व क्या है? 1 अगस्त से लागू होने वाले विभिन्न नियमों (जैसे बैंकिंग, बीमा, डिजिटल भुगतान) के माध्यम से इन निकायों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों और उनके लक्ष्यों का विश्लेषण करें।