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भारत-अमेरिका व्यापार युद्ध: ट्रम्प के आरोप और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के शांति दावों के बीच विरोधाभास – जानिए कैसे?

भारत-अमेरिका व्यापार युद्ध: ट्रम्प के आरोप और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के शांति दावों के बीच विरोधाभास – जानिए कैसे?

चर्चा में क्यों? (Why in News?):** हाल के दिनों में, अमेरिका ने भारत पर व्यापार में अनुचित व्यवहार का आरोप लगाते हुए कई तरह के टैरिफ (शुल्क) लगाए हैं। यह कदम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस दावे के विपरीत प्रतीत होता है, जिसमें उन्होंने भारत के साथ विशेष रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे शांति पहलों में अपने सहयोग का उल्लेख किया था। यह विरोधाभास अंतरराष्ट्रीय संबंधों, भू-राजनीति और व्यापार नीतियों की जटिलताओं को उजागर करता है, जो UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह लेख इस घटनाक्रम का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करेगा, इसके विभिन्न पहलुओं को उजागर करेगा और UPSC के दृष्टिकोण से इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डालेगा।

परिचय: एक जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य (Introduction: A Complex Geopolitical Landscape)

अंतरराष्ट्रीय संबंध तारों के एक जटिल जाल की तरह होते हैं, जहाँ कूटनीति, व्यापार, सुरक्षा और राष्ट्रीय हित एक दूसरे से गहराई से जुड़े होते हैं। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका, दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूप में, इस जाल में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर व्यापार संबंधी अनुचित व्यवहार का आरोप लगाते हुए टैरिफ लागू करने का निर्णय, दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नया आयाम जोड़ता है। यह तब और भी विचारणीय हो जाता है जब हम राष्ट्रपति ट्रम्प के ही उन बयानों पर गौर करते हैं, जिनमें उन्होंने भारत को एक महत्वपूर्ण सहयोगी और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Op Sindoor) जैसी शांति-संवर्धन पहलों में भागीदार बताया था।

यह लेख इन दो विरोधी बयानों और कार्यों के बीच के विरोधाभास का विश्लेषण करेगा। हम समझेंगे कि ये टैरिफ क्या हैं, इनका उद्देश्य क्या हो सकता है, और ये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से स्थापित किए जा रहे शांति के दावों को कैसे कमजोर करते हैं। UPSC सिविल सेवा परीक्षा के संदर्भ में, यह न केवल अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और कूटनीति की समझ को बढ़ाएगा, बल्कि भू-राजनीतिक गतिशीलता और नीति-निर्माण की जटिलताओं को भी उजागर करेगा।

राष्ट्रपति ट्रम्प के आरोप और टैरिफ की पृष्ठभूमि (President Trump’s Allegations and the Background of Tariffs)

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, अपनी “अमेरिका फर्स्ट” (America First) नीति के लिए जाने जाते हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य अमेरिकी श्रमिकों और व्यवसायों के हितों की रक्षा करना है। इस नीति के तहत, उन्होंने कई देशों पर व्यापार घाटे (Trade Deficit) को कम करने और “निष्पक्ष” (Fair) व्यापार सुनिश्चित करने के लिए दबाव डाला है। भारत भी उन देशों में से एक है, जिस पर यह आरोप लगाया गया है कि वह अमेरिकी उत्पादों पर अनुचित शुल्क लगाता है और अमेरिकी कंपनियों को भारतीय बाजार में प्रवेश करने में बाधाएँ उत्पन्न करता है।

**ट्रम्प के प्रमुख आरोप (Key Allegations by Trump):**

* **अनुचित टैरिफ (Unfair Tariffs):** ट्रम्प का आरोप है कि भारत अमेरिकी उत्पादों, विशेष रूप से हार्ले-डेविडसन (Harley-Davidson) मोटरसाइकिलों जैसे उत्पादों पर बहुत अधिक टैरिफ लगाता है, जबकि भारत के उत्पादों पर अमेरिका उतने टैरिफ नहीं लगाता।
* **बाजार पहुंच में बाधाएं (Market Access Barriers):** यह भी आरोप लगाया गया है कि भारत अमेरिकी कंपनियों के लिए भारतीय बाजार में प्रवेश को मुश्किल बनाता है, जिससे अमेरिकी व्यवसायों को नुकसान होता है।
* **व्यापार घाटा (Trade Deficit):** भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा (यानी, भारत से अधिक आयात करना जितना भारत अमेरिका से आयात करता है) भी ट्रम्प प्रशासन के लिए एक चिंता का विषय रहा है।

इन आरोपों के जवाब में, अमेरिका ने भारत पर **विशेष तरजीही व्यवस्था (Generalized System of Preferences – GSP)** के तहत मिलने वाली छूट को समाप्त करने जैसे कदम उठाए, जिससे भारतीय निर्यातों पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ गए।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ और शांति के दावे ( ‘Op Sindoor’ and Claims of Peace)

दूसरी ओर, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Op Sindoor) एक काल्पनिक या प्रतीकात्मक नाम हो सकता है जिसका उपयोग राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत के साथ सकारात्मक संबंधों और शांति पहलों को रेखांकित करने के लिए किया हो। यदि यह किसी वास्तविक शांति अभियान या कूटनीतिक पहल का संदर्भ है, तो इसका उद्देश्य क्षेत्र में स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देना होगा।

**संभावित अर्थ और संदर्भ (Potential Meaning and Context):**

* **शांति और स्थिरता (Peace and Stability):** ‘सिंदूर’ शब्द का भारतीय संस्कृति में शुभता और शांति से गहरा संबंध है। इसलिए, इस नाम का प्रयोग संभवतः किसी ऐसे ऑपरेशन को दर्शाने के लिए किया गया होगा जिसका उद्देश्य किसी क्षेत्र या देशों के बीच शांति और सद्भाव स्थापित करना हो।
* **कूटनीतिक सहयोग (Diplomatic Cooperation):** यह भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, सुरक्षा या मानवीय सहायता जैसे क्षेत्रों में बढ़ते सहयोग का भी प्रतीक हो सकता है।
* **क्षेत्रीय शांति (Regional Peace):** यदि यह किसी विशिष्ट क्षेत्र से संबंधित है, तो यह क्षेत्र में संघर्षों को कम करने और शांतिपूर्ण समाधान खोजने के प्रयासों का संकेत दे सकता है।

राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा ऐसे “ऑपरेशन” का उल्लेख करना, भारत के साथ मजबूत और सहयोगात्मक संबंध बनाने की उनकी इच्छा को दर्शाता होगा, जो उनके व्यापार-संबंधी कड़े रुख से बिल्कुल विपरीत है।

विरोधाभास को समझना: टैरिफ बनाम शांति (Understanding the Contradiction: Tariffs vs. Peace)

यहां मुख्य विरोधाभास यह है कि एक ओर, राष्ट्रपति ट्रम्प भारत पर अनुचित व्यापार प्रथाओं का आरोप लगाते हुए कड़े आर्थिक उपाय (टैरिफ) लागू करते हैं, जो कि आर्थिक तनाव को बढ़ाते हैं। दूसरी ओर, वे भारत को एक महत्वपूर्ण भागीदार बताते हुए शांति और सहयोग की पहलों (जैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’) का भी उल्लेख करते हैं।

यह विरोधाभास कई स्तरों पर देखा जा सकता है:

1. **आर्थिक नीति बनाम विदेश नीति (Economic Policy vs. Foreign Policy):** राष्ट्रपति ट्रम्प की आर्थिक नीतियां अक्सर “सबको फायदा” (Win-Win) वाले दृष्टिकोण के बजाय “मुझे फायदा” (Me-Win) वाले दृष्टिकोण पर केंद्रित होती हैं। वहीं, विदेश नीति में वे गठबंधन और साझेदारियों को भी महत्व देते हैं, खासकर उन देशों के साथ जो अमेरिकी हितों को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। यह दोनों के बीच एक संघर्ष की स्थिति पैदा करता है।
2. **द्विपक्षीय संबंधों पर प्रभाव (Impact on Bilateral Relations):** टैरिफ जैसे आर्थिक दंड, कूटनीतिक और रणनीतिक सहयोग के माहौल को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। जब एक देश दूसरे पर आर्थिक दबाव डालता है, तो दूसरे देश के लिए सहयोग करना मुश्किल हो जाता है, भले ही वे अन्य क्षेत्रों में साझा हित रखते हों।
3. **”अमेरिका फर्स्ट” की जटिलता (The Complexity of “America First”):** “अमेरिका फर्स्ट” का नारा, जबकि अपने आप में राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने का इरादा रखता है, यह अनजाने में अन्य देशों के साथ संबंधों में तनाव पैदा कर सकता है। ट्रम्प प्रशासन के तहत, यह रणनीति कभी-कभी संरक्षणवादी (Protectionist) और अलगाववादी (Isolationist) नीतियों के रूप में सामने आई है, जो उनके अपने कूटनीतिक प्रयासों को भी बाधित कर सकती है।

UPSC के दृष्टिकोण से महत्व (Significance from a UPSC Perspective)

यह पूरा घटनाक्रम UPSC सिविल सेवा परीक्षा के पाठ्यक्रम के विभिन्न पहलुओं से जुड़ा हुआ है, विशेष रूप से **अंतर्राष्ट्रीय संबंध (International Relations)**, **भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy)**, **सुरक्षा (Security)**, और **विदेश नीति (Foreign Policy)** के तहत।

* **अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और WTO (International Trade and WTO):** टैरिफ, व्यापार समझौते, और संरक्षणवाद की चर्चा विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों और सिद्धांतों से जुड़ी है। भारत की व्यापार नीतियां और अमेरिकी आरोप WTO के ढांचे के भीतर चर्चा का विषय बनते हैं।
* **भू-राजनीतिक गठबंधन (Geopolitical Alliances):** भारत-अमेरिका संबंध, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के संदर्भ में, एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक समीकरण बनाते हैं। ऐसे तनाव दोनों देशों के बीच रणनीतिक तालमेल को प्रभावित कर सकते हैं।
* **भारत की विदेश नीति (India’s Foreign Policy):** भारत को अपने आर्थिक हितों और रणनीतिक साझेदारियों के बीच संतुलन बनाए रखना होता है। अमेरिकी टैरिफ नीति, भारत को अपने व्यापारिक साझेदारों में विविधता लाने और आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।
* **सुरक्षा और कूटनीति (Security and Diplomacy):** ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे शांति-उन्मुख शब्द, भारत की बढ़ती क्षेत्रीय और वैश्विक भूमिका को दर्शाते हैं। यह दिखाता है कि भारत न केवल आर्थिक शक्ति के रूप में, बल्कि शांति और स्थिरता के वाहक के रूप में भी भूमिका निभा रहा है।

क्यों लगाए जाते हैं टैरिफ? (Why are Tariffs Imposed?)

टैरिफ, या आयात शुल्क, एक देश की सरकार द्वारा उन वस्तुओं पर लगाए जाने वाले कर हैं जो दूसरे देशों से आयात की जाती हैं। इनके पीछे कई कारण हो सकते हैं:

* **राजस्व अर्जन (Revenue Generation):** सरकारें टैरिफ लगाकर राजस्व प्राप्त करती हैं।
* **घरेलू उद्योगों की सुरक्षा (Protection of Domestic Industries):** टैरिफ आयातित वस्तुओं को महंगा बनाकर घरेलू उत्पादों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करते हैं, जिससे घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिलता है।
* **राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security):** कुछ मामलों में, राष्ट्रीय सुरक्षा के कारणों से कुछ विशिष्ट वस्तुओं या प्रौद्योगिकियों के आयात पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
* **आर्थिक बदला (Economic Retaliation):** जब कोई देश दूसरे देश की व्यापार नीतियों से असंतुष्ट होता है, तो वह जवाबी कार्रवाई के रूप में टैरिफ लगा सकता है।
* **व्यापार घाटे को कम करना (Reducing Trade Deficit):** आयात को महंगा करके और निर्यात को प्रोत्साहित करके (कम टैरिफ के माध्यम से), देश अपने व्यापार घाटे को कम करने की कोशिश कर सकते हैं।

ट्रम्प प्रशासन के मामले में, मुख्य कारण “निष्पक्ष” व्यापार सुनिश्चित करना, व्यापार घाटे को कम करना और अमेरिकी श्रमिकों की रक्षा करना था।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दावों का कूटनीतिक प्रभाव (Diplomatic Impact of ‘Op Sindoor’ Claims)

यदि राष्ट्रपति ट्रम्प ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे शांति-संचालित अभियान का उल्लेख किया है, तो इसके पीछे कूटनीतिक उद्देश्य यह हो सकता है:

* **सकारात्मक छवि निर्माण (Building a Positive Image):** यह भारत को एक सहयोगी और शांति-प्रेमी राष्ट्र के रूप में चित्रित करने का प्रयास हो सकता है, जो अमेरिकी कूटनीति के लिए महत्वपूर्ण है।
* **व्यापार वार्ता में लाभ (Leverage in Trade Negotiations):** शांति और सहयोग के दावों का उपयोग, व्यापार से संबंधित कठिन बातचीत में भारत पर दबाव बनाने के लिए एक उपकरण के रूप में किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, “हम आपकी शांति पहलों का समर्थन कर रहे हैं, इसलिए आपको हमारे व्यापारिक मुद्दों को भी समझना होगा।”
* **सामरिक गठबंधन को मजबूत करना (Strengthening Strategic Alliances):** किसी साझा शांति या सुरक्षा लक्ष्य पर सहयोग, भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक संबंधों को और मजबूत कर सकता है, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन जैसे देशों के प्रभाव का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण है।

भारत का दृष्टिकोण और प्रतिक्रिया (India’s Stance and Response)

भारत ने हमेशा मुक्त और निष्पक्ष व्यापार का समर्थन किया है, लेकिन साथ ही अपने राष्ट्रीय हितों और घरेलू उद्योगों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी है।

* **तर्कसंगत टैरिफ (Reasonable Tariffs):** भारत का तर्क है कि उसके टैरिफ विकासशील देश के रूप में अपने उद्योगों और नवजात बाजारों को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं। वे डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुरूप हैं।
* **GSP की बहाली की मांग (Demand for GSP Restoration):** भारत ने अमेरिका से GSP की बहाली की मांग की है, यह तर्क देते हुए कि भारत इन छूटों के माध्यम से अमेरिकी निर्यातकों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है।
* **संतुलित विदेश नीति (Balanced Foreign Policy):** भारत अपनी विदेश नीति में “रणनीतिक स्वायत्तता” (Strategic Autonomy) बनाए रखने का प्रयास करता है। इसका अर्थ है कि वह किसी भी एक देश पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना चाहता और अपने राष्ट्रीय हित में निर्णय लेता है।
* **कूटनीतिक संवाद (Diplomatic Dialogue):** भारत ने अमेरिका के साथ लगातार संवाद बनाए रखा है, जिसमें व्यापारिक मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने और सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने पर जोर दिया जाता है।

व्यापार युद्ध का प्रभाव (Impact of Trade Wars)

व्यापार युद्ध, जैसे कि भारत और अमेरिका के बीच संभावित टकराव, दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं:

* **आर्थिक मंदी (Economic Slowdown):** टैरिफ और व्यापार बाधाएं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की मात्रा को कम करती हैं, जिससे वैश्विक आर्थिक विकास धीमा हो सकता है।
* **उपभोक्ताओं पर बोझ (Burden on Consumers):** आयातित वस्तुएं महंगी हो जाती हैं, जिससे उपभोक्ताओं के लिए वे वस्तुएं खरीदना महंगा हो जाता है।
* **आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान (Disruption in Supply Chains):** कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को पुनर्गठित करने के लिए मजबूर हो सकती हैं, जिससे उत्पादन लागत बढ़ सकती है।
* **निवेश में अनिश्चितता (Uncertainty in Investment):** व्यापार युद्धों से उत्पन्न अनिश्चितता निवेशकों को नए निवेश करने से हतोत्साहित कर सकती है।
* **भू-राजनीतिक अस्थिरता (Geopolitical Instability):** आर्थिक तनाव अक्सर भू-राजनीतिक तनाव को बढ़ाता है, जिससे देशों के बीच संबंध और बिगड़ सकते हैं।

चुनौतियां और आगे की राह (Challenges and the Way Forward)

इस जटिल परिदृश्य में, दोनों देशों के सामने कई चुनौतियां हैं:

**चुनौतियां (Challenges):**

* **अविश्वास (Mistrust):** व्यापारिक मुद्दों पर मतभेद, दोनों देशों के बीच अविश्वास पैदा कर सकते हैं, जो रणनीतिक सहयोग में बाधा डाल सकता है।
* **घरेलू दबाव (Domestic Pressures):** राष्ट्रपति ट्रम्प को अपने घरेलू मतदाताओं और व्यवसायों को संतुष्ट करने का दबाव होता है, जबकि भारत को भी अपने नागरिकों के हितों की रक्षा करनी होती है।
* **वैश्विक प्रतिस्पर्धा (Global Competition):** दोनों देशों को एक दूसरे के साथ-साथ चीन जैसे अन्य देशों के साथ भी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है, जिससे उनकी व्यापारिक और कूटनीतिक रणनीतियों पर असर पड़ता है।
* **नीतिगत असंगति (Policy Inconsistency):** एक ही प्रशासन के भीतर विभिन्न नीतियों (जैसे कड़े व्यापार नियम बनाम शांति सहयोग) में असंगति, साझेदारों के लिए अनुमान लगाना मुश्किल बना सकती है।

**आगे की राह (Way Forward):**

* **संवाद और कूटनीति (Dialogue and Diplomacy):** खुले और ईमानदार संवाद के माध्यम से मतभेदों को दूर करना और आम सहमति बनाना सबसे प्रभावी तरीका है।
* **साझा हितों पर ध्यान केंद्रित करना (Focusing on Shared Interests):** भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद से मुकाबला, समुद्री सुरक्षा, और जलवायु परिवर्तन जैसे कई साझा हित हैं, जिन पर सहयोग को मजबूत किया जा सकता है।
* **डब्ल्यूटीओ नियमों का पालन (Adherence to WTO Rules):** अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों का पालन सुनिश्चित करना, निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
* **लंबी अवधि की रणनीति (Long-term Strategy):** दोनों देशों को अल्पकालिक लाभ-हानि से ऊपर उठकर, एक-दूसरे के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

## निष्कर्ष (Conclusion)

राष्ट्रपति ट्रम्प के भारत पर टैरिफ लगाने के आरोप और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे शांति पहलों के दावों के बीच का विरोधाभास, समकालीन अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की जटिलताओं को दर्शाता है। यह दिखाता है कि कैसे एक देश की आर्थिक नीतियां उसकी विदेश नीति और कूटनीतिक दावों को प्रभावित कर सकती हैं। UPSC उम्मीदवारों के लिए, इस तरह की घटनाओं का विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है ताकि वे भू-राजनीतिक गतिशीलता, आर्थिक साम्राज्यवाद, और विभिन्न देशों की विदेश नीति के उद्देश्यों को समझ सकें।

भारत और अमेरिका के बीच संबंध महत्वपूर्ण हैं, और इन संबंधों की दिशा न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि वैश्विक व्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। कूटनीति, संवाद और आपसी समझ के माध्यम से, इन मतभेदों को कम किया जा सकता है और एक मजबूत, सहयोगात्मक साझेदारी का निर्माण किया जा सकता है। यह समझना आवश्यक है कि आर्थिक हित और रणनीतिक साझेदारियां अक्सर साथ-साथ चलती हैं, और उनके बीच संतुलन बनाना ही सफल कूटनीति की कुंजी है।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. **प्रश्न:** हालिया भारत-अमेरिका व्यापार तनाव के संदर्भ में, अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत पर लगाए गए मुख्य आरोपों में से कौन सा एक नहीं है?
(a) अनुचित उच्च टैरिफ (Imposition of unfairly high tariffs)
(b) बाजार पहुंच में बाधाएं (Barriers to market access)
(c) बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन (Violation of Intellectual Property Rights)
(d) व्यापार घाटे को लेकर चिंता (Concerns over trade deficit)
**उत्तर:** (c)
**व्याख्या:** अमेरिकी राष्ट्रपति के मुख्य आरोप अनुचित टैरिफ, बाजार पहुंच में बाधाएं और व्यापार घाटे से संबंधित रहे हैं। बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन भी एक मुद्दा हो सकता है, लेकिन यह विशेष रूप से ट्रम्प के हालिया टैरिफ के प्रमुख तर्क के रूप में उजागर नहीं किया गया था।

2. **प्रश्न:** “अमेरिका फर्स्ट” (America First) नीति का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
(a) वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना (Promoting global cooperation)
(b) अमेरिकी श्रमिकों और व्यवसायों के हितों की रक्षा करना (Protecting the interests of American workers and businesses)
(c) मुक्त व्यापार समझौतों को मजबूत करना (Strengthening free trade agreements)
(d) अंतर्राष्ट्रीय निकायों में अमेरिकी नेतृत्व बढ़ाना (Enhancing US leadership in international bodies)
**उत्तर:** (b)
**व्याख्या:** “अमेरिका फर्स्ट” नीति का मुख्य जोर अमेरिकी राष्ट्रीय हितों, विशेष रूप से आर्थिक हितों को प्राथमिकता देना है।

3. **प्रश्न:** GSP (Generalized System of Preferences) के तहत छूट को समाप्त करने का अमेरिकी कदम भारत के लिए क्या प्रभाव रखता है?
(a) भारतीय निर्यातों पर अमेरिकी टैरिफ में कमी (Reduction in US tariffs on Indian exports)
(b) भारतीय निर्यातों पर अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि (Increase in US tariffs on Indian exports)
(c) भारतीय उत्पादों के लिए अमेरिकी बाजार में बेहतर पहुंच (Improved access for Indian products in the US market)
(d) भारत और अमेरिका के बीच व्यापार घाटे में कमी (Decrease in trade deficit between India and US)
**उत्तर:** (b)
**व्याख्या:** GSP छूट को समाप्त करने से भारतीय निर्यातों पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ जाते हैं, जिससे वे अमेरिकी बाजार में कम प्रतिस्पर्धी हो जाते हैं।

4. **प्रश्न:** राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे शांति-संचालित पहलों का उल्लेख करने का क्या संभावित कूटनीतिक उद्देश्य हो सकता है?
(a) भारत को चीन के खिलाफ उकसाना (Inciting India against China)
(b) भारत को व्यापारिक रियायतें देने के लिए प्रेरित करना (Motivating India to offer trade concessions)
(c) वैश्विक शांति बनाए रखने के लिए वैश्विक प्रयास (Global effort to maintain world peace)
(d) अफ्रीकी देशों के साथ संबंध मजबूत करना (Strengthening ties with African countries)
**उत्तर:** (b)
**व्याख्या:** ऐसे दावों का उपयोग अक्सर व्यापार वार्ता में एक कूटनीतिक दांव के रूप में किया जाता है, ताकि दूसरे देश को रियायतें देने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

5. **प्रश्न:** ‘सिंदूर’ शब्द का भारतीय संस्कृति में क्या प्रतीकात्मक महत्व है?
(a) युद्ध और संघर्ष (War and conflict)
(b) शुभता, सुहाग और पवित्रता (Auspiciousness, marital status, and purity)
(c) व्यापार और वाणिज्य (Trade and commerce)
(d) राजनीतिक शक्ति (Political power)
**उत्तर:** (b)
**व्याख्या:** सिंदूर का भारतीय परंपराओं में शुभ, पवित्र और विवाहित महिलाओं से गहरा संबंध है, और यह अक्सर शांति व मंगल कामना से भी जोड़ा जाता है।

6. **प्रश्न:** भारत अपने घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए किन उपायों का उपयोग करता है?
(a) केवल मुक्त व्यापार समझौते (Only free trade agreements)
(b) आयात पर टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाएं (Tariffs and non-tariff barriers on imports)
(c) निर्यात सब्सिडी को पूरी तरह से समाप्त करना (Complete elimination of export subsidies)
(d) विदेशी निवेश को पूरी तरह से प्रतिबंधित करना (Complete restriction of foreign investment)
**उत्तर:** (b)
**व्याख्या:** विकासशील देश अक्सर अपने नवजात उद्योगों की सुरक्षा के लिए आयात पर टैरिफ लगाते हैं और अन्य गैर-टैरिफ बाधाएं भी खड़ी करते हैं।

7. **प्रश्न:** विश्व व्यापार संगठन (WTO) का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
(a) सदस्य देशों के बीच व्यापार युद्ध को बढ़ावा देना (Promoting trade wars between member countries)
(b) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुगम, अनुमानित और मुक्त बनाना (Making international trade smooth, predictable, and free)
(c) एकल वैश्विक मुद्रा स्थापित करना (Establishing a single global currency)
(d) केवल सेवा व्यापार को विनियमित करना (Regulating only services trade)
**उत्तर:** (b)
**व्याख्या:** WTO का उद्देश्य वैश्विक व्यापार नियमों को स्थापित करना और उनका पालन सुनिश्चित करना है ताकि व्यापार सुचारू रूप से हो सके।

8. **प्रश्न:** ‘रणनीतिक स्वायत्तता’ (Strategic Autonomy) का अर्थ क्या है?
(a) किसी भी अंतरराष्ट्रीय गठबंधन का हिस्सा न बनना (Not being part of any international alliance)
(b) अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की क्षमता (The ability to make decisions independently according to national interests)
(c) केवल एक महाशक्ति के साथ गठबंधन करना (Forming an alliance with only one superpower)
(d) केवल आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना (Focusing solely on economic development)
**उत्तर:** (b)
**व्याख्या:** रणनीतिक स्वायत्तता का अर्थ है कि एक देश अपनी विदेश और रक्षा नीतियों को स्वतंत्र रूप से, बाहरी दबावों से मुक्त होकर, अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार तय कर सके।

9. **प्रश्न:** भू-राजनीतिक परिदृश्य में, भारत-अमेरिका संबंधों का महत्व निम्नलिखित में से किसके संदर्भ में बढ़ जाता है?
(a) रूस का बढ़ता प्रभाव (Growing influence of Russia)
(b) चीन का बढ़ता प्रभाव (Growing influence of China)
(c) उत्तरी कोरिया का परमाणु कार्यक्रम (North Korea’s nuclear program)
(d) मध्य पूर्व में अस्थिरता (Instability in the Middle East)
**उत्तर:** (b)
**व्याख्या:** इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते भू-राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव के मद्देनजर, भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी का महत्व काफी बढ़ गया है।

10. **प्रश्न:** निम्नलिखित में से कौन सा “अमेरिका फर्स्ट” नीति का एक संभावित परिणाम हो सकता है?
(a) संरक्षणवाद में वृद्धि (Increase in protectionism)
(b) बहुपक्षवाद को मजबूत करना (Strengthening multilateralism)
(c) अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में वृद्धि (Increase in international cooperation)
(d) मुक्त व्यापार समझौतों का विस्तार (Expansion of free trade agreements)
**उत्तर:** (a)
**व्याख्या:** “अमेरिका फर्स्ट” नीति अक्सर संरक्षणवादी उपायों (जैसे टैरिफ) को अपनाने की ओर ले जाती है, जो मुक्त व्यापार और बहुपक्षवाद के विपरीत हो सकते हैं।

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. **प्रश्न:** भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में हालिया तनाव, विशेष रूप से राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ, भारत की “रणनीतिक स्वायत्तता” बनाए रखने की क्षमता को कैसे प्रभावित करते हैं? इस संदर्भ में, भारत के लिए अपने राष्ट्रीय हितों को संतुलित करने के प्रमुख तरीके क्या हैं? (लगभग 250 शब्द)
2. **प्रश्न:** “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत संरक्षणवादी व्यापार प्रथाएं, वैश्विक आर्थिक व्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर किस प्रकार प्रभाव डालती हैं? भारत-अमेरिका व्यापारिक विवाद के आलोक में चर्चा करें। (लगभग 250 शब्द)
3. **प्रश्न:** ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे शांति-संचालित कूटनीतिक पहलों और संरक्षणवादी आर्थिक नीतियों के बीच विरोधाभास, समकालीन वैश्विक शासन की जटिलताओं को कैसे उजागर करता है? इस पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखें। (लगभग 150 शब्द)
4. **प्रश्न:** अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में टैरिफ का उपयोग एक देश की घरेलू अर्थव्यवस्था और उसकी विदेश नीति दोनों को कैसे प्रभावित कर सकता है? भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों के उदाहरण का उपयोग करते हुए विश्लेषण करें। (लगभग 150 शब्द)

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