इतिहास की गहराई में उतरें: 25 प्रश्न, 25cx{s}
क्या आप इतिहास के हर पन्ने को पलटने के लिए तैयार हैं? आज का यह खास मॉक टेस्ट आपको प्राचीन भारत से लेकर विश्व इतिहास के महत्वपूर्ण पड़ावों तक ले जाएगा। अपने ज्ञान को परखें, अपनी तैयारी को धार दें और बनें इतिहास के सच्चे सारथी!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से पक्की ईंटों का प्रयोग, जल निकासी प्रणाली और अन्नागार के सबसे स्पष्ट प्रमाण मिलते हैं?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: मोहनजोदड़ो (सिंधी में ‘मृतकों का टीला’) सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था। यहाँ से विशाल स्नानागार, अन्नागार, पक्की ईंटों से निर्मित भवन और एक अत्यंत विकसित जल निकासी प्रणाली के पुख्ता सबूत मिले हैं।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो की शहरी योजना अपने समय से बहुत आगे थी, जिसमें सड़क ग्रिड प्रणाली और प्रत्येक घर में व्यक्तिगत स्नानघर और शौचालय शामिल थे। यहाँ मिले विशाल अन्नागारों से पता चलता है कि वे अधिशेष कृषि उत्पादों को संग्रहित करते थे।
- गलत विकल्प: हड़प्पा भी एक महत्वपूर्ण स्थल है जहाँ ईंटों के प्रयोग के प्रमाण मिले हैं, लेकिन मोहनजोदड़ो में जल निकासी और अन्नागार के प्रमाण अधिक व्यापक हैं। लोथल एक बंदरगाह शहर था और कालीबंगन में जुते हुए खेत के शुरुआती प्रमाण मिलते हैं।
प्रश्न 2: किस वैदिक काल के ग्रंथ में यज्ञों और कर्मकांडों का विस्तृत वर्णन मिलता है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: यजुर्वेद (अर्थात् ‘यज्ञ सम्बन्धी मंत्र’) वह वेद है जो गद्य श्लोकों में यज्ञों के सम्पादन की विधियों और मंत्रों का विवरण देता है। इसमें प्रमुख रूप से ‘शुक्ल यजुर्वेद’ और ‘कृष्ण यजुर्वेद’ दो शाखाएँ हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यजुर्वेद में विभिन्न प्रकार के यज्ञों, जैसे अश्वमेध, राजसूय, वाजपेय आदि के लिए आवश्यक मंत्रों और अनुष्ठानों का वर्णन है। यह यज्ञों को पुरोहितों द्वारा सम्पन्न किए जाने की प्रक्रिया को दर्शाता है।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है जो स्तोत्रों का संग्रह है। सामवेद में गाए जाने वाले मंत्र हैं, जो ऋग्वेद से लिए गए हैं। अथर्ववेद में जादू-टोने, चिकित्सा और सामान्य जीवन से सम्बंधित मंत्र हैं।
प्रश्न 3: मौर्य काल में ‘इप्टिक’ (Ephatics) क्या थे?
- शाही अंगरक्षक
- सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी
- गुप्तचर
- न्यायिक अधिकारी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: मेगस्थनीज ने अपने ‘इंडिका’ ग्रंथ में मौर्य काल में राज्य की देखरेख और प्रशासन के लिए विभिन्न अधिकारियों का वर्णन किया है। ‘इप्टिक’ (Ephatics) जैसे अधिकारी गुप्तचरों के रूप में कार्य करते थे, जो राज्य के भीतर की गतिविधियों पर नज़र रखते थे।
- संदर्भ और विस्तार: मौर्य साम्राज्य का प्रशासन अत्यंत सुव्यवस्थित था, जिसमें सूचना तंत्र महत्वपूर्ण था। सम्राट को सूचनाएँ पहुँचाने और राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गुप्तचरों का एक जाल बिछाया गया था।
- गलत विकल्प: शाही अंगरक्षक ‘सेनानी’ या ‘महामात्य’ जैसे अधिकारी होते थे। सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी या अन्य प्रशासनिक अधिकारी अलग-अलग श्रेणियों में आते थे, लेकिन ‘इप्टिक’ शब्द विशेष रूप से गुप्तचरों से जुड़ा है।
प्रश्न 4: प्रसिद्ध ‘सातवाहन’ राजवंश की राजधानी कहाँ स्थित थी?
- पाटलिपुत्र
- कांचीपुरम
- पैठन (प्रतिष्ठान)
- मधुरई
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: सातवाहन राजवंश, जो दक्कन क्षेत्र में एक शक्तिशाली शक्ति था, की राजधानी प्रारम्भ में ‘ज्योतिर्लिंग’ और बाद में ‘पैठन’ (प्राचीन नाम प्रतिष्ठान) में स्थापित की गई थी। यह गोदावरी नदी के तट पर स्थित था।
- संदर्भ और विस्तार: सातवाहनों ने लगभग तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से दूसरी शताब्दी ईस्वी तक शासन किया। उन्होंने उत्तर भारत में कुषाणों और पश्चिम में शक शासकों से संघर्ष किया। सातवाहन शासक ‘सातकर्णी’ और ‘गौतमीपुत्र सातकर्णी’ विशेष रूप से प्रसिद्ध हुए।
- गलत विकल्प: पाटलिपुत्र मगध और मौर्य साम्राज्य की राजधानी थी। कांचीपुरम पल्लव साम्राज्य की राजधानी थी, और मधुरई पांड्य साम्राज्य का केंद्र था।
प्रश्न 5: गुप्त काल में ‘दिनार’ नामक मुद्रा किस धातु से बनी होती थी?
- चाँदी
- ताँबा
- सोना
- सीसा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) भारतीय इतिहास का ‘स्वर्ण युग’ माना जाता है। इस काल में ‘दिनार’ नामक मुद्रा का प्रचलन था, जो मुख्य रूप से सोने की बनी होती थी।
- संदर्भ और विस्तार: गुप्त शासकों ने बड़े पैमाने पर स्वर्ण मुद्राओं का जारी किया, जिनमें ‘दिनार’ सबसे प्रमुख थी। ये मुद्राएं कलात्मकता और शुद्धता के लिए जानी जाती थीं और व्यापार के लिए महत्वपूर्ण थीं। इसके अलावा, चांदी की ‘रूपक’ और तांबे की ‘माष’ जैसी मुद्राएं भी प्रचलित थीं।
- गलत विकल्प: चांदी की मुद्रा को ‘रूपक’ कहा जाता था, और तांबे की मुद्राएं भी थीं, लेकिन ‘दिनार’ मुख्य रूप से स्वर्ण मुद्रा थी।
प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान को ‘लाख बख्श’ (लाखों का दान देने वाला) के रूप में जाना जाता है?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक, दिल्ली सल्तनत के संस्थापक और गुलाम वंश के पहले सुल्तान (1206-1210 ईस्वी), अपनी उदारता और दानशीलता के लिए ‘लाख बख्श’ (लाखों का दान देने वाला) के रूप में प्रसिद्ध थे।
- संदर्भ और विस्तार: ऐबक ने अपने शासनकाल में बहुत से मदरसे और मस्जिदें बनवाईं, जिनमें कुतुब मीनार (जिसका निर्माण उन्होंने शुरू करवाया था) प्रमुख है। उनकी जनप्रियता और दयालुता के कारण उन्हें यह उपाधि दी गई थी।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश गुलाम वंश का एक योग्य सुल्तान था जिसने सल्तनत को संगठित किया। बलबन ने दास वंश की प्रतिष्ठा पुनः स्थापित की। अलाउद्दीन खिलजी खिलजी वंश का एक महत्वाकांक्षी शासक था जो अपनी सैन्य और आर्थिक सुधारों के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘अष्टदिग्गज’ नामक कवियों के समूह को संरक्षण दिया?
- देवराय प्रथम
- कृष्णदेवराय
- देवराय द्वितीय
- सदाशिवराय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1530 ईस्वी) विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे। उन्होंने तेलुगु साहित्य को अभूतपूर्व संरक्षण दिया और अपने दरबार में ‘अष्टदिग्गज’ (आठ महान हाथी) नामक आठ तेलुगु कवियों को आश्रय दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टदिग्गज में प्रमुख कवि अल्लसानी पेद्दन, धूर्जति, तेनाली राम जैसे विद्वान शामिल थे। कृष्णदेवराय स्वयं एक विद्वान थे और उन्होंने ‘अमुक्तमाल्यदा’ नामक तेलुगु महाकाव्य की रचना की।
- गलत विकल्प: अन्य तीन शासक भी विजयनगर के महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन ‘अष्टदिग्गज’ का सीधा संबंध कृष्णदेवराय के शासनकाल से है।
प्रश्न 8: ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की स्थापना किस मुगल सम्राट ने की थी?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: मुगल सम्राट अकबर (शासनकाल 1556-1605 ईस्वी) ने विभिन्न धर्मों के सिद्धांतों को मिलाकर ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक समन्वयवादी धर्म की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: अकबर सभी प्रमुख धर्मों के प्रति सहिष्णु थे और उन्होंने धार्मिक बहस को बढ़ावा दिया। दीन-ए-इलाही का उद्देश्य धार्मिक सद्भाव स्थापित करना और अपने प्रति निष्ठा को बढ़ावा देना था। हालाँकि, यह धर्म व्यापक रूप से नहीं फैला और केवल कुछ ही अनुयायी हुए।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब अपने-अपने समय के महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन दीन-ए-इलाही की अवधारणा अकबर से जुड़ी है।
प्रश्न 9: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण क्या था?
- डलहौजी की ‘व्यपगत का सिद्धांत’
- भारतीयों के प्रति ब्रिटिशों की नस्लीय श्रेष्ठता
- एनफील्ड राइफल में चर्बी लगे कारतूस
- धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: 1857 के विद्रोह का सबसे तात्कालिक और प्रमुख कारण एनफील्ड राइफल में प्रयोग किए जाने वाले कारतूस थे, जिनके बारे में अफवाह थी कि उनमें गाय और सूअर की चर्बी लगी होती थी।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय सैनिकों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली इस अफवाह ने विद्रोह की चिंगारी का काम किया। सैनिकों को कारतूसों को दांतों से छीलना पड़ता था, जिससे हिन्दू और मुस्लिम दोनों सैनिकों में रोष था। यद्यपि व्यपगत का सिद्धांत और भारतीयों के प्रति भेदभाव जैसे कारण भी विद्रोह की पृष्ठभूमि में थे, लेकिन चर्बी लगे कारतूस एक तात्कालिक उकसावा थे।
- गलत विकल्प: व्यपगत का सिद्धांत (Doctrine of Lapse) एक महत्वपूर्ण कारण था, लेकिन तात्कालिक नहीं। नस्लीय श्रेष्ठता और धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे थे।
प्रश्न 10: ‘सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट’ (Survival of the Fittest) का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया?
- चार्ल्स डार्विन
- हर्बर्ट स्पेन्सर
- अल्फ्रेड रसेल वालेस
- जीन-बैप्टिस्ट लैमार्क
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: ‘सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट’ (Survival of the Fittest) वाक्यांश को ब्रिटिश समाजशास्त्री और दार्शनिक हर्बर्ट स्पेन्सर ने 1864 में प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘प्रिंसिपल्स ऑफ बायोलॉजी’ में प्रस्तुत किया था।
- संदर्भ और विस्तार: स्पेन्सर ने इस विचार को चार्ल्स डार्विन के प्राकृतिक चयन के सिद्धांत के साथ जोड़ा, हालाँकि डार्विन ने बाद में अपने ‘ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीशीज़’ (1859) के छठे संस्करण में इस वाक्यांश को अपनाया। स्पेन्सर का मानना था कि यह सिद्धांत न केवल जैविक विकास पर, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास पर भी लागू होता है।
- गलत विकल्प: चार्ल्स डार्विन ने ‘प्राकृतिक चयन’ (Natural Selection) का सिद्धांत दिया था। अल्फ्रेड रसेल वालेस ने स्वतंत्र रूप से प्राकृतिक चयन का सिद्धांत विकसित किया था, और लैमार्क ने ‘उपार्जित लक्षणों की वंशागति’ का सिद्धांत दिया था।
प्रश्न 11: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का नारा अपनाया गया?
- 1928, कलकत्ता अधिवेशन
- 1929, लाहौर अधिवेशन
- 1931, कराची अधिवेशन
- 1937, फैजपुर अधिवेशन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में, जिसकी अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी, ‘पूर्ण स्वराज’ (संपूर्ण स्वतंत्रता) के लक्ष्य को अपनाया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य अब ब्रिटिश सरकार से केवल डोमिनियन स्टेटस प्राप्त करना नहीं, बल्कि पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना है। 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाने का भी निश्चय किया गया।
- गलत विकल्प: 1928 का अधिवेशन मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ था जिसने डोमिनियन स्टेटस की मांग की थी। 1931 का कराची अधिवेशन मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीति के लिए जाना जाता है, और 1937 का फैजपुर अधिवेशन पहला अधिवेशन था जो किसी गाँव में आयोजित हुआ था।
प्रश्न 12: ‘नमक सत्याग्रह’ (Civil Disobedience Movement) की शुरुआत कब हुई?
- 12 मार्च 1930
- 6 अप्रैल 1930
- 30 जून 1930
- 16 अगस्त 1930
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी तक की प्रसिद्ध ‘नमक मार्च’ शुरू करके सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) का शुभारंभ किया।
- संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन ब्रिटिश सरकार के नमक कानून के विरोध में था, जिसके तहत भारतीयों को नमक बनाने या बेचने की अनुमति नहीं थी और सरकार ने इस पर एकाधिकार स्थापित कर रखा था। 6 अप्रैल 1930 को दांडी पहुँचकर गांधीजी ने समुद्र का नमक बनाकर कानून तोड़ा।
- गलत विकल्प: 6 अप्रैल 1930 वह दिन था जब नमक कानून तोड़ा गया था। 30 जून और 16 अगस्त की तिथियाँ इस आंदोलन से सीधे जुड़ी नहीं हैं।
प्रश्न 13: किस फ्रांसीसी दार्शनिक ने कहा था, “मनुष्य स्वतंत्र पैदा हुआ है, लेकिन सर्वत्र जंजीरों में जकड़ा हुआ है”?
- वोल्टेयर
- रूसो
- मोंटेस्क्यू
- डेविड ह्यूम
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: यह प्रसिद्ध कथन फ्रांसीसी दार्शनिक ज्यां-जैक्स रूसो (Jean-Jacques Rousseau) का है, जो उनकी 1762 की पुस्तक ‘द सोशल कॉन्ट्रैक्ट’ (The Social Contract) के पहले वाक्य के रूप में आता है।
- संदर्भ और विस्तार: रूसो का मानना था कि सभ्यता और सामाजिक संस्थाएं मनुष्य की प्राकृतिक स्वतंत्रता को भ्रष्ट करती हैं। उनका तर्क था कि समाज की स्थापना के साथ ही मनुष्य सामाजिक अनुबंधों और नियमों में बंध जाता है, जो उसकी जन्मजात स्वतंत्रता को सीमित करते हैं।
- गलत विकल्प: वोल्टेयर ज्ञानोदय काल के एक अन्य प्रभावशाली दार्शनिक थे जो धर्मनिरपेक्षता और स्वतंत्रता के समर्थक थे। मोंटेस्क्यू ने शक्तियों के पृथक्करण का सिद्धांत दिया, और डेविड ह्यूम एक अनुभववादी दार्शनिक थे।
प्रश्न 14: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के दौरान, केंद्रीय शक्तियों (Central Powers) में कौन से प्रमुख देश शामिल थे?
- जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, इटली
- जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की, बुल्गारिया
- फ्रांस, ब्रिटेन, रूस
- अमेरिका, इटली, जापान
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, केंद्रीय शक्तियों में मुख्य रूप से जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य (तुर्की) और बुल्गारिया शामिल थे।
- संदर्भ और विस्तार: इन देशों ने मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जिनमें फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली (1915 से), जापान और बाद में अमेरिका (1917) जैसे देश थे। यह युद्ध यूरोप के कई देशों और उनके उपनिवेशों में लड़ा गया था।
- गलत विकल्प: इटली शुरू में केंद्रीय शक्तियों का हिस्सा था लेकिन बाद में मित्र राष्ट्रों के साथ मिल गया। विकल्प (c) मित्र राष्ट्रों के प्रमुख सदस्य हैं, और विकल्प (d) भी मित्र राष्ट्रों से संबंधित हैं (अमेरिका और इटली)।
प्रश्न 15: भारत के विभाजन के समय, ब्रिटिश भारत में कौन सी रियासतें सबसे बड़ी थीं?
- मैसूर, त्रावणकोर, बड़ौदा
- हैदराबाद, कश्मीर, जूनागढ़
- जयपुर, जोधपुर, उदयपुर
- ग्वालियर, इंदौर, रीवा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: भारत के विभाजन (1947) के समय, हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ भारतीय संघ के साथ विलय होने वाली सबसे बड़ी और सबसे महत्वपूर्ण रियासतों में से थीं, जिनकी विलय प्रक्रियाएँ जटिल और विवादास्पद रहीं।
- संदर्भ और विस्तार: ये रियासतें अपनी बड़ी आबादी, क्षेत्र और आर्थिक महत्व के कारण भारत के भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण थीं। हैदराबाद के निज़ाम पाकिस्तान में शामिल होना चाहते थे, कश्मीर के महाराजा शुरू में स्वतंत्र रहना चाहते थे, और जूनागढ़ के नवाब ने पाकिस्तान में शामिल होने की घोषणा की थी, लेकिन वहाँ की जनता ने भारत के पक्ष में मतदान किया।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प भी महत्वपूर्ण रियासतों को दर्शाते हैं, लेकिन हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ अपने आकार और राजनीतिक महत्व के कारण विभाजन के समय विशेष रूप से चर्चा में थीं।
प्रश्न 16: ‘कोरियाई युद्ध’ (Korean War) किस अवधि में हुआ?
- 1945-1950
- 1950-1953
- 1955-1958
- 1962-1965
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: कोरियाई युद्ध (1950-1953) द्वितीय विश्व युद्ध के बाद एक महत्वपूर्ण शीत युद्ध संघर्ष था। यह युद्ध उत्तर कोरिया (सोवियत संघ और चीन समर्थित) और दक्षिण कोरिया (संयुक्त राष्ट्र, मुख्य रूप से अमेरिका समर्थित) के बीच लड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: युद्ध 25 जून 1950 को शुरू हुआ जब उत्तर कोरिया ने 38वीं समानांतर रेखा पार कर दक्षिण कोरिया पर आक्रमण किया। युद्ध 27 जुलाई 1953 को एक युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर के साथ समाप्त हुआ, और आज भी दोनों कोरियाई देशों के बीच कोई शांति संधि नहीं हुई है।
- गलत विकल्प: ये अन्य अवधि हैं जो विभिन्न महत्वपूर्ण वैश्विक घटनाओं से संबंधित हो सकती हैं, लेकिन कोरियाई युद्ध की सटीक अवधि 1950-1953 है।
प्रश्न 17: भारत में ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) प्रणाली का प्रथम बार प्रयोग किस गवर्नर-जनरल ने किया?
- लॉर्ड कार्नवालिस
- लॉर्ड वेलेस्ली
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: ‘सहायक संधि’ प्रणाली का प्रथम बार और सबसे प्रभावी ढंग से उपयोग लॉर्ड वेलेस्ली (1798-1805) ने किया था। यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की विस्तारवादी नीतियों का एक प्रमुख अंग था।
- संदर्भ और विस्तार: इस संधि के तहत, देशी रियासतों को अपनी सेनाएँ भंग करनी पड़ती थीं, ब्रिटिश सेना की टुकड़ी अपने राज्य में रखनी पड़ती थी और उसका खर्च उठाना पड़ता था। बदले में, ब्रिटिश कंपनी उनकी रक्षा का वायदा करती थी और उन्हें बाहरी आक्रमणों से बचाती थी। इसके बदले में, रियासतों को ब्रिटिश कंपनी की ‘सहायता’ के लिए भुगतान करना पड़ता था, जो धीरे-धीरे उनके आंतरिक मामलों में भी हस्तक्षेप का कारण बनता था। हैदराबाद पहला राज्य था जिसने 1798 में इस संधि को स्वीकार किया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कार्नवालिस को भारतीय सिविल सेवा का जनक माना जाता है। लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ के लिए जाने जाते हैं, और लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा को प्रतिबंधित किया था।
प्रश्न 18: ‘स्वराज पार्टी’ की स्थापना कब हुई और इसके प्रमुख नेता कौन थे?
- 1920, गांधीजी और नेहरू
- 1923, मोतीलाल नेहरू और सी.आर. दास
- 1925, सरदार पटेल और राजेंद्र प्रसाद
- 1930, सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: ‘स्वराज पार्टी’ (जिसे कांग्रेस-खिलाफत स्वराज पार्टी भी कहा जाता है) की स्थापना 1923 में मोतीलाल नेहरू और चित्तरंजन दास (सी.आर. दास) द्वारा की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: असहयोग आंदोलन (1920-22) के स्थगित होने के बाद, कांग्रेस के भीतर इस बात पर मतभेद था कि क्या परिषदों (legislatures) में भाग लेना चाहिए या बहिष्कार करना। स्वराज पार्टी का गठन परिषद में प्रवेश करके ब्रिटिश सरकार की नीतियों में बाधा डालने के उद्देश्य से किया गया था।
- गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन 1920 में गांधीजी के नेतृत्व में शुरू हुआ था, लेकिन स्वराज पार्टी का गठन उसके बाद हुआ। सरदार पटेल और राजेंद्र प्रसाद भी कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, लेकिन स्वराज पार्टी के संस्थापकों में नहीं। सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह क्रांतिकारी गतिविधियों से अधिक जुड़े थे।
प्रश्न 19: ‘कैबिनेट मिशन’ भारत कब आया?
- 1942
- 1945
- 1946
- 1947
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया को सुगम बनाने के उद्देश्य से तीन सदस्यीय ‘कैबिनेट मिशन’ मार्च 1946 में भारत आया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस मिशन के सदस्यों में भारत के राज्य सचिव लॉर्ड पैथिक लॉरेंस, व्यापार मंडल के अध्यक्ष सर स्टैफोर्ड क्रिप्स और नौसेना के प्रथम लॉर्ड ए.वी. अलेक्जेंडर शामिल थे। मिशन ने भारत के विभाजन को अस्वीकार कर दिया और एक कमजोर संघ (Union) का प्रस्ताव रखा जिसमें प्रांतों को अधिक स्वायत्तता हो। हालाँकि, मिशन के प्रस्तावों को कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों ने अंततः स्वीकार नहीं किया, जिससे भारत के विभाजन का मार्ग प्रशस्त हुआ।
- गलत विकल्प: 1942 में क्रिप्स मिशन आया था, 1945 में शिमला सम्मेलन हुआ था, और 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली और विभाजन हुआ।
प्रश्न 20: ‘कुकी’ विद्रोह का संबंध किस भारतीय राज्य से है?
- असम
- मणिपुर
- मेघालय
- त्रिपुरा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: ‘कुकी विद्रोह’ या कुकी लोगों का प्रतिरोध मुख्य रूप से मणिपुर राज्य से जुड़ा हुआ है। यह विद्रोह 1917-1919 के दौरान हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस विद्रोह का मुख्य कारण प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार द्वारा कुकी युवाओं को जबरन श्रम के लिए भर्ती करना था, ताकि उन्हें वर्मा (म्यांमार) भेजा जा सके। कुकी जनजातियों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रतिरोध किया।
- गलत विकल्प: असम, मेघालय और त्रिपुरा भारत के अन्य उत्तर-पूर्वी राज्य हैं जहाँ जनजातीय आंदोलन हुए हैं, लेकिन कुकी विद्रोह विशेष रूप से मणिपुर से संबंधित है।
प्रश्न 21: ‘प्रिंस’ (The Prince) नामक प्रसिद्ध पुस्तक का लेखक कौन था?
- लियोनार्डो दा विंची
- माइकल एंजेलो
- निकोलस मैकियावेली
- रेने डेसकार्टेस
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: ‘द प्रिंस’ (Il Principe) पुनर्जागरण काल के इटली के महान राजनीतिक दार्शनिक निकोलस मैकियावेली (Niccolò Machiavelli) की एक उत्कृष्ट कृति है, जो 1513 में लिखी गई थी और 1532 में प्रकाशित हुई।
- संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में मैकियावेली ने यह बताया है कि एक शासक को सत्ता प्राप्त करने और उसे बनाए रखने के लिए क्या करना चाहिए, भले ही उसमें अनैतिक कार्य शामिल हों। यह पुस्तक राजनीतिक यथार्थवाद (Political Realism) का एक प्रमुख उदाहरण है और आधुनिक राजनीतिक दर्शन में इसका महत्वपूर्ण स्थान है।
- गलत विकल्प: लियोनार्डो दा विंची और माइकल एंजेलो महान कलाकार थे। रेने डेसकार्टेस एक गणितज्ञ और दार्शनिक थे जो ‘मैं सोचता हूँ, इसलिए मैं हूँ’ (Cogito, ergo sum) के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 22: 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड कहाँ हुआ था?
- दिल्ली
- लाहौर
- अमृतसर
- कलकत्ता
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: 13 अप्रैल 1919 को, अमृतसर के जलियांवाला बाग में ब्रिटिश सेना के जनरल डायर के आदेश पर निहत्थे भारतीयों की भीड़ पर गोलियाँ चलाई गईं, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों घायल हुए।
- संदर्भ और विस्तार: यह घटना ब्रिटिश राज के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास की सबसे भयानक घटनाओं में से एक है। इसे ‘जलियांवाला बाग नरसंहार’ के नाम से जाना जाता है और इसने भारतीय राष्ट्रवाद को और मजबूत किया।
- गलत विकल्प: दिल्ली, लाहौर और कलकत्ता महत्वपूर्ण शहर थे जहाँ स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अन्य महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं, लेकिन जलियांवाला बाग हत्याकांड अमृतसर में हुआ था।
प्रश्न 23: ‘फ़ैज़’ (FAIZ) योजना का संबंध किस क्षेत्र से था?
- कृषि सुधार
- शिक्षा सुधार
- औद्योगिक विकास
- वित्तीय सुधार
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: ‘फ़ैज़’ (FAIZ – First Accelerated Indian Export Programme) योजना भारत सरकार की एक पहल थी जिसका उद्देश्य निर्यात को बढ़ावा देना और औद्योगिक विकास को गति देना था।
- संदर्भ और विस्तार: यह योजना विशेष रूप से उन उद्योगों को लक्षित करती थी जिनमें निर्यात की अपार संभावनाएं थीं। इसका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजार से जोड़ना और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करना था।
- गलत विकल्प: हालांकि औद्योगिक विकास से अप्रत्यक्ष रूप से वित्तीय और शिक्षा क्षेत्र भी प्रभावित होते हैं, FAIZ का मुख्य केंद्र बिंदु निर्यात-उन्मुख औद्योगिक विकास था।
प्रश्न 24: ‘वेब ऑफ डिसेप्शन’ (Web of Deception) नामक पुस्तक किस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना से जुड़ी है?
- शीत युद्ध (Cold War)
- वियतनाम युद्ध (Vietnam War)
- इराक युद्ध (Iraq War)
- रूसी क्रांति (Russian Revolution)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: ‘वेब ऑफ डिसेप्शन: इराक युद्ध के पीछे की असल कहानी’ (Web of Deception: The Real Story of the Iraq War) लेखक और पूर्व सीआईए विश्लेषक, **रॉबर्ट बैर** (Robert Baer) की पुस्तक है, जो 2003 में शुरू हुए इराक युद्ध के कारणों और औचित्यों की आलोचनात्मक जाँच करती है।
- संदर्भ और विस्तार: पुस्तक में लेखक ने युद्ध शुरू करने के लिए इस्तेमाल किए गए खुफिया विवरणों की सटीकता पर सवाल उठाए हैं और यह दर्शाया है कि कैसे यह जानकारी गलत तरीके से प्रस्तुत की गई या जानबूझकर विकृत की गई। यह इराक युद्ध से जुड़े विवादों और दुष्प्रचार पर प्रकाश डालती है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ हैं, लेकिन पुस्तक विशेष रूप से इराक युद्ध पर केंद्रित है।
प्रश्न 25: भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) की शुरुआत किसने की थी?
- लॉर्ड वेलेस्ली
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: बंगाल में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) की शुरुआत 1793 में तत्कालीन गवर्नर-जनरल **लॉर्ड कॉर्नवालिस** ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, जमींदारों को भूमि का मालिक घोषित कर दिया गया और उनसे यह अपेक्षा की गई कि वे सरकार को एक निश्चित राशि ‘स्थायी’ रूप से देते रहेंगे। यह राजस्व का एक निश्चित स्रोत सुनिश्चित करने और जमींदारों को ब्रिटिश शासन का समर्थक बनाने के उद्देश्य से लागू किया गया था। इसने बंगाल, बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भूमि राजस्व प्रणाली को बदल दिया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेस्ली सहायक संधि के लिए जाने जाते हैं, लॉर्ड डलहौजी व्यपगत के सिद्धांत के लिए, और लॉर्ड विलियम बेंटिंक सामाजिक सुधारों के लिए।