इतिहास की रणभूमि: 25 प्रश्नों के साथ अपनी तैयारी को धार दें!
आइए, इतिहास के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा पर चलें! यह दैनिक अभ्यास सत्र आपकी ऐतिहासिक समझ को परखने और आपकी परीक्षा की तैयारी को एक नया आयाम देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। हर प्रश्न आपके ज्ञान की परीक्षा लेगा और विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ आपकी सूझबूझ को और भी निखारेगा।
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से फारस की खाड़ी की मोहरें मिली हैं?
- लोथल
- कालीबंगा
- रोपड़
- बनावली
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लोथल, जो गुजरात में स्थित एक प्रमुख हड़प्पाकालीन बंदरगाह शहर था, से फारस की खाड़ी की मोहरें मिली हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि लोथल का मेसोपोटामिया और अरब प्रायद्वीप के साथ समुद्री व्यापारिक संबंध था।
- संदर्भ और विस्तार: लोथल को अक्सर “हड़प्पा की वेनिस” भी कहा जाता है क्योंकि यह व्यापार और वाणिज्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। यहाँ एक विशाल डॉकयार्ड भी मिला है। फारस की खाड़ी की मोहरें इस बात की पुष्टि करती हैं कि यह एक अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक बिंदु था।
- गलत विकल्प: कालीबंगा (राजस्थान) में हल जुती भूमि के साक्ष्य मिले हैं, रोपड़ (पंजाब) में मानव के साथ कुत्ते दफनाने के प्रमाण मिले हैं, और बनावली (हरियाणा) से मिट्टी का हल और जौ के साक्ष्य मिले हैं। इन स्थलों से फारस की खाड़ी की मोहरें नहीं मिली हैं।
प्रश्न 2: मगध साम्राज्य के उत्कर्ष का प्रमुख कारण क्या था?
- लोहे के भंडारों का प्रचुर मात्रा में उपलब्धता
- गंगा और सोन नदी के किनारे स्थित उपजाऊ भूमि
- रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थिति
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मगध साम्राज्य के उत्कर्ष के पीछे उपरोक्त तीनों कारण उत्तरदायी थे। लोहे की खदानें, विशेषकर छोटा नागपुर पठार के निकट, मगध के सैन्य और आर्थिक विकास में सहायक थीं। गंगा और सोन नदियों ने उपजाऊ जलोढ़ मैदान प्रदान किए, जिससे कृषि उत्पादन बढ़ा। इसकी सामरिक स्थिति, जैसे कि इसकी राजधानी राजगृह, पहाड़ियों से घिरी हुई थी, जो रक्षात्मक लाभ प्रदान करती थी।
- संदर्भ और विस्तार: इन कारकों ने मगध को एक शक्तिशाली सैन्य बल बनाने और आसपास के राज्यों को जीतने में मदद की, जिससे अंततः यह भारत का सबसे प्रमुख साम्राज्य बना।
- गलत विकल्प: क्योंकि तीनों ही कारण महत्वपूर्ण थे, इसलिए कोई भी अकेला विकल्प सही नहीं है, और “उपरोक्त सभी” सबसे सटीक उत्तर है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा बौद्ध धर्म का त्रिरत्न नहीं है?
- बुद्ध
- धर्म
- संघ
- निर्वाण
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: बौद्ध धर्म में ‘त्रिरत्न’ (तीन रत्न) बुद्ध (ज्ञान प्राप्त व्यक्ति), धर्म (बुद्ध की शिक्षाएँ) और संघ (बौद्ध भिक्षुओं और ननों का समुदाय) को संदर्भित करता है। अनुयायी इन तीनों की शरण लेते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: निर्वाण बौद्ध धर्म का अंतिम लक्ष्य है, जो दुखों से मुक्ति की स्थिति है, न कि स्वयं त्रिरत्न का हिस्सा। त्रिरत्न वह मार्ग या ढांचा है जो निर्वाण की ओर ले जाता है।
- गलत विकल्प: बुद्ध, धर्म और संघ बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांत हैं जिन्हें त्रिरत्न कहा जाता है। निर्वाण एक अवस्था है, न कि वो तत्व जिनकी शरण ली जाती है।
प्रश्न 4: ‘अर्थशास्त्र’ के लेखक कौन हैं?
- कालिदास
- चाणक्य
- पाणिनी
- विशाखदत्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘अर्थशास्त्र’ के लेखक कौटिल्य, जिन्हें चाणक्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, थे। यह पुस्तक प्राचीन भारतीय शासन, कूटनीति, अर्थशास्त्र और सैन्य रणनीति पर एक विस्तृत ग्रंथ है।
- संदर्भ और विस्तार: चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के प्रधान मंत्री और मार्गदर्शक थे, और उन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ‘अर्थशास्त्र’ को अक्सर राजनीतिक विज्ञान का क्लासिक माना जाता है।
- गलत विकल्प: कालिदास एक महान संस्कृत कवि और नाटककार थे (जैसे ‘शाकुंतलम’), पाणिनी एक प्राचीन व्याकरणविद् थे (जैसे ‘अष्टाध्यायी’), और विशाखदत्त ने ‘मुद्राराक्षस’ जैसे नाटक लिखे थे।
प्रश्न 5: गुप्त काल को “भारत का स्वर्ण युग” क्यों कहा जाता है?
- कला, साहित्य और विज्ञान में अभूतपूर्व प्रगति
- शांति और समृद्धि का काल
- विशाल साम्राज्य का विस्तार
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को “भारत का स्वर्ण युग” कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य (जैसे कालिदास के कार्य), विज्ञान (जैसे आर्यभट्ट द्वारा खगोल विज्ञान और गणित), वास्तुकला और दर्शन में महत्वपूर्ण विकास हुआ। यह काल आंतरिक शांति, आर्थिक समृद्धि और सांस्कृतिक उत्कर्ष का भी गवाह था।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त और चंद्रगुप्त द्वितीय जैसे शासकों के अधीन, साम्राज्य का विस्तार हुआ और एक मजबूत केंद्रीय प्रशासन स्थापित हुआ। इस युग में हिंदू धर्म का भी पुनरुत्थान हुआ और उसका विकास हुआ।
- गलत विकल्प: हालांकि तीनों पहलू महत्वपूर्ण थे, लेकिन इन सबका संयोजन ही गुप्त काल को स्वर्ण युग बनाता है।
प्रश्न 6: पृथ्वीराज चौहान को किस युद्ध में मोहम्मद गोरी ने हराया था?
- तराइन का प्रथम युद्ध
- तराइन का द्वितीय युद्ध
- चंदावर का युद्ध
- कन्नौज का युद्ध
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: पृथ्वीराज चौहान को 1192 ईस्वी में तराइन के द्वितीय युद्ध में मोहम्मद गोरी ने निर्णायक रूप से हराया था।
- संदर्भ और विस्तार: तराइन का प्रथम युद्ध (1191 ईस्वी) में पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गोरी को हराया था, लेकिन द्वितीय युद्ध में गोरी ने अपनी रणनीति बदलकर पृथ्वीराज को पराजित किया, जिससे भारत में तुर्की शासन की नींव पड़ी। चंदावर का युद्ध (1194 ईस्वी) में मोहम्मद गोरी ने जयचंद को हराया था।
- गलत विकल्प: तराइन का प्रथम युद्ध चौहान की जीत का था। चंदावर का युद्ध गोरी और जयचंद के बीच था।
प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्णदेवराय
- हरिहर और बुक्का
- देवराय द्वितीय
- राम राय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: हरिहर और बुक्का ने तुंगभद्रा नदी के तट पर विजयनगर शहर की स्थापना की और यह साम्राज्य दक्षिण भारत में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरा। यह साम्राज्य अपनी कला, संस्कृति और साहित्य के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध था।
- गलत विकल्प: कृष्णदेवराय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, जिन्होंने विजयनगर को उसकी ऊंचाई पर पहुंचाया। देवराय द्वितीय और राम राय अन्य महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी।
प्रश्न 8: ‘पानीपत का प्रथम युद्ध’ किनके मध्य हुआ था?
- अकबर और हेमू
- बाबर और इब्राहिम लोदी
- हुमायूँ और शेरशाह सूरी
- अकबर और बहादुर शाह
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: पानीपत का प्रथम युद्ध 1526 ईस्वी में बाबर और दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी के बीच हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में बाबर की विजय हुई, जिसने भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया। बाबर ने इस युद्ध में तोपखाने और बारूद का प्रभावी ढंग से उपयोग किया।
- गलत विकल्प: पानीपत का द्वितीय युद्ध (1556) अकबर और हेमू के बीच हुआ था। हुमायूँ और शेरशाह सूरी के बीच चौसा और कन्नौज के युद्ध हुए थे।
प्रश्न 9: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किसने की थी?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की शुरुआत मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक संश्लेषित धर्म था जिसमें विभिन्न धर्मों के तत्वों को शामिल करने का प्रयास किया गया था, जिसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और सद्भाव को बढ़ावा देना था। हालांकि, इसे व्यापक रूप से स्वीकार्यता नहीं मिली और यह अकबर की मृत्यु के बाद प्रभावी रूप से समाप्त हो गया।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने दीन-ए-इलाही का समर्थन नहीं किया; वास्तव में, औरंगजेब ने इसे समाप्त कर दिया था।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘भू-राजस्व’ कर था जो दिल्ली सल्तनत में गैर-मुस्लिमों पर लगाया जाता था?
- ज़कात
- खुम्स
- खराज
- मुक्ति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: खराज एक प्रकार का भू-राजस्व कर था जो गैर-मुस्लिमों (ज़िम्मी) से लिया जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: दिल्ली सल्तनत में, इस्लाम की धार्मिक मान्यताओं के आधार पर विभिन्न प्रकार के कर लागू थे। ज़कात मुसलमानों पर धार्मिक दान के रूप में लिया जाने वाला कर था। खुम्स युद्ध में प्राप्त लूट का हिस्सा था। मुक्ति प्रांतों के प्रशासक होते थे।
- गलत विकल्प: ज़कात एक धार्मिक कर था, खुम्स युद्ध की लूट थी, और मुक्ति एक प्रशासनिक पद था, न कि कोई कर।
प्रश्न 11: ‘इबादत खाना’ का निर्माण किसने करवाया था?
- शाहजहाँ
- जहाँगीर
- अकबर
- औरंगजेब
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मुगल सम्राट अकबर ने फतेहपुर सीकरी में ‘इबादत खाना’ (प्रार्थना गृह) का निर्माण करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: इबादत खाना वह स्थान था जहाँ अकबर विभिन्न धर्मों के विद्वानों को आमंत्रित करता था ताकि वह उनके विचारों को सुन सके और विभिन्न धर्मों के बारे में अपनी समझ को बढ़ा सके। यह अकबर की धार्मिक सहिष्णुता और ‘दीन-ए-इलाही’ की अवधारणा के विकास में सहायक सिद्ध हुआ।
- गलत विकल्प: शाहजहाँ, जहाँगीर और औरंगजेब ने इबादत खाने के निर्माण या उसके उद्देश्यों में योगदान नहीं दिया।
प्रश्न 12: किस यूरोपीय यात्री ने भारत के तत्कालीन समाज का वर्णन करते हुए ‘पिज़्ज़ा’ शब्द का प्रयोग किया?
- फ्रांसिस्को पेलसर्ट
- पीटर मुंडी
- निकोलस मनुक्की
- टैवरनियर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: निकोलस मनुक्की, एक इतालवी यात्री और चिकित्सक, ने अपनी पुस्तक “स्टोरियो डो मोगोर” (Mga of the Great Mogul) में भारत के तत्कालीन समाज का विस्तृत वर्णन किया है और उस दौरान भारतीय समाज को ‘पिज़्ज़ा’ (Pizza) जैसा एकीकृत और विविध बताया है।
- संदर्भ और विस्तार: मनुक्की 17वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में भारत आए और उन्होंने लगभग 40 वर्षों तक यहाँ कार्य किया। उन्होंने मुगल दरबार और समाज के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। ‘पिज़्ज़ा’ शब्द का प्रयोग यहाँ भारतीय समाज की बहुआयामी प्रकृति को दर्शाने के लिए किया गया था, जिसमें विभिन्न संस्कृतियां, जातियां और धर्म सम्मिलित थे।
- गलत विकल्प: अन्य यात्री भी भारत आए थे और उन्होंने अपने वृत्तांत लिखे, लेकिन ‘पिज़्ज़ा’ शब्द का प्रयोग मनुक्की के साथ जोड़ा जाता है।
प्रश्न 13: ‘बंदोबस्त प्रणाली’ (Settlement System) का जनक किसे माना जाता है?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लॉर्ड कॉर्नवालिस को भारत में स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) प्रणाली का जनक माना जाता है, जिसे 1793 ईस्वी में बंगाल, बिहार और उड़ीसा में लागू किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, जमींदारों को भूमि का मालिक बनाया गया और उनसे सरकार के लिए कर वसूलने का अधिकार छीन लिया गया। वे सरकार को एक निश्चित राशि का भुगतान करते थे, जो स्थायी थी। इसने ग्रामीण समाज संरचना को गहराई से प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कर्जन ने भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम (1904) पारित किया। लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा का उन्मूलन किया।
प्रश्न 14: 1857 के विद्रोह को ‘सिपाही विद्रोह’ कहने वाले पहले व्यक्ति कौन थे?
- सर जॉन लॉरेंस
- कार्ल मार्क्स
- जवाहरलाल नेहरू
- आर. सी. मजूमदार
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: सर जॉन लॉरेंस और चार्ल्स बॉल जैसे कुछ ब्रिटिश इतिहासकारों ने 1857 के विद्रोह को मुख्य रूप से एक ‘सिपाही विद्रोह’ या ‘कंपनी के सैनिकों द्वारा किया गया विद्रोह’ कहा था, जिसमें जनता की भागीदारी सीमित मानी गई।
- संदर्भ और विस्तार: यह धारणा बाद में इतिहासकारों द्वारा चुनौती दी गई, जिन्होंने इसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में देखा। कार्ल मार्क्स ने इसे ‘साम्राज्यवाद विरोधी’ संघर्ष कहा। नेहरू और मजूमदार जैसे भारतीय इतिहासकारों ने इसे व्यापक राष्ट्रीय विद्रोह के रूप में विश्लेषित किया।
- गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स, जवाहरलाल नेहरू और आर. सी. मजूमदार जैसे इतिहासकारों ने इसे एक सिपाही विद्रोह से कहीं अधिक व्यापक और महत्वपूर्ण माना।
प्रश्न 15: ‘नील दर्पण’ नामक नाटक किसने लिखा था?
- बंकिम चंद्र चटर्जी
- दीनबंधु मित्र
- शरत चंद्र चट्टोपाध्याय
- रवींद्रनाथ टैगोर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘नील दर्पण’ नामक नाटक प्रसिद्ध बंगाली लेखक दीनबंधु मित्र ने 1860 ईस्वी में लिखा था।
- संदर्भ और विस्तार: इस नाटक में ब्रिटिश नील बागान मालिकों द्वारा भारतीय किसानों पर किए गए अत्याचारों और शोषण का मार्मिक चित्रण किया गया था। इसने नील विद्रोह (1859-60) के दौरान किसानों के आक्रोश को स्वर दिया और ब्रिटिश सरकार पर दबाव बनाने में मदद की।
- गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चटर्जी ने ‘आनंद मठ’ लिखा, जिसमें ‘वंदे मातरम’ गीत है। शरत चंद्र चट्टोपाध्याय और रवींद्रनाथ टैगोर भी महान बंगाली लेखक थे, लेकिन उन्होंने ‘नील दर्पण’ नहीं लिखा।
प्रश्न 16: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना 1939 ईस्वी में सुभाष चंद्र बोस ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: कांग्रेस के भीतर मतभेदों और गांधीजी के साथ वैचारिक टकराव के बाद, सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और अपने राजनीतिक विचारों को आगे बढ़ाने के लिए फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसका उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के लिए एक अधिक जुझारू और प्रत्यक्ष कार्रवाई पर जोर देना था।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल ने फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना नहीं की थी।
प्रश्न 17: ‘खुदाई खिदमतगार’ आंदोलन का नेतृत्व किसने किया था?
- अब्दुल गफ्फार खान
- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
- मोहम्मद अली जिन्ना
- सर सैयद अहमद खान
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: खान अब्दुल गफ्फार खान, जिन्हें ‘सीमांत गांधी’ के रूप में भी जाना जाता है, ने 1930 के दशक में पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत (अब पाकिस्तान में) में ‘खुदाई खिदमतगार’ (ईश्वर के सेवक) नामक अहिंसक आंदोलन का नेतृत्व किया।
- संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन अहिंसा और सामाजिक सुधार पर केंद्रित था और इसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रतिरोध का प्रतीक बनाया। इसके सदस्य अक्सर लाल रंग के कपड़े पहनते थे, इसलिए इसे ‘लाल कुर्ती’ आंदोलन भी कहा जाता था।
- गलत विकल्प: मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, जिन्ना और सर सैयद अहमद खान के अपने-अपने महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्य थे, लेकिन वे खुदाई खिदमतगार से जुड़े नहीं थे।
प्रश्न 18: भारत की संविधान सभा का गठन किस योजना के तहत किया गया था?
- साइमन कमीशन
- मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार
- कैबिनेट मिशन योजना
- वेवेल योजना
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारत की संविधान सभा का गठन 1946 में ब्रिटिश सरकार की कैबिनेट मिशन योजना के प्रस्तावों के अनुसार किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: कैबिनेट मिशन योजना ने संविधान सभा के गठन के लिए एक विस्तृत खाका प्रस्तुत किया, जिसमें प्रांतीय विधानसभाओं द्वारा अप्रत्यक्ष चुनाव और देशी रियासतों के प्रतिनिधियों का नामांकन शामिल था। इसने भारत की स्वतंत्रता और सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया को भी निर्देशित किया।
- गलत विकल्प: साइमन कमीशन (1927) ने भारत में संवैधानिक सुधारों का सुझाव दिया, लेकिन उसने संविधान सभा के गठन की सिफारिश नहीं की। मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार (1919) ने द्वैध शासन प्रणाली लागू की। वेवेल योजना (1945) में कार्यकारी परिषद के पुनर्गठन का प्रस्ताव था।
प्रश्न 19: ‘गदर पार्टी’ का मुख्यालय कहाँ स्थित था?
- सैन फ्रांसिस्को
- न्यूयॉर्क
- लंदन
- बर्लिन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गदर पार्टी (The Ghadar Party) का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित था।
- संदर्भ और विस्तार: गदर पार्टी की स्थापना 1913 ईस्वी में लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य विदेशों में बसे भारतीयों को संगठित कर भारत की स्वतंत्रता के लिए क्रांति लाना था। पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक पत्रिका भी प्रकाशित की, जो क्रांतिकारी विचारों को फैलाने में सहायक थी।
- गलत विकल्प: न्यूयॉर्क, लंदन और बर्लिन भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े महत्वपूर्ण शहर थे, लेकिन गदर पार्टी का मुख्य मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को में था।
प्रश्न 20: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष कौन थीं?
- सरोजिनी नायडू
- एनी बेसेंट
- राजकुमारी अमृत कौर
- इंदिरा गांधी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: एनी बेसेंट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष थीं। उन्होंने 1917 ईस्वी में कलकत्ता अधिवेशन की अध्यक्षता की थी।
- संदर्भ और विस्तार: एनी बेसेंट आयरिश मूल की थीं और भारत में थियोसोफिकल सोसायटी की सक्रिय सदस्य थीं। उन्होंने भारतीय स्वशासन (होम रूल) आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: सरोजिनी नायडू कांग्रेस की प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष थीं (1925, कानपुर अधिवेशन)। राजकुमारी अमृत कौर स्वतंत्र भारत की पहली महिला मंत्री थीं। इंदिरा गांधी भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री थीं।
प्रश्न 21: ‘ऑपरेशन पोलो’ का संबंध किस रियासत के भारत में विलय से है?
- जूनागढ़
- कश्मीर
- हैदराबाद
- मैसूर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘ऑपरेशन पोलो’ भारत सरकार द्वारा सितंबर 1948 में हैदराबाद रियासत को भारतीय संघ में बलपूर्वक शामिल करने के लिए चलाया गया एक सैन्य अभियान था।
- संदर्भ और विस्तार: जब भारत को स्वतंत्रता मिली, तब हैदराबाद के निज़ाम उस्मान अली खान भारत में शामिल नहीं होना चाहते थे। उन्होंने स्वतंत्र रहने की कोशिश की, लेकिन भारतीय संघ के दबाव और सुरक्षा कारणों से, भारतीय सेना ने कार्रवाई की और हैदराबाद को भारतीय संघ में मिला लिया।
- गलत विकल्प: जूनागढ़ का विलय जनमत संग्रह द्वारा हुआ था। कश्मीर का विलय विलय पत्र पर हस्ताक्षर करके हुआ था, जिसका आज भी विवादास्पद इतिहास है। मैसूर पहले से ही ब्रिटिश प्रभाव में था और सहजता से एकीकृत हो गया था।
प्रश्न 22: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को ‘धर्मनिरपेक्ष आंदोलन’ किसने कहा था?
- आर. सी. मजूमदार
- सुभाष चंद्र बोस
- पट्टाभि सीतारमैय्या
- अम्बेडकर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: बी. पट्टाभि सीतारमैय्या, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रमुख नेता और इतिहासकार थे, ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को एक ‘धर्मनिरपेक्ष आंदोलन’ कहा था।
- संदर्भ और विस्तार: उनका तर्क था कि कांग्रेस ने धार्मिक आधार पर अलगाववाद को बढ़ावा नहीं दिया, बल्कि सभी समुदायों के लोगों को समान रूप से स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। यह भारतीय राष्ट्रवाद के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी है।
- गलत विकल्प: आर. सी. मजूमदार और सुभाष चंद्र बोस ने आंदोलन के विभिन्न पहलुओं पर जोर दिया, लेकिन इस विशिष्ट शब्दावली का प्रयोग पट्टाभि सीतारमैय्या के साथ अधिक जुड़ा हुआ है। अम्बेडकर ने भी आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन इस वाक्यांश का प्रयोग उनके साथ नहीं है।
प्रश्न 23: ‘सबैली’ (sabali) का निर्माण निम्नलिखित में से किस साम्राज्य के दौरान हुआ था?
- मौर्य साम्राज्य
- गुप्त साम्राज्य
- चोल साम्राज्य
- पल्लव साम्राज्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘सबैली’ (Sabali) का निर्माण चोल साम्राज्य के दौरान हुआ था। यह मुख्य रूप से धान की खेती के लिए सिंचाई की व्यवस्था से जुड़ा हुआ है।
- संदर्भ और विस्तार: चोल शासकों ने कृषि के विकास पर विशेष ध्यान दिया और सिंचाई के लिए बड़े पैमाने पर नहरें, तालाब और बांधों का निर्माण करवाया। ‘सबैली’ उस अवधि की एक महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना या प्रणाली का हिस्सा हो सकती है, जो धान की खेती के लिए पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करती थी।
- गलत विकल्प: मौर्य, गुप्त और पल्लव साम्राज्यों का भी अपना कृषि और जल प्रबंधन था, लेकिन ‘सबैली’ शब्द का संबंध विशेष रूप से चोल काल की सिंचाई प्रणालियों से जोड़ा जाता है।
प्रश्न 24: फ्रांस की क्रांति (1789) का तात्कालिक कारण क्या था?
- प्रबोधन काल के विचारों का प्रसार
- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का प्रभाव
- राष्ट्रीय ऋण और वित्तीय संकट
- जनता का असंतोष और भूख
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: फ्रांस की क्रांति का तात्कालिक कारण फ्रांस का गंभीर राष्ट्रीय ऋण और वित्तीय संकट था, जो शाही खर्चों, युद्धों और कर प्रणाली की अक्षमता के कारण उत्पन्न हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: राजा लुई सोलहवें ने इस संकट को दूर करने के लिए एस्टेट-जनरल की बैठक बुलाई, लेकिन तीसरे एस्टेट (आम जनता) की मांगों को अनसुना किया गया, जिससे क्रांति भड़क उठी। प्रबोधन काल के विचार और अमेरिकी क्रांति ने माहौल तैयार किया, लेकिन वित्तीय संकट वह चिंगारी थी जिसने क्रांति को जन्म दिया।
- गलत विकल्प: प्रबोधन काल के विचार (a) और अमेरिकी क्रांति का प्रभाव (b) प्रेरक कारण थे, जबकि जनता का असंतोष (d) एक महत्वपूर्ण कारण था, लेकिन वित्तीय संकट वह मुख्य तात्कालिक कारण था जिसने सभी समस्याओं को सामने ला दिया।
प्रश्न 25: ‘औद्योगिक क्रांति’ का प्रारंभ किस देश में हुआ?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- फ्रांस
- जर्मनी
- ग्रेट ब्रिटेन
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: औद्योगिक क्रांति का प्रारंभ 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड) में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: ब्रिटेन में कोयला और लोहे जैसे प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता, अनुकूल राजनीतिक और आर्थिक वातावरण, वैज्ञानिक आविष्कारों (जैसे स्टीम इंजन, कताई जेनी) और औपनिवेशिक व्यापार ने इसे औद्योगिक क्रांति का केंद्र बनाया। इसने उत्पादन विधियों, समाज और अर्थव्यवस्था में मौलिक परिवर्तन लाए।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी ने बाद में औद्योगीकरण को अपनाया, लेकिन प्रारंभिक और मुख्य केंद्र ग्रेट ब्रिटेन ही था।