ज्वालामुखी ‘लावा बम’ के छिपे रहस्यों को उजागर करें: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय:** प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सामान्य विज्ञान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल आपके ज्ञान का परीक्षण करता है, बल्कि तार्किक सोच और समस्या-समाधान कौशल को भी निखारता है। आज हम ज्वालामुखी ‘लावा बम’ जैसे सामयिक संकेत के आधार पर भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान से संबंधित 25 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्नों का अभ्यास करेंगे, जो आपकी आगामी परीक्षाओं के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान बाहर फेंके गए पिघले हुए चट्टान के खंडों को क्या कहा जाता है, जिनका आकार अक्सर अंडे जैसा या गोलाकार होता है?
- (a) पाइरोक्लास्टिक प्रवाह
- (b) ज्वालामुखी बम (Lava Bomb)
- (c) राख (Ash)
- (d) लैपिली (Lapilli)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ज्वालामुखी विज्ञान में, बड़े, गोलाकार या लम्बे प्रक्षेपणों को, जो हवा में घूमते हुए जम जाते हैं, ज्वालामुखी बम कहा जाता है।
व्याख्या (Explanation): ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान, मैग्मा के टुकड़े हवा में फेंके जाते हैं और जमने से पहले घूमने या घूर्णन करने के कारण विभिन्न आकार ले सकते हैं। जब ये पिघली हुई चट्टानें हवा में घूमते हुए बाहर फेंकी जाती हैं और ठंडा होकर जम जाती हैं, तो उन्हें “ज्वालामुखी बम” (Lava Bomb) कहा जाता है। पाइरोक्लास्टिक प्रवाहHot gas and volcanic debris), राख (fine volcanic particles) और लैपिली (small fragments of lava) अन्य प्रकार के ज्वालामुखी उत्पाद हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ज्वालामुखी विस्फोटों से निकलने वाली गैसों में प्रमुख रूप से कौन सी गैसें शामिल होती हैं?
- (a) ऑक्सीजन और नाइट्रोजन
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन
- (c) जल वाष्प (Steam) और कार्बन डाइऑक्साइड
- (d) हाइड्रोजन सल्फाइड और अमोनिया
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ज्वालामुखी से निकलने वाली गैसें मुख्य रूप से पृथ्वी के मेंटल से आती हैं और इसमें जल वाष्प और कार्बन डाइऑक्साइड प्रमुख हैं।
व्याख्या (Explanation): ज्वालामुखी विस्फोटों के दौरान निकलने वाली गैसों में जल वाष्प (H₂O) सबसे प्रचुर मात्रा में होती है, जिसके बाद कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) आती है। अन्य गैसों में सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂), हाइड्रोजन सल्फाइड (H₂S), हाइड्रोजन क्लोराइड (HCl) और हाइड्रोजन फ्लोराइड (HF) शामिल हो सकती हैं, लेकिन जल वाष्प और CO₂ सबसे प्रमुख हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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ज्वालामुखी के लावा में सिलिका (SiO₂) की उच्च मात्रा, उसके प्रवाह को कैसे प्रभावित करती है?
- (a) लावा को अधिक तरल बनाती है
- (b) लावा को अधिक गाढ़ा और चिपचिपा बनाती है
- (c) लावा के रंग को बदल देती है
- (d) लावा के तापमान को बढ़ा देती है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सिलिका की मात्रा किसी भी ज्वालामुखी के मैग्मा की चिपचिपाहट (viscosity) को निर्धारित करने वाले प्रमुख कारकों में से एक है।
व्याख्या (Explanation): उच्च सिलिका सामग्री वाले मैग्मा (जैसे कि रिओलाइटिक मैग्मा) में परमाणुओं के बीच मजबूत बंधन होते हैं, जिससे यह अधिक चिपचिपा और गाढ़ा हो जाता है। इसके विपरीत, कम सिलिका सामग्री वाले मैग्मा (जैसे बेसाल्टिक मैग्मा) अधिक तरल होते हैं। गाढ़ा लावा धीरे-धीरे बहता है और अक्सर विस्फोटक विस्फोट का कारण बनता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ज्वालामुखी ‘लावा बम’ का अध्ययन करने वाले भूवैज्ञानिकों के लिए, वीडियो में देखी गई ‘छिपी हुई विशेषताएं’ संभवतः किससे संबंधित हो सकती हैं?
- (a) लावा के जमने की दर
- (b) मैग्मा का आंतरिक संघटन
- (c) लावा के बाहर फेंकने की गति और उड़ान पथ
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ज्वालामुखी बमों की उड़ान और जमने की प्रक्रिया उनके मूल मैग्मा के गुणों और विस्फोट की गतिशीलता के बारे में जानकारी प्रदान करती है।
व्याख्या (Explanation): वीडियो में देखी गई ‘छिपी हुई विशेषताएं’ लावा बमों के उड़ान पथ (जो मैग्मा की चिपचिपाहट और विस्फोट के बल को दर्शा सकती हैं), हवा में उनके घूर्णन (जो उनके आकार और स्थिरता को प्रभावित करता है), और उनके ठंडा होने और जमने की दर (जो बाहरी तापमान और हवा की गति पर निर्भर करती है) जैसी चीजों से संबंधित हो सकती हैं। ये सभी विशेषताएं मैग्मा के आंतरिक संघटन और विस्फोट की गतिशीलता को समझने में मदद करती हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाली राख (volcanic ash) मुख्य रूप से किस प्रकार के पदार्थों से बनी होती है?
- (a) कार्बनिक पदार्थ
- (b) बारीक पिसे हुए चट्टानें और कांच
- (c) तरल मैग्मा
- (d) पानी की बूंदें
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ज्वालामुखी राख छोटे, बारीक कण होते हैं जो विस्फोट के दौरान मैग्मा और चट्टानों के टूटने से बनते हैं।
व्याख्या (Explanation): ज्वालामुखी राख अत्यंत महीन कण होते हैं, जो आमतौर पर 2 मिलीमीटर से छोटे होते हैं। ये पिघले हुए मैग्मा के तेजी से ठंडा होने और फैलने से बने कांच के टुकड़े, चट्टानों के छोटे टुकड़े और खनिजों के कणों से बनी होती है। यह कार्बनिक पदार्थ या तरल मैग्मा नहीं होती।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ज्वालामुखी ‘लावा बम’ के चारों ओर एक चिकनी, गोलाकार सतह का निर्माण, उड़ान के दौरान उसके किस गुण के कारण होता है?
- (a) तीव्र हवा का प्रतिरोध
- (b) वाष्प का तेजी से वाष्पीकरण
- (c) सतह तनाव और पिघले हुए पदार्थ का घूर्णन
- (d) मैग्मा की निम्न चिपचिपाहट
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हवा में उड़ते हुए पिघले हुए पदार्थ पर लगने वाले बल, जैसे कि सेंट्रीफ्यूगल बल (घूर्णन के कारण), उसके आकार को प्रभावित कर सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): जब ज्वालामुखी बम हवा में फेंके जाते हैं, तो वे अक्सर घूमते हैं। इस घूर्णन के कारण, बाहर की ओर लगने वाला बल (जो सेंट्रीफ्यूगल बल के समान है) पिघले हुए पदार्थ को बाहर की ओर खींचता है। सतह तनाव भी पदार्थ को एक साथ रखने में मदद करता है, जिससे एक चिकनी, गोलाकार या लम्बी (aerodynamic) आकृति बनती है। वाष्पीकरण और चिपचिपाहट भी योगदान करते हैं, लेकिन घूर्णन और सतह तनाव विशेष रूप से आकार के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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लावा के जमने पर बनने वाले सबसे आम चट्टान का प्रकार क्या है, जो अक्सर ज्वालामुखियों से जुड़ा होता है?
- (a) अवसादी चट्टान (Sedimentary Rock)
- (b) कायांतरित चट्टान (Metamorphic Rock)
- (c) आग्नेय चट्टान (Igneous Rock)
- (d) ग्रेनाइट
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मैग्मा या लावा के ठंडा होने और जमने से आग्नेय चट्टानें बनती हैं।
व्याख्या (Explanation): आग्नेय चट्टानें पिघले हुए पदार्थ (मैग्मा या लावा) के ठंडा होने और क्रिस्टलीकरण से बनती हैं। बेसाल्ट और ग्रेनाइट आग्नेय चट्टानों के उदाहरण हैं। अवसादी चट्टानें तलछट के जमाव और समेकन से बनती हैं, और कायांतरित चट्टानें मौजूदा चट्टानों के गर्मी और दबाव से रूपांतरण से बनती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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ज्वालामुखी के कारण होने वाले भूकंप को क्या कहा जाता है?
- (a) टेक्टोनिक भूकंप
- (b) उल्कापात भूकंप
- (c) ज्वालामुखीय भूकंप (Volcanic Earthquake)
- (d) मानव-जनित भूकंप
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ज्वालामुखीय गतिविधि, जैसे मैग्मा का ऊपर उठना और गैसों का निकलना, पृथ्वी की सतह को हिला सकता है, जिससे भूकंप आते हैं।
व्याख्या (Explanation): ज्वालामुखी के आसपास होने वाले भूकंप, जिसे ज्वालामुखीय भूकंप कहा जाता है, मैग्मा के प्रवाह, गैसों के दबाव या ज्वालामुखी संरचना में बदलाव के कारण हो सकते हैं। टेक्टोनिक भूकंप पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की गति से उत्पन्न होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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ज्वालामुखी ‘लावा बम’ के जमने की प्रक्रिया में, उसके संघटन (composition) का क्या महत्व है?
- (a) केवल रंग को प्रभावित करता है
- (b) जमने की दर और अंतिम संरचना को प्रभावित करता है
- (c) उड़ान की गति को नियंत्रित करता है
- (d) वायुमंडलीय दबाव को बढ़ाता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मैग्मा के रासायनिक और खनिज संघटन उसकी भौतिक विशेषताओं, जैसे गलनांक और चिपचिपाहट को निर्धारित करते हैं, जो जमने की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): लावा का संघटन, विशेष रूप से सिलिका, एल्यूमीनियम, लोहा, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे तत्वों की मात्रा, उसके गलनांक (melting point) और चिपचिपाहट (viscosity) को सीधे प्रभावित करती है। ये कारक यह निर्धारित करते हैं कि लावा कितनी जल्दी ठंडा होगा और जमने पर किस प्रकार की क्रिस्टलीय या कांच जैसी संरचना बनाएगा।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ज्वालामुखी से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) गैस का वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- (a) वायुमंडल को साफ करती है
- (b) ओजोन परत को बढ़ाती है
- (c) अम्लीय वर्षा और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है
- (d) ग्रीनहाउस प्रभाव को कम करती है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सल्फर डाइऑक्साइड एक प्रदूषक गैस है जो वातावरण में विभिन्न हानिकारक प्रभाव डालती है।
व्याख्या (Explanation): सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) पानी और ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके सल्फ्यूरिक एसिड (H₂SO₄) बनाती है, जो अम्लीय वर्षा का मुख्य घटक है। यह मनुष्यों और अन्य जीवों के लिए श्वसन संबंधी समस्याओं का कारण भी बन सकती है। बड़े पैमाने पर उत्सर्जन वायुमंडल के संतुलन को भी बिगाड़ सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जब कोई ‘लावा बम’ हवा में घूमता है, तो उसके बाहरी सतह पर सेंट्रीफ्यूगल बल (centrifugal force) का अनुभव कैसा होगा?
- (a) केंद्र की ओर
- (b) केंद्र से बाहर की ओर
- (c) लंबवत रूप से
- (d) कोई बल अनुभव नहीं होगा
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सेंट्रीफ्यूगल बल एक आभासी बल है जो घूर्णन (rotation) करते हुए पिंड पर अनुभव होता है और वह हमेशा घूर्णन के केंद्र से बाहर की ओर कार्य करता है।
व्याख्या (Explanation): सेंट्रीफ्यूगल बल एक घूर्णन करती हुई वस्तु के द्रव्यमान द्वारा अनुभव किया जाने वाला एक बल है जो उस वस्तु को घूर्णन के केंद्र से दूर धकेलता है। हालांकि यह एक वास्तविक बल नहीं है, बल्कि जड़ता (inertia) का परिणाम है, हम इसे अनुभव करते हैं। इसलिए, लावा बम के बाहरी सतह पर सेंट्रीफ्यूगल बल केंद्र से बाहर की ओर महसूस होगा।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाले कणों का आकार, उनके हवा में रहने की अवधि और दूरी को कैसे प्रभावित करता है?
- (a) बड़े कण अधिक दूर तक जाते हैं
- (b) छोटे कण अधिक समय तक हवा में रहते हैं
- (c) छोटे कण अधिक दूर तक हवा में फैल सकते हैं
- (d) कणों का आकार हवा में रहने की अवधि को प्रभावित नहीं करता
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वायुगतिकी (aerodynamics) के अनुसार, छोटे और हल्के कण हवा के प्रतिरोध पर काबू पाकर अधिक समय तक हवा में निलंबित रह सकते हैं और अधिक दूरी तय कर सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाली राख के सबसे महीन कण (माइक्रोन आकार के) वायुमंडल के ऊपरी स्तरों में प्रवेश कर सकते हैं और लंबे समय तक (महीनों या वर्षों तक) हवा में बने रह सकते हैं, जिससे वे पृथ्वी पर बहुत दूर तक फैल जाते हैं। बड़े और भारी कण (जैसे बड़े टुकड़े) कम दूरी तक यात्रा करते हैं और जल्दी गिर जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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लावा के जमने के दौरान, यदि संघनन (condensation) तेजी से होता है, तो किस प्रकार की संरचना बनने की संभावना है?
- (a) बड़े क्रिस्टल
- (b) कांच जैसी (amorphous) संरचना
- (c) झरझरा (porous) संरचना
- (d) सघन (dense) संरचना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब पिघला हुआ पदार्थ बहुत तेजी से ठंडा होता है, तो परमाणुओं को व्यवस्थित होने और क्रिस्टल बनाने का समय नहीं मिलता, जिससे कांच जैसी संरचना बनती है।
व्याख्या (Explanation): जब लावा बहुत तेजी से ठंडा होता है, जैसे कि हवा में फेंके जाने वाले ‘लावा बम’ के मामले में, तो परमाणुओं के पास व्यवस्थित होकर क्रिस्टल संरचना बनाने का समय नहीं होता है। इसके बजाय, वे एक अक्रिस्टलीय (amorphous) या कांच जैसी अवस्था में जम जाते हैं। इसे टेफराइट (tachylite) या ऑब्सिडियन (obsidian) जैसे ज्वालामुखीय कांच के रूप में देखा जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ज्वालामुखी ‘लावा बम’ के वायुगतिकीय (aerodynamic) आकार का अध्ययन, विस्फोट की प्रकृति के बारे में क्या बता सकता है?
- (a) केवल बम का रंग
- (b) विस्फोट की तीव्रता और मैग्मा की चिपचिपाहट
- (c) ज्वालामुखीय गैसों की मात्रा
- (d) आस-पास की वनस्पति का प्रकार
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी वस्तु का वायुगतिकीय आकार उसके उड़ान व्यवहार को प्रभावित करता है, जो बदले में उसे बाहर फेंकने वाली शक्ति और माध्यम के गुणों के बारे में जानकारी देता है।
व्याख्या (Explanation): ‘लावा बम’ का आकार (जैसे कि यह कितना गोल है या उसमें कितने टेढ़े-मेढ़े सिरे हैं) हवा में उसके प्रतिरोध और उड़ान पथ को प्रभावित करता है। एक चिकना, गोलाकार बम हवा में अधिक स्थिर रूप से उड़ सकता है, जबकि एक अधिक टेढ़ा-मेढ़ा या लम्बा बम वायुगतिकीय रूप से अलग व्यवहार करेगा। ये विशेषताएं मैग्मा की चिपचिपाहट (जो आकार को प्रभावित करती है) और विस्फोट की प्रारंभिक गति (जो बम को कितना दूर और कैसे फेंका जाता है) के बारे में जानकारी प्रदान कर सकती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ज्वालामुखी के पास के पौधों में ‘लावा बम’ गिरने से होने वाले प्रत्यक्ष नुकसान का सबसे संभावित कारण क्या है?
- (a) अत्यधिक गर्मी और यांत्रिक प्रभाव
- (b) अम्लीय वर्षा
- (c) ज्वालामुखीय गैसों का अवशोषण
- (d) कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): गर्म, ठोस या अर्ध-ठोस वस्तुएं गिरने पर यांत्रिक क्षति पहुंचा सकती हैं, और उच्च तापमान ऊतकों को नष्ट कर सकता है।
व्याख्या (Explanation): ‘लावा बम’, भले ही वे ठंडे हो रहे हों, फिर भी काफी गर्म हो सकते हैं और उनके गिरने पर पौधों को गंभीर यांत्रिक क्षति (जैसे तोड़ना या कुचलना) पहुंचा सकते हैं। साथ ही, यदि वे पर्याप्त गर्म हैं, तो उनके सीधे संपर्क से पौधे जल सकते हैं। अम्लीय वर्षा और गैसें भी नुकसानदायक हो सकती हैं, लेकिन सीधे ‘बम’ गिरने से होने वाला तत्काल नुकसान गर्मी और यांत्रिक प्रभाव से होगा।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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ज्वालामुखी ‘लावा बम’ के जमने की प्रक्रिया, पृथ्वी पर ज्वालामुखीय गतिविधि के इतिहास के अध्ययन में कैसे सहायक होती है?
- (a) यह केवल वर्तमान गतिविधि को समझने में मदद करता है
- (b) यह मैग्मा के प्रकार और विस्फोट की गतिशीलता के बारे में जानकारी प्रदान करता है
- (c) यह केवल ज्वालामुखीय गैसों का विश्लेषण करता है
- (d) यह ज्वालामुखीय विस्फोटों की भविष्यवाणियों को असंभव बनाता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न भूवैज्ञानिक निर्माणों और नमूनों का अध्ययन करके, वैज्ञानिक अतीत की भूवैज्ञानिक घटनाओं को समझ सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): ‘लावा बम’ जैसे ज्वालामुखीय उत्पादों का विश्लेषण करके, भूवैज्ञानिक मैग्मा की रासायनिक संरचना, उसके जमने की गति, और जिस बल से उसे बाहर फेंका गया था, उसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह जानकारी अतीत में इसी तरह के ज्वालामुखीय विस्फोटों के इतिहास को समझने और उन विस्फोटों की प्रकृति (जैसे कितना विस्फोटक या तरल था) को पुनर्गठित करने में मदद करती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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लावा के जमने पर जो खनिज बनते हैं, उनमें से मुख्य रूप से कौन सा खनिज पृथ्वी की पपड़ी (Earth’s crust) में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है?
- (a) क्वार्ट्ज (Quartz)
- (b) फेल्डस्पार (Feldspar)
- (c) अभ्रक (Mica)
- (d) ओलिविन (Olivine)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फेल्डस्पार सिलिकेट खनिजों का एक समूह है जो पृथ्वी की पपड़ी में सबसे आम हैं।
व्याख्या (Explanation): फेल्डस्पार खनिज पृथ्वी की पपड़ी का लगभग 60% हिस्सा बनाते हैं। ये सिलिकेट खनिज होते हैं जिनमें एल्यूमीनियम, सिलिका, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम होते हैं। क्वार्ट्ज (SiO₂) भी प्रचुर मात्रा में है, लेकिन फेल्डस्पार से कम। अभ्रक और ओलिविन भी महत्वपूर्ण खनिज हैं, लेकिन पृथ्वी की पपड़ी में फेल्डस्पार सबसे प्रचुर मात्रा में है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ज्वालामुखी ‘लावा बम’ के अध्ययन में रेडियोमेट्रिक डेटिंग (radiometric dating) का उपयोग करके क्या निर्धारित किया जा सकता है?
- (a) वायुमंडलीय तापमान
- (b) विस्फोट की आयु (Age of eruption)
- (c) मैग्मा का घनत्व
- (d) ज्वालामुखी की ऊंचाई
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रेडियोमेट्रिक डेटिंग रेडियोधर्मी समस्थानिकों (radioactive isotopes) के क्षय (decay) की दर का उपयोग करके चट्टानों और खनिजों की आयु निर्धारित करने की एक विधि है।
व्याख्या (Explanation): ज्वालामुखी से निकलने वाले पदार्थों, जैसे कि ‘लावा बम’ में मौजूद खनिजों में रेडियोधर्मी समस्थानिक हो सकते हैं। इन समस्थानिकों के क्षय की दर को मापकर, वैज्ञानिक यह अनुमान लगा सकते हैं कि विस्फोट कब हुआ था, यानी उसकी आयु क्या है। यह ज्वालामुखीय घटनाओं के भूवैज्ञानिक कालक्रम को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ज्वालामुखी से निकलने वाली राख के बादलों (ash clouds) की ऊंचाई को मापने के लिए किस प्रकार की उपग्रह तकनीक का उपयोग किया जा सकता है?
- (a) GPS (Global Positioning System)
- (b) LiDAR (Light Detection and Ranging)
- (c) इन्फ्रारेड इमेजिंग (Infrared Imaging)
- (d) रडार अल्टीमेट्री (Radar Altimetry)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न तरंग दैर्ध्य (wavelengths) पर उत्सर्जित या परावर्तित विकिरण को मापकर, उपग्रह पृथ्वी की सतह और वायुमंडल की विशेषताओं का अध्ययन कर सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): इन्फ्रारेड इमेजिंग का उपयोग राख के बादलों से उत्सर्जित या परावर्तित ताप (ऊष्मा) का पता लगाने के लिए किया जाता है। राख के बादल वायुमंडल के तापमान को प्रभावित करते हैं, और इन्फ्रारेड सेंसर इन तापमान भिन्नताओं को माप सकते हैं, जिससे राख के बादल की ऊंचाई और घनत्व का अनुमान लगाया जा सकता है। LiDAR भी ऊंचाई मापने में सक्षम है, लेकिन इन्फ्रारेड विशेष रूप से थर्मल हस्ताक्षर (thermal signature) के माध्यम से राख का पता लगाने में प्रभावी है। GPS और रडार अल्टीमेट्री मुख्य रूप से स्थलाकृति या सतह ऊंचाई के लिए उपयोग होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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ज्वालामुखी ‘लावा बम’ की बाहरी सतह पर दरारें (cracks) बनने का क्या कारण हो सकता है?
- (a) तेजी से ठंडा होने पर सिकुड़न
- (b) हवा का दबाव
- (c) सूर्य की सीधी किरणें
- (d) लावा का अत्यधिक चिपचिपा होना
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब कोई पदार्थ ठंडा होता है, तो उसका आयतन कम हो जाता है (सिकुड़ जाता है)। यदि यह सिकुड़न असमान हो, तो दरारें पड़ सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): जब ‘लावा बम’ हवा में तेजी से ठंडा होता है, तो बाहरी सतह तेजी से सिकुड़ जाती है। क्योंकि अंदर का हिस्सा अभी भी गर्म और थोड़ा फैला हुआ हो सकता है, बाहरी परत पर तनाव (stress) उत्पन्न होता है। जब यह तनाव सामग्री की तन्य शक्ति (tensile strength) से अधिक हो जाता है, तो सतह पर दरारें पड़ जाती हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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ज्वालामुखी राख के बादल, विमानन (aviation) के लिए खतरनाक क्यों होते हैं?
- (a) वे विमान को उड़ाने के लिए ईंधन प्रदान करते हैं
- (b) वे इंजन को जाम कर सकते हैं और दृश्यता को कम कर सकते हैं
- (c) वे विमान के ढाँचे को मजबूत बनाते हैं
- (d) वे विमान को हल्का बनाते हैं
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ज्वालामुखी राख महीन, अपघर्षक (abrasive) कणों से बनी होती है जो यांत्रिक और थर्मल क्षति पहुंचा सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): ज्वालामुखी राख के कण अत्यंत महीन और अपघर्षक होते हैं। जब वे जेट इंजन में प्रवेश करते हैं, तो वे इंजन के टरबाइन ब्लेड को नुकसान पहुंचा सकते हैं, पिघल सकते हैं और इंजन के नाजुक घटकों को बंद (jam) कर सकते हैं, जिससे इंजन फेल हो सकता है। इसके अलावा, राख के बादल पायलटों के लिए दृश्यता को गंभीर रूप से कम कर देते हैं, जिससे नेविगेशन मुश्किल हो जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ज्वालामुखी गतिविधि के दौरान, पृथ्वी के वायुमंडल में जल वाष्प (water vapor) की उपस्थिति के कारण क्या प्रभाव हो सकता है?
- (a) वायुमंडल को सुखा देता है
- (b) तापमान को कम करता है
- (c) बादलों के निर्माण और वर्षा को प्रभावित कर सकता है
- (d) हवा की गुणवत्ता में सुधार करता है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जल वाष्प पृथ्वी के जल चक्र का एक महत्वपूर्ण घटक है और बादलों के निर्माण के लिए आवश्यक है।
व्याख्या (Explanation): ज्वालामुखी विस्फोट अक्सर बड़ी मात्रा में जल वाष्प वायुमंडल में छोड़ते हैं। यह जल वाष्प, अन्य कणों (जैसे राख) के साथ मिलकर, संघनित होकर बादल बना सकता है। यह बादल निर्माण, वर्षा पैटर्न और यहां तक कि बाद में होने वाली गरज के साथ बारिश या ओलावृष्टि को भी प्रभावित कर सकता है, खासकर यदि विस्फोट ऊर्जावान हो।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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ज्वालामुखी ‘लावा बम’ के अध्ययन से प्राप्त डेटा, पृथ्वी की आंतरिक संरचना के बारे में क्या सुराग दे सकता है?
- (a) कोर की सटीक त्रिज्या
- (b) मेंटल की रासायनिक संरचना और तापमान
- (c) वायुमंडल का जल वाष्प संतुलन
- (d) ओजोन परत की मोटाई
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ज्वालामुखी से निकलने वाले पदार्थ पृथ्वी के मेंटल से उत्पन्न होते हैं, और उनका विश्लेषण पृथ्वी की आंतरिक संरचना और प्रक्रियाओं को समझने में मदद कर सकता है।
व्याख्या (Explanation): ज्वालामुखी के मैग्मा और उसमें मौजूद खनिजों की रासायनिक और समस्थानिक संरचना (isotopic composition) का अध्ययन करके, भूवैज्ञानिकों को पृथ्वी के मेंटल के तापमान, दबाव और रासायनिक संघटन के बारे में जानकारी मिलती है। ‘लावा बम’ का विश्लेषण, जब वे मेंटल से निकले मैग्मा के उत्पाद होते हैं, तो यह समझने में मदद करता है कि पृथ्वी के अंदर क्या हो रहा है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव स्वास्थ्य पर ज्वालामुखी विस्फोटों के प्रत्यक्ष प्रभाव में क्या शामिल हो सकता है?
- (a) अवसाद और चिंता में वृद्धि
- (b) श्वसन संबंधी समस्याएं और आंखों में जलन
- (c) पोषक तत्वों की कमी
- (d) शारीरिक गतिविधि में कमी
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ज्वालामुखी से निकलने वाली गैसें और राख मानव श्वसन तंत्र और अन्य अंगों के लिए हानिकारक हो सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान निकलने वाली गैसें (जैसे SO₂, CO₂, H₂S) और महीन राख के कण हवा में मिल जाते हैं। इन कणों और गैसों को सांस लेने से श्वसन संबंधी समस्याएं, जैसे खांसी, गले में खराश, अस्थमा का बढ़ना और ब्रोंकाइटिस हो सकता है। राख की महीन कण आंखें, नाक और त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।