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समाजशास्त्र की दैनिक चुनौती: अपनी समझ को परखें

समाजशास्त्र की दैनिक चुनौती: अपनी समझ को परखें

नमस्कार, भावी समाजशास्त्री! आज फिर प्रस्तुत है समाजशास्त्र की अवधारणाओं और सिद्धांतों की गहराई में उतरने का एक अनूठा अवसर। अपनी तैयारी को धार दें और इन 25 प्रश्नों के माध्यम से अपनी वैचारिक स्पष्टता और विश्लेषणात्मक कौशल को परखें। हर प्रश्न एक नई सीख की ओर आपका मार्ग प्रशस्त करेगा!

समाजशास्त्र अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: “सामाजिक तथ्य” (Social Fact) की अवधारणा को किसने प्रस्तुत किया, जो समाजशास्त्र को एक स्वतंत्र विज्ञान के रूप में स्थापित करने का आधार बनी?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. मैक्स वेबर
  3. एमिल दुर्खीम
  4. हरबर्ट स्पेंसर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: एमिल दुर्खीम ने अपनी प्रसिद्ध कृति “समाजशास्त्रीय पद्धति के नियम” (The Rules of Sociological Method) में “सामाजिक तथ्य” की अवधारणा को परिभाषित किया। उन्होंने सामाजिक तथ्यों को “समाज में पाए जाने वाले ऐसे तरीके से कार्य करने, सोचने और महसूस करने के हैं, जो व्यक्ति से स्वतंत्र होते हैं और उस पर बाहरी दबाव डालते हैं”।
  • संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम का मानना था कि समाजशास्त्र को एक विज्ञान के रूप में स्थापित करने के लिए, उसे अपने विशिष्ट अध्ययन विषय की आवश्यकता है, जो कि सामाजिक तथ्य हैं। ये बाहरी और बाध्यकारी होते हैं, जैसे कि कानून, रीति-रिवाज, नैतिकता, और सामाजिक संस्थाएँ।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स का मुख्य जोर वर्ग संघर्ष और आर्थिक नियतत्ववाद पर था। मैक्स वेबर ने सामाजिक क्रिया और उसकी व्यक्तिपरक समझ (Verstehen) पर बल दिया। हरबर्ट स्पेंसर ने सामाजिक डार्विनवाद का विचार प्रस्तुत किया।

प्रश्न 2: भारतीय समाज में, “संस्कृतिकरण” (Sanskritization) की अवधारणा को किसने विकसित किया?

  1. डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
  2. एम. एन. श्रीनिवास
  3. गांधीजी
  4. इरावती कर्वे

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: एम. एन. श्रीनिवास, एक प्रसिद्ध भारतीय समाजशास्त्री, ने “संस्कृतिकरण” की अवधारणा का प्रतिपादन किया। उन्होंने इसे दक्षिणी भारत के कुर्गों के अध्ययन (Religion and Society Among the Coorgs of South India) में प्रस्तुत किया।
  • संदर्भ और विस्तार: संस्कृतिकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा निम्न हिंदू जातियाँ या अन्य समूह, जनजातियाँ, या अन्य समुदाय किसी उच्च या द्विज जाति की रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों, विचारधाराओं और जीवन शैली को अपनाकर उस जाति की स्थिति प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। यह सांस्कृतिक गतिशीलता का एक रूप है।
  • गलत विकल्प: डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने जाति व्यवस्था के उन्मूलन पर काम किया। गांधीजी ने “हरिजन” शब्द का प्रयोग किया और छुआछूत के विरोध पर जोर दिया। इरावती कर्वे ने नातेदारी व्यवस्था और भारतीय समाज पर महत्वपूर्ण कार्य किया।

प्रश्न 3: किसी व्यक्ति की सामाजिक स्थिति को बढ़ाने या बनाए रखने के लिए उसके द्वारा अन्य समूहों की जीवन शैली, अनुष्ठानों और मूल्यों को अपनाने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?

  1. आधुनिकीकरण
  2. पश्चिमीकरण
  3. अनुकरण
  4. रूपांतरण

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: यह प्रक्रिया “अनुकरण” (Imitation) कहलाती है, जो समाजशास्त्रीय संदर्भ में विशेष रूप से सामाजिक गतिशीलता और सांस्कृतिक प्रसार से संबंधित है। लोग अक्सर बेहतर सामाजिक स्थिति की चाह में या सामाजिक स्वीकृति पाने के लिए दूसरों की जीवन शैली का अनुकरण करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा गैब्रियल टार्डे जैसे समाजशास्त्रियों द्वारा भी महत्वपूर्ण मानी गई है। यह सांस्कृतिक परिवर्तन का एक प्रमुख तंत्र है।
  • गलत विकल्प: आधुनिकीकरण तकनीकी, आर्थिक और संस्थागत परिवर्तनों से संबंधित एक व्यापक प्रक्रिया है। पश्चिमीकरण पश्चिमी देशों की संस्कृति को अपनाने की प्रक्रिया है। रूपांतरण (Conversion) धार्मिक या वैचारिक परिवर्तन से अधिक जुड़ा है।

प्रश्न 4: “सामाजिक स्तरीकरण” (Social Stratification) का मुख्य आधार क्या है, जो समाज को विभिन्न स्तरों में विभाजित करता है?

  1. केवल आय
  2. केवल शिक्षा
  3. शक्ति, संपत्ति और प्रतिष्ठा जैसे कारकों का संयोजन
  4. व्यक्तिगत योग्यता

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: सामाजिक स्तरीकरण केवल आय या शिक्षा पर आधारित नहीं होता, बल्कि यह शक्ति (Power), संपत्ति (Property) और प्रतिष्ठा (Prestige) जैसे विभिन्न कारकों के संयोजन से उत्पन्न होता है। मैक्स वेबर ने इन तीनों आयामों को सामाजिक स्तरीकरण के विश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण माना।
  • संदर्भ और विस्तार: ये कारक मिलकर समाज में विभिन्न स्तरों (वर्ग, स्थिति समूह आदि) का निर्माण करते हैं, जिससे संसाधनों और अवसरों का असमान वितरण होता है।
  • गलत विकल्प: केवल आय या केवल शिक्षा स्तरीकरण का पूरा चित्र प्रस्तुत नहीं करते। व्यक्तिगत योग्यता एक कारक हो सकती है, लेकिन यह सामाजिक संरचना द्वारा नियंत्रित होती है।

प्रश्न 5: “अनोमी” (Anomie) की अवधारणा, जो सामाजिक मानदंडों के क्षरण और व्यक्ति में दिशाहीनता की भावना से संबंधित है, किस समाजशास्त्री से जुड़ी है?

  1. एमिल दुर्खीम
  2. कार्ल मार्क्स
  3. ई. पॉवर कुली
  4. रॉबर्ट मेर्टन

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: “अनोमी” की अवधारणा एमिल दुर्खीम द्वारा विकसित की गई थी, विशेष रूप से उनकी पुस्तक “आत्महत्या” (Suicide) में। अनोमी उस स्थिति को दर्शाती है जब समाज में सामाजिक नियमों और मूल्यों का अभाव होता है, जिससे व्यक्ति अनिश्चितता और अलगाव महसूस करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम के अनुसार, सामाजिक परिवर्तन या संकट के समय, जब पुराने नियम अप्रचलित हो जाते हैं और नए नियम स्थापित नहीं होते, तब अनोमी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स का सिद्धांत वर्ग संघर्ष पर आधारित है। रॉबर्ट मेर्टन ने भी अनोमी की अवधारणा का उपयोग किया, लेकिन इसे व्यक्तिगत अनुकूलन के संदर्भ में देखा (अनुरूपता, नवाचार, अनुष्ठानवाद, पतनवाद, विद्रोह)। ई. पॉवर कुली ब्रिटिश समाजशास्त्री हैं जिन्होंने सामाजिक वर्ग पर काम किया।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी एक “सामाजिक संस्था” (Social Institution) का उदाहरण है?

  1. जाति
  2. परिवार
  3. धार्मिक अनुष्ठान
  4. गांव

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: परिवार एक सामाजिक संस्था है। सामाजिक संस्थाएँ समाज में कुछ निश्चित उद्देश्यों को पूरा करने के लिए स्थापित हुए संबंधों, नियमों और प्रक्रियाओं का एक सुसंगत समूह होती हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: परिवार प्रजनन, समाजीकरण, आर्थिक सहायता और भावनात्मक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्य करता है। अन्य प्रमुख सामाजिक संस्थाओं में शिक्षा, धर्म, सरकार और अर्थव्यवस्था शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: जाति एक सामाजिक स्तरीकरण व्यवस्था है। धार्मिक अनुष्ठान किसी संस्था का हिस्सा हो सकते हैं, लेकिन स्वयं एक संस्था नहीं। गांव एक भौगोलिक और सामाजिक इकाई है, न कि एक अमूर्त संस्था।

प्रश्न 7: “सांस्कृतिक विलंब” (Cultural Lag) की अवधारणा, जो समाज में भौतिक संस्कृति की तुलना में अभौतिक संस्कृति के धीमी गति से परिवर्तन को संदर्भित करती है, किस समाजशास्त्री से जुड़ी है?

  1. विलियम ग्राहम समनर
  2. ऑगस्ट कॉम्त
  3. अल्बर्ट ओग्बन
  4. एच. स्पेंसर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अल्बर्ट ओग्बन (William F. Ogburn) ने “सांस्कृतिक विलंब” की अवधारणा प्रस्तुत की। उन्होंने तर्क दिया कि तकनीकी नवाचार (भौतिक संस्कृति) अक्सर सामाजिक रीति-रिवाजों, कानूनों और नैतिकता (अभौतिक संस्कृति) में परिवर्तन से पहले होते हैं, जिससे समाज में एक असंतुलन पैदा होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: उदाहरण के लिए, परमाणु ऊर्जा (भौतिक संस्कृति) का विकास हुआ, लेकिन इसके उपयोग को विनियमित करने वाले नैतिक और कानूनी नियम (अभौतिक संस्कृति) उस गति से विकसित नहीं हुए।
  • गलत विकल्प: विलियम ग्राहम समनर “फोल्कवेज” (Folkways) और “मोरेज” (Mores) के बीच अंतर के लिए जाने जाते हैं। ऑगस्ट कॉम्त समाजशास्त्र के जनक हैं जिन्होंने प्रत्यक्षवाद का सिद्धांत दिया। हरबर्ट स्पेंसर ने सामाजिक डार्विनवाद का विचार दिया।

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा “प्राथमिक समूह” (Primary Group) का सबसे अच्छा उदाहरण है?

  1. किसी कंपनी के कर्मचारी
  2. एक कक्षा के छात्र
  3. परिवार और बचपन के मित्र
  4. किसी क्लब के सदस्य

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: चार्ल्स कर्टिस कोली ने “प्राथमिक समूह” की अवधारणा दी, जिसे आमने-सामने के घनिष्ठ, सहकारी और स्थायी संबंधों की विशेषता से पहचाना जाता है। परिवार और बचपन के मित्र इसके सबसे अच्छे उदाहरण हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इन समूहों में व्यक्तिगत, भावनात्मक और अनौपचारिक संबंध होते हैं, जो व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • गलत विकल्प: कंपनी के कर्मचारी, कक्षा के छात्र और क्लब के सदस्य अक्सर द्वितीयक समूहों (Secondary Groups) के उदाहरण होते हैं, जहाँ संबंध अनौपचारिक, अवैयक्तिक और किसी विशेष उद्देश्य के लिए होते हैं।

प्रश्न 9: “नियंत्रित प्रयोग” (Controlled Experiment) किस प्रकार की अनुसंधान पद्धति का हिस्सा है?

  1. गुणात्मक अनुसंधान
  2. मात्रात्मक अनुसंधान
  3. एथनोग्राफी
  4. लिखित सामग्री का विश्लेषण

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: नियंत्रित प्रयोग आमतौर पर “मात्रात्मक अनुसंधान” (Quantitative Research) का हिस्सा होते हैं। इसमें स्वतंत्र चर (Independent Variable) में हेरफेर करके आश्रित चर (Dependent Variable) पर इसके प्रभाव का मापन किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका मुख्य उद्देश्य कारण-कार्य संबंध (Cause-and-Effect Relationship) स्थापित करना होता है। इसमें नियंत्रण समूह (Control Group) और प्रायोगिक समूह (Experimental Group) होते हैं।
  • गलत विकल्प: गुणात्मक अनुसंधान (Qualitative Research) अर्थों, अनुभवों और सामाजिक प्रक्रियाओं को समझने पर केंद्रित है। एथनोग्राफी सांस्कृतिक समूहों का गहन अध्ययन है। लिखित सामग्री का विश्लेषण एक प्रकार की सामग्री विश्लेषण विधि है।

प्रश्न 10: भारतीय समाज में, “पित्रवंशीय” (Patrilineal) व्यवस्था में वंश और संपत्ति का उत्तराधिकार सामान्यतः किससे प्राप्त होता है?

  1. माता
  2. पिता
  3. दादा
  4. चाचा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: पित्रवंशीय (Patrilineal) व्यवस्था में, वंश, नाम और संपत्ति का उत्तराधिकार पिता के माध्यम से होता है, अर्थात पुरुष रेखा से।
  • संदर्भ और विस्तार: अधिकांश भारतीय समाजों में, विशेषकर उत्तर भारत में, पित्रवंशीय व्यवस्था प्रचलित है, जहाँ परिवार का मुखिया पिता होता है और पुत्र को उसकी संपत्ति और उपाधियाँ मिलती हैं।
  • गलत विकल्प: माता से संबंधित व्यवस्था मातृवंशीय (Matrilineal) कहलाती है। दादा या चाचा पितृवंशीय व्यवस्था में महत्वपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन सीधे उत्तराधिकार पिता के माध्यम से होता है।

प्रश्न 11: “सामाजिक परिवर्तन” (Social Change) के संबंध में, “विकास” (Evolution) का सिद्धांत किस समाजशास्त्री से अधिक जुड़ा है?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. हरबर्ट स्पेंसर
  3. एमिल दुर्खीम
  4. जॉर्ज सिमेल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: हरबर्ट स्पेंसर को सामाजिक विकास (Social Evolution) के सिद्धांत से सबसे अधिक जोड़ा जाता है। उन्होंने समाज को एक जैविक जीव के समान माना, जो सरल से जटिल रूपों की ओर विकसित होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: स्पेंसर ने “अति-विशिष्टीकरण” (Increasing Differentiation) और “समन्वय” (Integration) को विकास के प्रमुख लक्षण बताया। उन्होंने “सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट” (Survival of the Fittest) जैसे विचारों को समाज पर भी लागू किया।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ऐतिहासिक भौतिकवाद और वर्ग संघर्ष पर केंद्रित थे। एमिल दुर्खीम ने सामाजिक एकता के विभिन्न रूपों (यांत्रिक और जैविक) पर चर्चा की। जॉर्ज सिमेल ने सामाजिक अंतःक्रियाओं (Social Interactions) के स्वरूपों का विश्लेषण किया।

प्रश्न 12: “अभौतिक संस्कृति” (Non-material Culture) में निम्नलिखित में से क्या शामिल है?

  1. कारें और भवन
  2. संगीत और कला
  3. औजार और मशीनें
  4. कपड़े और फैशन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: संगीत और कला अभौतिक संस्कृति (Non-material Culture) के उदाहरण हैं, जिसमें विचार, विश्वास, मूल्य, भाषा, प्रतीक, ज्ञान और अमूर्त नवाचार शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: भौतिक संस्कृति (Material Culture) उन वस्तुओं को संदर्भित करती है जिन्हें मनुष्य बनाता है और उपयोग करता है, जैसे कि उपकरण, भवन, कपड़े आदि।
  • गलत विकल्प: कारें, भवन, औजार, मशीनें और कपड़े भौतिक संस्कृति के हिस्से हैं।

प्रश्न 13: “प्रत्यक्षवाद” (Positivism) का संस्थापक किसे माना जाता है, जिसने समाजशास्त्र को एक वैज्ञानिक अनुशासन के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. मैक्स वेबर
  3. एमिल दुर्खीम
  4. ऑगस्ट कॉम्त

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ऑगस्ट कॉम्त को “प्रत्यक्षवाद” का संस्थापक माना जाता है। उन्होंने तर्क दिया कि समाज का अध्ययन उसी वैज्ञानिक पद्धति से किया जाना चाहिए जिसका उपयोग प्राकृतिक विज्ञान करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: कॉम्त ने समाजशास्त्र को “सामाजिक भौतिकी” (Social Physics) कहा और समाज के अध्ययन के लिए अवलोकन, प्रयोग और तुलना जैसी विधियों पर जोर दिया। उन्होंने समाज के विकास के तीन चरणों का सिद्धांत भी दिया:Theological, Metaphysical, and Positivist.
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स, मैक्स वेबर और एमिल दुर्खीम अन्य महत्वपूर्ण समाजशास्त्री हैं, लेकिन प्रत्यक्षवाद का मुख्य श्रेय कॉम्त को जाता है।

प्रश्न 14: “अविभेदीकरण” (Differentiation) की प्रक्रिया, जो समाजशास्त्र में समाज की संरचनाओं और कार्यों के विशेषज्ञता बढ़ने से संबंधित है, किस सिद्धांत का एक महत्वपूर्ण पहलू है?

  1. सामाजिक संघर्ष का सिद्धांत
  2. प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद
  3. संरचनात्मक प्रकार्यवाद (Structural Functionalism)
  4. जाति व्यवस्था का अध्ययन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अविभेदीकरण (Differentiation) संरचनात्मक प्रकार्यवाद (Structural Functionalism) का एक केंद्रीय विचार है, जिसे विशेष रूप से टैलकॉट पार्सन्स जैसे समाजशास्त्रियों द्वारा विकसित किया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस प्रक्रिया में, एक समाज में पहले अविभेदित कार्य (जैसे परिवार द्वारा किए जाने वाले) धीरे-धीरे विशिष्ट संरचनाओं (जैसे स्कूल, अस्पताल, अर्थव्यवस्था) में विभाजित हो जाते हैं, जो अपने-अपने कार्यों को अधिक कुशलता से करते हैं।
  • गलत विकल्प: सामाजिक संघर्ष का सिद्धांत (Conflict Theory) समाज में शक्ति और असमानता पर केंद्रित है। प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद (Symbolic Interactionism) व्यक्ति-स्तरीय अंतःक्रियाओं और अर्थों पर केंद्रित है।

प्रश्न 15: भारतीय ग्रामीण समाजों के संदर्भ में, “समीपस्थ परिवार” (Near Family) या “संयुग्मी परिवार” (Conjugal Family) से भिन्न, “संयुक्त परिवार” (Joint Family) की मुख्य विशेषता क्या है?

  1. केवल माता-पिता और अविवाहित बच्चे
  2. एक ही छत के नीचे कई पीढ़ियों के सदस्यों का एक साथ रहना
  3. भाई-बहन का अलगाव
  4. पति-पत्नी के बीच घनिष्ठ संबंध

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: संयुक्त परिवार की मुख्य विशेषता है कि इसमें एक ही छत के नीचे, एक साथ रहने वाले, एक सामान्य रसोई साझा करने वाले और एक सामान्य संपत्ति रखने वाले कई पीढ़ी के सदस्य (जैसे दादा-दादी, माता-पिता, बच्चे, और उनके बच्चे) शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भारतीय समाज की एक पारंपरिक और महत्वपूर्ण सामाजिक इकाई रही है, जो सामूहिक कल्याण और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है।
  • गलत विकल्प: केवल माता-पिता और अविवाहित बच्चे समीपस्थ या नाभिकीय परिवार (Nuclear Family) का हिस्सा होते हैं। भाई-बहन का अलगाव या पति-पत्नी के बीच घनिष्ठ संबंध संयुक्त परिवार की परिभाषित विशेषताएँ नहीं हैं।

प्रश्न 16: “सामाजीकरण” (Socialization) की प्रक्रिया के संबंध में, “द्वितीयक सामाजीकरण” (Secondary Socialization) में मुख्य रूप से कौन से कारक भूमिका निभाते हैं?

  1. परिवार और शिशु
  2. सहकर्मी समूह और स्कूल
  3. प्रतीक और भाषा
  4. जैविक प्रवृत्ति

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: द्वितीयक सामाजीकरण में, व्यक्ति अपने जीवन के बाद के चरणों में, विशेष रूप से स्कूल, सहकर्मी समूह (Peer groups), कार्यस्थल और जनसंचार माध्यमों (Mass Media) से सीखता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति समाज की विशेष उप-संस्कृतियों या समूहों के मानदंडों और मूल्यों को सीखता है, जो उसके प्राथमिक सामाजीकरण (जो मुख्य रूप से परिवार द्वारा होता है) के पूरक होते हैं।
  • गलत विकल्प: परिवार और शिशु प्राथमिक सामाजीकरण का हिस्सा हैं। प्रतीक और भाषा सामाजीकरण के उपकरण हैं, न कि विशेष कारक। जैविक प्रवृत्ति जन्मजात होती है।

प्रश्न 17: “जेल” या “मानसिक अस्पताल” किस प्रकार के संस्थान के उदाहरण हैं, जो व्यक्ति के व्यवहार को पूरी तरह से नियंत्रित करने और उसे बदलने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं?

  1. धार्मिक संस्थान
  2. मनोरंजक संस्थान
  3. परिशोधन संस्थान (Total Institution)
  4. शैक्षणिक संस्थान

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अर्ल्विंग गॉफमैन (Erving Goffman) ने “परिशोधन संस्थान” (Total Institution) की अवधारणा दी। ये ऐसे संस्थान होते हैं जहाँ व्यक्ति दुनिया से कटकर, एक ही स्थान पर, समान परिस्थितियों में, एक ही अधिकारी वर्ग के अधीन, एक ही गतिविधियों में संलग्न रहता है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये संस्थान व्यक्ति के “स्व” (Self) को बदलने या पुनर्गठित करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। जेल, सैन्य बैरक, मठ, और कुछ प्रकार के बोर्डिंग स्कूल इसके उदाहरण हैं।
  • गलत विकल्प: ये संस्थान धर्म, मनोरंजन, या शिक्षा के प्राथमिक उद्देश्य से परे, समग्र नियंत्रण पर केंद्रित होते हैं।

प्रश्न 18: “वैज्ञानिक समाजशास्त्र” (Scientific Sociology) के संदर्भ में, “तटस्थता” (Objectivity) का क्या अर्थ है?

  1. समाजशास्त्री का व्यक्तिगत दृष्टिकोण
  2. व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों से मुक्त होकर तथ्यों का अध्ययन करना
  3. अपने निष्कर्षों को किसी विशेष समूह के पक्ष में प्रस्तुत करना
  4. सामाजिक समस्याओं पर व्यक्तिगत राय देना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: वैज्ञानिक समाजशास्त्र में तटस्थता का अर्थ है कि समाजशास्त्री को अपने व्यक्तिगत विश्वासों, भावनाओं, मूल्यों और पूर्वाग्रहों को अपने शोध प्रक्रिया और निष्कर्षों को प्रभावित नहीं करने देना चाहिए।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य सामाजिक वास्तविकता का यथासंभव सटीक और निष्पक्ष रूप से अध्ययन करना है।
  • गलत विकल्प: व्यक्तिगत दृष्टिकोण, किसी समूह के पक्ष में निष्कर्ष प्रस्तुत करना, या व्यक्तिगत राय देना वैज्ञानिक तटस्थता के विपरीत हैं।

प्रश्न 19: “सामाजिक गतिशीलता” (Social Mobility) का तात्पर्य है:

  1. किसी समाज का विकास
  2. समाज में होने वाले सभी प्रकार के परिवर्तन
  3. व्यक्ति या समूह का एक सामाजिक स्तर से दूसरे सामाजिक स्तर पर जाना
  4. सामाजिक असमानता की उत्पत्ति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: सामाजिक गतिशीलता एक व्यक्ति या समूह के एक सामाजिक स्तर (जैसे वर्ग, स्थिति, या शक्ति) से दूसरे में स्थानांतरण को संदर्भित करती है। यह ऊपर की ओर (Upward mobility), नीचे की ओर (Downward mobility) या क्षैतिज (Horizontal mobility) हो सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सामाजिक स्तरीकरण और सामाजिक परिवर्तन के अध्ययन का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
  • गलत विकल्प: समाज का विकास विकासवाद से जुड़ा है। सभी प्रकार के परिवर्तन को सामाजिक परिवर्तन कहते हैं। सामाजिक असमानता का अध्ययन स्तरीकरण का मुख्य बिंदु है।

प्रश्न 20: “प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद” (Symbolic Interactionism) के प्रमुख प्रस्तावक कौन हैं?

  1. कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स
  2. एमिल दुर्खीम और मैक्स वेबर
  3. जॉर्ज हर्बर्ट मीड और हरबर्ट ब्लूमर
  4. टैलकॉट पार्सन्स और रॉबर्ट किंग मर्टन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद के प्रमुख प्रस्तावक जॉर्ज हर्बर्ट मीड (George Herbert Mead) हैं, जिन्होंने “स्व” (Self) और “अहम्” (I and Me) की अवधारणा दी, और हरबर्ट ब्लूमर (Herbert Blumer) जिन्होंने इस उपागम को व्यवस्थित रूप से परिभाषित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत इस बात पर जोर देता है कि मनुष्य प्रतीकों (जैसे भाषा, हावभाव) के माध्यम से एक-दूसरे के साथ अंतःक्रिया करते हैं और इन्हीं अंतःक्रियाओं के माध्यम से समाज का निर्माण और पुनर्गठन होता है।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प विभिन्न समाजशास्त्रीय उपागमों से जुड़े हैं।

प्रश्न 21: भारतीय समाज में, “जनजाति” (Tribe) की पहचान के लिए निम्नलिखित में से कौन सा मापदंड सामान्यतः प्रयोग किया जाता है?

  1. विशेष भाषा
  2. अलग धर्म
  3. भौगोलिक अलगाव और सामान्य संस्कृति
  4. कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: जनजाति की पहचान में अक्सर भौगोलिक अलगाव, सामान्य संस्कृति, एक विशिष्ट भाषा, एक साझा पहचान और राजनीतिक संगठन जैसे मापदंड शामिल होते हैं। हालाँकि, इन सभी मापदंडों का एक साथ होना आवश्यक नहीं है, लेकिन अलगाव और सामान्य संस्कृति प्रमुख कारक माने जाते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: संविधान में अनुसूचित जनजातियों (Scheduled Tribes) की सूची सरकार द्वारा विशिष्ट मापदंडों के आधार पर परिभाषित की जाती है, जिसमें ऐतिहासिक रूप से पिछड़ी स्थिति और अलग पहचान पर बल दिया जाता है।
  • गलत विकल्प: विशिष्ट भाषा या अलग धर्म अन्य सामाजिक समूहों में भी पाए जा सकते हैं। कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था ग्रामीण आबादी की विशेषता हो सकती है, लेकिन जनजातियों के लिए एकमात्र मापदंड नहीं।

प्रश्न 22: “आधुनिकीकरण” (Modernization) की प्रक्रिया के संबंध में, निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता सामान्यतः देखी जाती है?

  1. पारंपरिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण
  2. औद्योगिकीकरण और शहरीकरण में वृद्धि
  3. कृषि अर्थव्यवस्था का विस्तार
  4. सामुदायिक भावना का बढ़ना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: आधुनिकीकरण एक व्यापक प्रक्रिया है जिसमें औद्योगिकीकरण (Industrialization), शहरीकरण (Urbanization), धर्मनिरपेक्षीकरण (Secularization), शिक्षा का प्रसार और राजनीतिक तथा आर्थिक संस्थाओं का तार्किकीकरण शामिल है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह पारंपरिक समाजों से औद्योगिक और उत्तर-औद्योगिक समाजों की ओर एक परिवर्तन को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: आधुनिकीकरण में पारंपरिक मूल्यों का क्षरण या परिवर्तन होता है, न कि सुदृढ़ीकरण। कृषि अर्थव्यवस्था घटती है और सामुदायिक भावना शहरीकरण के कारण कमजोर हो सकती है।

प्रश्न 23: “सामाजिक विघटन” (Social Disorganization) का सिद्धांत, जो शहरीकरण और औद्योगिकीकरण से उत्पन्न समस्याओं से संबंधित है, किस समाजशास्त्रीय स्कूल से जुड़ा है?

  1. फ्रैंकफर्ट स्कूल
  2. शिकागो स्कूल
  3. ऑक्सफोर्ड स्कूल
  4. हारवर्ड स्कूल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: सामाजिक विघटन का सिद्धांत प्रारंभिक रूप से “शिकागो स्कूल” (Chicago School) के समाजशास्त्रियों से जुड़ा है, जिन्होंने 20वीं सदी की शुरुआत में अमेरिकी शहरों में अपराध, गरीबी और सामाजिक समस्याओं का अध्ययन किया।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्होंने तर्क दिया कि तेजी से औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और आप्रवासन ने पारंपरिक सामाजिक नियंत्रण तंत्र को कमजोर कर दिया, जिससे विघटन और अपराध दर में वृद्धि हुई। रॉबर्ट पार्क (Robert Park) और अर्नेस्ट बर्गेस (Ernest Burgess) इसके प्रमुख व्यक्ति थे।
  • गलत विकल्प: अन्य स्कूल विभिन्न सामाजिक सिद्धांतों और अध्ययनों से जुड़े हैं।

प्रश्न 24: “सामाजिक नियंत्रण” (Social Control) का अर्थ है:

  1. समाज के सदस्यों को व्यवस्थित रखना
  2. नियमों और दंडों का एक सेट
  3. सामाजिक व्यवहार को नियंत्रित करने और विनियमित करने के लिए समाज द्वारा अपनाई गई प्रक्रियाएँ
  4. सरकार द्वारा लागू कानून

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: सामाजिक नियंत्रण उन विधियों, प्रक्रियाओं और तंत्रों का एक व्यापक सेट है जिनका उपयोग समाज अपने सदस्यों के व्यवहार को निर्देशित, विनियमित और सुसंगत बनाने के लिए करता है, ताकि व्यवस्था और स्थिरता बनी रहे।
  • संदर्भ और विस्तार: इसमें अनौपचारिक तरीके (जैसे सामाजिक दबाव, रीति-रिवाज, नैतिकता) और औपचारिक तरीके (जैसे कानून, पुलिस, न्यायपालिका) दोनों शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: जबकि नियम और दंड (b) तथा सरकार द्वारा लागू कानून (d) सामाजिक नियंत्रण के साधन हैं, वे सामाजिक नियंत्रण की पूरी अवधारणा नहीं हैं। समाज के सदस्यों को व्यवस्थित रखना (a) सामाजिक नियंत्रण का परिणाम है, न कि उसकी परिभाषा।

प्रश्न 25: “शक्ति” (Power) की अवधारणा, जिसे किसी व्यक्ति या समूह की दूसरों पर अपने इरादों को लागू करने की क्षमता के रूप में परिभाषित किया गया है, किस प्रमुख समाजशास्त्री के कार्य में केंद्रीय है?

  1. एमिल दुर्खीम
  2. मैक्स वेबर
  3. एच. एम. जॉनसन
  4. टी. पार्सन्स

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मैक्स वेबर ने शक्ति (Macht) को “सामाजिक संबंध में, इच्छाशक्ति को लागू करने की संभावना, भले ही प्रतिरोध का सामना करना पड़े” के रूप में परिभाषित किया। शक्ति का विश्लेषण उनके राजनीतिक समाजशास्त्र का एक केंद्रीय तत्व था।
  • संदर्भ और विस्तार: वेबर ने तीन प्रकार की सत्ता (Authority) का भी विश्लेषण किया: करिश्माई, पारंपरिक और कानूनी-तार्किक।
  • गलत विकल्प: एमिल दुर्खीम ने सामाजिक एकता पर ध्यान केंद्रित किया। एच. एम. जॉनसन एक समाजशास्त्री थे जिन्होंने सामाजिक व्यवस्था पर लिखा। टैलकॉट पार्सन्स प्रकार्यात्मक सिद्धांत से जुड़े थे।

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