22 करोड़ लीटर का ‘स्वाद’: भारत-यूके FTA व्हिस्की बाजार में क्या बदलाव लाएगा?
चर्चा में क्यों? (Why in News?):**
हाल ही में, एक महत्वपूर्ण आर्थिक विकास ने वैश्विक व्यापार परिदृश्य में भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच संबंधों को एक नई दिशा दी है। समाचारों की सुर्खियों में रही यह खबर कि भारत, ब्रिटिश व्हिस्की के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन गया है, जहाँ सालाना लगभग 22 करोड़ लीटर व्हिस्की की खपत होती है। इस आंकड़े ने दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की संभावनाओं को और बल दिया है, जिससे उम्मीद है कि यह समझौता दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। यह ब्लॉग पोस्ट इस घटनाक्रम की गहराई से पड़ताल करता है, जिसमें भारत के विशाल उपभोक्ता बाजार, ब्रिटिश व्हिस्की की लोकप्रियता, FTA के संभावित लाभ और चुनौतियां, और UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से इसके महत्व पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
यह केवल एक पेय पदार्थ के आयात-निर्यात का मामला नहीं है, बल्कि यह भारत और यूके के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग, द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के महत्व और वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत की बढ़ती भूमिका का प्रतीक है। आइए, इस ’22 करोड़ लीटर के स्वाद’ के पीछे छिपी व्यापक आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक परतों को समझें।
समझें: मुक्त व्यापार समझौता (FTA) क्या है?
किसी भी बड़े व्यापारिक समझौते को समझने से पहले, यह जानना आवश्यक है कि मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement – FTA) वास्तव में होता क्या है। सरल शब्दों में, यह दो या दो से अधिक देशों के बीच एक ऐसा समझौता है जो उन देशों के बीच व्यापार पर लगने वाले शुल्कों (जैसे टैरिफ, आयात शुल्क) और अन्य बाधाओं (जैसे कोटा, प्रतिबंध) को कम या समाप्त करता है।
FTA के मुख्य उद्देश्य:
- बाजार पहुंच बढ़ाना: सदस्य देशों के उत्पादों और सेवाओं के लिए दूसरे देश के बाजारों में प्रवेश को आसान बनाना।
- व्यापार को बढ़ावा देना: शुल्कों और बाधाओं को कम करके वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना।
- आर्थिक विकास: व्यापार में वृद्धि से राष्ट्रीय आय, रोजगार और निवेश में वृद्धि की उम्मीद।
- निवेश को आकर्षित करना: व्यापारिक वातावरण में सुधार से विदेशी निवेश को बढ़ावा।
- तकनीकी हस्तांतरण: ज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के आदान-प्रदान को सुगम बनाना।
FTA केवल टैरिफ कम करने तक सीमित नहीं होते; वे बौद्धिक संपदा अधिकार, निवेश, ई-कॉमर्स, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं और विवाद समाधान जैसे क्षेत्रों को भी कवर कर सकते हैं। ये समझौते वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे विशेषज्ञता (specialization) और तुलनात्मक लाभ (comparative advantage) के सिद्धांत को बढ़ावा देते हैं, जिससे अंततः उपभोक्ताओं को कम कीमत पर बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद मिलते हैं।
भारत-यूके FTA: व्हिस्की के आंकड़े का महत्व
ब्रिटिश व्हिस्की के लिए भारत का 22 करोड़ लीटर का वार्षिक बाजार कोई छोटा आंकड़ा नहीं है। यह मात्रा भारत को ब्रिटिश व्हिस्की के लिए एक ‘प्रमुख’ या ‘गेम-चेंजर’ बाजार बनाती है। यह सिर्फ व्हिस्की की खपत का आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह भारत के बढ़ते मध्यम वर्ग, उनकी बढ़ती डिस्पोजेबल आय (disposable income), पश्चिमी जीवन शैली के प्रति आकर्षण और प्रीमियम उत्पादों के प्रति बढ़ती प्राथमिकता को भी दर्शाता है।
22 करोड़ लीटर के आंकड़े का विश्लेषण:
- बाजार का आकार: यह आंकड़ा भारत की विशाल आबादी और उसमें बढ़ती उपभोग क्षमता का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
- आर्थिक क्षमता: इतने बड़े पैमाने पर खपत का मतलब है कि भारतीय उपभोक्ता प्रीमियम आयातित उत्पादों के लिए महत्वपूर्ण राशि खर्च करने को तैयार हैं।
- रूझान: यह दिखाता है कि भारतीय बाजार में केवल स्वदेशी उत्पादों की ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय प्रीमियम ब्रांड्स की भी मजबूत मांग है।
- FTA का औचित्य: यह आंकड़ा यूके के लिए भारत के बाजार में प्रवेश के महत्व को रेखांकित करता है और FTA के माध्यम से इस व्यापार को और सुगम बनाने के लिए एक मजबूत तर्क प्रस्तुत करता है।
यह महत्वपूर्ण है कि भारत में ‘व्हिस्की’ शब्द में स्कॉच, आयरिश व्हिस्की और अन्य प्रकार की व्हिस्की शामिल हो सकती हैं, लेकिन ब्रिटिश संदर्भ में, यह मुख्य रूप से स्कॉच व्हिस्की की ओर इशारा करता है, जो यूके का एक प्रमुख निर्यात उत्पाद है।
FTA से दोनों देशों को क्या लाभ होगा? (The Win-Win Scenario)
एक सुविचारित FTA दोनों देशों के लिए ‘विन-विन’ स्थिति बना सकता है। भारत और यूके के बीच प्रस्तावित FTA में व्हिस्की व्यापार को सुगम बनाना एक प्रमुख एजेंडा रहा है।
यूनाइटेड किंगडम (UK) के लिए लाभ:
- विशाल बाजार तक पहुँच: 22 करोड़ लीटर की खपत वाला भारत, यूके की व्हिस्की उत्पादकों के लिए एक विशाल और तेजी से बढ़ता हुआ बाजार प्रदान करता है। FTA के माध्यम से, वे भारत में अपने उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर बेच पाएंगे।
- टैरिफ में कमी: वर्तमान में, भारतीय आयात शुल्क (customs duties) प्रीमियम व्हिस्की पर अपेक्षाकृत अधिक हैं। FTA के तहत इन शुल्कों में कमी से यूके की व्हिस्की भारत में सस्ती हो जाएगी, जिससे बिक्री में वृद्धि की उम्मीद है।
- बढ़ी हुई निर्यात आय: व्हिस्की के निर्यात में वृद्धि से यूके की अर्थव्यवस्था को सीधे तौर पर लाभ होगा, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
- ब्रांड इक्विटी: भारत जैसे बड़े बाजार में अपनी पैठ बनाना यूके के व्हिस्की ब्रांडों की वैश्विक प्रतिष्ठा को और मजबूत करेगा।
भारत के लिए लाभ:
- उपभोक्ताओं के लिए विकल्प और मूल्य: FTA के कारण, भारतीय उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाली ब्रिटिश व्हिस्की की व्यापक श्रृंखला और संभवतः कम कीमतों पर उपलब्ध होने का लाभ मिलेगा।
- राजस्व में वृद्धि: टैरिफ में कमी के बावजूद, बढ़ी हुई आयात मात्रा से सीमा शुल्क और अन्य करों (जैसे GST) के रूप में सरकार को पर्याप्त राजस्व प्राप्त होगा।
- निवेश और रोजगार: FTA के तहत व्यापार बढ़ने से संबंधित लॉजिस्टिक्स, वितरण, खुदरा और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्रों में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं।
- आर्थिक कूटनीति: यह समझौता भारत-यूके संबंधों को मजबूत करेगा और भविष्य में अन्य क्षेत्रों में भी आर्थिक सहयोग के द्वार खोल सकता है।
- आर्थिक उदारीकरण का प्रतीक: FTA भारत की वैश्विक व्यापार में सक्रिय भूमिका और उदारीकरण की नीति को दर्शाता है।
एक तुलनात्मक उदाहरण:
कल्पना कीजिए कि आप एक नई कार खरीदना चाहते हैं, लेकिन उस पर बहुत अधिक टैक्स लगा हुआ है, इसलिए वह महंगी है। अब, सोचिए कि सरकार एक समझौता करती है जिससे उस कार पर टैक्स कम हो जाता है। इससे न केवल आपको कार सस्ती मिलेगी, बल्कि कार निर्माता कंपनी की बिक्री भी बढ़ेगी और संभवतः देश में कारखाने भी लगेंगे, जिससे रोजगार मिलेगा। FTA कुछ इसी तरह से काम करता है, लेकिन यह देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के लिए होता है।
FTA से जुड़ी चुनौतियाँ और चिंताएँ
जहाँ FTA के कई लाभ हैं, वहीं इसमें कुछ चुनौतियाँ और चिंताएँ भी निहित हैं, जिन्हें समझना UPSC के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है:
भारत के लिए चिंताएँ:
- घरेलू उद्योग पर प्रभाव: आयातित व्हिस्की के सस्ते होने से भारतीय व्हिस्की निर्माताओं पर दबाव बढ़ सकता है। उन्हें गुणवत्ता, ब्रांडिंग और मूल्य निर्धारण के मामले में प्रतिस्पर्धा करनी होगी। इससे घरेलू उद्योग को नुकसान पहुँचने की चिंताएं हो सकती हैं, खासकर छोटे और मध्यम स्तर के उत्पादकों के लिए।
- राजस्व पर अल्पकालिक प्रभाव: शुरुआत में, टैरिफ में भारी कटौती से सरकार के राजस्व पर अल्पकालिक नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जब तक कि आयात की मात्रा तेजी से न बढ़े।
- अनावश्यक उपभोग: सस्ती शराब की उपलब्धता से समाज में शराब के अनावश्यक उपभोग को बढ़ावा मिलने की चिंता भी व्यक्त की जा सकती है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण पर प्रभाव पड़ सकता है।
- ‘व्हिस्की वॉर’ का डर: यदि टैरिफ कटौती बहुत अधिक हो जाती है, तो यह भारत को केवल आयातित शराब के लिए एक ‘बाजार’ बना सकता है, न कि ‘उत्पादक’ के रूप में।
यूके के लिए चिंताएँ:
- भारतीय नियमों का अनुपालन: यूके की कंपनियों को भारत के जटिल विनियामक ढांचे, लेबलिंग मानकों, वितरण कानूनों और कर प्रणालियों का पालन करना होगा।
- बाजार में प्रवेश की गति: FTA के बावजूद, स्थानीय भागीदारों को खोजना, वितरण नेटवर्क स्थापित करना और उपभोक्ताओं के बीच अपने ब्रांड को लोकप्रिय बनाना समय लेने वाला और महंगा हो सकता है।
- भुगतान संतुलन: यदि निर्यात बढ़ता है लेकिन आयात भी उसी अनुपात में बढ़ता है, तो भुगतान संतुलन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, यह भी एक विचारणीय विषय है।
UPSC के दृष्टिकोण से विषय का विश्लेषण
यह मुद्दा UPSC सिविल सेवा परीक्षा के विभिन्न चरणों के लिए अत्यंत प्रासंगिक है:
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims):
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार: FTA, टैरिफ, गैर-टैरिफ बाधाएँ, व्यापार संतुलन।
- अर्थव्यवस्था: उपभोक्ता व्यवहार, बाजार विश्लेषण, प्रीमियम उत्पाद, डिस्पोजेबल आय।
- भारत की विदेश नीति: द्विपक्षीय संबंध, आर्थिक कूटनीति, वैश्विक व्यापार समझौते।
- भूगोल: प्रमुख निर्यात उत्पाद (जैसे स्कॉच व्हिस्की)।
मुख्य परीक्षा (Mains):
- GS-II (अंतर्राष्ट्रीय संबंध): भारत-यूके द्विपक्षीय संबंध, व्यापार समझौते का महत्व, भू-राजनीतिक प्रभाव।
- GS-III (भारतीय अर्थव्यवस्था): उदारीकरण, वैश्वीकरण, व्यापार घाटा, घरेलू उद्योगों पर आयात का प्रभाव, राजस्व और राजकोषीय नीति।
- GS-III (पर्यावरण और पारिस्थितिकी): (अप्रत्यक्ष रूप से) शराब की खपत से संबंधित सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दे।
- निबंध (Essay): वैश्वीकरण के फायदे और नुकसान, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का एक राष्ट्र की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, उपभोक्तावाद।
कैसे तैयार करें:
UPSC उम्मीदवारों को इस विषय पर तथ्यात्मक जानकारी (22 करोड़ लीटर, FTA के प्रमुख बिंदु) के साथ-साथ विश्लेषणात्मक कौशल पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि यह मुद्दा केवल व्हिस्की के बारे में नहीं है, बल्कि यह व्यापक आर्थिक और राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा है।
FT A: भविष्य की राह
भारत और यूके के बीच FTA वार्ताएं जारी हैं और इस क्षेत्र में व्हिस्की का बड़ा बाजार निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण बिंदु होगा। सफल FTA के लिए, दोनों देशों को एक-दूसरे की चिंताओं को दूर करना होगा और एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा।
- चरणबद्ध टैरिफ कटौती: अचानक और भारी कटौती के बजाय, शुल्कों को धीरे-धीरे कम किया जा सकता है ताकि घरेलू उद्योग को समायोजित होने का समय मिले।
- गुणवत्ता और सुरक्षा मानक: यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा कि आयातित उत्पाद उच्च गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को पूरा करते हों, जैसा कि भारत के उपभोक्ताओं को उम्मीद है।
- ‘मेक इन इंडिया’ का प्रोत्साहन: FTA के तहत, यूके की कंपनियों को भारत में विनिर्माण या असेंबलिंग इकाइयाँ स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है, जिससे ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बढ़ावा मिलेगा।
- पारदर्शिता और अनुपालन: नियम और प्रक्रियाएं पारदर्शी होनी चाहिए ताकि दोनों देशों के व्यवसायी आसानी से उनका पालन कर सकें।
एक केस स्टडी:
ब्राजील और अर्जेंटीना के बीच MERCOSUR (Mercado Común del Sur) जैसे क्षेत्रीय व्यापार समझौतों ने सदस्य देशों के बीच व्यापार को नाटकीय रूप से बढ़ाया है, लेकिन साथ ही इसने कुछ घरेलू उद्योगों पर प्रतिस्पर्धा का दबाव भी डाला है। भारत-यूके FTA भी इसी तरह के प्रभावों को जन्म दे सकता है, जिनका प्रबंधन रणनीतिक नीति-निर्माण के माध्यम से किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष
भारत का 22 करोड़ लीटर का व्हिस्की बाजार, ब्रिटिश व्हिस्की के लिए यूके का सबसे बड़ा बाजार होने के नाते, दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की महत्ता को दर्शाता है। यह आंकड़ा भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती शक्ति, उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताओं और वैश्विक व्यापार में भारत की बढ़ती भूमिका का एक ज्वलंत उदाहरण है।
FTA में जहां यूके की व्हिस्की उत्पादकों के लिए अपार संभावनाएं हैं, वहीं भारत को अपने घरेलू उद्योगों की सुरक्षा, राजस्व प्रबंधन और सामाजिक कल्याण जैसे मुद्दों पर भी ध्यान देना होगा। एक संतुलित और दूरदर्शी FTA न केवल व्हिस्की जैसे उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत और यूके के बीच समग्र आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को भी मजबूत करेगा। यह ’22 करोड़ लीटर का स्वाद’ निश्चित रूप से दोनों देशों के लिए आर्थिक समृद्धि और गहरी साझेदारी के नए द्वार खोल सकता है, बशर्ते कि इसे सावधानीपूर्वक और रणनीतिक रूप से प्रबंधित किया जाए। UPSC उम्मीदवारों को इस घटनाक्रम को एक जटिल आर्थिक और भू-राजनीतिक परिप्रेक्ष्य से देखना चाहिए, जिसमें व्यापार, कूटनीति और राष्ट्रीय हित आपस में जुड़े हुए हैं।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
1. हाल की खबरों के अनुसार, भारत ब्रिटिश व्हिस्की का सबसे बड़ा बाजार है। इस संदर्भ में, ‘मुक्त व्यापार समझौता’ (FTA) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. FTA का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के बीच व्यापार बाधाओं को कम या समाप्त करना है।
2. FTA में केवल वस्तुओं के व्यापार को शामिल किया जाता है, सेवाओं को नहीं।
3. FTA से उपभोक्ताओं को कम कीमत पर अधिक विकल्प मिलने की संभावना होती है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (b)
व्याख्या: कथन 1 और 3 सही हैं। FTA वस्तुओं और सेवाओं दोनों के व्यापार को कवर कर सकता है।
2. निम्नलिखित में से कौन सा देश वर्तमान में ब्रिटिश व्हिस्की का सबसे बड़ा बाजार है?
(a) संयुक्त राज्य अमेरिका
(b) चीन
(c) भारत
(d) जापान
उत्तर: (c)
व्याख्या: समाचार के अनुसार, भारत ब्रिटिश व्हिस्की का सबसे बड़ा बाजार है।
3. भारत में व्हिस्की की वार्षिक खपत का अनुमानित आंकड़ा क्या बताया गया है, जो इस क्षेत्र में FTA की महत्ता को रेखांकित करता है?
(a) 10 करोड़ लीटर
(b) 15 करोड़ लीटर
(c) 22 करोड़ लीटर
(d) 30 करोड़ लीटर
उत्तर: (c)
व्याख्या: समाचार के अनुसार, भारत सालाना लगभग 22 करोड़ लीटर व्हिस्की की खपत करता है।
4. FTA के संदर्भ में, ‘तुलनात्मक लाभ’ (Comparative Advantage) का सिद्धांत क्या दर्शाता है?
(a) वह देश जो किसी वस्तु का उत्पादन सबसे कुशलता से करता है।
(b) वह देश जो किसी वस्तु का उत्पादन कम अवसर लागत (opportunity cost) पर कर सकता है।
(c) वह देश जो सबसे कम कीमत पर किसी वस्तु का उत्पादन कर सकता है।
(d) वह देश जो किसी वस्तु के लिए सबसे अधिक घरेलू मांग रखता है।
उत्तर: (b)
व्याख्या: तुलनात्मक लाभ का सिद्धांत बताता है कि कोई देश वह वस्तुएँ या सेवाएँ बनाने में विशेषज्ञता हासिल करे, जिनके उत्पादन की उसकी अवसर लागत दूसरों की तुलना में कम हो।
5. भारत-यूके FTA के संभावित लाभों में से एक भारत के लिए क्या हो सकता है?
(a) यूके के घरेलू व्हिस्की उत्पादकों के लिए नए बाजार।
(b) भारतीय व्हिस्की की निर्यात मात्रा में भारी वृद्धि।
(c) उपभोक्ताओं को सस्ती और विविध प्रीमियम व्हिस्की तक पहुंच।
(d) भारतीय व्हिस्की पर आयात शुल्क में वृद्धि।
उत्तर: (c)
व्याख्या: FTA से भारत में व्हिस्की के टैरिफ कम होंगे, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर मूल्य पर अधिक विकल्प मिलेंगे।
6. किसी FTA के संबंध में, ‘गैर-टैरिफ बाधाएँ’ (Non-Tariff Barriers) क्या हो सकती हैं?
(a) आयात पर सीधे लगने वाले कर।
(b) कोटा, प्रतिबंधात्मक नियम, और जटिल आयात प्रक्रियाएं।
(c) मुक्त व्यापार क्षेत्रों की स्थापना।
(d) विदेशी मुद्रा विनिमय दरें।
उत्तर: (b)
व्याख्या: गैर-टैरिफ बाधाएं वे नियम और प्रक्रियाएं हैं जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बाधित करती हैं, टैरिफ के अलावा।
7. भारत-यूके FTA के संबंध में, एक संभावित चिंता जो भारत के घरेलू व्हिस्की उद्योग के लिए उठाई जा सकती है, वह है:
(a) भारतीय व्हिस्की की गुणवत्ता में गिरावट।
(b) आयातित व्हिस्की के सस्ते होने से प्रतिस्पर्धा में वृद्धि।
(c) यूके द्वारा भारतीय व्हिस्की पर टैरिफ बढ़ाना।
(d) भारत में व्हिस्की के उत्पादन पर प्रतिबंध।
उत्तर: (b)
व्याख्या: FTA के तहत टैरिफ कम होने से आयातित व्हिस्की अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएगी, जिससे भारतीय निर्माताओं पर दबाव पड़ेगा।
8. ‘डिस्पोजेबल आय’ (Disposable Income) का क्या अर्थ है?
(a) किसी व्यक्ति द्वारा कुल आय।
(b) करों का भुगतान करने के बाद खर्च या बचाने के लिए उपलब्ध आय।
(c) केवल आवश्यक वस्तुओं पर खर्च की जाने वाली आय।
(d) सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में प्रदान की जाने वाली आय।
उत्तर: (b)
व्याख्या: डिस्पोजेबल आय वह आय है जो व्यक्तियों के पास करों के भुगतान के बाद बचती है, जिसे वे अपनी इच्छा के अनुसार खर्च या बचा सकते हैं।
9. मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) को लागू करने में निम्नलिखित में से कौन सा एक प्रमुख उद्देश्य है?
(a) घरेलू उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से पूरी तरह बचाना।
(b) सदस्य देशों के बीच व्यापार और निवेश को सुगम बनाना।
(c) राष्ट्रीय मुद्रा की विनिमय दर को स्थिर रखना।
(d) केवल उच्च-तकनीकी उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा देना।
उत्तर: (b)
व्याख्या: FTA का मुख्य उद्देश्य व्यापार बाधाओं को कम करके व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है।
10. भारत-यूके FTA के संदर्भ में, ‘विन-विन’ स्थिति से क्या तात्पर्य है?
(a) केवल एक देश को महत्वपूर्ण लाभ होता है।
(b) दोनों देशों को समझौते से लाभ होता है।
(c) समझौते से किसी भी देश को लाभ नहीं होता है।
(d) केवल उपभोक्ताओं को लाभ होता है।
उत्तर: (b)
व्याख्या: ‘विन-विन’ स्थिति का अर्थ है कि समझौते के परिणामस्वरूप दोनों पक्ष लाभान्वित होते हैं।
मुख्य परीक्षा (Mains)
1. “भारत के लिए 22 करोड़ लीटर ब्रिटिश व्हिस्की का बाजार मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की बातचीत में एक महत्वपूर्ण तत्व है। इस कथन का विश्लेषण करें और बताएं कि भारत-यूके FTA से भारत को संभावित आर्थिक और गैर-आर्थिक लाभों के साथ-साथ घरेलू अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले संभावित नकारात्मक प्रभावों का भी मूल्यांकन करें।”
*(सुझाव: उत्तर को भारत के लिए लाभ (उपभोक्ता, राजस्व, निवेश), घरेलू उद्योग पर प्रभाव, सामाजिक मुद्दे और FTA के व्यापक आर्थिक भू-राजनीतिक महत्व के रूप में संरचित करें।)*
2. “अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौतों, विशेष रूप से मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) का महत्व बहुआयामी होता है, जो केवल टैरिफ कटौती से परे जाकर आर्थिक विकास, कूटनीति और वैश्विक जुड़ाव को प्रभावित करता है। भारत-यूके FTA के संदर्भ में इस कथन की विवेचना करें।”
*(सुझाव: FTA के आर्थिक (बाजार पहुंच, निवेश, GDP), राजनीतिक (कूटनीति, संबंध) और सामाजिक (उपभोक्ता कल्याण) आयामों पर चर्चा करें।)*
3. “किसी देश के लिए, अपने बड़े उपभोक्ता बाजार को खोलना, जैसे कि भारत द्वारा ब्रिटिश व्हिस्की के आयात को सुविधाजनक बनाना, हमेशा एक दोधारी तलवार की तरह होता है। ’22 करोड़ लीटर’ के आंकड़े के आलोक में, इन द्विपक्षीय व्यापार समझौतों में निहित लाभ और जोखिमों का विश्लेषण करें।”
*(सुझाव: लाभों (सस्ता माल, विकल्प, निर्यात वृद्धि) और जोखिमों (घरेलू उद्योग पर दबाव, व्यापार घाटा, सांस्कृतिक प्रभाव) का संतुलित विश्लेषण प्रस्तुत करें।)*