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      [–SEO_TITLE–]इतिहास का रणक्षेत्र: आज की निर्णायक प्रश्नोत्तरी!
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      इतिहास का रणक्षेत्र: आज की निर्णायक प्रश्नोत्तरी!

      क्या आप इतिहास के महासागर में अपनी नौका खेने को तैयार हैं? आज हम आपके लिए लाए हैं 25 धुरंधर प्रश्नों का एक ऐसा संकलन, जो प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक विश्व तक, हर कालखंड की महत्वपूर्ण घटनाओं और व्यक्तित्वों को छूता है। यह केवल प्रश्नोत्तरी नहीं, बल्कि आपकी ऐतिहासिक समझ को परखने और निखारने का एक अनूठा अवसर है। तो, पेन उठाइए और ज्ञान के इस रणक्षेत्र में अपनी विजय पताका फहराने के लिए तैयार हो जाइए!

      इतिहास अभ्यास प्रश्न

      निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

      प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु सभ्यता का बगीचा’ कहलाता था?

      1. हड़प्पा
      2. मोहनजोदड़ो
      3. कालीबंगन
      4. चन्हुदड़ो

      उत्तर: (b)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख और विशाल शहर था। यह अपनी सुनियोजित सड़कों, विशाल स्नानागार और अनाज भंडार के लिए जाना जाता है। इसका व्यापक शहरी नियोजन और सुविधाओं की उपस्थिति इसे ‘सिंधु सभ्यता का बगीचा’ या ‘महानगरीय केंद्र’ के रूप में पहचान दिलाती है।
      • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो की खोज 1922 में राखालदास बनर्जी ने की थी। यह वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है। यहाँ से प्राप्त ‘महास्नानागार’ सिंधु सभ्यता की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
      • गलत विकल्प: हड़प्पा पहला खोजा गया हड़प्पा स्थल था। कालीबंगन अपने अग्निकुंडों के लिए प्रसिद्ध है, और चन्हुदड़ो मनकों के निर्माण का केंद्र था।

      प्रश्न 2: ऋग्वैदिक काल में ‘अघन्य’ शब्द किस पशु के लिए प्रयुक्त होता था?

      1. घोड़ा
      2. गाय
      3. बैल
      4. भेड़

      उत्तर: (b)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: ऋग्वैदिक काल में ‘अघन्य’ शब्द का प्रयोग गाय के लिए किया जाता था, जिसका अर्थ है ‘न मारने योग्य’। गाय उस समय आर्थिक और सामाजिक जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग थी, और इसका संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता था।
      • संदर्भ और विस्तार: गाय को संपत्ति का प्रमुख रूप माना जाता था और अक्सर इसका व्यापार किया जाता था। ऋग्वेद में गायों के लिए युद्धों का भी उल्लेख मिलता है।
      • गलत विकल्प: घोड़ा का उपयोग रथों और युद्धों के लिए होता था, बैल कृषि कार्य के लिए, और भेड़ पालतू पशुधन का एक हिस्सा थे, लेकिन ‘अघन्य’ शब्द विशेष रूप से गाय के लिए था।

      प्रश्न 3: चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में ‘अर्थशास्त्र’ की रचना किसने की?

      1. मेगस्थनीज
      2. विष्णुगुप्त (चाणक्य)
      3. वराहमिहिर
      4. पाणिनि

      उत्तर: (b)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: ‘अर्थशास्त्र’ राजनीतिक शास्त्र, आर्थिक नीति और सैन्य रणनीति पर एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है। इसकी रचना चंद्रगुप्त मौर्य के प्रमुख सलाहकार और गुरु, विष्णुगुप्त, जिन्हें चाणक्य या कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है, ने की थी।
      • संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक शासन, राज्य व्यवस्था, कूटनीति और युद्ध जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करती है। चाणक्य ने नंद वंश के पतन और चंद्रगुप्त मौर्य के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
      • गलत विकल्प: मेगस्थनीज एक यूनानी राजदूत था जिसने ‘इंडिका’ लिखी। वराहमिहिर एक खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे, और पाणिनि ने ‘अष्टाध्यायी’ नामक व्याकरण ग्रंथ की रचना की।

      प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा कथन गुप्तकाल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहने के संबंध में सही नहीं है?

      1. कला, साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई।
      2. स्थानीय स्वशासन की व्यवस्था अत्यंत विकसित थी।
      3. व्यापार और वाणिज्य में अत्यधिक वृद्धि हुई।
      4. विदेशी आक्रमणों के कारण साम्राज्य की स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

      उत्तर: (d)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: गुप्तकाल (लगभग 320-550 ई.) को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य (कालिदास की रचनाएँ), विज्ञान (आर्यभट्ट का कार्य) और वास्तुकला में अद्भुत प्रगति हुई। व्यापार और वाणिज्य भी फला-फूला। हालाँकि, गुप्त साम्राज्य को हुणों जैसे विदेशी आक्रमणों का सामना करना पड़ा, जिसने अंततः साम्राज्य की स्थिरता को प्रभावित किया। इसलिए, कथन (d) सही नहीं है।
      • संदर्भ और विस्तार: गुप्त शासकों जैसे चंद्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त और चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के अधीन कला, संस्कृति और प्रशासन में एक एकीकृत दृष्टिकोण देखा गया।
      • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) गुप्तकाल की प्रमुख उपलब्धियों को दर्शाते हैं, जबकि (d) साम्राज्य की वास्तविक चुनौतियों में से एक को नजरअंदाज करता है।

      प्रश्न 5: ‘हम्पी’ में स्थित विरूपाक्ष मंदिर किस राजवंश से संबंधित है?

      1. चोल
      2. पल्लव
      3. विजयनगर
      4. चालुक्य

      उत्तर: (c)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: हम्पी, जो तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है, विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। विरूपाक्ष मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है, हम्पी के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है और विजयनगर वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसका निर्माण विजयनगर साम्राज्य के दौरान महत्वपूर्ण रूप से हुआ था।
      • संदर्भ और विस्तार: विजयनगर साम्राज्य (1336-1646 ई.) दक्षिण भारत में एक शक्तिशाली साम्राज्य था। हम्पी को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
      • गलत विकल्प: चोल, पल्लव और चालुक्य राजवंशों की अपनी विशिष्ट वास्तुकला शैलियाँ थीं, लेकिन हम्पी और विरूपाक्ष मंदिर मुख्य रूप से विजयनगर साम्राज्य से जुड़े हैं।

      प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत का कौन सा सुल्तान ‘बाजार सुधारों’ के लिए जाना जाता है?

      1. इल्तुतमिश
      2. बलबन
      3. अलाउद्दीन खिलजी
      4. फिरोज शाह तुगलक

      उत्तर: (c)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: अलाउद्दीन खिलजी (1296-1316 ई.) दिल्ली सल्तनत का एक महत्वपूर्ण शासक था, जो अपनी सैन्य विजयों और कठोर प्रशासनिक सुधारों के लिए जाना जाता है। उसने सेना को सुव्यवस्थित करने और बाजार में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए मूल्य नियंत्रण और बाजार सुधारों की एक प्रणाली लागू की थी।
      • संदर्भ और विस्तार: इन सुधारों में आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों को निर्धारित करना, व्यापारियों के लिए नियम बनाना और जमाखोरी को रोकना शामिल था। इसका उद्देश्य सेना और आम जनता के लिए वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना था।
      • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने अपनी प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित की, बलबन ने राजत्व सिद्धांत पर जोर दिया, और फिरोजशाह तुगलक ने सार्वजनिक कार्यों और न्याय प्रणाली पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन बाजार सुधार अलाउद्दीन खिलजी की विशिष्ट पहचान थे।

      प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य की राजकीय भाषा क्या थी?

      1. तमिल
      2. कन्नड़
      3. तेलुगु
      4. संस्कृत

      उत्तर: (c)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की राजकीय भाषा तेलुगु थी, जो साम्राज्य की प्रशासनिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का मुख्य माध्यम थी। हालाँकि, तेलुगु के अलावा, कन्नड़, तमिल, संस्कृत और मलयालम जैसी अन्य भाषाओं को भी साम्राज्य में सम्मान प्राप्त था और उनका प्रयोग होता था।
      • संदर्भ और विस्तार: विजयनगर शासकों ने साहित्य, कला और धर्म को बहुत बढ़ावा दिया, और कई महान तेलुगु कवियों को संरक्षण दिया, जैसे कि अल्लसानी पेद्दाना।
      • गलत विकल्प: जबकि कन्नड़ और तेलुगु दोनों ही साम्राज्य में बोली और साहित्य की महत्वपूर्ण भाषाएँ थीं, राजकीय संरक्षण और आधिकारिक प्रयोग मुख्य रूप से तेलुगु को प्राप्त था। तमिल और संस्कृत का भी प्रयोग होता था, लेकिन वे प्रमुख राजकीय भाषाएँ नहीं थीं।

      प्रश्न 8: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद किस साम्राज्य से संबंधित थी?

      1. मौर्य
      2. गुप्त
      3. मुगल
      4. मराठा

      उत्तर: (d)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी महाराज के शासनकाल में स्थापित एक मंत्रिपरिषद थी। इसमें आठ मंत्री होते थे, जिनमें से प्रत्येक एक विशेष विभाग का प्रमुख होता था, जैसे पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (विदेश मंत्री), सुमंत (गृह मंत्री) आदि।
      • संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था का उद्देश्य कुशल शासन और प्रशासन सुनिश्चित करना था। शिवाजी महाराज ने अपने मराठा साम्राज्य को मजबूत करने के लिए इस प्रशासनिक ढांचे का निर्माण किया था।
      • गलत विकल्प: मौर्य, गुप्त और मुगल साम्राज्यों की अपनी प्रशासनिक संरचनाएं थीं, जैसे मौर्य काल में ‘मंत्रिपरिषद’ या मुगल काल में ‘वजीर-ए-आजम’, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ विशेष रूप से मराठा प्रशासन से जुड़ा शब्द है।

      प्रश्न 9: 1857 के विद्रोह को ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ किसने कहा?

      1. सर जॉन लॉरेंस
      2. कार्ल मार्क्स
      3. विनायक दामोदर सावरकर
      4. एच. एम. सी. सान्याल

      उत्तर: (c)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: विनायक दामोदर सावरकर (जिन्हें वीर सावरकर के नाम से जाना जाता है) ने अपनी पुस्तक ‘द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस, 1857’ में 1857 के विद्रोह को ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ के रूप में वर्णित किया। उन्होंने इसे ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत का पहला संगठित राष्ट्रीय विद्रोह करार दिया।
      • संदर्भ और विस्तार: सावरकर का यह विचार इस विद्रोह को राष्ट्रीय चेतना और स्वतंत्रता आंदोलन के रूप में देखने का एक महत्वपूर्ण बिंदु है।
      • गलत विकल्प: सर जॉन लॉरेंस और कार्ल मार्क्स जैसे अन्य विचारकों के भी इस विद्रोह पर अपने विचार थे, लेकिन ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ की संज्ञा सावरकर द्वारा लोकप्रिय की गई। एच. एम. सी. सान्याल ने भी इस विषय पर लिखा, लेकिन यह उपाधि सावरकर की मानी जाती है।

      प्रश्न 10: भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) की शुरुआत किस गवर्नर-जनरल के कार्यकाल में हुई?

      1. लॉर्ड वेलेजली
      2. लॉर्ड डलहौजी
      3. लॉर्ड कॉर्नवालिस
      4. लॉर्ड विलियम बेंटिंक

      उत्तर: (c)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: लॉर्ड कॉर्नवालिस ने 1793 में बंगाल, बिहार और उड़ीसा में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (जिसे ‘जमींदारी प्रथा’ भी कहा जाता है) लागू किया। इस व्यवस्था के तहत, जमींदारों को भूमि का मालिक बनाया गया और उनसे भूमि कर (लगान) वसूलने का अधिकार मिला, जिसे उन्हें सरकार के पास जमा करना था।
      • संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था का उद्देश्य राजस्व संग्रह को व्यवस्थित करना और जमींदारों को भूमि के विकास में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना था। हालाँकि, इसने कई किसानों को भूमिहीन बना दिया और जमींदारों को अत्यंत शक्तिशाली बना दिया।
      • गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेजली ‘सहायक संधि’ के लिए जाने जाते हैं, लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत के सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए, और लॉर्ड विलियम बेंटिंक सामाजिक सुधारों के लिए।

      प्रश्न 11: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?

      1. कोलकाता अधिवेशन, 1928
      2. लाहौर अधिवेशन, 1929
      3. कराची अधिवेशन, 1931
      4. फैजपुर अधिवेशन, 1936

      उत्तर: (b)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 1929 का लाहौर अधिवेशन, जिसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी, ऐतिहासिक था क्योंकि इसमें ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया था। इस अधिवेशन में यह तय किया गया कि कांग्रेस का लक्ष्य अब ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना है।
      • संदर्भ और विस्तार: इसी अधिवेशन में 26 जनवरी, 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ मनाने का भी निर्णय लिया गया, और तब से 26 जनवरी हमारे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
      • गलत विकल्प: कोलकाता अधिवेशन (1928) में नेहरू रिपोर्ट पर विचार हुआ। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों पर प्रस्ताव पारित हुए। फैजपुर अधिवेशन (1936) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला ग्राम अधिवेशन था।

      प्रश्न 12: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?

      1. 1929
      2. 1930
      3. 1931
      4. 1932

      उत्तर: (c)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च, 1931 को हुआ था। यह समझौता महात्मा गांधी और भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुआ था।
      • संदर्भ और विस्तार: यह समझौता सविनय अवज्ञा आंदोलन को समाप्त करने और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए सहमत करने के प्रयास में किया गया था। समझौते में कई महत्वपूर्ण रियायतें शामिल थीं, जैसे कि अहिंसक कैदियों को रिहा करना और नमक सत्याग्रह के दौरान जब्त की गई संपत्ति को वापस करना।
      • गलत विकल्प: 1929 में लाहौर अधिवेशन हुआ। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ। 1932 में पूना पैक्ट (गांधी-आर. अम्बेडकर समझौता) हुआ।

      प्रश्न 13: ‘टैक्सटाइल मिल’ में काम करने वाले पहले भारतीय कौन थे, जिन्होंने 1890 में हड़ताल का नेतृत्व किया?

      1. बाल गंगाधर तिलक
      2. नारायण मेघाजी लोखंडे
      3. एस. डी. जोशी
      4. एन. एम. जोशी

      उत्तर: (b)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: नारायण मेघाजी लोखंडे को भारत में मजदूर आंदोलन का अग्रदूत माना जाता है। उन्होंने 1890 में बॉम्बे (अब मुंबई) में टेक्सटाइल मिल के श्रमिकों की हड़ताल का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया, जिसमें बेहतर वेतन और काम करने की स्थिति की मांग की गई थी।
      • संदर्भ और विस्तार: लोखंडे ने ‘बॉम्बे मिल्स हैंड एसोसिएशन’ की स्थापना भी की थी, जो भारत का पहला मजदूर संगठन माना जाता है। उन्होंने ‘दीनबंधु’ नामक एक समाचार पत्र का भी संपादन किया।
      • गलत विकल्प: बाल गंगाधर तिलक मुख्य रूप से राजनीतिक आंदोलनों से जुड़े थे। एस. डी. जोशी और एन. एम. जोशी बाद के मजदूर आंदोलनों में महत्वपूर्ण थे, लेकिन पहला नेतृत्व लोखंडे ने किया था।

      प्रश्न 14: ‘वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट’ (Vernacular Press Act) को किस वायसराय ने निरस्त किया?

      1. लॉर्ड लिटन
      2. लॉर्ड कर्जन
      3. लॉर्ड रिपन
      4. लॉर्ड डफरिन

      उत्तर: (c)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: लॉर्ड रिपन, जो 1880 से 1884 तक भारत के वायसराय रहे, ने 1882 में ‘वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट’ को निरस्त कर दिया। इस अधिनियम को लॉर्ड लिटन ने 1878 में पारित किया था, जिसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं के समाचार पत्रों पर प्रतिबंध लगाना था।
      • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड रिपन को उनके प्रगतिशील विचारों के लिए जाना जाता है और इस अधिनियम को निरस्त करना भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
      • गलत विकल्प: लॉर्ड लिटन ने इस अधिनियम को लागू किया था। लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल में बंगाल का विभाजन हुआ, और लॉर्ड डफरिन के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई।

      प्रश्न 15: 1919 में जालियाँवाला बाग हत्याकांड कहाँ हुआ था?

      1. दिल्ली
      2. मुंबई
      3. अमृतसर
      4. कोलकाता

      उत्तर: (c)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर, पंजाब में जालियाँवाला बाग में एक शांतिपूर्ण सभा पर ब्रिटिश सैनिकों ने गोली चला दी थी, जिसमें सैकड़ों निहत्थे भारतीय मारे गए थे और हजारों घायल हुए थे। इस घटना का आदेश जनरल रेजिनाल्ड डायर ने दिया था।
      • संदर्भ और विस्तार: यह नरसंहार भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक काला अध्याय है और इसने ब्रिटिश शासन के प्रति देशव्यापी आक्रोश पैदा किया। इसने असहयोग आंदोलन के लिए मंच तैयार किया।
      • गलत विकल्प: दिल्ली, मुंबई और कोलकाता उस समय भारत के प्रमुख शहर थे, लेकिन जालियाँवाला बाग अमृतसर में स्थित है।

      प्रश्न 16: ‘एशियाई सोसाइटी ऑफ बंगाल’ की स्थापना किसने की?

      1. विलियम जोंस
      2. चार्ल्स विल्किंस
      3. मैक्स मुलर
      4. जेम्स मिल

      उत्तर: (a)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: सर विलियम जोंस, एक ब्रिटिश विद्वान और भारतविद्, ने 1784 में कलकत्ता (अब कोलकाता) में ‘एशियाई सोसाइटी ऑफ बंगाल’ की स्थापना की। इसका उद्देश्य एशिया के इतिहास, साहित्य, पुरातत्व और विज्ञान का अध्ययन और प्रसार करना था।
      • संदर्भ और विस्तार: इस संस्था ने भारतीय शास्त्रीय साहित्य और संस्कृति के अध्ययन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सर विलियम जोंस ने भगवद गीता का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया।
      • गलत विकल्प: चार्ल्स विल्किंस ने भगवद गीता का अनुवाद किया था, मैक्स मुलर ने प्राचीन भारतीय ग्रंथों का अध्ययन किया, और जेम्स मिल ने भारत का इतिहास लिखा, लेकिन एशियाई सोसाइटी की स्थापना का श्रेय विलियम जोंस को जाता है।

      प्रश्न 17: भारत के किस वायसराय ने ‘वुड का डिस्पैच’ (Wood’s Despatch) पारित किया?

      1. लॉर्ड डलहौजी
      2. लॉर्ड कैनिंग
      3. लॉर्ड एल्गिन
      4. लॉर्ड लॉरेंस

      उत्तर: (a)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: ‘वुड का डिस्पैच’, जिसे भारतीय शिक्षा का मैग्ना कार्टा भी कहा जाता है, 1854 में पारित किया गया था। यह तत्कालीन गवर्नर-जनरल लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल के दौरान आया था, हालाँकि यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बोर्ड ऑफ कंट्रोल के अध्यक्ष चार्ल्स वुड के नाम पर था।
      • संदर्भ और विस्तार: इस डिस्पैच ने भारत में शिक्षा प्रणाली को व्यवस्थित करने के लिए कई महत्वपूर्ण सिफारिशें कीं, जिसमें प्राथमिक से विश्वविद्यालय स्तर तक शिक्षा के विभिन्न स्तरों की स्थापना, महिला शिक्षा को बढ़ावा देना और शिक्षा के माध्यम के रूप में अंग्रेजी के साथ-साथ वर्नाक्युलर भाषाओं के उपयोग की वकालत शामिल थी।
      • गलत विकल्प: लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे। लॉर्ड एल्गिन और लॉर्ड लॉरेंस बाद के वायसराय थे।

      प्रश्न 18: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?

      1. जवाहरलाल नेहरू
      2. सरदार वल्लभभाई पटेल
      3. सुभाष चंद्र बोस
      4. आचार्य नरेंद्र देव

      उत्तर: (c)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक नामक एक राजनीतिक दल की स्थापना की थी। यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भीतर से ही एक अधिक समाजवादी और उग्रवादी दृष्टिकोण वाले लोगों को संगठित करने के उद्देश्य से किया गया था।
      • संदर्भ और विस्तार: फॉरवर्ड ब्लॉक को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन का विरोध करने और भारत की पूर्ण स्वतंत्रता की वकालत करने के लिए बनाया गया था। सुभाष चंद्र बोस की राष्ट्रवादी और क्रांतिकारी विचारधारा का यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
      • गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, लेकिन फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना सुभाष चंद्र बोस ने की थी।

      प्रश्न 19: ‘रेडक्लिफ रेखा’ किन दो देशों के बीच सीमा निर्धारित करती है?

      1. भारत और चीन
      2. भारत और पाकिस्तान
      3. भारत और अफगानिस्तान
      4. ईरान और पाकिस्तान

      उत्तर: (b)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: रेडक्लिफ रेखा भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा है। इसका नाम ब्रिटिश वकील सर सिरिल रेडक्लिफ के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने 1947 में भारत के विभाजन के दौरान इस सीमा का निर्धारण किया था।
      • संदर्भ और विस्तार: यह रेखा दोनों देशों के बीच, विशेषकर पंजाब और बंगाल क्षेत्रों में, विभाजन के कारण उत्पन्न विवादों और तनावों का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
      • गलत विकल्प: भारत और चीन के बीच मैकमोहन रेखा है। भारत और अफगानिस्तान के बीच डूरंड रेखा है (जो अब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच है)। ईरान और पाकिस्तान के बीच सीमा का भी अपना इतिहास है, लेकिन रेडक्लिफ रेखा विशेष रूप से भारत-पाकिस्तान के लिए है।

      प्रश्न 20: ‘पलासी का युद्ध’ (Battle of Plassey) किस वर्ष हुआ था?

      1. 1757
      2. 1761
      3. 1764
      4. 1772

      उत्तर: (a)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: पलासी का युद्ध 23 जून, 1757 को लड़ा गया था। यह युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना, जिसका नेतृत्व रॉबर्ट क्लाइव ने किया था, और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला की सेना के बीच हुआ था।
      • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में रॉबर्ट क्लाइव की जीत हुई, जो मुख्य रूप से सिराजुद्दौला के सेनापति मीर जाफर के विश्वासघात के कारण संभव हुआ। इस युद्ध ने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव रखी और कंपनी को बंगाल पर नियंत्रण स्थापित करने में मदद की।
      • गलत विकल्प: 1761 में पानीपत का तीसरा युद्ध हुआ था। 1764 में बक्सर का युद्ध हुआ, जो प्लासी के युद्ध के बाद ब्रिटिश प्रभुत्व को और मजबूत करने वाला एक महत्वपूर्ण युद्ध था। 1772 में रेगुलेटिंग एक्ट आया।

      प्रश्न 21: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल सम्राट ने की थी?

      1. हुमायूं
      2. अकबर
      3. जहाँगीर
      4. शाहजहाँ

      उत्तर: (b)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नए धार्मिक पंथ की शुरुआत मुगल सम्राट अकबर ने 1582 में की थी। यह विभिन्न धर्मों के तत्वों को मिलाकर एक सार्वभौमिक धर्म बनाने का एक प्रयास था।
      • संदर्भ और विस्तार: अकबर का उद्देश्य सभी धर्मों के अनुयायियों के बीच सद्भाव और एकता स्थापित करना था। हालांकि, इस पंथ को व्यापक स्वीकृति नहीं मिली और यह अकबर की मृत्यु के बाद विलुप्त हो गया। बीरबल एकमात्र प्रमुख व्यक्ति थे जिन्होंने इसे अपनाया।
      • गलत विकल्प: हुमायूं, जहाँगीर और शाहजहाँ ने भी महत्वपूर्ण कार्य किए, लेकिन ‘दीन-ए-इलाही’ अकबर की विशिष्ट पहल थी।

      प्रश्न 22: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ (French Revolution) किस वर्ष हुई थी?

      1. 1776
      2. 1789
      3. 1815
      4. 1848

      उत्तर: (b)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में शुरू हुई थी, जब बास्तील के पतन के साथ क्रांतियों की एक श्रृंखला शुरू हुई, जिसने फ्रांस में राजशाही को समाप्त कर दिया और आधुनिक गणतांत्रिक मूल्यों की नींव रखी।
      • संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति ने ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) के नारे को बुलंद किया और पूरे यूरोप तथा दुनिया के राजनीतिक विचारों पर गहरा प्रभाव डाला। इसने राष्ट्रवाद और लोकतंत्र के उदय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
      • गलत विकल्प: 1776 में अमेरिकी क्रांति हुई। 1815 में वाटरलू का युद्ध और नेपोलियन का अंत हुआ। 1848 में यूरोप में कई क्रांतियाँ हुईं, लेकिन फ्रांसीसी क्रांति का प्रमुख वर्ष 1789 है।

      प्रश्न 23: ‘खिलाफत आंदोलन’ (Khilafat Movement) के मुख्य नेता कौन थे?

      1. महात्मा गांधी और मोहम्मद अली जिन्नाह
      2. अली बंधु (मौलाना मोहम्मद अली और मौलाना शौकत अली)
      3. जवाहरलाल नेहरू और अबुल कलाम आज़ाद
      4. सरदार पटेल और सी. राजगोपालाचारी

      उत्तर: (b)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: खिलाफत आंदोलन (1919-1924) का नेतृत्व मुख्य रूप से अली बंधुओं – मौलाना मोहम्मद अली और मौलाना शौकत अली – ने किया था। यह आंदोलन प्रथम विश्व युद्ध के बाद तुर्की के खिलाफ ब्रिटिश नीतियों के विरोध में शुरू हुआ था, जिसमें खलीफा के पद को बनाए रखने की मांग की गई थी।
      • संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी ने भारतीय मुसलमानों के साथ एकजुटता दिखाने और स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूत करने के लिए इस आंदोलन का समर्थन किया था। इस आंदोलन का असहयोग आंदोलन के साथ गहरा संबंध था।
      • गलत विकल्प: जिन्नाह ने बाद में पाकिस्तान की मांग का नेतृत्व किया। नेहरू और पटेल कांग्रेस के प्रमुख थे, और राजगोपालाचारी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन खिलाफत आंदोलन का प्रत्यक्ष नेतृत्व अली बंधुओं ने किया।

      प्रश्न 24: ‘पहला विश्व युद्ध’ (World War I) कब से कब तक चला?

      1. 1914 – 1918
      2. 1939 – 1945
      3. 1900 – 1905
      4. 1899 – 1902

      उत्तर: (a)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध, जिसे ‘महान युद्ध’ भी कहा जाता है, 1914 से 1918 तक चला। इसकी शुरुआत 28 जुलाई 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी द्वारा सर्बिया पर युद्ध की घोषणा के साथ हुई और 11 नवंबर 1918 को जर्मनी द्वारा युद्धविराम पर हस्ताक्षर के साथ समाप्त हुआ।
      • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में दुनिया के अधिकांश बड़े देश, दो विरोधी सैन्य गठबंधनों में विभाजित थे: मित्र राष्ट्र (एलाइड पावर्स) और केंद्रीय शक्तियाँ (सेंट्रल पावर्स)। इसने दुनिया के इतिहास पर अमिट छाप छोड़ी।
      • गलत विकल्प: 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध का कार्यकाल है। अन्य विकल्प गलत अवधि दर्शाते हैं।

      प्रश्न 25: ‘गांधी-आर्विंद समझौता’ (Gandhi-Irwin Pact) को किस आंदोलन को रोकने के लिए किया गया था?

      1. चंपारण सत्याग्रह
      2. असहयोग आंदोलन
      3. सविनय अवज्ञा आंदोलन
      4. भारत छोड़ो आंदोलन

      उत्तर: (c)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सटीकता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च, 1931 को हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य गांधीजी द्वारा चलाए जा रहे सविनय अवज्ञा आंदोलन को निलंबित करना था।
      • संदर्भ और विस्तार: इस समझौते के तहत, कांग्रेस ने आंदोलन स्थगित करने और द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने पर सहमति व्यक्त की, जबकि सरकार ने कई राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और अहिंसक आंदोलनों को कुछ छूट देने का वादा किया। यह समझौता भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण बिंदु था।
      • गलत विकल्प: चंपारण सत्याग्रह 1917 में हुआ। असहयोग आंदोलन 1920-22 में चला। भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में शुरू हुआ।

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