10 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य: भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, जानें कैसे
चर्चा में क्यों? (Why in News?):** हाल ही में, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। यह बयान तब आया जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत की अर्थव्यवस्था को ‘मृत अर्थव्यवस्था’ (dead economy) करार देते हुए इस पर तंज कसा था। गोयल की यह प्रतिक्रिया न केवल भारत की आर्थिक प्रगति पर एक मजबूत विश्वास दर्शाती है, बल्कि यह वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती हैसियत को भी रेखांकित करती है। UPSC की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए, यह न केवल एक समसामयिक मुद्दा है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था की संरचना, विकास की गति, और भविष्य की संभावनाओं को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है।
यह ब्लॉग पोस्ट आपको इस महत्वपूर्ण आर्थिक विकास के हर पहलू से परिचित कराएगा। हम जानेंगे कि भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में किन कारकों का योगदान है, इस लक्ष्य को प्राप्त करने में क्या चुनौतियाँ हैं, और UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से यह विषय कितना महत्वपूर्ण है।
भारतीय अर्थव्यवस्था: एक सिंहावलोकन (An Overview of the Indian Economy)
भारतीय अर्थव्यवस्था, अपनी विशाल आबादी और विविध औद्योगिक आधार के साथ, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। स्वतंत्रता के बाद से, भारत ने मिश्रित अर्थव्यवस्था का मॉडल अपनाया है, जिसमें सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
- वर्तमान स्थिति: वर्तमान में, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसका सकल घरेलू उत्पाद (GDP) लगभग 3.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है (आंकड़े समय के साथ भिन्न हो सकते हैं)।
- विकास दर: भारत लगातार उच्च विकास दर बनाए हुए है, जो इसे वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाती है।
- जनसांख्यिकीय लाभांश: भारत के पास युवा और कामकाजी उम्र की एक बड़ी आबादी है, जिसे अक्सर ‘जनसांख्यिकीय लाभांश’ (demographic dividend) कहा जाता है। यह लाभांश आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण क्षमता प्रदान करता है।
सरल शब्दों में समझें: कल्पना कीजिए कि अर्थव्यवस्था एक विशाल शॉपिंग मॉल है। भारत वर्तमान में इस मॉल के सबसे बड़े ग्राहकों में से एक है (पांचवीं सबसे बड़ी)। लेकिन, युवा आबादी की बढ़ती क्रय शक्ति और निवेश के कारण, भारत जल्द ही मॉल का तीसरा सबसे बड़ा ग्राहक बनने वाला है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है!
तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह (The Path to Becoming the 3rd Largest Economy)
जब हम ‘अर्थव्यवस्था का आकार’ कहते हैं, तो इसका सीधा मतलब सकल घरेलू उत्पाद (GDP) से होता है। GDP किसी देश के भीतर उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य है। किसी देश की अर्थव्यवस्था को उसकी GDP के आधार पर रैंक किया जाता है।
लक्ष्य: 10 ट्रिलियन डॉलर का GDP
भारत का लक्ष्य 2030 तक लगभग 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है। यदि यह लक्ष्य प्राप्त होता है, तो भारत अमेरिका (वर्तमान में लगभग 25 ट्रिलियन डॉलर) और चीन (वर्तमान में लगभग 18 ट्रिलियन डॉलर) के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
किन कारकों पर निर्भर करता है यह?
- सतत उच्च GDP वृद्धि दर: भारत को अपनी वर्तमान विकास दर को बनाए रखना होगा या बढ़ाना होगा। अनुमान है कि भारत को इस लक्ष्य तक पहुँचने के लिए औसतन 8-10% की वार्षिक GDP वृद्धि दर की आवश्यकता होगी।
- जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाना: युवा आबादी को शिक्षित, कुशल और उत्पादक कार्यबल में बदलना महत्वपूर्ण है।
- विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार: ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना।
- सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन: सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और अन्य सेवा-आधारित उद्योगों का निरंतर विकास।
- निवेश आकर्षित करना: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और घरेलू निवेश को बढ़ाना।
- बुनियादी ढांचे का विकास: सड़क, बिजली, बंदरगाह, और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे अवसंरचना में सुधार।
- राजकोषीय और मौद्रिक नीति: स्थिर मुद्रास्फीति, राजकोषीय घाटे का प्रबंधन, और अनुकूल मौद्रिक नीतियां।
- आर्थिक सुधार: व्यापार करने में आसानी (Ease of Doing Business), श्रम कानूनों में सुधार, और कॉर्पोरेट करों में कटौती जैसे संरचनात्मक सुधार।
“मृत अर्थव्यवस्था” के तंज पर गोयल का जवाब (Goyal’s Response to the “Dead Economy” Jibe)
डोनाल्ड ट्रम्प का यह बयान, जो भारत की आर्थिक स्थिति पर एक आलोचनात्मक टिप्पणी थी, पीयूष गोयल के लिए अपनी बात रखने का एक अवसर बन गया। गोयल ने इस तंज का जवाब देते हुए भारत की आर्थिक प्रगति की ओर इशारा किया और बताया कि कैसे भारत वैश्विक आर्थिक मंच पर अपनी पहचान बना रहा है।
“हम एक ऐसी अर्थव्यवस्था में रह रहे हैं जो तेजी से बढ़ रही है। आप इसे ‘मृत अर्थव्यवस्था’ नहीं कह सकते। हम आज दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और हम निश्चित रूप से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं। यह केवल मेरा विश्वास नहीं है, बल्कि यह वस्तुनिष्ठ वास्तविकता है।”
– पीयूष गोयल (संभावित उद्धरण का भाव)
गोयल की प्रतिक्रिया के मुख्य बिंदु:
- वास्तविक डेटा: उन्होंने भारत के मजबूत GDP वृद्धि दर के आंकड़ों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसे संस्थानों की भविष्यवाणियों का हवाला दिया।
- वैश्विक रैंकिंग: भारत की वर्तमान वैश्विक आर्थिक रैंकिंग (पांचवीं) का उल्लेख किया।
- भविष्य की ओर: भारत की महत्वाकांक्षा और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता पर जोर दिया।
- सकारात्मक दृष्टिकोण: निराशावादी विचारों के बजाय भारत की आर्थिक क्षमता में विश्वास व्यक्त किया।
सरल शब्दों में: अगर कोई कहे कि आपका स्कूल “बुरा” है, और आप जवाब दें कि “नहीं, हमारे स्कूल में हर साल टॉपर्स निकलते हैं और हम राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पुरस्कार जीतते हैं,” तो यह एक तार्किक और डेटा-समर्थित प्रतिक्रिया है। गोयल ने भी कुछ ऐसा ही किया।
UPSC के लिए महत्वपूर्ण पहलू (Important Aspects for UPSC Exam)
यह विषय UPSC सिविल सेवा परीक्षा के विभिन्न चरणों में अत्यंत महत्वपूर्ण है:
1. प्रारंभिक परीक्षा (Prelims)
- भारतीय अर्थव्यवस्था: GDP, GNI, राष्ट्रीय आय, विकास दर, मुद्रास्फीति, राजकोषीय घाटा।
- आर्थिक सुधार: उदारीकरण, निजीकरण, वैश्वीकरण (LPG Reforms), GST, GST परिषद।
- सरकारी योजनाएं: ‘मेक इन इंडिया’, ‘आत्मनिर्भर भारत’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’, ‘इंफ्रास्ट्रक्चर’, ‘स्टार्टअप इंडिया’।
- अंतर्राष्ट्रीय संगठन: IMF, विश्व बैंक, WTO और उनकी भारतीय अर्थव्यवस्था पर रिपोर्ट।
- जनसांख्यिकी: जनसांख्यिकीय लाभांश, जनसंख्या पिरामिड, कार्यबल।
- बुनियादी ढाँचा: प्रमुख अवसंरचना क्षेत्र (सड़क, रेलवे, ऊर्जा, बंदरगाह)।
2. मुख्य परीक्षा (Mains)
- GS-I: सामाजिक और आर्थिक विकास, शहरीकरण, जनसांख्यिकी।
- GS-III: भारतीय अर्थव्यवस्था और उसमें शामिल मुद्दे, विकास, समावेशी विकास, अवसंरचना, निवेश।
विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण: आपको केवल तथ्यों को जानना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उनकी व्याख्या और विश्लेषण भी आना चाहिए। उदाहरण के लिए, भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के रास्ते में आने वाली बाधाओं का विश्लेषण करना।
लक्ष्य प्राप्त करने में चुनौतियाँ (Challenges in Achieving the Target)
हालांकि भारत की आर्थिक क्षमता बहुत अधिक है, तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने में कई चुनौतियाँ हैं:
- असमान विकास: आर्थिक विकास का लाभ समाज के सभी वर्गों तक समान रूप से नहीं पहुँच रहा है। आय असमानता एक प्रमुख चिंता का विषय है।
- रोजगार सृजन: तीव्र आर्थिक विकास के बावजूद, पर्याप्त संख्या में गुणवत्तापूर्ण रोजगार सृजित करना एक बड़ी चुनौती है। विशेष रूप से युवा और शिक्षित लोगों के लिए।
- विनिर्माण क्षेत्र की कमजोरियाँ: हालाँकि ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों से सुधार हुआ है, फिर भी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की भागीदारी अभी भी सीमित है।
- बुनियादी ढांचे की कमी: लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा, और शहरी बुनियादी ढांचे में अभी भी महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता है।
- शिक्षा और कौशल विकास: कार्यबल की गुणवत्ता और प्रासंगिकता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा प्रणाली और कौशल विकास कार्यक्रमों में बड़े सुधारों की आवश्यकता है।
- कृषि क्षेत्र पर निर्भरता: अभी भी एक बड़ा वर्ग कृषि पर निर्भर है, जो अक्सर मौसमी और मानसून पर अत्यधिक निर्भर होती है। इसे आधुनिक बनाना आवश्यक है।
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता: वैश्विक मंदी, भू-राजनीतिक तनाव, और व्यापार युद्ध जैसी बाहरी घटनाएँ भारत की विकास गति को प्रभावित कर सकती हैं।
- राजकोषीय प्रबंधन: राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखना और सार्वजनिक ऋण का प्रबंधन करना एक निरंतर चुनौती है।
- अनुसंधान और विकास (R&D): नवाचार और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए R&D पर निवेश बढ़ाना आवश्यक है।
“आर्थिक विकास का मतलब केवल GDP बढ़ना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक को बेहतर जीवन स्तर, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर मिलें।” – यह एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है जिसे UPSC में हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।
भविष्य की राह और रणनीतियाँ (Future Path and Strategies)
भारत को अपनी आर्थिक क्षमता को पूरी तरह से साकार करने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है:
- मानव पूंजी में निवेश: शिक्षा, स्वास्थ्य, और कौशल विकास पर व्यय बढ़ाना, ताकि जनसांख्यिकीय लाभांश का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सके।
- विनिर्माण को बढ़ावा: उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं का विस्तार, लॉजिस्टिक्स लागत में कमी, और निर्यात को बढ़ावा देना।
- डिजिटल अर्थव्यवस्था का विकास: फिनटेक, ई-कॉमर्स, और डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देना। डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूत करना।
- नवीकरणीय ऊर्जा और हरित विकास: जलवायु परिवर्तन से निपटने के साथ-साथ आर्थिक विकास सुनिश्चित करना।
- सुविधाजनक व्यापारिक वातावरण: लालफीताशाही को कम करना, अनुपालन लागत घटाना, और निवेश के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाना।
- छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) का समर्थन: SMEs भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्हें वित्तीय सहायता, प्रौद्योगिकी उन्नयन, और बाजार पहुंच प्रदान करना।
- कृषि सुधार: किसानों की आय बढ़ाना, कृषि को अधिक टिकाऊ और लाभदायक बनाना, और कृषि-आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना।
- शहरीकरण का प्रबंधन: सुनियोजित शहरी विकास, स्मार्ट सिटी पहल, और बेहतर शहरी बुनियादी ढांचा।
- वित्तीय समावेशन: सभी नागरिकों के लिए बैंकिंग, बीमा, और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना।
निष्कर्ष (Conclusion)
डोनाल्ड ट्रम्प की ‘मृत अर्थव्यवस्था’ वाली टिप्पणी, चाहे वह कितनी भी विवादास्पद हो, भारत की आर्थिक महत्वाकांक्षाओं को उजागर करने का एक अनपेक्षित अवसर बनी। पीयूष गोयल की प्रतिक्रिया न केवल एक रक्षात्मक जवाब था, बल्कि यह भारत के मजबूत आर्थिक दृष्टिकोण में विश्वास का प्रतीक था। तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना केवल एक संख्या का खेल नहीं है; यह लाखों लोगों के लिए बेहतर जीवन स्तर, अधिक अवसर और एक समृद्ध राष्ट्र के निर्माण का प्रतीक है।
UPSC उम्मीदवारों के लिए, यह विषय न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा को समझने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि सरकार की नीतियों, वैश्विक आर्थिक रुझानों और जनसांख्यिकी जैसे महत्वपूर्ण तत्वों का विश्लेषण करने का अवसर भी प्रदान करता है। भारत का आर्थिक भविष्य उज्ज्वल है, बशर्ते हम अपनी चुनौतियों का सामना करने और अपनी विशाल क्षमता का दोहन करने के लिए सही रणनीतियों को लागू करें।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
- प्रश्न 1: सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आधार पर, भारत वर्तमान में दुनिया की किस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थान रखता है?
(a) दूसरी
(b) तीसरी
(c) चौथी
(d) पाँचवीं
उत्तर: (d) पाँचवीं
व्याख्या: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और अन्य स्रोतों के अनुसार, भारत वर्तमान में सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। - प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा कारक भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा?
1. तीव्र जनसांख्यिकीय लाभांश
2. विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार
3. सेवा क्षेत्र का निरंतर विकास
4. निर्यात को बढ़ावा
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1, 2 और 3
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर: (d) 1, 2, 3 और 4
व्याख्या: ये सभी कारक भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। - प्रश्न 3: ‘मेक इन इंडिया’ पहल का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
(a) केवल सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देना
(b) भारत में विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना और निवेश आकर्षित करना
(c) सूचना प्रौद्योगिकी (IT) क्षेत्र का विकास करना
(d) विदेशी बाजारों में भारतीय उत्पादों का प्रचार करना
उत्तर: (b) भारत में विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना और निवेश आकर्षित करना
व्याख्या: ‘मेक इन इंडिया’ का मुख्य लक्ष्य भारत को विनिर्माण का एक वैश्विक केंद्र बनाना है। - प्रश्न 4: पीयूष गोयल के अनुसार, भारत किस वर्ष तक 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है?
(a) 2025
(b) 2030
(c) 2035
(d) 2040
उत्तर: (b) 2030
व्याख्या: यह सरकार का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, जिसे प्राप्त करने के लिए सतत उच्च विकास दर की आवश्यकता है। - प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन भारत की अर्थव्यवस्था के संबंध में एक ‘चुनौती’ नहीं मानी जाएगी?
(a) आय असमानता
(b) रोजगार सृजन में कठिनाई
(c) मजबूत बुनियादी ढांचा
(d) शिक्षा और कौशल विकास में सुधार की आवश्यकता
उत्तर: (c) मजबूत बुनियादी ढांचा
व्याख्या: मजबूत बुनियादी ढांचा एक ‘सुविधा’ या ‘अवसर’ है, चुनौती नहीं। जबकि अन्य विकल्प प्रमुख चुनौतियाँ हैं। - प्रश्न 6: ‘जनसांख्यिकीय लाभांश’ (Demographic Dividend) का क्या अर्थ है?
(a) बढ़ती जनसंख्या के कारण घटता प्रति व्यक्ति आय
(b) कामकाजी उम्र की आबादी का निर्भर आबादी (बच्चों और बुजुर्गों) की तुलना में अधिक होना, जो आर्थिक विकास के लिए क्षमता प्रदान करता है।
(c) केवल युवा आबादी का अधिक होना
(d) वृद्धावस्था की आबादी का अधिक होना
उत्तर: (b) कामकाजी उम्र की आबादी का निर्भर आबादी (बच्चों और बुजुर्गों) की तुलना में अधिक होना, जो आर्थिक विकास के लिए क्षमता प्रदान करता है।
व्याख्या: जनसांख्यिकीय लाभांश का तात्पर्य एक ऐसी स्थिति से है जहाँ कार्यशील आयु की आबादी, आश्रितों की तुलना में बड़ी होती है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है। - प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी एक प्रमुख सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य भारत में नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देना है?
(a) स्किल इंडिया
(b) डिजिटल इंडिया
(c) स्टार्टअप इंडिया
(d) स्वच्छ भारत अभियान
उत्तर: (c) स्टार्टअप इंडिया
व्याख्या: ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल का मुख्य उद्देश्य देश में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना और नवाचार को प्रोत्साहित करना है। - प्रश्न 8: भारत द्वारा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए किस प्रकार की निरंतर GDP वृद्धि दर की आवश्यकता होगी?
(a) 3-5%
(b) 5-7%
(c) 8-10%
(d) 10-12%
उत्तर: (c) 8-10%
व्याख्या: विश्लेषकों का मानना है कि लक्ष्य प्राप्त करने के लिए भारत को औसतन 8-10% की निरंतर वृद्धि दर बनाए रखनी होगी। - प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं पर अपनी रिपोर्ट और भविष्यवाणियों के लिए जानी जाती है?
(a) विश्व व्यापार संगठन (WTO)
(b) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)
(c) अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO)
(d) संयुक्त राष्ट्र (UN)
उत्तर: (b) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)
व्याख्या: IMF अपनी विश्व आर्थिक आउटलुक (World Economic Outlook) रिपोर्ट के माध्यम से विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं का विश्लेषण और पूर्वानुमान जारी करता है। - प्रश्न 10: निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए निरंतर उच्च विकास दर के साथ-साथ आय असमानता को कम करने की भी आवश्यकता है।
2. ‘आत्मनिर्भर भारत’ का उद्देश्य केवल घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है, आयात को नहीं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर: (a) केवल 1
व्याख्या: कथन 1 सही है क्योंकि समावेशी विकास के लिए आय असमानता को कम करना आवश्यक है। कथन 2 गलत है क्योंकि ‘आत्मनिर्भर भारत’ का अर्थ आत्मनिर्भरता है, अलगाव नहीं; यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एकीकृत होकर अपनी कमजोरियों को दूर करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने पर केंद्रित है।
मुख्य परीक्षा (Mains)
- प्रश्न 1: भारत के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में प्रगति का गंभीर मूल्यांकन करें। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रमुख आर्थिक, सामाजिक और नीतिगत कारकों के योगदान और चुनौतियों पर चर्चा करें। (250 शब्द)
- प्रश्न 2: ‘जनसांख्यिकीय लाभांश’ को एक महत्वपूर्ण आर्थिक संसाधन के रूप में समझाते हुए, बताएं कि भारत इसका प्रभावी ढंग से लाभ उठाने के लिए क्या कदम उठा रहा है और इस प्रक्रिया में किन बाधाओं का सामना कर रहा है। (150 शब्द)
- प्रश्न 3: डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था पर की गई टिप्पणी के संदर्भ में, पीयूष गोयल द्वारा दिए गए जवाब का विश्लेषण करें। यह घटना भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति और उसके महत्वाकांक्षी लक्ष्यों पर कैसे प्रकाश डालती है? (150 शब्द)
- प्रश्न 4: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहलों के महत्व पर चर्चा करें, विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की स्थिति को मजबूत करने के संदर्भ में। (250 शब्द)