1 जून से क्या-क्या बदला: UPI, LPG, रेलवे से लेकर बैंकिंग तक, आम आदमी के जीवन में बड़े बदलाव!
चर्चा में क्यों? (Why in News?):** भारत में हर महीने की पहली तारीख को नियमों में कुछ न कुछ बदलाव आम बात है। ये बदलाव अक्सर हमारे दैनिक जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं, चाहे वह डिजिटल लेन-देन हो, एलपीजी की उपलब्धता हो, या फिर रेलवे यात्रा। 1 जून, 2024 भी इसका अपवाद नहीं रहा। इस बार भी कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव लागू हुए हैं, जिनके बारे में जानना हर आम नागरिक के लिए आवश्यक है, खासकर उन लोगों के लिए जो संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। यह लेख इन सभी बदलावों का विस्तृत विश्लेषण करेगा, उन्हें UPSC के दृष्टिकोण से प्रासंगिक बनाएगा, और आपकी परीक्षा की तैयारी में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करेगा।
परिचय (Introduction):**
सरकार द्वारा समय-समय पर लागू किए जाने वाले नियम और नीतियां देश के आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी परिदृश्य को आकार देती हैं। ये बदलाव अक्सर नागरिकों के जीवन को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। 1 जून, 2024 से लागू हुए नियमों में UPI लेन-देन की सीमा, LPG गैस सिलेंडर की कीमतों में संभावित उतार-चढ़ाव, रेलवे के समय-सारणी में परिवर्तन, और बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े कुछ अहम अपडेट शामिल हैं। UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विशेष रूप से सामान्य अध्ययन (GS) पेपर I (समाज और संस्कृति), GS पेपर II (शासन, राजनीति, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध), और GS पेपर III (अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, आपदा प्रबंधन) के लिए इन परिवर्तनों को समझना महत्वपूर्ण है। यह हमें वर्तमान राष्ट्रीय एजेंडा, सरकारी नीतियों के प्रभाव और उनके संभावित दीर्घकालिक परिणामों का मूल्यांकन करने में मदद करता है।
1. UPI लेन-देन की सीमा: सुरक्षित डिजिटल भविष्य की ओर एक कदम
क्या बदला? (What Changed?):**
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा UPI (Unified Payments Interface) के लिए नई सीमाएं लागू की गई हैं, विशेष रूप से उच्च-मूल्य वाले लेन-देन के लिए। पहले, UPI लेन-देन की सीमा काफी हद तक व्यक्तिगत बैंकों द्वारा निर्धारित की जाती थी, जिससे इसमें कुछ भिन्नता थी। अब, NPCI ने प्रति दिन ₹5 लाख तक के लेन-देन की अनुमति दी है, हालांकि यह पहले से ही कुछ बैंकों के लिए लागू था। नई व्यवस्था में, बैंक अपनी नीतियों के अनुसार इसे ₹1 लाख से ₹5 लाख तक कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, UPI लाइट (UPI Lite) जैसे डिजिटल वॉलेट के लिए प्रति लेन-देन ₹200 की सीमा को बढ़ाकर ₹500 कर दिया गया है।
UPSC के लिए प्रासंगिकता (Relevance for UPSC):**
* **डिजिटल इंडिया (Digital India):** यह बदलाव ‘डिजिटल इंडिया’ पहल को और मजबूत करता है, जिसका उद्देश्य भारत को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है।
* **वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion):** UPI ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में। बढ़ी हुई सीमाएं अधिक लोगों को डिजिटल भुगतान का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं।
* **भुगतान प्रणाली का आधुनिकीकरण (Modernization of Payment Systems):** यह भारत के भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र के विकास और आधुनिकीकरण का प्रतीक है, जो इसे वैश्विक मानकों के अनुरूप लाता है।
* **साइबर सुरक्षा और धोखाधड़ी (Cybersecurity and Fraud):** उच्च-मूल्य वाले लेन-देन की बढ़ती संख्या के साथ, साइबर सुरक्षा और धोखाधड़ी की रोकथाम पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा। NPCI को यह सुनिश्चित करना होगा कि सिस्टम सुरक्षित रहे।
* **आर्थिक विकास (Economic Growth):** सुगम डिजिटल भुगतान व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देते हैं, जिससे आर्थिक विकास में तेजी आती है।
विस्तृत विश्लेषण (Detailed Analysis):**
UPI लाइट की सीमा बढ़ाने से छोटे पैमाने के लेन-देन, जैसे कि किराना स्टोर या चाय की दुकान पर भुगतान, और भी आसान हो जाएंगे। यह कैश के उपयोग को कम करने में मदद करेगा। उच्च-मूल्य वाले लेन-देन की सीमा का स्पष्ट होना व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए अपनी वित्तीय योजनाओं को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में सहायक होगा। यह बड़े खर्चों, जैसे कि कुछ घरेलू उपकरणों की खरीद या सेवाओं के लिए भुगतान, को भी डिजिटल माध्यम से करने की सुविधा देगा।
चुनौतियाँ (Challenges):**
1. **सुरक्षा:** बड़े लेन-देन के साथ, डेटा सुरक्षा और धोखाधड़ी से बचाव एक बड़ी चुनौती है।
2. **जागरूकता:** ग्रामीण और कम साक्षर आबादी के बीच इन नई सीमाओं और UPI के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाना।
3. **तकनीकी अवसंरचना:** सभी क्षेत्रों में विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्टिविटी और स्मार्टफोन की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
“डिजिटल भुगतान सिर्फ एक सुविधा नहीं, बल्कि भारत के आर्थिक सशक्तिकरण का एक शक्तिशाली उपकरण है।”
2. LPG गैस सिलेंडर की कीमतें: सरकार की बड़ी राहत!
क्या बदला? (What Changed?):**
1 जून, 2024 से, सरकार ने आम आदमी को एक बड़ी राहत देते हुए घरेलू LPG (तरलीकृत पेट्रोलियम गैस) सिलेंडर की कीमतों में ₹100 की कटौती की घोषणा की है। यह सरकारी तेल कंपनियों द्वारा की गई घोषणा है। यह कदम आम जनता, विशेषकर मध्य वर्ग और निम्न-मध्य वर्ग के लिए एक बड़ी राहत है, जो अक्सर ईंधन की कीमतों के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होते हैं।
UPSC के लिए प्रासंगिकता (Relevance for UPSC):**
* **जन कल्याणकारी योजनाएं (Welfare Schemes):** यह कदम सीधे तौर पर सार्वजनिक कल्याण और सामाजिक न्याय से जुड़ा है। सरकार की नीतियां अक्सर समाज के वंचित वर्गों को लक्षित करती हैं।
* **आर्थिक नीति और मुद्रास्फीति (Economic Policy and Inflation):** LPG की कीमतें मुद्रास्फीति को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं। इन कीमतों को नियंत्रित करना या कम करना मुद्रास्फीति को कम करने की दिशा में एक कदम है।
* **ऊर्जा सुरक्षा (Energy Security):** LPG घरेलू खाना पकाने के लिए ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसके सामर्थ्य (affordability) को सुनिश्चित करना ऊर्जा सुरक्षा का एक पहलू है।
* **प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY):** यह योजना पहले से ही गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करके इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। कीमतों में कमी का लाभ इन परिवारों को और भी अधिक मिलेगा।
* **राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit):** LPG सब्सिडी की लागत सरकार के राजकोषीय घाटे को प्रभावित करती है। कीमतों में कमी के निर्णय के पीछे सब्सिडी के प्रबंधन और राजकोषीय संतुलन जैसे विचार भी हो सकते हैं।
विस्तृत विश्लेषण (Detailed Analysis):**
यह मूल्य कटौती वैश्विक तेल की कीमतों में नरमी और सरकार की वित्तीय स्थिति को देखते हुए की गई है। इसका उद्देश्य त्योहारी सीजन से पहले आम आदमी को राहत पहुंचाना भी हो सकता है। यह उपभोक्ताओं के खर्च करने योग्य आय (disposable income) को बढ़ाएगा, जिसका अप्रत्यक्ष रूप से अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये कीमतें अभी भी अंतरराष्ट्रीय तेल बाजारों से जुड़ी हुई हैं और भविष्य में इनमें फिर से उतार-चढ़ाव आ सकता है।
चुनौतियाँ (Challenges):**
1. **सब्सिडी का प्रबंधन:** सरकार को सब्सिडी के वित्तीय बोझ का प्रबंधन करना होगा।
2. **वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा:** LPG पर निर्भरता कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे एलपीजी के स्वच्छ विकल्प खोजने की दीर्घकालिक चुनौती बनी हुई है।
3. **वितरण की समानता:** यह सुनिश्चित करना कि मूल्य कटौती का लाभ अंतिम उपभोक्ता तक समान रूप से पहुंचे।
“एलपीजी की कीमतों में ₹100 की कटौती, आम आदमी के बजट को सहारा देने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सरकारी हस्तक्षेप है।”
3. रेलवे समय-सारणी में परिवर्तन: यात्रा को सुगम बनाने की ओर
क्या बदला? (What Changed?):**
हर साल की तरह, 1 जून, 2024 से भारतीय रेलवे ने अपनी समय-सारणी (Timetable) में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव लागू किए हैं। ये बदलाव मुख्य रूप से ट्रेनों के चलने के समय, प्लेटफॉर्म आवंटन, और कुछ नई ट्रेनों के शुभारंभ या मौजूदा ट्रेनों के विस्तार से संबंधित हो सकते हैं। इन बदलावों का उद्देश्य संचालन में दक्षता लाना, ट्रेनों की देरी को कम करना, और यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान करना है।
UPSC के लिए प्रासंगिकता (Relevance for UPSC):**
* **बुनियादी ढाँचा और कनेक्टिविटी (Infrastructure and Connectivity):** रेलवे भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क है। इसके संचालन में सुधार सीधे तौर पर राष्ट्रीय अवसंरचना और कनेक्टिविटी को प्रभावित करता है।
* **आर्थिक विकास (Economic Development):** कुशल रेल परिवहन माल ढुलाई (freight transportation) की लागत को कम करता है, जिससे अर्थव्यवस्था को लाभ होता है। यात्रियों के लिए यात्रा को सुगम बनाना पर्यटन और व्यावसायिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देता है।
* **सरकारी नीतियां और दक्षता (Government Policies and Efficiency):** रेलवे में सुधार सरकारी दक्षता और योजना का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
* **सुरक्षा मानक (Safety Standards):** समय-सारणी में बदलाव का ट्रेनों की सुरक्षा और संचालन के प्रबंधन से भी गहरा संबंध है।
* **यात्री अनुभव (Passenger Experience):** बेहतर समय-सारणी यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाती है, जिससे सार्वजनिक सेवा की गुणवत्ता बढ़ती है।
विस्तृत विश्लेषण (Detailed Analysis):**
रेलवे का संचालन एक जटिल व्यवस्था है, जिसमें लाखों यात्री और मालगाड़ियाँ शामिल हैं। समय-सारणी में बदलावों का उद्देश्य अक्सर ट्रेन के ठहराव के समय को कम करना, क्रॉसिंग के समय को अनुकूलित करना, और विभिन्न लाइनों पर ट्रैफिक प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना होता है। नई, तेज ट्रेनों का शुभारंभ या मौजूदा ट्रेनों को लंबे मार्गों पर विस्तारित करना भी लोगों की आवागमन की सुविधा को बढ़ाता है। ये बदलाव रेलवे के आधुनिकीकरण के प्रयासों का हिस्सा हैं, जिसमें हाई-स्पीड रेल, सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनें (जैसे वंदे भारत), और समर्पित माल ढुलाई गलियारे (Dedicated Freight Corridors) शामिल हैं।
चुनौतियाँ (Challenges):**
1. **समन्वय:** विभिन्न रेलवे जोनों और विभागों के बीच समन्वय बनाए रखना।
2. **बुनियादी ढाँचे की सीमाएँ:** मौजूदा अवसंरचना (जैसे सिग्नलिंग प्रणाली, ट्रैक क्षमता) अक्सर नए समय-सारणी को लागू करने में बाधा उत्पन्न करती है।
3. **जनता को सूचना:** यात्रियों को समय-सारणी में बदलावों के बारे में समय पर और सटीक जानकारी देना।
4. **संचालन में लचीलापन:** अप्रत्याशित घटनाओं (जैसे सिग्नल फेल होना, ट्रैक पर बाधा) के लिए संचालन में लचीलापन बनाए रखना।
“रेलवे समय-सारणी में परिवर्तन, राष्ट्र निर्माण की उस जटिल मशीनरी का एक सूक्ष्म प्रमाण है जो लाखों लोगों के दैनिक जीवन को गति प्रदान करती है।”
4. बैंकिंग क्षेत्र में बदलाव: आपके खाते पर क्या असर?
क्या बदला? (What Changed?):**
1 जून, 2024 से, कुछ प्रमुख बैंकों ने अपने बचत खातों (Savings Accounts) के लिए न्यूनतम शेष राशि (Minimum Balance) की आवश्यकताओं या मासिक औसत शेष (Monthly Average Balance) की शर्तों में बदलाव किए हैं। इसके अलावा, कुछ बैंकों ने लॉकर आवंटन (Locker Allotment) और उससे संबंधित नियमों में भी बदलाव की सूचना दी है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं। ये बदलाव मुख्य रूप से ग्राहक सेवा, लागत प्रबंधन और नियामक अनुपालन से संबंधित हैं।
UPSC के लिए प्रासंगिकता (Relevance for UPSC):**
* **बैंकिंग क्षेत्र का विनियमन (Regulation of Banking Sector):** RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार बैंकों द्वारा किए गए परिवर्तन भारतीय बैंकिंग प्रणाली के विनियमन और उसके विकास को दर्शाते हैं।
* **वित्तीय बाजार (Financial Markets):** बैंकिंग क्षेत्र किसी भी अर्थव्यवस्था का आधार होता है। इन बदलावों का वित्तीय बाजारों और आम लोगों की बचत पर सीधा असर पड़ता है।
* **उपभोक्ता अधिकार (Consumer Rights):** लॉकर नियमों में बदलाव और न्यूनतम शेष राशि की शर्तें ग्राहक अधिकारों और बैंक-ग्राहक संबंधों से जुड़ी हैं।
* **आर्थिक समावेश (Economic Inclusion):** न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकताएं कभी-कभी निम्न-आय वर्ग के लोगों के लिए बैंकिंग सेवाओं तक पहुंचने में बाधा बन सकती हैं, जो वित्तीय समावेश के लक्ष्यों के विपरीत है।
* **वित्तीय स्थिरता (Financial Stability):** बैंकों द्वारा अपने परिचालन को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करना वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
विस्तृत विश्लेषण (Detailed Analysis):**
RBI ने बैंकों को लॉकर के नए आवंटन के लिए एक नई नीति बनाने का निर्देश दिया है। इसके तहत, ग्राहकों को बैंक के साथ लॉकर के लिए एक नया, नवीनीकृत समझौता (agreement) करना होगा। यह सुरक्षा और ग्राहक सुरक्षा के दृष्टिकोण से किया गया है। न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकताओं में बदलाव से कुछ ग्राहक प्रभावित हो सकते हैं, खासकर वे जो अपने खातों में पर्याप्त राशि नहीं रख पाते हैं। यह बैंकों को अपने परिचालन खर्चों को प्रबंधित करने और लाभप्रदता बनाए रखने में मदद कर सकता है, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा भी उठाता है।
चुनौतियाँ (Challenges):**
1. **पारदर्शिता:** ग्राहकों को इन बदलावों के बारे में स्पष्ट और समय पर जानकारी देना।
2. **नियामक अनुपालन:** यह सुनिश्चित करना कि सभी बैंक RBI के दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करें।
3. **ग्राहकों की प्रतिक्रिया:** न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकताओं को लेकर संभावित ग्राहक असंतोष को प्रबंधित करना।
4. **डिजिटल बैंकिंग की ओर रुझान:** क्या ये बदलाव डिजिटल बैंकिंग को और अधिक बढ़ावा देंगे या लोगों को पारंपरिक तरीकों की ओर धकेलेंगे, यह देखना होगा।
“बैंकिंग क्षेत्र में परिवर्तन, न केवल वित्तीय व्यवस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि ग्राहक और बैंक एक मजबूत, पारदर्शी संबंध के माध्यम से जुड़े रहें।”
5. अन्य संभावित बदलाव (Other Potential Changes):
इन प्रमुख बदलावों के अलावा, 1 जून से अन्य छोटे-मोटे परिवर्तन भी लागू हो सकते हैं, जैसे:
- विभिन्न उत्पादों की कीमतें: कुछ FMCG (Fast-Moving Consumer Goods) उत्पादों की कीमतों में बदलाव हो सकता है, जो कच्चे माल की लागत और उत्पादन लागत पर निर्भर करते हैं।
- सरकारी योजनाओं के नियम: विभिन्न सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में मामूली नियम परिवर्तन संभव हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय समझौते/संधियाँ: यदि कोई नई अंतर्राष्ट्रीय संधि या समझौता लागू होता है, तो उसका प्रभाव भी हो सकता है।
UPSC उम्मीदवारों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे केवल इन बड़े बदलावों पर ही ध्यान केंद्रित न करें, बल्कि व्यापक आर्थिक और सामाजिक नीतियों के सूक्ष्म पहलुओं को भी समझें।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
1. प्रश्न: भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा UPI लाइट के लिए प्रति लेन-देन की अधिकतम स्वीकार्य राशि कितनी कर दी गई है?
(a) ₹100
(b) ₹200
(c) ₹500
(d) ₹1000
उत्तर: (c) ₹500
व्याख्या: NPCI ने UPI लाइट के लिए प्रति लेन-देन की सीमा को ₹200 से बढ़ाकर ₹500 कर दिया है।
2. प्रश्न: 1 जून, 2024 से घरेलू LPG सिलेंडर की कीमतों में कितनी कटौती की गई है?
(a) ₹50
(b) ₹75
(c) ₹100
(d) ₹150
उत्तर: (c) ₹100
व्याख्या: सरकार ने घरेलू LPG सिलेंडर की कीमतों में ₹100 की कटौती की घोषणा की है।
3. प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सी योजना भारत में ग्रामीण और निम्न-आय वाले परिवारों को LPG कनेक्शन प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी?
(a) सौभाग्य योजना
(b) प्रधानमंत्री जन धन योजना
(c) प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
(d) राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
उत्तर: (c) प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
व्याख्या: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करती है।
4. प्रश्न: भारतीय रेलवे द्वारा 1 जून से लागू की गई नई समय-सारणी का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
(a) ट्रेनों की गति बढ़ाना
(b) संचालन में दक्षता लाना और देरी कम करना
(c) नए स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव बढ़ाना
(d) केवल मालगाड़ियों के समय में परिवर्तन
उत्तर: (b) संचालन में दक्षता लाना और देरी कम करना
व्याख्या: समय-सारणी में बदलाव का मुख्य उद्देश्य संचालन को सुचारू बनाना और समय की पाबंदी में सुधार करना है।
5. प्रश्न: RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों को लॉकर आवंटन के लिए कौन सा नया दस्तावेज अनिवार्य करना होगा?
(a) आधार कार्ड
(b) पैन कार्ड
(c) नया, नवीनीकृत समझौता
(d) बैंक पासबुक
उत्तर: (c) नया, नवीनीकृत समझौता
व्याख्या: RBI के निर्देशों के तहत, लॉकर आवंटन के लिए एक नया, नवीनीकृत समझौता करना अनिवार्य है।
6. प्रश्न: ‘डिजिटल इंडिया’ पहल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
(a) केवल ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देना
(b) भारत को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना
(c) केवल सरकारी वेबसाइटों को ऑनलाइन लाना
(d) सभी सरकारी सेवाओं को केवल ऑफलाइन उपलब्ध कराना
उत्तर: (b) भारत को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना
व्याख्या: डिजिटल इंडिया का लक्ष्य डिजिटल अवसंरचना, डिजिटल साक्षरता और सेवाओं को डिजिटल रूप में उपलब्ध कराना है।
7. प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘भुगतान प्रणाली’ (Payment System) का उदाहरण है?
(a) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)
(b) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)
(c) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI)
(d) भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)
उत्तर: (c) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI)
व्याख्या: UPI एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है जो तत्काल धन हस्तांतरण की सुविधा देती है।
8. प्रश्न: मुद्रास्फीति (Inflation) को नियंत्रित करने के लिए सरकार निम्नलिखित में से कौन सा कदम उठा सकती है?
(a) LPG जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि करना
(b) LPG जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कटौती करना
(c) सरकारी खर्चों को अत्यधिक बढ़ाना
(d) ब्याज दरों को कम करना
उत्तर: (b) LPG जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कटौती करना
व्याख्या: आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कमी से उपभोक्ताओं के लिए लागत कम होती है, जिससे मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
9. प्रश्न: ‘वित्तीय समावेशन’ (Financial Inclusion) का क्या अर्थ है?
(a) केवल अमीर लोगों को बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना
(b) समाज के सभी वर्गों के लिए, विशेष रूप से कमजोर वर्गों के लिए, किफायती वित्तीय सेवाओं तक सुलभता सुनिश्चित करना
(c) केवल ऑनलाइन बैंकिंग को बढ़ावा देना
(d) ऋण देने की प्रक्रिया को जटिल बनाना
उत्तर: (b) समाज के सभी वर्गों के लिए, विशेष रूप से कमजोर वर्गों के लिए, किफायती वित्तीय सेवाओं तक सुलभता सुनिश्चित करना
व्याख्या: वित्तीय समावेशन का उद्देश्य सभी को बैंकिंग, बीमा, और अन्य वित्तीय उत्पादों तक पहुंचाना है।
10. प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
I. RBI वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के लिए जिम्मेदार है।
II. NPCI भारत में सभी खुदरा भुगतान प्रणालियों के लिए एक छाता संगठन है।
उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) न तो I और न ही II
उत्तर: (c) I और II दोनों
व्याख्या: RBI वित्तीय स्थिरता बनाए रखता है, और NPCI UPI, RuPay जैसी भुगतान प्रणालियों का संचालन करता है।
मुख्य परीक्षा (Mains)
1. प्रश्न: “डिजिटल इंडिया” पहल के तहत UPI जैसी भुगतान प्रणालियों के विस्तार ने भारत में वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को कैसे गति दी है? इस विस्तार से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों और अवसरों का विश्लेषण करें। (250 शब्द)
2. प्रश्न: LPG की कीमतों में सरकारी हस्तक्षेप, जैसे कि हालिया मूल्य कटौती, भारत की ऊर्जा सुरक्षा, राजकोषीय घाटे और सार्वजनिक कल्याण पर किस प्रकार प्रभाव डालता है? विस्तार से व्याख्या करें। (250 शब्द)
3. प्रश्न: भारतीय रेलवे का आधुनिकीकरण, जिसमें समय-सारणी में सुधार और नई तकनीकों का समावेश शामिल है, राष्ट्रीय आर्थिक विकास और कनेक्टिविटी को कैसे प्रभावित करता है? रेलवे के सामने आने वाली अवसंरचनात्मक और परिचालन संबंधी चुनौतियों पर भी प्रकाश डालें। (250 शब्द)
4. प्रश्न: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में RBI द्वारा किए गए विभिन्न विनियामक परिवर्तनों, जैसे लॉकर नियमों या न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकताओं में बदलाव, का बैंकों की लाभप्रदता, ग्राहक सेवा और वित्तीय स्थिरता पर क्या प्रभाव पड़ता है? (250 शब्द)