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हीरों पर दांव: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विज्ञान के प्रश्न

हीरों पर दांव: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विज्ञान के प्रश्न

परिचय: नमस्कार, भावी सरकारी अधिकारियों! प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहन समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित ये प्रश्न आपके ज्ञान को परखने और आपकी तैयारी को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। आइए “Doubling Down on Diamond” के संकेत का उपयोग करते हुए, विज्ञान की दुनिया में गहराई से उतरें और इन महत्वपूर्ण MCQs का अभ्यास करें।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. कार्बन के किस अपररूप (allotrope) में हीरे की संरचना पाई जाती है?

    • (a) ग्रेफाइट
    • (b) फुलेरीन
    • (c) कोयला
    • (d) हीरा

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अपररूप (Allotrope) एक ही रासायनिक तत्व के विभिन्न रूपों को कहते हैं जो विभिन्न भौतिक गुणों वाले होते हैं। कार्बन के कई अपररूप हैं, जिनमें हीरा, ग्रेफाइट, फुलेरीन और ग्राफीन शामिल हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का वह अपररूप है जिसकी क्रिस्टल संरचना बहुत मजबूत और कठोर होती है। प्रश्न सीधे तौर पर हीरे की संरचना के बारे में पूछ रहा है, इसलिए उत्तर हीरा ही होगा। ग्रेफाइट एक अन्य अपररूप है जिसकी संरचना षटकोणीय परतों में होती है और यह विद्युत का सुचालक होता है, जबकि हीरा कुचालक होता है। फुलेरीन कार्बन के गोले, दीर्घवृत्ताभ या ट्यूब के रूप में पाए जाते हैं। कोयला कार्बनिक पदार्थ है, न कि शुद्ध कार्बन का अपररूप।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  2. हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु कितने अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है?

    • (a) 2
    • (b) 3
    • (c) 4
    • (d) 6

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे की क्रिस्टल संरचना चतुष्फलकीय (tetrahedral) होती है। कार्बन की संयोजकता (valency) 4 होती है, जिसका अर्थ है कि यह चार अन्य परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंध (covalent bonds) बना सकता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता का मुख्य कारण इसकी क्रिस्टल संरचना है। प्रत्येक कार्बन परमाणु sp3 संकरण (hybridization) द्वारा चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों द्वारा मजबूती से जुड़ा होता है। यह त्रि-आयामी (3D) नेटवर्क संरचना हीरे को अत्यंत कठोर बनाती है। ग्रेफाइट में, प्रत्येक कार्बन परमाणु 3 अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है, और एक डेलोकलाइज्ड इलेक्ट्रॉन होता है, जो इसे विद्युत का सुचालक बनाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  3. हीरे की कठोरता का मुख्य कारण क्या है?

    • (a) आयनिक बंध
    • (b) धात्विक बंध
    • (c) सहसंयोजक बंधों का त्रि-आयामी नेटवर्क
    • (d) हाइड्रोजन बंध

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थों के भौतिक गुण, जैसे कठोरता, उनके परमाणुओं के बीच रासायनिक बंधों की प्रकृति और व्यवस्था पर निर्भर करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): जैसा कि ऊपर बताया गया है, हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से मजबूत सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है। ये बंध एक अत्यंत स्थिर और कठोर त्रि-आयामी (3D) जाली (lattice) संरचना बनाते हैं। किसी भी दिशा में इन बंधों को तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके कारण हीरा अत्यंत कठोर होता है। आयनिक बंधों में आयनों के बीच विद्युत स्थैतिक आकर्षण होता है, धात्विक बंध धातुओं में पाए जाते हैं, और हाइड्रोजन बंध कमजोर अंतरा-आणविक बल होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  4. हीरे को ग्रेफाइट में परिवर्तित करने के लिए किस प्रकार की परिस्थितियों की आवश्यकता होती है?

    • (a) उच्च तापमान और निम्न दाब
    • (b) निम्न तापमान और उच्च दाब
    • (c) उच्च तापमान और उच्च दाब
    • (d) निम्न तापमान और निम्न दाब

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन के विभिन्न अपररूपों के बीच रूपांतरण (transformation) तापमान और दाब पर निर्भर करता है, क्योंकि वे संतुलन (equilibrium) की विभिन्न स्थितियों में स्थिर होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की संरचना उच्च दाब पर स्थिर होती है, जबकि ग्रेफाइट की संरचना निम्न दाब और उच्च तापमान पर अधिक स्थिर होती है। इसलिए, हीरे को ग्रेफाइट में बदलने के लिए, दाब कम करना होगा और तापमान बढ़ाना होगा। लगभग 1500°C से ऊपर के तापमान पर और सामान्य वायुमंडलीय दाब पर, हीरा धीरे-धीरे ग्रेफाइट में परिवर्तित हो सकता है। इसके विपरीत, ग्रेफाइट को हीरे में बदलने के लिए अत्यधिक उच्च दाब (लगभग 5-6 GPa) और उच्च तापमान (लगभग 1500°C) की आवश्यकता होती है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  5. हीरा विद्युत का एक अच्छा सुचालक क्यों नहीं है, जबकि ग्रेफाइट है?

    • (a) हीरे में सहसंयोजक बंध नहीं होते।
    • (b) हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु चार बंध बनाता है और कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होता।
    • (c) हीरे का गलनांक (melting point) बहुत कम होता है।
    • (d) हीरे में आयनिक बंध पाए जाते हैं।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता (electrical conductivity) पदार्थ में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति पर निर्भर करती है, जो आवेश वाहक के रूप में कार्य करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ पूर्ण सहसंयोजक बंध बनाता है। इसके कारण, सभी 4 संयोजकता इलेक्ट्रॉन बंधों में बंधे होते हैं और कोई भी इलेक्ट्रॉन मुक्त नहीं होता है। इसके विपरीत, ग्रेफाइट में, प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंध बनाता है, और चौथे संयोजकता इलेक्ट्रॉन को प्रत्येक कार्बन परमाणु पर डेलोकलाइज्ड (delocalized) कर दिया जाता है, जो परतों के बीच मुक्त रूप से घूम सकता है और विद्युत धारा का प्रवाह संभव बनाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  6. कार्बन का परमाणु क्रमांक (atomic number) कितना है?

    • (a) 4
    • (b) 5
    • (c) 6
    • (d) 7

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): परमाणु क्रमांक (Z) एक तत्व के नाभिक (nucleus) में प्रोटॉन (protons) की संख्या है, और यह तत्व की पहचान निर्धारित करता है।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन (C) एक रासायनिक तत्व है जिसका परमाणु क्रमांक 6 है। इसका मतलब है कि कार्बन के प्रत्येक परमाणु के नाभिक में 6 प्रोटॉन होते हैं। आवर्त सारणी (periodic table) में, कार्बन समूह 14 (Group 14) और अवधि 2 (Period 2) में स्थित है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  7. उच्च दाब पर हीरे की क्रिस्टल संरचना के निर्माण को नियंत्रित करने वाले प्राथमिक बल क्या हैं?

    • (a) वैन डेर वाल्स बल
    • (b) आयनिक आकर्षण
    • (c) सहसंयोजक बंध
    • (d) हाइड्रोजन बंध

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थों के निर्माण में कणों के बीच लगने वाले अंतरा-आणविक बल (intermolecular forces) या रासायनिक बंध (chemical bonds) उनकी संरचना और गुणों को निर्धारित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की संरचना में, कार्बन परमाणु एक दूसरे के साथ मजबूत सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़े होते हैं। ये मजबूत, दिशात्मक (directional) सहसंयोजक बंध परमाणुओं को एक निश्चित त्रि-आयामी (3D) जाली संरचना में व्यवस्थित करते हैं। उच्च दाब इन बंधों के निर्माण और स्थिरता को और अधिक बढ़ावा देता है, जिससे अत्यंत कठोर हीरे की संरचना बनती है। वैन डेर वाल्स बल दुर्बल होते हैं, आयनिक आकर्षण आयनिक यौगिकों में होता है, और हाइड्रोजन बंध विशेष परिस्थितियों में पाए जाते हैं, लेकिन हीरे के निर्माण में मुख्य बल सहसंयोजक बंध हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. हीरे की ऑप्टिकल (optical) पारदर्शिता के लिए कौन सा कारक जिम्मेदार है?

    • (a) इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं।
    • (b) इसमें खाली डी-ऑर्बिटल्स (empty d-orbitals) होते हैं।
    • (c) इसमें कोई अवशोषित करने योग्य ऊर्जा स्तर (absorbable energy levels) नहीं होते हैं।
    • (d) यह प्रकाश को प्रतिबिंबित करता है।

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ की प्रकाश के प्रति पारदर्शिता (transparency) इस बात पर निर्भर करती है कि वह दृश्य प्रकाश (visible light) की तरंग दैर्ध्य (wavelength) को कितनी अच्छी तरह अवशोषित (absorb) करता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, सभी संयोजकता इलेक्ट्रॉन मजबूत सहसंयोजक बंधों में बंधे होते हैं। इलेक्ट्रॉनों को उत्तेजित (excite) करने के लिए आवश्यक ऊर्जा (ऊर्जा अंतराल/band gap) दृश्य प्रकाश की ऊर्जा से बहुत अधिक होती है। इसका मतलब है कि हीरा दृश्य प्रकाश के फोटॉन (photons) से ऊर्जा अवशोषित नहीं कर पाता है, और प्रकाश इसके माध्यम से बिना अवशोषित हुए पारगमित (transmitted) हो जाता है, जिससे यह पारदर्शी दिखाई देता है। इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते (इसलिए अपारदर्शी होना चाहिए, जैसे धातु)। खाली डी-ऑर्बिटल्स का सीधा संबंध ऑप्टिकल पारदर्शिता से नहीं है। यह प्रकाश को परावर्तित (reflect) करने के बजाय पारगमित करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  9. हीरे की उच्च अपवर्तक सूचकांक (high refractive index) का कारण क्या है?

    • (a) इसके मजबूत सहसंयोजक बंध।
    • (b) इसकी घनी क्रिस्टल संरचना और इलेक्ट्रॉनों की उच्च ध्रुवीकरण क्षमता (polarizability)।
    • (c) इसमें बहुत कम घनत्व (density) होता है।
    • (d) यह प्रकाश को पूर्ण आंतरिक परावर्तन (total internal reflection) के लिए अनुकूलित करता है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का अपवर्तक सूचकांक (refractive index) उसकी घनेपन (density) और उसमें उपस्थित इलेक्ट्रॉनों द्वारा प्रकाश की तरंगों के साथ अंतःक्रिया (interaction) करने की क्षमता (ध्रुवीकरण क्षमता) पर निर्भर करता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तक सूचकांक बहुत अधिक (लगभग 2.42) होता है, जो इसके असाधारण चमक (brilliance) का कारण है। यह उच्च अपवर्तक सूचकांक इसकी घनी क्रिस्टल संरचना (जिसमें कार्बन परमाणु बहुत करीब होते हैं) और कार्बन इलेक्ट्रॉनों की उच्च ध्रुवीकरण क्षमता के कारण होता है। उच्च ध्रुवीकरण क्षमता का अर्थ है कि प्रकाश के विद्युत क्षेत्र (electric field) के प्रभाव में कार्बन के इलेक्ट्रॉन आसानी से विस्थापित हो सकते हैं, जिससे प्रकाश का धीमा होना और मुड़ना (अपवर्तन) बढ़ जाता है। जबकि यह पूर्ण आंतरिक परावर्तन में योगदान देता है, उच्च अपवर्तक सूचकांक स्वयं ही वह प्राथमिक कारण है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  10. हीरे को काटने और चमकाने के लिए आमतौर पर किसका उपयोग किया जाता है?

    • (a) स्टील के औजार
    • (b) अन्य हीरे
    • (c) एल्यूमीनियम ऑक्साइड
    • (d) क्वार्ट्ज

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कठोर पदार्थ (harder material) नरम पदार्थ (softer material) को काट सकता है या उस पर खरोंच (scratch) डाल सकता है।

    व्याख्या (Explanation): मोस कठोरता पैमाने (Mohs hardness scale) पर, हीरे को 10 का स्कोर दिया गया है, जो इसे ज्ञात सभी प्राकृतिक पदार्थों में सबसे कठोर बनाता है। किसी भी अन्य पदार्थ को काटने या चमकाने के लिए, उस पदार्थ से अधिक कठोर पदार्थ की आवश्यकता होती है। इसलिए, हीरे को काटने और चमकाने के लिए केवल अन्य हीरे (या हीरे के कणों से बने औजार) का ही उपयोग किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  11. प्रयोगशाला में हीरे बनाने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?

    • (a) रासायनिक वाष्प निक्षेपण (Chemical Vapor Deposition – CVD)
    • (b) थर्मल क्रैकिंग (Thermal Cracking)
    • (c) पॉलीमराइजेशन (Polymerization)
    • (d) इलेक्ट्रोप्लेटिंग (Electroplating)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सिंथेटिक (synthetic) या कृत्रिम (artificial) हीरे बनाने के लिए विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाएं मौजूद हैं, जिनमें से सीवीडी (CVD) एक प्रमुख तकनीक है।

    व्याख्या (Explanation): रासायनिक वाष्प निक्षेपण (CVD) एक ऐसी विधि है जिसमें एक सब्सट्रेट (substrate) पर गैसों से पतली परतें (thin films) जमा की जाती हैं। हीरे के मामले में, कार्बन युक्त गैसों (जैसे मीथेन) को उच्च तापमान पर विघटित किया जाता है, और कार्बन परमाणु सब्सट्रेट पर जमा होकर हीरे की परत बनाते हैं। उच्च दाब उच्च तापमान (HPHT) विधि भी हीरे बनाने के लिए उपयोग की जाती है, लेकिन प्रश्न विशिष्ट प्रक्रिया का नाम पूछता है और CVD एक आम विधि है। थर्मल क्रैकिंग का उपयोग हाइड्रोकार्बन को तोड़ने के लिए किया जाता है, पॉलीमराइजेशन बहुलकों के निर्माण के लिए, और इलेक्ट्रोप्लेटिंग धातुओं की परत चढ़ाने के लिए।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  12. हीरे के पिघलने के बजाय सीधे गैस में बदलने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?

    • (a) उर्ध्वपातन (Sublimation)
    • (b) वाष्पीकरण (Vaporization)
    • (c) संघनन (Condensation)
    • (d) गलनांक (Melting)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): उर्ध्वपातन (Sublimation) वह प्रक्रिया है जिसमें कोई ठोस सीधे गैस अवस्था में बदल जाता है, बिना द्रव अवस्था से गुजरे।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का गलनांक (melting point) बहुत उच्च (लगभग 3550°C) होता है, लेकिन इससे पहले ही, वायुमंडलीय दाब पर, यह ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलकर (oxidize) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) में परिवर्तित हो जाता है। हालाँकि, यदि इसे अक्रिय वातावरण (inert atmosphere) में गर्म किया जाए, तो यह पिघलने के बजाय उच्च तापमान पर सीधे गैस (कार्बन वाष्प) में बदल सकता है। यह प्रक्रिया उर्ध्वपातन कहलाती है। वाष्पीकरण में द्रव से गैस बनना शामिल है, संघनन गैस से द्रव बनना है, और गलनांक ठोस से द्रव बनना है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  13. हीरे का उपयोग किस प्रकार के औद्योगिक कटिंग औजारों (cutting tools) में किया जाता है?

    • (a) लकड़ी काटने के आरी (wood cutting saws)
    • (b) धातु काटने के ब्लेड (metal cutting blades)
    • (c) कंक्रीट काटने की मशीनें (concrete cutting machines)
    • (d) प्लास्टिक काटने के चाकू (plastic cutting knives)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कठोर पदार्थों को काटने के लिए अत्यधिक कठोर औजारों की आवश्यकता होती है, जो उन्हें पीसने या खरोंचने में सक्षम हों।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता इसे सबसे कठोर सामग्रियों को काटने, पीसने और चमकाने के लिए आदर्श बनाती है। औद्योगिक रूप से, हीरे युक्त ब्लेड और बिट्स का उपयोग कंक्रीट, पत्थर, कांच और अन्य बहुत कठोर निर्माण सामग्री को काटने के लिए किया जाता है। जबकि हीरे धातु को भी काट सकते हैं, अन्य सामग्रियां अधिक लागत प्रभावी होती हैं। लकड़ी और प्लास्टिक जैसी नरम सामग्रियों के लिए हीरे की कठोरता की आवश्यकता नहीं होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  14. हीरे का सबसे सामान्य रंग क्या होता है?

    • (a) हरा
    • (b) नीला
    • (c) रंगहीन (Colorless)
    • (d) लाल

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रत्न (gemstones) का रंग अक्सर उनकी क्रिस्टल संरचना में मौजूद अशुद्धियों (impurities) या क्रिस्टल दोषों (crystal defects) के कारण होता है।

    व्याख्या (Explanation): सबसे मूल्यवान और वांछनीय हीरे वे होते हैं जो पूरी तरह से रंगहीन होते हैं। यह शुद्ध कार्बन संरचना के कारण होता है जिसमें कोई अशुद्धि नहीं होती। हालांकि, हीरे विभिन्न रंगों में भी पाए जाते हैं, जैसे पीला, भूरा, नीला, हरा, गुलाबी, लाल और काला। ये रंग अक्सर नाइट्रोजन, बोरॉन या अन्य तत्वों की ट्रेस मात्रा की उपस्थिति के कारण होते हैं, या संरचनात्मक दोषों के कारण जो प्रकाश को अवशोषित करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  15. हीरे के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?

    • (a) यह बिजली का बहुत अच्छा सुचालक है।
    • (b) यह रासायनिक रूप से बहुत सक्रिय (reactive) है।
    • (c) यह बहुत नरम होता है।
    • (d) यह विद्युत का कुचालक (insulator) है।

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ के भौतिक और रासायनिक गुण उसकी इलेक्ट्रॉनिक संरचना और बंधन (bonding) पर निर्भर करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): जैसा कि पहले चर्चा की गई है, हीरे में सभी संयोजकता इलेक्ट्रॉन बंधों में बंधे होते हैं, जिससे कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होता। इस कारण से, हीरा बिजली का कुचालक (insulator) है। यह अत्यधिक कठोर होता है, नरम नहीं। यह रासायनिक रूप से भी बहुत अक्रिय (inert) होता है, जिसका अर्थ है कि यह आसानी से प्रतिक्रिया नहीं करता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  16. ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में, लगभग 1500°C पर गर्म करने पर हीरा किस में परिवर्तित हो जाएगा?

    • (a) राख
    • (b) कार्बन डाइऑक्साइड
    • (c) कार्बन मोनोऑक्साइड
    • (d) कार्बन वाष्प

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): उच्च तापमान पर, पदार्थ की अवस्था बदल सकती है, और गैसों की अनुपस्थिति में, विघटन (decomposition) या उर्ध्वपातन (sublimation) हो सकता है।

    व्याख्या (Explanation): ऑक्सीजन की अनुपस्थिति (निर्वात या अक्रिय वातावरण) में, हीरे को बहुत उच्च तापमान (लगभग 1500°C) तक गर्म करने पर वह पिघलेगा नहीं, बल्कि सीधे गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाएगा, जिसे कार्बन वाष्प (carbon vapor) कहा जाता है। यदि ऑक्सीजन मौजूद होती, तो हीरा जलकर कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) में परिवर्तित हो जाता। राख सामान्यतः जलने के बाद बचे अकार्बनिक पदार्थ को कहते हैं, और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) अपूर्ण दहन (incomplete combustion) से बनता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  17. हीरे का आणविक सूत्र (molecular formula) क्या है?

    • (a) CO2
    • (b) C
    • (c) H2O
    • (d) CH4

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): आणविक सूत्र किसी पदार्थ के एक अणु में मौजूद परमाणुओं के प्रकार और संख्या को दर्शाता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक अपररूप (allotrope) है। इसका अर्थ है कि यह केवल कार्बन परमाणुओं से बना है। इसलिए, इसका सबसे सरल सूत्र ‘C’ है, जो दर्शाता है कि यह शुद्ध कार्बन है। CO2 कार्बन डाइऑक्साइड है, H2O पानी है, और CH4 मीथेन है, जो सभी अन्य तत्वों से बने हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  18. हीरे की कठोरता को मापने के लिए किस पैमाने का उपयोग किया जाता है?

    • (a) सेल्सियस पैमाना (Celsius scale)
    • (b) रिक्टर पैमाना (Richter scale)
    • (c) मोस कठोरता पैमाना (Mohs hardness scale)
    • (d) केल्विन पैमाना (Kelvin scale)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विभिन्न पैमानों का उपयोग विभिन्न भौतिक गुणों को मापने के लिए किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): पदार्थों की सापेक्षिक कठोरता (relative hardness) को मापने के लिए मोस कठोरता पैमाने का उपयोग किया जाता है। यह पैमाना 10 खनिजों पर आधारित है, जिनमें टैल्क (1) सबसे नरम और हीरा (10) सबसे कठोर है। प्रत्येक खनिज को उसके नीचे वाले खनिज पर खरोंच डालने की क्षमता के आधार पर एक संख्या दी जाती है। सेल्सियस और केल्विन तापमान मापने के लिए हैं, और रिक्टर पैमाना भूकंपीय तीव्रता (seismic intensity) को मापने के लिए है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  19. हीरे में कार्बन-कार्बन सहसंयोजक बंधों की लंबाई कितनी होती है?

    • (a) लगभग 154 पिकोमीटर (pm)
    • (b) लगभग 120 पिकोमीटर (pm)
    • (c) लगभग 142 पिकोमीटर (pm)
    • (d) लगभग 200 पिकोमीटर (pm)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंध लंबाई (covalent bond length) परमाणुओं के आकार और उनके बीच बने बंध की प्रकृति पर निर्भर करती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन-कार्बन एकल सहसंयोजक बंध की लंबाई लगभग 154 पिकोमीटर (pm) होती है। यह एक बहुत ही मजबूत और स्थिर बंध है जो हीरे की संरचनात्मक अखंडता में योगदान देता है। 120 pm आमतौर पर कार्बन-कार्बन द्विबंध (double bond) की लंबाई के करीब होता है, और 142 pm ग्रेफाइट में कार्बन-कार्बन बंध की लंबाई के करीब है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  20. हीरा ताप का कुचालक (thermal insulator) है या सुचालक (thermal conductor)?

    • (a) कुचालक
    • (b) सुचालक
    • (c) यह तापमान पर निर्भर करता है
    • (d) यह अध्रुवी (nonpolar) है, इसलिए कोई चालकता नहीं

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ताप चालकता (thermal conductivity) पदार्थ में ऊष्मा के संचरण की क्षमता है, जो अक्सर कंपन (vibrations) या आवेश वाहकों (charge carriers) से जुड़ी होती है।

    व्याख्या (Explanation): अपनी इलेक्ट्रॉनिक संरचना के कारण हीरा बिजली का कुचालक होता है, लेकिन यह ताप का एक उत्कृष्ट सुचालक (excellent thermal conductor) है, जो ज्ञात प्राकृतिक पदार्थों में सबसे अच्छा माना जाता है। इसकी उच्च ताप चालकता की वजह इसकी घनी क्रिस्टल संरचना में परमाणुओं के कंपन (phonons) का कुशल संचरण है। यही कारण है कि हीरे का उपयोग उच्च-प्रदर्शन वाले इलेक्ट्रॉनिक्स में हीट सिंक (heat sinks) के रूप में भी किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. हीरे में कार्बन परमाणुओं के बीच बंध कोण (bond angle) कितना होता है?

    • (a) 90°
    • (b) 109.5°
    • (c) 120°
    • (d) 180°

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): sp3 संकरण (hybridization) वाले परमाणुओं के लिए आदर्श बंध कोण चतुष्फलकीय (tetrahedral) ज्यामिति में 109.5° होता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की क्रिस्टल संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु sp3 संकरित (hybridized) होता है और चार अन्य कार्बन परमाणुओं से चतुष्फलकीय रूप से जुड़ा होता है। इस चतुष्फलकीय व्यवस्था में, बंधों के बीच का कोण लगभग 109.5° होता है। यह विशिष्ट कोण हीरे की घनी और स्थिर त्रि-आयामी (3D) संरचना का निर्माण करता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  22. हीरे का उपयोग लेजर (laser) मशीनों में किस लिए किया जाता है?

    • (a) लेजर प्रकाश को अवशोषित करने के लिए
    • (b) लेजर की सतह को चिकना करने के लिए
    • (c) लेजर उत्सर्जित करने के लिए
    • (d) लेजर बीम को केंद्रित (focus) करने के लिए

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): उच्च अपवर्तक सूचकांक (refractive index) वाली सामग्री प्रकाश को मोड़कर उसे केंद्रित करने में मदद करती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे के उच्च अपवर्तक सूचकांक (लगभग 2.42) के कारण, यह प्रकाश किरणों को बहुत अधिक मोड़ता है। लेजर कटिंग और ड्रिलिंग मशीनों में, हीरे के लेंस या लेंस के घटकों का उपयोग लेजर बीम को बहुत सटीक बिंदु पर केंद्रित करने के लिए किया जाता है, जिससे सामग्री को कुशलतापूर्वक काटा या छिद्रित किया जा सके।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  23. हीरे की सफेदी (whiteness) और चमक (brilliance) का मुख्य कारण क्या है?

    • (a) उच्च घनत्व
    • (b) निम्न अपवर्तक सूचकांक
    • (c) प्रकाश के साथ जटिल अंतःक्रिया (जैसे अपवर्तन और फैलाव)
    • (d) रासायनिक निष्क्रियता

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी रत्न की चमक और सफेदी उसके प्रकाश को परावर्तित (reflect) करने, अपवर्तित (refract) करने और फैलाव (disperse) करने की क्षमता पर निर्भर करती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण चमक और सफेदी उसके दो प्रमुख गुणों के कारण होती है: उच्च अपवर्तक सूचकांक (High Refractive Index) और फैलाव (Dispersion)। उच्च अपवर्तक सूचकांक प्रकाश को हीरे के अंदर अधिक बार और तेजी से मोड़ने का कारण बनता है, जिससे ‘आग’ (fire) उत्पन्न होती है। फैलाव, जिसे ‘डिस्पर्सिव पावर’ (dispersive power) भी कहा जाता है, का मतलब है कि हीरा विभिन्न रंगों के प्रकाश को अलग-अलग डिग्री तक मोड़ता है। जब सफेद प्रकाश हीरे के अंदर प्रवेश करता है, तो यह विभिन्न रंगों में विभाजित हो जाता है, जिससे इंद्रधनुषी प्रभाव (rainbow effect) उत्पन्न होता है, जो इसकी चमक को बढ़ाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  24. हीरे का कौन सा गुण इसे अल्ट्रावायलेट (UV) प्रकाश के तहत चमकने (fluoresce) का कारण बनता है?

    • (a) इलेक्ट्रॉन आवेश
    • (b) क्रिस्टल में मौजूद नाइट्रोजन अशुद्धियाँ
    • (c) मुक्त इलेक्ट्रॉन
    • (d) उच्च तापमान

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कुछ पदार्थ ऊर्जा अवशोषित करने पर प्रकाश उत्सर्जित करते हैं, यह घटना प्रतिदीप्ति (fluorescence) कहलाती है।

    व्याख्या (Explanation): लगभग 30% हीरों में नाइट्रोजन की ट्रेस मात्रा होती है, जो क्रिस्टल जाली में कार्बन परमाणुओं की जगह ले लेती है। ये नाइट्रोजन केंद्र यूवी प्रकाश से ऊर्जा अवशोषित कर सकते हैं और फिर दृश्य प्रकाश (अक्सर नीला या पीला) के रूप में ऊर्जा को पुनः उत्सर्जित कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रतिदीप्ति (fluorescence) होती है। यह गुण अक्सर हीरे के वर्गीकरण (grading) में भी उपयोगी होता है। मुक्त इलेक्ट्रॉन बिजली के सुचालक होते हैं, और इलेक्ट्रॉन आवेश भी सीधे प्रतिदीप्ति से जुड़ा नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  25. हीरे को ‘सबसे अच्छा मित्र’ (a girl’s best friend) क्यों कहा जाता है?

    • (a) यह बहुत महंगा होता है।
    • (b) यह बहुत कठोर होता है।
    • (c) यह टिकाऊ और दुर्लभ होने के साथ-साथ सुंदर भी होता है।
    • (d) यह महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करता है।

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी वस्तु का सांस्कृतिक और भावनात्मक मूल्य अक्सर उसके भौतिक गुणों, दुर्लभता और इतिहास से जुड़ा होता है।

    व्याख्या (Explanation): “हीरा उसका सबसे अच्छा दोस्त है” (A diamond is a girl’s best friend) प्रसिद्ध गीत से आया एक मुहावरा है। यह कथन हीरे के विभिन्न गुणों को दर्शाता है: यह टिकाऊ (durable) है (कठोरता और स्थायित्व), दुर्लभ (rare) है (जो इसके मूल्य को बढ़ाता है), और सुंदर (beautiful) है (चमक, सफेदी, फैलाव के कारण)। ये सभी गुण मिलकर हीरे को एक प्रतिष्ठित और मूल्यवान रत्न बनाते हैं, खासकर आभूषणों में। हालांकि यह महंगा है, लेकिन केवल कीमत इसे ‘सबसे अच्छा दोस्त’ नहीं बनाती।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  26. हीरे का क्वथनांक (boiling point) क्या है?

    • (a) 2500°C
    • (b) 3550°C
    • (c) 4000°C
    • (d) 4500°C

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थ का क्वथनांक वह तापमान है जिस पर वह द्रव से गैस में बदलता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का एक अत्यंत उच्च गलनांक (melting point) होता है, जो लगभग 3550°C (या 6422°F) के आसपास माना जाता है। वायुमंडलीय दाब पर, यह इस तापमान तक पहुँचने से पहले ही उर्ध्वपातित (sublimate) या जल सकता है। इसलिए, सीधे तौर पर ‘क्वथनांक’ के बजाय, हम अक्सर उर्ध्वपातन तापमान का उल्लेख करते हैं। लेकिन दिए गए विकल्पों में, 3550°C इसके गलनांक को दर्शाता है, जो पिघलने से पहले की अवस्था है, और अक्सर इसे इस संदर्भ में उद्धृत किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

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