हीरों पर गहन अध्ययन: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सामान्य विज्ञान का अभ्यास अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह खंड भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को कवर करता है, जिससे उम्मीदवारों को अपने ज्ञान का परीक्षण करने और महत्वपूर्ण अवधारणाओं को गहराई से समझने में मदद मिलती है। ‘Doubling Down on Diamond’ जैसे सामयिक संकेत हमें विज्ञान के विविध क्षेत्रों में अपनी पकड़ को मजबूत करने का अवसर प्रदान करते हैं।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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हीरे की संरचना का मूल निर्माण खंड क्या है?
- (a) कार्बन परमाणु
- (b) सिलिकॉन परमाणु
- (c) नाइट्रोजन परमाणु
- (d) ऑक्सीजन परमाणु
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे कार्बन का एक अपरूप (allotrope) है।
व्याख्या (Explanation): हीरा शुद्ध कार्बन से बना होता है, जिसमें कार्बन परमाणु चतुष्फलकीय (tetrahedral) रूप से एक दूसरे से सहसंयोजक बंध (covalent bonds) द्वारा जुड़े होते हैं। यह विशिष्ट संरचना हीरे को उसकी असाधारण कठोरता और चमक प्रदान करती है। सिलिकॉन, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन अन्य तत्व हैं जो हीरे की संरचना का हिस्सा नहीं होते।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे की अत्यधिक कठोरता का मुख्य कारण क्या है?
- (a) आयनिक बंध
- (b) सहसंयोजक बंध
- (c) धात्विक बंध
- (d) वान डेर वाल्स बल
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंध परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से बनते हैं और बहुत मजबूत होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से मजबूत सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है। यह एक विशाल त्रिविमीय (3D) जाली संरचना बनाता है। इन बंधों को तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके कारण हीरा अत्यंत कठोर होता है। आयनिक बंध आयनों के बीच, धात्विक बंध धातुओं में और वान डेर वाल्स बल कमजोर अंतर-आणविक बल होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) उच्च क्यों होता है, जिसके कारण वह इतना चमकीला दिखाई देता है?
- (a) इलेक्ट्रॉनों की कम संख्या
- (b) प्रकाश के धीमे वेग के कारण
- (c) उच्च घनत्व
- (d) कार्बन-कार्बन बंधों की विशिष्ट व्यवस्था
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक प्रकाश के किसी माध्यम में यात्रा करने की गति से संबंधित है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की आणविक संरचना प्रकाश को अत्यंत कुशलता से मोड़ने (refract) और आंतरिक परावर्तन (internal reflection) करने की अनुमति देती है। कार्बन परमाणुओं की घनी और व्यवस्थित व्यवस्था प्रकाश किरणों को हीरे के भीतर कई बार परावर्तित करती है, जिससे वह चमकीला दिखाई देता है। इसका उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) इसी व्यवस्था का परिणाम है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरा विद्युत का कुचालक (insulator) क्यों होता है, जबकि ग्रेफाइट (कार्बन का एक और अपरूप) विद्युत का सुचालक होता है?
- (a) हीरे में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते
- (b) हीरे का गलनांक बहुत अधिक होता है
- (c) हीरे में आयनिक बंध होते हैं
- (d) हीरे का घनत्व कम होता है
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए पदार्थ में मुक्त या अस्थानीकृत (delocalized) इलेक्ट्रॉनों का होना आवश्यक है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों द्वारा मजबूती से जुड़ा होता है, और सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन (valence electrons) बंध बनाने में भाग लेते हैं। इस प्रकार, हीरे में कोई भी मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते जो विद्युत धारा का संचालन कर सकें। इसके विपरीत, ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु केवल तीन अन्य परमाणुओं से जुड़े होते हैं, और चौथा संयोजी इलेक्ट्रॉन प्रत्येक परमाणु पर अस्थानीकृत होता है, जिससे वह विद्युत का सुचालक बनता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे को काटने या घिसने के लिए किस पदार्थ का उपयोग किया जाता है?
- (a) स्टील
- (b) क्वार्ट्ज़
- (c) टंगस्टन कार्बाइड
- (d) हीरा
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कठोर पदार्थ का उपयोग करके ही नरम पदार्थों को काटा या घिसा जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): मोस कठोरता पैमाने (Mohs Hardness Scale) पर, हीरे को 10 का स्कोर दिया गया है, जो इसे सबसे कठोर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ बनाता है। किसी भी अन्य पदार्थ की तुलना में हीरे को केवल हीरे से ही काटा या घिसा जा सकता है। स्टील, क्वार्ट्ज़ और टंगस्टन कार्बाइड हीरे की तुलना में काफी नरम होते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे का मुख्य रासायनिक तत्व क्या है?
- (a) सिलिकॉन (Si)
- (b) कार्बन (C)
- (c) जर्मेनियम (Ge)
- (d) टिन (Sn)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे का रासायनिक सूत्र C होता है।
व्याख्या (Explanation): जैसा कि पहले बताया गया है, हीरा कार्बन का एक शुद्ध अपरूप है। यह केवल कार्बन परमाणुओं से ही बना है जो एक विशिष्ट क्रिस्टल संरचना में व्यवस्थित होते हैं। अन्य विकल्प (सिलिकॉन, जर्मेनियम, टिन) अर्धचालक (semiconductors) हैं और हीरे की संरचना या रासायनिक संगठन से भिन्न हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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तापमान के संबंध में, उच्च तापमान पर हीरा किसमें परिवर्तित हो जाता है?
- (a) ग्रेफाइट
- (b) कालिख (Soot)
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड
- (d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊष्मगतिकी (thermodynamics) के अनुसार, उच्च तापमान पर अधिक स्थिर संरचनाएं बनती हैं।
व्याख्या (Explanation): हवा की अनुपस्थिति में, हीरे को लगभग 1500 डिग्री सेल्सियस से ऊपर गर्म करने पर यह धीरे-धीरे ग्रेफाइट में परिवर्तित हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ग्रेफाइट हीरे की तुलना में उच्च तापमान पर अधिक स्थिर होता है। यदि हवा की उपस्थिति में गरम किया जाए, तो उच्च तापमान पर वह जलकर कार्बन डाइऑक्साइड बना लेगा।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे का गलनांक (melting point) अत्यंत उच्च क्यों होता है?
- (a) इसमें कमजोर अंतर-आणविक बल होते हैं
- (b) इसके परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधों का एक विशाल नेटवर्क होता है
- (c) इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं
- (d) यह एक गैसीय यौगिक है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थों के गलनांक उनकी आणविक संरचना में परमाणुओं या अणुओं को एक साथ रखने वाले बंधों की मजबूती से निर्धारित होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे की त्रिविमीय जाली में, कार्बन परमाणुओं के बीच बहुत मजबूत सहसंयोजक बंध होते हैं। इन बंधों को तोड़ने और पदार्थ को पिघलाने के लिए अत्यधिक उच्च ऊर्जा की आवश्यकता होती है। वास्तव में, हीरे का गलनांक इतना अधिक होता है कि सामान्य वायुमंडलीय दबाव पर यह पिघलने के बजाय विघटित (decompose) हो जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे की विशिष्ट चमक, जिसे “दमक” (brilliance) कहा जाता है, निम्न में से किस घटना का परिणाम है?
- (a) अवशोषण (absorption)
- (b) विवर्तन (diffraction)
- (c) आंतरिक परावर्तन (internal reflection)
- (d) प्रकीर्णन (scattering)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाता है, तो यह क्रांतिक कोण (critical angle) से अधिक कोण पर आपतित होने पर पूर्ण आंतरिक परावर्तन से गुजरता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) और उचित कटाई (faceting) सुनिश्चित करती है कि जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो वह उसके अंदर कई बार परावर्तित होता है (आंतरिक परावर्तन) और अंततः फिर से हवा में बाहर निकलने से पहले कई कोणों से बाहर निकलता है। यह बार-बार होने वाला आंतरिक परावर्तन हीरे को उसकी विशिष्ट दमक और “आग” (fire) प्रदान करता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे की शुद्धता का पता लगाने के लिए किस प्रकार के स्पेक्ट्रोस्कोपिक (spectroscopic) तरीके का उपयोग किया जा सकता है?
- (a) अवशोषण स्पेक्ट्रोस्कोपी (Absorption Spectroscopy)
- (b) उत्सर्जक स्पेक्ट्रोस्कोपी (Emission Spectroscopy)
- (c) अवरक्त स्पेक्ट्रोस्कोपी (Infrared Spectroscopy)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न स्पेक्ट्रोस्कोपिक तकनीकें पदार्थों के आणविक और परमाणु संरचना का विश्लेषण करने के लिए विद्युत चुम्बकीय विकिरण के साथ उनकी परस्पर क्रिया का उपयोग करती हैं।
व्याख्या (Explanation): अवशोषण, उत्सर्जन और अवरक्त स्पेक्ट्रोस्कोपी सभी को हीरे की शुद्धता, प्रकार और संभावित अशुद्धियों (जैसे नाइट्रोजन या बोरॉन) का पता लगाने के लिए नियोजित किया जा सकता है। अवरक्त स्पेक्ट्रोस्कोपी विशेष रूप से हीरे में मौजूद कार्बन-नाइट्रोजन बंधों की पहचान करने में उपयोगी है, जो उसकी ऑप्टिकल गुणों को प्रभावित करते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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निम्न में से कौन सा कथन हीरे के बारे में सत्य नहीं है?
- (a) यह सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थों में से एक है।
- (b) यह विद्युत का अच्छा संवाहक है।
- (c) यह ऊष्मा का अच्छा संवाहक है।
- (d) यह शुद्ध कार्बन से बना है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए मुक्त इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है, जो हीरे में अनुपस्थित होते हैं।
व्याख्या (Explanation): जैसा कि प्रश्न 4 में बताया गया है, हीरे में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं, इसलिए यह विद्युत का कुचालक (insulator) है, संवाहक (conductor) नहीं। अन्य सभी कथन सत्य हैं: यह अत्यंत कठोर है, ऊष्मा का उत्कृष्ट संवाहक है, और शुद्ध कार्बन से बना है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरा (Diamond) किस क्रिस्टल प्रणाली (crystal system) से संबंधित है?
- (a) षट्कोणीय (Hexagonal)
- (b) घनीय (Cubic)
- (c) चतुष्कोणीय (Tetragonal)
- (d) विषमलंबाक्ष (Orthorhombic)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल प्रणाली क्रिस्टल संरचना के समरूपता तत्वों (symmetry elements) द्वारा परिभाषित होती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की परमाणुओं की चतुष्फलकीय व्यवस्था के कारण, यह घनीय (cubic) क्रिस्टल प्रणाली के अंतर्गत आता है। विशेष रूप से, यह फेस-सेंटर्ड क्यूबिक (FCC) जाली के एक प्रकार से संबंधित है जिसे डायमंड क्यूबिक जाली कहा जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का उपयोग किसमें किया जाता है?
- (a) कटाई और पॉलिशिंग उपकरण
- (b) चिकित्सा उपकरण
- (c) इलेक्ट्रॉनिक्स
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे के अद्वितीय भौतिक गुण इसे विभिन्न उच्च-प्रदर्शन अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): अपनी अत्यधिक कठोरता के कारण, हीरे का व्यापक रूप से कटाई, ड्रिलिंग और पीसने वाले उपकरणों में उपयोग किया जाता है। इसकी उच्च तापीय चालकता (thermal conductivity) और विद्युत विसंजन (electrical insulation) इसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों के लिए उपयोगी बनाते हैं, जैसे कि उच्च-शक्ति वाले उपकरणों के लिए हीट सिंक। इसे बायोकंपैटिबल (biocompatible) भी माना जाता है, जिससे यह चिकित्सा उपकरणों में संभावित अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त हो जाता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जब हीरे को उच्च तापमान पर जलाया जाता है, तो यह मुख्य रूप से क्या बनाता है?
- (a) पानी (H₂O)
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- (c) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
- (d) नाइट्रोजन (N₂)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन का ऑक्सीजन की अधिकता में पूर्ण दहन (complete combustion) कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करता है।
व्याख्या (Explanation): यदि हीरे को पर्याप्त ऑक्सीजन की उपस्थिति में गर्म किया जाता है, तो कार्बन परमाणु ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनाते हैं। यह प्रतिक्रिया एक्सोथर्मिक (exothermic) होती है, जिसका अर्थ है कि यह गर्मी जारी करती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के औद्योगिक उपयोग के लिए, अक्सर किस प्रकार के हीरे का उपयोग किया जाता है?
- (a) रत्न-गुणवत्ता वाले (gem-quality) हीरे
- (b) औद्योगिक-ग्रेड (industrial-grade) या बोर्ट (bort)
- (c) सिंथेटिक हीरे
- (d) दोनों (b) और (c)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए मुख्य रूप से उन हीरे की आवश्यकता होती है जिनमें कठोरता और स्थायित्व जैसे यांत्रिक गुण हों, न कि विशेष ऑप्टिकल गुण।
व्याख्या (Explanation): जबकि रत्न-गुणवत्ता वाले हीरे अपनी चमक और सुंदरता के लिए मूल्यवान होते हैं, औद्योगिक कटाई, ड्रिलिंग और पॉलिशिंग जैसे कार्यों के लिए कम शुद्धता वाले, अनियमित आकार के हीरे (जिन्हें बोर्ट या औद्योगिक-ग्रेड हीरे कहा जाता है) पर्याप्त होते हैं। इसके अतिरिक्त, उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT) या रासायनिक वाष्प जमाव (CVD) जैसी प्रक्रियाओं का उपयोग करके कृत्रिम रूप से बनाए गए सिंथेटिक हीरे भी औद्योगिक अनुप्रयोगों में तेजी से उपयोग किए जा रहे हैं, जो अक्सर लागत प्रभावी होते हैं और विशिष्ट गुणों के लिए अनुकूलित किए जा सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरा ऊष्मा का इतना अच्छा संवाहक क्यों है, जबकि यह विद्युत का कुचालक है?
- (a) इसमें मुक्त आयन होते हैं
- (b) इसकी क्रिस्टल संरचना में कंपन (vibrations) के माध्यम से ऊष्मा का कुशल हस्तांतरण होता है, जिसे फोनन (phonons) कहते हैं, और इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते।
- (c) इसमें आवेशित कणों का संचलन होता है
- (d) इसमें कमजोर बंध होते हैं
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ठोस पदार्थों में ऊष्मा का चालन मुख्य रूप से दो तंत्रों द्वारा होता है: मुक्त इलेक्ट्रॉनों द्वारा (धातुओं में आम) और जाली कंपन (lattice vibrations) द्वारा (जिसे फोनन कहते हैं)।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, मजबूत सहसंयोजक बंध परमाणुओं को बहुत कसकर एक साथ रखते हैं। जब ऊष्मा लागू की जाती है, तो ये परमाणु कंपन करते हैं, और ये कंपन (फोनन) जाली के माध्यम से बहुत तेज़ी से यात्रा करते हैं, जिससे ऊष्मा का कुशल हस्तांतरण होता है। हालांकि, चूंकि हीरे में विद्युत धारा का संचालन करने के लिए कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं, इसलिए यह विद्युत का कुचालक होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे को ‘कार्बन का सबसे शुद्ध रूप’ क्यों कहा जाता है?
- (a) क्योंकि इसमें केवल कार्बन परमाणु होते हैं और कोई अन्य तत्व नहीं।
- (b) क्योंकि इसका गलनांक सबसे अधिक होता है।
- (c) क्योंकि यह सबसे कठोर होता है।
- (d) क्योंकि यह सबसे चमकीला होता है।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का शुद्ध रूप वह होता है जो केवल एक ही तत्व से बना हो, जिसमें कोई अन्य अशुद्धि न हो।
व्याख्या (Explanation): आदर्श हीरे में, केवल कार्बन परमाणु ही मौजूद होते हैं जो एक विशिष्ट क्रिस्टल संरचना में व्यवस्थित होते हैं। जबकि प्राकृतिक हीरे में थोड़ी मात्रा में नाइट्रोजन या बोरॉन जैसी अशुद्धियाँ हो सकती हैं, यह माना जाता है कि शुद्ध रूप केवल कार्बन का होता है। अन्य विकल्प (उच्च गलनांक, कठोरता, चमक) इसके भौतिक गुण हैं, न कि इसकी रासायनिक शुद्धता के प्रत्यक्ष संकेतक।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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निम्नलिखित में से किस दाब और तापमान की स्थिति में सिंथेटिक हीरे का उत्पादन किया जाता है?
- (a) कम दाब, उच्च तापमान
- (b) उच्च दाब, निम्न तापमान
- (c) उच्च दाब, उच्च तापमान
- (d) कम दाब, कम तापमान
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे की संरचना के निर्माण के लिए उच्च दाब और तापमान की आवश्यकता होती है, जो पृथ्वी की क्रस्ट के नीचे की प्राकृतिक परिस्थितियों के समान हैं।
व्याख्या (Explanation): सिंथेटिक हीरे बनाने की सबसे आम विधि, जिसे उच्च दाब, उच्च तापमान (HPHT) विधि कहा जाता है, में कार्बन स्रोत (जैसे ग्रेफाइट) को उत्प्रेरक धातु (जैसे निकल या लोहा) के साथ एक कक्ष में रखा जाता है। फिर इस कक्ष को अत्यंत उच्च दाब (लगभग 5-6 GPa) और उच्च तापमान (लगभग 1300-1600 °C) पर गर्म किया जाता है। इन परिस्थितियों में, कार्बन धातु में घुल जाता है और फिर ठंडा होने पर हीरे के रूप में अवक्षेपित (precipitate) हो जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव शरीर में, कोशिका झिल्ली (cell membrane) के निर्माण में मुख्य रूप से कौन से बायोमोलेक्यूल्स (biomolecules) शामिल होते हैं?
- (a) कार्बोहाइड्रेट
- (b) प्रोटीन
- (c) लिपिड (वसा)
- (d) न्यूक्लिक एसिड
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिका झिल्ली मुख्य रूप से फॉस्फोलिपिड्स (phospholipids) से बनी एक द्वि-परत (bilayer) होती है।
व्याख्या (Explanation): कोशिका झिल्ली की मूल संरचना लिपिड से बनी होती है, विशेष रूप से फॉस्फोलिपिड्स, जिनमें एक हाइड्रोफिलिक (जल-प्रेमी) सिर और एक हाइड्रोफोबिक (जल-विरोधी) पूंछ होती है। ये अणु मिलकर एक द्वि-परत बनाते हैं जिसमें हाइड्रोफिलिक सिर बाहर की ओर (कोशिका के बाहरी वातावरण और साइटोप्लाज्म की ओर) और हाइड्रोफोबिक पूंछ अंदर की ओर उन्मुख होती हैं। कोशिका झिल्ली में प्रोटीन और कुछ कार्बोहाइड्रेट भी शामिल होते हैं, लेकिन लिपिड इसकी संरचनात्मक रीढ़ बनाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव पाचन तंत्र में, प्रोटीन का पाचन सबसे पहले किस एंजाइम द्वारा शुरू होता है?
- (a) एमाइलेज (Amylase)
- (b) लाइपेज (Lipase)
- (c) पेप्सिन (Pepsin)
- (d) न्यूक्लिएज (Nuclease)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रोटीन को पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलाओं में तोड़ा जाता है, जिसे पेप्टाइड बंधों को तोड़कर छोटे पेप्टाइड्स और फिर अमीनो एसिड में परिवर्तित किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): प्रोटीन का पाचन मुंह में शुरू नहीं होता है। यह पेट में शुरू होता है, जहां गैस्ट्रिक जूस में मौजूद पेप्सिन नामक एंजाइम प्रोटीन को पॉलीपेप्टाइड नामक छोटे अणुओं में तोड़ना शुरू कर देता है। एमाइलेज कार्बोहाइड्रेट का पाचन करता है, लाइपेज वसा का पाचन करता है, और न्यूक्लिएज न्यूक्लिक एसिड का पाचन करता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) की प्रक्रिया में, पौधे सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके क्या बनाते हैं?
- (a) ऑक्सीजन और जल
- (b) ग्लूकोज (शर्करा) और ऑक्सीजन
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड और जल
- (d) नाइट्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण एक प्रक्रिया है जिसमें पौधे कार्बन डाइऑक्साइड और जल को सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके ऑक्सीजन और ग्लूकोज (एक प्रकार की शर्करा) में परिवर्तित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण का सामान्य समीकरण इस प्रकार है: 6CO₂ (कार्बन डाइऑक्साइड) + 6H₂O (जल) + प्रकाश ऊर्जा → C₆H₁₂O₆ (ग्लूकोज) + 6O₂ (ऑक्सीजन)। इस प्रकार, पौधे अपने भोजन (ग्लूकोज) का निर्माण करते हैं और उप-उत्पाद के रूप में ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जो हमारे श्वसन के लिए आवश्यक है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव श्वसन तंत्र में, गैसों का आदान-प्रदान (exchange of gases) मुख्य रूप से कहाँ होता है?
- (a) ट्रेकिआ (Trachea)
- (b) ब्रोंची (Bronchi)
- (c) वायुकोशिकाएँ (Alveoli)
- (d) डायाफ्राम (Diaphragm)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): गैस विनिमय के लिए वायुकोशिकाएँ अत्यधिक विशिष्ट संरचनाएँ हैं, जिनमें पतली दीवारें और एक बड़ा सतह क्षेत्र होता है।
व्याख्या (Explanation): फेफड़ों में छोटी, थैली जैसी संरचनाएँ जिन्हें वायुकोशिकाएँ (alveoli) कहते हैं, गैसों के आदान-प्रदान का मुख्य स्थल हैं। इन वायुकोशिकाओं की पतली दीवारों से ऑक्सीजन रक्त में प्रवेश करती है, और कार्बन डाइऑक्साइड रक्त से वायुकोशिकाओं में प्रवेश करती है ताकि उसे बाहर निकाला जा सके। ट्रेकिआ और ब्रोंची वायु को फेफड़ों तक ले जाने वाली नलिकाएं हैं, जबकि डायाफ्राम श्वसन में मदद करने वाली एक मांसपेशी है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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डीएनए (DNA) का पूर्ण रूप क्या है?
- (a) डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic Acid)
- (b) डिराइबोन्यूक्लिक एसिड (Deribonucleic Acid)
- (c) डाइऑक्सीन्यूक्लिक एसिड (Dioxyribonucleic Acid)
- (d) डीऑक्सीन्यूक्लिक एसिड (Deoxynewcleic Acid)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): डीएनए एक जटिल अणु है जो सभी ज्ञात जीवित जीवों और कई वायरस के आनुवंशिक निर्देशों को ले जाता है।
व्याख्या (Explanation): डीएनए का पूरा नाम डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड है। यह एक डबल हेलिक्स संरचना में व्यवस्थित शर्करा (डीऑक्सीराइबोज), फॉस्फेट समूह और चार नाइट्रोजनस बेस (एडेनिन, गुआनिन, साइटोसिन और थाइमिन) से बना होता है। यह हमारे आनुवंशिक कोड को संग्रहीत करता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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मानव शरीर में रक्त का पीएच (pH) मान सामान्यतः कितना होता है?
- (a) 6.5 – 7.0
- (b) 7.35 – 7.45
- (c) 7.5 – 8.0
- (d) 8.0 – 8.5
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव शरीर के तरल पदार्थ एक संकीर्ण पीएच सीमा के भीतर बनाए रखे जाते हैं, जो विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है।
व्याख्या (Explanation): मानव रक्त थोड़ा क्षारीय (alkaline) होता है, जिसका औसत पीएच मान लगभग 7.35 से 7.45 के बीच होता है। यह संतुलन बनाए रखने के लिए शरीर में विभिन्न बफर सिस्टम (buffer systems) काम करते हैं। पीएच में मामूली विचलन भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कोशिका के किस अंग को “ऊर्जा घर” (powerhouse of the cell) कहा जाता है?
- (a) नाभिक (Nucleus)
- (b) राइबोसोम (Ribosome)
- (c) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
- (d) लाइसोसोम (Lysosome)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): माइटोकॉन्ड्रिया वह कोशिका अंग है जो कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) के माध्यम से एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) के रूप में अधिकांश कोशिकीय ऊर्जा का उत्पादन करता है।
व्याख्या (Explanation): माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका के लिए आवश्यक अधिकांश ऊर्जा का उत्पादन करते हैं, जिसे एटीपी (ATP) के रूप में संग्रहीत किया जाता है। इसलिए, उन्हें कोशिका का “ऊर्जा घर” कहा जाता है। नाभिक आनुवंशिक सामग्री को नियंत्रित करता है, राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण करते हैं, और लाइसोसोम कोशिका के अपशिष्ट को पचाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव शरीर में सबसे बड़ी ग्रंथि (largest gland) कौन सी है?
- (a) अग्न्याशय (Pancreas)
- (b) पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary gland)
- (c) थायराइड ग्रंथि (Thyroid gland)
- (d) यकृत (Liver)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव शरीर में अंगों के आकार के आधार पर वर्गीकरण किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): यकृत (Liver) मानव शरीर में सबसे बड़ा आंतरिक अंग और सबसे बड़ी ग्रंथि है। यह शरीर के वजन का लगभग 1.5% होता है। यह कई महत्वपूर्ण कार्य करता है, जिसमें पित्त का उत्पादन, विषहरण (detoxification) और चयापचय (metabolism) शामिल हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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ध्वनि की गति (speed of sound) निर्वात (vacuum) में कितनी होती है?
- (a) लगभग 343 मीटर प्रति सेकंड
- (b) लगभग 0 मीटर प्रति सेकंड
- (c) लगभग 3 x 10⁸ मीटर प्रति सेकंड
- (d) यह माध्यम पर निर्भर करता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ध्वनि तरंगें यांत्रिक तरंगें (mechanical waves) होती हैं, जिन्हें संचरण के लिए एक माध्यम की आवश्यकता होती है।
व्याख्या (Explanation): ध्वनि तरंगों को यात्रा करने के लिए परमाणुओं या अणुओं जैसे कणों के माध्यम से कंपन की आवश्यकता होती है। निर्वात में कोई कण नहीं होते, इसलिए ध्वनि तरंगें निर्वात में यात्रा नहीं कर सकतीं। ध्वनि की गति हवा में लगभग 343 मीटर प्रति सेकंड (मानक तापमान और दबाव पर) होती है, और प्रकाश की गति (जो एक विद्युत चुम्बकीय तरंग है) लगभग 3 x 10⁸ मीटर प्रति सेकंड होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम (electromagnetic spectrum) में, एक्स-रे (X-rays) की तरंगदैर्ध्य (wavelength) की तुलना में गामा किरणों (gamma rays) की तरंगदैर्ध्य:
- (a) अधिक होती है
- (b) कम होती है
- (c) समान होती है
- (d) शून्य होती है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में, तरंगदैर्ध्य और आवृत्ति (frequency) व्युत्क्रमानुपाती (inversely proportional) होते हैं, और ऊर्जा सीधे आवृत्ति के समानुपाती (directly proportional) होती है।
व्याख्या (Explanation): विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में, ऊर्जा का क्रम (कम से अधिक): रेडियो तरंगें, माइक्रोवेव, अवरक्त, दृश्य प्रकाश, पराबैंगनी, एक्स-रे, गामा किरणें। इसका मतलब है कि एक्स-रे की तुलना में गामा किरणों की आवृत्ति अधिक होती है और तरंगदैर्ध्य कम होती है। इसलिए, गामा किरणों की तरंगदैर्ध्य एक्स-रे से कम होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।