हीरों पर अतिरिक्त ध्यान: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। अक्सर, जटिल वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस खंड में, हम ‘Doubling Down on Diamond’ शीर्षक को एक सांकेतिक संकेत के रूप में उपयोग करते हुए, भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान से संबंधित 25 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) प्रस्तुत कर रहे हैं। ये प्रश्न आपकी समझ को परखने और परीक्षा के लिए आपकी तैयारी को और मजबूत करने में सहायक होंगे। प्रत्येक प्रश्न के साथ विस्तृत हल और वैज्ञानिक स्पष्टीकरण प्रदान किया गया है ताकि आप अवधारणाओं को गहराई से समझ सकें।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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निम्नलिखित में से कौन सा कथन हीरे के संबंध में सत्य है?
- (a) यह एक कार्बनिक यौगिक है।
- (b) यह एक विद्युत का सुचालक है।
- (c) यह एक उत्कृष्ट ऊष्मारोधी है।
- (d) यह प्रकृति में सबसे कठोर पदार्थों में से एक है।
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे की क्रिस्टल संरचना और बंधन ऊर्जा।
व्याख्या (Explanation): हीरा शुद्ध कार्बन का एक अपरूप (allotrope) है। इसके प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से चतुष्फलकीय (tetrahedral) रूप से जुड़ा होता है, जिससे एक बहुत मजबूत त्रि-आयामी (3D) क्रिस्टल जालक बनता है। यह मजबूत सहसंयोजक बंधन (covalent bonding) हीरे को अत्यधिक कठोर बनाता है, जिससे यह प्रकृति में ज्ञात सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थों में से एक है। यह एक विद्युत का कुचालक (insulator) है और ऊष्मा का सुचालक (conductor) है, न कि ऊष्मारोधी। यह कार्बनिक यौगिक नहीं है, बल्कि एक अकार्बनिक (inorganic) तत्व का अपरूप है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) लगभग कितना होता है?
- (a) 1.5
- (b) 2.4
- (c) 3.5
- (d) 4.2
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश का अपवर्तन और हीरे की ऑप्टिकल गुण।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) इसे असाधारण चमक और फैलाव (dispersion) प्रदान करता है। यही कारण है कि हीरे से गुजरने वाला प्रकाश अत्यधिक मुड़ता है, जिससे यह “ब्रिलियंट” (brilliant) दिखता है। अन्य दिए गए मान हीरे के अपवर्तनांक के लिए बहुत कम या बहुत अधिक हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के कटाई और चमकाने के लिए आमतौर पर किस विधि का उपयोग किया जाता है?
- (a) रासायनिक नक़्क़ाशी (Chemical etching)
- (b) लेजर कटिंग (Laser cutting)
- (c) अल्ट्रासोनिक ड्रिलिंग (Ultrasonic drilling)
- (d) घर्षण (Abrasion)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मोह्स कठोरता पैमाना (Mohs Scale of Hardness) और घर्षण का सिद्धांत।
व्याख्या (Explanation): चूंकि हीरा सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ है, इसलिए इसे काटने या आकार देने के लिए उससे भी कठोर पदार्थ की आवश्यकता होती है। हीरे की कटाई और पॉलिशिंग के लिए अक्सर हीरे के कणों (diamond powder) का उपयोग किया जाता है, जो स्वयं हीरे पर घर्षण (abrasion) करके उसे काटते और चमकाते हैं। हालांकि लेजर कटिंग का भी उपयोग किया जा सकता है, लेकिन पारंपरिक और प्रभावी विधि घर्षण ही है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे का उपयोग अक्सर निम्नलिखित में से किस उपकरण में किया जाता है?
- (a) विद्युत चुम्बक (Electromagnets)
- (b) उच्च दाब वाली दाबमापी (High-pressure gauges)
- (c) औद्योगिक कटर और ड्रिल बिट्स (Industrial cutters and drill bits)
- (d) लेजर पॉइंटर (Laser pointers)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सामग्री की कठोरता और स्थायित्व।
व्याख्या (Explanation): हीरे की अत्यधिक कठोरता इसे औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए आदर्श बनाती है जहाँ घिसाव का प्रतिरोध (wear resistance) महत्वपूर्ण होता है। इसलिए, इसका उपयोग कटर, ड्रिल बिट्स, सॉ ब्लेड और अन्य उपकरणों में किया जाता है जिन्हें बहुत कठोर सामग्री को काटना या ड्रिल करना होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव शरीर में, “डायमंड” शब्द का प्रयोग आमतौर पर किस संरचना के संदर्भ में किया जाता है?
- (a) हृदय का निलय (Ventricle of the heart)
- (b) दांतों का इनेमल (Tooth enamel)
- (c) त्वचा का सबसे बाहरी स्तर (Outermost layer of skin)
- (d) आँख की पुतली (Pupil of the eye)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हृदय की शारीरिक रचना (Anatomy of the heart)।
व्याख्या (Explanation): हृदय में, “डायमंड” शब्द का प्रयोग कभी-कभी शिराओं (veins) के जाल के लिए किया जाता है जो हृदय के शीर्ष (apex) के चारों ओर एक हीरे जैसी आकृति बनाते हैं। यह एक अनौपचारिक शब्द है, लेकिन शरीर रचना के संदर्भ में यह हृदय के शीर्ष के पास के क्षेत्र को संदर्भित कर सकता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे के कार्बन परमाणु किस प्रकार के संकरण (hybridization) में होते हैं?
- (a) sp
- (b) sp²
- (c) sp³
- (d) d²sp³
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंधन और संकरण सिद्धांत।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से एकल सहसंयोजक बंधों (single covalent bonds) द्वारा जुड़ा होता है। यह चतुष्फलकीय ज्यामिति (tetrahedral geometry) sp³ संकरण का परिणाम है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे को जलाने पर (ऑक्सीजन की अधिकता में) कौन सा उत्पाद प्राप्त होता है?
- (a) जल (Water)
- (b) कार्बन मोनोऑक्साइड (Carbon monoxide)
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide)
- (d) ओजोन (Ozone)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): दहन (Combustion) की रासायनिक अभिक्रिया।
व्याख्या (Explanation): हीरा शुद्ध कार्बन से बना होता है। जब इसे ऑक्सीजन की अधिकता में जलाया जाता है, तो यह कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) बनाने के लिए दहन करता है। अभिक्रिया है: C (हीरा) + O₂ (गैस) → CO₂ (गैस)।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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ग्रेफाइट (Graphite) की तुलना में हीरे के कठोर होने का मुख्य कारण क्या है?
- (a) ग्रेफाइट में कम कार्बन परमाणु होते हैं।
- (b) हीरे की क्रिस्टल संरचना अधिक सघन होती है।
- (c) हीरे में कार्बन परमाणु sp³ संकरणित होते हैं, जबकि ग्रेफाइट में sp²।
- (d) ग्रेफाइट हवा के संपर्क में आने पर आसानी से ऑक्सीकृत हो जाता है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): संकरण (Hybridization) और क्रिस्टल संरचना का बंधन पर प्रभाव।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, sp³ संकरण के कारण कार्बन परमाणु त्रि-आयामी (3D) नेटवर्क में मजबूत सहसंयोजक बंधों से जुड़े होते हैं। इसके विपरीत, ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु sp² संकरणित होते हैं और षट्कोणीय (hexagonal) परतों में व्यवस्थित होते हैं। इन परतों के बीच वैन डेर वाल्स बल (van der Waals forces) कमजोर होते हैं, जिससे ग्रेफाइट परतें आसानी से एक-दूसरे पर फिसल सकती हैं। हीरे की सघन, त्रि-आयामी सहसंयोजक संरचना इसे ग्रेफाइट से कहीं अधिक कठोर बनाती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का उपयोग कृत्रिम उपग्रहों (satellites) में भी किया जा सकता है क्योंकि यह:
- (a) बहुत हल्का होता है।
- (b) उच्च ताप का सामना कर सकता है।
- (c) विद्युत चुम्बकीय विकिरण (electromagnetic radiation) को अवरुद्ध करता है।
- (d) सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करता है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सामग्री के भौतिक और रासायनिक गुण।
व्याख्या (Explanation): हीरे में एक बहुत उच्च गलनांक (melting point) और अपघटन तापमान (decomposition temperature) होता है, जिसका अर्थ है कि यह अत्यधिक उच्च तापमान का सामना कर सकता है। कृत्रिम उपग्रहों में, बाहरी वातावरण में तापमान में भारी उतार-चढ़ाव हो सकता है, और हीरे जैसे पदार्थ जो इन चरम स्थितियों में अपनी अखंडता बनाए रख सकते हैं, वे विशेष रूप से उपयोगी होते हैं, उदाहरण के लिए, खिड़कियों या सुरक्षात्मक कोटिंग के रूप में।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के चमकीलेपन (brilliance) और चमक (fire) का कारण क्या है?
- (a) इसकी उच्च विद्युत चालकता
- (b) इसका उच्च अपवर्तनांक और फैलाव
- (c) इसकी छिद्रपूर्ण संरचना
- (d) इसकी कम घनत्व
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाशिकी (Optics) और हीरे के ऑप्टिकल गुण।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) प्रकाश को इसके अंदर गहराई से मुड़ने का कारण बनता है, जिससे “ब्रिलियन्स” (चमकीलापन) बढ़ता है। इसके अलावा, हीरे में उच्च फैलाव (dispersion) होता है, जिसका अर्थ है कि यह सफेद प्रकाश को उसके घटक रंगों (लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, बैंगनी) में विभाजित कर देता है, जिसे “फायर” (आग) या इंद्रधनुषी प्रभाव कहा जाता है। ये दोनों गुण मिलकर हीरे को उसकी विशिष्ट चमक प्रदान करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का उपयोग कंप्यूटर चिप्स (computer chips) के निर्माण में किस गुण के कारण किया जा सकता है?
- (a) यह डेटा को प्रभावी ढंग से संग्रहीत करता है।
- (b) इसकी असाधारण तापीय चालकता (thermal conductivity)
- (c) यह पराबैंगनी (UV) प्रकाश को अवशोषित करता है।
- (d) यह प्रति-चुंबकीय (diamagnetic) है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सामग्री विज्ञान और तापीय गुण।
व्याख्या (Explanation): हीरे में असाधारण रूप से उच्च तापीय चालकता होती है, जो इसे कई अन्य पदार्थों की तुलना में ऊष्मा को बहुत तेजी से फैलाने में सक्षम बनाती है। कंप्यूटर चिप्स में, यह गुण गर्मी को प्रभावी ढंग से दूर करने में मदद करता है, जिससे चिप्स को ज़्यादा गरम होने से बचाया जा सकता है और उनके प्रदर्शन में सुधार हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“क्लीवेज” (cleavage) शब्द का प्रयोग हीरे के संदर्भ में क्या दर्शाता है?
- (a) हीरे को काटने की प्रक्रिया।
- (b) हीरे की चमक।
- (c) कुछ दिशाओं में हीरे के टूटने की प्रवृत्ति।
- (d) हीरे का रंग।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रिस्टलोग्राफी (Crystallography) और क्रिस्टल दोष।
व्याख्या (Explanation): क्लीवेज किसी क्रिस्टल के उन निश्चित तलों को संदर्भित करता है जिनके अनुदिश वह बिना किसी प्रयास के टूट जाता है। हीरे में, कार्बन परमाणुओं के बीच बंधन की ताकत सभी दिशाओं में समान नहीं होती है। कुछ तल (planes) दूसरों की तुलना में कमजोर होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप हीरा इन कमजोर तलों के अनुदिश “क्लीव” (cleave) हो सकता है, अर्थात टूट सकता है। यह गुण हीरे को आकार देने के लिए महत्वपूर्ण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रयोगशाला में कृत्रिम हीरे (synthetic diamonds) बनाने के लिए आमतौर पर किस विधि का उपयोग किया जाता है?
- (a) उच्च तापमान, निम्न दाब (High Temperature, Low Pressure – HTLP)
- (b) निम्न तापमान, उच्च दाब (Low Temperature, High Pressure – LTHP)
- (c) उच्च तापमान, उच्च दाब (High Temperature, High Pressure – HTHP)
- (d) निम्न तापमान, निम्न दाब (Low Temperature, Low Pressure – LTLP)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): भौतिकी और रसायन विज्ञान की प्रक्रियाएं।
व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे बनाने की सबसे आम विधि उच्च तापमान, उच्च दाब (HTHP) प्रक्रिया है। इसमें, कार्बन स्रोत (जैसे ग्रेफाइट) को धातु उत्प्रेरक (metal catalyst) के साथ मिलाकर बहुत उच्च दाब (लगभग 5-6 GPa) और उच्च तापमान (लगभग 1400-1600°C) पर गर्म किया जाता है। ये स्थितियाँ पृथ्वी की आंतरिक परतों में पाए जाने वाले समान होती हैं जहाँ प्राकृतिक हीरे बनते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे में “ब्लैक डायमंड” (Black Diamond) का रंग किसकी उपस्थिति के कारण होता है?
- (a) धातुओं की अशुद्धियाँ
- (b) वायु के बुलबुले
- (c) कार्बन के अन्य अपरूप
- (d) क्रिस्टल संरचना में अनियमितताएँ
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल संरचना और अशुद्धियों का रंग पर प्रभाव।
व्याख्या (Explanation): काले हीरे, जिन्हें “बोत्स्वाना” या “ब्राजील” हीरे भी कहा जाता है, अपने गहरे रंग के लिए जाने जाते हैं। यह रंग अक्सर क्रिस्टल संरचना में यांत्रिक दोषों (mechanical defects) या अतिसूक्ष्म छिद्रों (microscopic pores) की उपस्थिति के कारण होता है, जो प्रकाश को बिखेरते और अवशोषित करते हैं, जिससे वे काले दिखाई देते हैं। हालांकि कुछ अशुद्धियाँ भी रंग में योगदान कर सकती हैं, लेकिन काले हीरे के लिए दोष मुख्य कारण हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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मानव फेफड़ों की एल्विओली (alveoli) की संरचना का प्राथमिक कार्य क्या है?
- (a) रक्त को पंप करना
- (b) भोजन का पाचन
- (c) गैसों का आदान-प्रदान (ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड)
- (d) हार्मोन का स्राव
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): श्वसन प्रणाली (Respiratory system) की शारीरिक रचना और कार्य।
व्याख्या (Explanation): एल्विओली फेफड़ों की छोटी, थैली जैसी संरचनाएं होती हैं जहाँ रक्त और हवा के बीच ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान होता है। एल्विओली की पतली दीवारें और बड़ा सतही क्षेत्र गैसों के कुशल प्रसार (diffusion) की अनुमति देते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया में, पौधे किस गैस का अवशोषण करते हैं?
- (a) ऑक्सीजन
- (b) नाइट्रोजन
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड
- (d) हाइड्रोजन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण की रासायनिक अभिक्रिया।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधे सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके पानी और कार्बन डाइऑक्साइड को ग्लूकोज (शर्करा) और ऑक्सीजन में परिवर्तित करते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल से अवशोषित की जाती है। अभिक्रिया है: 6CO₂ + 6H₂O + प्रकाश ऊर्जा → C₆H₁₂O₆ + 6O₂।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव रक्त का लाल रंग किस प्रोटीन की उपस्थिति के कारण होता है?
- (a) एल्ब्यूमिन (Albumin)
- (b) हीमोग्लोबिन (Hemoglobin)
- (c) फाइब्रिनोजेन (Fibrinogen)
- (d) ग्लोबुलिन (Globulin)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रक्त संरचना और कार्य।
व्याख्या (Explanation): हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन है जो लाल रक्त कोशिकाओं (red blood cells) में पाया जाता है। यह ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के अन्य ऊतकों तक ले जाने के लिए जिम्मेदार है। हीमोग्लोबिन में मौजूद लौह (iron) घटक इसे लाल रंग प्रदान करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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डीएनए (DNA) का पूर्ण रूप क्या है?
- (a) डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic Acid)
- (b) डाइऑक्सीन्यूरिक एसिड (Dioxyribonucleic Acid)
- (c) डीऑक्सीराइबोस न्यूक्लिक एसिड (Deoxyribose Nucleic Acid)
- (d) डाइऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (Dioxiribonucleic Acid)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आणविक जीव विज्ञान (Molecular biology) की शब्दावली।
व्याख्या (Explanation): डीएनए (DNA) डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड का संक्षिप्त रूप है, जो आनुवंशिक जानकारी (genetic information) को संग्रहीत करने वाला अणु है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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पौधों में जल का परिवहन मुख्य रूप से किस ऊतक (tissue) द्वारा होता है?
- (a) जाइलम (Xylem)
- (b) फ्लोएम (Phloem)
- (c) पैरेन्काइमा (Parenchyma)
- (d) स्क्लेरेन्काइमा (Sclerenchyma)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पादप ऊतक (Plant tissues) और उनके कार्य।
व्याख्या (Explanation): जाइलम पौधों में जल और खनिजों (minerals) को जड़ों से पत्तियों और अन्य भागों तक पहुँचाने के लिए जिम्मेदार ऊतक है। फ्लोएम प्रकाश संश्लेषण द्वारा बने भोजन (शर्करा) को पत्तियों से पौधों के अन्य भागों तक पहुँचाता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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मानव शरीर में सबसे बड़ी ग्रंथि (gland) कौन सी है?
- (a) पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary gland)
- (b) थायरॉयड ग्रंथि (Thyroid gland)
- (c) यकृत (Liver)
- (d) अग्न्याशय (Pancreas)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव शरीर रचना विज्ञान (Human anatomy) और ग्रंथियों के कार्य।
व्याख्या (Explanation): यकृत (Liver) मानव शरीर की सबसे बड़ी आंतरिक ग्रंथि है। यह कई महत्वपूर्ण कार्य करता है, जिनमें पित्त (bile) का उत्पादन, रक्त को शुद्ध करना और चयापचय (metabolism) को विनियमित करना शामिल है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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इलेक्ट्रॉन की खोज किसने की थी?
- (a) जे.जे. थॉमसन (J.J. Thomson)
- (b) अर्नेस्ट रदरफोर्ड (Ernest Rutherford)
- (c) जॉन डाल्टन (John Dalton)
- (d) नील्स बोर (Niels Bohr)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणु की संरचना (Atomic structure) और मूलभूत कणों की खोज।
व्याख्या (Explanation): जे.जे. थॉमसन ने 1897 में कैथोड किरणों (cathode rays) के प्रयोगों के माध्यम से इलेक्ट्रॉन की खोज की थी। उन्होंने यह दिखाया कि ये किरणें ऋणात्मक रूप से आवेशित कणों से बनी हैं, जिन्हें उन्होंने कॉर्पसल्स (corpuscles) कहा, जिन्हें बाद में इलेक्ट्रॉन नाम दिया गया।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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तापमान मापने के लिए किस उपकरण का उपयोग किया जाता है?
- (a) बैरोमीटर (Barometer)
- (b) हाइग्रोमीटर (Hygrometer)
- (c) थर्मामीटर (Thermometer)
- (d) सिस्मोग्राफ (Seismograph)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): भौतिक विज्ञान में मापन उपकरण (Measuring instruments in physics)।
व्याख्या (Explanation): थर्मामीटर एक उपकरण है जिसका उपयोग तापमान को मापने के लिए किया जाता है। बैरोमीटर वायुमंडलीय दाब मापता है, हाइग्रोमीटर आर्द्रता मापता है, और सिस्मोग्राफ भूकंपीय तरंगों को रिकॉर्ड करता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आवर्त सारणी (Periodic table) में, क्षार धातुएँ (alkali metals) किस समूह (group) में पाई जाती हैं?
- (a) समूह 1
- (b) समूह 2
- (c) समूह 17
- (d) समूह 18
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आवर्त सारणी की संरचना और तत्वों का वर्गीकरण।
व्याख्या (Explanation): आवर्त सारणी में, समूह 1 के तत्वों को क्षार धातुओं के रूप में जाना जाता है। इनमें लिथियम (Li), सोडियम (Na), पोटेशियम (K), रूबिडियम (Rb), सीज़ियम (Cs), और फ्रैनशियम (Fr) शामिल हैं। ये अत्यधिक प्रतिक्रियाशील धातुएँ हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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मानव आँख में, प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करने वाला भाग कौन सा है?
- (a) रेटिना (Retina)
- (b) कॉर्निया (Cornea)
- (c) आइरिस (Iris)
- (d) लेंस (Lens)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव आँख की शारीरिक रचना और कार्य।
व्याख्या (Explanation): आइरिस (Iris) आँख का रंगीन, मांसपेशी वाला भाग है जो पुतली (pupil) के आकार को नियंत्रित करता है। यह कैमरे के डायफ्राम की तरह काम करता है, जो आँख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को समायोजित करता है। तेज रोशनी में, आइरिस पुतली को सिकोड़ देता है, और मंद रोशनी में, यह पुतली को फैला देता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वनस्पति तेलों (vegetable oils) को वनस्पति घी (vanaspati ghee) में बदलने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?
- (a) ऑक्सीकरण (Oxidation)
- (b) हाइड्रोजनीकरण (Hydrogenation)
- (c) अपचयन (Reduction)
- (d) हाइड्रोलिसिस (Hydrolysis)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बनिक रसायन विज्ञान (Organic chemistry) की अभिक्रियाएँ।
व्याख्या (Explanation): हाइड्रोजनीकरण एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें वनस्पति तेलों (जो असंतृप्त वसा (unsaturated fats) होते हैं) में हाइड्रोजन गैस मिलाई जाती है, आमतौर पर निकल (Nickel) जैसे उत्प्रेरक की उपस्थिति में। यह असंतृप्त वसा को संतृप्त वसा (saturated fats) में परिवर्तित करता है, जिससे तेल ठोस या अर्ध-ठोस अवस्था में बदल जाते हैं, जिसे वनस्पति घी कहते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।