Get free Notes

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Click Here

हीरों की चमक: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न (Doubling Down on Diamond)

हीरों की चमक: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न (Doubling Down on Diamond)

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान का गहन अध्ययन अत्यंत आवश्यक है। यह खंड भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के प्रमुख सिद्धांतों को कवर करने वाले अभ्यास प्रश्नों का एक सेट प्रदान करता है, जो आपकी तैयारी को मजबूत करने और परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में मदद करेगा। आइए “Doubling Down on Diamond” की थीम के साथ विज्ञान के रहस्यों को उजागर करें!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. हीरे का उपयोग लेजर बीम को मोड़ने के लिए किया जाता है। यह मुख्य रूप से हीरे के किस गुण के कारण संभव है?

    • (a) उच्च कठोरता
    • (b) उच्च तापीय चालकता
    • (c) उच्च अपवर्तनांक (High Refractive Index)
    • (d) उच्च विद्युत चालकता

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश का अपवर्तन (Refraction of Light) वह घटना है जिसमें प्रकाश की किरणें एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर अपने पथ से विचलित हो जाती हैं। विचलन की मात्रा माध्यम के अपवर्तनांक पर निर्भर करती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक बहुत अधिक (लगभग 2.42) होता है, जिसका अर्थ है कि प्रकाश हीरे में प्रवेश करते समय और उससे बाहर निकलते समय काफी झुक जाता है। यह उच्च अपवर्तन प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) में भी योगदान देता है, जिससे हीरे की चमक आती है और लेजर बीम जैसे प्रकाश को प्रभावी ढंग से मोड़ने में मदद मिलती है। इसकी उच्च कठोरता और तापीय चालकता भी महत्वपूर्ण गुण हैं, लेकिन प्रकाश को मोड़ने का मुख्य कारण इसका उच्च अपवर्तनांक है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  2. हीरे की संरचना में कार्बन परमाणु किस प्रकार के बंधन से जुड़े होते हैं?

    • (a) आयनिक बंधन
    • (b) सहसंयोजक बंधन (Covalent Bonding)
    • (c) धात्विक बंधन
    • (d) हाइड्रोजन बंधन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन वह बंधन है जिसमें दो परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करके एक साथ बंधे होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंधन बनाता है, जिससे एक त्रि-आयामी (3D) चतुष्फलकीय (tetrahedral) संरचना बनती है। यह मजबूत सहसंयोजक बंधन ही हीरे को उसकी असाधारण कठोरता और उच्च गलनांक प्रदान करता है। आयनिक बंधन आयनों के बीच विद्युत आकर्षण से बनता है, धात्विक बंधन धातुओं में इलेक्ट्रॉनों के ‘समुद्र’ से बनता है, और हाइड्रोजन बंधन एक हाइड्रोजन परमाणु और एक अधिक ऋणात्मक परमाणु के बीच होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. निम्नलिखित में से कौन सा कथन हीरे (Diamond) के बारे में सत्य नहीं है?

    • (a) यह कार्बन का एक अपरूप (Allotrope) है।
    • (b) इसकी संरचना में प्रत्येक कार्बन परमाणु sp³ संकरित (hybridized) होता है।
    • (c) यह विद्युत का सुचालक (Conductor) होता है।
    • (d) यह ऊष्मा का बहुत अच्छा सुचालक (Conductor) होता है।

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता किसी पदार्थ में आवेश वाहकों (जैसे मुक्त इलेक्ट्रॉन) की उपस्थिति पर निर्भर करती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक अपरूप है और इसकी क्रिस्टल संरचना में प्रत्येक कार्बन परमाणु sp³ संकरित होता है, जो मजबूत सहसंयोजक बंधन बनाता है। यह ऊष्मा का बहुत अच्छा सुचालक है, जो इसकी विशिष्ट आणविक संरचना के कारण होता है। हालांकि, हीरे में कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं; सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंधनों में बंधे होते हैं। इसलिए, हीरा विद्युत का कुचालक (Insulator) होता है, सुचालक नहीं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  4. पृथ्वी की सतह पर पाए जाने वाले सभी प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थों में, हीरे की कठोरता को किस पैमाने पर उच्चतम दर्जा दिया गया है?

    • (a) मोह पैमाना (Mohs Scale)
    • (b) रिक्टर पैमाना (Richter Scale)
    • (c) ब्रिनेल पैमाना (Brinell Scale)
    • (d) विकर्स पैमाना (Vickers Scale)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मोह पैमाना खनिजों की सापेक्ष कठोरता को मापने के लिए एक पैमाना है, जिसमें एक खनिज दूसरे को खरोंच सकता है या नहीं, इसके आधार पर।

    व्याख्या (Explanation): मोह पैमाने पर, हीरे को 10 का मान दिया गया है, जो इसे सबसे कठोर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ बनाता है। ब्रिनेल और विकर्स पैमाने सामग्री की कठोरता को मापने के लिए अन्य विधियाँ हैं, लेकिन मोह पैमाना विशेष रूप से खनिजों के लिए उपयोग किया जाता है और हीरे को उच्चतम दर्जा देता है। रिक्टर पैमाना भूकंप की तीव्रता को मापता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  5. हीरे को शुद्ध कार्बन से अलग करने के लिए किस प्रक्रिया का उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) आसवन (Distillation)
    • (b) वर्णलेखन (Chromatography)
    • (c) भंजन (Cracking)
    • (d) दहन (Combustion)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): दहन एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न करता है। कार्बन ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे को शुद्ध कार्बन के रूप में पहचाना जा सकता है क्योंकि यह हवा की उपस्थिति में जलने पर मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) बनाता है। अन्य शुद्ध पदार्थ अलग-अलग उत्पाद बनाते हैं। आसवन का उपयोग तरल पदार्थों को उनके क्वथनांक के आधार पर अलग करने के लिए किया जाता है। वर्णलेखन मिश्रणों को अलग करने की एक विधि है, और भंजन आम तौर पर बड़े हाइड्रोकार्बन अणुओं को छोटे अणुओं में तोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  6. हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक प्रमुख स्थितियाँ क्या हैं?

    • (a) कम तापमान और कम दबाव
    • (b) उच्च तापमान और कम दबाव
    • (c) कम तापमान और उच्च दबाव
    • (d) उच्च तापमान और उच्च दबाव

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन के कणों के लिए हीरे की स्थिर त्रि-आयामी संरचना बनाने के लिए उच्च तापमान और दबाव की आवश्यकता होती है, जिससे कार्बन परमाणु एक साथ कसकर बंध सकें।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी के भीतर, हीरे आमतौर पर लगभग 150 किलोमीटर की गहराई पर बनते हैं जहां तापमान 900°C से 1300°C (1652°F से 2372°F) और दबाव 45 से 60 किलोबार (kilobars) होता है। ये चरम स्थितियाँ कार्बन परमाणुओं को एक साथ पैक करने और हीरे की क्रिस्टल संरचना बनाने के लिए आवश्यक हैं। कम तापमान या दबाव पर, कार्बन ग्रेफाइट के रूप में मौजूद होता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  7. कृत्रिम हीरे (Synthetic Diamonds) बनाने के लिए सामान्यतः किस विधि का उपयोग किया जाता है?

    • (a) उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT)
    • (b) रासायनिक वाष्प जमाव (CVD)
    • (c) उपरोक्त दोनों (a) और (b)
    • (d) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे बनाने के लिए कई विधियाँ विकसित की गई हैं, जिनमें से दो मुख्य विधियाँ HPHT और CVD हैं।

    व्याख्या (Explanation): उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT) विधि प्राकृतिक हीरे के निर्माण की स्थितियों की नकल करती है, जिसमें कार्बन स्रोत को अत्यधिक दबाव और तापमान के तहत रखा जाता है। रासायनिक वाष्प जमाव (CVD) विधि में, कार्बन युक्त गैसों (जैसे मीथेन) को एक सब्सट्रेट पर जमा किया जाता है, जिससे हीरे की परतें बनती हैं। दोनों विधियाँ कृत्रिम हीरे बनाने में प्रभावी हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. हीरे का उपयोग किस प्रकार के काटने वाले औजारों (Cutting Tools) में किया जाता है?

    • (a) केवल लकड़ी काटने के लिए
    • (b) केवल धातु काटने के लिए
    • (c) कठोर सामग्री जैसे पत्थर, कंक्रीट और कुछ धातुएँ काटने के लिए
    • (d) केवल कांच काटने के लिए

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे की असाधारण कठोरता इसे उन सामग्रियों को काटने या पीसने के लिए एक आदर्श सामग्री बनाती है जिन्हें अन्य औजारों से काटना मुश्किल होता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की कठोरता के कारण, इसका उपयोग कटिंग डिस्क, ड्रिल बिट्स और अन्य औजारों में किया जाता है जो पत्थर, कंक्रीट, सिरेमिक, ग्लास और यहां तक कि कुछ बहुत कठोर धातुओं जैसी कठिन सामग्रियों को काटने या आकार देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। जबकि कांच हीरे से काटा जा सकता है, इसका उपयोग केवल कांच तक ही सीमित नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  9. प्रकाशिकी (Optics) में, हीरे का उपयोग विशेष लेंस या प्रिज्म बनाने में क्यों किया जाता है?

    • (a) इसके कम फैलाव (Low Dispersion) के कारण
    • (b) इसके उच्च फैलाव (High Dispersion) के कारण
    • (c) इसके कम अपवर्तनांक (Low Refractive Index) के कारण
    • (d) इसके कम घनत्व (Low Density) के कारण

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे का उच्च फैलाव (Abbe number का निम्न मान) इसे प्रकाश के विभिन्न रंगों (तरंग दैर्ध्य) को अलग-अलग कोणों पर मोड़ने की अनुमति देता है, जिससे “इंद्रधनुषी” प्रभाव उत्पन्न होता है।

    व्याख्या (Explanation): जबकि हीरे का उच्च अपवर्तनांक उसे प्रकाश को मोड़ने में मदद करता है, इसका उच्च फैलाव (या कम एब्बे संख्या) इसे प्रकाश के रंगों को प्रभावी ढंग से अलग करने में सक्षम बनाता है। यह गुण कुछ ऑप्टिकल उपकरणों में वांछनीय हो सकता है जहां रंगों को अलग करना या एक विशेष “चमक” प्राप्त करना लक्ष्य होता है। हालांकि, आमतौर पर, इसका उच्च अपवर्तनांक और कुल आंतरिक परावर्तन क्षमता इसे अधिक मूल्यवान बनाती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  10. हीरे का रंग किसके कारण होता है?

  11. (a) इसमें मौजूद अशुद्धियाँ (Impurities)
  12. (b) इसकी क्रिस्टल संरचना
  13. (c) तापमान
  14. (d) दबाव
  15. उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रंगीन रत्न अक्सर सामग्री में मौजूद कुछ विशिष्ट तत्वों की अशुद्धियों के कारण रंगीन होते हैं, जो प्रकाश के कुछ तरंग दैर्ध्य को अवशोषित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): शुद्ध हीरा रंगहीन होता है। हीरे में रंग आमतौर पर नाइट्रोजन (पीला/भूरा), बोरॉन (नीला), या अन्य ट्रेस तत्वों जैसी अशुद्धियों की उपस्थिति के कारण होता है, जो क्रिस्टल जाली में कार्बन परमाणुओं को प्रतिस्थापित करते हैं। ये अशुद्धियाँ प्रकाश के कुछ तरंग दैर्ध्य को अवशोषित करती हैं, जिससे अन्य रंग दिखाई देते हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  16. हीरे का आपेक्षिक घनत्व (Relative Density) क्या है?

    • (a) 1.0
    • (b) 2.42
    • (c) 3.52
    • (d) 4.0

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): आपेक्षिक घनत्व किसी पदार्थ के घनत्व और पानी के घनत्व (4°C पर) का अनुपात है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का घनत्व लगभग 3.52 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर (g/cm³) होता है। पानी का घनत्व लगभग 1 g/cm³ होता है। इसलिए, हीरे का आपेक्षिक घनत्व लगभग 3.52 है। (ध्यान दें: 2.42 हीरे का अपवर्तनांक है)।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  17. “Doubling Down on Diamond” का तात्पर्य केवल रत्न के रूप में हीरे से नहीं, बल्कि औद्योगिक अनुप्रयोगों में इसके बढ़ते उपयोग से भी है। निम्नलिखित में से कौन सा औद्योगिक अनुप्रयोग हीरे के गुण के कारण उपयुक्त है?

    • (a) उत्कृष्ट ऊष्मा चालकता
    • (b) उच्च तापीय फैलाव
    • (c) कम विद्युत चालकता
    • (d) कम कठोरता

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे की विशिष्ट क्रिस्टल संरचना इसे ऊष्मा को बहुत कुशलता से संचालित करने में सक्षम बनाती है, जो इसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में एक मूल्यवान सामग्री बनाती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की उत्कृष्ट ऊष्मा चालकता (लगभग 2000 W/m·K) इसे उच्च-शक्ति वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में हीट सिंक (heat sinks) के रूप में उपयोग करने के लिए आदर्श बनाती है। यह सामान्य धातुओं (जैसे तांबा) की तुलना में बहुत बेहतर तरीके से गर्मी को दूर कर सकता है। अन्य विकल्प (उच्च तापीय फैलाव, कम विद्युत चालकता, कम कठोरता) हीरे के औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त गुण नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  18. कार्बन का कौन सा अपरूप (allotrope) कमरे के तापमान और दबाव पर सबसे स्थिर है?

    • (a) हीरा
    • (b) ग्रेफाइट (Graphite)
    • (c) फुलरिन (Fullerenes)
    • (d) ग्राफीन (Graphene)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ऊष्मप्रवैगिकी (Thermodynamics) के अनुसार, सबसे स्थिर अपरूप वह होता है जिसकी एन्थैल्पी (enthalpy) सबसे कम होती है।

    व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट कार्बन का सबसे स्थिर अपरूप है। हालांकि हीरे की संरचना अधिक तंग और मजबूत दिखती है, ग्रेफाइट ऊर्जावान रूप से अधिक अनुकूल (lower enthalpy) होता है। इसका मतलब है कि सामान्य परिस्थितियों में, ग्रेफाइट की ओर एक सूक्ष्म परिवर्तन (transformation) होता है, हालांकि यह परिवर्तन इतना धीमा होता है कि यह व्यावहारिक रूप से ध्यान देने योग्य नहीं होता है। फुलरिन और ग्राफीन को विशेष तरीकों से संश्लेषित किया जाता है और ये हीरे या ग्रेफाइट जितने सामान्य रूप से स्थिर नहीं होते।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. हीरे को गर्म करने पर, हवा की अनुपस्थिति में, यह क्या बनाएगा?

    • (a) कार्बन डाइऑक्साइड
    • (b) कार्बन मोनोऑक्साइड
    • (c) कार्बन (ग्रेफाइट या अन्य रूप)
    • (d) कुछ नहीं

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हवा (ऑक्सीजन) की अनुपस्थिति में, उच्च तापमान पर पदार्थ विघटित या पुनर्व्यवस्थित हो सकते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हवा की अनुपस्थिति में, हीरे को गर्म करने पर, यह ग्रेफाइट जैसे अधिक स्थिर कार्बन अपरूप में परिवर्तित हो जाएगा। यह एक चरण संक्रमण (phase transition) है जो ग्रेफाइट की बेहतर ऊष्मप्रवैगिकी स्थिरता के कारण होता है। ऑक्सीजन की उपस्थिति में, यह जलकर कार्बन डाइऑक्साइड बना देगा।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. हीरे के कटाई (cutting) और पॉलिशिंग (polishing) के लिए किस पदार्थ का उपयोग किया जाता है?

    • (a) केवल एल्यूमीनियम ऑक्साइड
    • (b) हीरे का पाउडर (Diamond Powder)
    • (c) केवल सिलिकॉन कार्बाइड
    • (d) सिरेमिक

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एक पदार्थ केवल उसी से या उससे भी कठोर पदार्थ द्वारा ही काटा या पॉलिश किया जा सकता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की अद्वितीय कठोरता का मतलब है कि इसे केवल हीरे से ही काटा या पॉलिश किया जा सकता है। इसलिए, हीरे को काटने और चमकाने की प्रक्रिया में अक्सर हीरे के महीन कणों (हीरे का पाउडर या पेस्ट) का उपयोग किया जाता है। अन्य अपघर्षक (abrasives) जैसे एल्यूमीनियम ऑक्साइड या सिलिकॉन कार्बाइड हीरे की तुलना में बहुत नरम होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. हीरा विद्युत का कुचालक (Insulator) क्यों है?

    • (a) इसके परमाणुओं में कोई इलेक्ट्रॉन नहीं होता है।
    • (b) इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन (Free Electrons) नहीं होते हैं।
    • (c) यह बहुत भारी होता है।
    • (d) इसका गलनांक बहुत अधिक होता है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए सामग्री में आवेश वाहकों (Charge Carriers) की उपस्थिति आवश्यक है, जो आमतौर पर मुक्त इलेक्ट्रॉन या आयन होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधनों द्वारा मजबूती से बंधा होता है। सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन इन बंधनों में स्थानीयकृत (localized) होते हैं और स्वतंत्र रूप से गति नहीं कर सकते। विद्युत धारा प्रवाहित करने के लिए इलेक्ट्रॉनों की इस गतिशीलता की कमी के कारण, हीरा एक विद्युत का कुचालक है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  22. कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) के उत्पादन के लिए हीरे का अपूर्ण दहन (incomplete combustion) किसमें परिवर्तित होगा?

    • (a) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
    • (b) जल (H₂O)
    • (c) कार्बन (C)
    • (d) ओजोन (O₃)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन का अपूर्ण दहन ऑक्सीजन की सीमित आपूर्ति में होता है, जिससे मुख्य रूप से कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और/या मौलिक कार्बन (सूती कालिख) का निर्माण होता है।

    व्याख्या (Explanation): प्रश्न के अनुसार, हीरे का अपूर्ण दहन कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) बनाता है। यदि वह CO और अधिक अपूर्ण दहन से गुजरता है या यदि दहन और भी अधिक सीमित ऑक्सीजन में होता है, तो यह मौलिक कार्बन (C) के रूप में अवक्षेपित (precipitate) हो सकता है, जिसे कालिख (soot) कहते हैं। हालांकि, यदि हम CO के निर्माण को ‘अपूर्ण दहन’ मानते हैं, तो CO का और अपूर्ण दहन सीधे C का निर्माण करता है (CO + C ⇌ 2C)।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  23. कार्बन की वह कौन सी अवस्था है जो आणविक संरचना के कारण प्रकाश को अवशोषित करती है और इस प्रकार उसका विशिष्ट रंग प्रदर्शित करती है?

    • (a) हीरा
    • (b) ग्रेफाइट
    • (c) हीरा (अशुद्धियों के साथ)
    • (d) फुलरीन

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): दृश्य प्रकाश का अवशोषण और उत्सर्जन किसी पदार्थ में इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा स्तरों के बीच संक्रमण से संबंधित है।

    व्याख्या (Explanation): शुद्ध हीरा रंगहीन होता है क्योंकि उसके इलेक्ट्रॉनिक ऊर्जा स्तर दृश्य प्रकाश के अवशोषण के लिए उपयुक्त नहीं होते। रंगीन हीरे, जैसा कि पहले बताया गया है, अशुद्धियों के कारण रंगीन होते हैं। ये अशुद्धियाँ क्रिस्टल में अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक ऊर्जा स्तर पेश करती हैं, जो दृश्य स्पेक्ट्रम से फोटॉनों को अवशोषित कर सकते हैं, जिससे अन्य रंग दिखाई देते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  24. हीरे को तोड़ने के लिए किस प्रकार के बल (Force) की आवश्यकता होती है?

    • (a) कतरनी बल (Shear Force)
    • (b) संपीड़न बल (Compressive Force)
    • (c) तन्यता बल (Tensile Force)
    • (d) सभी समान रूप से

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ की भंगुरता (Brittleness) को दर्शाता है कि वह बिना महत्वपूर्ण विरूपण (deformation) के टूटने से पहले कितना तनाव झेल सकता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरा बहुत कठोर है, जिसका अर्थ है कि इसे खरोंचना या पीसना मुश्किल है। हालांकि, यह भंगुर भी है, जिसका अर्थ है कि यह तन्यता (खींचने) वाले तनावों के प्रति संवेदनशील है। जब हीरे पर तन्यता बल लगाया जाता है, तो सहसंयोजक बंधन टूटने लगते हैं, जिससे हीरा टूट जाता है। जबकि संपीड़न बल इसे कुचल सकता है, यह आमतौर पर हीरे को तोड़ने का सबसे प्रभावी तरीका नहीं है, और कतरनी बल भी कम प्रभावी होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. हीरे के रासायनिक सूत्र (Chemical Formula) क्या है?

    • (a) CO₂
    • (b) O₂
    • (c) C
    • (d) H₂O

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र किसी यौगिक या तत्व में मौजूद परमाणुओं के प्रकार और संख्या को दर्शाता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक शुद्ध रूप है, जिसका अर्थ है कि इसमें केवल कार्बन परमाणु होते हैं। इसलिए, इसका रासायनिक सूत्र केवल ‘C’ है। CO₂ कार्बन डाइऑक्साइड का सूत्र है, O₂ ऑक्सीजन का, और H₂O जल का।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  26. मानव शरीर में, कार्बन किन प्रमुख जैव-अणुओं (Biomolecules) का आधार बनता है?

    • (a) प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड
    • (b) कार्बोहाइड्रेट और लिपिड (वसा)
    • (c) उपरोक्त दोनों (a) और (b)
    • (d) केवल खनिज

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन जीवन के लिए एक मौलिक तत्व है क्योंकि यह अन्य परमाणुओं के साथ मजबूत सहसंयोजक बंधन बनाने में सक्षम है, जिससे जटिल कार्बनिक अणुओं का निर्माण होता है।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन सभी प्रमुख जैव-अणुओं का आधार है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट (ऊर्जा स्रोत), लिपिड (ऊर्जा भंडारण और कोशिका झिल्ली), प्रोटीन (एंजाइम, संरचनात्मक घटक) और न्यूक्लिक एसिड (डीएनए और आरएनए, आनुवंशिक जानकारी) शामिल हैं। खनिज, हालांकि महत्वपूर्ण, कार्बनिक अणु नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  27. डायमंड कट (Diamond Cut) आभूषणों में हीरे की चमक को कैसे बढ़ाता है?

    • (a) प्रकाश को अधिक गहराई से प्रतिबिंबित करके
    • (b) प्रकाश को हीरे के भीतर पूरी तरह से आंतरिक रूप से परावर्तित करके
    • (c) प्रकाश को बाहर की ओर बिखेर कर
    • (d) प्रकाश के रंग को बदलकर

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection – TIR) तब होता है जब प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में एक महत्वपूर्ण कोण (क्रांतिक कोण से अधिक) पर आपतित होता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) इसे एक छोटा क्रांतिक कोण (लगभग 24.4°) देता है। डायमंड कट को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि आपतित प्रकाश (जो ऊपर से आता है) हीरे के भीतर विभिन्न फलकों से टकराता है और कुल आंतरिक परावर्तन से गुजरता है। इसके बाद प्रकाश बाहर निकलता है, जिससे हीरे की अत्यधिक चमक और “फायर” (अलग-अलग रंगों का फैलाव) दिखाई देता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  28. हीरे का सबसे आम रासायनिक अशुद्धता जो उसे पीला या भूरा रंग देती है, वह कौन सी है?

    • (a) बोरॉन (Boron)
    • (b) नाइट्रोजन (Nitrogen)
    • (c) सिलिकॉन (Silicon)
    • (d) गंधक (Sulfur)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रत्न विज्ञान में, रंग अक्सर क्रिस्टल जाली में प्रतिस्थापित ट्रेस तत्वों के कारण होता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में सबसे आम अशुद्धता नाइट्रोजन है। जब नाइट्रोजन परमाणु कार्बन परमाणुओं को हीरे की क्रिस्टल संरचना में प्रतिस्थापित करते हैं, तो वे प्रकाश के कुछ तरंग दैर्ध्य को अवशोषित करते हैं। नाइट्रोजन की सांद्रता और वितरण हीरे को पीले से भूरे रंग के विभिन्न शेड्स दे सकता है। नीले हीरे के लिए बोरॉन जिम्मेदार है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  29. हीरे का उपयोग करके निम्नलिखित में से किस चिकित्सा उपकरण को बनाया जा सकता है?

    • (a) एक्स-रे मशीन
    • (b) लेजर सर्जरी उपकरण
    • (c) अल्ट्रासाउंड मशीन
    • (d) एमआरआई स्कैनर

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे की ऑप्टिकल गुण, विशेष रूप से उनकी पारदर्शिता और लेजर प्रकाश को मोड़ने की क्षमता, उन्हें उच्च-परिशुद्धता चिकित्सा उपकरणों में उपयोगी बनाती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का उपयोग लेजर सर्जरी उपकरणों के लिए बीम-गाइडिंग घटकों (beam-guiding components) और अन्य ऑप्टिकल भागों में किया जा सकता है। उनकी कठोरता और स्थिरता यह सुनिश्चित करती है कि ये घटक लेजर बीम को सटीक रूप से निर्देशित कर सकें। एक्स-रे मशीन, अल्ट्रासाउंड मशीन और एमआरआई स्कैनर विभिन्न भौतिक सिद्धांतों पर काम करते हैं जिनके लिए हीरे सीधे उपयोग में नहीं आते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

Leave a Comment