Get free Notes

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Click Here

हीरों का विज्ञान: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

हीरों का विज्ञान: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

परिचय: नमस्कार, भावी सरकारी अधिकारियों! “Doubling Down on Diamond” जैसा शीर्षक हमें अक्सर उन वैज्ञानिक अवधारणाओं की ओर ले जाता है जो हमारे दैनिक जीवन और प्रतियोगी परीक्षाओं दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह सामान्य विज्ञान अभ्यास सत्र आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण विषयों को गहराई से समझने में मदद करेगा। तो, आइए अपने ज्ञान को परखें और अपनी तैयारी को मजबूत करें!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. हीरा, कार्बन का एक अपरूप, अपनी असाधारण कठोरता के लिए जाना जाता है। यह कठोरता मुख्य रूप से किस प्रकार के बंधन के कारण होती है?

    • (a) आयनिक बंधन
    • (b) सहसंयोजक बंधन
    • (c) धात्विक बंधन
    • (d) हाइड्रोजन बंधन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन में, परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करके एक साथ बंधे होते हैं। यह बंधन बहुत मजबूत होता है, जिससे यौगिकों को उच्च गलनांक और कठोरता मिलती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंधनों द्वारा जुड़ा होता है, जिससे एक त्रि-आयामी (3D) जाली संरचना बनती है। ये सहसंयोजक बंधन अत्यधिक मजबूत होते हैं, जो हीरे को उसकी अविश्वसनीय कठोरता प्रदान करते हैं। आयनिक बंधन तब बनते हैं जब इलेक्ट्रॉन एक परमाणु से दूसरे परमाणु में स्थानांतरित होते हैं (जैसे नमक में), धात्विक बंधन धातुओं में पाए जाते हैं, और हाइड्रोजन बंधन कमजोर अंतर-आणविक बल होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  2. हीरे में कार्बन परमाणुओं की व्यवस्था किस क्रिस्टल संरचना का अनुसरण करती है?

    • (a) घनाकार (Cubic)
    • (b) षटकोणीय (Hexagonal)
    • (c) चतुष्फलकीय (Tetrahedral)
    • (d) अष्टफलकीय (Octahedral)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधनों के निर्माण में संकरण (hybridization) महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो परमाणुओं की ज्यामिति निर्धारित करता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणु sp3 संकरण से गुजरते हैं, जिससे वे एक चतुष्फलकीय ज्यामिति में व्यवस्थित होते हैं। प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य चार कार्बन परमाणुओं से 109.5° के कोण पर जुड़ा होता है, जो एक अत्यधिक स्थिर और कठोर त्रि-आयामी नेटवर्क बनाता है। घनाकार क्रिस्टल संरचना घन (cube) से संबंधित होती है, षटकोणीय हेक्सागोनल प्रणाली से, और अष्टफलकीय आठ फलकों से, जो हीरे की आंतरिक संरचना का सटीक वर्णन नहीं करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  3. हीरा एक उत्कृष्ट विद्युत इंसुलेटर है। इसका कारण क्या है?

    • (a) इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं
    • (b) इसमें उच्च गलनांक होता है
    • (c) इसमें आयनिक बंधन होते हैं
    • (d) इसमें मजबूत धात्विक बंधन होते हैं

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए सामग्री में मुक्त या विस्थापित (delocalized) इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति आवश्यक है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन के सभी वैलेंस इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंधनों में कसकर बंधे होते हैं। कोई भी मुक्त या विस्थापित इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं जो विद्युत धारा प्रवाहित कर सकें। इसलिए, हीरा एक कुचालक (insulator) है। उच्च गलनांक और मजबूत सहसंयोजक बंधन इसकी कठोरता के लिए जिम्मेदार हैं, न कि इसकी विद्युत चालकता के लिए।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  4. हीरे को काटने या तराशने के लिए अक्सर _________ का उपयोग किया जाता है।

    • (a) सामान्य स्टील
    • (b) हीरा
    • (c) कार्बाइड
    • (d) एल्यूमीनियम

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सामग्री की कठोरता से तय होता है कि कौन सी सामग्री दूसरी सामग्री को खरोंच या काट सकती है।

    व्याख्या (Explanation): मोस कठोरता पैमाने (Mohs Hardness Scale) पर, हीरे को 10 का स्कोर दिया गया है, जो इसे ज्ञात सभी प्राकृतिक खनिजों में सबसे कठोर बनाता है। इसलिए, हीरे को केवल हीरे से ही काटा या तराशा जा सकता है। अन्य सामग्रियां, जैसे स्टील, कार्बाइड या एल्यूमीनियम, हीरे की तुलना में बहुत नरम होती हैं और उन्हें काट नहीं सकतीं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  5. हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) उच्च होता है, जिसके कारण इसमें असाधारण चमक होती है। हीरे का अपवर्तनांक लगभग कितना होता है?

    • (a) 1.5
    • (b) 2.0
    • (c) 2.42
    • (d) 1.0

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक प्रकाश के एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर उसके मुड़ने की डिग्री को मापता है। उच्च अपवर्तनांक प्रकाश के अधिक मुड़ने का कारण बनता है, जिससे हीरे की विशिष्ट चमक (brilliance) और आग (fire) उत्पन्न होती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक लगभग 2.417 (या 2.42) होता है, जो इसे अधिकांश अन्य पारदर्शी सामग्रियों की तुलना में काफी अधिक बनाता है। यह उच्च अपवर्तनांक प्रकाश को हीरे के अंदर अधिक बार मोड़ने और परावर्तित करने का कारण बनता है, जिससे रत्नों को उनकी विशिष्ट चमक मिलती है। अन्य विकल्प, जैसे 1.5 (कांच के लिए विशिष्ट) या 2.0, हीरे के अपवर्तनांक के करीब नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  6. प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) के लिए हीरे को कैसे काटा जाता है?

    • (a) कुंद कोणों (blunt angles) पर
    • (b) तेज कोणों (sharp angles) और कई फलकों (facets) के साथ
    • (c) गोल आकार में
    • (d) विषम आकार में

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पूर्ण आंतरिक परावर्तन तब होता है जब प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में एक निश्चित क्रांतिक कोण (critical angle) से अधिक कोण पर आपतित होता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की कटाई इस तरह से की जाती है कि प्रकाश अंदर प्रवेश करे, कई बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन से गुजरे, और फिर तेज कोणों पर बाहर निकले। यह मल्टीपल रिफ्लेक्शन और सटीक कटिंग हीरे को उसकी असाधारण चमक और “आग” (rainbow effect) प्रदान करती है। कुंद या गोल कटिंग पूर्ण आंतरिक परावर्तन को कम करती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  7. कार्बन का कौन सा अपरूप, हीरे के विपरीत, बिजली का एक अच्छा सुचालक है?

    • (a) ग्रेफाइट
    • (b) फुलेरीन
    • (c) कोयला
    • (d) चारकोल

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए सामग्री में विस्थापित (delocalized) या मुक्त इलेक्ट्रॉन आवश्यक होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट, कार्बन का एक अन्य अपरूप, हीरे से बहुत अलग संरचना रखता है। ग्रेफाइट की परतों में, प्रत्येक कार्बन परमाणु केवल तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों से जुड़ा होता है, जिससे प्रत्येक कार्बन परमाणु पर एक वैलेंस इलेक्ट्रॉन विस्थापित (delocalized) रह जाता है। ये विस्थापित इलेक्ट्रॉन विद्युत का संचालन कर सकते हैं, जिससे ग्रेफाइट एक अच्छा सुचालक बन जाता है, जबकि हीरे में सभी इलेक्ट्रॉन बंधे होते हैं। फुलेरीन और चारकोल भी कार्बन के अपरूप हैं, लेकिन ग्रेफाइट विद्युत चालकता में सबसे प्रमुख है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  8. हीरे के निर्माण के लिए अत्यधिक दबाव और तापमान की आवश्यकता होती है। प्रयोगशालाओं में हीरे बनाने की प्रक्रिया को क्या कहा जाता है?

    • (a) वाष्पीकरण (Vaporization)
    • (b) उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT)
    • (c) रासायनिक वाष्प जमाव (CVD)
    • (d) दोनों (b) और (c)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सिंथेटिक हीरे बनाने के लिए नियंत्रित औद्योगिक प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है जो प्राकृतिक गठन की नकल करती हैं।

    व्याख्या (Explanation): सिंथेटिक या प्रयोगशाला-निर्मित हीरे मुख्य रूप से दो तरीकों से बनाए जाते हैं: उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT), जो प्राकृतिक हीरे के गठन के वातावरण की नकल करता है, और रासायनिक वाष्प जमाव (CVD), जिसमें एक सब्सट्रेट पर कार्बन युक्त गैसों से पतली फिल्म के रूप में हीरे उगाए जाते हैं। दोनों ही विधियाँ कृत्रिम हीरे के निर्माण के लिए प्रासंगिक हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  9. जीव विज्ञान में, “हीरा” (diamond) शब्द का प्रयोग कोशिका के किस भाग के आकार को संदर्भित करने के लिए किया जा सकता है?

    • (a) तारकाकाय (Centriole)
    • (b) कोशिका झिल्ली (Cell Membrane)
    • (c) राइबोसोम (Ribosome)
    • (d) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondrion)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): तारकाकाय कोशिका विभाजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनकी एक विशिष्ट संरचना होती है।

    व्याख्या (Explanation): तारकाकाय (Centrioles) कोशिका विभाजन के दौरान तारकपुंज (spindle fibers) के निर्माण में मदद करते हैं। उनकी संरचना एक “9+0” व्यवस्था में माइक्रो ट्यूबल से बनी होती है, जो एक बेलनाकार रूप देती है, और कुछ संदर्भों में, उनकी व्यवस्था को “हीरे के आकार” या “स्टार-ऑफ-डेविड” जैसा माना जा सकता है, खासकर जब वे जोड़े में या तारकपुंज के निर्माण के समय दिखते हैं। हालाँकि, यह एक बहुत ही विशिष्ट संदर्भ है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  10. हीरे की शुद्धता का निर्धारण करने के लिए किस प्रकार के स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) अवशोषण स्पेक्ट्रोस्कोपी (Absorption Spectroscopy)
    • (b) उत्सर्जन स्पेक्ट्रोस्कोपी (Emission Spectroscopy)
    • (c) रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी (Raman Spectroscopy)
    • (d) मास स्पेक्ट्रोस्कोपी (Mass Spectroscopy)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विभिन्न स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीकें सामग्री की आणविक संरचना और कंपन मोड का विश्लेषण करने के लिए प्रकाश के साथ परस्पर क्रिया का उपयोग करती हैं।

    व्याख्या (Explanation): रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी हीरे की शुद्धता और संरचना का विश्लेषण करने के लिए एक बहुत ही उपयोगी तकनीक है। यह हीरे में मौजूद कार्बन-कार्बन बंधों के कंपन को मापता है, जो अशुद्धियों (जैसे नाइट्रोजन या बोरॉन) या क्रिस्टल संरचना में दोषों की उपस्थिति को इंगित कर सकता है। अवशोषण और उत्सर्जन स्पेक्ट्रोस्कोपी आमतौर पर अन्य प्रकार की सामग्रियों के लिए अधिक उपयुक्त होती हैं, और मास स्पेक्ट्रोस्कोपी समस्थानिक अनुपात के लिए अधिक उपयोग की जाती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  11. कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के ठोस रूप को क्या कहा जाता है?

    • (a) शुष्क बर्फ (Dry Ice)
    • (b) जमा हुआ पानी (Frozen Water)
    • (c) जमे हुए मीथेन (Frozen Methane)
    • (d) तरल नाइट्रोजन (Liquid Nitrogen)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थ की अवस्थाएं (ठोस, द्रव, गैस) तापमान और दबाव पर निर्भर करती हैं।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का ठोस रूप शुष्क बर्फ कहलाता है। यह सामान्य दबाव पर सीधे गैस में उर्ध्वपातित (sublimate) हो जाता है, इसलिए इसे “शुष्क” बर्फ कहा जाता है। “Doubling Down on Diamond” शीर्षक अप्रत्यक्ष रूप से उच्च दबाव और तापमान की स्थितियों से संबंधित हो सकता है, जो CO2 के गुणों पर भी लागू होते हैं, हालांकि CO2 के संदर्भ में हम विशेष रूप से ठोस अवस्था की बात कर रहे हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  12. हीरे में कार्बन-कार्बन बंध की औसत बंधन ऊर्जा (bond energy) कितनी होती है?

    • (a) 100 kJ/mol
    • (b) 200 kJ/mol
    • (c) 350 kJ/mol
    • (d) 715 kJ/mol

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): बंधन ऊर्जा वह ऊर्जा है जो अणुओं से एकल बंध को तोड़ने के लिए आवश्यक होती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में C-C एकल बंध की औसत बंधन ऊर्जा लगभग 715 kJ/mol होती है। यह उच्च बंधन ऊर्जा हीरे की असाधारण कठोरता और स्थिरता की व्याख्या करती है। अन्य विकल्प बहुत कम हैं और हीरे के C-C बंध की ताकत का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  13. जैविक प्रणालियों में, “हीरा” (diamond) शब्द का प्रयोग किस अंग की सूक्ष्म संरचना का वर्णन करने के लिए किया जा सकता है, जैसे कि तंत्रिका कोशिका का एक्सॉन?

    • (a) मायलिन शीथ (Myelin Sheath)
    • (b) न्यूरोट्रांसमीटर (Neurotransmitter)
    • (c) डेंड्राइट (Dendrite)
    • (d) अक्षतंतु (Axon)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): तंत्रिका कोशिकाओं के एक्सॉन को इंसुलेट करने वाली माइलिन शीथ की एक विशिष्ट संरचना होती है।

    व्याख्या (Explanation): कुछ संदर्भों में, तंत्रिका कोशिका के एक्सॉन को घेरने वाली माइलिन शीथ की संरचना को उसके स्तरित और समानांतर तंतुओं के कारण “हीरे के पैटर्न” या “हीरे के समान” के रूप में वर्णित किया जा सकता है, जो विद्युत संकेतों के तेजी से संचरण में मदद करता है। यह शब्दकोषीय उपयोग है, लेकिन जैविक संरचनाओं का वर्णन करने के लिए उपमाओं का उपयोग किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  14. हीरे का एक अन्य महत्वपूर्ण भौतिक गुण क्या है जो उसे औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए उपयोगी बनाता है?

    • (a) निम्न तापीय चालकता (Low Thermal Conductivity)
    • (b) उच्च विद्युत प्रतिरोधकता (High Electrical Resistivity)
    • (c) उच्च तापीय चालकता (High Thermal Conductivity)
    • (d) चुंबकीय गुण (Magnetic Properties)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सामग्रियों के तापीय और विद्युत गुण उनके आणविक/परमाणु संरचना और बंधन के प्रकार से निर्धारित होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): अपने उत्कृष्ट विद्युत इन्सुलेशन गुणों के बावजूद, हीरे में असाधारण रूप से उच्च तापीय चालकता (लगभग 2000 W/m·K) होती है, जो तांबे से भी अधिक है। यह गुण, इसकी कठोरता और रासायनिक निष्क्रियता के साथ मिलकर, इसे इलेक्ट्रॉनिक्स में हीट सिंक (heat sinks) जैसे अनुप्रयोगों के लिए आदर्श बनाता है। निम्न तापीय चालकता या चुंबकीय गुण हीरे के लिए सही नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  15. जीव विज्ञान में, “हीरा” (diamond) शब्द का प्रयोग किन अंगों या संरचनाओं के बीच एक रूपक संबंध व्यक्त करने के लिए किया जा सकता है?

    • (a) रक्त और प्लाज्मा
    • (b) डीएनए और आरएनए
    • (c) प्रोटीन और अमीनो एसिड
    • (d) कोई नहीं

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जैविक संदर्भों में “हीरा” शब्द का प्रयोग अक्सर संरचनात्मक समानता या उपमा के रूप में होता है, न कि सीधे किसी अंग के नाम के रूप में।

    व्याख्या (Explanation): जबकि कुछ विशेष जैविक संरचनाओं (जैसे तारकाकाय के कुछ पहलू) की तुलना “हीरे” से की जा सकती है, यह शब्द सीधे तौर पर दो मुख्य अंगों या बायोमॉलिक्यूल्स के बीच एक स्थापित रूपक संबंध को व्यक्त नहीं करता है जैसा कि अन्य विकल्पों में दर्शाया गया है। प्रश्न 9 और 13 में दिए गए संदर्भ अधिक विशिष्ट हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  16. हीरे का घनत्व (density) कितना होता है?

    • (a) 2.0 g/cm³
    • (b) 3.5 g/cm³
    • (c) 5.0 g/cm³
    • (d) 7.8 g/cm³

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): घनत्व द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन होता है (ρ = m/V)।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का घनत्व लगभग 3.51 से 3.53 g/cm³ होता है। यह घनत्व, इसकी असाधारण कठोरता के साथ, इसके अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण है। अन्य विकल्प लोहे (लगभग 7.8 g/cm³) या अन्य धातुओं जैसे सामग्रियों के घनत्व के करीब हो सकते हैं, लेकिन हीरे के लिए नहीं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  17. कार्बनिक रसायन विज्ञान में, “हीरा” (diamond) शब्द का प्रयोग किस प्रकार की कार्बन-कार्बन बंधन व्यवस्था का वर्णन करने के लिए किया जा सकता है, जो बहुत मजबूत और स्थिर होती है?

    • (a) संतृप्त (Saturated)
    • (b) असंतृप्त (Unsaturated)
    • (c) सुगंधित (Aromatic)
    • (d) बहुलकीकृत (Polymerized)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): संतृप्त यौगिक वे होते हैं जिनमें कार्बन परमाणु एकल बंधों से जुड़े होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से एकल सहसंयोजक बंधों (C-C single bonds) से जुड़ा होता है। यह व्यवस्था “संतृप्त” (saturated) मानी जाती है क्योंकि सभी कार्बन वैलेंसी एकल बंधों से पूरी होती हैं। यह असंतृप्त (जैसे डबल या ट्रिपल बॉन्ड) या सुगंधित (जैसे बेंजीन रिंग) प्रणालियों के विपरीत है, जो कम स्थिर हो सकती हैं या अलग रासायनिक गुण दिखा सकती हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  18. हीरे का इस्तेमाल कांच काटने वाले औजारों में क्यों किया जाता है?

    • (a) यह कांच की तुलना में नरम होता है
    • (b) यह कांच की तुलना में कठोर होता है
    • (c) यह कांच से चिपक जाता है
    • (d) यह कांच को रंग देता है

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एक कठोर सामग्री दूसरी, नरम सामग्री को आसानी से काट या खरोंच सकती है।

    व्याख्या (Explanation): जैसा कि प्रश्न 4 में बताया गया है, हीरा सबसे कठोर ज्ञात प्राकृतिक सामग्रियों में से एक है। कांच की कठोरता हीरे से काफी कम होती है। इसलिए, हीरे के औजार आसानी से कांच को काटकर या खरोंच कर वांछित आकार दे सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. मानव शरीर में, “हीरा” (diamond) शब्द का प्रयोग किस रोग की पहचान में एक लक्षण के रूप में किया जा सकता है, विशेष रूप से जब यह त्वचा पर दिखाई देता है?

    • (a) मधुमेह (Diabetes)
    • (b) चेचक (Smallpox)
    • (c) पीलिया (Jaundice)
    • (d) दमा (Asthma)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कुछ संक्रामक रोगों में त्वचा पर विशिष्ट दाने या निशान दिखाई देते हैं।

    व्याख्या (Explanation): चेचक (Smallpox) के गंभीर मामलों में, त्वचा पर गहरे, लाल या काले धब्बे दिखाई दे सकते हैं, जिन्हें कभी-कभी “हीरे के धब्बे” (diamond spots) के रूप में वर्णित किया जाता था, खासकर ठीक होने के बाद। यह एक विशिष्ट चिकित्सा संदर्भ है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  20. हीरे को पिघलाने के लिए अत्यंत उच्च तापमान की आवश्यकता क्यों होती है?

    • (a) क्योंकि इसके परमाणु एक-दूसरे से कमजोर रूप से बंधे होते हैं
    • (b) क्योंकि इसके परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधन होते हैं
    • (c) क्योंकि यह एक गैस है
    • (d) क्योंकि यह आसानी से वाष्पीकृत हो जाता है

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ को पिघलाने के लिए आवश्यक ऊर्जा उसके कणों के बीच के आकर्षण बल को दूर करने के लिए आवश्यक ऊर्जा के समानुपाती होती है।

    व्याख्या (Explanation): जैसा कि पहले बताया गया है, हीरे में कार्बन परमाणुओं के बीच अत्यधिक मजबूत सहसंयोजक बंधन होते हैं। इन बंधनों को तोड़ने और पदार्थ को पिघलाने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा (अर्थात, बहुत उच्च तापमान) की आवश्यकता होती है। वास्तव में, सामान्य दबाव पर, हीरा सीधे गैस (कार्बन डाइऑक्साइड) में परिवर्तित हो जाता है, पिघलता नहीं है, और इसके लिए लगभग 3550°C (6422°F) का तापमान चाहिए, जो एक उच्च गलनांक (या उच्च उर्ध्वपातन बिंदु) है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. जीव विज्ञान में, “हीरा” (diamond) शब्द का प्रयोग किस विशेष प्रकार के कोशिका विभाजन के अध्ययन में एक मॉडल के रूप में किया जा सकता है?

    • (a) समसूत्री विभाजन (Mitosis)
    • (b) अर्धसूत्री विभाजन (Meiosis)
    • (c) असूत्री विभाजन (Amitosis)
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कोशिका विभाजन के दौरान गुणसूत्रों और अन्य संरचनाओं की व्यवस्था अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है।

    व्याख्या (Explanation): समसूत्री विभाजन (Mitosis) के प्रोफ़ेज़ (prophase) और मेटाफ़ेज़ (metaphase) चरणों के दौरान, गुणसूत्र तर्कु तंतुओं (spindle fibers) से जुड़कर कोशिका के केंद्र में एक पंक्ति बनाते हैं, जिसे मेटाफ़ेज़ प्लेट (metaphase plate) कहा जाता है। कुछ कलाकृतियों (artifacts) या सूक्ष्म अवलोकन में, गुणसूत्रों की यह व्यवस्थित पंक्ति एक “हीरे” या “क्रॉस” जैसी आकृति बना सकती है, जो कोशिका विभाजन के यांत्रिक पहलुओं के अध्ययन के लिए एक दृश्य मॉडल के रूप में देखी जा सकती है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  22. हीरे की कठोरता को मापने के लिए किस पैमाने का उपयोग किया जाता है?

    • (a) रिक्टर पैमाना (Richter Scale)
    • (b) मोस पैमाना (Mohs Scale)
    • (c) ब्रिनेल पैमाना (Brinell Scale)
    • (d) रॉकवेल पैमाना (Rockwell Scale)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कठोरता पैमाने सामग्री की खरोंच के प्रति प्रतिरोध को मापने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): मोस पैमाना, जो 1750 के दशक में फ्रेडरिक मोस द्वारा विकसित किया गया था, खनिजों की सापेक्ष खरोंच कठोरता को मापने के लिए सबसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला पैमाना है। हीरे को इस पैमाने पर 10 का उच्चतम स्कोर दिया गया है। रिक्टर पैमाना भूकंप की तीव्रता, ब्रिनेल और रॉकवेल पैमाने अन्य औद्योगिक कठोरता परीक्षणों के लिए उपयोग किए जाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  23. निम्नलिखित में से कौन सा कारक हीरे को ‘अनमोल रत्न’ बनाता है, जो उसकी उपयोगिता को ‘दोहरा’ (doubling down) करता है?

    • (a) उसकी प्रचुरता
    • (b) उसकी दुर्लभता और सौंदर्य गुण
    • (c) उसकी खराब गुणवत्ता
    • (d) उसकी कम कठोरता

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी वस्तु का मूल्य उसकी आपूर्ति (दुर्लभता), मांग और गुणों से निर्धारित होता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे को अनमोल रत्न मानने का मुख्य कारण उसकी प्राकृतिक दुर्लभता और उसके अद्वितीय सौंदर्य गुण हैं, जैसे चमक, आग और स्पार्कल। ये गुण, उसकी असाधारण कठोरता और स्थायित्व के साथ मिलकर, उसके मूल्य को बढ़ाते हैं। उसकी प्रचुरता, खराब गुणवत्ता या कम कठोरता उसे अनमोल नहीं बनाएगी।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  24. भौतिकी में, हीरे की ऑप्टिकल (optical) गुणवत्ता पर किस बात का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है?

    • (a) तापमान
    • (b) दबाव
    • (c) कटाई की गुणवत्ता (Cutting Quality)
    • (d) शुद्धता

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रत्नों की चमक और सुंदरता सीधे तौर पर उनकी पॉलिशिंग और कटिंग की गुणवत्ता से जुड़ी होती है।

    व्याख्या (Explanation): जबकि हीरे की आंतरिक शुद्धता और क्रिस्टल संरचना उसके गुणों के लिए महत्वपूर्ण हैं, उसकी ऑप्टिकल गुणवत्ता, यानी वह कितनी अच्छी तरह से प्रकाश को परावर्तित और अपवर्तित करता है, मुख्य रूप से उसकी कटाई की गुणवत्ता (facet angles, symmetry, polish) पर निर्भर करती है। एक अच्छी तरह से काटा गया हीरा, भले ही थोड़ा कम शुद्ध हो, एक खराब कटे हुए, उच्च-शुद्धता वाले हीरे की तुलना में अधिक आकर्षक लग सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. जीव विज्ञान में, “हीरा” (diamond) शब्द का प्रयोग किस प्रकार के प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) में ऊर्जा हस्तांतरण पथ का वर्णन करने के लिए किया जा सकता है?

    • (a) चक्रीय प्रकाश संश्लेषण (Cyclic Photophosphorylation)
    • (b) अचक्रीय प्रकाश संश्लेषण (Non-cyclic Photophosphorylation)
    • (c) C3 प्रकाश संश्लेषण (C3 Photosynthesis)
    • (d) C4 प्रकाश संश्लेषण (C4 Photosynthesis)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): C4 प्रकाश संश्लेषण में CO2 स्थिरीकरण के लिए एक विशेष संरचनात्मक व्यवस्था होती है।

    व्याख्या (Explanation): C4 पौधों में, CO2 को पहले मेसोफिल कोशिकाओं में फॉस्फोएनोलपाइरूवेट (PEP) के साथ स्थिर किया जाता है, जिससे ऑक्सालोएसीटेट बनता है। इसके बाद, यह ऑक्सालोएसीटेट मेलिट या एस्पार्टेट में परिवर्तित हो जाता है, जो बंडिलशीथ कोशिकाओं (bundle sheath cells) में स्थानांतरित हो जाते हैं। बंडिलशीथ कोशिकाओं में, CO2 को फिर से मुक्त किया जाता है और केल्विन चक्र में प्रवेश करता है। बंडिलशीथ कोशिकाओं में क्लोरोप्लास्ट की व्यवस्था, जो प्रकाश संश्लेषण के मुख्य स्थल हैं, कभी-कभी एक “हीरे के पैटर्न” या “हीरे के आकार” की संरचना के रूप में वर्णित की जाती है, जो इस विशेष CO2-सांद्रण तंत्र में एक भूमिका निभाती है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

Leave a Comment