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हीरे के चमकीले विज्ञान को समझें: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान प्रश्न

हीरे के चमकीले विज्ञान को समझें: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान प्रश्न

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहरी समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के सिद्धांतों का ज्ञान आपको जटिल प्रश्नों को हल करने और अपने ज्ञान का परीक्षण करने में मदद करता है। आइए, “Doubling Down on Diamond” जैसे सामयिक संकेत के माध्यम से, इन विषयों के महत्वपूर्ण प्रश्नों का अभ्यास करें और अपनी तैयारी को और मजबूत बनाएं।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. हीरा अपनी असाधारण कठोरता और चमक के लिए जाना जाता है। यह मुख्य रूप से किस कारण होता है?

    • (a) इसके क्रिस्टल जालक में आयनिक बंध
    • (b) कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंधों की अत्यधिक मजबूत प्रकृति
    • (c) इसमें धात्विक चमक
    • (d) इसकी उच्च तापीय चालकता

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थों के भौतिक गुणधर्म उनके रासायनिक बंधों की प्रकृति पर निर्भर करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक अपररूप है जहाँ प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है, जिससे एक त्रि-आयामी (3D) नेटवर्क संरचना बनती है। ये सहसंयोजक बंध बहुत मजबूत होते हैं, जो हीरे को असाधारण कठोरता प्रदान करते हैं। इसकी उच्च अपवर्तनांक (refractive index) के कारण प्रकाश अंदर फंस जाता है और बार-बार परावर्तित होता है, जिससे हीरे में असाधारण चमक आती है। आयनिक बंध आयनों के बीच होते हैं, धात्विक चमक धात्विक बंधों का परिणाम है, और तापीय चालकता एक अलग गुण है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  2. हीरे का उपयोग कठोर सामग्री को काटने और पीसने के लिए क्यों किया जाता है?

    • (a) यह अपेक्षाकृत नरम होता है
    • (b) यह रासायनिक रूप से निष्क्रिय होता है
    • (c) इसकी कम गलनांक
    • (d) यह अत्यधिक विद्युत चालक होता है

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थों की कठोरता और रासायनिक निष्क्रियता उन्हें विशेष औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त बनाती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता (मोह्स पैमाने पर 10) इसे अन्य सभी ज्ञात प्राकृतिक खनिजों से अधिक कठोर बनाती है। इसके अतिरिक्त, यह रासायनिक रूप से अत्यधिक निष्क्रिय होता है, जिसका अर्थ है कि यह अधिकांश रसायनों के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है। ये दो गुण इसे ड्रिलिंग, कटिंग और ग्राइंडिंग जैसे अनुप्रयोगों के लिए आदर्श बनाते हैं, जहाँ यह अन्य, कम कठोर सामग्रियों को आसानी से काट सकता है और स्वयं भी क्षरण का प्रतिरोध करता है। यह नरम नहीं होता, इसका गलनांक बहुत उच्च होता है, और यह विद्युत का कुचालक होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. निम्नलिखित में से कौन सा हीरे का एक प्रमुख भौतिक गुण है जो इसे सजावटी रत्नों के रूप में मूल्यवान बनाता है?

    • (a) कम अपवर्तनांक
    • (b) रंगहीनता और उच्च फैलाव
    • (c) निम्न घनत्व
    • (d) उच्च विद्युत चालकता

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाशिकी (Optics) के गुणधर्म, जैसे अपवर्तन और फैलाव, रत्नों की चमक और रंगीनता को प्रभावित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.417) और विशेष रूप से इसका उच्च फैलाव (dispersal), जो सफेद प्रकाश को उसके घटक रंगों (लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, इंडिगो, बैंगनी) में विभाजित करने की क्षमता है, इसके “फायर” या इंद्रधनुषी चमक के लिए जिम्मेदार हैं। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह मुड़ता है (अपवर्तन) और फिर विभिन्न रंगों में अलग हो जाता है (फैलाव), जिससे माणिक की तरह रंगीन चमक उत्पन्न होती है। रंगहीनता (clarity) भी एक महत्वपूर्ण कारक है। निम्न घनत्व, कम अपवर्तनांक और उच्च विद्युत चालकता (जो यह प्रदर्शित नहीं करता) इसे सजावटी रत्न के रूप में कम मूल्यवान बनाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  4. हीरे का कार्बनिक यौगिकों के साथ प्रतिक्रिया न करने का गुणधर्म, रासायनिक रूप से किस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है?

    • (a) अभिक्रियाशीलता (Reactivity)
    • (b) निष्क्रियता (Inertness)
    • (c) संक्षारकता (Corrosiveness)
    • (d) चालकता (Conductivity)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थों का रासायनिक व्यवहार उनकी इलेक्ट्रॉनिक संरचना और बंधों की स्थिरता पर निर्भर करता है।

    व्याख्या (Explanation): जब कोई पदार्थ सामान्य परिस्थितियों में अधिकांश अन्य रासायनिक अभिकर्मकों के साथ आसानी से प्रतिक्रिया नहीं करता है, तो उसे रासायनिक रूप से निष्क्रिय (inert) माना जाता है। हीरे के कार्बन-कार्बन सहसंयोजक बंधों की अत्यधिक मजबूती और त्रि-आयामी संरचना के कारण, इसे तोड़ना और अन्य परमाणुओं के साथ बंधन बनाना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए, यह अधिकांश एसिड, क्षार और अन्य रसायनों के प्रति अत्यधिक निष्क्रिय होता है। अभिक्रियाशीलता का अर्थ है प्रतिक्रिया करने की प्रवृत्ति, संक्षारकता का अर्थ है सामग्री को खराब करने की क्षमता, और चालकता का अर्थ है विद्युत या ऊष्मा का संचालन करना।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  5. कार्बन का वह कौन सा अपररूप है जिसका उपयोग पेंसिल की लीड (lead) बनाने में किया जाता है?

    • (a) हीरा (Diamond)
    • (b) ग्रेफाइट (Graphite)
    • (c) फुलरीन (Fullerenes)
    • (d) काजल (Soot)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अपररूपता (Allotropy) का अर्थ है कि एक ही तत्व विभिन्न रूपों में मौजूद हो सकता है, जिनके भौतिक गुणधर्म भिन्न होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): पेंसिल की लीड कार्बन के एक अन्य अपररूप, ग्रेफाइट से बनती है। ग्रेफाइट की संरचना में कार्बन परमाणु षट्कोणीय (hexagonal) परतों में व्यवस्थित होते हैं, जहाँ परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंध होते हैं, लेकिन परतों के बीच कमजोर वैन डेर वाल्स बल होते हैं। ये कमजोर अंतर-परत बल ग्रेफाइट को परतों के साथ आसानी से खिसकने की अनुमति देते हैं, जिससे यह लिखने के लिए उपयुक्त हो जाता है। हीरा बहुत कठोर होता है और पाउडर नहीं बनता, फुलरीन विभिन्न आणविक संरचनाओं वाले समूह हैं, और काजल मुख्य रूप से कार्बन कण होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  6. निम्नलिखित में से कौन सा कथन हीरे के लिए सही है?

    • (a) यह विद्युत का एक अच्छा सुचालक है।
    • (b) यह सामान्य तापमान पर अन्य पदार्थों के साथ आसानी से प्रतिक्रिया करता है।
    • (c) यह अत्यधिक दुर्बल (brittle) होता है।
    • (d) यह कार्बन का एक शुद्ध क्रिस्टलीय रूप है।

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थों के गुणधर्म उनकी संरचना और बंधों के प्रकार पर निर्भर करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन परमाणुओं से बनी एक अत्यंत व्यवस्थित और शुद्ध क्रिस्टलीय संरचना है। इसके विपरीत, हीरा विद्युत का कुचालक होता है क्योंकि इसके सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंधों में दृढ़ता से बंधे होते हैं और गतिमान नहीं होते। यह रासायनिक रूप से बहुत निष्क्रिय होता है, प्रतिक्रिया नहीं करता। यद्यपि यह बहुत कठोर होता है, लेकिन अगर इस पर बहुत अधिक बल लगाया जाए तो यह टूट सकता है, जिसे दुर्बलता (brittleness) कहते हैं, पर यह इसका सबसे प्रमुख या मूल्यवान गुण नहीं है। शुद्ध क्रिस्टलीय रूप इसका सबसे महत्वपूर्ण पहलू है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  7. हीरे का उच्च अपवर्तनांक (high refractive index) का क्या अर्थ है?

    • (a) प्रकाश इसके माध्यम से बहुत तेजी से यात्रा करता है
    • (b) प्रकाश इसके माध्यम से यात्रा करते समय बहुत अधिक मुड़ता है
    • (c) यह प्रकाश को बिल्कुल भी नहीं गुजरने देता
    • (d) यह प्रकाश को सभी दिशाओं में बिखेर देता है

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक (Refractive Index) किसी माध्यम में प्रकाश की गति में कमी को इंगित करता है, जो मुड़ने के कोण से संबंधित है।

    व्याख्या (Explanation): अपवर्तनांक (n) दो माध्यमों में प्रकाश की गति के अनुपात को दर्शाता है: निर्वात में प्रकाश की गति (c) और माध्यम में प्रकाश की गति (v), यानी n = c/v। उच्च अपवर्तनांक का मतलब है कि प्रकाश उस माध्यम में धीमी गति से चलता है। जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है जहाँ अपवर्तनांक भिन्न होता है, तो वह मुड़ जाता है। हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) यह दर्शाता है कि प्रकाश हीरे में प्रवेश करते समय हवा की तुलना में बहुत अधिक मुड़ता है, जो इसकी असाधारण चमक में योगदान देता है। यह प्रकाश को तेजी से यात्रा करने, गुजरने से रोकने या बिखेरने के बजाय उसे अत्यधिक मोड़ता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  8. हीरे को कठोर से कठोर धातु को काटने के लिए ब्लेड में लगाने के लिए, इसे किस प्रकार की धातु में जड़ा जाता है?

    • (a) सोना
    • (b) चांदी
    • (c) इस्पात (Steel)
    • (d) एल्यूमीनियम

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): औद्योगिक कटिंग उपकरणों में, हीरे को एक ऐसे मैट्रिक्स में स्थापित किया जाता है जो हीरे को धारण कर सके और साथ ही उपकरण की समग्र कठोरता और स्थायित्व में योगदान दे सके।

    व्याख्या (Explanation): हीरे को कटिंग ब्लेड में आमतौर पर एक धातु मैट्रिक्स में लगाया जाता है, जो अक्सर कोबाल्ट या निकल जैसे धातुओं के साथ मिश्रित इस्पात (steel) या टंगस्टन कार्बाइड (tungsten carbide) से बना होता है। यह मैट्रिक्स हीरे को सुरक्षित रूप से जकड़े रखता है और घर्षण के दौरान उत्पन्न गर्मी को दूर ले जाने में भी मदद करता है। इस्पात अपनी उच्च कठोरता और स्थायित्व के कारण एक सामान्य विकल्प है। सोना, चांदी और एल्यूमीनियम, हीरे की तुलना में बहुत नरम होते हैं और औद्योगिक कटिंग के लिए उपयुक्त मैट्रिक्स नहीं बनाते।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  9. जब सफेद प्रकाश हीरे से गुजरता है, तो यह अलग-अलग रंगों में बिखर जाता है। इस घटना को क्या कहते हैं?

    • (a) अपवर्तन (Refraction)
    • (b) विवर्तन (Diffraction)
    • (c) फैलाव (Dispersion)
    • (d) परावर्तन (Reflection)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाशिकी में, फैलाव (Dispersion) वह घटना है जिसमें एक प्रिज्म या माध्यम से गुजरने पर सफेद प्रकाश अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च फैलाव (Dispersion) इसे “फायर” या बहुरंगी चमक प्रदान करता है। फैलाव इसलिए होता है क्योंकि हीरे का अपवर्तनांक प्रकाश की तरंग दैर्ध्य (wavelength) के साथ थोड़ा भिन्न होता है। लाल रंग (लंबी तरंग दैर्ध्य) नीले रंग (छोटी तरंग दैर्ध्य) की तुलना में कम मुड़ता है। इसलिए, जब सफेद प्रकाश हीरे के अंदर प्रवेश करता है, तो विभिन्न रंग अलग-अलग कोणों पर मुड़ते हैं, जिससे वे अलग हो जाते हैं। अपवर्तन प्रकाश का मुड़ना है, विवर्तन प्रकाश का किनारों पर फैलना है, और परावर्तन प्रकाश का टकराकर वापस आना है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. हीरे के निर्माण के लिए कौन सी परिस्थितियाँ आवश्यक हैं?

    • (a) कम तापमान और कम दबाव
    • (b) उच्च तापमान और कम दबाव
    • (c) कम तापमान और उच्च दबाव
    • (d) उच्च तापमान और उच्च दबाव

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन का हीरा अपररूप अत्यंत उच्च दबाव और तापमान पर बनता है।

    व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के मेंटल (mantle) में गहराई में बनते हैं, जहाँ अत्यधिक उच्च दबाव (लगभग 4.5–6 GPa) और उच्च तापमान (लगभग 900–1300 °C) होता है। ये स्थितियाँ कार्बन परमाणुओं को एक साथ एक सघन, त्रि-आयामी क्रिस्टल संरचना में संघनित करती हैं जिसे हीरा कहते हैं। प्रयोगशालाओं में कृत्रिम हीरे बनाने के लिए भी समान परिस्थितियों (जैसे उच्च दबाव वाले संश्लेषण – HPHT) का उपयोग किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  11. हीरे के “कलर” (color) की गुणवत्ता को कैसे मापा जाता है?

    • (a) रंगों की संख्या जो यह प्रदर्शित करता है
    • (b) रंगहीनता से लेकर हल्के पीले या भूरे रंग तक की श्रेणी
    • (c) लाल और नीले रंगों की उपस्थिति
    • (d) पारदर्शिता की डिग्री

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रत्न गुणवत्ता मूल्यांकन में “4 Cs” (Carat, Cut, Clarity, Color) शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक रत्न के मूल्य को प्रभावित करता है।

    व्याख्या (Explanation): रत्नों के संदर्भ में, “कलर” (Color) आमतौर पर हीरे की रंगहीनता (colorlessness) की डिग्री को संदर्भित करता है। सबसे मूल्यवान हीरे पूरी तरह से रंगहीन होते हैं (D-F ग्रेड)। जैसे-जैसे हीरे में हल्के पीले या भूरे रंग की मात्रा बढ़ती है, वे कम मूल्यवान होते जाते हैं (G-Z ग्रेड)। रंगीन हीरे (Fancy Color Diamonds) जैसे कि गुलाबी, नीला, या पीला, जो इस पैमाने से बाहर आते हैं, उनका मूल्यांकन एक अलग प्रणाली के अनुसार किया जाता है। रंगों की संख्या, लाल/नीले रंग की उपस्थिति, या पारदर्शिता की डिग्री सीधे तौर पर “कलर” गुणवत्ता को परिभाषित नहीं करते।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  12. हीरे का इस्तेमाल अक्सर किन विद्युत घटकों में किया जाता है?

    • (a) सेमीकंडक्टर (Semiconductors)
    • (b) इन्सुलेटर (Insulators)
    • (c) कंडक्टर (Conductors)
    • (d) कैपेसिटर (Capacitors)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अर्धचालक (Semiconductors) वे सामग्रियां हैं जिनकी चालकता कंडक्टरों और इन्सुलेटरों के बीच होती है, और उनके गुणधर्मों को नियंत्रित किया जा सकता है।

    व्याख्या (Explanation): शुद्ध हीरा विद्युत का एक उत्कृष्ट इन्सुलेटर है। हालांकि, डोपिंग (doping) नामक प्रक्रिया द्वारा (यानी, अन्य तत्वों को थोड़ी मात्रा में शामिल करके), हीरे को अर्धचालक (semiconductor) गुणों के साथ संशोधित किया जा सकता है। हीरे के अर्धचालक उच्च तापमान, उच्च शक्ति और उच्च आवृत्ति वाले अनुप्रयोगों के लिए बहुत उपयोगी होते हैं क्योंकि वे उत्कृष्ट तापीय चालकता और रासायनिक स्थिरता प्रदान करते हैं। वे पारंपरिक सिलिकॉन-आधारित अर्धचालकों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  13. निम्नलिखित में से कौन सा हीरे का उपयोग करने वाले एक औद्योगिक अनुप्रयोग का उदाहरण है?

    • (a) खाना पकाने के बर्तन
    • (b) संगीत वाद्ययंत्र
    • (c) ड्रिलिंग बिट्स (Drilling bits)
    • (d) लेंस (Lenses)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थों के भौतिक गुणधर्म उनके विशिष्ट उपयोगों को निर्धारित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता इसे ड्रिलिंग बिट्स (जैसे तेल और गैस की खोज या निर्माण में प्रयुक्त) और अन्य कटिंग टूल्स के लिए एक आदर्श सामग्री बनाती है। यह बहुत कठोर चट्टानों और कंक्रीट को भी आसानी से ड्रिल कर सकता है। खाना पकाने के बर्तन, संगीत वाद्ययंत्र और सामान्य लेंस बनाने के लिए हीरे का उपयोग नहीं किया जाता है, हालाँकि विशेष प्रकार के ऑप्टिकल उपकरणों में हीरे का उपयोग किया जा सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  14. कार्बनिक संश्लेषण में, हीरे का उपयोग एक उत्प्रेरक (catalyst) के रूप में किया जा सकता है, विशेषकर किस प्रकार की प्रतिक्रियाओं में?

    • (a) अम्लीय अपघटन
    • (b) ऑक्सीकरण प्रतिक्रियाएँ
    • (c) धातुकर्म (Metallurgy)
    • (d) कोई नहीं

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कुछ अति-कठोर और रासायनिक रूप से स्थिर सामग्री, जब विशेष रूप से उपचारित की जाती हैं, तो उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकती हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे, विशेष रूप से जब उन्हें सक्रिय किया जाता है या नाइट्रोजन जैसे अशुद्धियों के साथ मिलाया जाता है, तो उन्हें कुछ ऑक्सीकरण प्रतिक्रियाओं के लिए उत्प्रेरक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, उन्हें पानी को निष्फल करने या अन्य कार्बनिक यौगिकों के ऑक्सीकरण में उपयोग के लिए शोधित किया गया है। हीरे की रासायनिक स्थिरता और बड़े सतह क्षेत्र (जब नैनोकणों के रूप में उपयोग किया जाता है) इसे उत्प्रेरक समर्थन के लिए एक संभावित सामग्री बनाते हैं। यह विशेष रूप से अम्लीय अपघटन या धातुकर्म में उत्प्रेरक के रूप में सामान्यतः उपयोग नहीं होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  15. हीरे का निर्माण करते समय, कार्बन के परमाणुओं के बीच बनने वाले बंध का प्रकार क्या है?

    • (a) आयनिक बंध (Ionic bond)
    • (b) सहसंयोजक बंध (Covalent bond)
    • (c) धात्विक बंध (Metallic bond)
    • (d) हाइड्रोजन बंध (Hydrogen bond)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंध इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी द्वारा बनते हैं और मजबूत, दिशात्मक बंध होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने चार संयोजी इलेक्ट्रॉनों को चार पड़ोसी कार्बन परमाणुओं के साथ साझा करके चार सहसंयोजक बंध बनाता है। ये बंध बहुत मजबूत होते हैं और कार्बन परमाणुओं को एक त्रि-आयामी टेट्राहेड्रल (tetrahedral) क्रिस्टल जालक में एक साथ बांधे रखते हैं। आयनिक बंधों में इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण शामिल होता है, धात्विक बंधों में इलेक्ट्रॉनों का एक “समुद्र” होता है, और हाइड्रोजन बंध इलेक्ट्रॉनों की असमान साझेदारी और विभिन्न अणुओं के बीच आकर्षण से उत्पन्न होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  16. पृथ्वी पर पाए जाने वाले अधिकांश हीरे किस प्रक्रिया से सतह पर लाए जाते हैं?

    • (a) ज्वालामुखी विस्फोट
    • (b) भूकंप
    • (c) भूस्खलन
    • (d) महासागरीय धाराएं

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): आग्नेय चट्टानें (igneous rocks) पृथ्वी के आंतरिक भाग से पिघले हुए पदार्थ के ऊपर आने से बनती हैं, और कभी-कभी दुर्लभ खनिजों को अपने साथ लाती हैं।

    व्याख्या (Explanation): अधिकांश प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के मेंटल में बहुत गहराई में बनते हैं। वे पिघले हुए मैग्मा के अचानक और तीव्र विस्फोटों से सतह पर लाए जाते हैं, जो “किम्बरलाइट” (kimberlite) और “लम्प्रोइट” (lamproite) नामक विशेष प्रकार की आग्नेय चट्टानों (igneous rocks) के रूप में पृथ्वी की सतह तक पहुँचते हैं। ये चट्टानें हीरे को अपने साथ ले जाती हैं। भूकंप, भूस्खलन और महासागरीय धाराएं सीधे तौर पर हीरे को सतह पर लाने की मुख्य प्रक्रियाएं नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  17. हीरे की कठोरता, Mohs पैमाने पर, 10 है। इसका क्या तात्पर्य है?

    • (a) यह केवल हीरे द्वारा ही खरोंचा जा सकता है।
    • (b) यह किसी भी अन्य सामग्री को खरोंच सकता है।
    • (c) यह Mohs पैमाने पर उच्चतम कठोरता है।
    • (d) (a) और (c) दोनों

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): Mohs कठोरता पैमाना (Mohs Hardness Scale) खनिजों की सापेक्ष खरोंच प्रतिरोधकता को मापता है, जिसमें 1 सबसे नरम और 10 सबसे कठोर होता है।

    व्याख्या (Explanation): Mohs पैमाने पर 10 की कठोरता का मतलब है कि हीरा Mohs पैमाने पर सबसे कठोर ज्ञात प्राकृतिक खनिज है। इसका मतलब यह भी है कि केवल हीरा ही किसी अन्य हीरे को खरोंच सकता है, और हीरा किसी भी अन्य Mohs पैमाने पर सूचीबद्ध खनिज या सामग्री को खरोंच सकता है। इसलिए, विकल्प (a) और (c) दोनों सही हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  18. “हीरे का कट” (Diamond Cut) मुख्य रूप से किस बात को प्रभावित करता है?

    • (a) हीरे का रंग
    • (b) हीरे का वजन
    • (c) हीरे की चमक और आग (fire)
    • (d) हीरे की शुद्धता

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रत्न काटने की कला (Gem Cutting Art) का उद्देश्य पत्थर के आंतरिक प्रकाशिकी गुणों को बढ़ाना है।

    व्याख्या (Explanation): “कट” (Cut) हीरे के “4 Cs” में से एक है और यह दर्शाता है कि पत्थर को कितनी अच्छी तरह से काटा और पॉलिश किया गया है। एक अच्छा कट हीरे के अंदर प्रकाश के प्रवेश, प्रतिबिंब और अपवर्तन को अनुकूलित करता है, जिससे उसकी चमक (brilliance) और आग (fire – रंगीन चमक) अधिकतम होती है। जबकि कट कुछ अशुद्धियों को दूर कर सकता है, यह सीधे तौर पर रंग या वजन को नहीं बदलता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  19. मानव शरीर में, कार्बन का मुख्य कार्य क्या है?

    • (a) ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत
    • (b) कोशिकाओं की संरचनात्मक घटक
    • (c) ऑक्सीजन का परिवहन
    • (d) तंत्रिका आवेगों का संचालन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बनिक रसायन विज्ञान (Organic Chemistry) जीवन के लिए कार्बन-आधारित अणुओं के महत्व से संबंधित है।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन जीवन का आधार है। यह सभी जीवित जीवों में पाए जाने वाले जटिल कार्बनिक अणुओं, जैसे कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड (DNA/RNA) के निर्माण खंड के रूप में कार्य करता है। ये अणु कोशिकाओं की संरचना, कार्य और प्रजनन के लिए आवश्यक हैं। जबकि कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा प्रदान करते हैं, कार्बन स्वयं प्राथमिक ऊर्जा स्रोत नहीं है, बल्कि उन अणुओं का हिस्सा है। ऑक्सीजन का परिवहन हीमोग्लोबिन (प्रोटीन) द्वारा किया जाता है, और तंत्रिका आवेगों का संचालन मुख्य रूप से सोडियम और पोटेशियम आयनों द्वारा होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  20. बायोलॉजी में, कार्बन का एक महत्वपूर्ण यौगिक जो ऊर्जा भंडारण और कोशिका झिल्ली के निर्माण में भूमिका निभाता है, वह कौन सा है?

    • (a) प्रोटीन
    • (b) न्यूक्लिक एसिड
    • (c) लिपिड (वसा)
    • (d) कार्बोहाइड्रेट

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जैविक मैक्रोमोलेक्यूल्स (biological macromolecules) के विभिन्न कार्य होते हैं, जो उनकी रासायनिक संरचना से जुड़े होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): लिपिड, जिनमें वसा और तेल शामिल हैं, कोशिका झिल्लियों (cell membranes) के मुख्य घटक हैं (फॉस्फोलिपिड्स के रूप में) और ऊर्जा का एक सघन रूप संग्रहीत करते हैं। प्रोटीन अमीनो एसिड से बने होते हैं और एंजाइम, संरचनात्मक घटक आदि के रूप में कार्य करते हैं। न्यूक्लिक एसिड (DNA/RNA) आनुवंशिक जानकारी संग्रहीत करते हैं। कार्बोहाइड्रेट मुख्य रूप से ऊर्जा स्रोत हैं, लेकिन सीधे कोशिका झिल्ली के प्रमुख घटक नहीं होते।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  21. पृथ्वी के वायुमंडल में कार्बन का मुख्य रूप से किस गैस के रूप में पाया जाता है?

    • (a) मीथेन (CH₄)
    • (b) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
    • (c) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
    • (d) कार्बन सल्फाइड (CS₂)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): वायुमंडल की संरचना में विभिन्न गैसों की सांद्रता महत्वपूर्ण पर्यावरणीय कारकों को प्रभावित करती है।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी के वायुमंडल में कार्बन का सबसे प्रचुर रूप कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) है, जो एक ग्रीनहाउस गैस है और प्रकाश संश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण है। मीथेन (CH₄) भी एक ग्रीनहाउस गैस है लेकिन CO₂ की तुलना में कम मात्रा में मौजूद है। कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) एक जहरीली गैस है और वायुमंडल में इसकी सांद्रता बहुत कम होती है। कार्बन सल्फाइड (CS₂) प्रकृति में दुर्लभ है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  22. प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया में, पौधे वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) लेते हैं और इसका उपयोग क्या बनाने के लिए करते हैं?

    • (a) ऑक्सीजन
    • (b) पानी
    • (c) ग्लूकोज (एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट)
    • (d) नाइट्रोजन

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण एक जैविक प्रक्रिया है जो सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके अकार्बनिक यौगिकों को कार्बनिक यौगिकों में परिवर्तित करती है।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण की समग्र प्रतिक्रिया है: 6CO₂ + 6H₂O + सूर्य का प्रकाश → C₆H₁₂O₆ + 6O₂। इस प्रक्रिया में, पौधे कार्बन डाइऑक्साइड और पानी का उपयोग करके ग्लूकोज (एक शर्करा, जो एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है) का संश्लेषण करते हैं, जो उन्हें अपनी वृद्धि और चयापचय के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। ऑक्सीजन एक उप-उत्पाद के रूप में जारी की जाती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  23. कार्बनिक यौगिकों में कार्बन-कार्बन एकल बंध (C-C single bond) की तुलना में कार्बन-कार्बन दोहरा बंध (C=C double bond) की ऊर्जा क्या होती है?

    • (a) कम ऊर्जा
    • (b) समान ऊर्जा
    • (c) अधिक ऊर्जा
    • (d) यह बंध के प्रकार पर निर्भर करता है

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): बंध ऊर्जा (Bond energy) अणुओं को एक साथ रखने वाली ऊर्जा है। अधिक बंध आबंधों में अधिक ऊर्जा होती है।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन-कार्बन दोहरा बंध (C=C) एक एकल बंध (C-C) की तुलना में अधिक मजबूत होता है क्योंकि इसमें एक सिग्मा (σ) बंध और एक पाई (π) बंध दोनों शामिल होते हैं, जबकि एकल बंध में केवल एक सिग्मा बंध होता है। मजबूत बंधों को तोड़ने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है कि दोहरा बंध एकल बंध की तुलना में अधिक ऊर्जावान होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  24. मानव शरीर में, कार्बनिक यौगिकों का उपयोग करने के लिए कोशिकाएं किस प्रकार के कार्बन का उपयोग करती हैं?

    • (a) केवल हीरा (Diamond)
    • (b) केवल ग्रेफाइट (Graphite)
    • (c) जटिल कार्बनिक अणु (जैसे शर्करा, वसा, प्रोटीन)
    • (d) शुद्ध कार्बन तत्व

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीवन की रासायनिक प्रक्रियाएं जटिल कार्बनिक अणुओं पर निर्भर करती हैं।

    व्याख्या (Explanation): जीवित कोशिकाएं सीधे शुद्ध कार्बन तत्व (जैसे हीरा या ग्रेफाइट) का उपयोग नहीं करती हैं। इसके बजाय, वे जटिल कार्बनिक अणुओं का उपभोग और संश्लेषण करती हैं, जैसे कि कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड, जो सभी कार्बन परमाणुओं से बने होते हैं और विभिन्न कार्यात्मक समूहों से जुड़े होते हैं। ये अणु जीवन की संरचनात्मक और कार्यात्मक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. कार्बन के किस अपररूप का उपयोग सुपरकंडक्टिंग सामग्री के अनुसंधान में किया जा रहा है?

    • (a) हीरा (Diamond)
    • (b) फुलरीन (Fullerenes)
    • (c) ग्रेफाइट (Graphite)
    • (d) काजल (Soot)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): नैनोमैटेरियल्स (Nanomaterials) के अद्वितीय गुणधर्म उन्हें विभिन्न उन्नत अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त बनाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): फुलरीन, विशेष रूप से फुलरीन-आधारित यौगिक (जैसे पोटेशियम-डोप्ड फुलरीन), ने सुपरकंडक्टिंग (superconducting) गुणों का प्रदर्शन किया है। इन कार्बनिक नैनोमैटेरियल्स की आणविक संरचना उन्हें असामान्य विद्युत और भौतिक गुणधर्म प्रदान करती है, जिस पर वैज्ञानिक अनुसंधान कर रहे हैं। जबकि हीरे में भी संभावित अनुप्रयोग हैं, फुलरीन सुपरकंडक्टिविटी अनुसंधान में अधिक प्रमुखता से उभरे हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

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