हीरे की मजबूती: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की मजबूत पकड़ अत्यंत आवश्यक है। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के ये प्रश्न आपके ज्ञान को परखने और महत्वपूर्ण अवधारणाओं को स्पष्ट करने में मदद करेंगे। आइए, ‘Doubling Down on Diamond’ जैसे विषयों से प्रेरित इन प्रश्नों के माध्यम से अपनी तैयारी को और सुदृढ़ करें।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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कार्बन का कौन सा अपररूप (Allotrope) सबसे कठोर होता है?
- (a) ग्रेफाइट
- (b) फुलरीन
- (c) हीरा
- (d) कोयला
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन के अपररूप वे विभिन्न भौतिक रूप होते हैं जिनमें तत्व मौजूद हो सकता है। इनमें से प्रत्येक रूप में परमाणुओं की व्यवस्था अलग होती है, जिससे उनके भौतिक गुण भी भिन्न होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंध (covalent bonds) द्वारा चतुष्फलकीय (tetrahedral) रूप से जुड़ा होता है। यह त्रि-आयामी, अत्यधिक मजबूत नेटवर्क हीरे को अत्यंत कठोर बनाता है। ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु षट्कोणीय (hexagonal) परतों में व्यवस्थित होते हैं, और ये परतें कमजोर वान डेर वाल्स बलों द्वारा जुड़ी होती हैं, जिससे यह नरम होता है। फुलरीन गोलाकार या अंडाकार अणु होते हैं, और कोयला कार्बनिक पदार्थों का एक जटिल मिश्रण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे की क्रिस्टल संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु कितने अन्य कार्बन परमाणुओं से बंधा होता है?
- (a) 2
- (b) 3
- (c) 4
- (d) 6
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन की संयोजकता (valency) 4 होती है, जिसका अर्थ है कि यह चार अन्य परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंध बना सकता है। हीरे की विशिष्ट संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु sp3 संकरण (hybridization) के माध्यम से चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सिग्मा बंध (sigma bonds) बनाता है।
व्याख्या (Explanation): यह चतुष्फलकीय व्यवस्था एक अत्यंत मजबूत और स्थिर त्रि-आयामी जालक (three-dimensional lattice) का निर्माण करती है। बंधों की यह सघन और मजबूत व्यवस्था हीरे के असाधारण रूप से उच्च गलनांक, क्वथनांक और कठोरता का कारण बनती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे में प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) के कारण यह अत्यंत चमकीला दिखाई देता है। यह किस भौतिक घटना पर आधारित है?
- (a) अपवर्तन (Refraction)
- (b) विवर्तन (Diffraction)
- (c) परावर्तन (Reflection)
- (d) पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पूर्ण आंतरिक परावर्तन तब होता है जब प्रकाश एक सघन माध्यम से विरल माध्यम में एक क्रांतिक कोण (critical angle) से बड़े आपतन कोण (angle of incidence) पर यात्रा करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) बहुत अधिक (लगभग 2.42) होता है, जिसका अर्थ है कि प्रकाश हीरे में प्रवेश करते समय बहुत अधिक मुड़ता है। इसके अलावा, हीरे की विशिष्ट कटाई (faceting) यह सुनिश्चित करती है कि प्रकाश हीरे के अंदर बार-बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन से गुजरे। जब प्रकाश अंततः हीरे से बाहर निकलता है, तो यह बिखरा हुआ होता है, जिससे हीरे की विशिष्ट चमक और ‘फायर’ (fire) उत्पन्न होती है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे का उच्च अपवर्तनांक (Refractive Index) मुख्य रूप से किस कारण से होता है?
- (a) कार्बन परमाणुओं की उच्च घनत्व
- (b) मजबूत सहसंयोजक बंध
- (c) मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति
- (d) आयनिक बंधों का निर्माण
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का अपवर्तनांक प्रकाश की गति पर उसके माध्यम से गुजरने वाले प्रभाव से संबंधित होता है। यह सामग्री के इलेक्ट्रॉनिक संरचना और घनत्व से प्रभावित होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में कार्बन परमाणुओं का घनत्व बहुत अधिक होता है, और ये परमाणु प्रकाश तरंगों के साथ दृढ़ता से परस्पर क्रिया करते हैं। हालांकि मजबूत सहसंयोजक बंध इसकी कठोरता के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन प्रकाश के साथ परस्पर क्रिया और उच्च अपवर्तनांक मुख्य रूप से कार्बन परमाणुओं की सघन पैकिंग और उनके इलेक्ट्रॉनों के कारण होता है। हीरे में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं, इसलिए यह विद्युत का कुचालक होता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे का उपयोग कटाई और पॉलिशिंग (Cutting and Polishing) के लिए क्यों किया जाता है?
- (a) यह सस्ता होता है
- (b) यह मुलायम होता है
- (c) यह सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ है
- (d) यह रासायनिक रूप से निष्क्रिय है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): घर्षण (abrasion) के लिए, काटने या पॉलिश करने वाले पदार्थ को उस सामग्री की तुलना में बहुत कठोर होना चाहिए जिसे काटा या पॉलिश किया जा रहा है।
व्याख्या (Explanation): मोस् स्केल (Mohs scale) पर हीरे की कठोरता 10 है, जो इसे ज्ञात सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ बनाती है। इसका मतलब है कि हीरा किसी भी अन्य ज्ञात पदार्थ को खरोंच सकता है या काट सकता है। इसी गुण के कारण इसका उपयोग कांच काटने, चट्टानों की ड्रिलिंग और अन्य खुरदरे अनुप्रयोगों में किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का रासायनिक सूत्र क्या है?
- (a) CO
- (b) CO₂
- (c) C
- (d) SiO₂
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र किसी यौगिक में तत्वों के प्रकार और अनुपात को दर्शाते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक शुद्ध रूप है। इसका मतलब है कि यह केवल कार्बन परमाणुओं से बना है। इसलिए, इसका रासायनिक सूत्र केवल ‘C’ है। CO कार्बन मोनोऑक्साइड है, CO₂ कार्बन डाइऑक्साइड है, और SiO₂ सिलिकॉन डाइऑक्साइड (क्वार्ट्ज) है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे को उच्च तापमान पर हवा की अनुपस्थिति में गर्म करने पर क्या होता है?
- (a) यह पिघल जाता है
- (b) यह ग्रेफाइट में बदल जाता है
- (c) यह वाष्पीकृत हो जाता है
- (d) यह विघटित हो जाता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊष्मा (Heat) पदार्थ के अणुओं या परमाणुओं की गतिज ऊर्जा (kinetic energy) को बढ़ाती है, जिससे उनके अभिविन्यास (orientation) और बंधन (bonding) बदल सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे की संरचना बहुत स्थिर होती है, लेकिन उच्च तापमान पर (लगभग 1500°C से ऊपर) और ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में, कार्बन परमाणु फिर से व्यवस्थित होकर ग्रेफाइट की अधिक स्थिर परतदार संरचना बना सकते हैं। यह प्रक्रिया एक प्रकार का अपरूपण (allotropic transformation) है। यदि हवा (ऑक्सीजन) मौजूद होती, तो हीरा जलकर कार्बन डाइऑक्साइड बना लेता।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरा विद्युत का एक अच्छा सुचालक (Conductor) है या कुचालक (Insulator)?
- (a) सुचालक
- (b) कुचालक
- (c) कभी-कभी सुचालक, कभी-कभी कुचालक
- (d) अर्धचालक (Semiconductor)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता (electrical conductivity) पदार्थ में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन (valence electrons) कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंधों में मजबूती से बंधे होते हैं। कोई भी इलेक्ट्रॉन मुक्त नहीं होता है जो विद्युत प्रवाह का संचालन कर सके। इसलिए, हीरा विद्युत का एक उत्कृष्ट कुचालक है। इसके विपरीत, ग्रेफाइट में, परतों के बीच के इलेक्ट्रॉन मुक्त होते हैं और विद्युत का संचालन कर सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के ‘फायर’ (Fire) या इंद्रधनुषी रंग किस घटना के कारण दिखाई देते हैं?
- (a) केवल पूर्ण आंतरिक परावर्तन
- (b) प्रकाश का प्रकीर्णन (Scattering of light)
- (c) प्रकाश का परिक्षेपण (Dispersion of light)
- (d) व्यतिकरण (Interference)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश का परिक्षेपण वह घटना है जिसमें सफेद प्रकाश अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है जब वह विभिन्न अपवर्तनांक वाले माध्यम से गुजरता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक और प्रकाश के प्रति संवेदनशील होना, विशेष रूप से विभिन्न रंगों के प्रकाश के लिए थोड़े भिन्न अपवर्तनांक का होना, परिक्षेपण का कारण बनता है। जब प्रकाश हीरे के अंदर पूर्ण आंतरिक परावर्तन से गुजरता है, तो विभिन्न रंग अलग-अलग कोणों पर मुड़ते हैं, जिससे इंद्रधनुषी प्रभाव (रंगों का बिखराव) उत्पन्न होता है जिसे ‘फायर’ कहा जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा हीरे का उपयोग नहीं है?
- (a) आभूषण
- (b) कटाई के उपकरण
- (c) उच्च-शक्ति वाले लेजर
- (d) सॉल्वैंट्स (Solvents)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ के भौतिक और रासायनिक गुण उसके अनुप्रयोगों को निर्धारित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे अपनी कठोरता, चमक और दुर्लभता के कारण आभूषणों में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं। उनकी कठोरता उन्हें कटाई और पॉलिशिंग (जैसे कांच कटर, ग्राइंडिंग व्हील, ड्रिल बिट्स) के लिए आदर्श बनाती है। हीरे के कुछ विशेष अनुप्रयोगों में उच्च-शक्ति वाले लेजर के लिए खिड़कियां या सब्सट्रेट के रूप में उपयोग शामिल है, क्योंकि वे लेजर प्रकाश को अच्छी तरह से संचारित करते हैं और अत्यधिक तापमान का सामना कर सकते हैं। हालांकि, हीरा रासायनिक रूप से काफी निष्क्रिय होता है और आमतौर पर सॉल्वैंट्स के रूप में उपयोग नहीं किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जब कांच को हीरे से काटा जाता है, तो कांच के कणों का द्रव्यमान (mass) क्या होता है?
- (a) बढ़ता है
- (b) घटता है
- (c) अपरिवर्तित रहता है
- (d) शून्य हो जाता है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): द्रव्यमान संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Mass) कहता है कि किसी भी बंद प्रणाली में, द्रव्यमान न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है; यह केवल रूपांतरित हो सकता है।
व्याख्या (Explanation): जब हीरे से कांच काटा जाता है, तो हीरा कांच को खरोंचता है और उससे कणों को अलग करता है। यह एक भौतिक प्रक्रिया है जिसमें कांच के परमाणुओं को नए कणों में परिवर्तित नहीं किया जाता है। काटा गया कांच अभी भी कांच है, और इसका द्रव्यमान अपरिवर्तित रहता है। हीरे के संपर्क में आने वाले कांच के कुछ सूक्ष्म कण हीरे की सतह पर चिपक सकते हैं, लेकिन कुल मिलाकर, कांच के पिंड का द्रव्यमान वही रहता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का गलनांक (Melting Point) इतना अधिक क्यों होता है?
- (a) कमजोर अंतर-आणविक बल (Intermolecular forces)
- (b) विशाल सहसंयोजक नेटवर्क
- (c) आयनिक बंधों की उपस्थिति
- (d) कम घनत्व
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का गलनांक उन बंधों की शक्ति पर निर्भर करता है जो उसके कणों को एक साथ रखते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से बहुत मजबूत सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है, जो एक विशाल त्रि-आयामी नेटवर्क बनाते हैं। इन बंधों को तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके परिणामस्वरूप हीरे का अत्यंत उच्च गलनांक (लगभग 3550°C) होता है। कमजोर अंतर-आणविक बल या आयनिक बंधों वाले पदार्थ तुलनात्मक रूप से कम तापमान पर पिघलते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा कथन हीरे के बारे में सत्य नहीं है?
- (a) यह ऊष्मा का अच्छा संवाहक है।
- (b) यह सबसे कठोर ज्ञात पदार्थ है।
- (c) यह प्रकाश के प्रति बहुत संवेदनशील है।
- (d) यह रासायनिक रूप से बहुत प्रतिक्रियाशील (reactive) है।
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक प्रतिक्रियाशीलता (reactivity) किसी पदार्थ के अन्य पदार्थों के साथ रासायनिक बंध बनाने की प्रवृत्ति को दर्शाती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन मजबूत सहसंयोजक बंधों में बंधे होते हैं, जिससे कोई भी मुक्त इलेक्ट्रॉन या कमजोर बंध नहीं होते जो आसानी से रासायनिक प्रतिक्रिया कर सकें। इसलिए, हीरा रासायनिक रूप से बहुत निष्क्रिय (inert) होता है और सामान्य परिस्थितियों में अधिकांश रसायनों के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है। यह ऊष्मा का अच्छा संवाहक है (लेकिन विद्युत का नहीं), सबसे कठोर ज्ञात पदार्थ है, और प्रकाश के प्रति संवेदनशील है (जिससे चमक आती है)।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे को अक्सर ‘लव-गिविंग’ (love-giving) पत्थर क्यों माना जाता है?
- (a) इसका रासायनिक सूत्र
- (b) इसकी दुर्लभता और स्थायित्व
- (c) इसका उच्च अपवर्तनांक
- (d) इसकी कठोरता
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व अक्सर भौतिक गुणों के साथ-साथ किसी वस्तु की दुर्लभता और स्थायित्व से जुड़े होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे पृथ्वी पर सबसे दुर्लभ प्राकृतिक रत्नों में से एक हैं, और उनका स्थायित्व (कठोरता और रासायनिक स्थिरता) सुनिश्चित करता है कि वे पीढ़ियों तक टिके रह सकते हैं। इन गुणों के संयोजन ने उन्हें अनन्त प्रेम और प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में प्रतिष्ठित किया है, खासकर सगाई की अंगूठियों में। जबकि इसके भौतिक गुण (जैसे चमक और कठोरता) भी इसके आकर्षण में योगदान करते हैं, इसकी दुर्लभता और स्थायित्व इसे एक विशेष “लव-गिविंग” अर्थ देते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का सबसे आम अपरूपण (transformation) जो ऊष्मा के प्रभाव से होता है (ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में) वह है:
- (a) हीरे का पूर्ण ऑक्सीकरण
- (b) हीरे का पिघलना
- (c) हीरे का ग्रेफाइट में रूपांतरण
- (d) हीरे का आयनीकरण
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थ ऊष्मीय ऊर्जा के प्रभाव में अपनी अवस्था या संरचना बदल सकते हैं, जिसे अपरूपण (allotropic transformation) कहते हैं।
व्याख्या (Explanation): उच्च तापमान (लगभग 1500°C से ऊपर) पर, हीरे की त्रि-आयामी सहसंयोजक संरचना अव्यवस्थित होने लगती है। ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में, कार्बन परमाणु धीरे-धीरे सबसे स्थिर और कम ऊर्जा वाली अवस्था में पुनर्व्यवस्थित हो जाते हैं, जो कि ग्रेफाइट की परतदार संरचना है। यह परिवर्तन उत्क्रमणीय (reversible) नहीं है; एक बार हीरा ग्रेफाइट बन जाए, तो वह सामान्य तापमान पर वापस हीरे में परिवर्तित नहीं होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे को पॉलिश करने के लिए किस प्रकार के अपघर्षक (abrasive) का उपयोग किया जाता है?
- (a) एल्यूमीनियम ऑक्साइड
- (b) सिलिकॉन कार्बाइड
- (c) हीरा (हीरे की धूल)
- (d) क्वार्ट्ज
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी वस्तु को पॉलिश करने के लिए, पॉलिशिंग एजेंट को उस वस्तु से कठोर होना चाहिए।
व्याख्या (Explanation): चूंकि हीरा ज्ञात सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ है, इसलिए इसे पॉलिश करने के लिए केवल एक ही चीज काफी कठोर होती है: हीरा स्वयं। हीरे को पॉलिश करने के लिए आमतौर पर हीरे की महीन धूल या पेस्ट का उपयोग किया जाता है, जिसे “डायमंड लैप” (diamond lap) पर लगाया जाता है। यह हीरे की कठोरता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जहां स्व-पॉलिशिंग (self-polishing) संभव है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि हीरे को हवा में 800°C पर गर्म किया जाए, तो मुख्य उत्पाद क्या होगा?
- (a) CO
- (b) CO₂
- (c) C (ग्रेफाइट)
- (d) H₂O
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन (जैसे हीरा) ऑक्सीजन की उपस्थिति में उच्च तापमान पर जलकर कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है।
व्याख्या (Explanation): 800°C पर हवा (जिसमें ऑक्सीजन होती है) की उपस्थिति में, हीरा जल जाएगा। कार्बन ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) गैस बनाएगा। यह एक दहन (combustion) अभिक्रिया है। CO कार्बन मोनोऑक्साइड है, जो अधूरी दहन की स्थिति में बन सकती है, लेकिन उच्च तापमान और प्रचुर ऑक्सीजन के साथ CO₂ मुख्य उत्पाद है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे की कठोरता का क्या कारण है?
- (a) परमाणुओं के बीच कमजोर इलेक्ट्रोस्टैटिक आकर्षण
- (b) प्रत्येक कार्बन परमाणु का चार अन्य कार्बन परमाणुओं से चतुष्फलकीय सहसंयोजक बंधन
- (c) कार्बन परमाणुओं की ढीली पैकिंग
- (d) मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंध (Covalent bonds) दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से बनते हैं और वे बहुत मजबूत होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता का श्रेय इसके क्रिस्टल जालक में कार्बन परमाणुओं के बीच मौजूद मजबूत और सर्वव्यापी सहसंयोजक बंधों को जाता है। प्रत्येक कार्बन परमाणु sp³ संकरण द्वारा चार अन्य कार्बन परमाणुओं से चतुष्फलकीय रूप से जुड़ा होता है, जिससे एक अत्यंत मजबूत, त्रि-आयामी ढांचा बनता है। इस ढांचे में बंधों को तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिससे हीरा बहुत कठोर हो जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के अपवर्तनांक (refractive index) का मान लगभग कितना होता है?
- (a) 1.5
- (b) 2.0
- (c) 2.42
- (d) 3.0
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक (refractive index) एक पदार्थ का वह गुण है जो बताता है कि प्रकाश उसमें कितना धीमा हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक लगभग 2.42 होता है। यह मान कांच (लगभग 1.5) जैसे सामान्य पदार्थों की तुलना में काफी अधिक है। उच्च अपवर्तनांक के कारण, हीरे में प्रकाश धीमा हो जाता है और अत्यधिक झुकता है (refration) और आंतरिक परावर्तन (internal reflection) से गुजरता है, जो इसकी चमक और ‘फायर’ में योगदान देता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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किस तापमान पर हीरे को पिघलने के बजाय वाष्पीकृत (sublimate) माना जाता है?
- (a) 1000°C
- (b) 1500°C
- (c) 2000°C
- (d) 3550°C
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ पदार्थ उच्च तापमान पर ठोस से सीधे गैस में अवस्था परिवर्तन (sublimation) से गुजरते हैं। हीरे के लिए, यह अवस्था परिवर्तन सामान्य वायुमंडलीय दबाव पर बहुत उच्च तापमान पर होता है।
व्याख्या (Explanation): सामान्य वायुमंडलीय दबाव पर, हीरा लगभग 3550°C पर सीधे वाष्प (गैस) में परिवर्तित हो जाता है, यानी इसका ऊर्ध्वपातन (sublimation) होता है। गलनांक (melting point) वह तापमान है जिस पर कोई पदार्थ ठोस से द्रव में बदलता है। हीरे के मामले में, यह संक्रमण सीधे गैसीय अवस्था में होता है। हालांकि, इससे पहले, बहुत उच्च तापमान पर, यह ग्रेफाइट में बदल सकता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे का कौन सा गुण इसे उच्च-तापमान अनुप्रयोगों (high-temperature applications) के लिए उपयुक्त बनाता है?
- (a) कम गलनांक
- (b) विद्युत चालकता
- (c) रासायनिक निष्क्रियता और उच्च तापीय चालकता
- (d) कम घनत्व
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उच्च-तापमान अनुप्रयोगों के लिए, सामग्री को गर्मी का सामना करने में सक्षम होना चाहिए और रासायनिक रूप से स्थिर रहना चाहिए।
व्याख्या (Explanation): हीरे का रासायनिक रूप से निष्क्रिय होना और सभी ज्ञात पदार्थों में उच्चतम तापीय चालकता (thermal conductivity) होना इसे उच्च-तापमान अनुप्रयोगों के लिए बहुत उपयोगी बनाता है। यह तेजी से गर्मी को दूर कर सकता है और रासायनिक प्रतिक्रियाओं में भाग नहीं लेता है, जो इसे गर्मी सिंक (heat sinks) या उच्च-तापमान सेंसर जैसे अनुप्रयोगों के लिए आदर्श बनाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव शरीर में, हीरे के समान कठोरता वाला पदार्थ कौन सा है?
- (a) हड्डी (Bone)
- (b) दांत का इनेमल (Tooth enamel)
- (c) नाखून (Nail)
- (d) बाल (Hair)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): इनेमल मानव शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है।
व्याख्या (Explanation): दांत का इनेमल, जो मुख्य रूप से कैल्शियम हाइड्रोक्सीपेटाइट (calcium hydroxyapatite) से बना होता है, मानव शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। इसकी कठोरता मोस् स्केल पर लगभग 5-5.5 के बीच मानी जाती है। हालांकि यह हीरे (10) जितना कठोर नहीं है, यह अन्य जैविक ऊतकों की तुलना में कहीं अधिक कठोर होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के निर्माण की प्रक्रिया में कौन सी ऊर्जा रूपांतरण (energy conversion) शामिल है?
- (a) प्रकाश ऊर्जा से रासायनिक ऊर्जा
- (b) गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा से ऊष्मा ऊर्जा
- (c) रासायनिक ऊर्जा से ऊष्मा ऊर्जा
- (d) यांत्रिक ऊर्जा से रासायनिक ऊर्जा
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पृथ्वी के अंदर उच्च दबाव और तापमान की स्थिति, जो हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक है, अक्सर गहरे भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं से उत्पन्न होती है।
व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे का निर्माण पृथ्वी की सतह से बहुत नीचे, अत्यधिक उच्च दबाव (लगभग 5 GPa) और तापमान (लगभग 900-1600°C) पर होता है। ये स्थितियां आमतौर पर पृथ्वी के मेंटल (mantle) में ज्वालामुखी विस्फोटों (जैसे कि किंबरलाइट पाइप) द्वारा लाए गए कार्बन युक्त सामग्री पर बनती हैं। ये उच्च दबाव और तापमान मुख्य रूप से पृथ्वी के आंतरिक भाग से आने वाली गुरुत्वाकर्षण और भूगर्भीय प्रक्रियाओं से उत्पन्न ऊष्मा ऊर्जा से संबंधित होते हैं, जो अंततः कार्बन को हीरे की संरचना में बदलने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव निर्मित हीरे (Man-made diamonds) का उत्पादन किस प्रक्रिया द्वारा किया जाता है?
- (a) उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT)
- (b) रासायनिक वाष्प जमाव (CVD)
- (c) उपरोक्त दोनों
- (d) केवल ऊष्मा उपचार
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आधुनिक तकनीकें प्रयोगशालाओं में प्राकृतिक परिस्थितियों का अनुकरण करके हीरे का संश्लेषण कर सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): मानव निर्मित या प्रयोगशाला में उगाए गए हीरे (lab-grown diamonds) का उत्पादन मुख्य रूप से दो तरीकों से किया जाता है: उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT) विधि, जो प्राकृतिक हीरे के निर्माण की नकल करती है, और रासायनिक वाष्प जमाव (CVD) विधि, जिसमें एक गैस मिश्रण का उपयोग करके हीरे की परतें उगाई जाती हैं। दोनों विधियां वास्तविक हीरे के समान रासायनिक और भौतिक गुण उत्पन्न करती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कार्बन का कौन सा अपररूप (allotrope) पतली, लचीली चादरें (thin, flexible sheets) बना सकता है?
- (a) हीरा
- (b) ग्रेफाइट
- (c) फुलरीन
- (d) बकमिंस्टरफुलरीन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थों के भौतिक गुण उनकी क्रिस्टल संरचना पर निर्भर करते हैं।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु षट्कोणीय परतों में व्यवस्थित होते हैं। इन परतों के बीच के बंधन (वान डेर वाल्स बल) बहुत कमजोर होते हैं, जिससे परतें एक-दूसरे पर आसानी से फिसल सकती हैं। यही कारण है कि ग्रेफाइट एक स्नेहक (lubricant) के रूप में उपयोग किया जाता है और पतली, लचीली चादरों के रूप में व्यवहार कर सकता है। हीरे की त्रि-आयामी संरचना बहुत कठोर और भंगुर (brittle) होती है, और यह चादरें नहीं बना सकता।
अतः, सही उत्तर (b) है।