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हीरे की चमक: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न और हल

हीरे की चमक: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न और हल

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के लिए सामान्य विज्ञान की एक मजबूत समझ आवश्यक है। यह खंड आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्नों का अभ्यास करने में मदद करेगा, जिससे आपकी तैयारी और भी मजबूत होगी। चलिए, ‘Doubling Down on Diamond’ के मूल विचार से प्रेरित इन प्रश्नों के साथ अपने ज्ञान का परीक्षण करें!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. प्रश्न: हीरे का सबसे आम अनुप्रयोग क्या है, जो इसकी असाधारण कठोरता का लाभ उठाता है?

    • (a) आभूषण निर्माण
    • (b) कटाई और पॉलिशिंग उपकरण
    • (c) इलेक्ट्रॉनिक घटक
    • (d) लेजर माध्यम

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मोह्स कठोरता पैमाने पर हीरे को 10 का स्कोर प्राप्त है, जो इसे पृथ्वी पर सबसे कठोर प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थों में से एक बनाता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की अत्यधिक कठोरता के कारण, इसका व्यापक रूप से अन्य कठोर सामग्रियों को काटने, पीसने और पॉलिश करने के लिए अपघर्षक (abrasive) के रूप में उपयोग किया जाता है। आभूषण मुख्य रूप से इसकी चमक और दुर्लभता के कारण लोकप्रिय हैं, जबकि इलेक्ट्रॉनिक घटकों और लेजर माध्यमों में इसके विशेष अनुप्रयोग हो सकते हैं लेकिन कटाई उपकरण इसका सबसे आम उपयोग है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  2. प्रश्न: किस प्रकार के रासायनिक बंधों के कारण हीरा अत्यंत कठोर और स्थिर होता है?

    • (a) आयनिक बंध
    • (b) धात्विक बंध
    • (c) सहसंयोजक बंध
    • (d) हाइड्रोजन बंध

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधों में, परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं, जिससे एक मजबूत और स्थिर संरचना बनती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है, जिससे एक त्रि-आयामी (three-dimensional) टेट्राहेड्रल (tetrahedral) संरचना बनती है। ये सहसंयोजक बंध बहुत मजबूत होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप हीरा अत्यधिक कठोर, भंगुर (brittle) और उच्च गलनांक (high melting point) वाला होता है। आयनिक बंधों में इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण होता है, धात्विक बंधों में इलेक्ट्रॉन मुक्त रूप से घूमते हैं, और हाइड्रोजन बंध कमजोर अंतर-आणविक (intermolecular) बल होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  3. प्रश्न: हीरे में कार्बन परमाणुओं की संरचना को क्या कहा जाता है?

    • (a) षट्कोणीय जालक (Hexagonal lattice)
    • (b) घनीय जालक (Cubic lattice)
    • (c) टेट्राहेड्रल जालक (Tetrahedral lattice)
    • (d) समतल जालक (Planar lattice)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंधन ज्यामिति (geometry) किसी अणु या क्रिस्टल की समग्र संरचना को निर्धारित करती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ टेट्राहेड्रल ज्यामिति में सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है। यह व्यवस्था एक त्रि-आयामी नेटवर्क बनाती है जहां प्रत्येक कार्बन एक चतुष्फलक (tetrahedron) के केंद्र में होता है और अन्य चार कार्बन कोने पर होते हैं। यह टेट्राहेड्रल व्यवस्था हीरे की कठोरता और स्थिरता के लिए जिम्मेदार है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  4. प्रश्न: हीरे में मौजूद कार्बन का परमाणु क्रमांक (atomic number) कितना होता है?

    • (a) 4
    • (b) 6
    • (c) 8
    • (d) 12

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): परमाणु क्रमांक एक तत्व के नाभिक में प्रोटॉन की संख्या को दर्शाता है।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन (Chemical Symbol: C) का परमाणु क्रमांक 6 है। इसका मतलब है कि इसके नाभिक में 6 प्रोटॉन होते हैं। इसके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (electronic configuration) 1s²2s²2p² है, जिसमें संयोजकता कोश (valence shell) में 4 इलेक्ट्रॉन होते हैं। ये 4 संयोजकता इलेक्ट्रॉन हीरे की संरचना में सहसंयोजक बंध बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  5. प्रश्न: हीरे को गर्म करने पर, यह निम्न में से किस गैस की उपस्थिति में जलता है?

    • (a) नाइट्रोजन (Nitrogen)
    • (b) हाइड्रोजन (Hydrogen)
    • (c) ऑक्सीजन (Oxygen)
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): दहन (combustion) एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें पदार्थ ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके गर्मी और प्रकाश उत्पन्न करता है।

    व्याख्या (Explanation): जब हीरे को हवा (जिसमें लगभग 21% ऑक्सीजन होती है) में गर्म किया जाता है, तो यह ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और थोड़ी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) बनाता है। यह प्रक्रिया दहन कहलाती है। शुद्ध ऑक्सीजन में, यह अभिक्रिया अधिक तीव्र होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  6. प्रश्न: हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) उच्च क्यों होता है, जो उसकी चमक में योगदान देता है?

    • (a) यह प्रकाश को अवशोषित करता है।
    • (b) यह प्रकाश को बिखेरता है।
    • (c) यह प्रकाश को तेजी से संचरित करता है।
    • (d) यह प्रकाश को अपने भीतर अत्यधिक परावर्तित (reflect) करता है।

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक (refractive index) यह मापता है कि प्रकाश किसी माध्यम से कितनी धीमी गति से गुजरता है, और यह कुल आंतरिक परावर्तन (total internal reflection) की संभावना को प्रभावित करता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) होता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह अत्यधिक मुड़ जाता है (अपवर्तित होता है) और हीरे के अंदर कई बार परावर्तित होता है। कटाई की विशेष विधि (facetting) के कारण, प्रकाश हीरे के सतह से बाहर निकलने से पहले कई आंतरिक परावर्तन से गुजरता है, जिससे “फायर” (fire) नामक प्रसिद्ध चमक और स्पार्कल (sparkle) उत्पन्न होता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  7. प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सा कार्बन का एक एलोट्रोप (allotrope) नहीं है, जो हीरे की तरह ही बना हो?

    • (a) ग्रेफाइट (Graphite)
    • (b) फुलरीन (Fullerenes)
    • (c) कोयला (Coal)
    • (d) हीरा (Diamond)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एलोट्रोप एक ही तत्व के विभिन्न रूप होते हैं जो एक ही भौतिक अवस्था में मौजूद होते हैं लेकिन परमाणुओं की व्यवस्था में भिन्न होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरा, ग्रेफाइट और फुलरीन कार्बन के एलोट्रोप हैं, जिनका अर्थ है कि वे शुद्ध कार्बन से बने हैं लेकिन उनके परमाणुओं की व्यवस्था अलग-अलग है, जिससे उनके गुण भिन्न होते हैं। कोयला एक जीवाश्म ईंधन है जो मुख्य रूप से कार्बन से बना होता है, लेकिन इसमें अन्य तत्व जैसे हाइड्रोजन, सल्फर, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन भी बड़ी मात्रा में होते हैं, इसलिए यह कार्बन का शुद्ध एलोट्रोप नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. प्रश्न: हीरे की संरचना में कार्बन-कार्बन सहसंयोजक बंध की लंबाई लगभग कितनी होती है?

    • (a) 100 पिकोमीटर (pm)
    • (b) 154 पिकोमीटर (pm)
    • (c) 200 पिकोमीटर (pm)
    • (d) 250 पिकोमीटर (pm)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): बंध लंबाई (bond length) दो परमाणुओं के नाभिकों के बीच की औसत दूरी है जो एक सहसंयोजक बंध द्वारा जुड़े होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में कार्बन-कार्बन सहसंयोजक बंध की लंबाई लगभग 154 पिकोमीटर (pm) होती है। यह एक अत्यंत छोटी दूरी है जो इन मजबूत बंधों की प्रकृति को दर्शाती है। यह लंबाई हीरे की क्रिस्टल संरचना की स्थिरता और कठोरता में योगदान करती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  9. प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सा भौतिक गुण हीरे को सामान्य कटाई और चमकाने के उपकरणों से अप्रभावित रखता है?

    • (a) ऊष्मीय चालकता (Thermal conductivity)
    • (b) विद्युत चालकता (Electrical conductivity)
    • (c) कठोरता (Hardness)
    • (d) घनत्व (Density)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मोह्स कठोरता पैमाना (Mohs Hardness Scale) खनिजों की सापेक्ष खरोंच प्रतिरोधक क्षमता को मापता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे को मोह्स पैमाने पर 10 का पूर्ण स्कोर प्राप्त है, जो इसे सबसे कठोर ज्ञात प्राकृतिक पदार्थ बनाता है। इसका मतलब है कि इसे केवल हीरे से ही खरोंचा या काटा जा सकता है। सामान्य कटाई और चमकाने के उपकरण, जैसे कि स्टील या कार्बाइड के बने उपकरण, हीरे की तुलना में बहुत नरम होते हैं और उसे प्रभावित नहीं कर सकते। जबकि हीरे की ऊष्मीय चालकता उत्कृष्ट होती है और विद्युत चालकता नगण्य (insulator), यह कठोरता ही है जो इसे उन उपकरणों से अप्रभावित रखती है जो इससे कम कठोर हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. प्रश्न: शुद्ध हीरा (pure diamond) विद्युत का सुचालक (conductor) है या कुचालक (insulator)?

    • (a) सुचालक
    • (b) कुचालक
    • (c) अर्धचालक (Semiconductor)
    • (d) तापमान पर निर्भर

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता इलेक्ट्रॉनों की गतिशीलता पर निर्भर करती है।

    व्याख्या (Explanation): शुद्ध हीरे में, सभी संयोजकता इलेक्ट्रॉन कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंधों में कसकर बंधे होते हैं। मुक्त या आसानी से चलने वाले इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति के कारण, हीरा विद्युत का एक उत्कृष्ट कुचालक होता है। इसके विपरीत, ग्रेफाइट, कार्बन का एक अन्य एलोट्रोप, मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण विद्युत का सुचालक है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  11. प्रश्न: हीरे का गलनांक (melting point) कितना होता है?

    • (a) 1500 °C
    • (b) 2500 °C
    • (c) 3550 °C
    • (d) हीरा बिना पिघले सीधे उर्ध्वपातित (sublimate) हो जाता है।

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कुछ ठोस पदार्थ गर्म करने पर सीधे गैस में बदल जाते हैं, इस प्रक्रिया को उर्ध्वपातन कहते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का गलनांक बहुत उच्च होता है, लेकिन सामान्य वायुमंडलीय दबाव पर, हीरा पिघलता नहीं है। इसके बजाय, यह लगभग 3550 °C (6422 °F) पर सीधे गैस (कार्बन डाइऑक्साइड) में उर्ध्वपातित हो जाता है, बशर्ते कि पर्याप्त ऑक्सीजन मौजूद हो। उच्च दबाव में, हीरे तरल अवस्था में मौजूद हो सकता है, लेकिन सामान्य परिस्थितियों में यह उर्ध्वपातन से गुजरता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  12. प्रश्न: हीरे की चमक (brilliance) में वृद्धि के लिए, हीरे को कैसे काटा जाना चाहिए?

    • (a) केवल गोल आकार में
    • (b) सममित (symmetrical) और कोणीय (angular) सतहों के साथ
    • (c) अनियमित आकार में
    • (d) खुरदरी सतहों के साथ

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाशिकी (optics) में, प्रतिबिंब (reflection) और अपवर्तन (refraction) के कोण किसी वस्तु की चमक को प्रभावित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की प्रसिद्ध चमक (brilliance) उसके उच्च अपवर्तनांक और उसके भीतर प्रकाश के कुशल प्रबंधन का परिणाम है। हीरे को सममित और कोणीय सतहों (facets) के साथ इस तरह से काटा जाता है कि जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह कई बार आंतरिक रूप से परावर्तित होता है और फिर इस तरह से बाहर निकलता है कि वह आंख को अधिकतम चमक प्रदान करे। गलत कटाई या अनियमित सतहें प्रकाश को बिखेर देंगी और चमक कम कर देंगी।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  13. प्रश्न: हीरे में कार्बन परमाणुओं के बीच बंध बनाने के लिए कितने संयोजकता इलेक्ट्रॉनों (valence electrons) का उपयोग किया जाता है?

    • (a) 1
    • (b) 2
    • (c) 3
    • (d) 4

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s²2s²2p² है, जिसका अर्थ है कि इसके संयोजकता कोश (n=2) में 4 इलेक्ट्रॉन हैं।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन परमाणु के संयोजकता कोश में 4 इलेक्ट्रॉन होते हैं। हीरे की संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंध बनाता है। प्रत्येक बंध में दो इलेक्ट्रॉनों का योगदान होता है, और प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने चारों सहसंयोजक बंधों को पूरा करने के लिए अपने सभी 4 संयोजकता इलेक्ट्रॉनों का उपयोग करता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  14. प्रश्न: पृथ्वी पर सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ होने के बावजूद, हीरे को अपेक्षाकृत आसानी से तोड़ा जा सकता है। इसका कारण क्या है?

    • (a) इसकी निम्न घनत्व
    • (b) इसमें मौजूद दोष (imperfections)
    • (c) इसकी क्रिस्टल संरचना में बंधों की दिशात्मकता (directionality)
    • (d) इसकी उच्च ऊष्मीय चालकता

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल की भंगुरता (brittleness) परमाणुओं की व्यवस्था और बंधों की ताकत और दिशा पर निर्भर करती है।

    व्याख्या (Explanation): यद्यपि हीरे में कार्बन-कार्बन सहसंयोजक बंध अत्यंत मजबूत होते हैं, वे दिशात्मक (directional) होते हैं। क्रिस्टल संरचना में कुछ कमजोर तल (planes of weakness) होते हैं, और यदि पर्याप्त बल इन तलों के साथ लगाया जाता है, तो बंध टूट सकते हैं, जिससे हीरा टूट जाता है। यही कारण है कि हीरा कठोर (scratch-resistant) होने के साथ-साथ भंगुर (shatter-resistant) भी है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  15. प्रश्न: कृत्रिम हीरे (synthetic diamonds) बनाने के लिए आमतौर पर किन विधियों का उपयोग किया जाता है?

    • (a) केवल उच्च दाब-निम्न तापमान (HPHT)
    • (b) केवल रासायनिक वाष्प जमाव (CVD)
    • (c) HPHT और CVD दोनों
    • (d) गुरुत्वाकर्षण पृथक्करण (Gravity separation)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): औद्योगिक रूप से हीरे बनाने के लिए विशिष्ट भौतिक और रासायनिक स्थितियाँ (दबाव, तापमान, उत्प्रेरक) आवश्यक हैं।

    व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे बनाने की दो मुख्य विधियाँ हैं: उच्च दाब-निम्न तापमान (High-Pressure High-Temperature – HPHT), जो प्राकृतिक हीरे के निर्माण की स्थितियों की नकल करती है, और रासायनिक वाष्प जमाव (Chemical Vapor Deposition – CVD), जिसमें एक गैसीय मिश्रण से कार्बन जमा किया जाता है। दोनों विधियाँ औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  16. प्रश्न: हीरे को किस अन्य सामान्य नाम से भी जाना जाता है, विशेषकर आभूषण उद्योग में?

    • (a) नीलम (Sapphire)
    • (b) पन्ना (Emerald)
    • (c) मणि (Gem)
    • (d) राजा (King)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ‘जेम’ (Gem) शब्द का प्रयोग उन रत्नों के लिए किया जाता है जो सौंदर्य, दुर्लभता और स्थायित्व के कारण मूल्यवान होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): आभूषण उद्योग में, उच्च गुणवत्ता वाले और सुंदर रत्नों को ‘जेम’ कहा जाता है। हीरा अपनी असाधारण चमक, कठोरता और दुर्लभता के कारण सबसे मूल्यवान और लोकप्रिय ‘जेम’ में से एक है। यह शब्द सीधे तौर पर हीरे के भौतिक गुणों से संबंधित है जो इसे आभूषणों के लिए उपयुक्त बनाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  17. प्रश्न: हीरे का चमकीला रंग (fire) मुख्य रूप से किस घटना के कारण होता है?

    • (a) प्रकाश का अवशोषण
    • (b) प्रकीर्णन (scattering)
    • (c) वर्ण-विक्षेपण (dispersion)
    • (d) प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): वर्ण-विक्षेपण (Dispersion) वह घटना है जिसमें प्रकाश का अपवर्तन उसके तरंगदैर्ध्य (wavelength) के आधार पर भिन्न होता है, जिससे सफेद प्रकाश विभिन्न रंगों में विभाजित हो जाता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का “फायर” या चमकीला रंग, जो इंद्रधनुषी रंगों के रूप में दिखाई देता है, प्रकाश के वर्ण-विक्षेपण के कारण होता है। चूंकि हीरे का अपवर्तनांक प्रकाश के विभिन्न रंगों (तरंगदैर्ध्य) के लिए थोड़ा भिन्न होता है, इसलिए जब सफेद प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है और अपवर्तित होता है, तो यह अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है, जिससे रंगीन चमक उत्पन्न होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  18. प्रश्न: वायुमंडल की अनुपस्थिति में (निर्वात में), हीरे पर उच्च ऊर्जा लेजर की किरण पड़ने पर क्या होगा?

    • (a) यह पिघल जाएगा।
    • (b) यह जल जाएगा।
    • (c) यह उर्ध्वपातित हो जाएगा।
    • (d) यह अपरिवर्तित रहेगा।

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): उर्ध्वपातन (Sublimation) वह प्रक्रिया है जिसमें पदार्थ ठोस से सीधे गैस अवस्था में परिवर्तित होता है।

    व्याख्या (Explanation): जैसा कि पहले बताया गया है, वायुमंडलीय दबाव पर हीरे का गलनांक नहीं होता, बल्कि वह उर्ध्वपातित हो जाता है। यदि निर्वात में उच्च ऊर्जा लेजर की किरण हीरे पर पड़ती है, तो इसे इतनी ऊर्जा मिलेगी कि यह सीधे गैस में परिवर्तित हो जाएगा, अर्थात उर्ध्वपातित हो जाएगा। जलने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, जो निर्वात में अनुपस्थित है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  19. प्रश्न: जीव विज्ञान में, कोशिका के भीतर ऊर्जा उत्पादन के लिए कौन सा अंग मुख्य रूप से जिम्मेदार है?

    • (a) नाभिक (Nucleus)
    • (b) राइबोसोम (Ribosome)
    • (c) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
    • (d) लाइसोसोम (Lysosome)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का “पावरहाउस” (powerhouse) कहा जाता है क्योंकि यह कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) के माध्यम से ATP (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) का उत्पादन करता है।

    व्याख्या (Explanation): कोशिकीय श्वसन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा ग्लूकोज जैसे कार्बनिक अणुओं को तोड़ा जाता है और उस ऊर्जा का उपयोग ATP बनाने के लिए किया जाता है, जो कोशिका के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। यह प्रक्रिया माइटोकॉन्ड्रिया के भीतर होती है। नाभिक आनुवंशिक सामग्री (DNA) रखता है, राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण करते हैं, और लाइसोसोम कोशिका के अपशिष्टों को पचाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. प्रश्न: प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) के दौरान, पौधे प्रकाश ऊर्जा को किस रूप में परिवर्तित करते हैं?

    • (a) ऊष्मीय ऊर्जा (Thermal energy)
    • (b) रासायनिक ऊर्जा (Chemical energy)
    • (c) विद्युत ऊर्जा (Electrical energy)
    • (d) यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical energy)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण एक जैव-रासायनिक (biochemical) प्रक्रिया है जो सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज (एक शर्करा) और ऑक्सीजन में बदलती है।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण में, पौधे सूर्य के प्रकाश से प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करते हैं और इसे ग्लूकोज जैसे कार्बनिक अणुओं के रासायनिक बंधों में संग्रहीत करते हैं। यह रासायनिक ऊर्जा तब पौधे के विकास और अन्य उपापचयी (metabolic) क्रियाओं के लिए उपयोग की जाती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. प्रश्न: मानव शरीर में ऑक्सीजन परिवहन के लिए कौन सा प्रोटीन जिम्मेदार है?

    • (a) हीमोग्लोबिन (Hemoglobin)
    • (b) कोलेजन (Collagen)
    • (c) इंसुलिन (Insulin)
    • (d) एंजाइम (Enzyme)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells – RBCs) हीमोग्लोबिन नामक एक प्रोटीन से भरी होती हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीमोग्लोबिन एक जटिल प्रोटीन है जिसमें आयरन (Fe) होता है। यह आयरन फेफड़ों में ऑक्सीजन के अणुओं से बंध जाता है और रक्त के माध्यम से शरीर के ऊतकों तक ले जाता है, जहाँ ऑक्सीजन छोड़ी जाती है। कोलेजन एक संरचनात्मक प्रोटीन है, इंसुलिन एक हार्मोन है, और एंजाइम जैव-रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  22. प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सा एक उभयचर (amphibian) है?

    • (a) मछली (Fish)
    • (b) साँप (Snake)
    • (c) मेंढक (Frog)
    • (d) मगरमच्छ (Crocodile)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): उभयचर ऐसे कशेरुक (vertebrates) होते हैं जो अपने जीवन चक्र का एक हिस्सा पानी में और दूसरा हिस्सा जमीन पर बिताते हैं।

    व्याख्या (Explanation): मेंढक उभयचर का एक प्रमुख उदाहरण है। वे पानी में अंडे देते हैं, जिनसे लार्वा (टैडपोल) निकलते हैं जो पानी में रहते हैं और गलफड़ों (gills) से सांस लेते हैं। जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, वे रूपांतरण (metamorphosis) से गुजरते हैं, फेफड़े विकसित करते हैं और जमीन पर रहने के लिए अनुकूलित हो जाते हैं, हालांकि वे अभी भी नम त्वचा और पानी के पास रहने पर निर्भर करते हैं। मछली पूरी तरह से पानी में रहती है, साँप सरीसृप (reptiles) हैं, और मगरमच्छ भी सरीसृप हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  23. प्रश्न: पौधों में गैसों के आदान-प्रदान (gas exchange) के लिए कौन सी संरचनाएँ जिम्मेदार हैं?

    • (a) जाइलम (Xylem)
    • (b) फ्लोएम (Phloem)
    • (c) रंध्र (Stomata)
    • (d) मूल रोम (Root hairs)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रंध्र (stomata) पत्ती की सतह पर छोटे छिद्र होते हैं जो गैसों (जैसे CO₂ और O₂) के प्रवेश और निकास और वाष्पोत्सर्जन (transpiration) को नियंत्रित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): रंध्र, जो आमतौर पर पत्तियों की निचली सतह पर पाए जाते हैं, प्रकाश संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड लेने और श्वसन के लिए ऑक्सीजन छोड़ने की अनुमति देते हैं। वे वाष्पोत्सर्जन के दौरान जल वाष्प को बाहर निकालने में भी भूमिका निभाते हैं। जाइलम और फ्लोएम परिवहन ऊतक हैं, और मूल रोम पानी और खनिज अवशोषण के लिए जिम्मेदार हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  24. प्रश्न: कौन सा विटामिन ‘रिकेट्स’ (rickets) रोग से बचाव के लिए महत्वपूर्ण है, जो बच्चों में हड्डियों के कमजोर होने का कारण बनता है?

    • (a) विटामिन ए (Vitamin A)
    • (b) विटामिन सी (Vitamin C)
    • (c) विटामिन डी (Vitamin D)
    • (d) विटामिन ई (Vitamin E)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विटामिन डी कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो स्वस्थ हड्डियों के निर्माण के लिए आवश्यक हैं।

    व्याख्या (Explanation): विटामिन डी की कमी से बच्चों में रिकेट्स और वयस्कों में ऑस्टियोमलेशिया (osteomalacia) हो सकता है। यह विटामिन शरीर को भोजन से कैल्शियम अवशोषित करने में मदद करता है। सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर हमारा शरीर विटामिन डी का संश्लेषण भी करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. प्रश्न: कोशिका झिल्ली (cell membrane) की मुख्य भूमिका क्या है?

    • (a) कोशिका को आकार देना
    • (b) आनुवंशिक जानकारी संग्रहीत करना
    • (c) कोशिका के अंदर और बाहर पदार्थों के प्रवाह को नियंत्रित करना
    • (d) ऊर्जा का उत्पादन करना

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कोशिका झिल्ली एक चयनात्मक पारगम्य (selectively permeable) बाधा है।

    व्याख्या (Explanation): कोशिका झिल्ली कोशिका के चारों ओर एक सीमा बनाती है और यह तय करती है कि कौन से पदार्थ कोशिका में प्रवेश कर सकते हैं और कौन से बाहर निकल सकते हैं। यह कोशिका के आंतरिक वातावरण को बाहरी वातावरण से अलग करती है और पदार्थों के परिवहन (जैसे पोषक तत्व, अपशिष्ट) को नियंत्रित करती है। कोशिका को आकार देना कोशिका भित्ति (cell wall) का कार्य है (यदि मौजूद हो), आनुवंशिक जानकारी नाभिक में संग्रहीत होती है, और ऊर्जा उत्पादन माइटोकॉन्ड्रिया में होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  26. प्रश्न: मानव शरीर में सबसे बड़ी ग्रंथि (largest gland) कौन सी है?

    • (a) अग्न्याशय (Pancreas)
    • (b) थायराइड ग्रंथि (Thyroid gland)
    • (c) यकृत (Liver)
    • (d) अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal gland)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): यकृत (Liver) मानव शरीर का सबसे बड़ा आंतरिक अंग है और सबसे बड़ी ग्रंथि भी है।

    व्याख्या (Explanation): यकृत, जो पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में स्थित होता है, कई महत्वपूर्ण कार्य करता है, जिसमें पित्त (bile) का उत्पादन, चयापचय (metabolism) का नियमन, और विषाक्त पदार्थों को दूर करना शामिल है। इसका भार लगभग 1.5 किलोग्राम हो सकता है। अग्न्याशय, थायराइड और अधिवृक्क ग्रंथियाँ भी महत्वपूर्ण हैं लेकिन यकृत से छोटी होती हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

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