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हीरे की चमक: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के प्रश्न

हीरे की चमक: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के प्रश्न

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहरी समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों का अभ्यास आपको न केवल परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करता है, बल्कि दैनिक जीवन में भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करता है। आइए, ‘Doubling Down on Diamond’ के संकेत पर आधारित इन प्रश्नों के माध्यम से अपने ज्ञान को परखें और अपनी तैयारी को और मजबूत करें।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. हीरा निम्नलिखित में से किस तत्व का अपरूप (Allotrope) है?

    • (a) सिलिकॉन
    • (b) कार्बन
    • (c) सल्फर
    • (d) फास्फोरस

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अपरूपता (Allotropy) एक ही तत्व के विभिन्न रूपों में पाए जाने का गुण है, जिनमें रासायनिक गुण समान होते हैं लेकिन भौतिक गुण भिन्न हो सकते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक शुद्ध रूप है। कार्बन के अन्य अपरूपों में ग्रेफाइट, फुलेरीन, चारकोल आदि शामिल हैं। हीरे की असाधारण कठोरता और चमक कार्बन परमाणुओं की विशिष्ट त्रिविम (three-dimensional) क्रिस्टल संरचना के कारण होती है, जहाँ प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से चतुष्फलकीय (tetrahedral) रूप से जुड़ा होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  2. हीरे की उच्च अपवर्तनांक (Refractive Index) का मुख्य कारण क्या है, जो इसकी चमक में योगदान देता है?

    • (a) इसकी उच्च तापीय चालकता
    • (b) इसके कार्बन-कार्बन बंधों की मजबूती
    • (c) प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection)
    • (d) इसकी क्रिस्टल संरचना में इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक (Refractive Index) किसी माध्यम में प्रकाश की गति का निर्वात में प्रकाश की गति से अनुपात है। पूर्ण आंतरिक परावर्तन तब होता है जब प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में एक निश्चित क्रांतिक कोण (Critical Angle) से अधिक कोण पर जाता है, जिससे प्रकाश पूरी तरह से सघन माध्यम में परावर्तित हो जाता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक लगभग 2.42 होता है, जो अधिकांश अन्य पारदर्शी पदार्थों से बहुत अधिक है। इसका मतलब है कि प्रकाश हीरे के अंदर धीमी गति से चलता है। हीरे के विशिष्ट कटाई (faceting) और इसके उच्च अपवर्तनांक के कारण, प्रकाश हीरे के अंदर कई बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन से गुजरता है, जिससे इसकी विशिष्ट “चमक” (brilliance) और “आग” (fire) उत्पन्न होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  3. हीरे का उपयोग किस प्रकार की औद्योगिक कटाई (Industrial Cutting) और पॉलिशिंग (Polishing) के लिए किया जाता है?

    • (a) केवल सजावटी वस्तुओं के लिए
    • (b) केवल कांच को काटने के लिए
    • (c) बहुत कठोर सामग्री को काटने और पीसने के लिए
    • (d) प्लास्टिक को आकार देने के लिए

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle):Mohs कठोरता पैमाना (Mohs Hardness Scale) खनिजों की सापेक्ष कठोरता को मापने के लिए एक पैमाना है, जिसमें हीरा सर्वोच्च स्थान (10) पर है।

    व्याख्या (Explanation): अपनी असाधारण कठोरता के कारण, हीरे का उपयोग विभिन्न औद्योगिक अनुप्रयोगों में किया जाता है जहाँ सामग्री को काटना, पीसना या पॉलिश करना होता है। इनमें अन्य रत्नों को काटना, कंक्रीट को ड्रिल करना, कांच पर नक्काशी करना और धातु को पीसना शामिल है। औद्योगिक हीरे अक्सर कम शुद्धता वाले या अनमोल नहीं होते हैं, लेकिन उनकी कठोरता उन्हें अत्यधिक मूल्यवान बनाती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  4. हीरा मुख्य रूप से किस रासायनिक बंध (Chemical Bond) द्वारा बना होता है?

    • (a) आयनिक बंध
    • (b) हाइड्रोजन बंध
    • (c) सहसंयोजक बंध (Covalent Bond)
    • (d) धात्विक बंध

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंध में, परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करके एक साथ बंधे होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंध बनाता है। यह मजबूत सहसंयोजक बंध नेटवर्क हीरे की कठोरता, उच्च गलनांक (melting point) और अक्रियता (inertness) के लिए जिम्मेदार है। प्रत्येक कार्बन परमाणु के संयोजी इलेक्ट्रॉनों (valence electrons) का उपयोग चार सहसंयोजक बंध बनाने के लिए किया जाता है, जिससे कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं बचता, यही कारण है कि हीरा विद्युत का कुचालक होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  5. हीरे को ग्रेफाइट में परिवर्तित करने के लिए किस प्रकार की प्रक्रिया की आवश्यकता होती है?

    • (a) केवल उच्च दाब
    • (b) उच्च तापमान और दाब
    • (c) कम तापमान और कम दाब
    • (d) केवल तीव्र प्रकाश

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थों के अपरूपों के बीच रूपांतरण (Transformation) के लिए अक्सर विशिष्ट तापीय (thermal) और दाबीय (pressure) स्थितियों की आवश्यकता होती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का एक अधिक स्थिर रूप ग्रेफाइट है। हालाँकि, सामान्य परिस्थितियों में, हीरे को ग्रेफाइट में परिवर्तित करना बहुत धीमा होता है। इसे तेज करने के लिए, बहुत उच्च तापमान (लगभग 1500°C से ऊपर) और पर्याप्त दाब की आवश्यकता होती है, हालांकि ग्रेफाइट सामान्य वायुमंडलीय दाब पर हीरे से अधिक स्थिर होता है। कृत्रिम हीरे बनाने के लिए भी यही सिद्धांत (उच्च दाब और तापमान) उपयोग किया जाता है, जहां कार्बन को हीरे की संरचना में रूपांतरित किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  6. हीरे का गलनांक (Melting Point) इतना उच्च क्यों होता है?

    • (a) क्योंकि यह एक बहुत हल्का पदार्थ है
    • (b) क्योंकि इसके क्रिस्टल जालक (Crystal Lattice) में मजबूत सहसंयोजक बंध होते हैं
    • (c) क्योंकि यह प्रकाश को अवशोषित करता है
    • (d) क्योंकि इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का गलनांक उसके आंतरिक बंधों की मजबूती पर निर्भर करता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से मजबूत सहसंयोजक बंधों के एक विशाल नेटवर्क द्वारा जुड़ा होता है। इन बंधों को तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके परिणामस्वरूप हीरे का गलनांक अत्यंत उच्च (लगभग 3550°C) होता है। वास्तव में, हीरा गलने से पहले ही उच्च तापमान पर ग्रेफाइट में परिवर्तित होने लगता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  7. हीरे को रासायनिक रूप से निष्क्रिय (Chemically Inert) क्यों माना जाता है?

    • (a) क्योंकि यह बहुत कठोर होता है
    • (b) क्योंकि इसमें सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन बंधों में शामिल होते हैं और कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते
    • (c) क्योंकि इसका अपवर्तनांक बहुत अधिक होता है
    • (d) क्योंकि यह प्रकाश को परावर्तित करता है

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेने के लिए अक्सर मुक्त इलेक्ट्रॉनों या कमजोर बंधों की आवश्यकता होती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की रासायनिक निष्क्रियता का कारण इसके मजबूत सहसंयोजक बंध और इलेक्ट्रॉनों का पूर्ण वितरण है। कार्बन परमाणुओं के सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन बंध बनाने में व्यस्त होते हैं, जिससे उन्हें अभिक्रियाओं के लिए आसानी से उपलब्ध नहीं कराया जा सकता। इसलिए, हीरा सामान्य परिस्थितियों में अधिकांश अम्लों, क्षारों और अन्य अभिकर्मकों के प्रति प्रतिरोधी होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  8. प्राकृतिक हीरे का निर्माण पृथ्वी की सतह से कितनी गहराई पर होता है?

    • (a) 10-20 किमी
    • (b) 100-200 किमी
    • (c) 500-600 किमी
    • (d) 1000-1200 किमी

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे के निर्माण के लिए पृथ्वी के आंतरिक भाग में आवश्यक उच्च दाब और उच्च तापमान की स्थितियाँ मौजूद होती हैं।

    व्याख्या (Explanation): अधिकांश प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के मेंटल (Mantle) में, लगभग 100 से 200 किलोमीटर की गहराई पर बनते हैं। इन गहराइयों पर, कार्बन को उच्च दाब (लगभग 4.5–6 GPa) और उच्च तापमान (900–1300°C) का सामना करना पड़ता है, जो हीरे की क्रिस्टल संरचना के निर्माण के लिए आदर्श स्थितियाँ हैं। ये हीरे तब ज्वालामुखी विस्फोटों के माध्यम से सतह के करीब लाए जाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  9. हीरे की चमकदार चमक (Brilliance) को बढ़ाने के लिए उसे किस प्रकार काटा (Cut) जाता है?

    • (a) गोल (Round)
    • (b) अण्डाकार (Oval)
    • (c) फैंसी कट (Fancy Cuts)
    • (d) विभिन्न कोणों और पृष्ठभूमियों (Facets) के साथ विशेष रूप से काटा जाता है

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाशिकी (Optics) के सिद्धांत, विशेष रूप से पूर्ण आंतरिक परावर्तन, हीरे की चमक को निर्धारित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की चमक, आग (fire) और झिलमिलाहट (scintillation) को अधिकतम करने के लिए, उसे विभिन्न कोणों और पृष्ठभूमियों के साथ एक विशेष तरीके से काटा जाता है। प्रसिद्ध “ब्रिलियंट कट” (Brilliant Cut) में 57 या 58 पृष्ठभूमियाँ होती हैं, जिन्हें इस तरह से व्यवस्थित किया जाता है कि प्रकाश हीरे में प्रवेश करे, कई बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन से गुजरे, और फिर शीर्ष पृष्ठभूमियों से बाहर निकले, जिससे अधिकतम चमक उत्पन्न हो।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  10. हीरे की कठोरता के कारण, इसे निम्न में से किस प्रक्रिया में उपयोग नहीं किया जाता है?

    • (a) ड्रिलिंग (Drilling)
    • (b) अपघर्षण (Abrasive) के रूप में
    • (c) विद्युत के संचरण (Conducting Electricity) के लिए
    • (d) काटने के उपकरण (Cutting Tools)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता (Electrical Conductivity) मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति पर निर्भर करती है।

    व्याख्या (Explanation): जैसा कि पहले बताया गया है, हीरे में कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं क्योंकि सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंधों में शामिल होते हैं। इस कारण, हीरा विद्युत का एक उत्कृष्ट कुचालक (insulator) है। इसके विपरीत, इसकी अत्यधिक कठोरता इसे ड्रिलिंग, अपघर्षण और काटने के उपकरणों के लिए अत्यधिक उपयोगी बनाती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  11. कार्बन के उस अपरूप का नाम बताइए जो पेंसिल की लेड (pencil lead) में उपयोग किया जाता है।

    • (a) हीरा
    • (b) फुलेरीन
    • (c) ग्रेफाइट
    • (d) कोयला

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ग्रेफाइट एक ऐसा पदार्थ है जो विद्युत का सुचालक (conductor) है और इसमें स्तरीकृत (layered) संरचना होती है, जो इसे चिकनाई प्रदान करती है।

    व्याख्या (Explanation): पेंसिल की लेड में इस्तेमाल होने वाला पदार्थ ग्रेफाइट है। ग्रेफाइट कार्बन का एक अपरूप है जिसमें कार्बन परमाणु षट्कोणीय (hexagonal) परतों में व्यवस्थित होते हैं। इन परतों के बीच कमजोर वान डेर वाल्स बल (Van der Waals forces) होते हैं, जिससे परतें एक-दूसरे पर आसानी से फिसल सकती हैं। यह चिकनाई ग्रेफाइट को लिखने और ड्राइंग के लिए उपयुक्त बनाती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  12. पृथ्वी पर हीरे का सबसे आम रासायनिक सूत्र क्या है?

    • (a) CO2
    • (b) C6H12O6
    • (c) O2
    • (d) C

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र किसी यौगिक या तत्व में मौजूद परमाणुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक शुद्ध अपरूप है। इसलिए, इसका रासायनिक सूत्र केवल ‘C’ है, जो दर्शाता है कि यह केवल कार्बन परमाणुओं से बना है। अन्य विकल्प क्रमशः कार्बन डाइऑक्साइड, ग्लूकोज और ऑक्सीजन के सूत्र हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  13. निम्न में से कौन सा एक यौगिक है, जबकि हीरा एक तत्व है?

    • (a) हीरा
    • (b) ग्रेफाइट
    • (c) पानी
    • (d) पूर्णर (Fullerene)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): तत्व एक ही प्रकार के परमाणुओं से बने होते हैं, जबकि यौगिक दो या दो से अधिक विभिन्न तत्वों के परमाणुओं के रासायनिक संयोजन से बनते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरा, ग्रेफाइट और फुलेरीन सभी कार्बन (C) के अपरूप हैं, जो एक तत्व है। पानी (H2O) एक यौगिक है जो हाइड्रोजन (H) और ऑक्सीजन (O) नामक दो भिन्न तत्वों से मिलकर बना है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  14. हीरे के निर्माण में ‘C-C’ सहसंयोजक बंध की औसत बंधन ऊर्जा (Average Bond Energy) लगभग कितनी होती है?

    • (a) 100-200 kJ/mol
    • (b) 350-400 kJ/mol
    • (c) 700-800 kJ/mol
    • (d) 1000-1200 kJ/mol

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): बंधन ऊर्जा (Bond Energy) परमाणुओं के बीच रासायनिक बंध को तोड़ने के लिए आवश्यक ऊर्जा की मात्रा है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में मौजूद कार्बन-कार्बन एकल सहसंयोजक बंध (C-C single covalent bond) अत्यंत मजबूत होते हैं। इनकी औसत बंधन ऊर्जा लगभग 347-357 kJ/mol (या कभी-कभी 375 kJ/mol तक) के रूप में बताई जाती है। यह ऊर्जा ग्रेफाइट में पाए जाने वाले कार्बन-कार्बन बंधों की तुलना में काफी अधिक होती है, जो हीरे की कठोरता और स्थिरता में योगदान करती है। (यहां दिए गए विकल्पों में 350-400 kJ/mol सबसे निकटतम है, हालाँकि अक्सर यह आंकड़ा थोड़ा कम बताया जाता है, लेकिन यह कार्बन-कार्बन एकल बंध की विशिष्ट सीमा में आता है)।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  15. निम्न में से कौन सी प्रक्रिया हीरे को चमकदार बनाती है, लेकिन यह उसकी कठोरता से संबंधित नहीं है?

    • (a) उच्च अपवर्तनांक
    • (b) पूर्ण आंतरिक परावर्तन
    • (c) कुशल फैसीटिंग (Faceting)
    • (d) उच्च ऊष्मीय चालकता

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ की चमक उसकी प्रकाश-अंतःक्रिया (light interaction) और संरचना पर निर्भर करती है, जबकि ऊष्मीय चालकता गर्मी के संचरण से संबंधित है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की चमक (brilliance) उसके उच्च अपवर्तनांक (2.42) के कारण प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन और उसे करीने से काटने (faceting) के कारण होती है। उच्च ऊष्मीय चालकता (Thermal Conductivity) हीरे का एक महत्वपूर्ण गुण है, जो इसे ऊष्मा को बहुत कुशलता से स्थानांतरित करने की अनुमति देता है (यह इसे ठंडा रखने में मदद करता है)। लेकिन यह चमक से सीधे संबंधित नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  16. बायो-डायमंड (Bio-diamond) के संदर्भ में, ‘जैविक’ (biological) पहलू निम्न में से किससे संबंधित हो सकता है?

    • (a) हीरे का निर्माण केवल जीवित जीवों द्वारा होता है
    • (b) हीरे को कृत्रिम रूप से जैविक प्रक्रियाओं से उगाया जाता है
    • (c) हीरे के विकास के लिए कार्बनिक पदार्थों का उपयोग किया जाता है
    • (d) यह एक विशेष प्रकार का कार्बनिक यौगिक है

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ‘जैविक’ शब्द जीवित प्रणालियों या कार्बनिक पदार्थों से संबंधित है।

    व्याख्या (Explanation): बायो-डायमंड (या लैब-ग्रोन डायमंड) के संदर्भ में, ‘जैविक’ शब्द का अर्थ यह नहीं है कि हीरे स्वयं जीवित होते हैं या वे केवल जीवों द्वारा बनाए जाते हैं। इसका अर्थ यह हो सकता है कि उनके निर्माण की प्रक्रिया में जैविक रूप से प्राप्त कार्बनिक पदार्थों (जैसे बायोमास से प्राप्त कार्बन) का उपयोग किया जाता है, या कि विकास प्रक्रियाएँ पर्यावरण के अनुकूल हों। हालांकि, हीरे का मूल निर्माण उच्च दाब और तापमान पर होता है, जो कि प्रयोगशाला में नियंत्रित किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  17. हीरे को अपघर्षक (abrasive) के रूप में उपयोग करने का मुख्य कारण क्या है?

    • (a) इसका उच्च घनत्व
    • (b) इसकी उच्च तापीय चालकता
    • (c) इसकी अघुलनशीलता
    • (d) इसकी असाधारण कठोरता

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अपघर्षण (Abrasion) वह प्रक्रिया है जिसमें एक पदार्थ दूसरे को खरोंचता या घिसता है। यह मुख्य रूप से पदार्थ की कठोरता पर निर्भर करता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरेMohs स्केल पर 10 की कठोरता के साथ सबसे कठोर प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थों में से एक है। इस असाधारण कठोरता के कारण, यह अन्य सामग्रियों को आसानी से खरोंच सकता है या पीस सकता है। इसलिए, इसका व्यापक रूप से विभिन्न प्रकार की पीसने वाली व्हील, कटिंग डिस्क और पॉलिशिंग यौगिकों में एक अपघर्षक के रूप में उपयोग किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  18. हीरे का रंग (Color) मुख्य रूप से किससे निर्धारित होता है?

    • (a) उसकी क्रिस्टल संरचना
    • (b) उसमें मौजूद नाइट्रोजन या अन्य अशुद्धियों की मात्रा
    • (c) उसका अपवर्तनांक
    • (d) उसकी कठोरता

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सामग्री के रंग अक्सर उसमें मौजूद अशुद्धियों या दोषों के कारण होते हैं जो प्रकाश के विशिष्ट तरंग दैर्ध्य को अवशोषित या उत्सर्जित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): शुद्धतम हीरे रंगहीन होते हैं। हालाँकि, प्राकृतिक हीरे में नाइट्रोजन, बोरॉन या अन्य तत्वों की सूक्ष्म मात्रा में अशुद्धियाँ (impurities) या संरचनात्मक दोष (structural defects) हो सकते हैं। ये अशुद्धियाँ प्रकाश के कुछ तरंग दैर्ध्य को अवशोषित कर लेती हैं, जिससे हीरे को विभिन्न रंग (जैसे पीला, नीला, गुलाबी, हरा) मिलते हैं। उदाहरण के लिए, नाइट्रोजन की उपस्थिति अक्सर हीरे को पीला रंग देती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. हीरे की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता (Property) है, जो इसे ध्वनि तरंगों के संचरण के लिए बहुत अच्छा माध्यम बनाती है?

    • (a) इसकी विद्युत चालकता
    • (b) इसकी उच्च ऊष्मीय चालकता
    • (c) इसकी निम्न घनत्व
    • (d) इसकी अशुद्धता

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थ की यांत्रिक (mechanical) और तापीय (thermal) गुण ध्वनि के संचरण को प्रभावित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण उच्च ऊष्मीय चालकता (जो कि तांबे से पांच गुना अधिक है) के कारण, यह ध्वनि तरंगों (जो कंपन का एक रूप हैं) को भी बहुत तेजी से और कुशलता से संचालित करता है। ध्वनि की गति हीरे में लगभग 12,000 मीटर प्रति सेकंड होती है, जो हवा में ध्वनि की गति (लगभग 343 मीटर प्रति सेकंड) से बहुत अधिक है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  20. हीरे की चमक को बढ़ाने के लिए ‘फ़ायर’ (Fire) शब्द का क्या अर्थ है?

    • (a) हीरे का गर्म होना
    • (b) प्रकाश का इंद्रधनुषी रंगों में बिखराव (Dispersion)
    • (c) हीरे की चमक
    • (d) हीरे का पूर्ण आंतरिक परावर्तन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश का बिखराव (Dispersion of light) वह घटना है जब प्रकाश अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है, जैसा कि इंद्रधनुष में होता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे के ‘फ़ायर’ से तात्पर्य उस प्रभाव से है जब सफेद प्रकाश हीरे के माध्यम से यात्रा करता है और उसके उच्च बिखराव (dispersion) के कारण इंद्रधनुषी रंगों (लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, बैंगनी) में विभाजित हो जाता है। यह रंगीन चमक हीरे की सुंदरता को बढ़ाती है। यह हीरे की चमक (brilliance) से अलग है, जो सफेद प्रकाश की कुल मात्रा को संदर्भित करती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. कौन सा उपकरण हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक उच्च दाब को अनुकरण (simulate) करने के लिए प्रयोग किया जाता है?

    • (a) स्पेक्ट्रोमीटर (Spectrometer)
    • (b) सेंट्रीफ्यूज (Centrifuge)
    • (c) उच्च-दाब प्रेस (High-pressure press) जैसे क्यूबिक-ज़ोन (Cubic-Zirconia) या बेल्ट प्रेस (Belt press)
    • (d) मैग्नोट्रॉन (Magnetron)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कृत्रिम (synthetic) हीरे बनाने की विधियों में प्राकृतिक निर्माण की परिस्थितियों को प्रयोगशाला में दोहराया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): प्रयोगशाला में हीरे बनाने की दो मुख्य विधियाँ हैं: उच्च दाब, उच्च तापमान (HPHT) विधि और रासायनिक वाष्प जमाव (CVD) विधि। HPHT विधि में, उच्च दाब को क्यूबिक-ज़ोन या बेल्ट प्रेस जैसे विशेष उपकरणों का उपयोग करके उत्पन्न किया जाता है, जो पृथ्वी के मेंटल में पाए जाने वाले दाब के समान दाब (जैसे 5-6 GPa) उत्पन्न कर सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  22. प्रकाश की वह घटना क्या है जिसके कारण हीरा अपनी चमक खो देता है जब वह तेल या पानी में डुबोया जाता है?

    • (a) पूर्ण आंतरिक परावर्तन की विफलता
    • (b) प्रकाश का अवशोषण
    • (c) प्रकाश का प्रकीर्णन (Scattering)
    • (d) हीरे का गलनांक कम हो जाना

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पूर्ण आंतरिक परावर्तन के लिए माध्यम के अपवर्तनांक में अंतर क्रांतिक कोण से अधिक होना चाहिए।

    व्याख्या (Explanation): जब हीरे को हवा (जिसका अपवर्तनांक लगभग 1.0003 है) से तेल (अपवर्तनांक लगभग 1.47) या पानी (अपवर्तनांक लगभग 1.33) जैसे उच्च अपवर्तनांक वाले माध्यम में डुबोया जाता है, तो हीरे और माध्यम के बीच अपवर्तनांक का अंतर कम हो जाता है। इससे हीरे के अंदर प्रकाश का क्रांतिक कोण (critical angle) बढ़ जाता है। यदि हीरे को ऐसे काटा गया है कि प्रकाश इन नए क्रांतिक कोणों से अधिक पर टकराए, तो पूर्ण आंतरिक परावर्तन नहीं हो पाता, और प्रकाश हीरे से बाहर निकल जाता है, जिससे उसकी चमक कम हो जाती है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  23. हीरे के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?

    • (a) यह कार्बन का एक अपरूप है।
    • (b) यह विद्युत का एक उत्कृष्ट कुचालक है।
    • (c) यह एक अत्यंत ऊष्मीय सुचालक है।
    • (d) यह सभी अम्लों में घुलनशील है।

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विभिन्न पदार्थों की रासायनिक प्रकृति और अभिक्रियाशीलता भिन्न-भिन्न होती है।

    व्याख्या (Explanation): (a) हीरा कार्बन का एक अपरूप है – सत्य। (b) हीरा विद्युत का कुचालक है क्योंकि इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते – सत्य। (c) हीरा अत्यधिक ऊष्मीय सुचालक है – सत्य। (d) हीरा रासायनिक रूप से निष्क्रिय होता है और सामान्य परिस्थितियों में अधिकांश अम्लों और क्षारों में अघुलनशील होता है। अत्यंत प्रबल ऑक्सीकरण अभिकर्मक (जैसे पिघला हुआ नाइट्रेट) या अत्यधिक उच्च तापमान पर ही यह प्रतिक्रिया कर सकता है, लेकिन यह “सभी अम्लों में घुलनशील” नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  24. पृथ्वी पर हीरे की सबसे अधिक आपूर्ति (production) करने वाले देशों में निम्नलिखित में से कौन सा देश शामिल नहीं है?

    • (a) बोत्सवाना
    • (b) रूस
    • (c) ऑस्ट्रेलिया
    • (d) ब्राजील

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे का खनन (mining) दुनिया के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में किया जाता है, जहाँ उपयुक्त भूवैज्ञानिक स्थितियाँ होती हैं।

    व्याख्या (Explanation): दुनिया के प्रमुख हीरा उत्पादक देशों में बोत्सवाना, रूस, कनाडा, अंगोला, दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, ऑस्ट्रेलिया और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया, हालांकि पहले एक प्रमुख उत्पादक था (जैसे एरगैले खान), अब इसका उत्पादन काफी कम हो गया है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है। ब्राजील में भी हीरे पाए जाते हैं, लेकिन उत्पादन के पैमाने पर ये बोत्सवाना, रूस और ऑस्ट्रेलिया (अपने उच्च उत्पादन वर्षों में) जैसे देशों की तुलना में कम रहे हैं। यहाँ प्रश्न “शामिल नहीं है” पूछ रहा है, और दिए गए विकल्पों में ब्राजील का उत्पादन ऐतिहासिक रूप से इन तीनों (विशेषकर बोत्सवाना और रूस) की तुलना में कम रहा है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  25. हीरे की कटाई और पॉलिशिंग में इस्तेमाल होने वाले सबसे आम प्रकार के सिंथेटिक हीरे (Synthetic Diamonds) कौन से हैं?

    • (a) मोनोक्रिस्टलाइन (Monocrystalline)
    • (b) पॉलीक्रिस्टलाइन (Polycrystalline)
    • (c) नैनोक्रिस्टलाइन (Nanocrystalline)
    • (d) एमोर्फस (Amorphous)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे बनाने की प्रक्रियाएँ विभिन्न प्रकार की क्रिस्टल संरचनाएँ उत्पन्न कर सकती हैं।

    व्याख्या (Explanation): औद्योगिक अनुप्रयोगों, जैसे कटाई और पॉलिशिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले सिंथेटिक हीरे अक्सर पॉलीक्रिस्टलाइन (Polycrystalline) प्रकृति के होते हैं। इसका मतलब है कि वे कई छोटे क्रिस्टलों से मिलकर बने होते हैं, जो उन्हें अत्यधिक कठोर और टिकाऊ बनाते हैं। मोनोक्रिस्टलाइन हीरे (जैसे कि लैब-गोन जेम-क्वालिटी हीरे) अधिक शुद्ध होते हैं और अक्सर गहनों में उपयोग किए जाते हैं, जबकि पॉलीक्रिस्टलाइन हीरे औद्योगिक उपयोग के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

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