हीरे की चमक: आपकी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहरी समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह खंड भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के उन महत्वपूर्ण प्रश्नों का अभ्यास करने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है जो अक्सर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। “Doubling Down on Diamond” शीर्षक से प्रेरित होकर, हम आज ज्ञान के इन चमकीले पहलुओं का अन्वेषण करेंगे, ताकि आपकी तैयारी को और भी धारदार बनाया जा सके।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) कितना होता है, जो इसे अत्यधिक चमकीला बनाता है?
- (a) 1.58
- (b) 2.42
- (c) 1.33
- (d) 1.45
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का अपवर्तनांक बताता है कि प्रकाश उसमें से गुजरते समय कितना मुड़ता है। उच्च अपवर्तनांक का मतलब है कि प्रकाश अधिक मुड़ता है, जिससे पूर्ण आंतरिक परावर्तन (total internal reflection) की संभावना बढ़ जाती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक लगभग 2.42 होता है। यह मान हीरे के भीतर प्रकाश के बार-बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन के लिए जिम्मेदार है, जिसके परिणामस्वरूप इसकी असाधारण चमक दिखाई देती है। अन्य विकल्प, जैसे पानी (1.33) या सामान्य कांच (1.58), का अपवर्तनांक हीरे की तुलना में बहुत कम होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे में कार्बन परमाणुओं का बंधन (bonding) किस प्रकार का होता है?
- (a) आयनिक बंधन (Ionic bond)
- (b) सहसंयोजक बंधन (Covalent bond)
- (c) धात्विक बंधन (Metallic bond)
- (d) हाइड्रोजन बंधन (Hydrogen bond)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन में, परमाणु इलेक्ट्रॉन साझा करते हैं, जिससे एक मजबूत त्रि-आयामी (three-dimensional) संरचना बनती है।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक अपररूप (allotrope) है, जिसमें प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंधन बनाता है। यह एक अत्यंत मजबूत, चतुष्फलकीय (tetrahedral) क्रिस्टल जालक (crystal lattice) संरचना बनाता है, जो हीरे की कठोरता और उच्च गलनांक के लिए जिम्मेदार है। आयनिक बंधन में आयन (ions) शामिल होते हैं, धात्विक बंधन धातुओं में पाया जाता है, और हाइड्रोजन बंधन दुर्बल होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे को काटने और पॉलिश करने के लिए किस प्रकार के औजारों का प्रयोग किया जाता है?
- (a) केवल धातु के औजार
- (b) केवल हीरे के औजार
- (c) हीरे के औजार या अन्य अत्यधिक कठोर सामग्री के औजार
- (d) प्लास्टिक के औजार
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मोह कठोरता पैमाने (Mohs scale of hardness) के अनुसार, केवल एक पदार्थ ही उससे कठोर हो सकता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा मोह कठोरता पैमाने पर 10 के साथ सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ है। इसलिए, इसे काटने या पॉलिश करने के लिए केवल हीरे से बने औजारों या अन्य अत्यधिक कठोर सिंथेटिक सामग्रियों (जैसे बोरॉन नाइट्राइड) का उपयोग किया जा सकता है। सामान्य धातु के औजार या प्लास्टिक के औजार हीरे को प्रभावित नहीं कर सकते।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक मुख्य तत्व कौन सा है?
- (a) सिलिकॉन (Silicon)
- (b) नाइट्रोजन (Nitrogen)
- (c) कार्बन (Carbon)
- (d) ऑक्सीजन (Oxygen)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरा कार्बन का एक शुद्ध क्रिस्टलीय रूप है।
व्याख्या (Explanation): हीरा पूरी तरह से कार्बन परमाणुओं से बना होता है। पृथ्वी के भीतर उच्च दबाव और तापमान पर, कार्बन परमाणु एक विशिष्ट क्रिस्टल संरचना में व्यवस्थित हो जाते हैं, जिससे हीरे का निर्माण होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा विद्युत का सुचालक (conductor) है?
- (a) हीरा (Diamond)
- (b) ग्रेफाइट (Graphite)
- (c) फुलरीन (Fullerene)
- (d) ये सभी
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): जबकि हीरा विद्युत का कुचालक (insulator) है क्योंकि इसके सभी इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंधों में बंधे होते हैं, ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक है। ग्रेफाइट की परतों के बीच कुछ इलेक्ट्रॉन मुक्त होते हैं और आसानी से गति कर सकते हैं। फुलरीन (जैसे बकमिंस्टरफुलरीन) की चालकता उनकी संरचना पर निर्भर करती है, लेकिन सामान्य तौर पर, वे हीरे की तरह ही कुचालक होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे की संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु कितने अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है?
- (a) 2
- (b) 3
- (c) 4
- (d) 6
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन परमाणु की संयोजकता (valency) 4 होती है, जिसका अर्थ है कि यह चार सहसंयोजक बंधन बना सकता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की क्रिस्टल संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु sp3 संकरित (hybridized) होता है और चार पड़ोसी कार्बन परमाणुओं के साथ चतुष्फलकीय ज्यामिति (tetrahedral geometry) में सहसंयोजक बंधन बनाता है। यह व्यवस्था हीरे को उसकी असाधारण कठोरता और स्थिरता प्रदान करती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे के चमकीलेपन का मुख्य कारण क्या है?
- (a) हीरे का उच्च घनत्व
- (b) हीरे का उच्च गलनांक
- (c) हीरे का पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection)
- (d) हीरे का प्रकाश को अवशोषित करने की क्षमता
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है, तो वह अपने मार्ग को बदलता है। यदि वह सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करता है और आपतन कोण (angle of incidence) क्रांतिक कोण (critical angle) से अधिक होता है, तो प्रकाश वापस उसी माध्यम में परावर्तित हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) और निम्न क्रांतिक कोण (लगभग 24.4 डिग्री) के कारण, जब प्रकाश हीरे के अंदर प्रवेश करता है, तो यह कई बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन से गुजरता है, जिससे यह बाहर निकलने से पहले फंस जाता है। जब प्रकाश अंततः हीरे से बाहर निकलता है, तो यह विभिन्न कोणों पर बिखर जाता है, जिससे उसकी विशिष्ट चमक (brilliance) और रंगीनता (fire) दिखाई देती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का सबसे सामान्य प्रकार जो रत्नों के रूप में प्रयोग होता है, उसे क्या कहते हैं?
- (a) नीलम (Sapphire)
- (b) पन्ना (Emerald)
- (c) माणिक (Ruby)
- (d) रंगहीन हीरा (Colorless Diamond)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रत्नों का मूल्य उनकी दुर्लभता, कठोरता, चमक और रंग पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): हालांकि हीरे में रंग (जैसे नीला, पीला, गुलाबी) की विविधता पाई जाती है, लेकिन सबसे अधिक मूल्यवान और रत्नों के रूप में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला “रंगहीन” या “सफेद” हीरा होता है, जिसे अक्सर “ब्लान्का” (Blanca) भी कहा जाता है। यह सबसे वांछनीय होता है क्योंकि यह प्रकाश को सबसे प्रभावी ढंग से अपवर्तित करता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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कार्बन के उस अपररूप (allotrope) का नाम बताइए जो पेंसिल की लेड (lead) में प्रयोग होता है।
- (a) हीरा (Diamond)
- (b) ग्रेफाइट (Graphite)
- (c) फुलरीन (Fullerene)
- (d) चारकोल (Charcoal)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न कार्बन अपररूपों के भौतिक और रासायनिक गुणधर्म भिन्न-भिन्न होते हैं, जो उनकी आणविक संरचना पर आधारित होते हैं।
व्याख्या (Explanation): पेंसिल की लेड में ग्रेफाइट का प्रयोग किया जाता है। ग्रेफाइट की परतदार (layered) संरचना होती है, जहां कार्बन परमाणु षट्कोणीय (hexagonal) जालक में जुड़े होते हैं। इन परतों के बीच बंधन कमजोर होते हैं, जिससे ग्रेफाइट आसानी से कागज पर रगड़ खाकर निशान छोड़ देता है। हीरा अत्यंत कठोर होता है और उसका उपयोग स्नेहक (lubricant) या कटिंग टूल में होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पदार्थों की कठोरता मापने के लिए किस पैमाने (scale) का प्रयोग किया जाता है?
- (a) सेल्सियस पैमाना (Celsius scale)
- (b) फैरेनहाइट पैमाना (Fahrenheit scale)
- (c) मोह पैमाना (Mohs scale)
- (d) रिक्टर पैमाना (Richter scale)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न खनिजों की सापेक्ष कठोरता को मापने के लिए एक मानकीकृत पैमाना विकसित किया गया है।
व्याख्या (Explanation): मोह पैमाना 10 खनिजों का एक क्रम है, जहाँ प्रत्येक खनिज अपने से ठीक पहले वाले खनिज को खरोंच सकता है, लेकिन उससे खरोंचा नहीं जा सकता। हीरा (कठोरता 10) इस पैमाने का सबसे कठोर खनिज है। सेल्सियस और फैरेनहाइट तापमान मापने के पैमाने हैं, जबकि रिक्टर पैमाना भूकंप की तीव्रता मापता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे को जलाने पर (उच्च तापमान पर ऑक्सीजन की उपस्थिति में) कौन सी गैस बनती है?
- (a) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
- (b) नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂)
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- (d) सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन युक्त यौगिकों के दहन से मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड और जल बनता है, यदि ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो।
व्याख्या (Explanation): हीरा शुद्ध कार्बन का बना होता है। जब इसे ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाया जाता है (दहन), तो यह कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) बनाता है। अभिक्रिया इस प्रकार है: C (हीरा) + O₂ → CO₂।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रकाश की गति के संदर्भ में, हीरे के अंदर प्रकाश की गति कितनी होती है?
- (a) निर्वात (vacuum) में गति से अधिक
- (b) निर्वात में गति से लगभग आधी
- (c) निर्वात में गति के बराबर
- (d) निर्वात में गति से थोड़ी कम
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी माध्यम में प्रकाश की गति उस माध्यम के अपवर्तनांक (n) से व्युत्क्रमानुपाती (inversely proportional) होती है। सूत्र v = c/n है, जहाँ v माध्यम में प्रकाश की गति है और c निर्वात में प्रकाश की गति है।
व्याख्या (Explanation): चूंकि हीरे का अपवर्तनांक लगभग 2.42 है, हीरे के अंदर प्रकाश की गति निर्वात में प्रकाश की गति (c) का लगभग 1/2.42 गुना होती है, जो कि c/2.42 ≈ 0.41c के बराबर है, यानी निर्वात में गति से लगभग आधी।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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एक “रंगहीन” (colorless) हीरे को “अग्नियुक्त” (fiery) दिखने का कारण क्या है?
- (a) यह आग के संपर्क में आया है।
- (b) यह प्रकाश के प्रकीर्णन (scattering) के कारण रंगीन दिखता है।
- (c) यह प्रकाश के फैलाव (dispersion) के कारण इंद्रधनुषी रंग दिखाता है।
- (d) इसकी सतह पर प्रकाश का सीधा परावर्तन।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब सफेद प्रकाश एक प्रिज्म से गुजरता है, तो वह अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है। इस घटना को फैलाव (dispersion) कहते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च फैलाव (high dispersion) इसे “फायर” (fire) या “आग” प्रदान करता है। इसका मतलब है कि जब सफेद प्रकाश हीरे के अंदर प्रवेश करता है और पूर्ण आंतरिक परावर्तन से गुजरता है, तो यह अपने घटक रंगों (जैसे लाल, नीला, हरा) में विभाजित हो जाता है, जिससे एक इंद्रधनुषी प्रभाव (rainbow effect) उत्पन्न होता है, जो इसे “अग्नियुक्त” या “फायर” वाला दिखाता है। प्रकीर्णन प्रकाश को विभिन्न दिशाओं में बिखेरता है, जबकि यहाँ मुख्य प्रभाव फैलाव का है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा कथन हीरे के बारे में सत्य नहीं है?
- (a) यह कार्बन का एक अपररूप है।
- (b) यह विद्युत का सुचालक है।
- (c) यह सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थों में से एक है।
- (d) इसका गलनांक बहुत उच्च होता है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे की क्रिस्टल संरचना में सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन स्थानीयकृत (localized) होते हैं, जिससे यह विद्युत का कुचालक बन जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक अपररूप है, अत्यंत कठोर है, और इसका गलनांक ( sublimation temperature) बहुत उच्च होता है (लगभग 3550°C)। हालाँकि, हीरे में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं, इसलिए यह विद्युत का कुचालक है, सुचालक नहीं। इसलिए, कथन (b) असत्य है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे की कठोरता का कारण क्या है?
- (a) इसमें आयनिक बंधन होते हैं।
- (b) इसमें कमजोर वैन डेर वाल्स बल होते हैं।
- (c) इसमें मजबूत सहसंयोजक बंधन (covalent bonds) का एक त्रि-आयामी नेटवर्क होता है।
- (d) यह एक नरम अधातु (soft non-metal) है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थ की कठोरता उसकी परमाणुओं को एक साथ रखने वाले बंधों की शक्ति पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता उसके कार्बन परमाणुओं के बीच मौजूद मजबूत सहसंयोजक बंधों के सघन, त्रि-आयामी नेटवर्क के कारण होती है। ये बंधन बहुत ऊर्जा की आवश्यकता के बिना तोड़े नहीं जा सकते, जिससे यह किसी भी अन्य ज्ञात प्राकृतिक पदार्थ से अधिक कठोर होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कार्बनिक रसायन विज्ञान में, एक “हीरे का मानक” (diamond standard) क्या दर्शाता है?
- (a) सबसे सस्ते प्लास्टिक
- (b) उच्च-गुणवत्ता और शुद्धता के लिए बेंचमार्क
- (c) सबसे नरम धातु
- (d) निम्नतम लागत वाली निर्माण सामग्री
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): “हीरे का मानक” एक मुहावरा है जिसका प्रयोग किसी चीज की उत्कृष्टता या उच्चतम गुणवत्ता को दर्शाने के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): जिस प्रकार हीरे को उसकी दुर्लभता, कठोरता और सुंदरता के लिए अत्यधिक मूल्यवान माना जाता है, उसी प्रकार “हीरे का मानक” किसी उत्पाद, प्रक्रिया या प्रदर्शन के लिए गुणवत्ता, शुद्धता और उत्कृष्टता का एक असाधारण रूप से उच्च स्तर स्थापित करने का प्रतीक है। यह अक्सर तुलना के लिए एक बेंचमार्क के रूप में उपयोग किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के निर्माण में उपयोग होने वाला तापमान और दबाव कितना होता है?
- (a) कम तापमान, उच्च दबाव
- (b) उच्च तापमान, कम दबाव
- (c) कम तापमान, कम दबाव
- (d) उच्च तापमान, उच्च दबाव
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ पदार्थों का क्रिस्टलीकरण उच्च दबाव और तापमान की चरम स्थितियों में होता है।
व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के मेंटल (mantle) में लगभग 150-200 किलोमीटर की गहराई पर, जहाँ तापमान 900-1300 डिग्री सेल्सियस और दबाव 45-60 किलोबार (kilobars) होता है, बनता है। ये अत्यधिक उच्च तापमान और दबाव की स्थितियाँ कार्बन परमाणुओं को हीरे की संरचना में व्यवस्थित होने के लिए आवश्यक होती हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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कौन सा उपकरण हीरे को सटीक रूप से काटने के लिए लेजर का उपयोग करता है?
- (a) डायमंड रिफ्रैक्टोमीटर (Diamond refractometer)
- (b) डायमंड कटिंग लेजर (Diamond cutting laser)
- (c) डायमंड पॉलिशिंग मशीन (Diamond polishing machine)
- (d) डायमंड एंग्रेविंग लेजर (Diamond engraving laser)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): लेजर तकनीक का उपयोग अति-सटीक कटाई और सामग्री प्रसंस्करण के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): आधुनिक हीरे के व्यापार में, विशेष रूप से प्रयोगशाला में उगाए गए (lab-grown) या प्राकृतिक हीरे को आकार देने और काटने के लिए उच्च-शक्ति वाले लेजर का उपयोग किया जाता है। ये लेजर सटीक और नियंत्रित कटाई की अनुमति देते हैं, जिससे सामग्री का नुकसान कम होता है और जटिल डिजाइन बनाए जा सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे की ऊष्मीय चालकता (thermal conductivity) कितनी होती है?
- (a) बहुत कम
- (b) मध्यम
- (c) बहुत अधिक
- (d) शून्य
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊष्मीय चालकता सामग्री में ऊष्मा के संचरण की क्षमता है, जो मुख्य रूप से परमाणुओं के कंपन (vibrations) और मुक्त इलेक्ट्रॉनों की गति पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की ऊष्मीय चालकता असाधारण रूप से अधिक होती है, जो सभी ज्ञात प्राकृतिक सामग्रियों में सबसे अधिक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसके मजबूत सहसंयोजक बंधन परमाणुओं को बहुत मजबूती से एक साथ रखते हैं, जिससे फोनन (phonons – कंपन के क्वांटा) बहुत कुशलता से यात्रा कर सकते हैं। यह गुण इसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों के लिए एक उत्कृष्ट गर्मी सिंक (heat sink) बनाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कार्बन का कौन सा अपररूप (allotrope) पूर्णतः समानांतर (planar) षट्कोणीय छल्लों (hexagonal rings) की परतों से बना होता है?
- (a) हीरा (Diamond)
- (b) ग्रेफाइट (Graphite)
- (c) फुलरीन (Fullerene)
- (d) नैनोट्यूब (Nanotubes)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ग्रेफाइट की संरचना में कार्बन परमाणु षट्कोणीय जालक (hexagonal lattice) में व्यवस्थित होते हैं, जो परतों में बनते हैं।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट एक परतदार संरचना प्रदर्शित करता है, जिसमें प्रत्येक परत में कार्बन परमाणु समानांतर षट्कोणीय छल्लों के रूप में व्यवस्थित होते हैं। ये परतें वैन डेर वाल्स बलों द्वारा एक-दूसरे से दुर्बल रूप से जुड़ी होती हैं। हीरे की संरचना त्रि-आयामी (3D) होती है, जबकि फुलरीन गोलाकार या अंडाकार हो सकते हैं, और नैनोट्यूब बेलनाकार होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे को “कठोर” (hard) और “टफ” (tough) के बीच क्या अंतर है, और हीरा किसमें बेहतर है?
- (a) कठोर (hard) और टफ (tough) एक ही हैं, और हीरा दोनों में बेहतर है।
- (b) कठोर का अर्थ है खरोंच का प्रतिरोध, और टफ का अर्थ है टूटने का प्रतिरोध। हीरा कठोर है लेकिन टफ नहीं।
- (c) कठोर का अर्थ है खरोंच का प्रतिरोध, और टफ का अर्थ है टूटने का प्रतिरोध। हीरा टफ है लेकिन कठोर नहीं।
- (d) हीरा न तो कठोर है और न ही टफ।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सामग्री विज्ञान में, कठोरता (hardness) खरोंच या घर्षण (abrasion) का प्रतिरोध है, जबकि टफनेस (toughness) फ्रैक्चर (fracture) या टूटने से पहले ऊर्जा अवशोषित करने की क्षमता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा मोह पैमाने पर 10 की कठोरता के साथ अत्यंत “कठोर” है, जिसका अर्थ है कि यह आसानी से खरोंचा नहीं जा सकता। हालाँकि, इसकी “टफनेस” मध्यम है। यद्यपि इसके सहसंयोजक बंधन मजबूत हैं, लेकिन यह फ्रैक्चर प्लेन (fracture planes) के साथ टूटने के प्रति संवेदनशील हो सकता है, खासकर यदि उस पर प्रभाव डाला जाए। इसलिए, यह कठोर है लेकिन बहुत टफ नहीं है, जिसका अर्थ है कि इसे तोड़ा जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे को शुद्ध करने (purify) के लिए अक्सर किस विधि का उपयोग किया जाता है?
- (a) आसवन (Distillation)
- (b) निस्पंदन (Filtration)
- (c) उच्च तापमान पर हवा की अनुपस्थिति में गर्म करना (Heating in absence of air at high temperature)
- (d) ऑक्सीकरण (Oxidation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बनिक पदार्थ, विशेष रूप से बिना ऑक्सीजन वाले वातावरण में, उच्च तापमान पर ऊष्मीय अपघटन (thermal decomposition) से गुजर सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे को शुद्ध करने के लिए, उन्हें अक्सर उच्च तापमान पर अक्रिय वातावरण (inert atmosphere) जैसे नाइट्रोजन या हीलियम में गर्म किया जाता है। इस प्रक्रिया को “पायरोलाइसिस” (pyrolysis) कहा जाता है। इससे हीरे से जुड़े किसी भी कार्बनिक अशुद्धियों को वाष्पशील (volatile) करके हटाया जा सकता है, जिससे अधिक शुद्ध हीरा प्राप्त होता है। ऑक्सीजन की अनुपस्थिति महत्वपूर्ण है क्योंकि हवा में जलाने पर हीरा जलकर CO₂ बन जाएगा।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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“ब्लैक डायमंड” (Black Diamond) के रूप में किस प्रकार के कार्बन के अपररूप को जाना जाता है, जो अपनी अपारदर्शिता (opacity) और गहरे रंग के लिए प्रसिद्ध है?
- (a) हीरा (Diamond)
- (b) ग्रेफाइट (Graphite)
- (c) कार्बोनाडो (Carbonado)
- (d) फुलरीन (Fullerene)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ प्रकार के हीरे में अशुद्धियों या संरचनात्मक दोषों के कारण उनका रंग और गुणधर्म बदल जाते हैं।
व्याख्या (Explanation): कार्बोनाडो, जिसे अक्सर “ब्लैक डायमंड” कहा जाता है, कार्बन का एक अत्यंत दुर्लभ और अपारदर्शी, काले या गहरे रंग का रूप है। यह एक पॉलीक्रिस्टलाइन (polycrystalline) संरचना वाला हीरा है जिसमें अक्सर ग्रेफाइट या अन्य अशुद्धियाँ शामिल होती हैं। रत्नों के रूप में इसका उपयोग सीमित है, लेकिन यह अपनी अद्वितीय कठोरता और औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए जाना जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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एक जीव जो कार्बन चक्र (carbon cycle) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है, वह कौन सा है?
- (a) कवक (Fungi)
- (b) बैक्टीरिया (Bacteria)
- (c) पौधे (Plants)
- (d) वायरस (Viruses)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को शर्करा (sugar) में बदलते हैं।
व्याख्या (Explanation): पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के माध्यम से वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और इसे अपनी कोशिकाओं में कार्बनिक यौगिकों (जैसे ग्लूकोज) में परिवर्तित करते हैं। यह कार्बन को वायुमंडल से हटाकर बायोमास (biomass) में संग्रहीत करता है, जो कार्बन चक्र का एक अनिवार्य हिस्सा है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे की तुलना में, निम्न में से कौन सा पदार्थ कार्बन का एक सस्ता और अधिक प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला अपररूप है जिसका उपयोग लुब्रिकेंट (lubricant) के रूप में किया जाता है?
- (a) हीरा (Diamond)
- (b) ग्रेफाइट (Graphite)
- (c) फुलरीन (Fullerene)
- (d) डायमंड नैनोट्यूब (Diamond nanotubes)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ग्रेफाइट की परतदार संरचना और उसके बीच कमजोर बंधन इसे एक प्रभावी लुब्रिकेंट बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट, जो पेंसिलों में प्रयोग होता है, कार्बन का एक सस्ता और प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला अपररूप है। इसकी परतदार संरचना और परतों के बीच कमजोर वैन डेर वाल्स बल इसे शुष्क लुब्रिकेंट (dry lubricant) के रूप में बहुत प्रभावी बनाते हैं, क्योंकि परतें आसानी से एक-दूसरे पर फिसल सकती हैं। हीरा, अपनी असाधारण कठोरता के कारण, स्नेहक के रूप में उपयोग नहीं किया जाता है, और इसे प्राप्त करना अधिक महंगा है।
अतः, सही उत्तर (b) है।