हीरे की खोज: सामान्य विज्ञान के प्रश्न आपकी तैयारी को परखें
परिचय:** प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की मजबूत पकड़ अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह खंड भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों की आपकी समझ का परीक्षण करेगा, जो अक्सर प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। ‘Doubling Down on Diamond’ जैसे सामयिक संकेत हमें विज्ञान के विभिन्न पहलुओं की खोज करने का अवसर देते हैं। आइए, इन 25 बहुविकल्पीय प्रश्नों के माध्यम से अपनी ज्ञान की परख करें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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निम्नलिखित में से कौन सा भौतिक गुण हीरे को एक उत्कृष्ट विद्युत इन्सुलेटर बनाता है?
- (a) उच्च तापीय चालकता
- (b) पूर्ण सहसंयोजक बंधन
- (c) क्रिस्टल संरचना
- (d) उच्च अपवर्तक सूचकांक
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता इलेक्ट्रॉनों की गति पर निर्भर करती है। इंसुलेटर में, इलेक्ट्रॉन कसकर बंधे होते हैं और स्वतंत्र रूप से घूमने में सक्षम नहीं होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणु एक त्रि-आयामी नेटवर्क में एक साथ जुड़े होते हैं, जिसमें प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधन द्वारा जुड़ा होता है। ये बंधन अत्यंत मजबूत होते हैं और इनमें कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होता है। इसलिए, इलेक्ट्रॉन स्वतंत्र रूप से प्रवाहित नहीं हो सकते, जिससे हीरा एक उत्कृष्ट विद्युत इन्सुलेटर बन जाता है। इसकी उच्च तापीय चालकता (a) थर्मल ऊर्जा के प्रवाह से संबंधित है, न कि विद्युत से। क्रिस्टल संरचना (c) इसके गुणों को प्रभावित करती है लेकिन सीधे विद्युत रोधन का कारण नहीं है। उच्च अपवर्तक सूचकांक (d) प्रकाश के साथ इसकी अंतःक्रिया से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का गलनांक (melting point) ज्ञात नहीं होता है। इसका कारण क्या है?
- (a) यह वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है।
- (b) यह उच्च दबाव में पिघले बिना सीधे गैस में बदल जाता है (ऊर्ध्वपातन)।
- (c) यह लगभग 3550 °C पर पिघलता है।
- (d) यह 4000 °C पर पिघलता है, लेकिन प्रयोगशाला में मापना कठिन है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ पदार्थ, उच्च तापमान पर, बिना तरल अवस्था में आए सीधे ठोस से गैस में बदल जाते हैं। इस प्रक्रिया को ऊर्ध्वपातन (sublimation) कहा जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा एक अत्यंत स्थिर पदार्थ है। जब इसे गर्म किया जाता है, तो यह वायुमंडल के दबाव पर पिघलने के बजाय, उच्च तापमान पर ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलकर कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) में परिवर्तित हो जाता है। यदि ऑक्सीजन अनुपस्थित हो, तो यह उच्च दबाव में ही सीधे गैस में बदल जाता है। इस प्रकार, सामान्य परिस्थितियों में इसका गलनांक परिभाषित नहीं होता है, बल्कि यह ऊर्ध्वपातन (या दहन) से गुजरता है। विकल्प (c) और (d) तापमान बताते हैं, लेकिन यह इसकी पिघलने की प्रक्रिया के बारे में गलत है। विकल्प (a) आंशिक रूप से सही है क्योंकि यह CO2 में परिवर्तित होता है, लेकिन मुख्य कारण पिघलने के बजाय उच्च तापमान पर इसका व्यवहार है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरा कार्बन का एक अपरूप (allotrope) है। कार्बन के अन्य सामान्य अपरूपों में से एक कौन सा है?
- (a) सोना
- (b) ग्रेफाइट
- (c) ऑक्सीजन
- (d) आयरन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपरूप (allotropy) वह घटना है जिसमें एक ही रासायनिक तत्व, समान भौतिक अवस्था में, विभिन्न रूपों में मौजूद हो सकता है। ये रूप संरचना और गुणों में भिन्न होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरा और ग्रेफाइट दोनों कार्बन के अपरूप हैं। हीरे में, कार्बन परमाणु चतुष्फलकीय (tetrahedral) रूप से व्यवस्थित होते हैं, जबकि ग्रेफाइट में, वे षट्कोणीय (hexagonal) परतों में व्यवस्थित होते हैं। सोना (a), ऑक्सीजन (c), और आयरन (d) अन्य तत्व हैं, कार्बन के अपरूप नहीं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का वह गुण जो इसे काटने के औजारों के लिए आदर्श बनाता है, वह क्या है?
- (a) इसकी पारभासी प्रकृति
- (b) इसकी उच्च कठोरता
- (c) इसकी विद्युत चालकता
- (d) इसका चमकदार रूप
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थ की कठोरता वह गुण है जो उसकी सतह पर खरोंच या घर्षण का विरोध करने की क्षमता को दर्शाता है।
व्याख्या (Explanation): मोह कठोरता पैमाने (Mohs Hardness Scale) पर, हीरे को 10 का मान दिया गया है, जो इसे सबसे कठोर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ बनाता है। यह असाधारण कठोरता इसे अन्य सामग्रियों को आसानी से काटने, पीसने और पॉलिश करने की अनुमति देती है। पारभासी प्रकृति (a) ऑप्टिकल गुणों से संबंधित है, विद्युत चालकता (c) से विद्युत प्रवाह से, और चमकदार रूप (d) से प्रकाश के परावर्तन से।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पृथ्वी की परत में हीरे का निर्माण किस प्रकार के भूवैज्ञानिक वातावरण में होता है?
- (a) अवसादी बेसिन
- (b) ज्वालामुखी पाइप (Kimberlite/Lamproite pipes)
- (c) महासागरीय दरार क्षेत्र
- (d) कायांतरित चट्टान निर्माण क्षेत्र
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे के निर्माण के लिए अत्यधिक दबाव और उच्च तापमान की आवश्यकता होती है, जो पृथ्वी की सतह से काफी नीचे पाया जाता है। ये स्थितियाँ कुछ ज्वालामुखी गतिविधियों द्वारा पृथ्वी की सतह पर लाई जाती हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे पृथ्वी के मेंटल में, लगभग 150-200 किलोमीटर की गहराई पर, अत्यधिक दबाव और तापमान (लगभग 1000-1300 °C) के तहत बनते हैं। ये हीरे अक्सर विशेष प्रकार के ज्वालामुखियों द्वारा उत्पन्न “किम्बरलाइट” या “लैम्प्रोइट” पाइपों के माध्यम से सतह पर लाए जाते हैं। ये पाइप तीव्र ज्वालामुखी विस्फोटों के दौरान बनी गहरी नलिकाओं के माध्यम से पिघले हुए चट्टान के ऊपर आने का परिणाम होते हैं। अवसादी बेसिन (a) आमतौर पर कम दबाव वाले वातावरण होते हैं। महासागरीय दरार क्षेत्र (c) भी उच्च दबाव वाले हो सकते हैं लेकिन हीरे के निर्माण के लिए विशिष्ट स्थितियाँ प्रदान नहीं करते हैं। कायांतरित चट्टान निर्माण क्षेत्र (d) उच्च दबाव और तापमान से जुड़े हो सकते हैं, लेकिन हीरे के लिए आवश्यक विशेष स्थितियाँ आमतौर पर ज्वालामुखीय पाइपों से जुड़ी होती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे को कृत्रिम रूप से बनाने की प्रक्रिया में आमतौर पर किसका उपयोग किया जाता है?
- (a) निम्न तापमान और निम्न दबाव
- (b) उच्च तापमान और निम्न दबाव
- (c) निम्न तापमान और उच्च दबाव
- (d) उच्च तापमान और उच्च दबाव
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे बनाने की प्रक्रियाएं प्राकृतिक हीरे के निर्माण के समान हैं, जिनमें कार्बन स्रोत को ऐसे वातावरण में रखा जाता है जहाँ उच्च दबाव और तापमान की स्थिति मौजूद हो।
व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे बनाने की दो मुख्य विधियाँ हैं: उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT) और रासायनिक वाष्प जमाव (CVD)। HPHT विधि में, कार्बन को धातु उत्प्रेरक (जैसे निकेल, लोहा) के साथ मिलाकर लगभग 5-6 GPa (लगभग 50,000-60,000 वायुमंडल) के दबाव और 1500-2000 °C के तापमान पर गर्म किया जाता है, जो कि पृथ्वी के मेंटल में पाई जाने वाली स्थितियों के समान है। CVD विधि में, कार्बन युक्त गैसों को निम्न दबाव में विघटित किया जाता है और कार्बन को सब्सट्रेट पर जमा किया जाता है, लेकिन इस विधि में भी उच्च तापमान की आवश्यकता होती है। हालांकि, सबसे आम और सबसे सीधा तरीका HPHT है, जिसमें उच्च तापमान और उच्च दबाव दोनों शामिल हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे के पॉलिशिंग में किस तकनीक का उपयोग किया जाता है?
- (a) लेजर कटिंग
- (b) अल्ट्रासोनिक मशीनिंग
- (c) हीरे के पहियों का उपयोग करके ग्राइंडिंग और पॉलिशिंग
- (d) इलेक्ट्रो-केमिकल मशीनिंग
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ को पॉलिश करने के लिए, पॉलिश करने वाले उपकरण को लक्ष्य पदार्थ की तुलना में अधिक कठोर होना चाहिए।
व्याख्या (Explanation): चूँकि हीरा सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थों में से एक है, इसे पॉलिश करने के लिए उसी पदार्थ (हीरा) का उपयोग किया जाता है। पॉलिशिंग की प्रक्रिया में हीरे को हीरे के पाउडर या हीरे लगे पहियों के विरुद्ध बारी-बारी से घिसकर और चमकाकर आकार दिया जाता है। लेजर कटिंग (a) कुछ अनुप्रयोगों में उपयोग की जा सकती है, लेकिन मुख्य रूप से पॉलिशिंग के लिए नहीं। अल्ट्रासोनिक मशीनिंग (b) और इलेक्ट्रो-केमिकल मशीनिंग (d) धातु और अन्य भंगुर सामग्री के लिए अधिक सामान्य हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे में कार्बन-कार्बन बंधन की प्रकृति क्या है?
- (a) आयनिक
- (b) सहसंयोजक
- (c) धात्विक
- (d) वैन डेर वाल्स
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन में, दो परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं। यह बंधन कार्बन परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों के साझाकरण से बनता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने चार संयोजी इलेक्ट्रॉनों का उपयोग चार पड़ोसी कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंधन बनाने के लिए करता है। ये बंधन अत्यंत मजबूत और दिशात्मक होते हैं, जो हीरे की कठोरता और स्थिरता का कारण बनते हैं। आयनिक बंधन (a) इलेक्ट्रॉनों के पूर्ण हस्तांतरण से बनता है, धात्विक बंधन (c) धातुओं में पाया जाता है, और वैन डेर वाल्स बल (d) कमजोर अंतर-आणविक बल होते हैं, जो हीरे की संरचना का मुख्य बंधन नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का उच्च अपवर्तक सूचकांक (refractive index) इसके चमकदार रूप (brilliance) में कैसे योगदान देता है?
- (a) यह प्रकाश को सीधे आर-पार जाने देता है।
- (b) यह प्रकाश को अवशोषित कर लेता है।
- (c) यह प्रकाश को अपने अंदर फंसाकर आंतरिक परावर्तन (internal reflection) को बढ़ाता है।
- (d) यह प्रकाश को बिखेर देता है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तक सूचकांक किसी माध्यम में प्रकाश की गति को मापता है। उच्च अपवर्तक सूचकांक का मतलब है कि प्रकाश माध्यम में धीमा हो जाता है और अधिक मुड़ता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तक सूचकांक लगभग 2.42 है, जो इसे हवा (लगभग 1.00) की तुलना में प्रकाश को बहुत अधिक मोड़ने का कारण बनता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह झुकता है, और जब यह हीरे के भीतर विभिन्न पहलुओं से टकराता है, तो यह कुल आंतरिक परावर्तन (total internal reflection) से गुजरता है, जो इसे हीरे के अंदर फंसा लेता है। यह बार-बार आंतरिक परावर्तन और फिर हीरे से बाहर निकलने पर प्रकाश के अपवर्तन के कारण ही हीरा इतना चमकदार दिखाई देता है। प्रकाश को आर-पार जाने देना (a), अवशोषित करना (b), या बिखेरना (d) हीरे के चमकदार रूप के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्न में से कौन सी गैस सामान्य तापमान और दबाव (STP) पर हीरे को ग्रेफाइट में बदल सकती है?
- (a) नाइट्रोजन
- (b) ऑक्सीजन
- (c) आर्गन
- (d) हाइड्रोजन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ पदार्थ उच्च तापमान पर अन्य गैसों के साथ प्रतिक्रिया करके नए यौगिक बना सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे, जो शुद्ध कार्बन से बने होते हैं, उच्च तापमान पर ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का उत्पादन करते हैं। यह प्रतिक्रिया हीरे को ग्रेफाइट में रूपांतरित करने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है, बल्कि हीरे के दहन की प्रक्रिया है। हालांकि, प्रश्न का तात्पर्य है कि कौन सी गैस हीरे को अस्थिर कर सकती है। ऑक्सीजन की उपस्थिति में, हीरा जल जाता है, और तापमान बढ़ने पर यह प्रक्रिया अधिक प्रभावी होती है, जो अंततः हीरे के ग्रेफाइट में रूपांतरण को अप्रत्यक्ष रूप से संभव बनाती है (ज्यादातर जलने के माध्यम से)। अन्य गैसें (नाइट्रोजन, आर्गन, हाइड्रोजन) सामान्य परिस्थितियों में हीरे के साथ सीधे प्रतिक्रिया नहीं करती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का रासायनिक सूत्र क्या है?
- (a) SiC
- (b) C
- (c) CO2
- (d) B4C
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र किसी पदार्थ में तत्वों के प्रतीकों और उनकी संख्याओं को दर्शाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक शुद्ध रूप है। इसलिए, इसका रासायनिक सूत्र केवल कार्बन का प्रतीक ‘C’ है। SiC सिलिकॉन कार्बाइड है, CO2 कार्बन डाइऑक्साइड है, और B4C बोरॉन कार्बाइड है, जो अन्य कठोर पदार्थ हैं लेकिन हीरा नहीं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का कटाई के अलावा, निम्नलिखित में से किस औद्योगिक अनुप्रयोग में उपयोग किया जाता है?
- (a) सौर पैनल
- (b) उच्च-प्रदर्शन वाले ट्रांजिस्टर
- (c) कुकवेयर कोटिंग
- (d) बैटरी
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे की अद्वितीय विद्युत और तापीय चालकता इसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग के लिए उपयुक्त बनाती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की उत्कृष्ट तापीय चालकता (which allows heat to dissipate quickly) और विद्युत रोधन (electrical insulation) इसे उच्च-शक्ति वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, जैसे ट्रांजिस्टर, में उपयोग के लिए एक आदर्श सामग्री बनाते हैं। यह उच्च शक्ति वाले ट्रांजिस्टर को अधिक कुशलता से काम करने और अधिक गर्मी को संभालने की अनुमति देता है। सौर पैनल (a) आमतौर पर सिलिकॉन पर आधारित होते हैं। कुकवेयर कोटिंग (c) में अक्सर सिरेमिक या नॉन-स्टिक सामग्री का उपयोग होता है, हालांकि कुछ उन्नत कोटिंग्स में हीरे जैसी सामग्री का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन यह मुख्य अनुप्रयोग नहीं है। बैटरियों (d) में हीरे का सीधा उपयोग वर्तमान में प्रमुख नहीं है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के संदर्भ में, ‘कलर’ (Colour) को प्रभावित करने वाला मुख्य कारक क्या है?
- (a) कार्बन परमाणुओं की व्यवस्था
- (b) हीरे में नाइट्रोजन या बोरॉन जैसी अशुद्धियाँ
- (c) हीरे की कटाई की गुणवत्ता
- (d) हीरे का आकार
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी क्रिस्टल की रंगीनता अक्सर उसमें मौजूद अशुद्धियों या जाली में दोषों के कारण होती है जो प्रकाश को अवशोषित या उत्सर्जित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): अधिकांश हीरे रंगहीन होते हैं, लेकिन कुछ में रंग (जैसे पीला, नीला, गुलाबी) अशुद्धियों के कारण होता है। सबसे आम अशुद्धता नाइट्रोजन है, जो हीरे को पीला रंग प्रदान करती है। बोरॉन की उपस्थिति हीरे को नीला रंग दे सकती है। कार्बन परमाणुओं की व्यवस्था (a) हीरे की कठोरता और चमक के लिए जिम्मेदार है, न कि रंग के लिए। कटाई की गुणवत्ता (c) और हीरे का आकार (d) रंग के बजाय चमक और आकार को प्रभावित करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के ‘क्लरिटी’ (Clarity) को प्रभावित करने वाले आंतरिक दोषों को क्या कहा जाता है?
- (a) फोलिएशन
- (b) इंक्लूजन
- (c) टेक्सचर
- (d) स्ट्राइक्शन्स
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रत्न विज्ञान में, किसी रत्न के भीतर मौजूद प्राकृतिक अशुद्धियों या दरारों को इंक्लूजन कहा जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में छोटे क्रिस्टल, दरारें या अन्य दोष जो उसके निर्माण के दौरान बनते हैं, ‘इंक्लूजन’ कहलाते हैं। ये हीरे की स्पष्टता (clarity) को प्रभावित करते हैं। फोलिएशन (a) स्तरीकरण या परत का वर्णन करता है, टेक्सचर (c) सतह की बनावट का वर्णन करता है, और स्ट्राइक्शन्स (d) सतह पर रेखाएं होती हैं, जो आमतौर पर क्रिस्टल वृद्धि के निशान होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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भौतिकी में, हीरे के उच्च अपवर्तक सूचकांक के कारण क्या होता है?
- (a) धीमी गति से प्रकाश का संचरण
- (b) तेज गति से प्रकाश का संचरण
- (c) प्रकाश का ध्रुवीकरण (polarization)
- (d) प्रकाश का इंद्रधनुषी विभाजन (dispersion)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तक सूचकांक (n) का सूत्र n = c/v होता है, जहाँ c निर्वात में प्रकाश की गति है और v माध्यम में प्रकाश की गति है।
व्याख्या (Explanation): एक उच्च अपवर्तक सूचकांक का अर्थ है कि प्रकाश हीरे के माध्यम से हवा या निर्वात की तुलना में बहुत धीमी गति से यात्रा करता है। यह धीमी गति प्रकाश के अत्यधिक मुड़ने (अपवर्तन) का कारण बनती है। प्रकाश का ध्रुवीकरण (c) विद्युत चुम्बकीय तरंगों के कंपन की दिशा से संबंधित है। प्रकाश का इंद्रधनुषी विभाजन (d), जिसे फैलाव (dispersion) भी कहा जाता है, विभिन्न तरंग दैर्ध्य (रंगों) के प्रकाश के लिए अपवर्तक सूचकांक के थोड़ा भिन्न होने के कारण होता है, जो हीरे के ‘फायर’ (fire) या इंद्रधनुषी चमक का कारण बनता है, लेकिन यह सीधे उच्च अपवर्तक सूचकांक का परिणाम नहीं है, बल्कि अपवर्तक सूचकांक के तरंग दैर्ध्य पर निर्भरता का परिणाम है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे के “कट” (Cut) को सबसे महत्वपूर्ण रत्न-गुण क्यों माना जाता है?
- (a) यह रत्न की कुल लागत निर्धारित करता है।
- (b) यह हीरे की कठोरता को बढ़ाता है।
- (c) यह प्रकाश के साथ हीरे की अंतःक्रिया को नियंत्रित करता है, जिससे चमक और आग (fire) बढ़ती है।
- (d) यह रत्न की दुर्लभता को दर्शाता है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रत्न की सुंदरता, चमक और अग्नि (fire) काफी हद तक उसके ज्यामितीय कट पर निर्भर करती है, जो प्रकाश के प्रतिबिंब और अपवर्तन को नियंत्रित करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का कट (जैसे गोल, प्रिंसेस, मार्की आदि) उसके आंतरिक ज्यामिति और कोणीयता को संदर्भित करता है। एक अच्छी तरह से काटा गया हीरा प्रकाश को इस तरह से परावर्तित और अपवर्तित करता है कि यह सबसे आकर्षक ढंग से चमकता है और इंद्रधनुषी रंग (fire) प्रदर्शित करता है। यदि कट सही नहीं है, तो हीरा प्रकाश को ठीक से परावर्तित नहीं कर पाएगा, भले ही उसकी रंग (color) और स्पष्टता (clarity) अच्छी हो। लागत (a), कठोरता (b) और दुर्लभता (d) अन्य कारक हैं, लेकिन कट सीधे हीरे के दृश्य आकर्षण को प्रभावित करता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक अत्यधिक दबाव को मापने के लिए किस इकाई का प्रयोग किया जाता है?
- (a) पास्कल (Pascal)
- (b) बार (Bar)
- (c) पाउंड प्रति वर्ग इंच (psi)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): दबाव को विभिन्न इकाइयों में मापा जा सकता है, और ये इकाइयाँ अक्सर आपस में बदली जा सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): दबाव को मापने के लिए कई इकाइयाँ हैं। पास्कल (Pa) SI इकाई है। बार (1 बार = 100,000 Pa) एक सामान्य इकाई है। पाउंड प्रति वर्ग इंच (psi) एक इम्पीरियल इकाई है। चूंकि ये सभी दबाव मापने की इकाइयाँ हैं, और हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक दबाव बहुत अधिक होता है (जो पृथ्वी की सतह के वायुमंडलीय दबाव से हजारों गुना अधिक होता है), इसलिए संदर्भ के आधार पर इनमें से किसी भी इकाई का उपयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, HPHT विधि में 5-6 GPa का दबाव आवश्यक होता है, जिसे बार या psi में भी व्यक्त किया जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे के संश्लेषण (synthesis) में उपयोग किए जाने वाले प्रमुख कार्बन स्रोत कौन से हैं?
- (a) मीथेन (Methane) और एसिटिलीन (Acetylene)
- (b) ग्रेफाइट
- (c) कार्बन मोनोऑक्साइड (Carbon Monoxide)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे बनाने के लिए कार्बन के विभिन्न रूपों या यौगिकों का उपयोग किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे बनाने की प्रक्रिया में, कार्बन के विभिन्न स्रोतों का उपयोग किया जा सकता है। केमिकल वेपर डिपोजिशन (CVD) विधि में, मीथेन (CH4) जैसी हाइड्रोकार्बन गैसों को अक्सर सब्सट्रेट पर कार्बन जमा करने के लिए कार्बन स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता है। उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT) विधि में, ग्रेफाइट (शुद्ध कार्बन) को सीधे कार्बन स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता है। कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) का उपयोग भी कुछ विधियों में कार्बन स्रोत के रूप में किया जा सकता है। इसलिए, उपरोक्त सभी संभावित कार्बन स्रोत हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जैविक रूप से, निम्नलिखित में से कौन सा ‘कार्बन-आधारित जीवन’ (carbon-based life) का उदाहरण है?
- (a) पौधे
- (b) शैवाल
- (c) बैक्टीरिया
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पृथ्वी पर अधिकांश जीवन ‘कार्बन-आधारित’ होता है, जिसका अर्थ है कि जीवन के प्रमुख अणु, जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड और न्यूक्लिक एसिड, कार्बन परमाणुओं की लंबी श्रृंखलाओं और छल्लों से बने होते हैं।
व्याख्या (Explanation): पौधे, शैवाल और बैक्टीरिया सभी जीवित जीव हैं जो पृथ्वी पर पाए जाते हैं। ये सभी जीव कार्बन-आधारित जीवन के रूप हैं। उनका शरीर, उनके ऊतक, उनकी कोशिकाएँ, और उनके डीएनए/आरएनए सभी कार्बनिक यौगिकों से बने होते हैं, जहाँ कार्बन एक केंद्रीय तत्व के रूप में कार्य करता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) की प्रक्रिया में, पौधे मुख्य रूप से किस कार्बन यौगिक का उपयोग करते हैं?
- (a) ग्लूकोज
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड
- (c) मीथेन
- (d) कार्बन मोनोऑक्साइड
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण सूर्य के प्रकाश, जल और कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके पौधों द्वारा अपना भोजन (ग्लूकोज) बनाने की प्रक्रिया है।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया का रासायनिक समीकरण है: 6CO2 + 6H2O + प्रकाश ऊर्जा → C6H12O6 (ग्लूकोज) + 6O2। इसमें, कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) वायुमंडल से लिया जाता है और पौधे के अंदर कार्बनिक यौगिकों, मुख्य रूप से ग्लूकोज, में परिवर्तित किया जाता है। ग्लूकोज (a) प्रकाश संश्लेषण का उत्पाद है, मीथेन (c) और कार्बन मोनोऑक्साइड (d) कार्बन के अन्य यौगिक हैं जिनका सीधा उपयोग पौधे प्रकाश संश्लेषण में नहीं करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे से जुड़े ‘कार्बन फुटप्रिंट’ (Carbon Footprint) का क्या तात्पर्य है?
- (a) हीरे की कटाई से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा
- (b) हीरे के निर्माण और परिवहन से उत्पन्न ग्रीनहाउस गैसों की कुल मात्रा
- (c) हीरे में पाए जाने वाले कार्बन परमाणुओं की संख्या
- (d) हीरे से पर्यावरण में उत्सर्जित होने वाली कार्बन की मात्रा
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन फुटप्रिंट किसी व्यक्ति, संगठन, घटना या उत्पाद द्वारा उत्सर्जित ग्रीनहाउस गैसों (मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड) की कुल मात्रा का माप है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का कार्बन फुटप्रिंट, प्राकृतिक या कृत्रिम, उसके पूरे जीवनचक्र में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को संदर्भित करता है। इसमें खनन (यदि प्राकृतिक है), प्रसंस्करण, कटाई, पॉलिशिंग, प्रमाणीकरण, परिवहन और विपणन जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं। हीरे में कार्बन परमाणुओं की संख्या (c) प्रत्यक्ष रूप से कार्बन फुटप्रिंट नहीं है। हीरे की कटाई से CO2 की मात्रा (a) केवल एक हिस्सा है। हीरे से पर्यावरण में उत्सर्जित होने वाली कार्बन की मात्रा (d) भी एक अधूरा विवरण है क्योंकि कार्बन फुटप्रिंट में अन्य ग्रीनहाउस गैसें भी शामिल हो सकती हैं और इसमें पूरे जीवन चक्र को शामिल किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव शरीर में, कार्बन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य क्या है?
- (a) हड्डियों के निर्माण में सहायता करना
- (b) लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करना
- (c) जीवन के निर्माण खंड (building blocks) के रूप में कार्य करना
- (d) ऑक्सीजन का परिवहन करना
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन एक बहुमुखी तत्व है जो जटिल कार्बनिक अणुओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो जीवन के लिए आवश्यक हैं।
व्याख्या (Explanation): कार्बन के चार सहसंयोजक बंधन बनाने की क्षमता इसे अत्यंत जटिल और विविध अणु बनाने की अनुमति देती है, जो जीवन के सभी मूलभूत घटकों – प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, और न्यूक्लिक एसिड (डीएनए और आरएनए) – का आधार बनाते हैं। हड्डियों का निर्माण (a) मुख्य रूप से कैल्शियम और फास्फोरस से होता है। लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन (b) अस्थि मज्जा (bone marrow) में होता है और इसमें लोहा (iron) महत्वपूर्ण है। ऑक्सीजन का परिवहन (d) लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन द्वारा किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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बायो-डायमंड (Bio-diamond) के संदर्भ में, ‘बायो’ (Bio) शब्द क्या दर्शाता है?
- (a) यह एक प्रकार का प्राकृतिक हीरा है।
- (b) यह पारंपरिक रूप से खनन किए गए हीरे की तुलना में कम चमकदार है।
- (c) इसका उत्पादन जैविक स्रोतों या प्रक्रियाओं का उपयोग करके किया गया है।
- (d) यह मानव निर्मित होने के कारण अधिक टिकाऊ है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ‘बायो’ उपसर्ग का अर्थ है जीवन से संबंधित या जैविक प्रक्रियाओं से उत्पन्न।
व्याख्या (Explanation): बायो-डायमंड (या लैब-ग्रोन डायमंड) का अर्थ है कि हीरे को जैविक रूप से संवर्धित (bio-grown) या जैविक रूप से प्राप्त (bio-sourced) विधियों से बनाया गया है। यह अक्सर जैविक सामग्री या प्रक्रियाओं का उपयोग करके किया जाता है, हालांकि इस शब्द का उपयोग कभी-कभी गलत तरीके से किया जाता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह “प्राकृतिक” या “खनन” नहीं किया गया है, बल्कि प्रयोगशाला में “उत्पन्न” किया गया है। विकल्प (a) गलत है, (b) चमक के बारे में एक सामान्यीकरण है जो सत्य नहीं हो सकता है, और (d) स्थायित्व का दावा संदर्भ-विशिष्ट है, लेकिन ‘बायो’ का सीधा अर्थ जैविक स्रोतों से जुड़ा है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कार्बन के अन्य रूपों में, कौन सा अणु ‘फुलरीन’ (Fullerene) के परिवार से संबंधित है?
- (a) हीरा
- (b) ग्रेफाइट
- (c) बकमिन्स्टरफुलरीन (C60)
- (d) चारकोल
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फुलरीन कार्बन के अपरूपों का एक वर्ग है, जिसमें अणु फुटबॉल जैसी खोखली गेंदों, दीर्घवृत्ताकार या ट्यूबों के आकार में होते हैं।
व्याख्या (Explanation): बकमिन्स्टरफुलरीन, जिसे आमतौर पर बकीबॉल (buckyball) कहा जाता है, का रासायनिक सूत्र C60 है और यह फुलरीन परिवार का सबसे प्रसिद्ध सदस्य है। यह एक फुटबॉल के आकार की संरचना है। हीरा (a) और ग्रेफाइट (b) कार्बन के अन्य अपरूप हैं, लेकिन फुलरीन नहीं हैं। चारकोल (d) अशुद्धियों के साथ मुख्य रूप से अनाकार (amorphous) कार्बन होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, ‘कार्बनिक’ (organic) शब्द का क्या अर्थ है?
- (a) जो पदार्थ सीधे जमीन से प्राप्त होते हैं।
- (b) जो पदार्थ जीवित जीवों से प्राप्त होते हैं।
- (c) जिनमें कार्बन-कार्बन बंधन होते हैं।
- (d) जो पदार्थ कृत्रिम रूप से बनाए जाते हैं।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रसायन विज्ञान में, कार्बनिक यौगिक वे यौगिक होते हैं जिनमें कार्बन-कार्बन (C-C) या कार्बन-हाइड्रोजन (C-H) सहसंयोजक बंधन होते हैं।
व्याख्या (Explanation): रसायन विज्ञान में, ‘कार्बनिक’ शब्द का अर्थ है कार्बन-आधारित यौगिक जिनमें महत्वपूर्ण कार्बन-कार्बन या कार्बन-हाइड्रोजन बंधन होते हैं। ये अणु अक्सर जीवित जीवों में पाए जाते हैं, लेकिन सभी कार्बनिक यौगिक जीवित जीवों से सीधे प्राप्त नहीं होते (जैसे प्लास्टिक, सिंथेटिक दवाएं)। हालांकि, जीवन के निर्माण खंड (प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, न्यूक्लिक एसिड) कार्बनिक यौगिकों के उदाहरण हैं। विकल्प (a) और (d) परिभाषा के अनुरूप नहीं हैं। विकल्प (b) एक सामान्य संबंध है, लेकिन परिभाषा का मुख्य भाग C-C या C-H बंधन का होना है।
अतः, सही उत्तर (c) है।