हीरे का विज्ञान: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता के लिए विज्ञान की मजबूत नींव अत्यंत आवश्यक है। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के सिद्धांतों की स्पष्ट समझ आपको न केवल परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद करती है, बल्कि हमारे आस-पास की दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में भी सहायक होती है। यह अभ्यास सत्र आपको ‘Doubling Down on Diamond’ के सांकेतिक विषय पर आधारित, इन तीनों प्रमुख विज्ञान शाखाओं से संबंधित 25 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) के माध्यम से अपनी तैयारी को परखने का अवसर प्रदान करता है। आइए, ज्ञान की इस यात्रा पर निकल पड़ें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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हीरा अपने असाधारण कठोरता के लिए जाना जाता है। यह कठोरता मुख्य रूप से निम्नलिखित में से किस बंधन की प्रकृति के कारण होती है?
- (a) आयनिक बंधन
- (b) सहसंयोजक बंधन
- (c) धात्विक बंधन
- (d) वैन डेर वाल्स बल
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन (Covalent Bonding) वह बंधन है जिसमें परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं। सामग्री की कठोरता अक्सर उसके परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधों की उपस्थिति पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है, जिससे एक अत्यंत मजबूत त्रिविमीय (3D) नेटवर्क संरचना बनती है। ये मजबूत सहसंयोजक बंधन ही हीरे को उसकी असाधारण कठोरता प्रदान करते हैं, जिससे यह सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थों में से एक है। आयनिक बंधन आयनों के बीच स्थिरवैद्युत आकर्षण (electrostatic attraction) से बनते हैं, धात्विक बंधन धातुओं में पाए जाते हैं, और वैन डेर वाल्स बल कमजोर अंतर-आणविक बल होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) बहुत अधिक होता है, जो इसके चमकीलेपन में योगदान देता है। इसका अपवर्तनांक लगभग कितना होता है?
- (a) 1.52
- (b) 2.42
- (c) 3.14
- (d) 1.33
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक (Refractive Index) किसी माध्यम में प्रकाश की गति और निर्वात में प्रकाश की गति का अनुपात होता है। उच्च अपवर्तनांक का अर्थ है कि प्रकाश माध्यम से गुजरते समय अधिक मुड़ता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक लगभग 2.42 होता है। यह उच्च अपवर्तनांक प्रकाश को हीरे के भीतर अधिक बार परावर्तित (reflect) होने का कारण बनता है, जिससे वह अपने अद्वितीय चमक और ‘फायर’ (dispersed colors) को प्रदर्शित करता है। पानी का अपवर्तनांक लगभग 1.33, क्वार्ट्ज का लगभग 1.54, और कांच का आमतौर पर 1.52 के आसपास होता है। 3.14 पाई (π) का मान है, जिसका भौतिकी में अन्य संदर्भों में उपयोग होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरा किसका एक अपररूप (allotrope) है?
- (a) सिलिकॉन
- (b) कार्बन
- (c) सल्फर
- (d) फास्फोरस
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपररूप (Allotropy) किसी तत्व की विभिन्न रूपों में पाए जाने की क्षमता है, जो उनके परमाणुओं की व्यवस्था या बंधों के तरीके में भिन्न होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला अपररूप है। ग्रेफाइट भी कार्बन का एक अपररूप है। सिलिकॉन, सल्फर और फास्फोरस अपने स्वयं के विभिन्न अपररूपों में मौजूद होते हैं, लेकिन हीरा सीधे तौर पर इनमें से किसी का भी अपररूप नहीं है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कार्बन के किस अपररूप का उपयोग हीरा के रूप में होता है?
- (a) sp³ संकरित कार्बन परमाणु
- (b) sp² संकरित कार्बन परमाणु
- (c) sp संकरित कार्बन परमाणु
- (d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): संकरण (Hybridization) परमाणु ऑर्बिटल्स का मिश्रण है जो नए संकर ऑर्बिटल्स बनाने के लिए होता है जो रासायनिक बंधों के निर्माण के लिए उपयुक्त होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु sp³ संकरित होता है और चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंध बनाता है। यह sp³ संकरण एक चतुष्फलकीय (tetrahedral) ज्यामिति की ओर ले जाता है, जो हीरे की त्रि-आयामी क्रिस्टल संरचना का आधार बनती है। ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु sp² संकरित होते हैं और षट्कोणीय (hexagonal) परतों में व्यवस्थित होते हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे को काटने और पॉलिश करने के लिए आमतौर पर किस पदार्थ का उपयोग किया जाता है?
- (a) एल्यूमीनियम ऑक्साइड
- (b) हीरा (अन्य छोटे हीरे)
- (c) सिलिकॉन कार्बाइड
- (d) टंगस्टन कार्बाइड
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एक पदार्थ केवल उसी या उससे अधिक कठोर पदार्थ द्वारा ही काटा या खरोंचा जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): चूंकि हीरा सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ है, इसलिए इसे काटने और आकार देने के लिए किसी अन्य पदार्थ का उपयोग नहीं किया जा सकता है जो इससे कम कठोर हो। इसलिए, हीरे को काटने और पॉलिश करने के लिए अन्य हीरों (छोटे या औद्योगिक ग्रेड के) का ही उपयोग किया जाता है। हालांकि, कृत्रिम रूप से बनाए गए कुछ सुपरहार्ड पदार्थ भी इसका विकल्प बन सकते हैं, लेकिन पारंपरिक और सबसे प्रभावी तरीका हीरे का ही उपयोग है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे में कार्बन-कार्बन बंध की लंबाई कितनी होती है?
- (a) 154 pm
- (b) 142 pm
- (c) 134 pm
- (d) 120 pm
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंध की लंबाई दो बंधित परमाणुओं के नाभिकों के बीच की औसत दूरी होती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में प्रत्येक कार्बन-कार्बन एकल सहसंयोजक बंध की लंबाई लगभग 154 पिकोमीटर (pm) होती है। यह लंबाई कार्बन-कार्बन एकल बंधों के लिए एक विशिष्ट मान है। ग्रेफाइट में कार्बन-कार्बन बंध की लंबाई थोड़ी कम (लगभग 142 pm) होती है क्योंकि यह sp² संकरण के कारण होता है, और यह एक आंशिक द्विबंध (partial double bond) चरित्र रखता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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कौन सी प्रक्रिया हीरे के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो पृथ्वी की सतह से बहुत गहराई पर होती है?
- (a) वाष्पीकरण
- (b) उच्च दबाव और उच्च तापमान
- (c) रासायनिक अवक्षेपण
- (d) संघनन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ क्रिस्टलीय पदार्थ अत्यधिक दबाव और तापमान की स्थिति में बनते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के मेंटल (mantle) में बहुत गहराई पर बनते हैं, जहाँ दबाव लगभग 4.5-6 GPa (गीगापास्कल) और तापमान 900-1300 डिग्री सेल्सियस होता है। ये चरम स्थितियाँ कार्बन परमाणुओं को हीरे की क्रिस्टल संरचना में व्यवस्थित होने के लिए मजबूर करती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का उपयोग लेज़रों के निर्माण में भी किया जा सकता है। लेज़र प्रकाश की कौन सी विशेषता हीरे की पारदर्शी प्रकृति के साथ मिलकर इसे उपयोगी बनाती है?
- (a) अवशोषण (Absorption)
- (b) परावर्तन (Reflection)
- (c) उत्सर्जन (Emission)
- (d) संचरण (Transmission)
(a) (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): लेज़र (LASER) का अर्थ है ‘Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation’। लेज़र प्रकाश अत्यधिक केंद्रित, एकवर्णी (monochromatic) और सुसंगत (coherent) होता है।
व्याख्या (Explanation): लेज़र प्रकाश को विभिन्न माध्यमों से गुजरने के लिए उच्च संचरण (transmission) क्षमता की आवश्यकता होती है। हीरा अपनी उच्च पारदर्शिता (पारदर्शिता) के कारण लेज़र प्रकाश को कुशलतापूर्वक संचारित कर सकता है, जिससे इसे लेज़र प्रणाली के घटकों, जैसे कि आवरण (cladding) या खिड़कियों (windows) में उपयोग किया जा सकता है। हीरे की कठोरता और तापीय चालकता (thermal conductivity) भी इसे लेज़र अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त बनाती है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे के रासायनिक सूत्र में कार्बन परमाणुओं की कुल संख्या क्या है?
- (a) 1
- (b) 2
- (c) 4
- (d) यह एक नेटवर्क संरचना है, इसका कोई निश्चित अणु सूत्र नहीं है
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ ठोस पदार्थों में, परमाणु एक विशाल, निरंतर नेटवर्क में व्यवस्थित होते हैं, न कि अलग-अलग अणुओं में।
व्याख्या (Explanation): हीरा एक विशाल सहसंयोजक नेटवर्क ठोस (giant covalent network solid) है। इसमें प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से बंधा होता है, और यह व्यवस्था पूरे क्रिस्टल में फैली हुई है। इसलिए, हीरे का कोई निश्चित अणु सूत्र (molecular formula) नहीं होता जैसे CO₂ या H₂O। इसे केवल C के रूप में दर्शाया जाता है, लेकिन यह एक एकल अणु का प्रतिनिधित्व नहीं करता।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरा विद्युत का कुचालक (insulator) होता है। यह गुण मुख्य रूप से किससे संबंधित है?
- (a) मुक्त इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति
- (b) मजबूत सहसंयोजक बंध
- (c) उच्च अपवर्तनांक
- (d) क्रिस्टल संरचना
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता (Electrical Conductivity) के लिए मुक्त इलेक्ट्रॉनों (free electrons) की उपस्थिति आवश्यक है जो आवेश वाहक के रूप में कार्य कर सकें।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन (valence electrons) मजबूत सहसंयोजक बंधों में बंधे होते हैं और स्थानीयकृत (localized) होते हैं। कोई भी मुक्त या विस्थापित (delocalized) इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं जो क्रिस्टल के माध्यम से स्वतंत्र रूप से घूम सकें। इसलिए, हीरा विद्युत का एक उत्कृष्ट कुचालक है। ग्रेफाइट, इसके विपरीत, विद्युत का सुचालक होता है क्योंकि इसमें sp² संकरण के कारण विस्थापित पाई (π) इलेक्ट्रॉन होते हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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कार्बन का कौन सा अपररूप (allotrope) हीरे के समान कठोरता प्रदर्शित करता है?
- (a) बकमिंस्टरफुलरीन (Buckminsterfullerene)
- (b) फुलेरीन (Fullerenes)
- (c) नैनोट्यूब (Nanotubes)
- (d) कोई नहीं, हीरा अद्वितीय रूप से कठोर है
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थ की कठोरता उसके परमाणुओं के बीच बंधों की शक्ति और व्यवस्था पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): जबकि कार्बन के अन्य अपररूप जैसे हीरे के नैनोक्रिस्टल (nanocrystals) या कुछ कंपोजिट (composites) बहुत उच्च कठोरता प्रदर्शित कर सकते हैं, शुद्ध रूप में, प्राकृतिक हीरा अभी भी अपने अत्यंत मजबूत, तीन-आयामी सहसंयोजक नेटवर्क के कारण सबसे कठोर ज्ञात प्राकृतिक पदार्थ बना हुआ है। बकमिंस्टरफुलरीन (C₆₀) और नैनोट्यूब जैसे नैनोस्ट्रक्चर (nanostructures) अपने पैमाने पर अद्वितीय गुण दिखाते हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर वे हीरे जितने कठोर नहीं होते।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरा कब सफेद प्रकाश को उसके घटक रंगों में बिखेरता है (dispersion)?
- (a) जब यह उच्च ताप पर होता है
- (b) जब प्रकाश इसके आंतरिक तलों से गुजरता है
- (c) जब यह विद्युत धारा प्रवाहित करता है
- (d) जब यह प्रतिक्रिया करता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फैलाव (Dispersion) प्रकाश के अपवर्तन का एक परिणाम है, जहाँ प्रकाश के विभिन्न रंग (तरंग दैर्ध्य) एक माध्यम से गुजरते समय थोड़ी भिन्न मात्रा में मुड़ते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च फैलाव (high dispersion) इसके चमकीलेपन का एक और कारण है। जब सफेद प्रकाश हीरे के आंतरिक तलों से गुजरता है, तो विभिन्न रंग (जैसे लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, बैंगनी) अपने अपवर्तनांक में मामूली अंतर के कारण अलग-अलग कोणों पर मुड़ते हैं। यह पृथक्करण (separation) प्रकाश को इंद्रधनुषी रंगों में बिखेर देता है, जिसे “फायर” या “स्कintillation” कहा जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरा तांबे की तुलना में एक बेहतर ऊष्मा चालक (thermal conductor) है। यह गुण हीरे के किस विशेषता से जुड़ा है?
- (a) उच्च गलनांक
- (b) कम तापीय चालकता
- (c) तीव्र ध्वनि प्रसार
- (d) मजबूत अंतर-आणविक बल
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ठोसों में ऊष्मा का चालन मुख्य रूप से कंपन (vibrations) या फोनॉन (phonons) के माध्यम से होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण तापीय चालकता (लगभग 2000 W/m·K, तांबे से 5 गुना अधिक) का मुख्य कारण इसकी कठोर और कॉम्पैक्ट क्रिस्टल संरचना है, जिसमें बहुत मजबूत सहसंयोजक बंध होते हैं। ये मजबूत बंध उच्च आवृत्ति वाले जाली कंपन (lattice vibrations) या फोनॉन के कुशल प्रसार की अनुमति देते हैं। ये फोनॉन ऊष्मा ऊर्जा को क्रिस्टल के माध्यम से बहुत तेज़ी से ले जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक प्रकृति में हीरे के समान चतुष्फलकीय (tetrahedral) संरचना प्रदर्शित करता है?
- (a) सोडियम क्लोराइड (NaCl)
- (b) सिलिकॉन डाइऑक्साइड (SiO₂)
- (c) ग्रेफाइट (Graphite)
- (d) पानी (H₂O)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): समान बंध कोण और क्रिस्टल ज्यामिति वाले यौगिक समान संरचनात्मक पैटर्न साझा कर सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): सिलिकॉन डाइऑक्साइड (SiO₂), जिसे सिलिका भी कहते हैं, प्रकृति में कई रूपों में पाया जाता है (जैसे क्वार्ट्ज)। इसके कई रूपों में, सिलिकॉन परमाणु ऑक्सीजन परमाणुओं से चतुष्फलकीय रूप से जुड़े होते हैं, जो स्वयं अन्य सिलिकॉन परमाणुओं से जुड़ते हैं। यह संरचना हीरे की कार्बन-कार्बन चतुष्फलकीय व्यवस्था के समान है, यद्यपि परमाणु भिन्न होते हैं। सोडियम क्लोराइड आयनिक क्रिस्टल बनाता है, ग्रेफाइट स्तरीकृत होता है, और पानी एक छोटा अणु है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कृत्रिम हीरा (Synthetic diamond) बनाने की विधि में से एक क्या है?
- (a) कम दबाव, उच्च तापमान
- (b) उच्च दबाव, कम तापमान
- (c) उच्च दबाव, उच्च तापमान
- (d) कम दबाव, कम तापमान
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्राकृतिक हीरे के निर्माण के समान परिस्थितियों का अनुकरण करके कृत्रिम हीरे बनाए जा सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे आमतौर पर दो मुख्य तरीकों से बनाए जाते हैं: उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT) विधि, जो प्राकृतिक हीरे के निर्माण की नकल करती है; और रासायनिक वाष्प जमाव (Chemical Vapor Deposition – CVD) विधि, जो कम दबाव और उच्च तापमान पर गैसों से हीरे की परतें जमा करती है। हालांकि, प्रश्न में “हीरे के समान” विधियों की बात की गई है, तो HPHT सबसे सीधा जवाब है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे के उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले उत्प्रेरक (catalyst) कौन से हैं, विशेष रूप से HPHT विधि में?
- (a) प्लैटिनम और पैलेडियम
- (b) निकल, लोहा और कोबाल्ट
- (c) सोना और चांदी
- (d) एल्यूमीनियम और मैग्नीशियम
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ धातुएँ कार्बन को घोलने और हीरे के रूप में पुनः क्रिस्टलीकरण (recrystallization) करने में उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): HPHT विधि में, उच्च दबाव और तापमान पर कार्बन स्रोत (जैसे ग्रेफाइट) को एक पिघली हुई धातु उत्प्रेरक के साथ मिलाया जाता है। निकल (Ni), लोहा (Fe), और कोबाल्ट (Co) जैसी धातुएं कार्बन को घोलने और फिर हीरे के रूप में क्रिस्टलीकृत करने की सुविधा प्रदान करती हैं, जो पिघली हुई धातु में बनती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे की कठोरता को मोहर पैमाने (Mohs scale) पर कैसे मापा जाता है?
- (a) 1
- (b) 5
- (c) 7
- (d) 10
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मोहर कठोरता पैमाना (Mohs hardness scale) खनिजों की सापेक्ष खरोंच कठोरता (scratch hardness) को मापने की एक पैमाना है।
व्याख्या (Explanation): हीरे को मोहर पैमाने पर 10 की कठोरता दी गई है, जो इसे इस पैमाने पर सबसे कठोर पदार्थ बनाता है। इसका मतलब है कि हीरा मोहर पैमाने पर मौजूद किसी भी अन्य खनिज को खरोंच सकता है, और केवल हीरा ही किसी अन्य हीरे को खरोंच सकता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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कार्बन का कौन सा अपररूप (allotrope) “अपूर्ण दहन” (incomplete combustion) से बनता है?
- (a) हीरा
- (b) ग्रेफाइट
- (c) फुलरीन
- (d) कालिख (Soot) / कार्बन ब्लैक (Carbon Black)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपूर्ण दहन तब होता है जब ईंधन पूरी तरह से ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है।
व्याख्या (Explanation): जब कार्बन या कार्बन युक्त पदार्थ का अपूर्ण दहन होता है, तो कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) के साथ-साथ कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और अघुलित (unburnt) कार्बन कण (कालिख या कार्बन ब्लैक) भी बनते हैं। ये कालिख कण कार्बन के ही कणिकीय (particulate) रूप हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जैविक तंत्र में, कार्बन-आधारित अणु जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं। निम्नलिखित में से कौन सा एक कार्बन-आधारित बहुलक (polymer) है जो आनुवंशिक जानकारी संग्रहीत करता है?
- (a) प्रोटीन
- (b) कार्बोहाइड्रेट
- (c) न्यूक्लिक एसिड (DNA/RNA)
- (d) लिपिड
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): न्यूक्लिक एसिड, जैसे डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) और राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA), वे बहुलक हैं जिनमें सभी ज्ञात जीवित जीवों के आनुवंशिक कोड (genetic code) होते हैं।
व्याख्या (Explanation): DNA और RNA डीऑक्सीराइबोज़ या राइबोज़ शर्करा (एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट), फॉस्फेट समूह और नाइट्रोजनस बेस (जैसे एडेनिन, गुआनिन, साइटोसिन, थाइमिन/यूरेसिल) से बने होते हैं। यह कार्बन-आधारित बहुलक आनुवंशिक जानकारी को संग्रहीत करने और संचारित करने के लिए जिम्मेदार है। प्रोटीन अमीनो एसिड के बहुलक हैं, कार्बोहाइड्रेट मोनोसैकराइड के बहुलक हैं, और लिपिड वसायुक्त अम्ल से बनते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया में, पौधे प्रकाश ऊर्जा को किस रूप में परिवर्तित करते हैं?
- (a) यांत्रिक ऊर्जा
- (b) रासायनिक ऊर्जा
- (c) विद्युत ऊर्जा
- (d) ऊष्मीय ऊर्जा
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से शर्करा (ग्लूकोज) का संश्लेषण करते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण के दौरान, क्लोरोफिल नामक वर्णक (pigment) सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करता है और इस प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है, जो शर्करा (ग्लूकोज) के बंधों में संग्रहीत होती है। यह रासायनिक ऊर्जा फिर पौधे द्वारा अन्य जैविक प्रक्रियाओं के लिए उपयोग की जाती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव शरीर में पाए जाने वाले सबसे बड़े और सबसे जटिल कार्बनिक अणुओं में से एक क्या है, जो एंजाइमों (enzymes) के रूप में कार्य करते हैं और संरचनात्मक भूमिकाएँ निभाते हैं?
- (a) न्यूक्लिक एसिड
- (b) कार्बोहाइड्रेट
- (c) लिपिड
- (d) प्रोटीन
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रोटीन अमीनो एसिड से बने होते हैं और शरीर में कई प्रकार के कार्य करते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्रोटीन जीवन के निर्माण खंड हैं और सेलुलर कार्यों की एक विशाल श्रृंखला में शामिल होते हैं। इनमें एंजाइम के रूप में चयापचय प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करना, कोशिकाओं और ऊतकों को संरचनात्मक सहायता प्रदान करना, प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं में भाग लेना और हार्मोन के रूप में कार्य करना शामिल है। डीएनए (न्यूक्लिक एसिड) आनुवंशिक जानकारी संग्रहीत करता है, कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा प्रदान करते हैं, और लिपिड ऊर्जा भंडारण और झिल्ली संरचना के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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सेल्यूलोज (Cellulose), पौधों की कोशिका भित्ति (cell wall) का मुख्य संरचनात्मक घटक, किस प्रकार का यौगिक है?
- (a) एक प्रोटीन
- (b) एक लिपिड
- (c) एक कार्बोहाइड्रेट (पॉलीसेकेराइड)
- (d) एक न्यूक्लिक एसिड
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पॉलीसेकेराइड लंबी श्रृंखला वाले कार्बोहाइड्रेट होते हैं।
व्याख्या (Explanation): सेल्यूलोज ग्लूकोज इकाइयों से बना एक पॉलीसेकेराइड है, जो पौधों की कोशिका भित्ति को संरचनात्मक समर्थन प्रदान करता है। यह प्रकृति में सबसे प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले कार्बनिक यौगिकों में से एक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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डीएनए (DNA) अणु की दोहरी हेलिक्स (double helix) संरचना की खोज का श्रेय किसे जाता है?
- (a) आइज़ैक न्यूटन
- (b) अल्बर्ट आइंस्टीन
- (c) जेम्स वॉटसन और फ्रांसिस क्रिक
- (d) मैरी क्यूरी
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): डीएनए की संरचना की खोज आणविक जीव विज्ञान (molecular biology) में एक मील का पत्थर थी।
व्याख्या (Explanation): जेम्स वॉटसन और फ्रांसिस क्रिक ने 1953 में डीएनए की प्रसिद्ध दोहरी हेलिक्स संरचना का प्रस्ताव रखा, जो रोज़लिंड फ्रैंकलिन और मौरिस विल्किंस द्वारा एक्स-रे विवर्तन (X-ray diffraction) डेटा पर आधारित था। आइज़ैक न्यूटन भौतिकी के जनक हैं, अल्बर्ट आइंस्टीन सापेक्षता के सिद्धांत के लिए जाने जाते हैं, और मैरी क्यूरी रेडियोधर्मिता पर अपने काम के लिए प्रसिद्ध हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कोशिका श्वसन (Cellular Respiration) की प्रक्रिया में, ग्लूकोज (एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट) को तोड़कर ऊर्जा (ATP) उत्पन्न की जाती है। यह मुख्य रूप से कोशिका के किस भाग में होता है?
- (a) नाभिक (Nucleus)
- (b) एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic Reticulum)
- (c) गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus)
- (d) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का “पावरहाउस” कहा जाता है क्योंकि यह एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) के रूप में अधिकांश कोशिकीय श्वसन का उत्पादन करता है।
व्याख्या (Explanation): कोशिकीय श्वसन की मुख्य प्रक्रियाएं, जिनमें ग्लाइकोलाइसिस (cytoplasm में) और क्रेब्स चक्र (mitochondrial matrix में) तथा ऑक्सीडेटिव फास्फोराइलेशन (inner mitochondrial membrane पर) शामिल हैं, ऊर्जा उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसलिए, माइटोकॉन्ड्रिया को ऊर्जा उत्पादन का मुख्य स्थल माना जाता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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शरीर में वसा (Fats) के मुख्य कार्य क्या हैं?
- (a) केवल ऊर्जा का भंडारण
- (b) विटामिन ए, डी, ई, के का अवशोषण
- (c) कोशिका झिल्ली का निर्माण
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): लिपिड, जिनमें वसा भी शामिल है, मानव शरीर में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
व्याख्या (Explanation): वसा ऊर्जा का एक सघन स्रोत हैं और अधिशेष ऊर्जा को भविष्य के उपयोग के लिए संग्रहित करते हैं। वे वसा-घुलनशील विटामिन (A, D, E, K) के अवशोषण के लिए भी आवश्यक हैं। इसके अतिरिक्त, फॉस्फोलिपिड्स (एक प्रकार के लिपिड) कोशिका झिल्लियों (cell membranes) के निर्माण खंड हैं, जो कोशिकाओं की संरचना और कार्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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कार्बन-14 (¹⁴C) का उपयोग किसमें किया जाता है?
- (a) हीरे के निर्माण का अध्ययन
- (b) जीवाश्मों की आयु निर्धारण (Radiocarbon dating)
- (c) रासायनिक बंधन की शक्ति मापना
- (d) प्रकाश संश्लेषण की दर मापना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रेडियोधर्मी समस्थानिकों (radioactive isotopes) का क्षय (decay) एक स्थिर दर पर होता है, जिसका उपयोग आयु निर्धारण के लिए किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): कार्बन-14 (¹⁴C) एक रेडियोधर्मी समस्थानिक है जिसका उपयोग रेडियोकार्बन डेटिंग में किया जाता है। जीवित जीवों में, कार्बन-12 (¹²C) और कार्बन-14 (¹⁴C) का अनुपात स्थिर होता है। मृत्यु के बाद, ¹²C अपरिवर्तित रहता है, लेकिन ¹⁴C का क्षय शुरू हो जाता है। क्षय दर जानने से कार्बनिक पदार्थों (जैसे जीवाश्म, प्राचीन कलाकृतियाँ) की आयु का अनुमान लगाया जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।