Get free Notes

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Click Here

सिंदूर पर सियासत: क्या थरूर के बहाने कांग्रेस पर BJP का वार? जानिए पूरा मामला

सिंदूर पर सियासत: क्या थरूर के बहाने कांग्रेस पर BJP का वार? जानिए पूरा मामला

चर्चा में क्यों? (Why in News?): हाल ही में, एक ऐसी राजनीतिक बहस छिड़ी जिसने भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ राजनीतिक सरगर्मी को भी गरमा दिया। यह बहस “ऑपरेशन सिंदूर” के इर्द-गिर्द घूम रही है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया है, और इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का अप्रत्याशित रूप से उल्लेख किया गया है। यह घटनाक्रम न केवल राजनीतिक विश्लेषकों के लिए, बल्कि UPSC की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समसामयिक मामलों, राजनीतिक रणनीतियों, धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा और भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत को समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।

यह लेख इस पूरी बहस को गहराई से समझने, इसके विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करने, राजनीतिक उद्देश्यों का पता लगाने और UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से इसके महत्व को उजागर करने का प्रयास करेगा। हम समझेंगे कि “ऑपरेशन सिंदूर” क्या है, BJP के इस बयान का क्या मतलब हो सकता है, और थरूर का उल्लेख इस बहस को कैसे जटिल बनाता है।

“ऑपरेशन सिंदूर” क्या है? (What is “Operation Sindoor”?)

“ऑपरेशन सिंदूर” जैसा कोई औपचारिक सरकारी या राजनीतिक ऑपरेशन नहीं है। यह एक राजनीतिक जुमला या आरोप है जिसे शायद BJP ने कांग्रेस पर हमला करने या किसी विशेष घटना या प्रवृत्ति पर कटाक्ष करने के लिए गढ़ा है। इस संदर्भ में, “सिंदूर” का उल्लेख भारत में विवाहित महिलाओं द्वारा अपने माथे पर लगाया जाने वाला एक पारंपरिक प्रतीक है, जिसका गहरा सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। यह सुहाग, सौभाग्य और विवाहित जीवन की निरंतरता का प्रतीक माना जाता है।

BJP द्वारा इस शब्द का प्रयोग संभवतः यह संकेत देने के लिए किया गया है कि कांग्रेस पार्टी या उसके नेता ऐसी नीतियों या बयानों का समर्थन कर रहे हैं जो हिंदू परंपराओं और मान्यताओं को ठेस पहुंचाते हैं, या उन्हें कमजोर करते हैं। यह एक तरह का राजनीतिक एजेंडा हो सकता है जिसका उद्देश्य कांग्रेस को “हिंदू विरोधी” या “भारतीय परंपराओं से दूर” साबित करना हो।

BJP का कांग्रेस पर वार और शशि थरूर का उल्लेख (BJP’s Attack on Congress and the Mention of Shashi Tharoor)

BJP के इस बयान, जिसमें कांग्रेस पर “सिंदूर” के बहाने कटाक्ष किया गया है और शशि थरूर का उल्लेख किया गया है, के पीछे कई संभावित राजनीतिक मंशाएं हो सकती हैं।

  • ध्रुवीकरण की राजनीति: BJP अक्सर अपनी राजनीतिक रणनीति में धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों का उपयोग करती है ताकि वह अपने पारंपरिक वोट बैंक को मजबूत कर सके और मतदाताओं का ध्रुवीकरण कर सके। “सिंदूर” जैसे प्रतीक का उपयोग करके, वे कांग्रेस को एक ऐसे खेमे में खड़ा करने की कोशिश कर सकते हैं जो इन प्रतीकों का अनादर करता है या उन्हें महत्व नहीं देता।
  • “सॉफ्ट हिंदुत्व” पर प्रहार: यह संभव है कि कांग्रेस ने हाल के दिनों में “सॉफ्ट हिंदुत्व” की ओर झुकने का प्रयास किया हो, या कुछ ऐसे बयान दिए हों जो धार्मिक भावनाओं को शांत करने वाले हों। BJP इस प्रयास को काउंटर करने या यह दिखाने के लिए कि कांग्रेस वास्तव में इन मान्यताओं से कितनी दूर है, इस तरह के कटाक्ष कर सकती है।
  • शशि थरूर का उल्लेख: शशि थरूर एक ऐसे कांग्रेसी नेता हैं जो अपनी उदारवादी सोच, धर्मनिरपेक्ष विचारों और कभी-कभी विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अतीत में ऐसे कई विचार व्यक्त किए हैं जिन्होंने हिंदू मान्यताओं या परंपराओं पर सवाल उठाए हैं, या उन्हें अलग दृष्टिकोण से देखा है। उदाहरण के लिए, उन्होंने “हिंदू पाकिस्तान” जैसे वाक्यांशों का इस्तेमाल किया है, जिन्होंने काफी विवाद पैदा किया था। BJP थरूर के इन बयानों का उपयोग कांग्रेस पार्टी पर हमला करने के लिए कर सकती है, यह दिखाकर कि “कोई उन्हें रोक नहीं सका”। यह बयान यह जताने की कोशिश करता है कि थरूर जैसे नेता कांग्रेस में अपनी बात कहने या अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं, भले ही वे पार्टी की मूल भावना के विपरीत हों, या वे कांग्रेस को उन विचारों का समर्थन करते हुए दिखाते हों।
  • “विशेषज्ञता” का उपहास: यह भी संभव है कि BJP थरूर की “विशेषज्ञता” (जैसे कि सांस्कृतिक, धार्मिक मामलों पर उनके विचार) का उपहास उड़ा रही हो। “कोई उन्हें रोक नहीं सका” का अर्थ यह भी हो सकता है कि थरूर अपने विचारों को व्यक्त करने में इतने मुखर थे कि पार्टी या अन्य नेता उन्हें रोक नहीं पाए, जिससे पार्टी की छवि पर असर पड़ा।

उपमा: इसे ऐसे समझें जैसे क्रिकेट में एक टीम अपने विरोधी पर यह आरोप लगा रही हो कि वह विपक्षी टीम के स्टार बल्लेबाज को आउट नहीं कर पा रही है, और यह कहकर तंज कस रही हो कि “वह तो अपने शॉट खेलने के लिए स्वतंत्र था, किसी ने उसे रोका ही नहीं!” यहाँ, “सिंदूर” एक सांस्कृतिक प्रतीक है, और थरूर एक प्रमुख कांग्रेस नेता हैं, जिनका उल्लेख BJP द्वारा कांग्रेस की कथित “कमजोरी” या “असंगति” को उजागर करने के लिए किया जा रहा है।

धर्मनिरपेक्षता, परंपरा और राजनीतिक दांव-पेंच (Secularism, Tradition, and Political Maneuvering)

यह बहस भारत के संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता की जटिलताओं को भी सामने लाती है। भारत का धर्मनिरपेक्षता मॉडल राज्य को किसी विशेष धर्म का पक्षधर न मानने और सभी धर्मों का समान आदर करने पर जोर देता है। हालांकि, राजनीतिक दल अक्सर धर्म और संस्कृति का उपयोग अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए करते हैं।

  • धर्मनिरपेक्षता की भारतीय व्याख्या: भारतीय धर्मनिरपेक्षता पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता (राज्य और धर्म का पूर्ण अलगाव) से भिन्न है। यह “सभी धर्मों का समान सम्मान” (Sarva Dharma Sama Bhava) पर आधारित है। इस संदर्भ में, “सिंदूर” जैसे प्रतीक का उपयोग व्यक्तिगत धार्मिक अभिव्यक्ति का हिस्सा है, और राज्य को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
  • राजनीतिक दलों का एजेंडा: BJP अक्सर “राष्ट्रवाद” और “सांस्कृतिक पहचान” को अपने एजेंडे में प्रमुखता देती है, जिसमें हिंदू परंपराओं का एक महत्वपूर्ण स्थान होता है। कांग्रेस, अपनी “धर्मनिरपेक्ष” छवि को बनाए रखने के प्रयास में, अक्सर ऐसे मुद्दों पर सावधानी बरतती है ताकि वह किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत न करे। हालांकि, इस प्रक्रिया में, वह कभी-कभी “तुष्टिकरण” के आरोपों का भी शिकार होती है।
  • “हिंदुत्व” का प्रयोग: “सिंदूर” जैसे प्रतीकों को “हिंदुत्व” के व्यापक ढांचे के भीतर देखा जा सकता है। BJP के लिए, इन प्रतीकों को बढ़ावा देना और उनका बचाव करना उसकी पहचान का हिस्सा है। कांग्रेस के लिए, इन पर टिप्पणी करना या इनका समर्थन/असमर्थन करना एक नाजुक संतुलनकारी कृत्य है।

शशि थरूर का दृष्टिकोण और कांग्रेस की स्थिति (Shashi Tharoor’s Stance and Congress’s Position)

शशि थरूर को अक्सर कांग्रेस के भीतर एक ऐसे नेता के रूप में देखा जाता है जो बौद्धिक रूप से मुखर हैं और पारंपरिक राजनीतिक सोच से हटकर विचार व्यक्त करते हैं। उनकी धर्मनिरपेक्षता की समझ अक्सर इस विचार पर केंद्रित होती है कि भारत को अपने विविधतापूर्ण चरित्र को बनाए रखना चाहिए और किसी भी एक धार्मिक या सांस्कृतिक विचारधारा को थोपना नहीं चाहिए।

जब BJP थरूर का उल्लेख करती है, तो वे कांग्रेस को इस रूप में चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं कि पार्टी के भीतर ही ऐसे लोग हैं जो पारंपरिक भारतीय मूल्यों से सहमत नहीं हैं, और यह कांग्रेस की नेतृत्वहीनता या दिशाहीनता का प्रतीक है। यह दावा कि “कोई उन्हें रोक नहीं सका” एक व्यंग्य है जो यह दर्शाता है कि पार्टी अपने भीतर ऐसे विचारों को नियंत्रित करने में असमर्थ है।

केस स्टडी: 2018 में, थरूर ने एक पुस्तक विमोचन के दौरान कहा था कि यदि 2019 में BJP जीतती है, तो भारत “हिंदू पाकिस्तान” बन जाएगा, जहाँ अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कम करके आंका जाएगा। इस बयान पर काफी हंगामा हुआ था और कांग्रेस को भी इससे दूरी बनानी पड़ी थी। BJP इस तरह के बयानों का उपयोग यह दिखाने के लिए करती है कि कांग्रेस के नेता भारत की पहचान और संस्कृति को लेकर कैसे विचार रखते हैं।

BJP के “सिंदूर” वाले कटाक्ष के पीछे की रणनीति (The Strategy Behind BJP’s “Sindoor” Jibe)

BJP द्वारा “सिंदूर” जैसे प्रतीक का उपयोग एक सोची-समझी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जिसके कई उद्देश्य हो सकते हैं:

  1. “सकारात्मक राष्ट्रवाद” को बढ़ावा देना: BJP अक्सर अपनी नीतियों और विचारधारा को “राष्ट्रवाद” और “भारतीय संस्कृति” के इर्द-गिर्द बुनती है। “सिंदूर” जैसे पारंपरिक प्रतीक इस नैरेटिव का हिस्सा बन जाते हैं।
  2. कांग्रेस को “अपमान” के आरोपों में फंसाना: BJP कांग्रेस पर अक्सर “धर्मनिरपेक्षता के नाम पर वोट बैंक की राजनीति” करने या “हिंदुओं की भावनाओं को आहत” करने का आरोप लगाती है। “सिंदूर” वाले कटाक्ष से वे इस आरोप को और मजबूत करते हैं।
  3. अपने वोट बैंक को एकजुट करना: धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों का उपयोग करके, BJP अपने मूल मतदाताओं, विशेष रूप से हिंदू मतदाताओं को एकजुट करती है और उन्हें यह विश्वास दिलाती है कि पार्टी उनके मूल्यों की संरक्षक है।
  4. विरोधी को कमजोर करना: कांग्रेस जैसे विरोधी दल पर सांस्कृतिक या धार्मिक मुद्दों पर हमला करके, BJP उनकी छवि को कमजोर करती है और उन्हें बचाव की मुद्रा में ला देती है।

“कोई उन्हें रोक नहीं सका” – इसके निहितार्थ ( “No one could stop him” – Its Implications)

शशि थरूर का उल्लेख, विशेष रूप से इस वाक्यांश के साथ, कांग्रेस पार्टी के भीतर आंतरिक असहमति या नेतृत्व की कमजोरी को उजागर करने का एक प्रयास है।

  • कांग्रेस की आंतरिक कलह: यह बयान यह जताने की कोशिश करता है कि कांग्रेस के भीतर विचारों का कोई मेल नहीं है और पार्टी अपने सदस्यों को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं है।
  • “लकीर के फकीर” बनाम “सुधारक”: थरूर को अक्सर ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है जो पारंपरिक सोच को चुनौती देते हैं। BJP उनके इस गुण को कांग्रेस के लिए एक कमजोरी के रूप में पेश कर सकती है, यह कहकर कि पार्टी में ऐसे लोग हैं जो “सीमाओं को पार” करने में विश्वास करते हैं, और पार्टी उन्हें रोक नहीं सकती।
  • मीडिया का ध्यान आकर्षित करना: इस तरह के विवादास्पद बयान मीडिया का ध्यान आसानी से आकर्षित करते हैं, जिससे BJP को बिना किसी सीधे आरोप के भी चर्चा में बने रहने का मौका मिल जाता है।

UPSC परीक्षा के लिए प्रासंगिकता (Relevance for UPSC Exam)

यह पूरा घटनाक्रम UPSC सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों के लिए कई महत्वपूर्ण विषयों को समझने का अवसर प्रदान करता है:

  • भारतीय राजनीति: यह समकालीन राजनीतिक रणनीतियों, राजनीतिक दलों के एजेंडे, और वोट बैंक की राजनीति को समझने में मदद करता है।
  • धर्मनिरपेक्षता: भारतीय धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत, इसकी व्याख्याएं, और विभिन्न राजनीतिक दल इसे कैसे प्रयोग करते हैं, यह समझना महत्वपूर्ण है।
  • भारतीय समाज और संस्कृति: “सिंदूर” जैसे सांस्कृतिक प्रतीकों का महत्व, उनका सामाजिक-धार्मिक संदर्भ, और वे राजनीतिक बहसों में कैसे शामिल होते हैं, यह जानना आवश्यक है।
  • मीडिया और जनसंचार: राजनीतिक दल जनमत को प्रभावित करने के लिए कैसे शब्दों और बयानों का प्रयोग करते हैं, यह भी समझने योग्य है।
  • अंतर्राष्ट्रीय संबंध (अप्रत्यक्ष रूप से): थरूर जैसे नेताओं के बयान, जो भारत की छवि को प्रभावित कर सकते हैं, अप्रत्यक्ष रूप से भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को भी प्रभावित कर सकते हैं।

विश्लेषण: क्या यह कांग्रेस पर सीधा हमला है? (Analysis: Is it a Direct Attack on Congress?)

हाँ, यह निश्चित रूप से कांग्रेस पर सीधा हमला है। BJP इस हमले के लिए “सिंदूर” जैसे सांस्कृतिक प्रतीक और शशि थरूर जैसे प्रमुख कांग्रेसी नेता का उपयोग कर रही है। इसके पीछे की मंशा:

  • कांग्रेस को “हिंदू विरोधी” या “भारतीय परंपराओं से अनभिज्ञ” साबित करना।
  • कांग्रेस के भीतर विचार-विमर्श की कमी या अनियंत्रण को उजागर करना।
  • अपने स्वयं के “राष्ट्रवादी” और “सांस्कृतिक रूप से जागरूक” एजेंडे को बढ़ावा देना।
  • मतदाताओं का ध्रुवीकरण करना और अपने वोट बैंक को मजबूत करना।

आगे की राह: क्या उम्मीद की जा सकती है? (Way Forward: What to Expect?)

इस तरह की राजनीतिक बहसें भारत में आम हैं और भविष्य में भी जारी रहने की उम्मीद है। UPSC उम्मीदवारों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे:

  • निष्पक्ष रहें: किसी भी राजनीतिक दल का पक्ष लेने के बजाय, तथ्यों का विश्लेषण करें और विभिन्न दृष्टिकोणों को समझें।
  • गहराई से अध्ययन करें: केवल सतही खबरों से आगे बढ़कर, इन मुद्दों के मूल कारणों और राजनीतिक मंशाओं को समझें।
  • संविधान को आधार बनाएं: धर्मनिरपेक्षता, मौलिक अधिकारों जैसे संवैधानिक प्रावधानों को ध्यान में रखें।
  • सांस्कृतिक संवेदनशीलता: भारत की विविधता और विभिन्न समुदायों की सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं के प्रति संवेदनशील रहें।

यह समझना महत्वपूर्ण है कि “सिंदूर” जैसे प्रतीक, हालांकि पारंपरिक रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं, वे राजनीतिक बहसों में केवल “हथियार” के रूप में उपयोग किए जा सकते हैं। इन प्रतीकों के पीछे छिपी राजनीति को समझना ही UPSC की तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

  1. प्रश्न: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार वर्णित है?

    (a) अनुच्छेद 14-18

    (b) अनुच्छेद 25-28

    (c) अनुच्छेद 29-30

    (d) अनुच्छेद 32

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: अनुच्छेद 25 से 28 धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार से संबंधित हैं, जो सभी नागरिकों को अपने धर्म का पालन, अभ्यास और प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है।
  2. प्रश्न: “सरवा धर्म सम भाव” का सिद्धांत किससे संबंधित है?

    (a) राजनीतिक समानता

    (b) आर्थिक समानता

    (c) सभी धर्मों का समान सम्मान

    (d) सामाजिक न्याय

    उत्तर: (c)

    व्याख्या: “सरवा धर्म सम भाव” का अर्थ है सभी धर्मों के प्रति समान भाव रखना, जो भारतीय धर्मनिरपेक्षता का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
  3. प्रश्न: “सिंदूर” किस भारतीय संस्कृति में किसका प्रतीक माना जाता है?

    (a) संन्यास

    (b) सौभाग्य और विवाहित जीवन

    (c) तपस्या

    (d) मोक्ष

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: सिंदूर को पारंपरिक रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा अपने सौभाग्य और पति की लंबी आयु के प्रतीक के रूप में लगाया जाता है।
  4. प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सा एक राजनीतिक दल वर्तमान में भारत में सत्ता में है?

    (a) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

    (b) आम आदमी पार्टी

    (c) भारतीय जनता पार्टी

    (d) द्रविड़ मुनेत्र कड़गम

    उत्तर: (c)

    व्याख्या: भारतीय जनता पार्टी (BJP) वर्तमान में केंद्र सरकार में सत्ता में है।
  5. प्रश्न: शशि थरूर किस राजनीतिक दल से संबंधित हैं?

    (a) भारतीय जनता पार्टी

    (b) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

    (c) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी

    (d) शिवसेना

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: शशि थरूर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रमुख नेता हैं।
  6. प्रश्न: “हिंदू पाकिस्तान” जैसे विवादास्पद बयान का उपयोग किस संदर्भ में किया गया था?

    (a) पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों की स्थिति

    (b) भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर संभावित प्रभाव

    (c) भारतीय संस्कृति का पश्चिमीकरण

    (d) भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: यह बयान भारत में BJP के सत्ता में आने पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर संभावित खतरे को इंगित करने के लिए दिया गया था।
  7. प्रश्न: BJP द्वारा “सिंदूर” जैसे सांस्कृतिक प्रतीक का प्रयोग किस राजनीतिक रणनीति का हिस्सा हो सकता है?

    (a) अल्पसंख्यकों को तुष्ट करना

    (b) कांग्रेस को “हिंदू विरोधी” साबित करना

    (c) सेक्युलरिज्म को बढ़ावा देना

    (d) सामाजिक सद्भाव स्थापित करना

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: BJP अक्सर धार्मिक प्रतीकों का उपयोग करके कांग्रेस को “हिंदू विरोधी” या “भारतीय परंपराओं से दूर” दिखाने की कोशिश करती है।
  8. प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सा भारतीय धर्मनिरपेक्षता का एक प्रमुख सिद्धांत है?

    (a) राज्य का धर्म से पूर्ण अलगाव

    (b) किसी एक धर्म को राजकीय धर्म घोषित करना

    (c) सभी धर्मों का समान आदर (Sarva Dharma Sama Bhava)

    (d) धार्मिक शिक्षाओं को समाप्त करना

    उत्तर: (c)

    व्याख्या: भारतीय धर्मनिरपेक्षता राज्य और धर्म के पूर्ण अलगाव के बजाय सभी धर्मों के प्रति समान आदर पर आधारित है।
  9. प्रश्न: “ऑपरेशन सिंदूर” एक वास्तविक सरकारी ऑपरेशन का नाम है।

    (a) सत्य

    (b) असत्य

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: “ऑपरेशन सिंदूर” एक राजनीतिक जुमला है, न कि कोई आधिकारिक सरकारी या राजनीतिक ऑपरेशन।
  10. प्रश्न: राजनीतिक दलों द्वारा सांस्कृतिक प्रतीकों का उपयोग मुख्य रूप से किस उद्देश्य से किया जाता है?

    (a) सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना

    (b) राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना

    (c) अपने वोट बैंक को एकजुट करना और राजनीतिक एजेंडा को बढ़ावा देना

    (d) ऐतिहासिक गलतियों को सुधारना

    उत्तर: (c)

    व्याख्या: राजनीतिक दल अक्सर अपने मतदाताओं को एकजुट करने और अपने राजनीतिक एजेंडे को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने के लिए सांस्कृतिक प्रतीकों का उपयोग करते हैं।

मुख्य परीक्षा (Mains)

  1. प्रश्न: भारतीय संदर्भ में धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा की व्याख्या करें। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में, धर्म और संस्कृति का उपयोग राजनीतिक एजेंडे के रूप में कैसे किया जा रहा है, इस पर एक आलोचनात्मक टिप्पणी प्रस्तुत करें। (लगभग 250 शब्द)
  2. प्रश्न: “सिंदूर” जैसे सांस्कृतिक प्रतीकों का राजनीतिकरण किस प्रकार समकालीन भारतीय राजनीति में ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे सकता है? “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे उदाहरणों के प्रकाश में विश्लेषण करें। (लगभग 150 शब्द)
  3. प्रश्न: शशि थरूर जैसे नेताओं के बयानों और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थिति के बीच संबंध का विश्लेषण करें। ऐसे बयानों के राजनीतिक परिणाम क्या हो सकते हैं, विशेषकर पार्टी की सार्वजनिक छवि और चुनावी प्रदर्शन के संबंध में? (लगभग 250 शब्द)
  4. प्रश्न: एक राजनीतिक दल द्वारा विरोधी दल के नेताओं के अप्रत्यक्ष उल्लेख (जैसे “कोई उन्हें रोक नहीं सका”) का उपयोग किस प्रकार राजनीतिक विमर्श को प्रभावित करता है? इसके लाभ और हानियों का मूल्यांकन करें। (लगभग 150 शब्द)

Leave a Comment