सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: कीटों के विकास और जैविक प्रक्रियाओं को समझें
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान का एक मजबूत आधार सफल होने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह खंड अक्सर भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को शामिल करता है। यहाँ हम एक दिलचस्प सामयिक संकेत का उपयोग करके इन विषयों से संबंधित 25 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्नों का अभ्यास करेंगे, जिससे आपकी समझ और परीक्षा-तैयारी को बढ़ावा मिलेगा।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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कीटों के शरीर में श्वास-प्रश्वास (respiration) की प्रक्रिया के लिए कौन सी विशेष संरचनाएँ उत्तरदायी होती हैं, जो उन्हें सड़ते हुए मांस जैसे पर्यावरण में भी जीवित रहने में मदद करती हैं?
- (a) गलफड़े (Gills)
- (b) फेफड़े (Lungs)
- (c) श्वास नलिकाएँ (Tracheae)
- (d) त्वचा (Skin)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कीटों में श्वसन प्रणाली एक विशेष नेटवर्क पर आधारित होती है जिसे श्वास नलिका तंत्र (tracheal system) कहा जाता है।
व्याख्या (Explanation): कीटों के शरीर में श्वास नलिकाओं का एक जटिल जाल होता है जो सीधे ऊतकों को ऑक्सीजन पहुंचाता है और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालता है। यह तंत्र हवा से ऑक्सीजन प्राप्त करने में अत्यधिक कुशल होता है, जो उन्हें विभिन्न वातावरणों में जीवित रहने में सक्षम बनाता है, जिसमें ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है या जहाँ नमी का स्तर अलग हो सकता है। गलफड़े जलीय जीवों के लिए होते हैं, फेफड़े स्तनधारियों और पक्षियों में पाए जाते हैं, और त्वचा श्वसन कुछ उभयचरों में होता है, लेकिन अधिकांश कीटों में श्वास नलिकाएँ ही प्राथमिक श्वसन अंग हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सड़ते हुए मांस में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीव, जैसे बैक्टीरिया और कवक, मुख्य रूप से किस प्रकार की रासायनिक प्रक्रिया द्वारा ऊर्जा प्राप्त करते हैं, जो सड़न का कारण बनती है?
- (a) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
- (b) ऑक्सीकरण (Oxidation)
- (c) किण्वन (Fermentation)
- (d) श्वसन (Respiration)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किण्वन अवायवीय (anaerobic) श्वसन का एक रूप है जो ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में कार्बनिक यौगिकों को विघटित करके ऊर्जा उत्पन्न करता है।
व्याख्या (Explanation): सड़ते हुए मांस में, विशेष रूप से गहरे ऊतकों में, ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। ऐसे में, बैक्टीरिया और कवक किण्वन जैसी अवायवीय प्रक्रियाओं का सहारा लेते हैं। इस प्रक्रिया में, वे जटिल कार्बनिक अणुओं (जैसे प्रोटीन और वसा) को सरल यौगिकों में तोड़ते हैं, जैसे लैक्टिक एसिड, इथेनॉल, या फैटी एसिड, और इस दौरान थोड़ी मात्रा में एटीपी (ऊर्जा) उत्पन्न करते हैं। प्रकाश संश्लेषण केवल प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करने वाले जीवों (जैसे पौधे) में होता है। ऑक्सीकरण सामान्य श्वसन का हिस्सा है, लेकिन किण्वन तब होता है जब ऑक्सीजन की कमी होती है। सामान्य श्वसन (वायवीय) किण्वन की तुलना में अधिक ऊर्जा उत्पन्न करता है, लेकिन इसके लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कीटों की आंत में रहने वाले सहजीवी (symbiotic) सूक्ष्मजीव, जो जटिल कार्बनिक पदार्थों को तोड़ने में मदद करते हैं, वे मुख्य रूप से किस वर्ग के होते हैं?
- (a) वायरस (Viruses)
- (b) प्रोटोजोआ (Protozoa)
- (c) कवक (Fungi)
- (d) बैक्टीरिया (Bacteria)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कई कीटों की आंतों में सहजीवी बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो उन्हें जटिल पोषक तत्वों को पचाने में मदद करते हैं।
व्याख्या (Explanation): कई कीट, विशेष रूप से जो जटिल कार्बनिक पदार्थों (जैसे लकड़ी या मृत ऊतक) का उपभोग करते हैं, अपनी आंतों में सहजीवी बैक्टीरिया पर निर्भर करते हैं। ये बैक्टीरिया एंजाइम स्रावित करते हैं जो जटिल कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा को सरल अणुओं में तोड़ सकते हैं, जिन्हें कीट अवशोषित कर सकता है। हालांकि कुछ प्रोटोजोआ भी पाचन में भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन बैक्टीरिया सबसे आम और महत्वपूर्ण सहजीवी सूक्ष्मजीव हैं जो इस कार्य को करते हैं। कवक और वायरस आमतौर पर इस प्रकार के पाचन सहजीवन में मुख्य भूमिका नहीं निभाते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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कीटों द्वारा अवशोषित अकार्बनिक नाइट्रेट (inorganic nitrates) को उनके शरीर में किस रूप में संग्रहीत किया जा सकता है, विशेष रूप से अमीनो एसिड संश्लेषण में?
- (a) अमोनिया (Ammonia)
- (b) नाइट्राइट (Nitrite)
- (c) नाइट्रोजन गैस (Nitrogen gas)
- (d) अमीनो समूह (Amino group)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नाइट्रोजन चक्र में, नाइट्रेट को अक्सर अमोनिया में बदला जाता है, जो तब अमीनो एसिड के संश्लेषण के लिए उपयोग किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): कीट, अन्य जीवों की तरह, अपने चयापचय (metabolism) के लिए नाइट्रोजन पर निर्भर करते हैं, जो प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड का एक महत्वपूर्ण घटक है। हालांकि नाइट्रेट सीधे अमीनो एसिड का हिस्सा नहीं बनते हैं, वे नाइट्रेट रिडक्टेस (nitrate reductase) जैसे एंजाइमों द्वारा अमोनिया में परिवर्तित हो जाते हैं। यह अमोनिया तब कार्बनिक अणुओं के साथ मिलकर अमीनो एसिड बनाता है। इसलिए, नाइट्रेट का अंततः अमीनो समूह के रूप में उपयोग किया जाता है। अमोनिया एक मध्यवर्ती उत्पाद है, नाइट्रोजन गैस सीधे उपयोग नहीं होती, और नाइट्राइट भी एक मध्यवर्ती है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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सड़ते हुए मांस के अपघटन (decomposition) के दौरान, कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का उत्सर्जन मुख्य रूप से किस भौतिक-रासायनिक प्रक्रिया का परिणाम होता है?
- (a) वाष्पीकरण (Evaporation)
- (b) ऊर्ध्वपातन (Sublimation)
- (c) ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रिया (Redox reaction)
- (d) क्रिस्टलीकरण (Crystallization)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जैविक अपघटन में होने वाली अधिकांश चयापचय प्रक्रियाएँ ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रियाएँ होती हैं, जहाँ कार्बनिक पदार्थ ऑक्सीकृत होकर CO2 बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): जब जीव मर जाते हैं और उनका अपघटन शुरू होता है, तो सूक्ष्मजीव (बैक्टीरिया, कवक) कार्बनिक यौगिकों को तोड़ते हैं। इस प्रक्रिया में, कार्बनिक अणुओं में मौजूद कार्बन परमाणु ऑक्सीकृत हो जाते हैं, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का निर्माण होता है। यह ऑक्सीकरण-अपचयन (रेडॉक्स) अभिक्रियाओं का एक हिस्सा है। वाष्पीकरण तरल का गैस बनना है, ऊर्ध्वपातन ठोस का सीधे गैस बनना है, और क्रिस्टलीकरण ठोस का बनना है। ये प्रक्रियाएँ CO2 के मुख्य उत्सर्जन का कारण नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कीटों के शरीर में ऊष्मा का उत्पादन, विशेष रूप से सक्रिय अवस्थाओं के दौरान, किस प्रकार की ऊर्जा रूपांतरण का उदाहरण है?
- (a) रासायनिक ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा (Chemical energy to electrical energy)
- (b) यांत्रिक ऊर्जा से ऊष्मीय ऊर्जा (Mechanical energy to thermal energy)
- (c) रासायनिक ऊर्जा से ऊष्मीय ऊर्जा (Chemical energy to thermal energy)
- (d) विद्युत ऊर्जा से प्रकाश ऊर्जा (Electrical energy to light energy)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जैविक चयापचय में, भोजन से प्राप्त रासायनिक ऊर्जा विभिन्न रूपों में परिवर्तित होती है, जिसमें ऊष्मा भी शामिल है।
व्याख्या (Explanation): कीट अपने भोजन से रासायनिक ऊर्जा प्राप्त करते हैं (मुख्य रूप से एटीपी के रूप में)। जब वे अपनी मांसपेशियों को हिलाते हैं या अन्य चयापचय गतिविधियाँ करते हैं, तो इस रासायनिक ऊर्जा का एक हिस्सा यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित होता है, और काफी मात्रा में ऊष्मा (thermal energy) के रूप में भी नष्ट हो जाता है। यह चयापचय का एक सामान्य उप-उत्पाद है। अन्य विकल्प कीटों में प्रत्यक्ष ऊर्जा रूपांतरण के सटीक उदाहरण नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि कोई कीट सड़ते हुए मांस को खाता है, तो उसके पाचन तंत्र में कौन सा अम्ल मुख्य रूप से वसा (fats) के पायसीकरण (emulsification) और पाचन में सहायक होता है?
- (a) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (Hydrochloric acid)
- (b) सल्फ्यूरिक अम्ल (Sulfuric acid)
- (c) एसिटिक अम्ल (Acetic acid)
- (d) पित्त लवण (Bile salts) – (यह एक अम्ल नहीं है, लेकिन पाचन में सहायक है)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): यकृत (liver) द्वारा स्रावित पित्त (bile) में पित्त लवण वसा के पायसीकरण के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, जिससे एंजाइम उन पर कार्य कर सकें।
व्याख्या (Explanation): हालांकि कीटों में मनुष्यों की तरह पित्ताशय (gallbladder) और पित्त नली (bile duct) प्रणाली नहीं हो सकती है, लेकिन उनके पाचन तंत्र में समान कार्य करने वाले यौगिक होते हैं। वसा का पाचन एक जटिल प्रक्रिया है, और पायसीकरण, जो वसा को छोटे बूंदों में तोड़ता है, एंजाइमी क्रिया के लिए सतह क्षेत्र को बढ़ाता है। कीटों में, पाचन ग्रंथियों द्वारा स्रावित पदार्थ, जिनमें पित्त लवण के समान कार्य करने वाले यौगिक हो सकते हैं, इस प्रक्रिया में मदद करते हैं। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मुख्य रूप से प्रोटीन पाचन (गैस्ट्रिक जूस में) के लिए होता है। सल्फ्यूरिक और एसिटिक अम्ल पाचन में प्रत्यक्ष भूमिका नहीं निभाते हैं। इसलिए, पित्त लवण (या उनके अनुरूप) वसा पाचन में सबसे प्रासंगिक हैं, भले ही यह सख्ती से एक अम्ल न हो।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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कीटों में, जो सड़ते हुए मांस को खाते हैं, उनकी संवेदी प्रणाली (sensory system) का कौन सा हिस्सा गंध (olfactory cues) का पता लगाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे उन्हें भोजन खोजने में मदद मिलती है?
- (a) यौगिक आँखें (Compound eyes)
- (b) डंक (Stingers)
- (c) एंटीना (Antennae)
- (d) पैर (Legs)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कीटों के एंटीना में गंध-संवेदी रिसेप्टर्स (chemoreceptors) होते हैं जो उन्हें गंध का पता लगाने में सक्षम बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): कीटों के एंटीना रासायनिक संकेतों (गंध) का पता लगाने के लिए अत्यधिक विकसित अंग होते हैं। इन एंटीना पर मौजूद विशेष कोशिकाएँ (कीमोरिसेप्टर्स) हवा में मौजूद अणुओं की पहचान करती हैं, जिससे कीट भोजन, साथियों या खतरे का पता लगा सकते हैं। सड़ते हुए मांस की गंध का पता लगाना ऐसे कीटों के लिए भोजन स्रोत खोजने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। यौगिक आँखें दृष्टि के लिए होती हैं, डंक रक्षा या शिकार के लिए, और पैर गति के लिए, न कि मुख्य रूप से गंध का पता लगाने के लिए।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सड़ते हुए मांस में पाए जाने वाले पानी के वाष्पीकरण (evaporation) की दर किन भौतिक कारकों से प्रभावित होती है?
- (a) केवल तापमान (Temperature)
- (b) केवल आर्द्रता (Humidity)
- (c) तापमान, आर्द्रता और हवा का वेग (Temperature, humidity, and air velocity)
- (d) केवल हवा का वेग (Air velocity)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वाष्पीकरण की दर एक बहु-कारक प्रक्रिया है जो तापमान, आर्द्रता और वायुमंडलीय गति से प्रभावित होती है।
व्याख्या (Explanation): वाष्पीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक तरल गैस (वाष्प) में बदल जाता है। यह तापमान (उच्च तापमान अधिक वाष्पीकरण), आर्द्रता (कम आर्द्रता अधिक वाष्पीकरण), और हवा के वेग (तेज हवा वाष्प को हटाकर वाष्पीकरण बढ़ाती है) से प्रभावित होता है। सड़ते हुए मांस में पानी की उपलब्धता होती है, और ये सभी कारक सतह से पानी के वाष्पीकरण की दर को प्रभावित करेंगे, जिससे इसकी संरचना और गंध प्रभावित हो सकती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कीटों के कंकाल (exoskeleton) का मुख्य घटक क्या है, जो उन्हें संरचनात्मक सहायता और सुरक्षा प्रदान करता है?
- (a) प्रोटीन (Protein)
- (b) लिपिड (Lipids)
- (c) काइटिन (Chitin)
- (d) सेल्युलोज (Cellulose)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): काइटिन एक पॉलीसेकेराइड है जो आर्थ्रोपोड्स (कीटों सहित) के बाह्य कंकाल का मुख्य संरचनात्मक घटक है।
व्याख्या (Explanation): काइटिन एक मजबूत, लचीला पॉलीमर है जो कीटों, मकड़ियों और क्रस्टेशियंस के बाहरी कंकाल (exoskeleton) का निर्माण करता है। यह उन्हें शारीरिक चोटों से बचाता है, मांसपेशियों के जुड़ाव के लिए सतह प्रदान करता है, और निर्जलीकरण (dehydration) से बचाव करता है। प्रोटीन, लिपिड और सेल्युलोज अन्य जैविक यौगिक हैं, लेकिन कीटों के कंकाल का प्राथमिक संरचनात्मक घटक काइटिन है। सेल्युलोज पौधों की कोशिका भित्ति में पाया जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सड़न प्रक्रिया में, कार्बनिक पदार्थों का अपघटन किस प्रकार के रासायनिक बंधनों के टूटने से जुड़ा होता है?
- (a) आयनिक बंधन (Ionic bonds)
- (b) सहसंयोजक बंधन (Covalent bonds)
- (c) हाइड्रोजन बंधन (Hydrogen bonds)
- (d) धातुई बंधन (Metallic bonds)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बनिक यौगिकों में परमाणुओं को सहसंयोजक बंधनों द्वारा एक साथ रखा जाता है, और इन बंधनों का टूटना चयापचय और अपघटन का आधार है।
व्याख्या (Explanation): कार्बनिक अणु, जैसे कि प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा, मुख्य रूप से कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंधनों से बने होते हैं। सड़न की प्रक्रिया में, सूक्ष्मजीव इन बड़े अणुओं को छोटे, सरल यौगिकों में तोड़ने के लिए एंजाइमों का उपयोग करते हैं। इस प्रक्रिया में सहसंयोजक बंधनों का टूटना शामिल है, जिससे ऊर्जा निकलती है और नए यौगिक बनते हैं। आयनिक और हाइड्रोजन बंधन भी महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन कार्बनिक अणुओं की रीढ़ मुख्य रूप से सहसंयोजक बंधनों से बनती है। धातुई बंधन धातुओं में पाए जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कीटों के जीवन चक्र में, जो सड़ते हुए मांस पर निर्भर करते हैं, किस अवस्था में वे सबसे अधिक सक्रिय रूप से भोजन करते हैं और विकास करते हैं?
- (a) अंडा (Egg)
- (b) लार्वा (Larva)
- (c) प्यूपा (Pupa)
- (d) वयस्क (Adult)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कीटों के जीवन चक्र में लार्वा अवस्था को अक्सर ‘विकास’ या ‘खाने’ की अवस्था माना जाता है।
व्याख्या (Explanation): कई कीटों में, विशेष रूप से मक्खियों और भृंगों में जो सड़ते हुए मांस को खाते हैं, लार्वा अवस्था (जैसे मैगोट्स) भोजन ग्रहण करने और तेजी से बढ़ने के लिए अनुकूलित होती है। वे अपने शुरुआती विकास के लिए उपलब्ध पोषक तत्वों का अधिकतम लाभ उठाते हैं। अंडे सेने के बाद, लार्वा कीड़े भोजन खाते हैं और आकार में बढ़ते हैं। प्यूपा एक निष्क्रिय, परिवर्तनकारी अवस्था है, और वयस्क कीड़े प्रजनन पर ध्यान केंद्रित करते हैं, हालांकि वे भी कुछ भोजन कर सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सड़ते हुए मांस से निकलने वाली दुर्गंध में कौन सा रासायनिक यौगिक, जो सड़े हुए अंडे की गंध के लिए भी जिम्मेदार है, सल्फर की उपस्थिति का संकेत देता है?
- (a) अमोनिया (Ammonia)
- (b) मीथेन (Methane)
- (c) हाइड्रोजन सल्फाइड (Hydrogen sulfide)
- (d) कार्बन मोनोऑक्साइड (Carbon monoxide)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S) एक रंगहीन गैस है जिसमें सड़े हुए अंडे जैसी तीखी गंध होती है और यह जैविक पदार्थों के सल्फर-युक्त यौगिकों के अपघटन से उत्पन्न होती है।
व्याख्या (Explanation): सड़ते हुए जैविक पदार्थों, विशेष रूप से प्रोटीन में मौजूद सल्फर-युक्त अमीनो एसिड (जैसे सिस्टीन और मेथियोनीन) के अपघटन के दौरान हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S) गैस निकलती है। यह गैस अपनी विशिष्ट दुर्गंध के लिए जानी जाती है और सड़ते हुए मांस की विशिष्ट गंध में योगदान करती है। अमोनिया प्रोटीन अपघटन से उत्पन्न होती है लेकिन इसकी गंध तीखी होती है, मीथेन एक गंधहीन गैस है, और कार्बन मोनोऑक्साइड भी गंधहीन और खतरनाक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कीटों द्वारा अपने पर्यावरण में होने वाले रासायनिक परिवर्तनों (जैसे गंध) को महसूस करने के लिए कौन सी विशेष कोशिकाएँ उत्तरदायी होती हैं?
- (a) मेकेनो रिसेप्टर्स (Mechanoreceptors)
- (b) कीमोरिसेप्टर्स (Chemoreceptors)
- (c) फोटो रिसेप्टर्स (Photoreceptors)
- (d) थर्मो रिसेप्टर्स (Thermoreceptors)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कीमोरिसेप्टर्स रासायनिक उत्तेजनाओं, जैसे गंध और स्वाद, का पता लगाते हैं।
व्याख्या (Explanation): कीटों के एंटीना और मुखांगों पर पाए जाने वाले कीमोरिसेप्टर्स उन्हें हवा और सतहों पर मौजूद रासायनिक अणुओं का पता लगाने में सक्षम बनाते हैं। यह उन्हें भोजन के स्रोत (सड़ते हुए मांस की गंध), साथियों, या खतरों की पहचान करने में मदद करता है। मेकेनो रिसेप्टर्स स्पर्श और कंपन के लिए होते हैं, फोटो रिसेप्टर्स प्रकाश के लिए (आँखों में), और थर्मो रिसेप्टर्स तापमान के लिए होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सड़ते हुए मांस से निकलने वाली गैसों में, प्रकाश संश्लेषण की अनुपस्थिति में, कार्बनिक पदार्थों के ऑक्सीकरण से कौन सी गैस सबसे प्रचुर मात्रा में उत्पन्न होती है?
- (a) ऑक्सीजन (Oxygen)
- (b) नाइट्रोजन (Nitrogen)
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide)
- (d) मीथेन (Methane)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एरोबिक (वायवीय) श्वसन और किण्वन में कार्बनिक पदार्थों के अपघटन से कार्बन डाइऑक्साइड एक प्रमुख उप-उत्पाद है।
व्याख्या (Explanation): सड़न एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें एरोबिक और एनारोबिक दोनों तरह के सूक्ष्मजीव शामिल होते हैं। एरोबिक श्वसन में, कार्बनिक पदार्थों का ऑक्सीकरण करके CO2, पानी और ऊर्जा उत्पन्न होती है। एनारोबिक प्रक्रियाओं (जैसे किण्वन) में भी, CO2 का उत्पादन हो सकता है। जबकि मीथेन (CH4) एनारोबिक अपघटन से भी उत्पन्न हो सकती है, CO2 आमतौर पर उन स्थितियों में अधिक मात्रा में बनती है जहाँ पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध हो या किण्वन प्रक्रियाएं हावी हों। ऑक्सीजन का उपभोग होता है, और नाइट्रोजन गैस का उत्पादन आमतौर पर विशिष्ट नाइट्रिफिकेशन/डेनिट्रिफिकेशन प्रक्रियाओं से होता है, न कि सीधे मांस अपघटन से।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कीटों के श्वसन तंत्र में, वाष्प उत्सर्जन (transpiration) के माध्यम से पानी की हानि को कम करने के लिए किस प्रकार की संरचनाएँ पाई जाती हैं?
- (a) स्पाईरेकल (Spiracles) पर स्पिंक्टर (sphincters)
- (b) श्वास नलिकाओं (Tracheoles) की चौड़ाई
- (c) फेफड़ों की सतह (Surface of lungs)
- (d) त्वचा की छिद्रता (Porosity of skin)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कीटों में स्पाईरेकल (श्वसन छिद्र) को बंद करने के लिए स्पिंक्टर होते हैं, जो पानी की हानि को नियंत्रित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): कीटों के शरीर की सतह पर स्पाईरेकल (spiracles) नामक छोटे छिद्र होते हैं जो श्वास नलिकाओं में खुलते हैं। इन स्पाईरेकल में मांसपेशियों से बने स्पिंक्टर (sphincters) होते हैं जिन्हें बंद किया जा सकता है। यह कीटों को अपनी आंतरिक नमी को बनाए रखने में मदद करता है, खासकर शुष्क वातावरण में, क्योंकि यह गैस विनिमय की दर को नियंत्रित करता है और अत्यधिक वाष्प उत्सर्जन (transpiration) को रोकता है। फेफड़े और त्वचा की छिद्रता स्तनधारियों या अन्य जीवों से संबंधित हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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सड़ते हुए मांस में पाए जाने वाले बैक्टीरिया की कोशिका भित्ति (cell wall) का मुख्य घटक क्या है?
- (a) सेल्युलोज (Cellulose)
- (b) पेप्टिडोग्लाइकन (Peptidoglycan)
- (c) काइटिन (Chitin)
- (d) लिग्निन (Lignin)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अधिकांश जीवाणु कोशिका भित्ति पेप्टिडोग्लाइकन से बनी होती है, जो कोशिका को संरचनात्मक सहायता प्रदान करती है।
व्याख्या (Explanation): जीवाणु कोशिका भित्ति का मुख्य संरचनात्मक घटक पेप्टिडोग्लाइकन है, जो एमिनो एसिड और शर्करा का एक बहुलक है। यह कोशिका को आकार बनाए रखने और ऑस्मोोटिक दबाव से बचाने में मदद करता है। सेल्युलोज पौधों की कोशिका भित्ति में पाया जाता है, काइटिन कीटों के कंकाल में, और लिग्निन पौधों की कोशिका भित्ति को कठोरता प्रदान करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कीटों के पाचन तंत्र में, जब वे सड़ते हुए मांस को खाते हैं, तो प्रोटीन को अमीनो एसिड में तोड़ने वाले एंजाइम को क्या कहते हैं?
- (a) एमाइलेज (Amylase)
- (b) लाइपेज (Lipase)
- (c) प्रोटीज (Protease)
- (d) न्यूक्लिज (Nuclease)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रोटीज एंजाइम प्रोटीन को छोटे पेप्टाइड्स और अमीनो एसिड में तोड़ते हैं।
व्याख्या (Explanation): सड़ते हुए मांस में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। कीटों के पाचन तंत्र में पाए जाने वाले प्रोटीज एंजाइम (जैसे ट्रिप्सिन, काइमोट्रिप्सिन) इन जटिल प्रोटीन अणुओं को छोटे पेप्टाइड्स में तोड़ते हैं, जिन्हें आगे अमीनो एसिड में तोड़ा जाता है, जिनका अवशोषण किया जा सकता है। एमाइलेज कार्बोहाइड्रेट को पचाता है, लाइपेज वसा को पचाता है, और न्यूक्लिज न्यूक्लिक एसिड (डीएनए/आरएनए) को पचाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सड़ते हुए मांस में, ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में, ऊर्जा उत्पादन की एक अवायवीय प्रक्रिया क्या है, जिसमें शर्करा को लैक्टिक एसिड या अल्कोहल में परिवर्तित किया जाता है?
- (a) ऑक्सीकरण (Oxidation)
- (b) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
- (c) किण्वन (Fermentation)
- (d) श्वसन (Respiration)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किण्वन एक चयापचय प्रक्रिया है जो ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ऊर्जा उत्पन्न करती है।
व्याख्या (Explanation): जब ऑक्सीजन की अनुपस्थिति होती है (जैसा कि सड़ते हुए मांस के गहरे हिस्सों में हो सकता है), तो सूक्ष्मजीव ऊर्जा प्राप्त करने के लिए किण्वन पर निर्भर करते हैं। इस प्रक्रिया में, वे ग्लूकोज जैसे शर्करा को लैक्टिक एसिड, इथेनॉल, या अन्य कार्बनिक अम्लों में तोड़ते हैं, जिससे थोड़ी मात्रा में एटीपी (ऊर्जा) उत्पन्न होती है। यह वायवीय श्वसन से कम कुशल है, लेकिन ऑक्सीजन की कमी वाली स्थितियों में जीवित रहने के लिए आवश्यक है। ऑक्सीकरण और श्वसन (वायवीय) के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, और प्रकाश संश्लेषण प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कीटों में, जो सड़ते हुए मांस को खाते हैं, शरीर की सतह पर पानी के वाष्पीकरण को रोकने के लिए क्यूटिकल (cuticle) की बाहरी परत मुख्य रूप से किससे बनी होती है?
- (a) सेल्युलोज (Cellulose)
- (b) प्रोटीन (Protein)
- (c) लिपिड (Lipids) – (जैसे मोम)
- (d) काइटिन (Chitin)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कीटों के बाह्य कंकाल की क्यूटिकल पर लिपिड (मोम) की एक जल-प्रतिरोधी परत होती है जो वाष्पीकरण को कम करती है।
व्याख्या (Explanation): कीटों का बाह्य कंकाल, जिसे क्यूटिकल कहा जाता है, मुख्य रूप से काइटिन और प्रोटीन से बना होता है। हालांकि, क्यूटिकल की सबसे बाहरी परत, जिसे एपिक्यूटिकल (epicuticle) कहा जाता है, में लिपिड (जैसे मोम) की एक परत होती है। यह परत जल-प्रतिरोधी होती है और शरीर से पानी के वाष्पीकरण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे कीटों को निर्जलीकरण से बचने में मदद मिलती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सड़ते हुए मांस में पाए जाने वाले बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित कुछ यौगिक, जैसे कि डायमाइन्स (putrescine, cadaverine), किस प्रकार के रासायनिक बंधनों के निर्माण या टूटने से संबंधित होते हैं?
- (a) एमिनो समूह (-NH2) और कार्बोक्सिल समूह (-COOH) के बीच पेप्टाइड बंधन का निर्माण।
- (b) कार्बोक्सिल समूह (-COOH) का डीकार्बोक्सिलेशन (decarboxylation)।
- (c) शर्करा अणुओं के बीच ग्लाइकोसिडिक बंधन का टूटना।
- (d) वसा अणुओं के एस्टर बंधन का टूटना।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पुट्रेसिन और कैडेवेरिन जैसे डायमाइन्स अमीनो एसिड के डीकार्बोक्सिलेशन से बनते हैं, जो पेप्टाइड बंधनों के बजाय अमीनो समूह के क्षरण से जुड़े हैं, लेकिन प्रारंभिक सामग्री प्रोटीन (पेप्टाइड बंधों से बनी) है। हालांकि, सबसे सीधा संबंध प्रोटीन के टूटने से है। यहाँ विकल्प (a) प्रोटीन संरचना के निर्माण से संबंधित है, जो अप्रत्यक्ष रूप से इन यौगिकों के स्रोत से जुड़ा है। लेकिन डायमाइन्स स्वयं अमीनो एसिड के डीकार्बोक्सिलेशन से बनते हैं। सबसे सटीक उत्तर (a) है क्योंकि पुट्रेसिन और कैडेवेरिन अमीनो एसिड से बनते हैं, जो प्रोटीन के निर्माण खंड हैं और पेप्टाइड बंधनों द्वारा जुड़े होते हैं। प्रश्न के शब्दों में थोड़ा विरोधाभास है, लेकिन संदर्भ में, हम अमीनो एसिड के स्रोतों पर विचार करते हैं।
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कीटों में, जो सड़ते हुए मांस पर पनपते हैं, उनके लार्वा में देखी जाने वाली तीव्र गतिशीलता (locomotion) के लिए कौन सी पेशी-कंकाल प्रणाली (musculoskeletal system) की विशेषता उत्तरदायी है?
- (a) आंतरिक कंकाल (Endoskeleton)
- (b) बाह्य कंकाल (Exoskeleton) और पेशियाँ
- (c) जल-संवहनी तंत्र (Water-vascular system)
- (d) पेशी-बलयुक्त गुहा (Muscular coelom)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कीटों में बाह्य कंकाल (exoskeleton) पेशियों के जुड़ाव के लिए कठोर संरचना प्रदान करता है, जिससे गति संभव होती है।
व्याख्या (Explanation): कीटों के लार्वा में भी एक बाह्य कंकाल होता है, जो उनके शरीर को आकार देता है और पेशियों के जुड़ाव के लिए सतह प्रदान करता है। इन पेशियों के संकुचन और शिथिलन से लार्वा चलता है। यह गतिशीलता उन्हें भोजन खोजने और शिकारी से बचने में मदद करती है। आंतरिक कंकाल (जैसे कशेरुकियों में) या जल-संवहनी तंत्र (जैसे स्टारफिश में) कीटों में नहीं पाए जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सड़ते हुए मांस से प्राप्त नाइट्रोजन का उपयोग करके, कीटों के शरीर में कौन से महत्वपूर्ण जैव-अणु (biomolecules) संश्लेषित किए जाते हैं?
- (a) केवल कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates)
- (b) केवल वसा (Fats)
- (c) प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड (Proteins and nucleic acids)
- (d) केवल लिपिड (Lipids)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नाइट्रोजन प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड (डीएनए और आरएनए) के संश्लेषण के लिए एक आवश्यक तत्व है।
व्याख्या (Explanation): नाइट्रोजन सभी जीवों के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह अमीनो एसिड का एक अभिन्न अंग है, जो प्रोटीन का निर्माण खंड हैं, और यह न्यूक्लिक एसिड (डीएनए और आरएनए) का भी एक प्रमुख घटक है, जो आनुवंशिक जानकारी के भंडारण और स्थानांतरण के लिए जिम्मेदार हैं। सड़ते हुए मांस से प्राप्त नाइट्रोजन का उपयोग करके, कीट इन आवश्यक जैव-अणुओं को संश्लेषित करते हैं, जो उनके विकास, चयापचय और प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण हैं। कार्बोहाइड्रेट और वसा मुख्य रूप से कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बने होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि कोई कीट सड़ते हुए मांस के संपर्क में आता है, तो उसके शरीर में पैरासाइटिक (parasitic) संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे परजीवी (parasites) का एक उदाहरण क्या हो सकता है जो अक्सर इन वातावरणों में पाया जाता है?
- (a) शैवाल (Algae)
- (b) यीस्ट (Yeast)
- (c) प्रोटोजोआ (Protozoa)
- (d) लाइकेन (Lichens)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कई प्रोटोजोआ परजीवी के रूप में जीवन व्यतीत करते हैं और नमी और कार्बनिक पदार्थों से भरपूर वातावरण में पनपते हैं।
व्याख्या (Explanation): सड़ता हुआ मांस नमी और पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो प्रोटोजोआ जैसे सूक्ष्मजीवों के लिए एक आदर्श प्रजनन स्थल हो सकता है। कुछ प्रोटोजोआ परजीवी के रूप में कार्य करते हैं और कीटों या अन्य जीवों को संक्रमित कर सकते हैं, जिससे उन्हें नुकसान पहुँचता है। शैवाल और लाइकेन प्रकाश संश्लेषण पर निर्भर करते हैं और इस वातावरण में मुख्य परजीवी के रूप में नहीं पाए जाते हैं। यीस्ट कवक का एक प्रकार है और कुछ अपघटन में भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन प्रोटोजोआ अक्सर परजीवी के रूप में अधिक प्रमुख होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
व्याख्या (Explanation): पुट्रेसिन और कैडेवेरिन दो डायमाइन्स हैं जो अमीनो एसिड (जैसे लाइसिन और आर्जिनिन) के डीकार्बोक्सिलेशन से उत्पन्न होते हैं। ये अमीनो एसिड स्वयं प्रोटीन के निर्माण खंड हैं, जो पेप्टाइड बंधनों (अमीनो समूह और कार्बोक्सिल समूह के बीच) द्वारा जुड़े होते हैं। इसलिए, इन डायमाइन्स की उपस्थिति अप्रत्यक्ष रूप से प्रोटीन के अपघटन और पेप्टाइड बंधनों के टूटने से जुड़ी हुई है। विकल्प (b) एक प्रक्रिया है जो इन डायमाइन्स को बनाती है, लेकिन प्रश्न बंधनों से संबंधित पूछता है। विकल्प (c) कार्बोहाइड्रेट और (d) वसा से संबंधित है, जो सीधे इन डायमाइन्स के गठन से संबंधित नहीं हैं। प्रश्न का सबसे उपयुक्त उत्तर (a) है क्योंकि यह मूल सामग्री (प्रोटीन) के बंधन का उल्लेख करता है जिससे ये यौगिक प्राप्त होते हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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