सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: डायमंड पर आधारित तैयारी को परखें
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की एक मजबूत पकड़ अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह खंड आपकी वैचारिक स्पष्टता और समस्या-समाधान कौशल का परीक्षण करता है। प्रस्तुत हैं “Doubling Down on Diamond” नामक शीर्षक से प्रेरित भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के 25 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs), जो आपकी तैयारी को और भी धारदार बनाने में मदद करेंगे।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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हीरा (Diamond) किस प्रकार का पदार्थ है?
- (a) एक तत्व
- (b) एक यौगिक
- (c) एक मिश्रण
- (d) एक मिश्र धातु
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): तत्व वह शुद्ध पदार्थ होता है जिसे रासायनिक अभिक्रियाओं द्वारा सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता। हीरा कार्बन का एक अपररूप (allotrope) है।
व्याख्या (Explanation): हीरा शुद्ध कार्बन से बना होता है, जो एक तत्व है। यौगिक दो या दो से अधिक तत्वों के रासायनिक संयोजन से बनते हैं, मिश्रण विभिन्न पदार्थों का भौतिक संयोजन होता है, और मिश्र धातु धातुओं का मिश्रण होती है। इसलिए, हीरा एक तत्व है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे में कार्बन परमाणु किस प्रकार के बंधन (Bonding) से जुड़े होते हैं?
- (a) आयनिक बंधन (Ionic Bond)
- (b) सहसंयोजक बंधन (Covalent Bond)
- (c) धात्विक बंधन (Metallic Bond)
- (d) हाइड्रोजन बंधन (Hydrogen Bond)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन में, परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करके जुड़ते हैं। हीरे की कठोरता और स्थायित्व उसके कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधनों के कारण होता है।
व्याख्या (Explanation): प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने चार बाहरी इलेक्ट्रॉनों को चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ साझा करके मजबूत सहसंयोजक बंधन बनाता है। यह त्रि-आयामी (3D) नेटवर्क संरचना हीरे को उसकी असाधारण कठोरता प्रदान करती है। आयनिक बंधन इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण से, धात्विक बंधन धातुओं में, और हाइड्रोजन बंधन विशेष परिस्थितियों में बनते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का अपवर्तनांक (Refractive Index) उच्च क्यों होता है?
- (a) यह प्रकाश को अधिक परावर्तित करता है।
- (b) यह प्रकाश को अधिक अवशोषित करता है।
- (c) यह प्रकाश की गति को बहुत धीमा कर देता है।
- (d) यह प्रकाश को बिखेरता है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक किसी माध्यम में प्रकाश की गति में कमी को दर्शाता है। उच्च अपवर्तनांक का अर्थ है कि प्रकाश उस माध्यम में धीमा चलता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक लगभग 2.42 होता है, जो अधिकांश पारदर्शी पदार्थों से बहुत अधिक है। इसका कारण हीरे की सघन आणविक संरचना और कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधन हैं, जो प्रकाश के फोटॉनों के साथ अधिक बार परस्पर क्रिया करते हैं, जिससे प्रकाश की गति धीमी हो जाती है। इसी कारण हीरा प्रकाश को “चमकाता” है क्योंकि प्रकाश अंदर फंसकर बार-बार परावर्तित होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का उपयोग किसमें नहीं किया जाता है?
- (a) कटिंग और ग्राइंडिंग उपकरण
- (b) आभूषण
- (c) विद्युत रोधी (Insulator)
- (d) ऊष्मा संवाहक (Heat Conductor)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत रोधी ऐसे पदार्थ होते हैं जो अपने से होकर विद्युत धारा को आसानी से प्रवाहित नहीं होने देते।
व्याख्या (Explanation): हीरा एक उत्कृष्ट ऊष्मा संवाहक है, जो ऊष्मा को बहुत प्रभावी ढंग से स्थानांतरित करता है। हालांकि, अपने सहसंयोजक बंधनों और इलेक्ट्रॉनों के स्थिर रहने के कारण, हीरा विद्युत का कुचालक (insulator) होता है। इसका उपयोग कटिंग, ग्राइंडिंग, पॉलिशिंग और आभूषणों में होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का उच्चतम संभव गलनांक (Melting Point) क्यों होता है?
- (a) यह कमरे के तापमान पर पिघलता है।
- (b) इसे बहुत कम तापमान पर पिघलाया जा सकता है।
- (c) इसके मजबूत सहसंयोजक बंधन टूटते नहीं हैं।
- (d) यह हवा में वाष्पीकृत हो जाता है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थों का गलनांक उनके परमाणुओं या अणुओं को एक साथ रखने वाले बंधनों की मजबूती पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में कार्बन परमाणुओं के बीच असाधारण रूप से मजबूत और सघन त्रि-आयामी सहसंयोजक नेटवर्क होता है। इन बंधनों को तोड़ने के लिए अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके कारण हीरे का गलनांक वायुमंडलीय दबाव पर लगभग 3550 डिग्री सेल्सियस (या 6422 डिग्री फ़ारेनहाइट) होता है। वास्तव में, यह सीधे ग्रेफाइट में उर्ध्वपातित (sublimate) हो जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा कार्बन का एक अपररूप (Allotrope) है, जो हीरे के समान कठोर होता है?
- (a) ग्रेफाइट (Graphite)
- (b) फुलरीन (Fullerenes)
- (c) चारकोल (Charcoal)
- (d) हीरा (Diamond)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपररूप एक ही तत्व के विभिन्न रूपों को कहते हैं जो भिन्न भौतिक गुणों वाले होते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्रश्न पूछ रहा है कि कौन सा अपररूप हीरे के समान कठोर होता है, और स्वयं हीरा ही इसका उत्तर है। ग्रेफाइट नरम होता है, फुलरीन (जैसे बकमिन्स्टरफुलरीन) भी हीरे जितने कठोर नहीं होते, और चारकोल एक अशुद्ध रूप है। हालांकि, कृत्रिम रूप से बनाए गए नैनो-संरचित कार्बन पदार्थ (जैसे डायमंड नैनो-कण) हीरे के समान कठोर हो सकते हैं। लेकिन सामान्य अर्थों में, हीरा ही सबसे कठोर ज्ञात प्राकृतिक पदार्थ है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे का उपयोग अक्सर ‘कटिंग एज’ (Cutting Edge) तकनीक में क्यों किया जाता है?
- (a) इसकी नाजुक प्रकृति के कारण
- (b) इसकी असाधारण कठोरता और घिसाव प्रतिरोध के कारण
- (c) इसकी कम लागत के कारण
- (d) यह आसानी से टूट जाता है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कटिंग एज उपकरण उन सामग्रियों से बनाए जाते हैं जो कटे जाने वाले पदार्थ की तुलना में अधिक कठोर होते हैं और घिसाव का सामना कर सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): मोहस पैमाने (Mohs scale) पर हीरे की कठोरता 10 है, जो इसे सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ बनाता है। यह कठोरता इसे सबसे कठोर धातुओं और चट्टानों को भी काटने, ड्रिल करने और पीसने में सक्षम बनाती है। इसका उच्च घिसाव प्रतिरोध (wear resistance) यह सुनिश्चित करता है कि उपकरण लंबे समय तक प्रभावी रहें।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का चमकीलापन (Brilliance) मुख्य रूप से किस पर निर्भर करता है?
- (a) रंग (Color)
- (b) कटाई (Cut) और पॉलिशिंग (Polishing)
- (c) पारदर्शिता (Transparency)
- (d) आकार (Size)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी रत्न का चमकीलापन प्रकाश के उसके भीतर और बाहर निकलने के तरीके से निर्धारित होता है, जो उसकी कटाई और पॉलिशिंग की गुणवत्ता पर बहुत अधिक निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): हालांकि हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) और फैलाव (dispersion) इसके चमकीलेपन में योगदान करते हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कारक इसका कटाई (cut) है। एक अच्छी तरह से कटी हुई हीरे की सतह प्रकाश को इस तरह से प्रतिबिंबित (reflect) और अपवर्तित (refract) करती है कि यह आंतरिक रूप से परावर्तित होकर वापस दर्शक की ओर चमकीले ढंग से निकलती है, जिससे “फायर” (fire) और “ब्रिलियंस” (brilliance) का प्रभाव उत्पन्न होता है। खराब कटाई वाले हीरे का चमकीलापन कम होता है, भले ही उसका अपवर्तनांक उच्च हो।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का घनत्व (Density) कितना होता है?
- (a) लगभग 1.5 g/cm³
- (b) लगभग 2.5 g/cm³
- (c) लगभग 3.5 g/cm³
- (d) लगभग 4.5 g/cm³
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): घनत्व द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन होता है। विभिन्न पदार्थों का घनत्व उनकी आणविक संरचना और पैकिंग पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का घनत्व लगभग 3.51 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर (g/cm³) होता है। यह अपेक्षाकृत उच्च घनत्व इसकी सघन कार्बन परमाणुओं की क्रिस्टल संरचना के कारण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कार्बन का कौन सा अपररूप विद्युत का सुचालक (Conductor) है?
- (a) हीरा (Diamond)
- (b) ग्रेफाइट (Graphite)
- (c) फुलरीन (Fullerenes)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट में, प्रत्येक कार्बन परमाणु केवल तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है, जिससे प्रत्येक परमाणु का एक इलेक्ट्रॉन अयुग्मित (unpaired) रह जाता है। ये अयुग्मित इलेक्ट्रॉन परतों के बीच घूम सकते हैं और विद्युत धारा का संचालन कर सकते हैं। हीरा, जैसा कि पहले बताया गया है, विद्युत का कुचालक है क्योंकि इसके सभी इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंधनों में कसकर बंधे होते हैं। फुलरीन की चालकता उनकी संरचना पर निर्भर करती है, लेकिन आमतौर पर ग्रेफाइट जितनी अच्छी नहीं होती।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का उपयोग निम्न में से किसमें नहीं किया जा सकता?
- (a) ज्वलनशील पदार्थ (Combustible material)
- (b) कठोर सतहों को काटने में
- (c) अपघर्षक (Abrasive) के रूप में
- (d) लेंस बनाने में
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ज्वलनशील पदार्थ वे होते हैं जो आसानी से आग पकड़ लेते हैं और जलते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरा बहुत उच्च तापमान (लगभग 700-800 डिग्री सेल्सियस हवा में) पर जलता है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड बनती है। यह एक ज्वलनशील पदार्थ नहीं है, बल्कि एक दहनशील (combustible) पदार्थ है जो जल सकता है। इसका उपयोग काटने, पीसने और अपघर्षक के रूप में होता है। इसके उच्च अपवर्तनांक और पारदर्शिता के कारण इसे विशेष लेंस (जैसे कुछ खगोलीय या वैज्ञानिक उपकरणों में) बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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कृत्रिम हीरा (Synthetic Diamond) बनाने की एक सामान्य विधि कौन सी है?
- (a) उच्च तापमान और उच्च दाब (HPHT) विधि
- (b) हीरे को पिघलाना
- (c) पानी में कार्बन को घोलना
- (d) वायुमंडल से कार्बन खींचना
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे प्राकृतिक हीरे की तरह ही कार्बन परमाणुओं की क्रिस्टल संरचना को दोहराकर बनाए जाते हैं, जिसके लिए उच्च दाब और तापमान की आवश्यकता होती है।
व्याख्या (Explanation): उच्च तापमान और उच्च दाब (High-Pressure High-Temperature – HPHT) विधि सबसे आम तरीका है। इस विधि में, ग्रेफाइट (कार्बन का एक अपररूप) को एक विशेष उपकरण में रखा जाता है जहाँ इसे अत्यधिक उच्च दाब (लगभग 5.5 GPa) और तापमान (लगभग 1500°C) के अधीन किया जाता है। यह परिस्थितियाँ ग्रेफाइट को हीरे की संरचना में परिवर्तित करती हैं। रासायनिक वाष्प जमाव (Chemical Vapor Deposition – CVD) भी एक अन्य विधि है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे के संदर्भ में “फैलाव” (Dispersion) का क्या अर्थ है?
- (a) प्रकाश का हीरे से होकर तेज गति से गुजरना
- (b) प्रकाश का हीरे के भीतर से रंगीन छटाओं में बिखरना
- (c) प्रकाश का हीरे द्वारा पूरी तरह से अवशोषित होना
- (d) प्रकाश का हीरे की सतह से सीधी रेखा में परावर्तित होना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फैलाव किसी माध्यम का वह गुण है जिसके कारण वह विभिन्न तरंग दैर्ध्य (wavelengths) के प्रकाश को अलग-अलग मात्रा में अपवर्तित करता है, जिससे प्रकाश अलग-अलग रंगों में बिखर जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च फैलाव (लगभग 0.044) इंद्रधनुषी प्रभाव (fire) पैदा करता है। जब सफेद प्रकाश हीरे के अंदर प्रवेश करता है, तो विभिन्न रंग (तरंग दैर्ध्य) थोड़ी अलग गति से यात्रा करते हैं और थोड़े अलग कोणों पर अपवर्तित होते हैं। इससे सफेद प्रकाश अपने घटक रंगों (लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, बैंगनी) में बिखर जाता है, जिससे रत्न चमकीला और रंगीन दिखाई देता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे की संरचना में प्रत्येक कार्बन परमाणु कितने अन्य कार्बन परमाणुओं से सीधे जुड़ा होता है?
- (a) 2
- (b) 3
- (c) 4
- (d) 6
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे की क्रिस्टल संरचना चतुष्फलकीय (tetrahedral) होती है, जहाँ प्रत्येक परमाणु चार अन्य परमाणुओं से समान दूरी पर जुड़ा होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु sp³ संकरित (hybridized) होता है और चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंधन बनाता है। ये चार परमाणु एक चतुष्फलक के कोने बनाते हैं, जिसके केंद्र में मूल कार्बन परमाणु होता है। यह त्रि-आयामी नेटवर्क संरचना हीरे को उसकी असाधारण कठोरता और स्थायित्व प्रदान करती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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तापमान के संदर्भ में, हीरे का क्वथनांक (Boiling Point) लगभग कितना है?
- (a) 1000°C
- (b) 2000°C
- (c) 3550°C
- (d) 5000°C
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्वथनांक वह तापमान है जिस पर कोई पदार्थ तरल से गैस में बदलता है। हालांकि, हीरे का क्वथनांक कहना तकनीकी रूप से सही नहीं है, क्योंकि यह सीधे ठोस से गैस में उर्ध्वपातित (sublimate) हो जाता है। यह मान उस तापमान का प्रतिनिधित्व करता है जिस पर यह रूपांतरण वायुमंडलीय दबाव पर होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का गलनांक (या उर्ध्वपातन तापमान) बहुत अधिक होता है, लगभग 3550 डिग्री सेल्सियस (6422 डिग्री फ़ारेनहाइट)। यह उसके अत्यंत मजबूत सहसंयोजक बंधनों का परिणाम है। यह तापमान इतना अधिक है कि प्रयोगशालाओं में हीरे को पिघलाना या वाष्पीकृत करना बेहद कठिन होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे में कार्बन-कार्बन बंधन की लंबाई (Bond Length) कितनी होती है?
- (a) लगभग 154 पिकोमीटर (pm)
- (b) लगभग 120 पिकोमीटर (pm)
- (c) लगभग 200 पिकोमीटर (pm)
- (d) लगभग 100 पिकोमीटर (pm)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंधनों की लंबाई अणुओं की संरचना और गुणों को प्रभावित करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में कार्बन-कार्बन सहसंयोजक बंधन की लंबाई लगभग 154 पिकोमीटर (pm) होती है। यह बंधन लंबाई उस निश्चित दूरी का प्रतिनिधित्व करती है जो दो सहसंयोजक रूप से बंधे हुए कार्बन परमाणुओं के नाभिक के बीच होती है। यह लंबाई हीरे की संरचना की सघनता और स्थायित्व में योगदान करती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे का उपयोग निम्नलिखित में से किस उपकरण के निर्माण में किया जाता है?
- (a) विद्युत जनरेटर
- (b) माइक्रोस्कोप
- (c) लेजर कटर
- (d) अल्ट्रासोनिक क्लीनर
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): लेजर कटर उच्च-ऊर्जा लेजर बीम का उपयोग करके सामग्री को काटने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे की अत्यधिक कठोरता और ऊष्मा प्रतिरोध के कारण, इसका उपयोग लेजर कटर के उन हिस्सों में किया जाता है जिन्हें अत्यधिक घिसाव और उच्च तापमान का सामना करना पड़ता है, जैसे कि बीम स्प्लिटर या आउटपुट विंडो। यह सुनिश्चित करता है कि लेजर बीम की तीव्रता और फोकसिंग प्रभावित न हो।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव शरीर में, हीरे जैसा कठोर पदार्थ क्या है?
- (a) हड्डी
- (b) दांतों का इनेमल
- (c) नाखून
- (d) बाल
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): इनेमल मानव शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है, जो दांतों को सुरक्षा प्रदान करता है।
व्याख्या (Explanation): दांतों का इनेमल, जो लगभग 96% खनिज (मुख्य रूप से हाइड्रोक्सीपैटाइट) से बना होता है, मानव शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। हालांकि यह हीरे जितना कठोर नहीं है (मोहस स्केल पर इनेमल लगभग 5-6 होता है, जबकि हीरे का 10), फिर भी यह अपने कार्य के लिए पर्याप्त कठोरता प्रदान करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे को गर्म करने पर, यह ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलकर क्या बनाता है?
- (a) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
- (b) जल (H₂O)
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- (d) सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन युक्त पदार्थ ऑक्सीजन की उपस्थिति में दहन (combustion) पर कार्बन डाइऑक्साइड बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का रासायनिक सूत्र C है (क्योंकि यह कार्बन का एक अपररूप है)। जब इसे पर्याप्त तापमान पर ऑक्सीजन की उपस्थिति में गर्म किया जाता है, तो यह दहन अभिक्रिया से गुजरता है: C + O₂ → CO₂। यह अभिक्रिया कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनाती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का रंग किन अशुद्धियों के कारण हो सकता है?
- (a) नाइट्रोजन (N) और बोरॉन (B)
- (b) ऑक्सीजन (O) और हाइड्रोजन (H)
- (c) सोडियम (Na) और पोटेशियम (K)
- (d) लोहा (Fe) और मैंगनीज (Mn)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल संरचना में अशुद्धियों की उपस्थिति पदार्थ के रंग को बदल सकती है।
व्याख्या (Explanation): शुद्ध हीरा रंगहीन होता है। हालांकि, निर्माण प्रक्रिया के दौरान शामिल नाइट्रोजन अशुद्धियाँ हीरे को पीला या भूरा रंग दे सकती हैं। बोरॉन की अशुद्धियाँ हीरे को नीला रंग दे सकती हैं। ये तत्व कार्बन के साथ मिलकर क्रिस्टल जालक (crystal lattice) में फिट हो जाते हैं और प्रकाश के अवशोषण को प्रभावित करते हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे के बारे में कौन सा कथन गलत है?
- (a) यह Mohs पैमाने पर सबसे कठोर पदार्थ है।
- (b) यह विद्युत का अच्छा संवाहक है।
- (c) यह एक उत्कृष्ट ऊष्मा संवाहक है।
- (d) इसका उपयोग अपघर्षक के रूप में होता है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता मुक्त इलेक्ट्रॉनों पर निर्भर करती है, जो हीरे की संरचना में अनुपस्थित होते हैं।
व्याख्या (Explanation): विकल्प (a), (c), और (d) सभी सत्य हैं। हीरा Mohs पैमाने पर 10 के साथ सबसे कठोर है, यह उत्कृष्ट ऊष्मा संवाहक है, और इसका उपयोग अपघर्षक के रूप में होता है। हालांकि, हीरा विद्युत का कुचालक (insulator) होता है, न कि अच्छा संवाहक। इसलिए, कथन (b) गलत है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्न में से कौन सा कथन हीरे के गुणों के बारे में सही है?
- (a) इसका अपवर्तनांक कम होता है।
- (b) यह ऊष्मा का कुचालक होता है।
- (c) यह अत्यधिक भंगुर (brittle) होता है।
- (d) यह रासायनिक रूप से बहुत क्रियाशील होता है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थों के गुण उनकी आणविक संरचना और बंधनों द्वारा निर्धारित होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरा अत्यधिक कठोर होने के बावजूद, यह काफी भंगुर (brittle) भी होता है। इसका मतलब है कि यह आघात (impact) से टूट सकता है या टूट सकता है, भले ही इसे खरोंचना मुश्किल हो। इसका अपवर्तनांक उच्च (लगभग 2.42) होता है, यह ऊष्मा का सुचालक (excellent conductor) होता है, और रासायनिक रूप से बहुत निष्क्रिय (inert) होता है, न कि क्रियाशील।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे को पहली बार प्रयोगशाला में कब संश्लेषित (synthesized) किया गया था?
- (a) 1700 के दशक में
- (b) 1800 के दशक में
- (c) 1900 के दशक में
- (d) 2000 के दशक में
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वैज्ञानिक प्रगति और तकनीकी विकास के साथ कृत्रिम पदार्थों का संश्लेषण संभव हुआ।
व्याख्या (Explanation): पहले सफल कृत्रिम हीरे का संश्लेषण 1950 के दशक में किया गया था। जनरल इलेक्ट्रिक (General Electric) कंपनी के शोधकर्ताओं ने 1955 में HPHT विधि का उपयोग करके सफलतापूर्वक छोटे कृत्रिम हीरे बनाए।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे में कार्बन परमाणुओं के बीच का बंधन कोण (Bond Angle) क्या होता है?
- (a) 90°
- (b) 109.5°
- (c) 120°
- (d) 180°
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): sp³ संकरण (hybridization) वाले परमाणुओं के बीच आदर्श बंधन कोण 109.5° होता है, जो एक चतुष्फलक (tetrahedron) के कोने बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु sp³ संकरित होता है और चार अन्य कार्बन परमाणुओं से चतुष्फलकीय ज्यामिति में जुड़ा होता है। इस चतुष्फलकीय व्यवस्था में, प्रत्येक दो कार्बन-कार्बन बंधनों के बीच का कोण लगभग 109.5° होता है। यह कोण हीरे की त्रि-आयामी क्रिस्टल संरचना को स्थिरता प्रदान करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के घनत्व का उपयोग किस प्रकार के मापन (measurement) में किया जाता है?
- (a) जल की गहराई
- (b) गुरुत्वाकर्षण का त्वरण
- (c) ऊष्मा का प्रवाह
- (d) वायु का दाब
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): घनत्व, विशेष रूप से संदर्भ घनत्व (specific gravity), वस्तुओं के तैरने या डूबने के सिद्धांत (आर्किमिडीज का सिद्धांत) और गुरुत्वाकर्षण संबंधी मापों में महत्वपूर्ण है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का घनत्व (लगभग 3.51 g/cm³) पानी के घनत्व (लगभग 1 g/cm³) से काफी अधिक है। यह अंतर हीरे को पानी में डुबाने पर उसे डूबने में मदद करता है। रत्न विज्ञान (gemology) में, किसी रत्न की प्रामाणिकता और पहचान के लिए उसके घनत्व का मापन एक महत्वपूर्ण विधि है। हालांकि सीधे तौर पर गुरुत्वाकर्षण के त्वरण को नहीं मापता, घनत्व का ज्ञान उस संदर्भ में महत्वपूर्ण है जिसमें गुरुत्वाकर्षण कार्य करता है, जैसे कि वस्तु का भार या उत्पलावन बल।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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