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सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: अपनी तैयारी को परखें

सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: अपनी तैयारी को परखें

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहरी समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। चाहे वह भौतिकी के सिद्धांत हों, रसायन विज्ञान के अनुप्रयोग हों, या जीव विज्ञान के जटिल तंत्र हों, इन विषयों की ठोस पकड़ आपको दूसरों से आगे रखती है। इस अभ्यास सत्र में, हम वर्तमान वैज्ञानिक प्रगति से प्रेरित होकर 25 बहुविकल्पीय प्रश्न प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आपकी ज्ञान की गहराई और विश्लेषण क्षमता को बढ़ाने में सहायक होंगे। तो आइए, अपनी तैयारी को परखें और विज्ञान के रहस्यों को सुलझाएं!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. “सुपर-प्रोटीन” के निर्माण में तेजी लाने के लिए उपयोग की जाने वाली “विकास इंजन” (evolution engine) विधि, किस जैविक प्रक्रिया के सिद्धांत पर आधारित है?

    • (a) कृत्रिम चयन (Artificial Selection)
    • (b) प्राकृतिक चयन (Natural Selection)
    • (c) जीन संपादन (Gene Editing)
    • (d) प्रोटियोमिक्स (Proteomics)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्राकृतिक चयन (Natural Selection) विकास का एक मूलभूत सिद्धांत है, जिसमें जीव अपने पर्यावरण के प्रति अनुकूलन के आधार पर जीवित रहते हैं और प्रजनन करते हैं, जिससे समय के साथ उनकी प्रजातियों में परिवर्तन होता है।

    व्याख्या (Explanation): “इवोल्यूशन इंजन” द्वारा प्रोटीन निर्माण में तेजी लाना, प्रकृति में होने वाली प्राकृतिक चयन की प्रक्रिया का एक कृत्रिम और त्वरित रूप है। यह विधि प्रोटीन के विभिन्न वेरिएंट्स को उत्पन्न करती है और फिर बेहतर प्रदर्शन करने वालों का चयन करती है, ठीक वैसे ही जैसे प्रकृति अनुकूलतम जीवों का चयन करती है। कृत्रिम चयन आमतौर पर मनुष्यों द्वारा संचालित होता है (जैसे पालतू जानवरों का प्रजनन), जीन संपादन विशिष्ट जीनों को बदलता है, और प्रोटियोमिक्स प्रोटीन के बड़े पैमाने पर अध्ययन से संबंधित है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  2. प्रोटीन अमीनो एसिड की एक बहुलक (polymer) श्रृंखला है। प्रोटीन संश्लेषण के दौरान, अमीनो एसिड को आपस में किस प्रकार के रासायनिक बंध द्वारा जोड़ा जाता है?

    • (a) सहसंयोजक बंध (Covalent Bond)
    • (b) आयनिक बंध (Ionic Bond)
    • (c) पेप्टाइड बंध (Peptide Bond)
    • (d) हाइड्रोजन बंध (Hydrogen Bond)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पेप्टाइड बंध एक विशेष प्रकार का सहसंयोजक बंध है जो एक अमीनो एसिड के कार्बोक्सिल समूह (-COOH) और दूसरे अमीनो एसिड के एमिनो समूह (-NH2) के बीच अभिक्रिया से बनता है, जिसमें जल का एक अणु (H2O) निकलता है।

    व्याख्या (Explanation): प्रोटीन की संरचना अमीनो एसिड की लंबी श्रृंखलाओं से बनती है, जो पेप्टाइड बंधों द्वारा जुड़ी होती हैं। यह एक निर्जलीकरण (dehydration) अभिक्रिया है। सहसंयोजक बंध सामान्य रूप से परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी है, आयनिक बंध आयनों के बीच इलेक्ट्रोस्टैटिक आकर्षण है, और हाइड्रोजन बंध एक अणु के हाइड्रोजन परमाणु और दूसरे अणु के एक विद्युतऋणात्मक परमाणु के बीच कमजोर आकर्षण है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  3. “विकास इंजन” द्वारा “सुपर-प्रोटीन” बनाने में लगने वाले समय को 100,000 गुना कम करने का क्या तात्पर्य है?

    • (a) प्रोटीन निर्माण प्रक्रिया में 100,000 नए प्रोटीन जोड़े गए।
    • (b) प्रोटीन की संरचना में 100,000 संशोधन किए गए।
    • (c) प्रोटीन के कार्य या दक्षता में 100,000 गुना सुधार हुआ।
    • (d) प्रोटीन के विकास या अनुकूलन में लगने वाला समय अत्यधिक कम हो गया।

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): “विकास” (evolution) शब्द आम तौर पर समय के साथ होने वाले परिवर्तन या अनुकूलन से जुड़ा होता है। जब कहा जाता है कि कोई प्रक्रिया X गुना तेज हो गई है, तो इसका अर्थ है कि उसमें लगने वाला समय X गुना कम हो गया है।

    व्याख्या (Explanation): शीर्षक का अर्थ है कि प्रोटीन को प्राकृतिक रूप से विकसित होने या प्रयोगशाला में कृत्रिम रूप से बनाने में जितना समय लगता था, अब “इवोल्यूशन इंजन” नामक तकनीक से वह समय 100,000 गुना कम हो गया है। यह प्रोटीन के डिजाइन और अनुकूलन की गति को दर्शाता है, न कि प्रोटीन की मात्रा, संरचनात्मक परिवर्तन या दक्षता में प्रत्यक्ष वृद्धि को।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  4. आनुवंशिक सूचना को प्रोटीन संश्लेषण के लिए वाहक (carrier) के रूप में कार्य करने वाले अणु का नाम क्या है?

    • (a) डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA)
    • (b) राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA)
    • (c) एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP)
    • (d) ग्वानोसिन ट्राइफॉस्फेट (GTP)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): केंद्रीय डोग्मा (Central Dogma) के अनुसार, आनुवंशिक सूचना DNA से RNA में (ट्रांसक्रिप्शन) और फिर RNA से प्रोटीन में (ट्रांसलेशन) स्थानांतरित होती है। मैसेंजर RNA (mRNA) वह अणु है जो DNA से आनुवंशिक कोड को राइबोसोम तक ले जाता है।

    व्याख्या (Explanation): DNA कोशिका के नाभिक में आनुवंशिक कोड को संग्रहीत करता है। mRNA इस कोड की एक प्रतिलिपि बनाता है और इसे साइटोप्लाज्म में राइबोसोम तक ले जाता है, जहाँ प्रोटीन संश्लेषण होता है। ATP और GTP ऊर्जा मुद्रा वाले अणु हैं, DNA आनुवंशिक सामग्री का भंडार है, न कि प्रोटीन संश्लेषण के लिए वाहक।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  5. प्रोटीन की त्रि-आयामी (3D) संरचना के निर्माण में कौन सा बल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है?

    • (a) गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force)
    • (b) विद्युत चुम्बकीय बल (Electromagnetic Force)
    • (c) कमजोर नाभिकीय बल (Weak Nuclear Force)
    • (d) मजबूत नाभिकीय बल (Strong Nuclear Force)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रोटीन की 3D संरचना अमीनो एसिड के साइड चेन (R-groups) के बीच विभिन्न प्रकार की अंतःक्रियाओं (interactions) से निर्धारित होती है, जैसे हाइड्रोजन बॉन्ड, आयनिक बॉन्ड, वैन डेर वाल्स बल और हाइड्रोफोबिक इंटरैक्शन। ये सभी अंतःक्रियाएं विद्युत चुम्बकीय प्रकृति की होती हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रोटीन फोल्डिंग (folding) मुख्य रूप से साइड चेन की रासायनिक प्रकृति और उनके बीच लगने वाले विद्युत चुम्बकीय आकर्षणों पर निर्भर करती है। ये अंतःक्रियाएं प्रोटीन को एक विशिष्ट, कार्यात्मक 3D आकार में मोड़ने में मदद करती हैं। गुरुत्वाकर्षण बल जैविक प्रणालियों में नगण्य है, और नाभिकीय बल परमाणु के नाभिक के भीतर कार्य करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  6. “सुपर-प्रोटीन” शब्द का क्या अर्थ हो सकता है?

    • (a) एक प्रोटीन जो बहुत बड़ा है।
    • (b) एक प्रोटीन जो प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले प्रोटीन की तुलना में अधिक कुशल या विशिष्ट कार्य करता है।
    • (c) एक प्रोटीन जो कृत्रिम रूप से बनाया गया है।
    • (d) एक प्रोटीन जो उच्च तापमान पर स्थिर रहता है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): “सुपर” उपसर्ग का प्रयोग अक्सर किसी चीज़ की बढ़ी हुई क्षमता, दक्षता या असाधारण प्रदर्शन को इंगित करने के लिए किया जाता है। “सुपर-प्रोटीन” का संदर्भ प्रोटीन इंजीनियरिंग में उन प्रोटीनों से है जिन्हें विशिष्ट उद्देश्यों के लिए अनुकूलित किया गया है।

    व्याख्या (Explanation): “सुपर-प्रोटीन” का सीधा अर्थ “बहुत बड़ा” या केवल “कृत्रिम” नहीं है। जबकि यह कृत्रिम रूप से बनाया जा सकता है, इसका मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक प्रोटीन की तुलना में बेहतर प्रदर्शन (जैसे अधिक स्थिरता, उच्च एंजाइमेटिक गतिविधि, या विशिष्ट लक्ष्य के लिए अधिक आत्मीयता) होता है। उच्च तापमान स्थिरता एक संभावित सुधार हो सकता है, लेकिन यह “सुपर-प्रोटीन” का एकमात्र या मुख्य पहलू नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  7. प्रोटीन का प्राथमिक कार्य क्या है?

    • (a) ऊर्जा भंडारण
    • (b) आनुवंशिक जानकारी का वहन
    • (c) एंजाइमेटिक गतिविधि, संरचनात्मक सहायता और संकेत पारगमन सहित विभिन्न सेलुलर कार्य करना
    • (d) कोशिका झिल्ली का निर्माण

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रोटीन जीवन के लिए आवश्यक मैक्रोमोलेक्यूल्स हैं जो कोशिकाओं में अत्यंत विविध भूमिकाएं निभाते हैं, संरचनात्मक समर्थन से लेकर एंजाइम के रूप में रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करने तक।

    व्याख्या (Explanation): प्रोटीन की भूमिकाएं बहुत विस्तृत हैं। वे मांसपेशियों का निर्माण करते हैं (संरचनात्मक), उपापचय को नियंत्रित करते हैं (एंजाइम), रक्त में ऑक्सीजन ले जाते हैं (जैसे हीमोग्लोबिन), और संकेत पारगमन में भाग लेते हैं। ऊर्जा भंडारण मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट और वसा द्वारा किया जाता है। आनुवंशिक जानकारी का वहन DNA और RNA द्वारा होता है। कोशिका झिल्ली का निर्माण मुख्य रूप से लिपिड (फॉस्फोलिपिड्स) द्वारा होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. “इवोल्यूशन इंजन” में उपयोग किए जाने वाले जेनेटिक एल्गोरिदम (genetic algorithms) किस प्राकृतिक प्रक्रिया से प्रेरित हैं?

    • (a) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
    • (b) कोशिका श्वसन (Cellular Respiration)
    • (c) उत्परिवर्तन और प्राकृतिक चयन (Mutation and Natural Selection)
    • (d) डीएनए प्रतिकृति (DNA Replication)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जेनेटिक एल्गोरिदम कम्प्यूटेशनल तरीके हैं जो आनुवंशिकी और प्राकृतिक चयन से प्रेरित हैं, जिसमें “जनसंख्या” (population) में समाधानों को “जीन” (genes) या “जीनोटाइप” (genotypes) के रूप में दर्शाया जाता है, और “चयन” (selection), “क्रॉसओवर” (crossover), और “उत्परिवर्तन” (mutation) जैसी प्रक्रियाएं लागू की जाती हैं।

    व्याख्या (Explanation): जेनेटिक एल्गोरिदम में, संभावित समाधानों को उत्परिवर्तित (mutated) किया जाता है और एक-दूसरे के साथ “प्रजनन” (cross over) कराया जाता है। फिर, सबसे “फिट” (fit) समाधानों को अगले “पीढ़ी” (generation) के लिए चुना जाता है, जो ठीक उसी तरह है जैसे प्रकृति में उत्परिवर्तन से विविधता आती है और प्राकृतिक चयन सबसे उपयुक्त को चुनता है। अन्य विकल्प सेलुलर प्रक्रियाओं के विभिन्न पहलू हैं, लेकिन सीधे तौर पर जेनेटिक एल्गोरिदम की प्रेरणा नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  9. निम्नलिखित में से कौन सा कोशिकांग (organelle) प्रोटीन संश्लेषण के लिए जिम्मेदार है?

    • (a) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
    • (b) राइबोसोम (Ribosome)
    • (c) एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic Reticulum)
    • (d) गॉल्जी एपरेटस (Golgi Apparatus)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): राइबोसोम कोशिका के अंदर वे कारखाने हैं जहाँ mRNA टेम्पलेट पर अमीनो एसिड को जोड़कर प्रोटीन का निर्माण किया जाता है। यह प्रक्रिया ट्रांसलेशन कहलाती है।

    व्याख्या (Explanation): राइबोसोम mRNA से प्राप्त आनुवंशिक कोड को पढ़ता है और tRNAs की मदद से सही अमीनो एसिड को क्रमबद्ध तरीके से जोड़कर पॉलीपेप्टाइड श्रृंखला बनाता है। माइटोकॉन्ड्रिया ऊर्जा उत्पादन के लिए है, एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम प्रोटीन के संशोधन और परिवहन के लिए है (विशेषकर खुरदरा ER, जिस पर राइबोसोम जुड़े होते हैं), और गॉल्जी एपरेटस प्रोटीन और लिपिड को अंतिम रूप देने, छांटने और पैक करने का कार्य करता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  10. जब किसी प्रोटीन को “विकृत” (denatured) किया जाता है, तो इसका क्या अर्थ है?

    • (a) प्रोटीन पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।
    • (b) प्रोटीन की अमीनो एसिड श्रृंखला टूट जाती है।
    • (c) प्रोटीन अपनी विशिष्ट त्रि-आयामी संरचना खो देता है और अक्सर अपनी जैविक गतिविधि भी खो देता है।
    • (d) प्रोटीन का आणविक भार कम हो जाता है।

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रोटीन की जैविक कार्यक्षमता उसकी विशिष्ट 3D संरचना पर निर्भर करती है। विकृतीकरण (denaturation) का अर्थ है कि यह संरचना, जो प्रोटीन फोल्डिंग के माध्यम से बनती है, बाधित हो जाती है, आमतौर पर गर्मी, पीएच परिवर्तन या कुछ रसायनों के कारण।

    व्याख्या (Explanation): विकृतीकरण से प्रोटीन की तृतीयक (tertiary) और चतुर्थक (quaternary) संरचनाएं प्रभावित होती हैं, लेकिन प्राथमिक संरचना (अमीनो एसिड का क्रम) आमतौर पर अपरिवर्तित रहती है। यदि संरचना बिगड़ जाती है, तो प्रोटीन अपने विशिष्ट कार्य (जैसे एंजाइम के रूप में) को ठीक से नहीं कर पाता है। प्रोटीन नष्ट नहीं होता है, न ही उसकी प्राथमिक श्रृंखला टूटती है, और आणविक भार नहीं बदलता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  11. DNA में परिवर्तन, जो अंततः प्रोटीन संरचना या कार्य को बदल सकता है, क्या कहलाता है?

    • (a) प्रतिलेखन (Transcription)
    • (b) अनुवाद (Translation)
    • (c) उत्परिवर्तन (Mutation)
    • (d) प्रतिकृति (Replication)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): उत्परिवर्तन (Mutation) किसी जीव के DNA अनुक्रम में स्थायी परिवर्तन को संदर्भित करता है। ये परिवर्तन एकल आधार युग्मों (base pairs) से लेकर बड़े गुणसूत्र क्षेत्रों तक हो सकते हैं।

    व्याख्या (Explanation): DNA में परिवर्तन (उत्परिवर्तन) DNA प्रतिकृति के दौरान त्रुटियों, विकिरण या रासायनिक एजेंटों के कारण हो सकते हैं। यदि ये परिवर्तन DNA कोड में होते हैं, तो वे mRNA के अनुक्रम को बदल सकते हैं, जिससे प्रोटीन संश्लेषण के दौरान एक अलग अमीनो एसिड जुड़ सकता है या प्रक्रिया रुक सकती है, जिसके परिणामस्वरूप प्रोटीन की संरचना या कार्य में परिवर्तन होता है। प्रतिलेखन DNA से RNA बनाना है, अनुवाद RNA से प्रोटीन बनाना है, और प्रतिकृति DNA की कॉपी बनाना है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  12. “इवोल्यूशन इंजन” में प्रोटीन निर्माण को तेज करने के लिए किस प्रकार के डेटा का उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) केवल प्रोटीन की भौतिक और रासायनिक गुण
    • (b) केवल प्रोटीन के लिए जीन अनुक्रम
    • (c) प्रोटीन के जीन अनुक्रम, उनकी संरचना, कार्य और विकासवादी इतिहास
    • (d) प्रोटीन के संश्लेषण में लगने वाला समय

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रोटीन इंजीनियरिंग और विकासवादी कम्प्यूटेशन के लिए, प्रोटीन की क्षमता और विकासवादी व्यवहार को समझने के लिए विभिन्न प्रकार के डेटा की आवश्यकता होती है। इसमें आनुवंशिक कोड, प्रोटीन की 3D संरचना, यह क्या कार्य करता है, और विभिन्न प्रजातियों में यह कैसे विकसित हुआ है, यह सब शामिल है।

    व्याख्या (Explanation): एक प्रभावी “इवोल्यूशन इंजन” जो प्रोटीन को तेजी से अनुकूलित करता है, उसे न केवल जीन अनुक्रम (जो अमीनो एसिड क्रम को निर्धारित करता है) की आवश्यकता होती है, बल्कि प्रोटीन की वास्तविक 3D संरचना, उसके जैव रासायनिक कार्यों और प्रजातियों के बीच उसके विकासवादी पथ की भी समझ होनी चाहिए। यह डेटा इष्टतम प्रोटीन वेरिएंट की पहचान करने और उत्पन्न करने में मदद करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  13. एक एंजाइम (enzyme) जो एक विशिष्ट रासायनिक प्रतिक्रिया को उत्प्रेरित (catalyze) करता है, वह किस प्रकार का बायोमॉलिक्यूल (biomolecule) है?

    • (a) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate)
    • (b) लिपिड (Lipid)
    • (c) न्यूक्लिक एसिड (Nucleic Acid)
    • (d) प्रोटीन (Protein)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अधिकांश एंजाइम प्रोटीन होते हैं। वे रासायनिक प्रतिक्रियाओं की दर को बढ़ाते हैं, बिना स्वयं प्रतिक्रिया में उपभोग हुए।

    व्याख्या (Explanation): जबकि कुछ RNA अणु (जिन्हें राइबोज़ाइम कहते हैं) भी एंजाइमेटिक गतिविधि प्रदर्शित कर सकते हैं, अधिकांश जैविक उत्प्रेरक प्रोटीन होते हैं। कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा के स्रोत या संरचनात्मक घटक होते हैं, लिपिड झिल्ली निर्माण और ऊर्जा भंडारण करते हैं, और न्यूक्लिक एसिड आनुवंशिक जानकारी को संग्रहीत और स्थानांतरित करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  14. “सुपर-प्रोटीन” के विकास में किस रासायनिक तत्व का विशेष महत्व है, जो अमीनो एसिड की साइड चेन में पाया जाता है और डाइसल्फाइड बंध (disulfide bond) बना सकता है?

    • (a) ऑक्सीजन (Oxygen)
    • (b) नाइट्रोजन (Nitrogen)
    • (c) सल्फर (Sulfur)
    • (d) फास्फोरस (Phosphorus)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): दो सिस्टीन (cysteine) अमीनो एसिड के साइड चेन के बीच एक डाइसल्फाइड बंध (S-S) बन सकता है। ये बंध प्रोटीन की 3D संरचना को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): सिस्टीन एक अमीनो एसिड है जिसमें एक थायोल (-SH) समूह होता है। ऑक्सीकरण पर, दो सिस्टीन अणु एक डाइसल्फाइड बंध बनाने के लिए मिलकर सल्फर-सल्फर सहसंयोजक बंध बनाते हैं। यह विशेष रूप से प्रोटीन के स्थिरीकरण में महत्वपूर्ण है। ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और फास्फोरस भी प्रोटीन का हिस्सा हैं, लेकिन डाइसल्फाइड बंध बनाने में सल्फर की भूमिका विशिष्ट है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  15. एक प्रोटॉन (proton) पर क्या आवेश (charge) होता है?

    • (a) धनात्मक (Positive)
    • (b) ऋणात्मक (Negative)
    • (c) उदासीन (Neutral)
    • (d) कोई आवेश नहीं (No Charge)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन होते हैं, जिन पर धनात्मक आवेश होता है। न्यूट्रॉन पर कोई आवेश नहीं होता, और इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश होता है।

    व्याख्या (Explanation): प्रोटॉन का आवेश +1 प्राथमिक आवेश इकाई के बराबर होता है। यह धनात्मक आवेश परमाणु को उसकी पहचान देता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  16. प्रकाश का वेग (speed of light) क्या है?

    • (a) लगभग 3 x 108 मीटर प्रति सेकंड
    • (b) लगभग 3 x 108 किलोमीटर प्रति सेकंड
    • (c) लगभग 1.5 x 108 मीटर प्रति सेकंड
    • (d) लगभग 3 x 108 मीटर प्रति मिनट

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): निर्वात में प्रकाश का वेग एक मौलिक भौतिक स्थिरांक है, जिसे ‘c’ से दर्शाया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): निर्वात में प्रकाश का वेग लगभग 299,792,458 मीटर प्रति सेकंड है, जिसे सामान्यतः 3 x 108 m/s के रूप में सन्निकटित (approximate) किया जाता है। किलोमीटर प्रति सेकंड में यह लगभग 3 x 105 km/s होगा, और मीटर प्रति मिनट में यह बहुत अधिक होगा।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  17. जब एक प्रकाश किरण एक सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती है, तो वह अभिलंब (normal) की ओर झुकती है या उससे दूर?

    • (a) अभिलंब की ओर
    • (b) अभिलंब से दूर
    • (c) झुकती नहीं है
    • (d) यह माध्यम के रंग पर निर्भर करता है

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): स्नेल का नियम (Snell’s Law) बताता है कि जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाता है, तो उसके झुकने की दिशा माध्यमों के अपवर्तनांक (refractive indices) पर निर्भर करती है। सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाते समय, प्रकाश अभिलंब से दूर मुड़ता है।

    व्याख्या (Explanation): सघन माध्यम (जैसे पानी या कांच) में प्रकाश का वेग विरल माध्यम (जैसे हवा) की तुलना में धीमा होता है। जब प्रकाश धीमे से तेज माध्यम में प्रवेश करता है, तो उसका एक हिस्सा दूसरे की तुलना में तेजी से आगे बढ़ता है, जिससे वह मुड़ जाता है। यह मुड़ना अभिलंब से दूर की ओर होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  18. कार्य-ऊर्जा प्रमेय (Work-Energy Theorem) के अनुसार, किसी वस्तु पर किया गया कुल कार्य (total work done) किसके बराबर होता है?

    • (a) उसकी गतिज ऊर्जा में परिवर्तन
    • (b) उसकी स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन
    • (c) उसकी कुल ऊर्जा में परिवर्तन
    • (d) उसकी गति में परिवर्तन

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्य-ऊर्जा प्रमेय बताता है कि किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा में शुद्ध परिवर्तन (net change in kinetic energy) उस वस्तु पर किए गए कुल कार्य के बराबर होता है।

    व्याख्या (Explanation): जब किसी वस्तु पर बल लगाकर उसे विस्थापित किया जाता है, तो कार्य किया जाता है। यह कार्य वस्तु की गतिज ऊर्जा को बदलता है। यदि कार्य धनात्मक है, तो गतिज ऊर्जा बढ़ती है; यदि कार्य ऋणात्मक है, तो गतिज ऊर्जा घटती है। स्थितिज ऊर्जा बल के प्रकार पर निर्भर करती है, कुल ऊर्जा में परिवर्तन ऊर्जा संरक्षण से संबंधित है, और गति में परिवर्तन बल से संबंधित है, न कि सीधे कार्य से।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  19. एक विद्युत पंखा (electric fan) किस प्रकार की ऊर्जा रूपांतरण (energy conversion) का उदाहरण है?

    • (a) रासायनिक ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा
    • (b) विद्युत ऊर्जा से यांत्रिक ऊर्जा
    • (c) यांत्रिक ऊर्जा से ध्वनि ऊर्जा
    • (d) ऊष्मीय ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत पंखे में एक विद्युत मोटर होती है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा (घूमने वाली गति) में परिवर्तित करती है।

    व्याख्या (Explanation): विद्युत पंखा विद्युत आपूर्ति से विद्युत ऊर्जा लेता है और इसे मोटर में चलाता है, जिससे पंखे के ब्लेड घूमते हैं। यह घूर्णन गति यांत्रिक ऊर्जा है। रासायनिक ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा बैटरी में होती है, यांत्रिक से ध्वनि ऊर्जा पंखे के चलने पर भी होती है लेकिन मुख्य रूपांतरण विद्युत से यांत्रिक है, और ऊष्मीय ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा थर्मोकपल जैसे उपकरणों में होती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  20. ध्वनि तरंगें (sound waves) किस प्रकार की तरंगें हैं?

    • (a) अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse Waves)
    • (b) अनुदैर्ध्य तरंगें (Longitudinal Waves)
    • (c) विद्युत चुम्बकीय तरंगें (Electromagnetic Waves)
    • (d) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अनुदैर्ध्य तरंगों में, कणों का कंपन तरंग के संचरण की दिशा के समानांतर होता है। ध्वनि तरंगें माध्यम (जैसे हवा) में संपीड़न (compression) और विरलन (rarefaction) के रूप में फैलती हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश जैसी विद्युत चुम्बकीय तरंगें अनुप्रस्थ होती हैं, जहाँ कणों का कंपन तरंग के संचरण की दिशा के लंबवत होता है। पानी की सतह पर लहरें अनुप्रस्थ होती हैं। ध्वनि तरंगों में, हवा के अणु अपनी जगह पर आगे-पीछे कंपन करते हैं, जो ध्वनि के आगे बढ़ने की दिशा के समानांतर होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. अंतरिक्ष में तारों का टिमटिमाना (twinkling of stars) किस भौतिक घटना के कारण होता है?

    • (a) वायुमंडलीय अपवर्तन (Atmospheric Refraction)
    • (b) प्रकाश का प्रकीर्णन (Scattering of Light)
    • (c) प्रकाश का व्यतिकरण (Interference of Light)
    • (d) प्रकाश का विवर्तन (Diffraction of Light)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जब प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरता है, तो यह विभिन्न घनत्व वाली हवा की परतों से गुजरता है। इससे प्रकाश की दिशा बदल जाती है, जिसे अपवर्तन कहते हैं।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी का वायुमंडल एक समांगी माध्यम नहीं है; इसमें तापमान और घनत्व में भिन्नता होती है। जब तारों से आने वाला प्रकाश इन परतों से गुजरता है, तो वह लगातार थोड़ा-थोड़ा मुड़ता रहता है (अपवर्तित होता रहता है)। यह लगातार और अनियमित अपवर्तन प्रकाश को विभिन्न दिशाओं में बिखेरता है, जिससे हमें तारे टिमटिमाते हुए दिखाई देते हैं। प्रकीर्णन (जैसे नीले आकाश का रंग) कणों से प्रकाश के इंटरेक्शन से होता है, व्यतिकरण और विवर्तन तरंगों के ओवरलैप और मुड़ने से संबंधित हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  22. विद्युत धारा (electric current) को मापने के लिए किस उपकरण का उपयोग किया जाता है?

    • (a) वोल्टमीटर (Voltmeter)
    • (b) ओह्ममीटर (Ohmmeter)
    • (c) एमीटर (Ammeter)
    • (d) गैल्वेनोमीटर (Galvanometer)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एमीटर एक ऐसा उपकरण है जिसे विद्युत परिपथ में श्रृंखला (series) में जोड़ा जाता है ताकि उसमें प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा को मापा जा सके।

    व्याख्या (Explanation): वोल्टमीटर का उपयोग विभवांतर (voltage) को मापने के लिए समानांतर (parallel) में किया जाता है। ओह्ममीटर प्रतिरोध (resistance) को मापता है। गैल्वेनोमीटर का उपयोग बहुत छोटी विद्युत धाराओं का पता लगाने या मापने के लिए किया जाता है, जबकि एमीटर अधिक सामान्य रूप से धाराओं को मापने के लिए उपयोग किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  23. मानव शरीर में सबसे बड़ी ग्रंथि (gland) कौन सी है?

    • (a) पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary Gland)
    • (b) थायराइड ग्रंथि (Thyroid Gland)
    • (c) यकृत (Liver)
    • (d) अग्न्याशय (Pancreas)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): यकृत (Liver) मानव शरीर का सबसे बड़ा आंतरिक अंग है और यह एक ग्रंथि के रूप में भी कार्य करता है, क्योंकि यह पित्त (bile) का उत्पादन करता है।

    व्याख्या (Explanation): यकृत का वजन लगभग 1.5 किलोग्राम होता है, जो इसे मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि बनाता है। पिट्यूटरी ग्रंथि छोटी होती है और मस्तिष्क के आधार पर स्थित होती है। थायराइड ग्रंथि गर्दन में स्थित होती है। अग्न्याशय पेट के ऊपरी हिस्से में स्थित एक ग्रंथि है, लेकिन यकृत से छोटी होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  24. मानव रक्त में ऑक्सीजन का परिवहन मुख्य रूप से किसके द्वारा किया जाता है?

    • (a) प्लाज्मा (Plasma)
    • (b) लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells – Erythrocytes)
    • (c) श्वेत रक्त कोशिकाएं (White Blood Cells – Leukocytes)
    • (d) प्लेटलेट्स (Platelets – Thrombocytes)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) नामक एक प्रोटीन होता है, जो फेफड़ों में ऑक्सीजन के साथ बंध जाता है और पूरे शरीर में ऊतकों तक पहुंचाता है।

    व्याख्या (Explanation): हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं की मात्रा का लगभग 90% बनाता है। यह ऑक्सीजन को कुशलतापूर्वक पकड़ता है और छोड़ता है। प्लाज्मा रक्त का तरल घटक है और ऑक्सीजन को बहुत कम मात्रा में घोलकर ले जाता है। श्वेत रक्त कोशिकाएं प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं, और प्लेटलेट्स रक्त के थक्के जमने में मदद करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  25. पौधों में गैसों के आदान-प्रदान (gas exchange) के लिए जिम्मेदार सूक्ष्म छिद्र (microscopic pores) क्या कहलाते हैं?

    • (a) जाइलम (Xylem)
    • (b) फ्लोएम (Phloem)
    • (c) रंध्र (Stomata)
    • (d) क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रंध्र (Stomata) पत्तियों की सतह पर स्थित छोटे छिद्र होते हैं, जो गैसों (जैसे CO2 और O2) के आदान-प्रदान और वाष्पोत्सर्जन (transpiration) को नियंत्रित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रत्येक रंध्र दो रक्षक कोशिकाओं (guard cells) से घिरा होता है जो छिद्र के खुलने और बंद होने को नियंत्रित करती हैं। जाइलम और फ्लोएम संवहन ऊतक (vascular tissues) हैं जो पानी और पोषक तत्वों के परिवहन के लिए जिम्मेदार हैं। क्लोरोप्लास्ट प्रकाश संश्लेषण के लिए जिम्मेदार कोशिकांग हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  26. प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) की प्रक्रिया के दौरान, पौधे किस गैस को अवशोषित करते हैं और किस गैस को छोड़ते हैं?

    • (a) अवशोषित: ऑक्सीजन, छोड़ते: कार्बन डाइऑक्साइड
    • (b) अवशोषित: कार्बन डाइऑक्साइड, छोड़ते: ऑक्सीजन
    • (c) अवशोषित: नाइट्रोजन, छोड़ते: ऑक्सीजन
    • (d) अवशोषित: ऑक्सीजन, छोड़ते: नाइट्रोजन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज (एक शर्करा) और ऑक्सीजन में परिवर्तित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण का समग्र समीकरण है: 6CO2 + 6H2O + प्रकाश ऊर्जा → C6H12O6 + 6O2। इस प्रकार, पौधे कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं। यह श्वसन के विपरीत है, जिसमें पौधे ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  27. मानव पाचन तंत्र में, भोजन का सबसे लंबा अवशोषण (absorption) कहाँ होता है?

    • (a) पेट (Stomach)
    • (b) छोटी आंत (Small Intestine)
    • (c) बड़ी आंत (Large Intestine)
    • (d) ग्रासनली (Esophagus)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): छोटी आंत, अपने लंबे आकार और विली (villi) और माइक्रोविली (microvilli) जैसी सतह क्षेत्र को बढ़ाने वाली संरचनाओं के कारण, पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए मुख्य स्थल है।

    व्याख्या (Explanation): छोटी आंत लगभग 6-7 मीटर लंबी होती है और अधिकांश कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन और खनिज यहीं अवशोषित होते हैं। पेट में भोजन का आंशिक पाचन होता है (विशेषकर प्रोटीन का), लेकिन अवशोषण कम होता है (जैसे कुछ दवाएं और शराब)। बड़ी आंत मुख्य रूप से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स को अवशोषित करती है। ग्रासनली केवल भोजन को पेट तक ले जाती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  28. मानव शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) का निर्माण कहाँ होता है?

    • (a) हृदय (Heart)
    • (b) फेफड़े (Lungs)
    • (c) अस्थि मज्जा (Bone Marrow)
    • (d) प्लीहा (Spleen)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अस्थि मज्जा (Bone Marrow) मानव शरीर में रक्त कोशिकाओं (जैसे लाल रक्त कोशिकाएं, श्वेत रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट्स) के उत्पादन का प्राथमिक स्थल है।

    व्याख्या (Explanation): लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन, जिसे एरिथ्रोपोएसिस (erythropoiesis) कहते हैं, लंबी हड्डियों के अस्थि मज्जा में होता है। प्लीहा (Spleen) पुरानी लाल रक्त कोशिकाओं को हटाने का कार्य करता है और भ्रूण अवस्था में रक्त कोशिकाओं का उत्पादन कर सकता है, लेकिन वयस्कों में यह मुख्य उत्पादन स्थल नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

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