सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: अपनी तैयारी को परखें
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सामान्य विज्ञान का गहन अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह खंड आपकी भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान की मूलभूत समझ का परीक्षण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन MCQs का अभ्यास करके, आप न केवल अपने ज्ञान को मजबूत करेंगे, बल्कि परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के पैटर्न को भी समझेंगे। तो चलिए, अपनी विज्ञान की यात्रा को और भी सशक्त बनाते हैं!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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निम्नलिखित में से कौन सी प्रक्रिया अमोनिया को पानी से निकालने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करती है?
- (a) प्रकाश संश्लेषण
- (b) फोटोकैटलिसिस
- (c) वाष्पीकरण
- (d) आसवन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फोटोकैटलिसिस एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक उत्प्रेरक (catalyst) प्रकाश की उपस्थिति में रासायनिक प्रतिक्रिया को तेज करता है। सौर ऊर्जा का उपयोग करके, कुछ फोटोकैटेलिस्ट अपशिष्ट जल से अमोनिया जैसे यौगिकों को अलग करने या परिवर्तित करने में मदद कर सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा का उपयोग करके अमोनिया निष्कर्षण के लिए विकसित उपकरण अक्सर फोटोकैटलिटिक गुणों का लाभ उठाते हैं। प्रकाश-सक्रिय सामग्री (photoactive materials) सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करती है और रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करती है जो अमोनिया को पकड़ने या अलग करने में मदद करती हैं। प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) पौधों में होता है, वाष्पीकरण (evaporation) केवल पानी को गैस में बदलता है, और आसवन (distillation) एक तरल मिश्रण को उसके क्वथनांक के आधार पर अलग करता है, न कि सीधे अमोनिया निष्कर्षण के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करके।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर ऊर्जा का उपयोग करके अमोनिया निष्कर्षण में शामिल प्राथमिक भौतिकी सिद्धांत क्या है?
- (a) प्रकाश विद्युत प्रभाव
- (b) ऊष्मागतिकी
- (c) नाभिकीय संलयन
- (d) विद्युत चुम्बकीय प्रेरण
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश विद्युत प्रभाव (photoelectric effect) वह घटना है जब प्रकाश (फोटॉन) किसी सामग्री पर पड़ता है और इलेक्ट्रॉनों को उत्सर्जित करता है। सौर उपकरणों में, यह प्रभाव अक्सर फोटोकैटलिस्ट को सक्रिय करने के लिए ऊर्जा प्रदान करता है।
व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों में, सूर्य के प्रकाश से प्राप्त फोटोन फोटोकैटेलिटिक सामग्री के साथ इंटरैक्ट करते हैं। यह इंटरैक्शन प्रकाश विद्युत प्रभाव के माध्यम से हो सकता है, जहां फोटॉन सामग्री द्वारा अवशोषित होते हैं, जिससे इलेक्ट्रॉन उत्तेजित होते हैं और रासायनिक प्रतिक्रियाएं शुरू होती हैं जो अमोनिया को अलग करने में मदद करती हैं। ऊष्मागतिकी (thermodynamics) ऊर्जा के परिवर्तन का अध्ययन करती है, नाभिकीय संलयन (nuclear fusion) परमाणु नाभिकों के संयोजन से संबंधित है, और विद्युत चुम्बकीय प्रेरण (electromagnetic induction) चुंबकीय क्षेत्रों में परिवर्तन के कारण विद्युत धारा उत्पन्न करने से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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अमोनिया (NH₃) के निर्माण में कौन से तत्व शामिल होते हैं?
- (a) कार्बन और हाइड्रोजन
- (b) नाइट्रोजन और ऑक्सीजन
- (c) नाइट्रोजन और हाइड्रोजन
- (d) कार्बन और नाइट्रोजन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया एक रासायनिक यौगिक है जिसका सूत्र NH₃ है। इसका मतलब है कि इसके अणु में एक नाइट्रोजन (N) परमाणु और तीन हाइड्रोजन (H) परमाणु होते हैं।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया का रासायनिक सूत्र NH₃ है, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि यह नाइट्रोजन और हाइड्रोजन तत्वों से बना है। कार्बन (Carbon) और ऑक्सीजन (Oxygen) अमोनिया के निर्माण में शामिल नहीं होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया को निकालने के लिए उपयोग किए जाने वाले सौर उपकरण मुख्य रूप से किस प्रकार के रसायन विज्ञान का उपयोग करते हैं?
- (a) कार्बनिक रसायन विज्ञान
- (b) अकार्बनिक रसायन विज्ञान
- (c) भौतिक रसायन विज्ञान (विशेषकर सतह रसायन विज्ञान)
- (d) जैव रसायन विज्ञान
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर ऊर्जा से अमोनिया निष्कर्षण में अक्सर सतह रसायन विज्ञान (surface chemistry) और फोटोकैटलिसिस (photocatalysis) शामिल होते हैं, जो भौतिक रसायन विज्ञान (physical chemistry) की शाखाएँ हैं। ये प्रक्रियाएँ सामग्री की सतह पर होती हैं और प्रकाश की उपस्थिति में रासायनिक प्रतिक्रियाओं का अध्ययन करती हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा का उपयोग करके अमोनिया निष्कर्षण में, विशेष रूप से डिज़ाइन की गई सामग्री (जैसे टाइटेनियम डाइऑक्साइड) का उपयोग सतहों पर प्रतिक्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। फोटोकैटलिस्ट सामग्री की सतह पर प्रकाश को अवशोषित करते हैं और अमोनिया को अलग करने या परिवर्तित करने वाली प्रतिक्रियाओं को शुरू करते हैं। यह मुख्य रूप से भौतिक रसायन विज्ञान के क्षेत्र में आता है। कार्बनिक रसायन विज्ञान (organic chemistry) कार्बन-आधारित यौगिकों का अध्ययन करता है, अकार्बनिक रसायन विज्ञान (inorganic chemistry) गैर-कार्बन यौगिकों का, और जैव रसायन विज्ञान (biochemistry) जीवित जीवों में होने वाली रासायनिक प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जब अमोनिया (NH₃) पानी (H₂O) में घुलता है, तो यह किस आयन का निर्माण कर सकता है?
- (a) हाइड्रोक्साइड आयन (OH⁻)
- (b) अमोनियम आयन (NH₄⁺)
- (c) हाइड्रोनियम आयन (H₃O⁺)
- (d) क्लोराइड आयन (Cl⁻)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया एक क्षार (base) के रूप में कार्य करता है। जब इसे पानी में घोला जाता है, तो यह पानी से एक प्रोटॉन (H⁺) स्वीकार करता है और अमोनियम आयन (NH₄⁺) बनाता है, जबकि पानी हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) में परिवर्तित हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH₃) पानी (H₂O) में घुलने पर एक कमजोर क्षार के रूप में व्यवहार करता है। प्रतिक्रिया इस प्रकार है: NH₃ + H₂O ⇌ NH₄⁺ + OH⁻। इस प्रकार, यह अमोनियम आयन (NH₄⁺) और हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) बनाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर ऊर्जा से संचालित अमोनिया निष्कर्षण उपकरणों में किस प्रकार के अर्धचालक (semiconductor) सामग्री का उपयोग किया जा सकता है?
- (a) सिलिकॉन (Silicon)
- (b) जर्मेनियम (Germanium)
- (c) टाइटेनियम डाइऑक्साइड (Titanium Dioxide – TiO₂)
- (d) कैडमियम सल्फाइड (Cadmium Sulfide – CdS)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO₂) एक प्रसिद्ध फोटोकैटलिस्ट है। यह दृश्यमान और पराबैंगनी प्रकाश को अवशोषित करने की क्षमता रखता है, जो इसे फोटोकैटलिसिस के लिए एक उत्कृष्ट सामग्री बनाता है, जिसका उपयोग अमोनिया जैसे यौगिकों को निकालने या नष्ट करने के लिए किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): TiO₂ को अक्सर फोटोकैटलिटिक अनुप्रयोगों में उपयोग किया जाता है क्योंकि यह सस्ता, गैर-विषाक्त है, और प्रकाश के संपर्क में आने पर उच्च फोटोकैटलिटिक गतिविधि दिखाता है। अमोनिया निष्कर्षण के संदर्भ में, इसे अमोनिया को सोखने (adsorb) या विघटित करने के लिए डिज़ाइन किए गए उपकरणों में शामिल किया जा सकता है। सिलिकॉन और जर्मेनियम मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग किए जाते हैं, और कैडमियम सल्फाइड भी फोटोकैटलिसिस में उपयोग किया जा सकता है, लेकिन TiO₂ अधिक सामान्यतः उपयोग किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अपशिष्ट जल में अमोनिया की उपस्थिति से पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) जल निकायों में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ना
- (b) सुपोषण (Eutrophication)
- (c) जल की गुणवत्ता में सुधार
- (d) जलीय जीवन को प्रोत्साहन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सुपोषण (Eutrophication) एक प्रक्रिया है जिसमें पोषक तत्वों (जैसे नाइट्रोजन और फास्फोरस) की अत्यधिक मात्रा जल निकायों में जमा हो जाती है, जिससे शैवाल (algae) की अत्यधिक वृद्धि होती है। जब ये शैवाल मर जाते हैं और विघटित होते हैं, तो वे पानी से ऑक्सीजन का उपभोग करते हैं, जिससे जलीय जीवन के लिए खतरा पैदा होता है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया, नाइट्रोजन का एक रूप होने के कारण, अपशिष्ट जल में एक प्रदूषक है। जब यह जल निकायों में छोड़ा जाता है, तो यह पोषक तत्व के रूप में कार्य करता है, जिससे सुपोषण हो सकता है। इससे जलीय पारिस्थितिकी तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जैसे ऑक्सीजन की कमी और जलीय जीवन की हानि।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर अमोनिया निष्कर्षण उपकरण किस सिद्धांत पर काम करते हैं?
- (a) आसवन (Distillation)
- (b) अवशोषण (Adsorption) और फोटोकैटलिसिस (Photocatalysis)
- (c) निष्कर्षण (Extraction)
- (d) आयन विनिमय (Ion Exchange)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ये उपकरण अक्सर एक बहु-चरणीय प्रक्रिया का उपयोग करते हैं जिसमें अमोनिया को एक सोखने वाली सामग्री (adsorbent material) पर सोखना (adsorb) और फिर फोटोकैटलिसिस के माध्यम से उसे अलग करना या परिवर्तित करना शामिल होता है।
व्याख्या (Explanation): कई सौर-आधारित अमोनिया निष्कर्षण विधियों में, एक सोखने वाली सामग्री का उपयोग किया जाता है जो पानी से अमोनिया को पकड़ती है। इसके बाद, प्रकाश (सौर ऊर्जा) का उपयोग करके फोटोकैटलिस्ट सामग्री को सक्रिय किया जाता है। यह सक्रियता या तो अमोनिया को सोखने वाली सामग्री से अलग करने (मुक्त करने) में मदद करती है या इसे अमोनिया से कम हानिकारक पदार्थों में परिवर्तित कर देती है। आसवन, निष्कर्षण और आयन विनिमय भी पृथक्करण तकनीकें हैं, लेकिन सौर अमोनिया निष्कर्षण के लिए फोटोकैटलिसिस प्रमुख तंत्र है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर अमोनिया निष्कर्षण में ‘फोटोकैटलिसिस’ शब्द का क्या अर्थ है?
- (a) प्रकाश का उपयोग करके पानी को तोड़ना
- (b) प्रकाश की उपस्थिति में रासायनिक प्रतिक्रिया को उत्प्रेरित करना
- (c) प्रकाश का उपयोग करके अमोनिया को वाष्पीकृत करना
- (d) प्रकाश का उपयोग करके अमोनिया को अवशोषित करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फोटोकैटलिसिस (Photocatalysis) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक पदार्थ (फोटोकैटलिस्ट) प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करता है और इस ऊर्जा का उपयोग एक रासायनिक प्रतिक्रिया को शुरू करने या तेज करने के लिए करता है।
व्याख्या (Explanation): फोटोकैटलिसिस का सीधा मतलब है कि ‘फोटो’ (प्रकाश) ‘कैटलिसिस’ (उत्प्रेरण) में सहायता करता है। सौर अमोनिया निष्कर्षण में, फोटोकैटेलिस्ट सामग्री सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करती है और फिर अमोनिया को अलग करने या उसका उपचार करने के लिए आवश्यक रासायनिक प्रतिक्रियाओं को चलाती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया के लिए कौन से रंग (wavelengths) सूर्य के प्रकाश के सबसे प्रभावी होते हैं?
- (a) केवल हरा
- (b) नीला और लाल
- (c) केवल नीला
- (d) केवल लाल
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पौधों में क्लोरोफिल नामक वर्णक (pigment) प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करता है। क्लोरोफिल मुख्य रूप से नीले और लाल रंग के प्रकाश को सबसे प्रभावी ढंग से अवशोषित करता है, जबकि हरे रंग के प्रकाश को परावर्तित कर देता है (जो हमें पौधों को हरा दिखाता है)।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण की क्रियाएँ मुख्य रूप से नीले (लगभग 400-450 nm) और लाल (लगभग 650-700 nm) तरंग दैर्ध्य पर होती हैं। हरे रंग का प्रकाश (लगभग 500-550 nm) सबसे कम अवशोषित होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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एक फोटोकैटेलिस्ट के रूप में TiO₂ का उपयोग करने का मुख्य लाभ क्या है?
- (a) यह बहुत महंगा है
- (b) यह विषाक्त है
- (c) यह सस्ता और गैर-विषाक्त है
- (d) यह केवल पराबैंगनी प्रकाश को अवशोषित करता है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO₂) को औद्योगिक और पर्यावरणीय अनुप्रयोगों में इसके फोटोकैटलिटिक गुणों के कारण व्यापक रूप से पसंद किया जाता है। इसके फायदों में इसकी कम लागत, रासायनिक स्थिरता और विषाक्तता की कमी शामिल है।
व्याख्या (Explanation): TiO₂ की कीमत अन्य फोटोकैटेलिस्ट की तुलना में अपेक्षाकृत कम है। यह पर्यावरण के लिए सुरक्षित है और हानिकारक पदार्थों को विघटित करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकता है। हालांकि यह पराबैंगनी (UV) प्रकाश के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील है, लेकिन इसके संशोधित रूप दृश्यमान प्रकाश के प्रति भी सक्रिय हो सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सूर्य से आने वाली ऊर्जा का वह रूप कौन सा है जो सौर उपकरणों द्वारा सबसे अधिक उपयोग किया जाता है?
- (a) विद्युत ऊर्जा
- (b) ऊष्मा ऊर्जा (Infrared radiation)
- (c) प्रकाश ऊर्जा (Visible light and UV radiation)
- (d) रेडियो तरंगें
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर फोटोकैटलिसिस और फोटोवोल्टाइक (photovoltaic) प्रभाव जैसे सौर ऊर्जा अनुप्रयोग प्रकाश ऊर्जा पर निर्भर करते हैं। यह प्रकाश ऊर्जा, जिसे फोटॉन के रूप में माना जाता है, सामग्री के साथ इंटरैक्ट करके रासायनिक या विद्युत प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करती है।
व्याख्या (Explanation): सौर उपकरण, विशेष रूप से वे जो फोटोकैटलिसिस का उपयोग करते हैं, सूर्य के प्रकाश में मौजूद फोटोन का उपयोग करते हैं। दृश्यमान प्रकाश और पराबैंगनी (UV) विकिरण वह ऊर्जा है जो फोटोकैटलिस्ट को सक्रिय करने के लिए आवश्यक है। जबकि सौर ऊर्जा में ऊष्मा (अवरक्त विकिरण) भी शामिल है, फोटोकैटलिटिक प्रक्रियाएँ मुख्य रूप से प्रकाश ऊर्जा पर निर्भर करती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अमोनिया (NH₃) का आणविक द्रव्यमान (molecular mass) लगभग कितना होता है?
- (a) 14 g/mol
- (b) 17 g/mol
- (c) 18 g/mol
- (d) 35.5 g/mol
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया (NH₃) का आणविक द्रव्यमान नाइट्रोजन (N) और हाइड्रोजन (H) के परमाणु द्रव्यमान का योग होता है। नाइट्रोजन का परमाणु द्रव्यमान लगभग 14.01 u है और हाइड्रोजन का परमाणु द्रव्यमान लगभग 1.01 u है।
व्याख्या (Explanation): NH₃ का आणविक द्रव्यमान = (1 × N का परमाणु द्रव्यमान) + (3 × H का परमाणु द्रव्यमान) = (1 × 14.01) + (3 × 1.01) ≈ 14.01 + 3.03 = 17.04 u (या g/mol)।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर अमोनिया निष्कर्षण के लिए विकसित उपकरणों में ‘सौर तापीय (solar thermal)’ उपयोग किस प्रकार भिन्न होता है?
- (a) यह प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करता है
- (b) यह सीधे गर्मी उत्पन्न करता है
- (c) यह रासायनिक प्रतिक्रियाओं को सीधे शुरू करता है
- (d) यह आयनों का निर्माण करता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर तापीय (solar thermal) उपकरण सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा को मुख्य रूप से गर्मी (ऊष्मा) में परिवर्तित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिसका उपयोग जल तापन या बिजली उत्पादन के लिए किया जा सकता है। यह फोटोकैटलिटिक अनुप्रयोगों से भिन्न है जो प्रकाश ऊर्जा का उपयोग रासायनिक प्रतिक्रियाओं को चलाने के लिए करते हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर तापीय प्रणाली सूर्य की गर्मी को अवशोषित करती है। इसके विपरीत, सौर अमोनिया निष्कर्षण में फोटोकैटलिसिस का उपयोग प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक प्रतिक्रियाओं में बदलने के लिए किया जाता है, न कि सीधे गर्मी उत्पन्न करने के लिए, हालांकि गर्मी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पौधों में, जड़ों द्वारा मिट्टी से पानी का अवशोषण मुख्य रूप से किस प्रक्रिया द्वारा होता है?
- (a) परासरण (Osmosis)
- (b) विसरण (Diffusion)
- (c) वाष्पोत्सर्जन (Transpiration)
- (d) निषेचन (Fertilization)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परासरण (Osmosis) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पानी एक अर्धपारगम्य झिल्ली (semipermeable membrane) के पार उच्च जल सांद्रता वाले क्षेत्र से निम्न जल सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर जाता है। पौधों की जड़ों में, मिट्टी के पानी की सांद्रता (विलेय की कम सांद्रता) जड़ की कोशिकाओं के अंदर की तुलना में अधिक होती है, जिससे पानी जड़ों में प्रवेश करता है।
व्याख्या (Explanation): जड़ की कोशिका भित्ति पारगम्य होती है, लेकिन कोशिका झिल्ली अर्धपारगम्य होती है। मिट्टी में पानी की सांद्रता (कम घुले हुए पदार्थ) जड़ की कोशिकाओं के साइटोप्लाज्म की तुलना में अधिक होती है, जिसके परिणामस्वरूप परासरण द्वारा पानी जड़ों में प्रवेश करता है। विसरण (diffusion) कणों की उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर गति है, वाष्पोत्सर्जन (transpiration) पत्तियों से पानी का वाष्पीकरण है, और निषेचन (fertilization) प्रजनन से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रकाश संश्लेषण के दौरान, पौधे कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और जल (H₂O) का उपयोग करके क्या बनाते हैं?
- (a) ऑक्सीजन और नाइट्रोजन
- (b) ग्लूकोज (C₆H₁₂O₆) और ऑक्सीजन (O₂)
- (c) कार्बन मोनोऑक्साइड और पानी
- (d) स्टार्च और कार्बन डाइऑक्साइड
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से पोषक तत्व (जैसे ग्लूकोज) बनाते हैं, और उप-उत्पाद के रूप में ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण की सामान्य प्रतिक्रिया है: 6CO₂ + 6H₂O + प्रकाश ऊर्जा → C₆H₁₂O₆ (ग्लूकोज) + 6O₂। इस प्रकार, पौधे ग्लूकोज (एक शर्करा) और ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पादप कोशिका में वह अंगक (organelle) कौन सा है जहाँ प्रकाश संश्लेषण होता है?
- (a) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondrion)
- (b) राइबोसोम (Ribosome)
- (c) क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast)
- (d) नाभिक (Nucleus)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) हरे रंग के वर्णक क्लोरोफिल से भरपूर कोशिकांग होते हैं, और ये प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के लिए प्राथमिक स्थल हैं।
व्याख्या (Explanation): क्लोरोप्लास्ट में ही प्रकाश संश्लेषण की अभिक्रियाएँ होती हैं, जहाँ प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। माइटोकॉन्ड्रिया श्वसन में शामिल होते हैं, राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण में, और नाभिक आनुवंशिक सामग्री को धारण करता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मनुष्य में, श्वसन (Respiration) के दौरान कौन सी गैसें छोड़ी जाती हैं?
- (a) ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड
- (b) केवल कार्बन डाइऑक्साइड
- (c) ऑक्सीजन और नाइट्रोजन
- (d) केवल ऑक्सीजन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) एक चयापचय प्रक्रिया है जो भोजन (जैसे ग्लूकोज) को तोड़कर कोशिकाओं के लिए ऊर्जा (ATP) उत्पन्न करती है। इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन का उपभोग होता है और कार्बन डाइऑक्साइड उप-उत्पाद के रूप में उत्पन्न होती है।
व्याख्या (Explanation): मनुष्य और अन्य जीव श्वसन के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) को छोड़ते हैं, जो ऊर्जा उत्पादन का एक उप-उत्पाद है। सांस लेने के दौरान ऑक्सीजन (O₂) अंदर ली जाती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) का मुख्य कार्य क्या है?
- (a) पोषक तत्वों का परिवहन
- (b) ऑक्सीजन का परिवहन
- (c) अपशिष्ट उत्पादों को हटाना
- (d) प्रतिरक्षा प्रदान करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): लाल रक्त कोशिकाएं, जिन्हें एरिथ्रोसाइट्स (erythrocytes) भी कहा जाता है, रक्त का एक महत्वपूर्ण घटक हैं और इनमें हीमोग्लोबिन होता है, जो फेफड़ों से शरीर के ऊतकों तक ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार होता है।
व्याख्या (Explanation): लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद हीमोग्लोबिन फेफड़ों में ऑक्सीजन के साथ मिलकर ऑक्सीहीमोग्लोबिन बनाता है और फिर ऊतकों में ऑक्सीजन छोड़ देता है। वे कार्बन डाइऑक्साइड को भी ऊतकों से फेफड़ों तक ले जाने में कुछ भूमिका निभाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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शरीर में भोजन को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?
- (a) उत्सर्जन (Excretion)
- (b) पाचन (Digestion)
- (c) श्वसन (Respiration)
- (d) परिसंचरण (Circulation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) वह जैविक प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव भोजन से प्राप्त रासायनिक ऊर्जा को एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) नामक ऊर्जा के प्रयोग करने योग्य रूप में परिवर्तित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): पाचन भोजन को छोटे अणुओं में तोड़ने की प्रक्रिया है। श्वसन भोजन (विशेष रूप से ग्लूकोज) को ऑक्सीजन का उपयोग करके ऊर्जा उत्पन्न करने की प्रक्रिया है। उत्सर्जन अपशिष्ट उत्पादों को शरीर से बाहर निकालने की प्रक्रिया है, और परिसंचरण रक्त और अन्य पदार्थों के शरीर में परिवहन से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वनस्पति तेलों को वनस्पति घी (Vanaspati Ghee) में बदलने के लिए किस रासायनिक प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है?
- (a) ऑक्सीकरण (Oxidation)
- (b) हाइड्रोजनीकरण (Hydrogenation)
- (c) अपचयन (Reduction)
- (d) एस्टरीकरण (Esterification)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हाइड्रोजनीकरण (Hydrogenation) एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें एक असंतृप्त कार्बनिक यौगिक में हाइड्रोजन जोड़ा जाता है, आमतौर पर एक उत्प्रेरक (जैसे निकेल) की उपस्थिति में। वनस्पति तेलों में मौजूद असंतृप्त वसा को संतृप्त वसा में बदलने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): वनस्पति तेल द्रव होते हैं क्योंकि उनमें लंबी असंतृप्त फैटी एसिड श्रृंखलाएँ होती हैं। हाइड्रोजनीकरण द्वारा, इन असंतृप्त बंधनों में हाइड्रोजन जोड़कर उन्हें संतृप्त वसा में बदला जाता है, जिससे उत्पाद का गलनांक बढ़ जाता है और वह अर्ध-ठोस (घी) बन जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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रसायन विज्ञान में, ‘उत्प्रेरक’ (Catalyst) क्या करता है?
- (a) प्रतिक्रिया को धीमा कर देता है
- (b) प्रतिक्रिया को तेज कर देता है
- (c) प्रतिक्रिया को रोकता है
- (d) प्रतिक्रिया में स्वयं भाग लेता है और समाप्त हो जाता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एक उत्प्रेरक (catalyst) एक पदार्थ है जो रासायनिक प्रतिक्रिया में भाग लेता है लेकिन प्रतिक्रिया के अंत में अपरिवर्तित रहता है। यह प्रतिक्रिया की सक्रियण ऊर्जा (activation energy) को कम करके प्रतिक्रिया की दर को बढ़ाता है।
व्याख्या (Explanation): उत्प्रेरक प्रतिक्रिया को तेज करते हैं, न कि धीमा या रोकते हैं। वे प्रतिक्रिया के दौरान खपत नहीं होते हैं। सौर अमोनिया निष्कर्षण में TiO₂ एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हाइड्रोजन (H₂) एक ___________ अणु है।
- (a) आयनिक (Ionic)
- (b) सहसंयोजक (Covalent)
- (c) धात्विक (Metallic)
- (d) ध्रुवीय (Polar)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन (Covalent bond) तब बनता है जब दो परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं। हाइड्रोजन अणु (H₂) में, दो हाइड्रोजन परमाणु एक सहसंयोजक बंधन द्वारा जुड़े होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हाइड्रोजन के दो परमाणु एक-दूसरे के साथ एक इलेक्ट्रॉन साझा करते हैं, जिससे एक H-H सहसंयोजक बंधन बनता है। आयनिक बंधन इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण से बनते हैं, धात्विक बंधन धातुओं में पाए जाते हैं, और ध्रुवीय बंधन विभिन्न विद्युतऋणात्मकता (electronegativity) वाले परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों के असमान साझाकरण से बनते हैं। H₂ अणु में, दोनों परमाणु समान होते हैं, इसलिए बंधन अध्रुवीय (non-polar) सहसंयोजक होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अपशिष्ट जल में अमोनिया का परीक्षण करने के लिए किस प्रकार की रासायनिक विधि का उपयोग किया जा सकता है?
- (a) टाइट्रेशन (Titration)
- (b) स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री (Spectrophotometry)
- (c) इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री (Electrochemistry)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया की सांद्रता को मापने के लिए कई विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है, जिसमें टाइट्रेशन, स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री और इलेक्ट्रोकेमिकल विधियां शामिल हैं।
व्याख्या (Explanation): टाइट्रेशन का उपयोग अमोनिया की मात्रा निर्धारित करने के लिए किया जा सकता है। स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री (जैसे Nesslerization विधि) रंग की तीव्रता को मापकर अमोनिया का पता लगा सकती है। आयन-चयनात्मक इलेक्ट्रोड (Ion-selective electrodes) का उपयोग करके इलेक्ट्रोकेमिकल विधियां भी अमोनिया की सांद्रता को माप सकती हैं। इसलिए, सभी विधियां प्रासंगिक हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जीव विज्ञान में ‘सहजीवन’ (Symbiosis) का क्या अर्थ है?
- (a) दो प्रजातियों के बीच प्रतिस्पर्धा
- (b) एक प्रजाति का दूसरी प्रजाति द्वारा शिकार
- (c) दो अलग-अलग प्रजातियों के जीवों का एक साथ रहना, जो उनके संबंध में एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं
- (d) एक प्रजाति का दूसरी प्रजाति द्वारा परजीवीवाद
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहजीवन (Symbiosis) जीव विज्ञान में विभिन्न प्रजातियों के जीवों के बीच घनिष्ठ और दीर्घकालिक जैविक अंतःक्रिया का वर्णन करता है।
व्याख्या (Explanation): सहजीवन में विभिन्न प्रकार के संबंध शामिल हो सकते हैं, जैसे पारस्परिक (mutualism), सहभोजी (commensalism) और परजीवी (parasitism), जहाँ दोनों जीव एक साथ रहते हैं और एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। प्रतिस्पर्धा, शिकार और परजीवीवाद सहजीवन के विशिष्ट प्रकार हैं, लेकिन सहजीवन एक व्यापक शब्द है जो सभी को शामिल करता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।