सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: अपनी तैयारी को परखें
परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की मजबूत समझ अत्यंत आवश्यक है। चाहे आप SSC, रेलवे, या राज्य PSC परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हों, विज्ञान के विभिन्न पहलुओं की जानकारी आपकी मेरिट सूची में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस अभ्यास सत्र में, हम विभिन्न विषयों से 25 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आपकी तैयारी को परखने और ज्ञान को गहरा करने में सहायक होंगे। प्रत्येक प्रश्न के साथ एक विस्तृत हल और वैज्ञानिक स्पष्टीकरण भी दिया गया है ताकि आप अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझ सकें।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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सौर ऊर्जा का उपयोग करके अपशिष्ट जल से अमोनिया निकालने की प्रक्रिया में, निम्न में से कौन सा भौतिक सिद्धांत प्रमुख रूप से शामिल होता है?
- (a) अवशोषण (Adsorption)
- (b) वाष्पीकरण (Evaporation)
- (c) ऊष्मीय विकिरण (Thermal Radiation)
- (d) परावर्तन (Reflection)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर उपकरण सूर्य से ऊष्मीय विकिरण (thermal radiation) को अवशोषित करते हैं, जिसे बाद में प्रक्रिया के लिए उपयोग किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): सौर उपकरण सूर्य की प्रकाश ऊर्जा को ऊष्मा में परिवर्तित करते हैं। इस ऊष्मा का उपयोग अपशिष्ट जल को गर्म करने और अमोनिया को वाष्पशील बनाने के लिए किया जाता है, जिससे इसे पानी से अलग करना आसान हो जाता है। ऊष्मीय विकिरण वह ऊर्जा है जो सूर्य से पृथ्वी तक पहुँचती है। अवशोषण, वाष्पीकरण और परावर्तन सहायक प्रक्रियाएं हो सकती हैं, लेकिन प्राथमिक ऊर्जा स्रोत ऊष्मीय विकिरण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया निष्कर्षण के लिए उपयोग किए जाने वाले सौर उपकरण में, प्रकाश को ऊष्मा में परिवर्तित करने के लिए अक्सर कौन सी सामग्री का उपयोग किया जाता है?
- (a) एल्यूमीनियम ऑक्साइड
- (b) सिलिकॉन डाइऑक्साइड
- (c) काला तांबा (Black Copper)
- (d) सफेद पॉलीप्रोपाइलीन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): गहरे रंग की सतहें, विशेष रूप से काली सतहें, प्रकाश को अवशोषित करने में अधिक कुशल होती हैं और उन्हें ऊष्मा में परिवर्तित करती हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा अवशोषक (solar energy absorbers) अक्सर उच्च अवशोषण गुणों वाली सामग्री से बनाए जाते हैं। काले रंग की सामग्री दृश्यमान और अवरक्त स्पेक्ट्रम में सूर्य के प्रकाश को प्रभावी ढंग से अवशोषित करती है, जिससे तापमान बढ़ता है। काला तांबा या काले रंग से लेपित सतहें इस उद्देश्य के लिए आमतौर पर उपयोग की जाती हैं। एल्यूमीनियम ऑक्साइड और सिलिकॉन डाइऑक्साइड इन्सुलेटर के रूप में काम कर सकते हैं, जबकि पॉलीप्रोपाइलीन प्रकाश को परावर्तित कर सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अमोनिया (NH₃) का आणविक सूत्र है। अमोनिया अणु में कितने सहसंयोजक बंधन (covalent bonds) होते हैं?
- (a) 1
- (b) 2
- (c) 3
- (d) 4
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से बनते हैं। अमोनिया अणु में, नाइट्रोजन परमाणु अपने बाहरी कोश के तीन इलेक्ट्रॉनों को तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के प्रत्येक के एक इलेक्ट्रॉन के साथ साझा करता है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH₃) में, एक नाइट्रोजन परमाणु (N) तीन हाइड्रोजन परमाणुओं (H) से जुड़ा होता है। नाइट्रोजन के बाहरी कोश में 5 इलेक्ट्रॉन होते हैं, और प्रत्येक हाइड्रोजन के बाहरी कोश में 1 इलेक्ट्रॉन होता है। नाइट्रोजन तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के साथ एक-एक इलेक्ट्रॉन साझा करके तीन सहसंयोजक बंधन बनाता है। नाइट्रोजन पर एक एकाकी युग्म (lone pair) भी होता है। इस प्रकार, कुल 3 सहसंयोजक बंधन होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक अपशिष्ट जल में अमोनिया की पहचान और मात्रा निर्धारण के लिए एक अभिकर्मक (reagent) के रूप में प्रयोग किया जा सकता है?
- (a) फेरिक क्लोराइड (FeCl₃)
- (b) Nessler’s reagent
- (c) सल्फ्यूरिक एसिड (H₂SO₄)
- (d) सोडियम क्लोराइड (NaCl)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): Nessler’s reagent (पोटेशियम मरक्यूरिक आयोडाइड, K₂[HgI₄]) अमोनिया की उपस्थिति में एक विशिष्ट पीला या भूरा रंग उत्पन्न करता है, जिसका उपयोग अमोनिया की मात्रा का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): Nessler’s reagent अमोनिया के साथ प्रतिक्रिया करके एक जटिल यौगिक बनाता है जो रंगीन होता है। यह रंग की तीव्रता अमोनिया की सांद्रता के समानुपाती होती है, जिससे इसका उपयोग स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री द्वारा अमोनिया के विश्लेषण में किया जाता है। फेरिक क्लोराइड लोहे के आयनों का स्रोत है, सल्फ्यूरिक एसिड एक मजबूत एसिड है, और सोडियम क्लोराइड एक सामान्य नमक है, ये अमोनिया के विशिष्ट निर्धारण के लिए अभिकर्मक नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अमोनिया का उत्पादन हैबर-बॉश प्रक्रिया (Haber-Bosch process) द्वारा किया जाता है। इस प्रक्रिया में उत्प्रेरक (catalyst) के रूप में मुख्य रूप से किस धातु का उपयोग किया जाता है?
- (a) सोना (Gold)
- (b) प्लैटिनम (Platinum)
- (c) लोहा (Iron)
- (d) चांदी (Silver)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हैबर-बॉश प्रक्रिया नाइट्रोजन और हाइड्रोजन से अमोनिया के संश्लेषण के लिए एक विषम उत्प्रेरक (heterogeneous catalyst) का उपयोग करती है।
व्याख्या (Explanation): हैबर-बॉश प्रक्रिया, जिसमें N₂ + 3H₂ ⇌ 2NH₃ शामिल है, आमतौर पर लोहे (Iron) को मुख्य उत्प्रेरक के रूप में उपयोग करती है, जिसे अक्सर प्रमोटरों (जैसे पोटेशियम ऑक्साइड, एल्यूमीनियम ऑक्साइड) के साथ मिश्रित किया जाता है। यह प्रक्रिया उच्च तापमान (400-450 °C) और उच्च दबाव (150-250 atm) पर की जाती है। सोना, प्लैटिनम और चांदी उत्प्रेरक के रूप में प्रभावी नहीं हैं या इस विशेष प्रतिक्रिया के लिए उपयोग नहीं किए जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाने के लिए सौर उपकरण किस प्रकार की भौतिक प्रक्रिया का उपयोग कर सकता है?
- (a) इलेक्ट्रोडायलिसिस (Electrodialysis)
- (b) सौर आसवन (Solar Distillation)
- (c) झिल्ली निस्पंदन (Membrane Filtration)
- (d) फ्लोटेशन (Flotation)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर आसवन सूर्य की गर्मी का उपयोग करके पानी को वाष्पित करने और फिर संघनित करने की प्रक्रिया है, जिससे अशुद्धियाँ पीछे छूट जाती हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर उपकरणों का उपयोग सौर आसवन के समान सिद्धांत पर काम कर सकता है। अपशिष्ट जल को गर्म किया जाता है, अमोनिया (जो पानी की तुलना में अधिक वाष्पशील होता है) पानी के साथ वाष्पीकृत हो सकता है। वाष्प को फिर ठंडा करके संघनित किया जाता है, जिससे शुद्ध पानी और अमोनिया प्राप्त होता है, या विशिष्ट डिजाइन के आधार पर अमोनिया को अलग से एकत्र किया जाता है। इलेक्ट्रोडायलिसिस, झिल्ली निस्पंदन और फ्लोटेशन अलग-अलग सिद्धांत हैं और सीधे तौर पर सरल सौर उपकरण के मुख्य कार्यप्रणाली का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अमोनिया (NH₃) एक कैसा यौगिक है?
- (a) अम्लीय (Acidic)
- (b) क्षारीय (Basic)
- (c) उदासीन (Neutral)
- (d) उभयधर्मी (Amphoteric)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया पानी में घुलने पर हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) बनाता है, जिससे विलयन क्षारीय हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया पानी के साथ अभिक्रिया करके अमोनियम आयन (NH₄⁺) और हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) बनाता है: NH₃ + H₂O ⇌ NH₄⁺ + OH⁻। हाइड्रॉक्साइड आयनों की उपस्थिति विलयन को क्षारीय बनाती है। इसलिए, अमोनिया एक क्षारीय यौगिक है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सूर्य के प्रकाश से प्राप्त ऊर्जा का कौन सा रूप अमोनिया निष्कर्षण प्रक्रिया को सीधे संचालित करता है?
- (a) प्रकाश-रासायनिक ऊर्जा (Photochemical energy)
- (b) ऊष्मीय ऊर्जा (Thermal energy)
- (c) विद्युत चुम्बकीय विकिरण (Electromagnetic radiation)
- (d) यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical energy)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर उपकरण सूर्य के प्रकाश से प्राप्त विद्युत चुम्बकीय विकिरण को अवशोषित करते हैं और इसे ऊष्मीय ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर उपकरण मुख्य रूप से सूर्य से आने वाले विकिरण (जैसे अवरक्त और दृश्यमान प्रकाश) को अवशोषित करके काम करते हैं। यह अवशोषित ऊर्जा सामग्री के तापमान को बढ़ाती है, जिससे ऊष्मीय ऊर्जा उत्पन्न होती है। इस ऊष्मीय ऊर्जा का उपयोग अपशिष्ट जल को गर्म करने और अमोनिया के निष्कर्षण को सुविधाजनक बनाने के लिए किया जाता है। प्रकाश-रासायनिक ऊर्जा (जैसे प्रकाश संश्लेषण में) और यांत्रिक ऊर्जा (जैसे पवन टरबाइन में) इस प्रक्रिया के मुख्य चालक नहीं हैं। विद्युत चुम्बकीय विकिरण ऊर्जा का मूल रूप है, लेकिन प्रक्रिया में इसका प्रत्यक्ष उपयोग ऊष्मीय ऊर्जा के रूप में होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाने का एक मुख्य पर्यावरणीय लाभ क्या है?
- (a) पानी का खारापन बढ़ाना
- (b) यूट्रोफिकेशन (Eutrophication) को कम करना
- (c) ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाना
- (d) कार्बन फुटप्रिंट को बढ़ाना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया जल निकायों में पोषक तत्व के रूप में कार्य करता है। इसकी अधिकता शैवाल के अत्यधिक विकास (blooms) का कारण बनती है, जो अंततः पानी की गुणवत्ता को खराब करती है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया, नाइट्रेट और फॉस्फेट जैसे पोषक तत्व, जब जल निकायों में छोड़े जाते हैं, तो यूट्रोफिकेशन नामक प्रक्रिया को जन्म देते हैं। इसमें शैवाल और जलीय पौधों का अत्यधिक विकास होता है, जो बाद में सड़कर पानी में ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देते हैं, जिससे मछलियों और अन्य जलीय जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अमोनिया को हटाने से इस प्रक्रिया को रोकने में मदद मिलती है। अमोनिया पानी को खारा नहीं बनाता है, न ही यह सीधे ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाता है, और न ही यह कार्बन फुटप्रिंट बढ़ाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया के निष्कर्षण के लिए सौर उपकरण का डिज़ाइन आमतौर पर किस पर आधारित होता है?
- (a) ऊष्मीय संवहन (Thermal convection)
- (b) ऊर्जा का कुशल अवशोषण और संचय (Efficient absorption and accumulation of energy)
- (c) यांत्रिक कंपन (Mechanical vibration)
- (d) रासायनिक प्रतिक्रिया (Chemical reaction)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर उपकरणों को सूर्य की ऊर्जा को अधिकतम अवशोषित करने और उस ऊर्जा को प्रक्रिया को चलाने के लिए कुशलतापूर्वक उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
व्याख्या (Explanation): सौर उपकरण सूर्य से आने वाली विकिरण को पकड़ने और उसे ऊष्मा में परिवर्तित करने के लिए अनुकूलित होते हैं। इसमें आमतौर पर काले अवशोषक सतहों, इन्सुलेटिंग सामग्री और ऊर्जा को फंसाने के लिए ग्लास कवर का उपयोग शामिल होता है। ऊष्मीय संवहन अमोनिया को निकालने में भूमिका निभा सकता है, लेकिन यह डिजाइन का मुख्य आधार नहीं है। यांत्रिक कंपन या सीधी रासायनिक प्रतिक्रिया प्राथमिक सिद्धांत नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“Simple solar device extracts ammonia from wastewater” शीर्षक में “ammonia” का रासायनिक प्रतीक क्या है?
- (a) N₂O
- (b) NO
- (c) NH₃
- (d) NH₄
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हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया एक यौगिक है जो नाइट्रोजन (N) और हाइड्रोजन (H) से मिलकर बना है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया का रासायनिक सूत्र NH₃ है, जिसका अर्थ है कि इसके एक अणु में एक नाइट्रोजन परमाणु और तीन हाइड्रोजन परमाणु होते हैं। N₂O नाइट्रस ऑक्साइड है, NO नाइट्रिक ऑक्साइड है, और NH₄ अमोनियम आयन (जो अमोनिया से प्राप्त होता है) का प्रतीक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सौर ऊर्जा का उपयोग करके अमोनिया निकालने की प्रक्रिया में, क्या अमोनिया को पानी से अलग करने के लिए एक झिल्ली (membrane) का उपयोग किया जा सकता है?
- (a) हाँ, अमोनिया झिल्लियों से आसानी से गुजर जाता है।
- (b) नहीं, अमोनिया किसी भी झिल्ली से नहीं गुजर सकता।
- (c) हाँ, लेकिन केवल विशेष गैस-पारगम्य झिल्लियों (gas-permeable membranes) द्वारा।
- (d) केवल जब पानी बहुत गर्म हो।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ विशेष रूप से डिज़ाइन की गई झिल्लियाँ (जैसे पॉलीमर-आधारित या सिरेमिक झिल्लियाँ) अमोनिया जैसे गैसों को चुनिंदा रूप से पार करने की अनुमति दे सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): झिल्ली पृथक्करण (membrane separation) एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग विभिन्न घटकों को उनके आकार, चार्ज या पारगम्यता के आधार पर अलग करने के लिए किया जाता है। कुछ झिल्लियाँ, जिन्हें गैस-पारगम्य झिल्लियाँ कहा जाता है, अमोनिया को पानी से कुशलतापूर्वक अलग करने के लिए डिज़ाइन की जा सकती हैं। यह तकनीक अक्सर सौर-चालित अमोनिया निष्कर्षण प्रणालियों में उपयोग की जाती है। सामान्य झिल्लियाँ अमोनिया को आसानी से पार नहीं करने देतीं, और तापमान का प्रभाव झिल्ली की दक्षता को प्रभावित कर सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा भौतिक नियम “तापमान बढ़ने पर गैस का विस्तार” के सिद्धांत पर आधारित है, जो सौर अमोनिया निष्कर्षण में भूमिका निभा सकता है?
- (a) न्यूटन का गति का तीसरा नियम
- (b) चार्ल्स का नियम (Charles’s Law)
- (c) फैराडे का विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का नियम
- (d) बॉयल का नियम (Boyle’s Law)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): चार्ल्स का नियम बताता है कि स्थिर दाब पर, किसी गैस का आयतन उसके निरपेक्ष तापमान के सीधे समानुपाती होता है (V ∝ T)।
व्याख्या (Explanation): जब सौर उपकरण अपशिष्ट जल को गर्म करता है, तो अमोनिया गैस (और पानी की वाष्प) का तापमान बढ़ता है। चार्ल्स के नियम के अनुसार, तापमान में वृद्धि से गैस का आयतन बढ़ेगा (यदि दाब स्थिर रहे)। यह बढ़ा हुआ आयतन अमोनिया को अलग करने या निकालने में मदद कर सकता है, जैसे कि एक संग्राहक कक्ष में। न्यूटन का तीसरा नियम क्रिया-प्रतिक्रिया से संबंधित है, फैराडे का नियम विद्युत चुम्बकीय प्रेरण से, और बॉयल का नियम बताता है कि स्थिर तापमान पर, आयतन दाब के व्युत्क्रमानुपाती होता है (PV = स्थिरांक)।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अपशिष्ट जल उपचार में अमोनिया का सांद्रण (concentration) मापने के लिए आमतौर पर किस इकाई का प्रयोग किया जाता है?
- (a) PPM (Parts Per Million)
- (b) dB (Decibel)
- (c) Kelvin (K)
- (d) Pascal (Pa)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ट्रेस मात्रा में रसायनों या प्रदूषकों की सांद्रता को व्यक्त करने के लिए PPM (Parts Per Million) एक सामान्य इकाई है।
व्याख्या (Explanation): जल उपचार और पर्यावरण निगरानी में, विभिन्न पदार्थों की सांद्रता को अक्सर PPM (लाख भाग) या PPB (अरब भाग) जैसी इकाइयों में व्यक्त किया जाता है। PPM का मतलब प्रति मिलियन भाग है (आमतौर पर प्रति मिलियन भार भाग, जैसे mg/kg, या प्रति मिलियन आयतन भाग, जैसे mg/L)। डेसिबल (dB) ध्वनि की तीव्रता की इकाई है, केल्विन (K) तापमान की एसआई इकाई है, और पास्कल (Pa) दाब की इकाई है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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एक सरल सौर उपकरण में, पानी को वाष्पीकृत करने और अमोनिया को अलग करने के लिए आवश्यक तापमान क्या सीमा हो सकती है?
- (a) 0-20 °C
- (b) 20-50 °C
- (c) 50-100 °C
- (d) 100 °C से ऊपर
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया का क्वथनांक (boiling point) वायुमंडलीय दाब पर लगभग -33 °C होता है, लेकिन पानी के साथ मिश्रित होने पर यह वाष्पीकृत हो जाता है। हालांकि, पानी का वाष्पीकरण 50 °C से ऊपर अधिक कुशल हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): सरल सौर आसवन या वाष्पीकरण प्रणालियों का उद्देश्य पानी को वाष्पीकृत करना है। यद्यपि पानी 100 °C पर उबलता है, लेकिन 50-100 °C की सीमा में भी इसका वाष्पीकरण (evaporation) पर्याप्त दर से होता है, जिससे अमोनिया को भी वाष्प में परिवर्तित किया जा सकता है। सौर उपकरण आमतौर पर 100 °C से नीचे ही काम करते हैं, क्योंकि उच्च तापमान प्राप्त करने के लिए अधिक जटिल डिज़ाइन की आवश्यकता होती है। 0-20 °C की सीमा में वाष्पीकरण बहुत धीमा होगा, और 20-50 °C की सीमा भी कम कुशल हो सकती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अमोनिया (NH₃) के अणु में, नाइट्रोजन परमाणु पर कुल कितने संयोजी इलेक्ट्रॉन (valence electrons) होते हैं?
- (a) 3
- (b) 5
- (c) 7
- (d) 8
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नाइट्रोजन आवर्त सारणी के समूह 15 (नाइट्रोजन समूह) में स्थित है, और इस समूह के तत्वों के बाहरी कोश में 5 संयोजी इलेक्ट्रॉन होते हैं।
व्याख्या (Explanation): नाइट्रोजन (N) एक गैर-धातु तत्व है जिसका परमाणु क्रमांक 7 होता है। इसकी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 5 है। इसका मतलब है कि इसके सबसे बाहरी कोश (n=2) में 5 इलेक्ट्रॉन हैं। इन 5 इलेक्ट्रॉनों का उपयोग सहसंयोजक बंधन बनाने के लिए किया जाता है, जैसे कि अमोनिया (NH₃) में नाइट्रोजन तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के साथ तीन बंधन बनाता है और एक एकाकी युग्म (lone pair) के रूप में दो इलेक्ट्रॉन शेष रहते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाने की प्रक्रिया में, यदि उपकरण को सौर ऊर्जा के बजाय एक विशिष्ट अवशोषण/शोषण (adsorption/absorption) सामग्री पर निर्भर रहने के लिए डिज़ाइन किया गया है, तो निम्न में से कौन सी सामग्री उपयुक्त हो सकती है?
- (a) सिलिका जेल (Silica gel)
- (b) सक्रिय कार्बन (Activated carbon)
- (c) जिओलाइट्स (Zeolites)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सिलिका जेल, सक्रिय कार्बन और जिओलाइट्स तीनों ही अच्छी अधिशोषक (adsorbent) सामग्री हैं और अमोनिया को सोखने की क्षमता रखते हैं।
व्याख्या (Explanation): सिलिका जेल नमी को सोखने के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यह अमोनिया को भी सोख सकता है। सक्रिय कार्बन अपने बड़े सतह क्षेत्र के कारण विभिन्न गैसों और रसायनों के लिए एक उत्कृष्ट अधिशोषक है। जिओलाइट्स, विशेष रूप से उनके छिद्रपूर्ण संरचना के कारण, अमोनिया सहित विभिन्न अणुओं को चुनिंदा रूप से सोखने की क्षमता रखते हैं। इसलिए, ये सभी सामग्रियां सौर ऊर्जा की अनुपस्थिति में या उसके साथ संयोजन में अमोनिया निष्कर्षण के लिए उपयोग की जा सकती हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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अमोनिया (NH₃) की संरचना में, बंध कोण (bond angle) लगभग कितना होता है?
- (a) 90°
- (b) 104.5°
- (c) 109.5°
- (d) 120°
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया अणु में, केंद्रीय नाइट्रोजन परमाणु चार इलेक्ट्रॉन युग्म (तीन बंधन युग्म और एक एकाकी युग्म) के आसपास टेट्राहेड्रल (tetrahedral) रूप से व्यवस्थित होता है। वैलेंस शेल इलेक्ट्रॉन पेअर रिपल्शन (VSEPR) सिद्धांत के अनुसार, एकाकी युग्म के प्रतिकर्षण के कारण बंध कोण थोड़ा कम हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH₃) का मूल आकार टेट्राहेड्रल होता है, जिसमें आदर्श बंध कोण 109.5° होता है। हालाँकि, नाइट्रोजन पर मौजूद एकाकी युग्म (lone pair) बंधन युग्मों (bond pairs) को थोड़ा अधिक प्रतिकर्षित करता है, जिससे H-N-H बंध कोण थोड़ा कम होकर लगभग 107° हो जाता है। फिर भी, दिए गए विकल्पों में 109.5° सबसे निकटतम और सैद्धांतिक रूप से सही मान है क्योंकि यह चतुष्फलकीय ज्यामिति का प्रतिनिधित्व करता है। 104.5° पानी के लिए विशिष्ट है, और 120° त्रिकोणीय समतलीय (trigonal planar) ज्यामिति के लिए।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सौर ऊर्जा का उपयोग करके अमोनिया को वाष्पीकृत करने के बाद, इसे संघनित (condense) करने के लिए किस भौतिक प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है?
- (a) वाष्पीकरण (Evaporation)
- (b) ऊर्ध्वपातन (Sublimation)
- (c) संघनन (Condensation)
- (d) निक्षेपण (Deposition)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): संघनन वह प्रक्रिया है जिसमें गैस या वाष्प अपनी अवस्था बदलकर तरल बन जाती है।
व्याख्या (Explanation): जब सौर ऊर्जा से गर्म किया गया अमोनिया (वाष्प के रूप में) एक ठंडी सतह के संपर्क में आता है, तो यह अपनी गैस अवस्था से तरल अवस्था में बदल जाता है। यह प्रक्रिया संघनन कहलाती है। वाष्पीकरण गैस से तरल में परिवर्तन का उल्टा है (तरल से गैस)। ऊर्ध्वपातन ठोस से सीधे गैस में परिवर्तन है, और निक्षेपण गैस से सीधे ठोस में परिवर्तन है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया निष्कर्षण में, निम्न में से कौन सा एक संभावित ऊर्जा स्रोत हो सकता है यदि वह सौर नहीं है?
- (a) पवन ऊर्जा (Wind energy)
- (b) भू-तापीय ऊर्जा (Geothermal energy)
- (c) बायोमास दहन (Biomass combustion)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया निष्कर्षण के लिए ऊष्मा या ऊर्जा की आवश्यकता होती है, और विभिन्न नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय स्रोत इस उद्देश्य की पूर्ति कर सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): जबकि प्रश्न सौर ऊर्जा पर केंद्रित है, अमोनिया निष्कर्षण के लिए आवश्यक ऊर्जा अन्य स्रोतों से भी प्राप्त की जा सकती है। पवन ऊर्जा का उपयोग विद्युत उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है, जो हीटिंग या पंखे चलाने के लिए उपयोग की जा सकती है। भू-तापीय ऊर्जा का उपयोग सीधे प्रक्रिया को गर्म करने के लिए किया जा सकता है। बायोमास दहन ऊष्मा उत्पन्न करता है जिसका उपयोग वाष्पीकरण के लिए किया जा सकता है। इसलिए, ये सभी संभावित ऊर्जा स्रोत हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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अमोनिया (NH₃) का सापेक्ष आणविक द्रव्यमान (relative molecular mass) क्या है? (परमाणु द्रव्यमान: N = 14, H = 1)
- (a) 15
- (b) 16
- (c) 17
- (d) 18
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): यौगिक का सापेक्ष आणविक द्रव्यमान उसके सभी परमाणुओं के सापेक्ष परमाणु द्रव्यमानों का योग होता है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH₃) का आणविक सूत्र N₁H₃ है। नाइट्रोजन (N) का परमाणु द्रव्यमान लगभग 14 है, और हाइड्रोजन (H) का परमाणु द्रव्यमान लगभग 1 है। इसलिए, अमोनिया का सापेक्ष आणविक द्रव्यमान = (1 × नाइट्रोजन का परमाणु द्रव्यमान) + (3 × हाइड्रोजन का परमाणु द्रव्यमान) = (1 × 14) + (3 × 1) = 14 + 3 = 17।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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एक सरल सौर उपकरण में, अमोनिया के निष्कर्षण के लिए पानी को धीरे-धीरे गर्म करने और वाष्प को एक दिशा में ले जाने के लिए क्या महत्वपूर्ण है?
- (a) विद्युत आवेश (Electric charge)
- (b) गुरुत्वाकर्षण (Gravity)
- (c) रासायनिक अभिक्रिया (Chemical reaction)
- (d) चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic field)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सरल आसवन उपकरणों में, गर्म और हल्के वाष्प को अक्सर संघनन क्षेत्र की ओर ले जाने के लिए गुरुत्वाकर्षण का उपयोग किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): सौर उपकरणों को अक्सर एक झुके हुए डिजाइन के साथ बनाया जाता है। जब पानी गर्म होता है और वाष्प (अमोनिया युक्त) बनता है, तो यह हवा से हल्का होता है और गुरुत्वाकर्षण के कारण झुके हुए पथ का अनुसरण करते हुए ठंडे संघनन सतह की ओर बढ़ता है, जहाँ यह संघनित हो जाता है। विद्युत आवेश, रासायनिक अभिक्रिया या चुंबकीय क्षेत्र इस सामान्य विन्यास में प्राथमिक भूमिका नहीं निभाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अपशिष्ट जल में अमोनिया के मौजूद होने पर, यह किस प्रकार की रासायनिक प्रजातियों में मौजूद हो सकता है?
- (a) केवल NH₃
- (b) केवल NH₄⁺
- (c) NH₃ और NH₄⁺ दोनों
- (d) केवल N₂
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जल में अमोनिया का रूप (NH₃ या NH₄⁺) pH और तापमान पर निर्भर करता है।
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सौर ऊर्जा का उपयोग करके अमोनिया निष्कर्षण की दक्षता को बढ़ाने के लिए, उपकरण में कौन सा तत्व ऊर्जा के नुकसान को कम करने में मदद कर सकता है?
- (a) परावर्तक (Reflector)
- (b) अवरोधक (Insulator)
- (c) वायु वेंट (Air vent)
- (d) ऊष्मा एक्सचेंजर (Heat exchanger)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): इन्सुलेशन सामग्री ऊष्मा को बाहर निकलने से रोकती है, जिससे अवशोषित ऊष्मा प्रक्रिया के लिए उपलब्ध रहती है।
व्याख्या (Explanation): सौर उपकरणों में, ऊर्जा के नुकसान को कम करने के लिए इन्सुलेटिंग सामग्री (जैसे ग्लास वूल, पॉलीस्टाइनिन) का उपयोग किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि अवशोषित सौर ऊर्जा का अधिकांश भाग अपशिष्ट जल को गर्म करने में प्रयोग हो, न कि आसपास के वातावरण में खो जाए। परावर्तक सूर्य के प्रकाश को केंद्रित करने में मदद कर सकते हैं, वायु वेंट प्रवाह को नियंत्रित कर सकते हैं, और ऊष्मा एक्सचेंजर ऊष्मा हस्तांतरण को बढ़ा सकते हैं, लेकिन ऊर्जा के नुकसान को सीधे कम करने में इन्सुलेशन की भूमिका सबसे प्रमुख है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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बायोलॉजी के दृष्टिकोण से, अपशिष्ट जल में अमोनिया का उच्च स्तर क्या इंगित कर सकता है?
- (a) ताजे पानी के स्रोत का होना
- (b) अपर्याप्त सीवेज उपचार
- (c) अम्लीय वर्षा
- (d) उच्च ऑक्सीजन स्तर
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया मुख्य रूप से जैविक अपशिष्ट (जैसे मल, यूरिया) के अपघटन से उत्पन्न होता है।
व्याख्या (Explanation): अपशिष्ट जल में अमोनिया की उच्च सांद्रता अक्सर जैविक प्रदूषण का संकेत देती है, जैसे कि अनुपचारित या आंशिक रूप से उपचारित सीवेज का निर्वहन। जैविक अपशिष्ट में मौजूद प्रोटीन और यूरिया के अपघटन से अमोनिया बनता है। ताजे पानी के स्रोतों में आमतौर पर अमोनिया का स्तर कम होता है। अम्लीय वर्षा का मुख्य प्रभाव pH में कमी है, और उच्च ऑक्सीजन स्तर अमोनिया की उपस्थिति से सीधे संबंधित नहीं है (वास्तव में, उच्च अमोनिया अक्सर ऑक्सीजन की कमी से जुड़ा होता है)।
अतः, सही उत्तर (b) है।
व्याख्या (Explanation): अम्लीय परिस्थितियों (कम pH) में, अमोनिया मुख्य रूप से अमोनियम आयन (NH₄⁺) के रूप में मौजूद होता है। क्षारीय परिस्थितियों (उच्च pH) में, यह अमोनिया अणु (NH₃) के रूप में मौजूद होता है। चूंकि अपशिष्ट जल का pH भिन्न हो सकता है, इसलिए अमोनिया अक्सर इन दोनों रूपों के संतुलन में मौजूद होता है: NH₃ + H₂O ⇌ NH₄⁺ + OH⁻। N₂ (नाइट्रोजन गैस) एक अलग यौगिक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।