सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: आलू की उत्पत्ति का रहस्य और आपकी परीक्षा तैयारी
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड है। चाहे आप SSC, रेलवे, या राज्य PSC परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हों, सामान्य विज्ञान के प्रश्नों का अभ्यास आपकी अवधारणाओं को स्पष्ट करने और परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद करता है। इस अभ्यास सत्र में, हम आलू की उत्पत्ति के हालिया वैज्ञानिक रहस्य से प्रेरित होकर भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के 25 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) प्रस्तुत कर रहे हैं। ये प्रश्न आपकी तैयारी को और भी मजबूत बनाएंगे।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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भौतिकी: आलू को बिना छुए या उसका आयतन जाने, केवल उसके द्रव्यमान को मापने के लिए सबसे उपयुक्त विधि कौन सी है?
- (a) स्प्रिंग बैलेंस का उपयोग करके उसका भार मापना
- (b) इलेक्ट्रॉनिक तराजू (Electronic Balance) का उपयोग करना
- (c) एक संतुलित बीम बैलेंस (Beam Balance) पर उसका द्रव्यमान मापना
- (d) एक कैलिपर (Caliper) से उसका व्यास मापना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): द्रव्यमान किसी वस्तु में पदार्थ की मात्रा का माप है, जबकि भार गुरुत्वाकर्षण के कारण लगने वाला बल है। स्प्रिंग बैलेंस और बीम बैलेंस भार को मापते हैं, जिसे फिर गुरुत्वाकर्षण के त्वरण से विभाजित करके द्रव्यमान ज्ञात किया जा सकता है। इलेक्ट्रॉनिक तराजू सीधे द्रव्यमान को मापते हैं। कैलिपर आयतन या लंबाई से संबंधित है, न कि सीधे द्रव्यमान से।
व्याख्या (Explanation): इलेक्ट्रॉनिक तराजू (जैसे डिजिटल स्केल) किसी वस्तु पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल (भार) को महसूस करते हैं और फिर ज्ञात गुरुत्वाकर्षण त्वरण का उपयोग करके सीधे द्रव्यमान की गणना करते हैं। स्प्रिंग बैलेंस और बीम बैलेंस सीधे भार मापते हैं, जिसे द्रव्यमान में बदलने के लिए गुरुत्वाकर्षण त्वरण की आवश्यकता होती है। चूंकि प्रश्न “बिना छुए या उसका आयतन जाने” और “केवल उसके द्रव्यमान” को मापने के बारे में है, इलेक्ट्रॉनिक तराजू सबसे सीधा और उपयुक्त तरीका है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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रसायन विज्ञान: आलू में पाया जाने वाला मुख्य कार्बोहाइड्रेट जो स्टार्च के रूप में संग्रहित होता है, वह कौन सा है?
- (a) फ्रुक्टोज
- (b) सुक्रोज
- (c) ग्लूकोज
- (d) स्टार्च (मुख्य रूप से एमाइलोज और एमाइलोपेक्टिन)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पौधों में ऊर्जा भंडारण के लिए स्टार्च एक सामान्य पॉलीसेकेराइड है। यह ग्लूकोज इकाइयों से बना होता है। आलू जैसे कंदों में, स्टार्च ऊर्जा का मुख्य संग्रहित रूप है।
व्याख्या (Explanation): आलू स्टार्च का एक समृद्ध स्रोत है, जो ग्लूकोज इकाइयों से बना एक जटिल कार्बोहाइड्रेट है। यह मुख्य रूप से दो पॉलीमर: एमाइलोज (एक रैखिक श्रृंखला) और एमाइलोपेक्टिन (एक शाखित श्रृंखला) से मिलकर बनता है। फ्रुक्टोज एक मोनोसेकेराइड है जो फलों में पाया जाता है, सुक्रोज एक डिसैकेराइड है जो गन्ने और चुकंदर में होता है, और ग्लूकोज एक मोनोसेकेराइड है जो ऊर्जा का तत्काल स्रोत है, लेकिन आलू में मुख्य रूप से स्टार्च के रूप में संग्रहित होता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जीव विज्ञान: आलू (Solanum tuberosum) किस वनस्पति परिवार से संबंधित है?
- (a) रोज़ेसी (Rosaceae)
- (b) सोलानेसी (Solanaceae)
- (c) एस्टेरेसी (Asteraceae)
- (d) लेग्युमिनोसी (Leguminosae)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वनस्पति विज्ञान में, जीवों को उनके विकासात्मक और संरचनात्मक समानता के आधार पर विभिन्न परिवारों में वर्गीकृत किया जाता है। सोलानेसी, जिसे नाइटशेड परिवार भी कहा जाता है, आलू, टमाटर, बैंगन और मिर्च जैसी फसलों का घर है।
व्याख्या (Explanation): आलू (Solanum tuberosum) सोलानेसी परिवार का एक सदस्य है। इस परिवार में कई महत्वपूर्ण खाद्य फसलें शामिल हैं। रोज़ेसी परिवार में गुलाब, सेब और स्ट्रॉबेरी जैसे फल शामिल हैं। एस्टेरेसी परिवार में सूरजमुखी, डेज़ी और लेट्यूस आते हैं। लेग्युमिनोसी (फैबेसी) परिवार में फलियां जैसे मटर, बीन्स और दालें शामिल हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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भौतिकी: आलू को जमीन से निकालते समय, उस पर लगने वाले कुल गुरुत्वाकर्षण बल को क्या कहा जाता है?
- (a) द्रव्यमान
- (b) भार
- (c) जड़त्व
- (d) त्वरण
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी वस्तु पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल उसका भार कहलाता है। यह वस्तु के द्रव्यमान और गुरुत्वाकर्षण के त्वरण का गुणनफल होता है (W = m * g)।
व्याख्या (Explanation): जब आलू को जमीन से निकालते हैं, तो वह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में होता है, जिसके कारण उस पर नीचे की ओर एक बल कार्य करता है। इस बल को ही ‘भार’ कहा जाता है। द्रव्यमान पदार्थ की मात्रा है, जड़त्व गति की अवस्था में परिवर्तन का प्रतिरोध है, और त्वरण वेग परिवर्तन की दर है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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रसायन विज्ञान: आलू को पकाने पर वह नरम क्यों हो जाता है?
- (a) स्टार्च के हाइड्रोलिसिस के कारण
- (b) पानी के वाष्पीकरण के कारण
- (c) स्टार्च के जिलेटिनाइजेशन (Gelatinization) के कारण
- (d) प्रोटीन के डीनेचुरेशन (Denaturation) के कारण
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जिलेटिनाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें स्टार्च के दाने पानी के संपर्क में आने पर फूल जाते हैं, जिससे उनकी क्रिस्टलीय संरचना टूट जाती है और वे नरम हो जाते हैं। यह ऊष्मा द्वारा उत्प्रेरित होता है।
व्याख्या (Explanation): जब आलू को पकाया जाता है, तो गर्मी से स्टार्च के दाने पानी को अवशोषित करते हैं और फूल जाते हैं। इस प्रक्रिया को जिलेटिनाइजेशन कहते हैं। इसमें स्टार्च की क्रिस्टलीय संरचना भंग हो जाती है, जिससे यह नरम, चिपचिपा और पाचन के लिए अधिक सुलभ हो जाता है। हाइड्रोलिसिस पानी के साथ रासायनिक बंधन का टूटना है, वाष्पीकरण पानी का गैस में बदलना है, और प्रोटीन डीनेचुरेशन प्रोटीन की त्रि-आयामी संरचना का बिगड़ना है, जो आलू की नरमी का मुख्य कारण नहीं है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान: आलू में क्लोरोफिल की उपस्थिति, खासकर जब वह हरा हो जाता है, निम्न में से किस कारण से होता है?
- (a) मिट्टी में क्लोरोफिल की मात्रा अधिक होने के कारण
- (b) सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से सोलनिन (Solanine) का उत्पादन
- (c) सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से क्लोरोफिल और सोलनिन का उत्पादन
- (d) प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के लिए अनुकूलन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पौधों के हरे रंग का कारण क्लोरोफिल है। हालांकि, आलू के कंदों में, जब वे जमीन के ऊपर प्रकाश के संपर्क में आते हैं, तो क्लोरोफिल और सोलनिन नामक एक ग्लाइकोएल्कलॉइड का उत्पादन बढ़ जाता है। सोलनिन एक विषाक्त पदार्थ है।
व्याख्या (Explanation): आलू के कंदों में सामान्यतः क्लोरोफिल नहीं होता है क्योंकि वे भूमिगत होते हैं। जब वे गलती से जमीन के ऊपर प्रकाश के संपर्क में आते हैं, तो वे प्रकाश संश्लेषण के लिए क्लोरोफिल का उत्पादन शुरू कर देते हैं, जिससे वे हरे हो जाते हैं। इसके साथ ही, वे सोलनिन नामक विषैले अल्कलॉइड का भी उत्पादन करते हैं, जो उन्हें शाकाहारी जीवों से बचाने में मदद करता है। इसलिए, हरापन क्लोरोफिल और सोलनिन दोनों के उत्पादन से जुड़ा है, और इसका मुख्य कारण प्रकाश का संपर्क है, न कि प्रकाश संश्लेषण का अनुकूलन (जो भूमिगत नहीं होता) या मिट्टी में क्लोरोफिल की मात्रा।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी: आलू को उबालने के लिए कितने तापमान की आवश्यकता होती है? (मान लीजिए वायुमंडलीय दबाव पर)
- (a) 0°C
- (b) 50°C
- (c) 100°C
- (d) 150°C
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पानी का क्वथनांक (boiling point) वह तापमान है जिस पर वह द्रव से गैस (भाप) में परिवर्तित होता है। मानक वायुमंडलीय दबाव पर, पानी 100°C पर उबलता है।
व्याख्या (Explanation): आलू को उबालने का अर्थ है उन्हें उबलते पानी में पकाना। पानी का क्वथनांक मानक वायुमंडलीय दबाव (1 atm) पर 100°C होता है। इस तापमान पर, पानी आलू को पकाने के लिए आवश्यक ऊष्मा प्रदान करता है। 0°C हिमांक है, 50°C उबलने से काफी कम है, और 150°C बहुत अधिक है और यह सामान्य उबलते पानी का तापमान नहीं है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान: आलू में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है। पोटेशियम का रासायनिक प्रतीक क्या है?
- (a) P
- (b) Po
- (c) K
- (d) Pt
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक तत्वों को उनके विशिष्ट प्रतीकों से दर्शाया जाता है। पोटेशियम का प्रतीक लैटिन शब्द “कैल्शियम” (Kalium) से लिया गया है।
व्याख्या (Explanation): पोटेशियम एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक ‘K’ है। ‘P’ फास्फोरस का प्रतीक है, ‘Po’ पोलोनियम का प्रतीक है, और ‘Pt’ प्लैटिनम का प्रतीक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान: आलू के अंकुरण (sprouting) के लिए कौन सा पादप हार्मोन जिम्मेदार होता है?
- (a) ऑक्सिन (Auxin)
- (b) साइटोकिनिन (Cytokinin)
- (c) जिबरेलिन (Gibberellin)
- (d) एब्सिसिक एसिड (Abscisic Acid)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जिबरेलिन पादप हार्मोन का एक समूह है जो बीजों के अंकुरण, तनों की वृद्धि और फूलों के विकास सहित विभिन्न विकासात्मक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
व्याख्या (Explanation): आलू के कंदों में, जब भंडारण की स्थिति अनुकूल होती है, तो जिबरेलिन का स्तर बढ़ जाता है, जो कलियों (eyes) के अंकुरण को बढ़ावा देता है। ऑक्सिन वृद्धि को नियंत्रित करता है, विशेष रूप से तने के शीर्ष पर; साइटोकिनिन कोशिका विभाजन को बढ़ावा देता है; और एब्सिसिक एसिड वृद्धि को रोकता है और सुप्त अवस्था को बनाए रखता है। इसलिए, अंकुरण के लिए जिबरेलिन मुख्य रूप से जिम्मेदार है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी: यदि आप आलू के एक बड़े ढेर को स्टोर करते हैं, तो ढेर के अंदर का तापमान बाहर की तुलना में थोड़ा अधिक क्यों हो सकता है?
- (a) सौर विकिरण के कारण
- (b) श्वसन (Respiration) के दौरान ऊर्जा का उत्पादन
- (c) गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव
- (d) वायुमंडलीय दबाव में वृद्धि
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीवित आलू, यहां तक कि कटे हुए भी, श्वसन की प्रक्रिया से गुजरते हैं। श्वसन एक चयापचय प्रक्रिया है जो शर्करा को कार्बन डाइऑक्साइड, पानी और ऊष्मा में परिवर्तित करती है।
व्याख्या (Explanation): आलू, अन्य जीवित ऊतकों की तरह, श्वसन करते हैं। इस प्रक्रिया में, वे शर्करा (जैसे स्टार्च का आंशिक क्षरण) का ऑक्सीकरण करते हैं, जिससे ऊर्जा के साथ-साथ ऊष्मा भी निकलती है। एक बड़े ढेर में, यह ऊष्मा फंसे रह जाती है और बाहर निकलने में मुश्किल होती है, जिससे ढेर के अंदर का तापमान बाहर की तुलना में थोड़ा अधिक हो सकता है। सौर विकिरण केवल तभी प्रासंगिक होगा जब ढेर धूप में हो, जो सामान्य भंडारण स्थिति नहीं है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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रसायन विज्ञान: स्टार्च के हाइड्रोलिसिस से अंततः कौन सा सरल शर्करा प्राप्त होता है?
- (a) फ्रुक्टोज
- (b) गैलेक्टोज
- (c) माल्टोज
- (d) ग्लूकोज
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): स्टार्च एक पॉलीसेकेराइड है जो ग्लूकोज मोनोसेकेराइड इकाइयों से बना होता है। हाइड्रोलिसिस (पानी द्वारा टूटना) इन इकाइयों को अलग कर देता है।
व्याख्या (Explanation): स्टार्च, चाहे वह एमाइलोज हो या एमाइलोपेक्टिन, ग्लूकोज इकाइयों से बना होता है जो ग्लाइकोसिडिक बॉन्ड द्वारा जुड़ी होती हैं। जब स्टार्च का हाइड्रोलिसिस होता है (चाहे एंजाइम द्वारा या अम्लीय परिस्थितियों में), तो ये बॉन्ड टूट जाते हैं, और अंततः ग्लूकोज (C6H12O6) नामक सरल शर्करा प्राप्त होती है। माल्टोज एक डिसैकेराइड है जो दो ग्लूकोज इकाइयों से बनता है, लेकिन स्टार्च का पूर्ण हाइड्रोलिसिस ग्लूकोज देता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जीव विज्ञान: आलू का वानस्पतिक नाम (Solanum tuberosum) किस प्रजाति से संबंधित है, जो मूल रूप से किस महाद्वीप से उत्पन्न हुआ माना जाता है?
- (a) उत्तरी अमेरिका
- (b) एशिया
- (c) दक्षिण अमेरिका
- (d) यूरोप
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सोलनम ट्यूबरोसम, या आलू, की उत्पत्ति और पालतूकरण एंडीज पर्वतमाला क्षेत्र में हुआ, जो दक्षिण अमेरिका का हिस्सा है।
व्याख्या (Explanation): वैज्ञानिक प्रमाण, जिनमें आनुवंशिक अध्ययन और पुरातात्विक खोजें शामिल हैं, बताते हैं कि आलू की खेती का मूल स्थान पेरू और बोलीविया के आसपास का क्षेत्र है, जो दक्षिण अमेरिका का हिस्सा है। वहां से, यह यूरोप और फिर दुनिया भर में फैला।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी: यदि आप आलू को जमीन से उठाते हैं, तो आप वास्तव में क्या कर रहे हैं?
- (a) आलू के द्रव्यमान को बढ़ा रहे हैं
- (b) आलू के गुरुत्वाकर्षण त्वरण को बदल रहे हैं
- (c) आलू पर गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं
- (d) आलू की जड़त्व को कम कर रहे हैं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्य (Work) तब किया जाता है जब किसी वस्तु पर बल लगाकर उसे बल की दिशा में विस्थापित किया जाता है। गुरुत्वाकर्षण बल वस्तु को नीचे की ओर खींचता है।
व्याख्या (Explanation): जब आप आलू को जमीन से ऊपर उठाते हैं, तो आप उस पर एक बल लगाते हैं जो गुरुत्वाकर्षण बल (आलू के भार) के विपरीत दिशा में होता है। इस बल के कारण आलू विस्थापित होता है, इसलिए आप गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं। आप आलू का द्रव्यमान नहीं बदलते, न ही पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण त्वरण, और न ही उसकी जड़त्व।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान: स्टार्च को आयोडीन विलयन के साथ परीक्षण करने पर क्या रंग परिवर्तन होता है, जो इसकी उपस्थिति की पुष्टि करता है?
- (a) लाल
- (b) नीला-काला
- (c) पीला
- (d) हरा
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आयोडीन परीक्षण स्टार्च की उपस्थिति का पता लगाने के लिए एक विशिष्ट रासायनिक परीक्षण है। आयोडीन अणु स्टार्च की एमाइलोज श्रृंखलाओं के भीतर फंस जाते हैं, जिससे एक गहरा नीला-काला रंग उत्पन्न होता है।
व्याख्या (Explanation): जब तनु आयोडीन विलयन को स्टार्च युक्त नमूने में मिलाया जाता है, तो एक विशिष्ट रंग परिवर्तन होता है। आयोडीन, स्टार्च के एमाइलोज घटक के साथ एक कॉम्प्लेक्स बनाता है, जिसके परिणामस्वरूप गहरा नीला-काला रंग दिखाई देता है। यह परीक्षण कार्बोहाइड्रेट के लिए नहीं, बल्कि विशेष रूप से पॉलीसेकेराइड स्टार्च के लिए होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीव विज्ञान: आलू के “आँखें” (eyes) क्या होती हैं?
- (a) प्रकाश संवेदी अंग
- (b) युवा तने
- (c) निष्क्रिय कलियाँ
- (d) जल संचयन अंग
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आलू के कंद पर छोटे गड्ढे या उभार जिन्हें “आँखें” कहा जाता है, वास्तव में बीज की तरह ही विकसित होने वाली कलियाँ होती हैं।
व्याख्या (Explanation): आलू का कंद एक रूपांतरित भूमिगत तना है। इस तने की सतह पर जो “आँखें” दिखाई देती हैं, वे वास्तव में निष्क्रिय (dormant) तना कलियाँ (lateral buds) होती हैं। अनुकूल परिस्थितियों में, ये कलियाँ अंकुरित होकर नए तने और जड़ें बनाती हैं, जिससे एक नया आलू का पौधा विकसित होता है। वे प्रकाश संवेदी अंग नहीं हैं, न ही वे युवा तने हैं (वे कलियाँ हैं जो तने बनेंगी), और न ही वे जल संचयन अंग हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी: एक आदर्श कुकर में आलू को कितनी देर तक पकाया जाना चाहिए ताकि वह पूरी तरह से पक जाए?
- (a) 5-10 मिनट
- (b) 15-20 मिनट
- (c) 25-35 मिनट
- (d) 45-60 मिनट
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): खाना पकाने का समय आलू के आकार, उसकी किस्म और पकाने की विधि पर निर्भर करता है। उबालने या बेक करने के लिए, समय सामान्यतः 25 से 35 मिनट की सीमा में होता है।
व्याख्या (Explanation): आलू को पकाने की प्रक्रिया (उबालना, बेक करना, या भाप देना) में स्टार्च के जिलेटिनाइजेशन और सेलुलोज को नरम करने के लिए ऊष्मा का प्रवेश शामिल होता है। एक मध्यम आकार के आलू को पूरी तरह से पकाने में आमतौर पर 25-35 मिनट लगते हैं। छोटे आलू कम समय ले सकते हैं, जबकि बड़े या सघन किस्म के आलू को थोड़ा अधिक समय लग सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान: आलू को तलने (frying) पर उसमें होने वाली रासायनिक प्रतिक्रिया जो उसके भूरे रंग के लिए जिम्मेदार है, उसे क्या कहते हैं?
- (a) कैरमेलाइजेशन (Caramelization)
- (b) मेयलार्ड प्रतिक्रिया (Maillard Reaction)
- (c) स्टार्च का हाइड्रोलिसिस
- (d) वसा का हाइड्रोजनीकरण
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मेयलार्ड प्रतिक्रिया एमिनो एसिड और शर्करा के बीच उच्च तापमान पर होने वाली एक जटिल रासायनिक प्रतिक्रिया है। यह प्रतिक्रिया स्वाद, सुगंध और रंग (भूरापन) उत्पन्न करती है।
व्याख्या (Explanation): जब आलू को तला जाता है, तो उनमें मौजूद शर्करा (ग्लूकोज) और एमिनो एसिड (प्रोटीन से) के बीच मेयलार्ड प्रतिक्रिया होती है। यह प्रतिक्रिया फ्रेंच फ्राइज़ या तले हुए आलू के चिप्स के विशिष्ट भूरे रंग, स्वाद और सुगंध के लिए जिम्मेदार है। कैरमेलाइजेशन केवल शर्करा के गर्म होने पर होता है, जो कम हद तक योगदान कर सकता है, लेकिन मेयलार्ड प्रतिक्रिया मुख्य कारण है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीव विज्ञान: आलू में पाए जाने वाले एक सामान्य परजीवी कवक (parasitic fungus) का उदाहरण क्या है, जो आलू की फसल को प्रभावित करता है?
- (a) पेनिसिलियम (Penicillium)
- (b) राइजोपस (Rhizopus)
- (c) फाइटोफ्थोरा इन्फेस्टन्स (Phytophthora infestans)
- (d) सैक्रोमाइसेस सेरेविसिया (Saccharomyces cerevisiae)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फाइटोफ्थोरा इन्फेस्टन्स एक ओमीसीट (oomycete) है, जिसे आमतौर पर एक कवक के रूप में माना जाता है, और यह आलू के लेट ब्लाइट (late blight) रोग का कारण बनता है, जिसने ऐतिहासिक रूप से आयरिश अकाल में भूमिका निभाई थी।
व्याख्या (Explanation): फाइटोफ्थोरा इन्फेस्टन्स आलू और टमाटर जैसे पौधों में लेट ब्लाइट रोग का कारक है। यह एक कवक जैसा जीव है जो पत्तियों, तनों और कंदों को संक्रमित करता है, जिससे भारी फसल क्षति होती है। पेनिसिलियम मोल्ड का एक सामान्य जीनस है, राइजोपस ब्रेड मोल्ड है, और सैक्रोमाइसेस सेरेविसिया खमीर है, जो आमतौर पर इन गंभीर फसल रोगों का कारण नहीं बनते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी: आलू को अधिक समय तक स्टोर करने के लिए, प्रकाश से दूर, ठंडी जगह पर क्यों रखना चाहिए?
- (a) ताकि उसका घनत्व (density) बढ़ जाए
- (b) ताकि वाष्पोत्सर्जन (transpiration) कम हो
- (c) ताकि सोलनिन का उत्पादन कम हो और अंकुरण धीमा हो
- (d) ताकि उसमें नमी (moisture) बढ़ जाए
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश के संपर्क में आने से आलू में क्लोरोफिल और सोलनिन का उत्पादन बढ़ जाता है, जो स्वाद को प्रभावित कर सकता है और विषाक्त हो सकता है। ठंडक और अंधेरा अंकुरण को भी धीमा करता है।
व्याख्या (Explanation): आलू को प्रकाश से दूर रखने का मुख्य कारण सोलनिन नामक ग्लाइकोएल्कलॉइड के उत्पादन को रोकना है, जो प्रकाश के संपर्क में आने पर बनता है और उच्च मात्रा में विषाक्त हो सकता है। इसके अतिरिक्त, ठंडा तापमान (आमतौर पर 7-10°C) आलू में अंकुरण को धीमा करता है और श्वसन दर को कम करता है, जिससे भंडारण जीवन बढ़ता है। वाष्पोत्सर्जन कम करने के लिए आर्द्रता महत्वपूर्ण है, लेकिन प्रकाश से बचना मुख्य रूप से सोलनिन के लिए है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान: आलू से स्टार्च निकालने की प्रक्रिया में, पानी का उपयोग स्टार्च को अन्य घुलनशील घटकों से अलग करने के लिए किया जाता है। यह किस प्रकार की पृथक्करण (separation) तकनीक का उदाहरण है?
- (a) आसवन (Distillation)
- (b) क्रिस्टलीकरण (Crystallization)
- (c) निष्कर्षण (Extraction)
- (d) निष्पंदन (Filtration)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): निष्कर्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक विलायक (solvent) का उपयोग करके किसी मिश्रण से एक विशिष्ट घटक को घोलकर अलग किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): जब आलू से स्टार्च निकाला जाता है, तो स्टार्च को अलग करने के लिए पानी का उपयोग विलायक के रूप में किया जाता है। स्टार्च पानी में अघुलनशील होता है, लेकिन अन्य घुलनशील अशुद्धियाँ (जैसे शर्करा, खनिज) पानी में घुल जाती हैं। फिर स्टार्च को ठोस रूप में अलग किया जा सकता है (जैसे अवसादन या निस्यंदन द्वारा)। यह प्रक्रिया रासायनिक निष्कर्षण का एक रूप है, जहाँ पानी एक विलायक के रूप में कार्य करता है। आसवन वाष्पीकरण और संघनन द्वारा घटकों को अलग करता है, क्रिस्टलीकरण घोल से ठोस क्रिस्टल बनाना है, और निस्यंदन ठोस कणों को तरल से अलग करना है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान: आलू के पौधे का कौन सा भाग मुख्य रूप से पोषक तत्वों (विशेषकर स्टार्च) को संग्रहीत करता है?
- (a) पत्तियाँ
- (b) तना
- (c) जड़ें
- (d) कंद (भूमिगत तना)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आलू का कंद एक रूपांतरित भूमिगत तना है जिसे पोषक तत्वों, विशेष रूप से स्टार्च को संग्रहीत करने के लिए विकसित किया गया है।
व्याख्या (Explanation): आलू के पौधे में, कंद (tuber) ही मुख्य अंग है जहाँ प्रकाश संश्लेषण द्वारा उत्पादित शर्करा को स्टार्च के रूप में संग्रहीत किया जाता है। यह संचित ऊर्जा पौधे को प्रतिकूल परिस्थितियों या नए विकास के लिए उपयोग करने में मदद करती है। पत्तियां प्रकाश संश्लेषण करती हैं, तना पौधों को सहारा देता है और पदार्थों का परिवहन करता है, और जड़ें पानी और खनिज अवशोषित करती हैं, लेकिन ऊर्जा भंडारण का प्राथमिक स्थल कंद है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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भौतिकी: आलू की पैकेजिंग में प्रयुक्त प्लास्टिक फिल्म की ऊष्मीय चालकता (thermal conductivity) क्या भूमिका निभाती है?
- (a) आलू को ठंडा रखने में मदद करती है
- (b) आलू को ज़्यादा गरम होने से रोकती है
- (c) आलू से निकलने वाली ऊष्मा को फंसाने (trap) या बाहर निकालने में मदद करती है
- (d) आलू के आंतरिक दबाव को नियंत्रित करती है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊष्मीय चालकता वह दर है जिस पर किसी सामग्री के माध्यम से ऊष्मा प्रवाहित होती है। यह सामग्री को गर्म या ठंडा रखने में भूमिका निभाती है।
व्याख्या (Explanation): प्लास्टिक फिल्म, जो विभिन्न ऊष्मीय चालकता के साथ आ सकती है, आलू के आसपास ऊष्मा के प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करती है। यदि फिल्म में ऊष्मीय चालकता कम है (यानी, यह एक अवरोधक है), तो यह आलू के अंदर उत्पन्न ऊष्मा (श्वसन से) को बाहर निकलने से रोक सकती है, जिससे अंदर का तापमान बढ़ जाता है। इसके विपरीत, यदि उद्देश्य आलू को जल्दी ठंडा करना है, तो उच्च चालकता वाली सामग्री का उपयोग किया जाएगा। पैकेजिंग का उद्देश्य अक्सर भंडारण के दौरान तापमान को स्थिर रखना होता है, इसलिए फिल्म की चालकता एक महत्वपूर्ण कारक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान: आलू में स्वाभाविक रूप से पाए जाने वाले विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) के बारे में कौन सा कथन सत्य है?
- (a) यह जल में अत्यधिक घुलनशील है और ऊष्मा से नष्ट हो जाता है
- (b) यह वसा में घुलनशील है और उच्च तापमान पर स्थिर रहता है
- (c) यह प्रकाश के प्रति संवेदनशील नहीं है
- (d) यह केवल कच्चे आलू में पाया जाता है
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) एक पानी में घुलनशील विटामिन है जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। यह ऊष्मा, प्रकाश और ऑक्सीजन के प्रति संवेदनशील होता है।
व्याख्या (Explanation): विटामिन सी एक पानी में घुलनशील विटामिन है। इसका मतलब है कि जब आलू को उबाला जाता है, तो विटामिन सी का एक हिस्सा पकाने वाले पानी में निकल जाता है। साथ ही, विटामिन सी ऊष्मा के प्रति संवेदनशील होता है और खाना पकाने के दौरान इसका काफी नुकसान हो सकता है। यह प्रकाश और हवा के प्रति भी संवेदनशील है। इसलिए, कथन (a) सत्य है। यह वसा में घुलनशील नहीं है (कथन b गलत), यह प्रकाश के प्रति संवेदनशील है (कथन c गलत), और यद्यपि यह पकाने पर नष्ट हो जाता है, यह कच्चे आलू में पाया जाता है, लेकिन थोड़ी मात्रा में पकाने के बाद भी बना रह सकता है (कथन d आंशिक रूप से गलत)।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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जीव विज्ञान: आलू कोDaoism (taoism) के दर्शन से जोड़कर, वह कौन सा सिद्धांत है जो आलू के भूमिगत विकास और पोषण के संबंध में लागू हो सकता है?
- (a) बाह्य प्रदर्शन पर जोर
- (b) अंतर्मुखी विकास और आंतरिक पोषण
- (c) तीव्र और प्रत्यक्ष विकास
- (d) प्रतिस्पर्धात्मकता
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): Daoism अक्सर प्रकृति के मौन, आंतरिक और अंतर्मुखी पहलुओं पर जोर देता है, जैसे कि धीरे-धीरे और स्वाभाविक रूप से विकसित होना, बिना बाहरी दिखावे के।
व्याख्या (Explanation): आलू, जो भूमिगत विकसित होता है, पोषण और ऊर्जा को गुप्त रूप से संग्रहीत करता है, प्रकृति के अंतर्मुखी और आंतरिक विकास के सिद्धांत के साथ एक रूपक समानता साझा करता है, जो Daoism के कुछ विचारों के अनुरूप है। यह बाहरी प्रदर्शन या सीधे प्रतिस्पर्धा के बजाय आंतरिक पोषण और धीमी, मजबूत वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करता है। यह प्रश्न विज्ञान के मुख्य क्षेत्र में नहीं है, लेकिन यह विज्ञान के प्रति लचीलेपन और वैज्ञानिक सोच को लागू करने की क्षमता का परीक्षण करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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भौतिकी: यदि कोई आलू जमीन से 1 मीटर ऊपर उठाया जाता है, तो उसमें कौन सी ऊर्जा उत्पन्न होती है?
- (a) गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy)
- (b) स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy)
- (c) यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Energy)
- (d) रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): स्थितिज ऊर्जा किसी वस्तु की स्थिति या विन्यास के कारण उसमें संग्रहित ऊर्जा होती है। गुरुत्वाकर्षण के संबंध में ऊंचाई पर स्थित किसी वस्तु में गुरुत्वाकर्षण स्थितिज ऊर्जा होती है।
व्याख्या (Explanation): जब आलू को पृथ्वी की सतह से ऊपर उठाया जाता है, तो उसे गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध ऊपर ले जाया जाता है। इस प्रक्रिया में, गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के संबंध में उसकी स्थिति के कारण उसमें ऊर्जा संग्रहित हो जाती है। इस ऊर्जा को गुरुत्वाकर्षण स्थितिज ऊर्जा कहा जाता है। गतिज ऊर्जा गतिमान वस्तु में होती है, यांत्रिक ऊर्जा गतिज और स्थितिज ऊर्जा का योग है, और रासायनिक ऊर्जा रासायनिक बंधों में संग्रहित होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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रसायन विज्ञान: आलू को सुखाने (dehydration) पर, उसमें पानी की मात्रा कम हो जाती है। यह रासायनिक रूप से किस परिवर्तन का उदाहरण है?
- (a) ऑक्सीकरण (Oxidation)
- (b) अपचयन (Reduction)
- (c) वाष्पीकरण (Evaporation)
- (d) संघनन (Condensation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वाष्पीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ (जैसे पानी) तरल अवस्था से गैसीय अवस्था में बदल जाता है, आमतौर पर ऊष्मा के प्रभाव से।
व्याख्या (Explanation): आलू को सुखाने का मतलब है उसमें से पानी को हटाना। यह आमतौर पर ऊष्मा या वायु प्रवाह का उपयोग करके किया जाता है, जिससे पानी वाष्प बनकर उड़ जाता है। यह प्रक्रिया वाष्पीकरण कहलाती है। ऑक्सीकरण और अपचयन रासायनिक प्रतिक्रियाएं हैं जिनमें इलेक्ट्रॉनों का आदान-प्रदान होता है। संघनन गैसीय अवस्था से तरल अवस्था में परिवर्तन है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान: आलू के पौधे में, परागण (pollination) आमतौर पर किसके द्वारा होता है, जो नए कंदों के निर्माण के लिए जिम्मेदार नहीं है?
- (a) हवा
- (b) कीड़े
- (c) पानी
- (d) स्व-परागण (Self-pollination)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आलू का वनस्पति प्रसार (vegetative propagation) मुख्य रूप से कंदों के माध्यम से होता है, न कि बीजों के माध्यम से। जबकि आलू के फूल परागण और बीज बना सकते हैं, यह आलू के कंदों के उत्पादन का मुख्य तरीका नहीं है। आलू में स्व-परागण भी संभव है, लेकिन यह अक्सर कीड़ों द्वारा भी सुगम होता है।
व्याख्या (Explanation): आलू के पौधे में, नए आलू के कंद मुख्य रूप से मातृ कंद से निकलने वाली शाखाओं (rhizomes) के सिरे पर बनते हैं। फूल लगने और परागण (जो हवा, कीड़ों या स्व-परागण द्वारा हो सकता है) के बाद बीज का निर्माण होता है, लेकिन इन बीजों से उगाए गए आलू सीधे भूमिगत कंद के रूप में नहीं निकलते, बल्कि नए पौधे के रूप में उगते हैं। इसलिए, परागण नए कंद निर्माण की प्रक्रिया के लिए सीधे जिम्मेदार नहीं है, बल्कि यह प्रजनन का एक वैकल्पिक तरीका है। आलू में हवा, कीड़े और स्व-परागण तीनों संभव हैं, लेकिन स्व-परागण (खुद के पराग से) अक्सर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और यह नए कंद निर्माण की विधि नहीं है। प्रश्न पूछ रहा है कि “नए कंदों के निर्माण के लिए जिम्मेदार नहीं है”, और परागण (बीज उत्पादन के लिए) इस संदर्भ में जिम्मेदार नहीं है। हालांकि, प्रश्न थोड़ा भ्रामक हो सकता है क्योंकि स्व-परागण स्वयं परागण का एक तरीका है, न कि नए कंदों का निर्माण। लेकिन दिए गए विकल्पों में, स्व-परागण (जो अप्रत्यक्ष रूप से प्रजनन से जुड़ा है) को उस प्रक्रिया के रूप में देखा जा सकता है जो प्रत्यक्ष कंद उत्पादन से अलग है। अधिक सटीक रूप से, प्रश्न को “आलू के कंदों के नए पौधों में वृद्धि के लिए मुख्य तंत्र क्या है” पूछना चाहिए था, जिसका उत्तर वनस्पति प्रसार है। दिए गए विकल्पों में, सबसे सही उत्तर वह है जो कंदों के सीधे निर्माण से जुड़ा नहीं है, और वह है स्व-परागण (जो बीज बनाता है)।
अतः, सही उत्तर (d) है।