सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: आलू की उत्पत्ति के रहस्य से प्रेरित!
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहरी समझ अत्यंत आवश्यक है। यह खंड आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) का अभ्यास करने का अवसर प्रदान करता है, जो सीधे आपकी तैयारी को मजबूत करेंगे।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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आलू (Solanum tuberosum) का वानस्पतिक नामकरण किस वैज्ञानिक प्रणाली पर आधारित है?
- (a) कीरोलस लिनिअस की द्विपद नामकरण प्रणाली
- (b) ग्रेगर मेंडल की आनुवंशिकी के नियम
- (c) चार्ल्स डार्विन का प्राकृतिक चयन का सिद्धांत
- (d) कार्ल वोइस का तीन-डोमेन वर्गीकरण
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): द्विपद नामकरण (Binomial Nomenclature) प्रणाली, जिसे स्वीडिश वैज्ञानिक कार्लस लिनिअस (Carolus Linnaeus) ने विकसित किया था, सभी ज्ञात जीवित जीवों को एक सार्वभौमिक वैज्ञानिक नाम प्रदान करती है। इस प्रणाली में प्रत्येक जीव का एक वंश (Genus) और एक प्रजाति (Species) नाम होता है।
व्याख्या (Explanation): आलू का वैज्ञानिक नाम ‘Solanum tuberosum’ है। ‘Solanum’ वंश को दर्शाता है और ‘tuberosum’ प्रजाति को। यह लिनिअस की प्रसिद्ध नामकरण प्रणाली का एक उदाहरण है, जो आज भी जीव विज्ञान में उपयोग की जाती है। ग्रेगर मेंडल आनुवंशिकी के जनक हैं, चार्ल्स डार्विन विकासवाद पर अपने काम के लिए जाने जाते हैं, और कार्ल वोइस ने जीवों को डोमेन नामक उच्च-स्तरीय श्रेणियों में वर्गीकृत किया।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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आलू में मुख्य रूप से कौन सा कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है?
- (a) फ्रुक्टोज
- (b) सुक्रोज
- (c) स्टार्च
- (d) माल्टोज
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): स्टार्च (Starch) एक पॉलीसेकेराइड है जो पौधों में ऊर्जा भंडारण का मुख्य रूप है। यह ग्लूकोज इकाइयों से मिलकर बना होता है।
व्याख्या (Explanation): आलू कंद (tuber) का एक प्रमुख घटक स्टार्च है, जो इसे ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनाता है। फ्रुक्टोज एक मोनोसेकेराइड है जो फलों में पाया जाता है, सुक्रोज गन्ने और चुकंदर में पाया जाने वाला डाइसेकेराइड है, और माल्टोज अनाज में पाया जाने वाला डाइसेकेराइड है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू के कंद में स्टार्च के निर्माण और भंडारण के लिए जिम्मेदार कोशिकांग (Organelle) कौन सा है?
- (a) राइबोसोम
- (b) एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम
- (c) गॉल्जी उपकरण
- (d) प्लास्टिड (विशेष रूप से एमाइलोप्लास्ट)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्लास्टिड (Plastids) पौधों की कोशिकाओं में पाए जाने वाले झिल्ली-बद्ध अंगक हैं जो प्रकाश संश्लेषण और भंडारण सहित विभिन्न कार्य करते हैं। एमाइलोप्लास्ट (Amyloplasts) विशेष प्रकार के प्लास्टिड होते हैं जो स्टार्च के संश्लेषण और भंडारण के लिए जिम्मेदार होते हैं।
व्याख्या (Explanation): आलू के कंद की कोशिकाओं में, एमाइलोप्लास्ट नामक विशेष प्लास्टिड स्टार्च को जमा करते हैं। राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण करते हैं, एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम प्रोटीन और लिपिड के निर्माण में भूमिका निभाता है, और गॉल्जी उपकरण प्रोटीन और लिपिड को संशोधित, छाँटने और पैकेज करने का काम करता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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आलू के कंद का कौन सा हिस्सा मिट्टी के नीचे विकसित होता है और भोजन का भंडारण करता है?
- (a) तना
- (b) जड़
- (c) पत्ती
- (d) फूल
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आलू का कंद वास्तव में एक रूपांतरित भूमिगत तना (modified underground stem) है। इस रूपांतरण का उद्देश्य ऊर्जा (स्टार्च के रूप में) संग्रहीत करना और वानस्पतिक प्रजनन (vegetative propagation) के लिए संरचनाएं (जैसे ‘आँखें’ या buds) प्रदान करना है।
व्याख्या (Explanation): आलू के कंद पर मौजूद ‘आँखें’ तने की कलियाँ (stem buds) होती हैं। जबकि जड़ें पानी और खनिजों को अवशोषित करती हैं, और पत्तियां प्रकाश संश्लेषण करती हैं, आलू का कंद विशेष रूप से भूमिगत तने के विकास का परिणाम है।
अतः, सही उत्तर (a) है.
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आलू में पाए जाने वाले सोलेनिन (Solanine) नामक ग्लाइकोएल्कलॉइड (glycoalkaloid) का संबंध किस प्रकार के यौगिक से है?
- (a) कार्बोहाइड्रेट
- (b) प्रोटीन
- (c) लिपिड
- (d) प्राकृतिक विष (Natural Toxin)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ग्लाइकोएल्कलॉइड्स (Glycoalkaloids) प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले नाइट्रोजन युक्त यौगिक हैं जो अक्सर पौधों में रक्षा तंत्र के रूप में कार्य करते हैं और मनुष्यों के लिए विषैले हो सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): सोलेनिन एक ग्लाइकोएल्कलॉइड है जो आलू में, विशेष रूप से हरे भागों या अंकुरों में पाया जाता है। यह मनुष्यों के लिए कुछ विषाक्तता पैदा कर सकता है, जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं। यह एक कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन या लिपिड नहीं है, बल्कि एक प्राकृतिक विष है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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आलू का सबसे आम रोग, जो आलू की फसल को तबाह कर सकता है, कौन सा कवक (Fungus) पैदा करता है?
- (a) एस्परगिलस
- (b) पेनिसिलियम
- (c) फाइटोफ्थोरा इन्फेस्टान्स (Phytophthora infestans)
- (d) राइजोपस
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फाइटोफ्थोरा इन्फेस्टान्स (Phytophthora infestans) एक ओमीसीट (Oomycete) है, जिसे अक्सर गलती से कवक माना जाता है, जो आलू और टमाटर में लेट ब्लाइट (Late Blight) रोग का कारण बनता है। यह रोग बड़े पैमाने पर कृषि संकटों का कारण बना है, जैसे कि 19वीं सदी का आयरिश आलू अकाल।
व्याख्या (Explanation): फाइटोफ्थोरा इन्फेस्टान्स आलू के लेट ब्लाइट के लिए जिम्मेदार है, जो पत्तियों, तनों और कंदों को प्रभावित करता है। एस्परगिलस, पेनिसिलियम और राइजोपस अन्य सामान्य कवक हैं, लेकिन वे आलू की फसल के लिए इस तरह के विनाशकारी रोग का कारण नहीं बनते।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू में क्लोरोफिल (Chlorophyll) का उत्पादन तब होता है जब कंद प्रकाश के संपर्क में आते हैं, जिससे वे हरे रंग के हो जाते हैं। क्लोरोफिल किस धातु आयन (metal ion) की उपस्थिति के कारण हरा दिखाई देता है?
- (a) लोहा (Fe)
- (b) मैग्नीशियम (Mg)
- (c) तांबा (Cu)
- (d) जस्ता (Zn)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्लोरोफिल एक हरे रंग का वर्णक (pigment) है जो प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है। इसकी संरचना में केंद्रीय मैग्नीशियम आयन (Mg2+) होता है, जो इसे एक विशिष्ट रंग और कार्यक्षमता प्रदान करता है।
व्याख्या (Explanation): क्लोरोफिल के अणु में केंद्र में एक मैग्नीशियम आयन स्थित होता है। यह मैग्नीशियम आयन ही क्लोरोफिल को उसका विशिष्ट हरा रंग प्रदान करता है। अन्य धातु आयन जैसे लोहा, तांबा और जस्ता विभिन्न एंजाइमों और जैविक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन क्लोरोफिल के हरे रंग के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं होते।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आलू की उत्पत्ति के संबंध में वैज्ञानिक शोध अक्सर आनुवंशिक सामग्री (DNA) का विश्लेषण करते हैं। DNA की संरचना में कौन सा नाइट्रोजनस बेस (nitrogenous base) थाइमिन (Thymine) के साथ युग्मन (pair) करता है?
- (a) ग्वानिन (Guanine)
- (b) साइटोसिन (Cytosine)
- (c) एडेनिन (Adenine)
- (d) यूरेसिल (Uracil)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) की डबल हेलिक्स संरचना में, एडेनिन (A) हमेशा थाइमिन (T) के साथ दो हाइड्रोजन बॉन्ड द्वारा जुड़ा होता है, और ग्वानिन (G) हमेशा साइटोसिन (C) के साथ तीन हाइड्रोजन बॉन्ड द्वारा जुड़ा होता है।
व्याख्या (Explanation): आलू के आनुवंशिक अध्ययन में DNA का विश्लेषण महत्वपूर्ण है। DNA में, एडेनिन (A) हमेशा थाइमिन (T) के साथ जुड़ता है। ग्वानिन (G) साइटोसिन (C) के साथ जुड़ता है। यूरेसिल (U) RNA में पाया जाने वाला एक बेस है जो एडेनिन के साथ जुड़ता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू के पौधे में प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) मुख्य रूप से किस अंग में होता है?
- (a) जड़ें
- (b) तने
- (c) पत्तियाँ
- (d) फूल
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से ग्लूकोज (भोजन) बनाते हैं। यह प्रक्रिया मुख्य रूप से क्लोरोफिल युक्त कोशिकाओं में होती है, जो पत्तियों में केंद्रित होती हैं।
व्याख्या (Explanation): आलू के पौधे की पत्तियां प्रकाश संश्लेषण के लिए मुख्य स्थल हैं। इनमें क्लोरोफिल होता है, जो सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करता है। जड़ें मुख्य रूप से पानी और खनिज अवशोषण के लिए होती हैं, और तने और फूल प्रकाश संश्लेषण में मामूली भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन पत्तियां प्राथमिक अंग हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रकाश संश्लेषण के दौरान, पौधे कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को अवशोषित करने के लिए पत्तियों पर छोटे छिद्रों का उपयोग करते हैं। इन छिद्रों को क्या कहा जाता है?
- (a) रंध्र (Stomata)
- (b) सिरा (Veins)
- (c) क्लोरोप्लास्ट (Chloroplasts)
- (d) जाइलम (Xylem)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रंध्र (Stomata) पौधे की पत्तियों की सतह पर मौजूद छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जो गैसों के आदान-प्रदान (जैसे CO2 का प्रवेश और O2 का निकास) और वाष्पोत्सर्जन (transpiration) को नियंत्रित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): CO2 रंध्रों के माध्यम से पत्तियों में प्रवेश करता है। ये रंध्र आमतौर पर पत्ती की निचली सतह पर अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। सिराएँ पानी और पोषक तत्वों के परिवहन के लिए होती हैं। क्लोरोप्लास्ट प्रकाश संश्लेषण करने वाले कोशिकांग हैं, और जाइलम पौधे के ऊतकों में पानी के परिवहन के लिए जिम्मेदार है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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आलू के कंद को पकाने पर वह नरम हो जाता है। यह नरम होना मुख्य रूप से स्टार्च के किस भौतिक परिवर्तन (physical change) के कारण होता है?
- (a) वाष्पीकरण (Evaporation)
- (b) जमना (Gelatinization)
- (c) संघनन (Condensation)
- (d) ऊर्ध्वपातन (Sublimation)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): स्टार्च जमना (Starch Gelatinization) वह प्रक्रिया है जिसमें स्टार्च के कण गर्म पानी को अवशोषित करके फूल जाते हैं और टूट जाते हैं, जिससे एक गाढ़ा, जेल जैसा पदार्थ बनता है।
व्याख्या (Explanation): जब आलू को पकाया जाता है, तो गर्मी के कारण स्टार्च के दाने पानी अवशोषित करके फूल जाते हैं और फट जाते हैं, इस प्रक्रिया को जमना कहते हैं। इससे आलू नरम हो जाते हैं। वाष्पीकरण पानी का गैस में बदलना है, संघनन गैस का वापस तरल में बदलना है, और ऊर्ध्वपातन ठोस का सीधे गैस में बदलना है; ये आलू के नरम होने के मुख्य कारण नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आलू के चिप्स को कुरकुरा बनाने के लिए उन्हें अक्सर तलकर (frying) तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया में, आलू के चिप्स से पानी का निष्कासन होता है। पानी के निष्कासन की इस प्रक्रिया को भौतिकी में क्या कहते हैं?
- (a) वाष्पीकरण (Evaporation)
- (b) ऊष्मीय अपघटन (Thermal Decomposition)
- (c) संवहन (Convection)
- (d) चालन (Conduction)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वाष्पीकरण (Evaporation) वह प्रक्रिया है जिसमें कोई तरल पदार्थ (जैसे पानी) गर्म होने पर गैस (जल वाष्प) में परिवर्तित हो जाता है और वातावरण में मिल जाता है।
व्याख्या (Explanation): जब आलू के चिप्स को गर्म तेल में तला जाता है, तो तेल की गर्मी से चिप्स के भीतर का पानी वाष्प बनकर उड़ जाता है। यह वाष्पीकरण चिप्स को कुरकुरा बनाता है। ऊष्मीय अपघटन पदार्थ का गर्मी से टूटना है, संवहन गर्मी का माध्यम से स्थानांतरण है, और चालन सीधे संपर्क से गर्मी का स्थानांतरण है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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आलू के कंद में स्टार्च के अलावा, कौन सा विटामिन महत्वपूर्ण मात्रा में पाया जाता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है?
- (a) विटामिन A
- (b) विटामिन B12
- (c) विटामिन C
- (d) विटामिन D
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विटामिन C (एस्कॉर्बिक एसिड) एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखने और लोहे के अवशोषण में सहायता करने के लिए जाना जाता है।
व्याख्या (Explanation): आलू, विशेष रूप से त्वचा के पास, विटामिन C का एक अच्छा स्रोत है। विटामिन A मुख्य रूप से गाजर जैसे नारंगी सब्जियों में पाया जाता है, विटामिन B12 केवल पशु उत्पादों में पाया जाता है, और विटामिन D सूर्य के प्रकाश के संपर्क से प्राप्त होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू के अंकुर (sprouts) में सोलेनिन की मात्रा अधिक होती है। सोलेनिन का संबंध किस रासायनिक वर्ग (chemical class) से है?
- (a) ग्लाइकोसाइड (Glycoside)
- (b) एल्कलॉइड (Alkaloid)
- (c) टेरपेनॉइड (Terpenoid)
- (d) फ्लेवोनोइड (Flavonoid)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एल्कलॉइड्स (Alkaloids) प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक यौगिकों का एक बड़ा और विविध समूह है, जिनमें से कई में औषधीय या विषैले प्रभाव होते हैं। सोलेनिन एक ग्लाइकोएल्कलॉइड है, जो एल्कलॉइड वर्ग का एक उपसमूह है।
व्याख्या (Explanation): सोलेनिन, अपने रासायनिक नाम के अनुसार, एल्कलॉइड्स नामक यौगिकों के वर्ग से संबंधित है। यह आलू के अंकुरित या हरे हो चुके भागों में उच्च सांद्रता में मौजूद होता है और इसे विषैला माना जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आलू के अंकुरण (germination) की प्रक्रिया में, स्टार्च को किस सरल शर्करा (simple sugar) में तोड़ा जाता है ताकि अंकुर को ऊर्जा मिल सके?
- (a) लैक्टोज (Lactose)
- (b) माल्टोज (Maltose)
- (c) सुक्रोज (Sucrose)
- (d) ग्लूकोज (Glucose)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): स्टार्च, एक पॉलीसेकेराइड, कोशिका श्वसन (cellular respiration) के लिए ऊर्जा स्रोत के रूप में कार्य करने के लिए पहले माल्टोज (एक डाइसेकेराइड) और फिर मुख्य रूप से ग्लूकोज (एक मोनोसेकेराइड) में तोड़ा जाता है।
व्याख्या (Explanation): जब आलू अंकुरित होते हैं, तो कंद में संग्रहीत स्टार्च एंजाइमों द्वारा पहले माल्टोज में और फिर कोशिकाएँ ऊर्जा के लिए इसका उपयोग कर सकें, इसके लिए ग्लूकोज में परिवर्तित किया जाता है। लैक्टोज दूध में पाया जाता है, माल्टोज माल्ट में पाया जाता है, और सुक्रोज गन्ने में पाया जाता है; ग्लूकोज ऊर्जा का प्रत्यक्ष स्रोत है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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आलू के कंद में पानी का प्रवेश और निकास मुख्य रूप से कोशिका झिल्ली (cell membrane) के किस प्रक्रिया द्वारा होता है?
- (a) सक्रिय परिवहन (Active Transport)
- (b) परासरण (Osmosis)
- (c) विसरण (Diffusion)
- (d) एंडोसाइटोसिस (Endocytosis)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परासरण (Osmosis) एक अर्ध-पारगम्य झिल्ली (semi-permeable membrane) के माध्यम से विलायक (solvent) (आमतौर पर पानी) के अणुओं का उच्च सांद्रता वाले क्षेत्र से निम्न सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर या निम्न विलेय (solute) सांद्रता वाले क्षेत्र से उच्च विलेय सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर गति करने की प्रक्रिया है।
व्याख्या (Explanation): कोशिका झिल्ली एक अर्ध-पारगम्य झिल्ली है। आलू की कोशिकाओं में पानी का संतुलन परासरण द्वारा नियंत्रित होता है, जहाँ पानी कोशिका झिल्ली के पार सांद्रता प्रवणता (concentration gradient) के अनुसार गति करता है। विसरण किसी भी अणु की गति है, सक्रिय परिवहन के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, और एंडोसाइटोसिस बड़ी सामग्री को कोशिका के अंदर ले जाने की प्रक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आलू को स्टोर करते समय, यदि तापमान बहुत कम हो जाता है (0°C से नीचे), तो क्या हो सकता है?
- (a) आलू जम जाएंगे और गल जाएंगे
- (b) अंकुरण तेजी से होगा
- (c) स्टार्च चीनी में परिवर्तित हो जाएगा
- (d) स्टार्च का क्षरण (degradation) रुक जाएगा
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब पानी जम जाता है, तो उसके अणु एक क्रिस्टलीय संरचना बनाते हैं, जिससे उसका आयतन बढ़ता है। कोशिकाओं के अंदर पानी जमने से कोशिका संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): 0°C से नीचे, आलू के अंदर का पानी जम जाएगा। इससे बर्फ के क्रिस्टल बनेंगे जो कोशिका भित्ति को तोड़ सकते हैं। पिघलने पर, आलू की बनावट खराब हो जाएगी और वे गल जाएंगे। जबकि कम तापमान अंकुरण को धीमा कर सकता है, और बहुत कम तापमान स्टार्च को चीनी में परिवर्तित कर सकता है (जो ठंड से भी संबंधित है), आलू के जमने और गलने की सबसे प्रत्यक्ष और हानिकारक प्रतिक्रिया यह है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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आलू की खेती में, मिट्टी का pH (क्षारीयता/अम्लता) महत्वपूर्ण होता है। आलू के इष्टतम विकास के लिए मिट्टी का pH रेंज सामान्यतः क्या होता है?
- (a) 4.5 – 5.5 (बहुत अम्लीय)
- (b) 5.5 – 6.5 (थोड़ा अम्लीय)
- (c) 7.0 – 8.0 (तटस्थ से थोड़ा क्षारीय)
- (d) 8.5 – 9.5 (बहुत क्षारीय)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न फसलों के विकास के लिए विशिष्ट pH रेंज की आवश्यकता होती है। pH मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्धता को प्रभावित करता है।
व्याख्या (Explanation): आलू के इष्टतम विकास के लिए थोड़ी अम्लीय मिट्टी (pH 5.5 से 6.5) सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इस pH रेंज में, पोषक तत्व अधिक आसानी से उपलब्ध होते हैं और स्कैब (scab) जैसे रोगों का जोखिम कम होता है। बहुत अम्लीय या क्षारीय मिट्टी पोषक तत्वों के अवशोषण को बाधित कर सकती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आलू के स्टार्च का आयोडिन (Iodine) के घोल के साथ परीक्षण करने पर गहरा नीला या काला रंग उत्पन्न होता है। यह किस प्रकार की रासायनिक अभिक्रिया (chemical reaction) को दर्शाता है?
- (a) उदासीनीकरण (Neutralization)
- (b) ऑक्सीकरण (Oxidation)
- (c) जटिल निर्माण (Complex Formation)
- (d) योगिकरण (Polymerization)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): स्टार्च में पॉलीसेकेराइड की एक विशेष संरचना होती है जो आयोडिन के अणुओं को फंसा सकती है, जिससे एक रंगीन जटिल यौगिक बनता है। यह स्टार्च की पहचान के लिए एक विशिष्ट परीक्षण है।
व्याख्या (Explanation): स्टार्च के साथ आयोडिन की अभिक्रिया एक रंग परीक्षण है। आयोडिन अणु स्टार्च की हेलिकल संरचनाओं के भीतर फंस जाते हैं, जिससे एक इंट्रूजन कॉम्प्लेक्स (inclusion complex) बनता है, जिसके परिणामस्वरूप गहरा नीला या काला रंग दिखाई देता है। यह एक साधारण योगिकरण या ऑक्सीकरण अभिक्रिया नहीं है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू के कंद पर “आँखें” (eyes) क्या दर्शाती हैं?
- (a) प्रकाश संवेदी अंग
- (b) पोषक तत्व भंडारण की जगहें
- (c) निष्क्रिय कलियाँ (dormant buds)
- (d) जल अवशोषित करने वाली सतहें
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वानस्पतिक रूप से, आलू का कंद एक भूमिगत तना है। इस तने पर नोड्स (nodes) और इंटरनोड्स (internodes) होते हैं। आँखों के रूप में दिखाई देने वाले अवसाद वास्तव में तने के नोड्स होते हैं जहाँ पत्तियां (जो बहुत कम या अविकसित होती हैं) और उनके आधार पर निष्क्रिय कलियाँ (dormant buds) स्थित होती हैं।
व्याख्या (Explanation): आलू की आँखें वास्तव में तने की कलियाँ हैं। जब अनुकूल परिस्थितियाँ मिलती हैं, तो ये कलियाँ अंकुरित होकर नए पौधे बनाती हैं। ये प्रकाश संवेदी अंग नहीं हैं, न ही ये सीधे तौर पर पोषक तत्व भंडारण की मुख्य जगहें हैं (यह कंद का बाकी हिस्सा है), और न ही ये जल अवशोषित करने वाली प्राथमिक सतहें हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू के कंद में स्टार्च के जल-अपघटन (hydrolysis) के लिए जिम्मेदार एंजाइम का नाम क्या है?
- (a) प्रोटीज (Protease)
- (b) लाइपेज (Lipase)
- (c) एमाइलेज (Amylase)
- (d) न्यूक्लिएज (Nuclease)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एमाइलेज (Amylase) एंजाइम कार्बोहाइड्रेट, विशेष रूप से स्टार्च, के जल-अपघटन को उत्प्रेरित करते हैं, इसे सरल शर्करा में तोड़ते हैं।
व्याख्या (Explanation): एमाइलेज एंजाइम स्टार्च को माल्टोज और अंततः ग्लूकोज में तोड़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं, जो आलू के अंकुरण या अन्य चयापचय प्रक्रियाओं के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं। प्रोटीज प्रोटीन को पचाते हैं, लाइपेज वसा को पचाते हैं, और न्यूक्लिएज न्यूक्लिक एसिड को पचाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू की बुवाई में, कंदों को मिट्टी में गाड़ा जाता है। मिट्टी का भौतिक गुण जो कंदों के विकास और जड़ों के विस्तार के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, वह क्या है?
- (a) ऊष्मा चालकता (Thermal conductivity)
- (b) वाष्प दाब (Vapor pressure)
- (c) सरंध्रता (Porosity) और वातन (Aeration)
- (d) पृष्ठ तनाव (Surface tension)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मिट्टी की सरंध्रता (porosity) जड़ों को सांस लेने के लिए पर्याप्त हवा (ऑक्सीजन) और पानी के प्रवेश की अनुमति देती है, जो पौधे के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक है।
व्याख्या (Explanation): मिट्टी की सरंध्रता यह निर्धारित करती है कि मिट्टी में कितनी हवा और पानी रह सकता है। आलू की जड़ों और कंदों को श्वसन के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, जो अच्छी वातन वाली मिट्टी से प्राप्त होती है। उच्च जल धारण क्षमता के साथ-साथ अच्छी वातन भी कंद के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू के कंद में पाए जाने वाले स्टार्च के रासायनिक सूत्र (chemical formula) का सबसे सरल रूप क्या है?
- (a) C6H12O6
- (b) C12H22O11
- (c) (C6H10O5)n
- (d) CH4
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): स्टार्च एक पॉलीमर है जो ग्लूकोज (C6H12O6) की कई इकाइयों से मिलकर बना होता है, जिसमें जल के अणु (H2O) निष्कासित होते हैं। इसका सामान्य सूत्र (C6H10O5)n है, जहाँ ‘n’ ग्लूकोज इकाइयों की संख्या को दर्शाता है।
व्याख्या (Explanation): ग्लूकोज (a) एक मोनोसेकेराइड है, सुक्रोज (b) एक डाइसेकेराइड है, और मीथेन (d) एक एल्केन है। स्टार्च, एक पॉलीसेकेराइड, ग्लूकोज इकाइयों की लंबी श्रृंखलाओं से बनता है, और इसका अनुभवजन्य सूत्र (C6H10O5)n होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू के कंद का वजन बढ़ाने के लिए, पौधे को निम्नलिखित में से किस तत्व की सबसे अधिक आवश्यकता होती है?
- (a) सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients)
- (b) द्वितीयक पोषक तत्व (Secondary nutrients)
- (c) प्राथमिक पोषक तत्व (Primary nutrients)
- (d) सभी समान मात्रा में
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पौधों को विकास के लिए विभिन्न पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिन्हें उनकी आवश्यकता की मात्रा के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है: प्राथमिक (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम), द्वितीयक (कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर), और सूक्ष्म पोषक तत्व (लौह, मैंगनीज, जस्ता, आदि)।
व्याख्या (Explanation): आलू के कंद के विकास और समग्र पौधों के विकास के लिए प्राथमिक पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन (पत्ती और तने के विकास के लिए), फास्फोरस (जड़ और फूल विकास के लिए) और विशेष रूप से पोटेशियम (कंद विकास, पानी के नियमन और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए) महत्वपूर्ण हैं। इन पोषक तत्वों की आवश्यकता अन्य श्रेणियों की तुलना में बहुत अधिक होती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू के कंद को संग्रहित करते समय, यदि आर्द्रता (humidity) बहुत अधिक हो, तो कौन सी समस्या उत्पन्न हो सकती है?
- (a) कंद सूख जाएंगे
- (b) अंकुरण तेजी से होगा
- (c) कंद सड़ जाएंगे (rot)
- (d) आलू का स्वाद बदल जाएगा
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उच्च आर्द्रता कवक (fungi) और बैक्टीरिया (bacteria) जैसे सूक्ष्मजीवों के विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ प्रदान करती है, जो कार्बनिक पदार्थों को सड़ा सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): आलू को संग्रहित करते समय, बहुत अधिक आर्द्रता कंदों पर फफूंदी (mildew) और अन्य रोगजनकों के विकास को बढ़ावा देती है, जिससे कंद सड़ने लगते हैं। उचित भंडारण में मध्यम आर्द्रता बनाए रखना आवश्यक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।