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सामान्य विज्ञान के प्रश्न: परमाणु प्रतिक्रियाओं और कणों की दुनिया को समझें

सामान्य विज्ञान के प्रश्न: परमाणु प्रतिक्रियाओं और कणों की दुनिया को समझें

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान का गहन ज्ञान अत्यंत आवश्यक है। विभिन्न विषयों, जैसे भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के सिद्धांतों को समझना आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है और आपको वास्तविक दुनिया की घटनाओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखने में मदद करता है। यहाँ, हम ‘घोस्ट पार्टिकल्स’ और छिपी हुई परमाणु प्रतिक्रियाओं जैसे आकर्षक विषयों से प्रेरित होकर, आपकी तैयारी को मजबूत करने के लिए 25 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) प्रस्तुत कर रहे हैं। इन प्रश्नों का अभ्यास करके आप अपनी अवधारणाओं को स्पष्ट कर सकते हैं और परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. जब न्यूट्रिनो (जिन्हें अक्सर ‘भूत कण’ कहा जाता है) पृथ्वी से गुजरते हैं, तो वे किस प्रकार की कणों के साथ अंतःक्रिया (interaction) कर सकते हैं, जिससे एक छिपी हुई परमाणु प्रतिक्रिया की संभावना बनती है?

    • (a) इलेक्ट्रॉन
    • (b) प्रोटॉन
    • (c) परमाणु नाभिक
    • (d) पॉज़िट्रॉन

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): न्यूट्रिनो अत्यंत कम द्रव्यमान वाले और विद्युत रूप से उदासीन उप-परमाण्विक कण होते हैं। उनकी सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि वे बहुत कम अंतःक्रिया करते हैं, जिसके कारण वे अधिकांश पदार्थ (जैसे पृथ्वी) से बिना रुके गुजर जाते हैं। हालाँकि, वे कभी-कभी परमाणु नाभिक के साथ कमजोर अंतःक्रिया (weak interaction) कर सकते हैं, जिससे अन्य कणों का उत्पादन हो सकता है और कभी-कभी परमाणु प्रतिक्रियाएं शुरू हो सकती हैं।

    व्याख्या (Explanation): इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और पॉज़िट्रॉन आवेशित कण हैं जो न्यूट्रिनो के साथ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बल के माध्यम से अधिक आसानी से अंतःक्रिया करते हैं। न्यूट्रिनो, उदासीन होने के कारण, मुख्य रूप से कमजोर नाभिकीय बल (weak nuclear force) के माध्यम से अंतःक्रिया करते हैं। यह बल नाभिक के भीतर प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के साथ अंतःक्रिया के लिए जिम्मेदार है। इसलिए, पृथ्वी से गुजरते समय, न्यूट्रिनो के सबसे अधिक संभावना परमाणु नाभिकों के साथ अंतःक्रिया करने की होती है, जिससे प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  2. न्यूट्रिनो की पहचान में मुख्य बाधा क्या है, जिसके कारण उन्हें ‘भूत कण’ कहा जाता है?

    • (a) उनका अत्यधिक उच्च वेग
    • (b) उनका अत्यंत कम द्रव्यमान और विद्युत आवेश की अनुपस्थिति
    • (c) उनकी अत्यंत कम ऊर्जा
    • (d) उनका नाभिकीय विखंडन के प्रति प्रतिरोध

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कणों की अंतःक्रिया (interaction) की संभावना उनके आवेश, द्रव्यमान और वे जिस बल से प्रभावित होते हैं, उस पर निर्भर करती है। जिन कणों का आवेश शून्य होता है और द्रव्यमान बहुत कम होता है, वे सामान्य पदार्थ के साथ बहुत कम अंतःक्रिया करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): न्यूट्रिनो का द्रव्यमान बहुत ही कम होता है (सैद्धांतिक रूप से शून्य के करीब, लेकिन गैर-शून्य) और वे विद्युत रूप से उदासीन होते हैं। इस कारण, वे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बल या मजबूत नाभिकीय बल से बहुत कम प्रभावित होते हैं, जो सामान्य पदार्थ के साथ अंतःक्रिया के प्रमुख बल हैं। वे मुख्य रूप से कमजोर नाभिकीय बल से प्रभावित होते हैं, जिसकी सीमा बहुत कम होती है। इस कम अंतःक्रिया के कारण, वे बड़ी मात्रा में पदार्थ से भी आसानी से गुजर जाते हैं, जिससे उनका पता लगाना अत्यंत कठिन हो जाता है। इसलिए, उन्हें ‘भूत कण’ कहा जाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. “छिपी हुई परमाणु प्रतिक्रिया” (hidden atomic reaction) का क्या अर्थ हो सकता है, जब एक उच्च-ऊर्जा कण (जैसे न्यूट्रिनो) किसी पदार्थ से गुजरता है?

    • (a) एक स्वतःस्फूर्त रेडियोधर्मी क्षय
    • (b) कण और परमाणु नाभिक के बीच एक दुर्लभ, अप्रत्यक्ष अंतःक्रिया
    • (c) बाहरी विकिरण के कारण परमाणु का विखंडन
    • (d) कण का सीधे ही परमाणु में समाहित हो जाना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): परमाणु प्रतिक्रियाएं तब होती हैं जब कणों के बीच पर्याप्त ऊर्जा और उपयुक्त बल की उपस्थिति में अंतःक्रिया होती है, जिससे नाभिकीय परिवर्तनों या नए कणों का निर्माण होता है। “छिपी हुई” प्रतिक्रिया का अर्थ है कि यह सामान्य परिस्थितियों में आसानी से देखी या मापी नहीं जा सकती।

    व्याख्या (Explanation): जब न्यूट्रिनो जैसे ‘भूत कण’ पृथ्वी जैसे विशाल पदार्थ से गुजरते हैं, तो उनकी अंतःक्रिया की दर बहुत कम होती है। हालाँकि, बहुत बड़ी संख्या में कणों और पर्याप्त ऊर्जा के साथ, अत्यंत दुर्लभ अवसर आ सकते हैं जब एक न्यूट्रिनो किसी परमाणु के नाभिक के साथ कमजोर नाभिकीय बल के माध्यम से अंतःक्रिया करता है। इस अंतःक्रिया से एक नया कण (जैसे इलेक्ट्रॉन या पॉज़िट्रॉन) उत्सर्जित हो सकता है या नाभिक की स्थिति में एक सूक्ष्म परिवर्तन हो सकता है, जिसे एक “छिपी हुई” या दुर्लभ परमाणु प्रतिक्रिया माना जा सकता है। अन्य विकल्प, जैसे स्वतःस्फूर्त क्षय या सीधा समावेशन, इस संदर्भ में उतने सटीक नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  4. न्यूट्रिनो किस मौलिक बल (fundamental force) के माध्यम से मुख्य रूप से अंतःक्रिया करते हैं?

    • (a) गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force)
    • (b) विद्युत चुम्बकीय बल (Electromagnetic Force)
    • (c) प्रबल नाभिकीय बल (Strong Nuclear Force)
    • (d) दुर्बल नाभिकीय बल (Weak Nuclear Force)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकृति में चार मौलिक बल होते हैं: गुरुत्वाकर्षण, विद्युत चुम्बकीय, प्रबल नाभिकीय और दुर्बल नाभिकीय। प्रत्येक बल विभिन्न प्रकार के कणों और अंतःक्रियाओं के लिए जिम्मेदार होता है।

    व्याख्या (Explanation): न्यूट्रिनो विद्युत रूप से उदासीन होते हैं, इसलिए वे विद्युत चुम्बकीय बल से सीधे प्रभावित नहीं होते हैं। उनका द्रव्यमान बहुत कम होता है, इसलिए गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव भी बहुत नगण्य होता है। वे लेप्टॉन (lepton) नामक कणों के परिवार से संबंधित हैं, और लेप्टॉन प्रबल नाभिकीय बल से प्रभावित नहीं होते हैं। न्यूट्रिनो मुख्य रूप से दुर्बल नाभिकीय बल के माध्यम से ही अंतःक्रिया करते हैं। यह बल रेडियोधर्मी क्षय (radioactive decay) जैसी प्रक्रियाओं के लिए जिम्मेदार है और कणों के बीच दुर्लभ अंतःक्रियाओं का कारण बनता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  5. न्यूट्रिनो डिटेक्टरों को आमतौर पर पृथ्वी के भीतर या बहुत गहरे पानी के नीचे क्यों बनाया जाता है?

    • (a) गुरुत्वाकर्षण प्रभाव को बढ़ाने के लिए
    • (b) पृष्ठभूमि विकिरण (background radiation) को कम करने के लिए
    • (c) न्यूट्रिनो के वेग को धीमा करने के लिए
    • (d) अन्य कणों के साथ न्यूट्रिनो की अंतःक्रिया को बढ़ाने के लिए

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): न्यूट्रिनो अत्यंत कम अंतःक्रिया करते हैं, इसलिए उनके द्वारा उत्पन्न होने वाले संकेत अत्यंत कमजोर होते हैं। इन कमजोर संकेतों को सटीक रूप से मापने के लिए, उन्हें अन्य, अधिक सामान्य कणों की अंतःक्रियाओं से उत्पन्न होने वाले शोर (noise) या पृष्ठभूमि विकिरण से अलग करना महत्वपूर्ण है।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी की सतह पर, ब्रह्मांडीय किरणों (cosmic rays) और अन्य रेडियोधर्मी स्रोतों से बहुत अधिक पृष्ठभूमि विकिरण मौजूद होता है। ये विकिरण डिटेक्टरों में ऐसे संकेत उत्पन्न कर सकते हैं जो न्यूट्रिनो के अत्यंत दुर्लभ अंतःक्रियाओं के संकेतों को छिपा सकते हैं। पृथ्वी की मोटी परत या पानी का विशाल घनत्व इन पृष्ठभूमि कणों को अवशोषित कर लेता है, जिससे न्यूट्रिनो डिटेक्टरों के लिए एक शांत वातावरण बनता है। यह न्यूट्रिनो की वास्तविक अंतःक्रियाओं को देखने की संभावना को बढ़ाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  6. न्यूट्रिनो विभिन्न प्रकार के होते हैं। ब्रह्मांड में न्यूट्रिनो का प्राथमिक स्रोत क्या है?

    • (a) ब्लैक होल का विलय
    • (b) सुपरनोवा विस्फोट और परमाणु संलयन (nuclear fusion) प्रक्रियाएं (जैसे सूर्य में)
    • (c) क्षुद्रग्रहों का टकराव
    • (d) पृथ्वी की क्रस्ट में रेडियोधर्मी क्षय

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कण भौतिकी के मानक मॉडल (Standard Model) के अनुसार, न्यूट्रिनो विभिन्न प्रकार की परमाणु और उप-परमाण्विक प्रक्रियाओं के दौरान उत्पन्न होते हैं, खासकर जहाँ कमजोर नाभिकीय बल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

    व्याख्या (Explanation): सूर्य और अन्य तारों के कोर में होने वाली परमाणु संलयन (nuclear fusion) प्रक्रियाएं भारी मात्रा में न्यूट्रिनो का उत्पादन करती हैं। ये न्यूट्रिनो तारों के द्रव्यमान से आसानी से गुजर जाते हैं और ब्रह्मांड में फैल जाते हैं। इसी तरह, जब बड़े तारे अपने जीवन के अंत में सुपरनोवा के रूप में विस्फोट करते हैं, तो वे भी अपार मात्रा में न्यूट्रिनो उत्सर्जित करते हैं। अन्य विकल्प, जैसे ब्लैक होल विलय या क्षुद्रग्रहों का टकराव, न्यूट्रिनो के महत्वपूर्ण स्रोत नहीं हैं। पृथ्वी की क्रस्ट में रेडियोधर्मी क्षय कुछ न्यूट्रिनो उत्पन्न करता है, लेकिन ब्रह्मांडीय पैमाने पर सूर्य और सुपरनोवा प्रमुख स्रोत हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  7. यदि एक न्यूट्रिनो किसी परमाणु के नाभिक के साथ अंतःक्रिया करता है और एक इलेक्ट्रॉन का उत्पादन करता है, तो इस प्रक्रिया को किस प्रकार की परमाणु प्रतिक्रिया कहा जा सकता है?

    • (a) नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission)
    • (b) नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion)
    • (c) बीटा क्षय (Beta Decay) या एक प्रकार का कमजोर अंतःक्रिया (Weak Interaction)
    • (d) अल्फा क्षय (Alpha Decay)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): बीटा क्षय एक प्रकार की रेडियोधर्मी प्रक्रिया है जिसमें एक परमाणु नाभिक एक बीटा कण (एक इलेक्ट्रॉन या पॉज़िट्रॉन) और एक न्यूट्रिनो (या एंटीन्यूट्रिनो) उत्सर्जित करता है। यह कमजोर नाभिकीय बल द्वारा मध्यस्थ होता है। न्यूट्रिनो-प्रेरित प्रतिक्रियाएं भी इसी बल के माध्यम से होती हैं।

    व्याख्या (Explanation): जब एक न्यूट्रिनो किसी नाभिक से अंतःक्रिया करता है और एक इलेक्ट्रॉन (या पॉज़िट्रॉन) उत्पन्न होता है, तो यह कमजोर नाभिकीय बल की भागीदारी को दर्शाता है। यह प्रक्रिया काफी हद तक बीटा क्षय के समान है, जहां एक न्यूट्रॉन एक प्रोटॉन, एक इलेक्ट्रॉन और एक एंटीन्यूट्रिनो में बदल जाता है (या एक प्रोटॉन एक न्यूट्रॉन, एक पॉज़िट्रॉन और एक न्यूट्रिनो में)। न्यूट्रिनो-प्रेरित प्रतिक्रियाएं इस कमजोर अंतःक्रिया का ही एक रूप हैं, जो आमतौर पर पृष्ठभूमि में होती हैं लेकिन विशेष परिस्थितियों में खोजी जा सकती हैं। विखंडन और संलयन नाभिकीय प्रतिक्रियाओं के बड़े पैमाने पर होने वाले रूप हैं, और अल्फा क्षय एक भिन्न प्रकार का कण (हीलियम नाभिक) उत्सर्जित करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. जब न्यूट्रिनो पृथ्वी से होकर गुजरते हैं, तो पृथ्वी का कौन सा भाग न्यूट्रिनो के साथ सबसे अधिक अंतःक्रिया करने की संभावना रखता है, यदि कोई अंतःक्रिया होती है?

    • (a) वायुमंडल
    • (b) महासागर
    • (c) पृथ्वी का कोर (विशेषकर भारी तत्वों वाला)
    • (d) पृथ्वी का ऊपरी क्रस्ट

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कणों की अंतःक्रिया की संभावना पदार्थ के घनत्व और परमाणु संख्या पर निर्भर करती है। उच्च घनत्व और अधिक परमाणुओं वाली सामग्री कणों के साथ टकराने या अंतःक्रिया करने की अधिक संभावना प्रदान करती है।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी का कोर, विशेष रूप से उसका आंतरिक कोर, अत्यधिक सघन होता है और इसमें भारी तत्व (जैसे लोहा और निकल) होते हैं। हालाँकि न्यूट्रिनो फिर भी अधिकांश कोर से गुजर जाएंगे, लेकिन कोर की सघनता और भारी परमाणुओं की उपस्थिति, ऊपरी क्रस्ट या पानी की तुलना में न्यूट्रिनो के साथ अंतःक्रिया के लिए अधिक संभावित स्थल प्रदान करती है। वायुमंडल सबसे कम सघन होता है। इसलिए, यदि न्यूट्रिनो को पृथ्वी के भीतर कोई अंतःक्रिया करनी ही है, तो कोर में इसकी संभावना सबसे अधिक होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  9. न्यूट्रिनो से उत्पन्न होने वाली “छिपी हुई परमाणु प्रतिक्रिया” का पता लगाने के लिए किस प्रकार की तकनीक का उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रोस्कोपी (Electromagnetic Spectroscopy)
    • (b) ध्वनि तरंग डिटेक्टर (Sound Wave Detectors)
    • (c) बड़े पैमाने पर कण डिटेक्टर (Massive Particle Detectors) जो विशिष्ट विकिरण या कणों का पता लगाते हैं
    • (d) रासायनिक विश्लेषण (Chemical Analysis)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अत्यंत दुर्लभ घटनाओं (जैसे न्यूट्रिनो अंतःक्रिया) का पता लगाने के लिए, ऐसे डिटेक्टरों की आवश्यकता होती है जो बहुत बड़े मात्रा में पदार्थ को देख सकें और उन बहुत विशिष्ट संकेतों को पहचान सकें जो अंतःक्रिया से उत्पन्न होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): न्यूट्रिनो डिटेक्टर (जैसे आइस क्यूब या सुपर-कामियोकांडे) अत्यंत बड़े होते हैं और पानी या बर्फ जैसे पदार्थों से भरे होते हैं। जब कोई न्यूट्रिनो इन पदार्थों में एक परमाणु नाभिक के साथ अंतःक्रिया करता है, तो यह Cherenkov radiation या अन्य प्रकार के प्रकाश या कण उत्पन्न कर सकता है। ये डिटेक्टर इन कमजोर, विशिष्ट संकेतों को रिकॉर्ड करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो उन्हें पृष्ठभूमि शोर से अलग करने में मदद करते हैं। विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रोस्कोपी, ध्वनि तरंग डिटेक्टर, या रासायनिक विश्लेषण इस प्रकार की उप-परमाण्विक अंतःक्रियाओं का पता लगाने के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. एक परमाणु में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा स्तरों में संक्रमण (transition) के कारण कौन सा विकिरण उत्सर्जित होता है?

    • (a) अल्फा विकिरण
    • (b) बीटा विकिरण
    • (c) गामा विकिरण
    • (d) एक्स-रे

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): परमाणु में इलेक्ट्रॉन, नाभिक के चारों ओर विभिन्न ऊर्जा स्तरों में मौजूद होते हैं। जब एक इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर में जाता है, तो अतिरिक्त ऊर्जा फोटॉन के रूप में उत्सर्जित होती है। उत्सर्जित फोटॉन की ऊर्जा संक्रमण पर निर्भर करती है।

    व्याख्या (Explanation): परमाणु के कोर इलेक्ट्रॉनों (n=1, n=2 स्तरों) में संक्रमण से उत्सर्जित फोटॉन की ऊर्जा आम तौर पर एक्स-रे रेंज में होती है। उच्च ऊर्जा स्तरों (जैसे n=3 या उससे ऊपर) में संक्रमण से उत्सर्जित विकिरण दृश्य प्रकाश या पराबैंगनी (ultraviolet) हो सकता है। अल्फा और बीटा विकिरण परमाणु नाभिक से उत्सर्जित होते हैं, न कि इलेक्ट्रॉनों से। गामा विकिरण भी नाभिकीय प्रक्रियाओं से जुड़ा है और इसकी ऊर्जा एक्स-रे से बहुत अधिक होती है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  11. हाइड्रोजन परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन की संख्या कितनी होती है?

    • (a) 0
    • (b) 1
    • (c) 2
    • (d) 3

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): परमाणु संख्या (Atomic Number, Z) किसी तत्व के परमाणु नाभिक में प्रोटॉन की संख्या के बराबर होती है। यह तत्व की पहचान निर्धारित करती है।

    व्याख्या (Explanation): हाइड्रोजन (H) सबसे सरल तत्व है। इसका परमाणु क्रमांक 1 है, जिसका अर्थ है कि इसके नाभिक में केवल एक प्रोटॉन होता है। ड्यूटेरियम (हाइड्रोजन का एक समस्थानिक) में एक प्रोटॉन और एक न्यूट्रॉन होता है, और ट्रिटियम में एक प्रोटॉन और दो न्यूट्रॉन होते हैं, लेकिन सभी हाइड्रोजन समस्थानिकों में एक प्रोटॉन अवश्य होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  12. पदार्थ की अवस्थाएँ (States of Matter) कौन सी हैं?

    • (a) ठोस, तरल, गैस
    • (b) ठोस, तरल, गैस, प्लाज्मा
    • (c) ठोस, तरल, गैस, प्लाज्मा, बोस-आइंस्टीन कंडेनसेट
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थ की विभिन्न अवस्थाएँ उनके अणुओं की गतिज ऊर्जा (kinetic energy) और अंतःआणविक बलों (intermolecular forces) के आधार पर भिन्न होती हैं। परंपरागत रूप से तीन अवस्थाएँ (ठोस, तरल, गैस) जानी जाती हैं, लेकिन उच्च और निम्न तापमान पर अन्य अवस्थाएँ भी मौजूद होती हैं।

    व्याख्या (Explanation):

    • ठोस (Solid): अणु निश्चित स्थिति में होते हैं, और उनमें केवल कंपन होता है।
    • तरल (Liquid): अणु गतिमान होते हैं लेकिन एक-दूसरे के करीब रहते हैं।
    • गैस (Gas): अणु स्वतंत्र रूप से और तेजी से गति करते हैं।
    • प्लाज्मा (Plasma): यह आयनित गैस है, जिसमें आयन और मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं। यह ब्रह्मांड में पदार्थ की सबसे आम अवस्था है।
    • बोस-आइंस्टीन कंडेनसेट (Bose-Einstein Condensate – BEC): यह परम शून्य (absolute zero) के अत्यंत करीब के तापमान पर परमाणुओं की एक अवस्था है, जहाँ क्वांटम यांत्रिक प्रभाव प्रमुख हो जाते हैं।

    इसलिए, सभी सूचीबद्ध अवस्थाएँ पदार्थ की मान्य अवस्थाएँ हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  13. किसी तत्व के रासायनिक गुण मुख्य रूप से किसके द्वारा निर्धारित होते हैं?

    • (a) न्यूट्रॉनों की संख्या
    • (b) प्रोटॉनों की संख्या
    • (c) इलेक्ट्रॉनों की संख्या
    • (d) नाभिकीय द्रव्यमान

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रासायनिक अभिक्रियाएँ इलेक्ट्रॉनों के आदान-प्रदान या साझाकरण से होती हैं। विशेष रूप से, सबसे बाहरी कोश (valence shell) के इलेक्ट्रॉनों की संख्या रासायनिक व्यवहार को निर्धारित करती है।

    व्याख्या (Explanation): प्रोटॉन की संख्या (परमाणु संख्या) तत्व की पहचान निर्धारित करती है, लेकिन रासायनिक प्रतिक्रियाएँ बाहरी इलेक्ट्रॉनों के व्यवहार पर निर्भर करती हैं। विद्युत रूप से उदासीन परमाणु में, प्रोटॉन की संख्या इलेक्ट्रॉनों की संख्या के बराबर होती है। ये बाहरी इलेक्ट्रॉन अन्य परमाणुओं के साथ बंधन बनाते हैं। न्यूट्रॉनों की संख्या तत्व के समस्थानिक (isotope) को प्रभावित करती है, जो भौतिक गुणों को थोड़ा बदल सकती है लेकिन रासायनिक गुणों को मुख्य रूप से नहीं। नाभिकीय द्रव्यमान भी रासायनिक प्रतिक्रियाओं में सीधे शामिल नहीं होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  14. निम्नलिखित में से कौन सा अम्ल (acid) प्रकृति में क्षारीय (alkaline) होता है?

    • (a) सिरका (Vinegar)
    • (b) नींबू का रस (Lemon Juice)
    • (c) बेकिंग सोडा (Baking Soda)
    • (d) दही (Curd)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अम्ल वे पदार्थ होते हैं जो जलीय घोल में H+ आयन देते हैं, जबकि क्षार वे पदार्थ होते हैं जो जलीय घोल में OH- आयन देते हैं या H+ आयनों को स्वीकार करते हैं। pH स्केल 0-14 तक होता है, जहाँ 7 उदासीन होता है, 7 से कम अम्लीय, और 7 से अधिक क्षारीय होता है।

    व्याख्या (Explanation):

    • सिरका (Vinegar): इसमें एसिटिक अम्ल होता है, जो अम्लीय है।
    • नींबू का रस (Lemon Juice): इसमें साइट्रिक अम्ल होता है, जो अम्लीय है।
    • बेकिंग सोडा (Baking Soda): इसका रासायनिक नाम सोडियम बाइकार्बोनेट (NaHCO3) है, जो एक दुर्बल क्षार है।
    • दही (Curd): इसमें लैक्टिक अम्ल होता है, जो अम्लीय है।

    इसलिए, बेकिंग सोडा प्रकृति में क्षारीय होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  15. प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया में, पौधे किस गैस का अवशोषण करते हैं?

    • (a) ऑक्सीजन (Oxygen)
    • (b) नाइट्रोजन (Nitrogen)
    • (c) कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide)
    • (d) मीथेन (Methane)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करके अकार्बनिक पदार्थों (कार्बन डाइऑक्साइड और पानी) को कार्बनिक यौगिकों (ग्लूकोज) में परिवर्तित करते हैं, साथ ही ऑक्सीजन भी उत्पन्न करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण के लिए मुख्य कच्चा माल कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और पानी (H2O) है। पौधे वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को अपनी पत्तियों में छोटे छिद्रों, जिन्हें स्टोमेटा (stomata) कहा जाता है, के माध्यम से अवशोषित करते हैं। प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करके, क्लोरोफिल (chlorophyll) की उपस्थिति में, CO2 को ग्लूकोज (C6H12O6) में परिवर्तित किया जाता है, और उप-उत्पाद के रूप में ऑक्सीजन (O2) मुक्त होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  16. मानव शरीर में सबसे बड़ी ग्रंथि (gland) कौन सी है?

    • (a) अग्न्याशय (Pancreas)
    • (b) थायराइड ग्रंथि (Thyroid Gland)
    • (c) यकृत (Liver)
    • (d) अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal Gland)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मानव शरीर में विभिन्न ग्रंथियाँ होती हैं जो हार्मोन और अन्य महत्वपूर्ण पदार्थों का स्राव करती हैं। आकार के आधार पर, इन ग्रंथियों की अपनी विशिष्टता होती है।

    व्याख्या (Explanation): यकृत (Liver) मानव शरीर की सबसे बड़ी आंतरिक ग्रंथि है। यह कई महत्वपूर्ण कार्य करता है, जिनमें पाचन में सहायता के लिए पित्त का उत्पादन, विषहरण (detoxification), और प्रोटीन संश्लेषण शामिल हैं। अग्न्याशय (Pancreas) भी एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है, जो इंसुलिन और पाचक एंजाइम बनाती है, लेकिन यह यकृत से छोटी होती है। थायराइड ग्रंथि गर्दन में स्थित होती है और हार्मोन का उत्पादन करती है। अधिवृक्क ग्रंथियाँ गुर्दे के ऊपर स्थित होती हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  17. ‘डीएनए’ (DNA) का पूर्ण रूप क्या है?

    • (a) डीऑक्सीन्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic Acid)
    • (b) डायन्यूक्लिक एसिड (Dinucleic Acid)
    • (c) डीऑक्सीन्यूरिक एसिड (Deoxynurric Acid)
    • (d) डायरिएक्टिक एसिड (Dierectic Acid)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): डीएनए (DNA) आनुवंशिक सूचना का वाहक है और सभी ज्ञात जीवित जीवों के विकास, कामकाज, वृद्धि और प्रजनन के लिए आवश्यक है। इसका रासायनिक नाम इसकी संरचना को दर्शाता है।

    व्याख्या (Explanation): डीऑक्सीन्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic Acid) एक जटिल अणु है जिसमें दो पॉली न्यूक्लियोटाइड स्ट्रैंड होते हैं जो एक डबल हेलिक्स (double helix) बनाने के लिए आपस में जुड़े होते हैं। “डीऑक्सी” शब्द बताता है कि राइबोस शर्करा (ribose sugar) में ऑक्सीजन परमाणु की कमी है, और “न्यूक्लिक एसिड” इसकी अम्लीय प्रकृति और नाभिक (nucleus) में पाए जाने को संदर्भित करता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  18. ध्वनि की गति (speed of sound) किस माध्यम में सबसे अधिक होती है?

    • (a) हवा (Air)
    • (b) पानी (Water)
    • (c) लोहा (Iron)
    • (d) निर्वात (Vacuum)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ध्वनि तरंगें माध्यम के कणों के कंपन द्वारा फैलती हैं। माध्यम की सघनता (density) और प्रत्यास्थता (elasticity) ध्वनि की गति को प्रभावित करती है। ध्वनि को फैलने के लिए एक माध्यम की आवश्यकता होती है।

    व्याख्या (Explanation):

    • निर्वात (Vacuum): ध्वनि निर्वात में यात्रा नहीं कर सकती क्योंकि कोई माध्यम नहीं है।
    • हवा (Air): ध्वनि हवा में लगभग 343 मीटर प्रति सेकंड की गति से यात्रा करती है (20°C पर)।
    • पानी (Water): पानी हवा की तुलना में बहुत सघन होता है, इसलिए ध्वनि पानी में लगभग 1482 मीटर प्रति सेकंड की गति से यात्रा करती है।
    • लोहा (Iron): लोहा एक ठोस है और हवा या पानी की तुलना में बहुत अधिक सघन और कठोर (अधिक प्रत्यास्थ) होता है। ध्वनि लोहे में लगभग 5120 मीटर प्रति सेकंड की गति से यात्रा करती है।

    इसलिए, ध्वनि की गति ठोस माध्यमों में, विशेष रूप से सघन और कठोर ठोसों में सबसे अधिक होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  19. निम्नलिखित में से कौन सा एक ऊष्मा का अच्छा संवाहक (good conductor of heat) है?

    • (a) लकड़ी (Wood)
    • (b) प्लास्टिक (Plastic)
    • (c) तांबा (Copper)
    • (d) रबर (Rubber)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ऊष्मा संचरण (heat transfer) की दर सामग्री के गुणों पर निर्भर करती है। अच्छे संवाहक वे पदार्थ होते हैं जिनमें ऊष्मा आसानी से प्रवाहित हो सकती है, जबकि कुचालक (insulators) ऊष्मा को रोकते हैं।

    व्याख्या (Explanation): धातुएँ, विशेष रूप से तांबा, एल्यूमीनियम, और लोहा, अपने मुक्त इलेक्ट्रॉनों (free electrons) के कारण ऊष्मा के अच्छे संवाहक होते हैं। ये मुक्त इलेक्ट्रॉन ऊष्मा ऊर्जा को आसानी से स्थानांतरित कर सकते हैं। लकड़ी, प्लास्टिक और रबर सामान्यतः कुचालक होते हैं, जो ऊष्मा को आसानी से प्रवाहित नहीं होने देते, इसलिए उनका उपयोग ऊष्मा-रोधी (heat-resistant) अनुप्रयोगों में किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. एक लेंस की शक्ति (power of a lens) को किस इकाई में मापा जाता है?

    • (a) मीटर (Meter)
    • (b) वाट (Watt)
    • (c) डायोप्टर (Diopter)
    • (d) कैंडेला (Candela)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): लेंस की शक्ति (P) लेंस की उस क्षमता को दर्शाती है जिससे वह प्रकाश किरणों को अभिसारित (converge) या अपसरित (diverge) करता है। यह लेंस की फोकस दूरी (f) के व्युत्क्रमानुपाती होती है।

    व्याख्या (Explanation): लेंस की शक्ति की SI इकाई डायोप्टर (D) है। इसकी गणना P = 1/f (जहाँ f मीटर में फोकस दूरी है) सूत्र से की जाती है। मीटर लंबाई की इकाई है, वाट शक्ति (ऊर्जा प्रति समय) की इकाई है, और कैंडेला ज्योति तीव्रता (luminous intensity) की इकाई है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  21. मानव आँख में कौन सा भाग प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करता है जो पुतली (pupil) के माध्यम से प्रवेश करती है?

    • (a) रेटिना (Retina)
    • (b) कॉर्निया (Cornea)
    • (c) आइरिस (Iris)
    • (d) लेंस (Lens)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): आँख एक कैमरे की तरह काम करती है, जिसमें प्रकाश को नियंत्रित करने और केंद्रित करने के लिए विभिन्न भाग होते हैं। आइरिस एक मांसपेशी है जो पुतली के आकार को समायोजित करती है।

    व्याख्या (Explanation): आइरिस (Iris) आँख का रंगीन भाग है। यह एक मांसपेशी की तरह काम करता है जो पुतली (pupil) के व्यास को नियंत्रित करता है। तेज रोशनी में, आइरिस सिकुड़कर पुतली को छोटा कर देता है, जिससे कम प्रकाश आँख में प्रवेश करता है। मंद रोशनी में, आइरिस फैलता है और पुतली बड़ी हो जाती है, जिससे अधिक प्रकाश अंदर आ सके। रेटिना वह परत है जहाँ प्रकाश का प्रतिबिंब बनता है। कॉर्निया प्रकाश को अपवर्तित करता है और प्रवेश द्वार का काम करता है। लेंस प्रकाश को केंद्रित करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  22. गुरुत्वाकर्षण (Gravity) के बारे में न्यूटन के सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार, दो पिंडों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल उनके बीच की दूरी के वर्ग के ___________ होता है।

    • (a) समानुपाती (directly proportional)
    • (b) व्युत्क्रमानुपाती (inversely proportional)
    • (c) वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती (inversely proportional to the square)
    • (d) वर्ग के समानुपाती (directly proportional to the square)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम कहता है कि दो पिंडों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल (F) उनके द्रव्यमान (m1, m2) के गुणनफल के समानुपाती और उनके बीच की दूरी (r) के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। इसे सूत्र F = G * (m1 * m2) / r^2 द्वारा दर्शाया जाता है, जहाँ G गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक है।

    व्याख्या (Explanation): सूत्र में, दूरी (r) हर (denominator) में है और उसका वर्ग (r^2) है। इसका मतलब है कि जैसे-जैसे दूरी बढ़ती है, बल घटता जाता है, और दूरी के वर्ग के अनुपात में घटता है। यदि दूरी दोगुनी हो जाती है, तो बल चार गुना कम हो जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  23. शरीर में विटामिन सी (Vitamin C) की कमी से कौन सा रोग होता है?

    • (a) रिकेट्स (Rickets)
    • (b) बेरीबेरी (Beriberi)
    • (c) स्कर्वी (Scurvy)
    • (d) नाइट ब्लाइंडनेस (Night Blindness)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विभिन्न विटामिन शरीर में विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों के लिए आवश्यक हैं। इनकी कमी से विशेष बीमारियाँ हो सकती हैं।

    व्याख्या (Explanation):

    • विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड): इसकी कमी से स्कर्वी रोग होता है, जो मसूड़ों से खून बहना, थकान और घावों के धीमे भरने जैसे लक्षणों से पहचाना जाता है।
    • विटामिन डी: इसकी कमी से रिकेट्स (बच्चों में) और ऑस्टियोमलेशिया (वयस्कों में) होता है।
    • विटामिन बी1 (थायमिन): इसकी कमी से बेरीबेरी रोग होता है।
    • विटामिन ए: इसकी कमी से नाइट ब्लाइंडनेस (रतौंधी) और जेरोफ्थाल्मिया (xerophthalmia) होता है।

    अतः, विटामिन सी की कमी से स्कर्वी होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  24. इलेक्ट्रिक करंट (Electric Current) को मापने के लिए किस उपकरण का उपयोग किया जाता है?

    • (a) वोल्टमीटर (Voltmeter)
    • (b) एमीटर (Ammeter)
    • (c) ओह्ममीटर (Ohmmeter)
    • (d) गैल्वेनोमीटर (Galvanometer)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत मापन उपकरण विद्युत परिपथ (electric circuit) के विभिन्न मापदंडों को मापने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

    व्याख्या (Explanation):

    • एमीटर (Ammeter): इलेक्ट्रिक करंट (एम्पीयर में) को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। इसे हमेशा परिपथ के साथ श्रृंखला (series) में जोड़ा जाता है।
    • वोल्टमीटर (Voltmeter): दो बिंदुओं के बीच विद्युत विभव (potential difference) या वोल्टेज को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। इसे समानांतर (parallel) में जोड़ा जाता है।
    • ओह्ममीटर (Ohmmeter): किसी घटक के विद्युत प्रतिरोध (resistance) को मापने के लिए उपयोग किया जाता है।
    • गैल्वेनोमीटर (Galvanometer): यह एक बहुत ही संवेदनशील उपकरण है जो छोटे विद्युत धाराओं का पता लगाने और उनकी दिशा निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसे अक्सर एमीटर या वोल्टमीटर बनाने के लिए आधार के रूप में उपयोग किया जाता है।

    अतः, इलेक्ट्रिक करंट को मापने के लिए एमीटर का उपयोग किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

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