सामान्य विज्ञान की तैयारी: हीरे पर विशेषज्ञ प्रश्न
परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड है। यह खंड भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों का परीक्षण करता है। “Doubling Down on Diamond” जैसे सामयिक संकेत का उपयोग करके, हम आज हीरे की प्रकृति, उसके गुणों और संबंधित वैज्ञानिक अवधारणाओं पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर का अभ्यास करेंगे। यह अभ्यास आपको अपनी परीक्षा के लिए अपनी समझ को मजबूत करने में मदद करेगा।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
-
निम्नलिखित में से कौन सा कथन हीरे के बारे में सत्य है?
- (a) यह एक नरम पदार्थ है।
- (b) इसका गलनांक बहुत कम होता है।
- (c) यह कार्बन का एक अपरूप (allotrope) है।
- (d) यह विद्युत का सुचालक है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपरूपता (Allotropy) एक ही तत्व के विभिन्न रूपों का गुण है जो भिन्न भौतिक गुणों को प्रदर्शित करते हैं, जबकि रासायनिक गुण समान रहते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरा, ग्रेफाइट और फुलरीन कार्बन के मुख्य अपरूप हैं। हीरा अपनी कठोरता, उच्च गलनांक और विद्युत अध्रुवीयता के लिए जाना जाता है। ये गुण कार्बन परमाणुओं के चतुष्फलकीय (tetrahedral) क्रिस्टल संरचना में sp3 संकरण के कारण होते हैं। हीरा विद्युत का कुचालक होता है, नरम नहीं होता, और इसका गलनांक अत्यंत उच्च होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
हीरे की अत्यधिक कठोरता का मुख्य कारण क्या है?
- (a) इसमें आयनिक बंधन (ionic bonds) होते हैं।
- (b) इसमें हाइड्रोजन बंधन (hydrogen bonds) होते हैं।
- (c) कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंधन (covalent bonds) की त्रिविमीय (3D) जालिका।
- (d) इसमें वैन डेर वाल्स बल (van der Waals forces) होते हैं।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बंधन की प्रकृति और व्यवस्था पदार्थ के भौतिक गुणों को निर्धारित करती है। सहसंयोजक बंधन अत्यंत मजबूत होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से sp3 संकरण द्वारा सहसंयोजक बंधों के माध्यम से जुड़ा होता है, जिससे एक अत्यंत मजबूत त्रिविमीय जालिका बनती है। ये मजबूत सहसंयोजक बंधन हीरे को उसकी असाधारण कठोरता प्रदान करते हैं। आयनिक बंधन, हाइड्रोजन बंधन और वैन डेर वाल्स बल उतने मजबूत नहीं होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
निम्नलिखित में से कौन सा कारक हीरे के “चमक” (brilliance) या “आग” (fire) के लिए जिम्मेदार है?
- (a) अपवर्तनांक (Refractive Index)
- (b) उच्च तापीय चालकता (High Thermal Conductivity)
- (c) विद्युत चालकता (Electrical Conductivity)
- (d) घनत्व (Density)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश का अपवर्तन (Refraction) वह घटना है जिसमें प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाते समय अपनी दिशा बदलता है। उच्च अपवर्तनांक वाले पदार्थ प्रकाश को अधिक मोड़ते हैं, जिससे इंद्रधनुषी रंग (fire) उत्पन्न होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) प्रकाश को हीरे के भीतर कई बार परावर्तित और अपवर्तित करता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह मुड़ जाता है (अपवर्तन)। फिर यह आंतरिक परावर्तनों से गुजरता है और जब यह हीरे से बाहर निकलता है, तो यह फिर से मुड़ जाता है। इस प्रक्रिया में, सफेद प्रकाश उसके घटक रंगों में विभाजित हो जाता है (फैलाव), जिससे “आग” या इंद्रधनुषी प्रभाव उत्पन्न होता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
-
कार्बन का वह अपरूप कौन सा है जो चिकनाई (lubrication) के लिए प्रयोग किया जाता है?
- (a) हीरा (Diamond)
- (b) ग्रेफाइट (Graphite)
- (c) बकमिंस्टरफुलरीन (Buckminsterfullerene)
- (d) फुलरीन (Fullerene)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न अपरूपों की संरचना उनके भौतिक गुणों को निर्धारित करती है। ग्रेफाइट की परतदार संरचना इसे चिकनाई वाले गुण प्रदान करती है।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट की संरचना में कार्बन परमाणु षट्कोणीय छल्लों (hexagonal rings) में व्यवस्थित होते हैं, जो परतों (layers) में व्यवस्थित होते हैं। इन परतों के बीच बंधन कमजोर होते हैं (वैन डेर वाल्स बल), जिससे परतें एक-दूसरे पर आसानी से फिसल सकती हैं। यह गुण ग्रेफाइट को एक उत्कृष्ट स्नेहक (lubricant) बनाता है। हीरे में त्रिविमीय सहसंयोजक जालिका होती है, जो इसे बहुत कठोर बनाती है और स्नेहक गुण नहीं देती।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
हीरे का एक कैरट (carat) किसके बराबर होता है?
- (a) 100 मिलीग्राम (mg)
- (b) 200 मिलीग्राम (mg)
- (c) 250 मिलीग्राम (mg)
- (d) 500 मिलीग्राम (mg)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कैरट (carat) रत्नों और मोतियों के वजन की एक इकाई है।
व्याख्या (Explanation): एक मेट्रिक कैरट (metric carat) को 200 मिलीग्राम (mg) के रूप में परिभाषित किया गया है। इसका मतलब है कि 1 कैरट = 0.2 ग्राम। यह एक माप है जो रत्न के वजन को दर्शाता है, न कि उसके आकार या कट को।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
निम्नलिखित में से कौन सा हीरे का अनुप्रयोग (application) नहीं है?
- (a) कटिंग और ग्राइंडिंग उपकरण
- (b) वैज्ञानिक उपकरण (जैसे खिड़कियां)
- (c) इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में अर्धचालक (semiconductor)
- (d) चिकित्सा में विकिरण स्रोत (radiation source)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे के अद्वितीय भौतिक और रासायनिक गुण इसे विभिन्न औद्योगिक और वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे की अत्यधिक कठोरता इसे कटिंग, ग्राइंडिंग और पॉलिशिंग के लिए एक आदर्श सामग्री बनाती है। इसकी उच्च तापीय चालकता और पारदर्शिता इसे वैज्ञानिक उपकरणों, लेजर सिस्टम और एक्स-रे मशीनों में खिड़कियों के लिए उपयोगी बनाती है। इसके अलावा, शुद्ध हीरा विद्युत का कुचालक होता है, लेकिन विशेष रूप से डोप (dope) किए गए हीरे अर्धचालक के रूप में व्यवहार कर सकते हैं। हालांकि, हीरे का उपयोग सीधे विकिरण स्रोत के रूप में नहीं किया जाता है; अन्य रेडियोधर्मी तत्व या उपकरण इसके लिए उपयोग किए जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
-
हीरे के निर्माण की प्रक्रिया में पृथ्वी के अंदर कितना उच्च दबाव और तापमान आवश्यक होता है?
- (a) 1-2 GPa और 800-1000°C
- (b) 10-20 GPa और 1500-2000°C
- (c) 50-100 GPa और 2000-2500°C
- (d) 1-5 GPa और 500-700°C
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के गर्भ में बहुत अधिक दबाव और तापमान पर बनते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे लगभग 140-190 किलोमीटर (90-120 मील) की गहराई पर बनते हैं, जहाँ दबाव लगभग 4.5–6 GPa (गीगापास्कल) और तापमान लगभग 900–1300 °C (1650–2370 °F) होता है। प्रयोगशाला में कृत्रिम हीरे बनाने के लिए भी उच्च दबाव और उच्च तापमान (HPHT) विधियों का उपयोग किया जाता है, जहाँ आमतौर पर 5-6 GPa और 1300-1600 °C का उपयोग होता है। दिए गए विकल्पों में, (a) सबसे सटीक सीमा दर्शाता है जो प्राकृतिक हीरे के निर्माण से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
-
हीरा विद्युत का कुचालक (insulator) क्यों है, जबकि ग्रेफाइट सुचालक (conductor) है?
- (a) हीरे में मुक्त इलेक्ट्रॉन (free electrons) होते हैं।
- (b) ग्रेफाइट में मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं।
- (c) हीरे में सहसंयोजक बंध अधिक मजबूत होते हैं।
- (d) ग्रेफाइट में आयनिक बंध होते हैं।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता मुक्त रूप से घूमने वाले आवेश वाहकों (आमतौर पर इलेक्ट्रॉन) की उपस्थिति पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की sp3 संकरण संरचना में, सभी वैलेंस इलेक्ट्रॉन कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंधों में बंधे होते हैं। कोई भी मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होता है, इसलिए यह विद्युत का कुचालक है। ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु sp2 संकरण में होते हैं, जिससे प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ता है और एक अतिरिक्त पाई (π) इलेक्ट्रॉन मुक्त रहता है। ये मुक्त पाई इलेक्ट्रॉन ग्रेफाइट की परतों में स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं, जिससे यह विद्युत का सुचालक बनता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
हीरे को पहचानने के लिए भौतिकी में किस गुण का उपयोग किया जाता है?
- (a) घनत्व
- (b) विशिष्ट गुरुत्व (Specific Gravity)
- (c) हीरे की कठोरता (Mohs scale पर 10)
- (d) इनमे से कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मोह स्केल (Mohs Scale) खनिजों की सापेक्ष कठोरता को मापने का एक पैमाना है।
व्याख्या (Explanation): मोह स्केल पर, हीरे को 10 का मान दिया गया है, जो इसे ज्ञात प्राकृतिक खनिजों में सबसे कठोर बनाता है। यह विशिष्ट गुण हीरे की पहचान के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कोई भी अन्य खनिज हीरे को खरोंच नहीं सकता है, जबकि हीरा अन्य सभी खनिजों को खरोंच सकता है। घनत्व और विशिष्ट गुरुत्व भी उपयोगी हो सकते हैं, लेकिन कठोरता सबसे विशिष्ट पहचान योग्य भौतिक गुणों में से एक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
हीरे का रासायनिक सूत्र क्या है?
- (a) CO
- (b) CO2
- (c) C
- (d) SiO2
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र किसी यौगिक या तत्व में मौजूद परमाणुओं के प्रकार और संख्या को दर्शाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक शुद्ध रूप है। कार्बन का रासायनिक प्रतीक ‘C’ है। इसलिए, हीरे का रासायनिक सूत्र केवल ‘C’ है, जो दर्शाता है कि यह केवल कार्बन परमाणुओं से बना है। CO कार्बन मोनोऑक्साइड है, CO2 कार्बन डाइऑक्साइड है, और SiO2 सिलिकॉन डाइऑक्साइड (क्वार्ट्ज) है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
हीरे को जलाया (burn) जा सकता है, लेकिन ऐसा होने के लिए किस चीज़ की आवश्यकता होती है?
- (a) ऑक्सीजन की उपस्थिति में उच्च तापमान
- (b) जल की उपस्थिति में कम तापमान
- (c) हाइड्रोजन की उपस्थिति में मध्यम तापमान
- (d) निर्वात (vacuum) में कोई भी तापमान
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): दहन (Combustion) एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे, कार्बन के एक अपरूप के रूप में, ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलते हैं। इस प्रक्रिया में, कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) गैस बनती है। इस दहन के लिए उच्च तापमान की आवश्यकता होती है, लगभग 800-1000 °C। निर्वात में या बिना ऑक्सीजन के, हीरा नहीं जलेगा।
अतः, सही उत्तर (a) है।
-
कृत्रिम हीरे (synthetic diamonds) बनाने की एक विधि, जिसमें ग्रेफाइट को पिघलाकर अत्यधिक दबाव में क्रिस्टलीकृत किया जाता है, क्या कहलाती है?
- (a) रासायनिक वाष्प जमाव (Chemical Vapor Deposition – CVD)
- (b) उच्च दाब-उच्च तापमान (High Pressure-High Temperature – HPHT)
- (c) आणविक बीम एपिटैक्सी (Molecular Beam Epitaxy – MBE)
- (d) वाष्प-तरल-ठोस (Vapor-Liquid-Solid – VLS)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे बनाने के लिए विभिन्न विधियाँ मौजूद हैं, जिनमें से HPHT एक प्रमुख विधि है।
व्याख्या (Explanation): उच्च दाब-उच्च तापमान (HPHT) विधि में, ग्रेफाइट को एक उत्प्रेरक (जैसे लोहा, निकल या कोबाल्ट) की उपस्थिति में अत्यंत उच्च दबाव (लगभग 5-6 GPa) और उच्च तापमान (लगभग 1300-1600 °C) पर रखा जाता है। इस स्थिति में, ग्रेफाइट पिघल जाता है और कार्बन परमाणुओं को हीरे की संरचना में पुनर्व्यवस्थित करने की अनुमति मिलती है। CVD विधि का उपयोग कम तापमान पर किया जाता है, और MBE व VLS मुख्य रूप से अर्धचालक पतली फिल्म बनाने में उपयोग किए जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
डायमंड का विशिष्ट गुरुत्व (Specific Gravity) लगभग कितना होता है?
- (a) 2.42
- (b) 3.52
- (c) 4.25
- (d) 1.55
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विशिष्ट गुरुत्व किसी पदार्थ के घनत्व और पानी के घनत्व का अनुपात होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का घनत्व लगभग 3.52 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर (g/cm³) होता है। पानी का घनत्व लगभग 1 g/cm³ होता है। इसलिए, हीरे का विशिष्ट गुरुत्व लगभग 3.52 होता है। 2.42 हीरे का अपवर्तनांक है, न कि विशिष्ट गुरुत्व।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
प्रकाशिक फाइबर (optical fibers) में प्रयुक्त होने वाले मुख्य सिद्धांत का नाम क्या है?
- (a) परावर्तन (Reflection)
- (b) विवर्तन (Diffraction)
- (c) पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection – TIR)
- (d) अपवर्तन (Refraction)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पूर्ण आंतरिक परावर्तन तब होता है जब प्रकाश एक सघन माध्यम से विरल माध्यम में एक क्रांतिक कोण (critical angle) से बड़े कोण पर जाता है, जिससे वह पूरी तरह से पहले माध्यम में परावर्तित हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): हालांकि प्रकाशिक फाइबर मुख्य रूप से कांच या प्लास्टिक से बने होते हैं, हीरे का उच्च अपवर्तनांक (2.42) और इससे संबंधित उच्च क्रांतिक कोण (लगभग 24.4 डिग्री) इसे कुछ विशेष अनुप्रयोगों के लिए उपयोगी बना सकते हैं जहाँ प्रकाश का अत्यंत कुशल संचरण आवश्यक हो। यह गुण प्रकाश को हीरे के भीतर बार-बार आंतरिक रूप से परावर्तित होने देता है, जिससे प्रकाश का न्यूनतम नुकसान होता है। हालांकि, सामान्य प्रकाशिक फाइबर इस सिद्धांत का उपयोग करते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
हीरे को संक्षारण (corrosion) से सुरक्षा की आवश्यकता क्यों नहीं होती?
- (a) यह बहुत प्रतिक्रियाशील होता है।
- (b) यह अत्यंत अक्रियाशील (inert) होता है।
- (c) इसमें आयनिक बंधन होते हैं।
- (d) यह एक उत्कृष्ट ऊष्मारोधी (thermal insulator) है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक अक्रियाशीलता का अर्थ है कि कोई पदार्थ आसानी से अन्य पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में कार्बन परमाणुओं के बीच अत्यंत मजबूत सहसंयोजक बंधन होते हैं, और इसकी त्रिविमीय संरचना इसे रासायनिक रूप से बहुत स्थिर और अक्रियाशील बनाती है। यह अधिकांश अम्लों, क्षारों और सॉल्वैंट्स से अप्रभावित रहता है, इसलिए इसे संक्षारण से सुरक्षा की आवश्यकता नहीं होती। यह प्रतिक्रियाशील नहीं है, और इसका ऊष्मारोधी गुण (यद्यपि यह अच्छा ऊष्मा चालक है) संक्षारण प्रतिरोध का कारण नहीं है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
” the “fire” of a diamond” का क्या अर्थ है?
- (a) हीरा कितना गर्म है।
- (b) हीरे से निकलने वाला प्रकाश।
- (c) हीरे में रंगीन प्रतिबिंब (colored reflections)।
- (d) हीरे की चमक (sparkle)।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे का “फायर” उसके फैलाव (dispersion) से संबंधित है, जो प्रकाश के उसके घटक रंगों में विभाजन की डिग्री है।
व्याख्या (Explanation): “हीरे की आग” (fire) शब्द का प्रयोग हीरे में दिखाई देने वाले रंगीन इंद्रधनुषी प्रतिबिंबों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। यह हीरे के उच्च फैलाव (dispersion) के कारण होता है, जो विभिन्न तरंग दैर्ध्य (रंगों) के प्रकाश के लिए अपवर्तनांक में अंतर का माप है। जब प्रकाश हीरे से गुजरता है, तो यह विभिन्न कोणों पर मुड़ जाता है, जिससे रंगीन प्रभाव उत्पन्न होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
किस प्रक्रिया के माध्यम से एक अत्यंत कड़ा और टिकाऊ पदार्थ (जैसे हीरा) बनाया जाता है, जो समान दबाव और तापमान को बनाए रखता है?
- (a) ताप-अपघटन (Pyrolysis)
- (b) जमाव (Deposition)
- (c) उच्च दाब-उच्च तापमान (HPHT) संश्लेषण
- (d) वाष्पीकरण (Evaporation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ सामग्री अपने स्थिर क्रिस्टल संरचना को प्राप्त करने के लिए विशेष दबाव और तापमान की स्थिति में बनती हैं।
व्याख्या (Explanation): उच्च दाब-उच्च तापमान (HPHT) संश्लेषण एक ऐसी प्रक्रिया है जो प्राकृतिक हीरे के निर्माण की स्थितियों की नकल करती है। इस प्रक्रिया में, कार्बन स्रोत (जैसे ग्रेफाइट) को अत्यंत उच्च दबाव (कई GPa) और उच्च तापमान (1000°C से ऊपर) के अधीन किया जाता है। यह स्थितियाँ कार्बन परमाणुओं को हीरे की अत्यंत स्थिर और सघन क्रिस्टल जाली (diamond cubic lattice) बनाने के लिए मजबूर करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक बहुत कठोर और टिकाऊ सामग्री बनती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
हीरे के कटाई और चमकाने (cutting and polishing) के लिए, किस सामग्री का उपयोग आमतौर पर किया जाता है?
- (a) एल्यूमीनियम ऑक्साइड (Aluminum Oxide)
- (b) सिलिकॉन कार्बाइड (Silicon Carbide)
- (c) हीरे का पाउडर (Diamond Powder)
- (d) टंगस्टन कार्बाइड (Tungsten Carbide)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ को काटने या पॉलिश करने के लिए, काटने वाली सामग्री की कठोरता कार्य-सामग्री की कठोरता से अधिक होनी चाहिए।
व्याख्या (Explanation): चूंकि हीरा सबसे कठोर ज्ञात प्राकृतिक पदार्थ है (मोह स्केल पर 10), इसे काटने या पॉलिश करने के लिए स्वयं हीरे का उपयोग किया जाता है। हीरे को छोटे कणों में पीसकर हीरे के पाउडर (diamond powder) या हीरे के पेस्ट (diamond paste) के रूप में उपयोग किया जाता है। ये बहुत छोटे हीरे के कण फिर हीरे के कीमती पत्थरों पर सटीक कटाई और पॉलिशिंग करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
हीरे की तापीय चालकता (thermal conductivity) बहुत अधिक क्यों होती है?
- (a) इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं।
- (b) इसमें मजबूत अंतराआण्विक बल (intermolecular forces) होते हैं।
- (c) कार्बन परमाणुओं के बीच कंपन (vibrations) का कुशल संचरण।
- (d) कम घनत्व।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ठोस पदार्थों में, ऊष्मा का चालन मुख्य रूप से जाली कंपन (lattice vibrations) या फोनन (phonons) के माध्यम से होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की अत्यधिक कठोर और नियमित क्रिस्टल संरचना में, कार्बन परमाणु बहुत कसकर बंधे होते हैं। ये मजबूत सहसंयोजक बंधन और सममित संरचना परमाणुओं को बहुत तेज़ी से कंपन करने की अनुमति देते हैं, और ये कंपन (फोनन) ऊष्मा को क्रिस्टल के माध्यम से अत्यंत कुशलता से ले जाते हैं। यही कारण है कि हीरे में धातु की तुलना में भी बेहतर तापीय चालकता होती है। मुक्त इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति के कारण यह विद्युत का कुचालक है, और ऊष्मा चालन मुख्य रूप से जाली कंपन द्वारा होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
हीरे की चमक (sparkle) के लिए निम्नलिखित में से कौन सा गुण सबसे महत्वपूर्ण है?
- (a) अपवर्तनांक (Refractive index)
- (b) फैलाव (Dispersion)
- (c) कठोरता (Hardness)
- (d) घनत्व (Density)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे का उच्च अपवर्तनांक प्रकाश को अधिक मोड़ने और आंतरिक रूप से परावर्तित करने की क्षमता को निर्धारित करता है, जो चमक के लिए महत्वपूर्ण है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की “चमक” (sparkle) या “लाइट रिटर्न” (light return) मुख्य रूप से उसके उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) और अच्छे फैलाव (dispersion) के संयोजन से उत्पन्न होती है। उच्च अपवर्तनांक का मतलब है कि जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो वह बहुत मुड़ जाता है, जिससे बहुत सारी रोशनी आंतरिक रूप से परावर्तित होती है। उचित कट के साथ, यह परावर्तित प्रकाश वापस दर्शक की ओर निर्देशित होता है, जिससे चमक आती है। फैलाव रंगीन “आग” के लिए जिम्मेदार है, जबकि चमक मुख्य रूप से अपवर्तनांक से आती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
-
हीरे की रासायनिक स्थिरता का क्या अर्थ है?
- (a) यह बहुत प्रतिक्रियाशील है।
- (b) यह आसानी से पिघल जाता है।
- (c) यह सामान्य परिस्थितियों में अधिकांश रसायनों के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है।
- (d) यह विद्युत का अच्छा संवाहक है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक स्थिरता का तात्पर्य उस पदार्थ की किसी भी रासायनिक प्रतिक्रिया से अप्रभावित रहने की क्षमता से है।
व्याख्या (Explanation): हीरे को रासायनिक रूप से अत्यंत स्थिर माना जाता है। इसका मतलब है कि यह सामान्य तापमान और दबाव पर अधिकांश अम्लों, क्षारों, सॉल्वैंट्स और अन्य रसायनों के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है। यह गुण इसे उन वातावरणों में उपयोग के लिए उपयुक्त बनाता है जहाँ रासायनिक प्रतिरोध महत्वपूर्ण है। यह प्रतिक्रियाशील नहीं है, आसानी से नहीं पिघलता (इसका गलनांक बहुत अधिक है), और विद्युत का कुचालक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
कार्बन का कौन सा अपरूप (allotrope) पेंसिल की लीड (pencil lead) में प्रयोग किया जाता है?
- (a) हीरा
- (b) फुलरीन
- (c) ग्रेफाइट
- (d) कैरबाइन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पेंसिल की लीड एक मिश्रित सामग्री है जिसका उपयोग लिखने या निशान बनाने के लिए किया जाता है, जो घर्षण के कारण अपनी सतह पर एक परत छोड़ती है।
व्याख्या (Explanation): पेंसिल की लीड वास्तव में ग्रेफाइट (कार्बन का एक अपरूप) और मिट्टी (clay) का मिश्रण होती है। ग्रेफाइट की परतदार संरचना और उसकी चिकनी सतह के कारण, जब इसे कागज पर रगड़ा जाता है, तो यह आसानी से टूट जाता है और कागज पर एक निशान छोड़ जाता है। ग्रेफाइट की यह विशेषता इसे पेंसिल में उपयोग के लिए आदर्श बनाती है, जबकि हीरा अपनी कठोरता के कारण इसे खरोंच देगा और निशान नहीं छोड़ेगा।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
यदि किसी हीरे का कट (cut) बहुत गहरा या बहुत उथला हो, तो उस पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
- (a) चमक (sparkle) कम हो जाएगी।
- (b) आग (fire) बढ़ जाएगी।
- (c) कठोरता (hardness) कम हो जाएगी।
- (d) रंग (color) बदल जाएगा।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे का कट (cut) उसके आभूषणों के रूप में प्रदर्शन के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है, क्योंकि यह प्रकाश के प्रवेश, परावर्तन और निकास को प्रभावित करता है।
व्याख्या (Explanation): एक हीरे का “आदर्श कट” (ideal cut) प्रकाश को इस तरह से निर्देशित करता है कि यह हीरे में प्रवेश करे, आंतरिक रूप से परावर्तित हो, और फिर ऊपर की ओर दर्शक की ओर वापस निकल जाए, जिससे अधिकतम चमक (sparkle) और आग (fire) उत्पन्न हो। यदि कट बहुत गहरा (overly deep) या बहुत उथला (too shallow) हो, तो प्रकाश या तो हीरे के निचले हिस्से से निकल जाएगा (गहराई में) या हीरे के ऊपरी हिस्सों से बाहर निकल जाएगा (उथलापन में), जिससे आंतरिक परावर्तन और प्रकाश वापसी (light return) कम हो जाएगी। परिणामस्वरूप, हीरे की चमक कम हो जाएगी।
अतः, सही उत्तर (a) है।
-
निम्नलिखित में से किस प्रकार के हीरे को “संश्लेषित” (synthesized) माना जाता है?
- (a) केवल प्रयोगशाला में बनाए गए
- (b) केवल प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले
- (c) प्रयोगशाला में बनाए गए या प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले, दोनों ही
- (d) केवल हीरे के अन्य अपरूप
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): “संश्लेषित” (synthesized) शब्द का अर्थ है किसी चीज़ को प्रयोगशाला में कृत्रिम रूप से बनाना, अक्सर प्राकृतिक प्रक्रिया को दोहराकर।
व्याख्या (Explanation): “संश्लेषित हीरा” (synthetic diamond) शब्द विशेष रूप से उन हीरों को संदर्भित करता है जो प्रयोगशाला या कारखाने में कृत्रिम रूप से बनाए जाते हैं, जैसे कि HPHT या CVD विधियों का उपयोग करके। प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले हीरे पृथ्वी के अंदर बनते हैं। अक्सर, “सिंथेटिक” और “लैब-ग्रोन” (lab-grown) का प्रयोग समान अर्थ में किया जाता है। “कृत्रिम” (artificial) शब्द का प्रयोग कभी-कभी “संश्लेषित” के बजाय भी किया जा सकता है, लेकिन यहां “संश्लेषित” का अर्थ प्रयोगशाला निर्माण से है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
[कोर्स और फ्री नोट्स के लिए यहाँ क्लिक करें]