सामान्य विज्ञान की तैयारी: आलू की उत्पत्ति से जुड़े रोचक प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान का एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह न केवल आपके ज्ञान का परीक्षण करता है, बल्कि आपको विभिन्न वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझने में भी मदद करता है। प्रस्तुत हैं आलू की उत्पत्ति जैसे समसामयिक विषय से प्रेरित कुछ महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न, जो आपकी तैयारी को और मजबूत करेंगे।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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आलू (Solanum tuberosum) किस वनस्पति कुल (plant family) से संबंधित है?
- (a) रोजेसी (Rosaceae)
- (b) सोलानेसी (Solanaceae)
- (c) एस्टरेसी (Asteraceae)
- (d) ब्रेसीकेसी (Brassicaceae)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पौधों का वर्गीकरण उनकी वानस्पतिक विशेषताओं के आधार पर विभिन्न कुलों में किया जाता है। सोलानेसी कुल, जिसे नाइटशेड परिवार भी कहा जाता है, कई महत्वपूर्ण खाद्य पौधों का घर है, जिनमें आलू, टमाटर, बैंगन और मिर्च शामिल हैं।
व्याख्या (Explanation): आलू का वैज्ञानिक नाम सोलनम ट्यूबरोसम है। ‘सोलनम’ शब्द इंगित करता है कि यह सोलानेसी कुल का सदस्य है। इस कुल के पौधों में अक्सर फल और फूल की संरचनाओं में समानता पाई जाती है। रोज़ेसी गुलाब परिवार है, एस्टरेसी सूरजमुखी परिवार है, और ब्रेसीकेसी सरसों परिवार है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आलू का वह भाग कौन सा है जिसे हम सामान्यतः भोजन के रूप में उपयोग करते हैं?
- (a) जड़ (Root)
- (b) तना (Stem)
- (c) पत्ती (Leaf)
- (d) फूल (Flower)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पौधों के विभिन्न भाग, जैसे जड़, तना, पत्ती, फूल और फल, विभिन्न कार्य करते हैं। तने का एक संशोधित रूप, जिसे भूमिगत तना (underground stem) या कंद (tuber) कहते हैं, भोजन को संग्रहीत करने का कार्य करता है।
व्याख्या (Explanation): आलू वास्तव में एक भूमिगत तने का रूपांतरण है जिसे कंद कहा जाता है। इसमें ‘आँखें’ (eyes) होती हैं जो तने की कलियाँ (stem buds) होती हैं, जिनसे नए पौधे उग सकते हैं। जड़ें पौधे को सहारा देती हैं और पानी व खनिज अवशोषित करती हैं, पत्तियां प्रकाश संश्लेषण करती हैं, और फूल प्रजनन में मदद करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आलू में मुख्य रूप से कौन सा कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है?
- (a) फ्रुक्टोज (Fructose)
- (b) सुक्रोज (Sucrose)
- (c) स्टार्च (Starch)
- (d) सेलूलोज (Cellulose)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा के मुख्य स्रोत होते हैं और विभिन्न रूपों में पाए जाते हैं। स्टार्च पौधों में ऊर्जा का एक प्रमुख संग्रहित रूप है, जो ग्लूकोज इकाइयों से बना होता है।
व्याख्या (Explanation): आलू ऊर्जा का एक उत्कृष्ट स्रोत है क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में स्टार्च पाया जाता है। स्टार्च एक पॉलीसेकेराइड है जो पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण से प्राप्त ग्लूकोज को संग्रहीत करने के लिए उपयोग किया जाता है। फ्रुक्टोज एक मोनोसेकेराइड (फल शर्करा) है, सुक्रोज एक डाईसेकेराइड (टेबल शुगर) है, और सेलूलोज पौधों की कोशिका भित्ति का एक संरचनात्मक घटक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू के कंद (tuber) में पाए जाने वाले “आँखें” (eyes) क्या होती हैं?
- (a) फूल की कलियाँ (Flower buds)
- (b) पत्ती की कलियाँ (Leaf buds)
- (c) तने की कलियाँ (Stem buds)
- (d) जड़ की कलियाँ (Root buds)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): तने की कलियाँ वे बिंदु होती हैं जहाँ से नए तने और पत्तियाँ विकसित हो सकती हैं। आलू के कंद पर छोटी-छोटी आँखें होती हैं, जो वास्तव में विशेष तने की कलियाँ होती हैं।
व्याख्या (Explanation): आलू का कंद एक भूमिगत तना है, और इसकी सतह पर स्थित नोड्स (nodes) पर विकसित होने वाली कलियाँ तने की कलियाँ होती हैं। ये कलियाँ सुप्त अवस्था में रहती हैं और अनुकूल परिस्थितियों में अंकुरित होकर नए तने और पत्तियाँ बनाती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू के पौधे का मूल स्थान (origin) कहाँ माना जाता है?
- (a) उत्तरी अमेरिका (North America)
- (b) दक्षिण अमेरिका (South America)
- (c) यूरोप (Europe)
- (d) एशिया (Asia)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी फसल या प्रजाति का मूल स्थान वह भौगोलिक क्षेत्र होता है जहाँ से वह प्रजाति उत्पन्न हुई और जहाँ उसकी सबसे अधिक विविधता पाई जाती है।
व्याख्या (Explanation): पुरातात्विक और आनुवंशिक साक्ष्यों के आधार पर, आलू का मूल स्थान दक्षिण अमेरिका, विशेष रूप से एंडीज़ पर्वतमाला (पेरू और बोलीविया के आसपास) को माना जाता है। यहीं पर पहली बार आलू को पालतू बनाया गया था और विकसित किया गया था, जहाँ से यह धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैला। 9-मिलियन-वर्षीय रहस्य भी इसी विकासवादी इतिहास की ओर इशारा करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आलू को एक ‘रूट वेजिटेबल’ (root vegetable) के बजाय ‘ट्यूबर’ (tuber) के रूप में वर्गीकृत क्यों किया जाता है?
- (a) इसमें जड़ें नहीं होतीं।
- (b) यह भूमिगत तने का रूपांतरण है, जड़ का नहीं।
- (c) यह बीजों से उत्पन्न होता है।
- (d) यह प्रकाश संश्लेषण नहीं करता।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पौधों के भाग उनकी संरचनात्मक और कार्यात्मक विशेषताओं से पहचाने जाते हैं। जड़ें जमीन के नीचे बढ़ती हैं और पौधे को सहारा देने व पोषक तत्व अवशोषित करने का काम करती हैं, जबकि तने का रूपांतरण भोजन भंडारण या अन्य कार्य कर सकता है।
व्याख्या (Explanation): आलू को कंद (tuber) कहा जाता है क्योंकि यह तने का एक मोटा, मांसल, भूमिगत रूपांतरण है जो भोजन (मुख्यतः स्टार्च) को संग्रहीत करता है। जड़ें (fibrous roots) आलू के कंद के आधार से निकलती हैं, लेकिन मुख्य संग्राहक अंग तना ही है। कंद पर नोड्स और इंटरनोड्स (तने के भाग) और कलियाँ (आँखें) पाई जाती हैं, जो जड़ों में नहीं पाई जातीं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आलू में ‘सोलेनिन’ (Solanine) नामक यौगिक किस रंग के भाग में अधिक मात्रा में पाया जाता है और इसका क्या प्रभाव हो सकता है?
- (a) सफेद भाग में, यह ऊर्जा प्रदान करता है।
- (b) हरे भाग में, यह विषाक्त हो सकता है।
- (c) लाल भाग में, यह रंग प्रदान करता है।
- (d) पीले भाग में, यह विटामिन का स्रोत है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ पौधे अपने बचाव के लिए विशेष रसायन उत्पन्न करते हैं। ये रसायन कभी-कभी मनुष्यों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। सोलेनिन एक ग्लाइकोएल्कलॉइड है जो कुछ सोलानेसी पौधों में पाया जाता है।
व्याख्या (Explanation): जब आलू प्रकाश के संपर्क में आते हैं, तो वे क्लोरोफिल (हरा रंग) का उत्पादन करते हैं और सोलेनिन नामक ग्लाइकोएल्कलॉइड भी उत्पन्न कर सकते हैं। सोलेनिन हरे भागों में सबसे अधिक केंद्रित होता है और बड़ी मात्रा में सेवन करने पर विषाक्त हो सकता है, जिससे मतली, उल्टी और पेट दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं। इसलिए, हरे आलू के हिस्सों को नहीं खाना चाहिए।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आलू के अंकुरण (germination) के लिए कौन सी पर्यावरणीय दशाएँ आवश्यक हैं?
- (a) उच्च तापमान और शुष्क वातावरण
- (b) निम्न तापमान और आर्द्र वातावरण
- (c) मध्यम तापमान और पर्याप्त नमी
- (d) अत्यधिक प्रकाश और कम नमी
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बीजों या वानस्पतिक भागों (जैसे कंद) के अंकुरण के लिए विशिष्ट तापमान, नमी और ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
व्याख्या (Explanation): आलू के कंद को अंकुरित होने के लिए मध्यम तापमान (आमतौर पर 15-20°C) और पर्याप्त नमी की आवश्यकता होती है। अंकुरण के लिए ऑक्सीजन भी महत्वपूर्ण है, जो मिट्टी के कणों के बीच उपलब्ध होती है। बहुत अधिक या बहुत कम तापमान और शुष्क परिस्थितियाँ अंकुरण को रोक सकती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव द्वारा खाए जाने वाले आलू का कौन सा पोषक तत्व ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है?
- (a) प्रोटीन (Protein)
- (b) वसा (Fat)
- (c) विटामिन सी (Vitamin C)
- (d) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (macronutrients) वे पोषक तत्व होते हैं जिनकी शरीर को बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है और जो ऊर्जा प्रदान करते हैं। इनमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा शामिल हैं।
व्याख्या (Explanation): आलू, विशेष रूप से उसका स्टार्च, कार्बोहाइड्रेट का एक बहुत अच्छा स्रोत है। कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए ऊर्जा का सबसे सुलभ स्रोत हैं। जबकि आलू में कुछ मात्रा में प्रोटीन, विटामिन सी और अन्य विटामिन-खनिज भी होते हैं, ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत के रूप में कार्बोहाइड्रेट ही होते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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आलू को किस प्रकार की मृदा (soil) सबसे अधिक पसंद होती है?
- (a) भारी चिकनी मिट्टी (Heavy clay soil)
- (b) रेतीली मिट्टी (Sandy soil)
- (c) दोमट या बलुई दोमट मिट्टी (Loamy or sandy-loam soil)
- (d) क्षारीय मिट्टी (Alkaline soil)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न फसलों की वृद्धि के लिए अलग-अलग प्रकार की मिट्टी की आवश्यकता होती है। मिट्टी की संरचना, जल निकासी और पोषक तत्व धारण क्षमता महत्वपूर्ण कारक हैं।
व्याख्या (Explanation): आलू की जड़ों (या कंदों) को फैलने और विकसित होने के लिए ढीली, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है। दोमट या बलुई दोमट मिट्टी, जिसमें कार्बनिक पदार्थ अच्छी मात्रा में होते हैं, आलू की खेती के लिए आदर्श मानी जाती है। भारी चिकनी मिट्टी से कंदों का विकास बाधित हो सकता है और जल जमाव की समस्या हो सकती है, जबकि अत्यधिक रेतीली मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू के उत्पादन में ‘लेट ब्लाइट’ (Late Blight) नामक रोग का मुख्य कारण क्या है?
- (a) जीवाणु (Bacteria)
- (b) वायरस (Virus)
- (c) कवक (Fungus)
- (d) नेमाटोड (Nematode)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पौधों के रोग विभिन्न रोगजनकों (pathogens) के कारण होते हैं, जिनमें कवक, जीवाणु, वायरस और अन्य सूक्ष्मजीव शामिल हैं। लेट ब्लाइट आलू और टमाटर की फसलों को प्रभावित करने वाला एक विनाशकारी रोग है।
व्याख्या (Explanation): आलू में लेट ब्लाइट रोग फाइटोफ्थोरा इन्फेस्टन्स (Phytophthora infestans) नामक ऑओमाइसिट (oomycete), जिसे अक्सर कवक के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, के कारण होता है। यह रोग बहुत तेजी से फैलता है और फसल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है, जैसा कि आयरिश आलू अकाल (Irish Potato Famine) के दौरान देखा गया था।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) की प्रक्रिया में, पौधे सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा को किस रूप में परिवर्तित करते हैं?
- (a) ऊष्मीय ऊर्जा (Thermal energy)
- (b) रासायनिक ऊर्जा (Chemical energy)
- (c) यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical energy)
- (d) विद्युत ऊर्जा (Electrical energy)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण एक महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करते हैं और उसे रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं, जिसे बाद में शर्करा (ग्लूकोज) के रूप में संग्रहीत किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): इस प्रक्रिया में, पौधे कार्बन डाइऑक्साइड और पानी का उपयोग करके क्लोरोफिल और सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में ग्लूकोज (एक प्रकार की रासायनिक ऊर्जा) और ऑक्सीजन बनाते हैं। यह रासायनिक ऊर्जा पौधों के लिए भोजन और विकास का स्रोत बनती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आलू के एक स्वस्थ कंद के अंदर, स्टार्च को किस रूप में संग्रहीत किया जाता है?
- (a) ग्लूकोज (Glucose)
- (b) फ्रुक्टोज (Fructose)
- (c) ग्लाइकोजन (Glycogen)
- (d) एमाइलोज और एमाइलोपेक्टिन (Amylose and Amylopectin)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): स्टार्च पौधों में ग्लूकोज का एक बहुलक (polymer) है, जो ऊर्जा भंडारण के लिए उपयोग किया जाता है। यह दो मुख्य रूपों में मौजूद होता है: एमाइलोज और एमाइलोपेक्टिन।
व्याख्या (Explanation): आलू के कंद में, स्टार्च मुख्य रूप से एमाइलोज (एक रैखिक श्रृंखला) और एमाइलोपेक्टिन (एक शाखित श्रृंखला) के मिश्रण के रूप में संग्रहीत होता है। यह स्टोरोप्लास्ट (amyloplasts) नामक विशेष कोशिकांगों में पाया जाता है। ग्लाइकोजन जानवरों में ऊर्जा भंडारण का रूप है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जब आलू को उबाला जाता है, तो स्टार्च के अणुओं के साथ क्या होता है?
- (a) वे टूटकर सरल शर्करा बनाते हैं (Hydrolysis)।
- (b) वे अवक्षेपित (precipitate) हो जाते हैं।
- (c) वे निर्जलित (dehydrate) हो जाते हैं।
- (d) वे जम जाते हैं (freeze)।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जिलेटिनाइजेशन (Gelatinization) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें स्टार्च के कण पानी में गर्म होने पर फूल जाते हैं और अपनी संरचना खो देते हैं।
व्याख्या (Explanation): उबलने पर, आलू में मौजूद स्टार्च के कण पानी को अवशोषित करते हैं और फूल जाते हैं। उच्च तापमान और पानी की उपस्थिति में, स्टार्च के लंबे, जटिल अणु (एमाइलोज और एमाइलोपेक्टिन) पानी के अणुओं द्वारा टूट जाते हैं, जिससे वे अधिक घुलनशील और पचने योग्य बन जाते हैं। इस प्रक्रिया को स्टार्च का जिलेटिनाइजेशन या हाइड्रोलिसिस कहा जाता है, जिससे आलू नरम हो जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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आलू के कंद की बाहरी त्वचा (skin) में कौन सा वर्णक (pigment) कुछ किस्में को रंग प्रदान करता है?
- (a) क्लोरोफिल (Chlorophyll)
- (b) कैरोटीनॉयड (Carotenoids)
- (c) एंथोसायनिन (Anthocyanins)
- (d) मेलानिन (Melanin)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एंथोसायनिन फ्लेवोनोइड्स (flavonoids) नामक यौगिकों का एक समूह है जो पौधों में पाए जाते हैं और उनके फूलों, फलों और सब्जियों को लाल, बैंगनी और नीले रंग प्रदान करते हैं।
व्याख्या (Explanation): कुछ आलू की किस्मों, विशेष रूप से लाल या बैंगनी रंग के आलू में, एंथोसायनिन नामक वर्णक पाए जाते हैं। ये वर्णक फ्लेवोनोइड्स के परिवार से संबंधित हैं और अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाने जाते हैं। क्लोरोफिल प्रकाश संश्लेषण के लिए हरा रंग देता है, कैरोटीनॉयड पीले और नारंगी रंग देते हैं, और मेलानिन जानवरों की त्वचा और बालों में पाया जाने वाला एक वर्णक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू को लंबे समय तक संरक्षित (preserve) करने के लिए किस प्रक्रिया का उपयोग किया जा सकता है, जिसमें उन्हें सुखाया जाता है?
- (a) पाश्चुरीकरण (Pasteurization)
- (b) निर्जलीकरण (Dehydration)
- (c) किण्वन (Fermentation)
- (d) समशीतोष्णन (Tempering)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): निर्जलीकरण एक संरक्षण तकनीक है जिसमें भोजन से पानी की मात्रा कम की जाती है, जिससे सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रुक जाती है और उत्पाद की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है।
व्याख्या (Explanation): आलू को सुखाकर (निर्जलीकरण) लंबे समय तक संरक्षित किया जा सकता है। यह चिप्स, फ्लेक्स या पाउडर के रूप में किया जा सकता है। पानी की अनुपस्थिति में, अधिकांश सूक्ष्मजीव (जैसे बैक्टीरिया, यीस्ट और मोल्ड) जीवित नहीं रह सकते और गुणन नहीं कर सकते, जिससे भोजन खराब होने से बच जाता है। पाश्चुरीकरण और किण्वन अन्य संरक्षण विधियाँ हैं, लेकिन सीधे सुखाने की प्रक्रिया निर्जलीकरण कहलाती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आलू के बीजों (true potato seeds – TPS) से उगाने की तुलना में कंदों से उगाना अधिक सामान्य क्यों है?
- (a) कंद से उगाना तेज होता है।
- (b) कंद से उगाए गए पौधों में मूल किस्म के गुण बने रहते हैं।
- (c) कंद से उगाना सस्ता होता है।
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वानस्पतिक प्रजनन (vegetative propagation) में, मूल पौधे के आनुवंशिक रूप से समान नए पौधे उत्पन्न होते हैं। बीज से प्रजनन में अक्सर आनुवंशिक भिन्नता (genetic variation) आती है।
व्याख्या (Explanation): आलू का वानस्पतिक प्रजनन कंदों (जो कि तने के रूपांतरण हैं) द्वारा किया जाता है। यह प्रक्रिया कई कारणों से अधिक आम है: 1) यह बीजों की तुलना में बहुत तेज है। 2) कंद से उगाए गए पौधे अपने मूल किस्म (parent variety) के आनुवंशिक रूप से समान होते हैं, जिससे उत्पादित आलू की गुणवत्ता और विशेषताएँ सुनिश्चित होती हैं। 3) यह अपेक्षाकृत सस्ता और सरल भी है। बीज से उगाने पर, ‘मेंडलियन भिन्नता’ (Mendelian variation) के कारण आलू की गुणवत्ता में भिन्नता आ सकती है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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यदि आलू को बहुत ठंडी परिस्थितियों (जैसे 0-4°C) में संग्रहित किया जाए, तो उसमें स्टार्च का क्या होता है?
- (a) स्टार्च का चीनी में रूपांतरण (conversion) बढ़ जाता है।
- (b) स्टार्च जम जाता है और अवक्रमित (degraded) हो जाता है।
- (c) स्टार्च की गुणवत्ता में सुधार होता है।
- (d) स्टार्च की मात्रा में वृद्धि होती है।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कम तापमान पर, पौधे अपनी श्वसन दर को कम कर देते हैं, लेकिन कुछ जैव रासायनिक प्रतिक्रियाएँ, जैसे स्टार्च का शर्करा में रूपांतरण, ठंडी परिस्थितियों में सक्रिय हो सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): आलू को बहुत ठंडे (लेकिन जमने वाले नहीं) तापमान पर संग्रहित करने से, कंद के अंदर एंजाइमेटिक गतिविधि बढ़ जाती है जो स्टार्च को शर्करा (मुख्य रूप से माल्टोज और ग्लूकोज) में परिवर्तित करती है। इससे आलू का स्वाद मीठा हो जाता है और तलने या बेक करने पर वे भूरे हो सकते हैं (क्योंकि शर्करा कैरामैलाइज़ हो जाती है)। आदर्श भंडारण तापमान (4-7°C) स्टार्च को शर्करा में रूपांतरण को कम करता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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आलू के कंद पर मौजूद मिट्टी के कणों के बीच हवा का क्या कार्य है?
- (a) यह कंद को नमी प्रदान करती है।
- (b) यह कंद के श्वसन (respiration) के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराती है।
- (c) यह प्रकाश संश्लेषण में सहायता करती है।
- (d) यह कंद के विकास को रोकती है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सभी जीवित कोशिकाएँ, जिनमें आलू के कंद की कोशिकाएँ भी शामिल हैं, ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) करती हैं। इस प्रक्रिया के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
व्याख्या (Explanation): मिट्टी के कणों के बीच मौजूद हवा, विशेष रूप से उसमें ऑक्सीजन, आलू के कंद की जीवित कोशिकाओं द्वारा श्वसन के लिए आवश्यक है। श्वसन एक चयापचय प्रक्रिया है जो संग्रहित ऊर्जा (स्टार्च) को ATP के रूप में जारी करती है, जिसका उपयोग कंद की कोशिकाओं के जीवित रहने और आवश्यक कार्यों के लिए किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आलू में राइबोफ्लेविन (Riboflavin), जिसे विटामिन B2 भी कहा जाता है, किसमें पाया जाता है?
- (a) केवल पत्तियों में
- (b) केवल फूलों में
- (c) कंद के अंदर और अंकुरण के दौरान
- (d) मिट्टी में
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): राइबोफ्लेविन (विटामिन B2) एक पानी में घुलनशील विटामिन है जो ऊर्जा चयापचय (energy metabolism) और कोशिका वृद्धि के लिए आवश्यक है। यह पौधों में भी पाया जाता है।
व्याख्या (Explanation): आलू के कंद में राइबोफ्लेविन की कुछ मात्रा होती है, जो इसके अंकुरण की प्रारंभिक अवस्थाओं में विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है। जैसे-जैसे कंद से अंकुर विकसित होते हैं, वे इस विटामिन का उपयोग अपनी वृद्धि के लिए करते हैं। पत्तियां और फूल भी विटामिन का उत्पादन और भंडारण कर सकते हैं, लेकिन कंद के अपने भंडार भी महत्वपूर्ण हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू का वैज्ञानिक नाम ‘Solanum tuberosum’ किस भाषा से लिया गया है?
- (a) ग्रीक (Greek)
- (b) लैटिन (Latin)
- (c) संस्कृत (Sanskrit)
- (d) स्पेनिश (Spanish)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वैज्ञानिक नामकरण (scientific nomenclature) के लिए द्विनाम पद्धति (binomial nomenclature) का प्रयोग किया जाता है, जिसमें प्रजातियों का नामकरण लैटिन या लैटिनकृत ग्रीक शब्दों से होता है।
व्याख्या (Explanation): ‘Solanum’ वंश (genus) का नाम लैटिन शब्द ‘solamen’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘आराम’ या ‘सांत्वना’, संभवतः इसके औषधीय गुणों के संदर्भ में। ‘tuberosum’ शब्द लैटिन ‘tuber’ से आया है, जिसका अर्थ है ‘गांठ’ या ‘कंद’, जो इसके कंद रूप को दर्शाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जब आलू के कंद प्रकाश के संपर्क में आते हैं, तो क्लोरोफिल का उत्पादन क्यों होता है?
- (a) ऊर्जा के लिए
- (b) विषाक्तता बढ़ाने के लिए
- (c) प्रकाश संश्लेषण के लिए
- (d) प्रजनन के लिए
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्लोरोफिल एक हरा वर्णक है जो पौधों में प्रकाश संश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण है। यह सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करता है।
व्याख्या (Explanation): आलू के कंद, जो सामान्यतः भूमिगत होते हैं, जब प्रकाश के संपर्क में आते हैं, तो उनमें क्लोरोफिल का उत्पादन शुरू हो जाता है। यह प्रकाश संश्लेषण को सक्षम बनाता है, जिससे कंद ऊर्जा का उत्पादन कर सके। हालांकि, इस प्रक्रिया के साथ सोलेनिन का उत्पादन भी बढ़ सकता है, जो एक सुरक्षात्मक तंत्र है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आलू का फसल चक्र (crop rotation) में क्या महत्व है?
- (a) यह मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाता है।
- (b) यह मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने या सुधारने में मदद करता है।
- (c) यह कीटों और बीमारियों को कम करता है।
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फसल चक्र एक कृषि पद्धति है जिसमें एक ही खेत में विभिन्न फसलों को व्यवस्थित क्रम में उगाया जाता है। यह मिट्टी के स्वास्थ्य और कीट प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है।
व्याख्या (Explanation): आलू एक ‘फीडर’ फसल है, जिसका अर्थ है कि यह मिट्टी से बहुत सारे पोषक तत्व खींचता है। हालांकि, इसे अन्य फसलों के साथ फसल चक्र में शामिल करने से मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, आलू के बाद फलीदार फसलें (जैसे मटर या बीन्स) उगाने से मिट्टी में नाइट्रोजन का स्तर बढ़ सकता है। इसके अलावा, फसल चक्र विभिन्न कीटों और मिट्टी में पनपने वाली बीमारियों के जीवन चक्र को बाधित करके उन्हें कम करने में मदद करता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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‘फोटोपीरियडिज्म’ (photoperiodism) का आलू की वृद्धि और कंद निर्माण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- (a) आलू की वृद्धि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
- (b) छोटे दिन (short days) कंद निर्माण को बढ़ावा देते हैं।
- (c) लंबे दिन (long days) कंद निर्माण को बढ़ावा देते हैं।
- (d) प्रकाश की तीव्रता कंद निर्माण का मुख्य कारक है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फोटोपीरियडिज्म पौधों की वह क्षमता है जिसके द्वारा वे दिन की लंबाई (प्रकाश और अंधेरे की अवधि) के प्रति प्रतिक्रिया करते हैं, जो फूलने और कंद निर्माण जैसी विकास संबंधी प्रक्रियाओं को प्रभावित करती है।
व्याख्या (Explanation): अधिकांश आलू की किस्में ‘शॉर्ट-डे’ पौधे होती हैं, जिसका अर्थ है कि कंदों के निर्माण और विकास के लिए छोटे दिन (यानी, रातें लंबी होना) अधिक अनुकूल होते हैं। यह वह स्थिति है जब ऊर्जा तने और पत्तियों से कंदों की ओर निर्देशित होती है। लंबी दिन की अवधि वानस्पतिक वृद्धि (पत्तियों और तनों का विकास) को बढ़ावा दे सकती है लेकिन कंदों के विकास को सीमित कर सकती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आलू में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला खनिज तत्व कौन सा है?
- (a) कैल्शियम (Calcium)
- (b) लोहा (Iron)
- (c) पोटेशियम (Potassium)
- (d) मैग्नीशियम (Magnesium)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पौधों को विभिन्न प्रकार के खनिज तत्वों की आवश्यकता होती है जो उनकी वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। पोटेशियम एक प्रमुख मैक्रोन्यूट्रिएंट है।
व्याख्या (Explanation): आलू पोटेशियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है। पोटेशियम पौधों में जल संतुलन, एंजाइम सक्रियण और प्रकाश संश्लेषण जैसी विभिन्न महत्वपूर्ण शारीरिक प्रक्रियाओं में भूमिका निभाता है। यह कंदों में शर्करा और स्टार्च के परिवहन और भंडारण के लिए भी महत्वपूर्ण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।