सामान्य विज्ञान अभ्यास: अपनी तैयारी को मजबूत करें

सामान्य विज्ञान अभ्यास: अपनी तैयारी को मजबूत करें

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सामान्य विज्ञान एक अत्यंत महत्वपूर्ण खंड है। यह न केवल आपके ज्ञान की गहराई को मापता है, बल्कि आपकी तार्किक क्षमता और वैज्ञानिक सिद्धांतों की समझ को भी परखता है। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के प्रश्नों का संतुलित अभ्यास आपको परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करता है। इस खंड में, हमने “Doubling Down on Diamond” विषय से प्रेरित होकर, इन तीनों विषयों के महत्वपूर्ण और परीक्षा-केंद्रित 25 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) संकलित किए हैं। प्रत्येक प्रश्न का विस्तृत हल और वैज्ञानिक स्पष्टीकरण दिया गया है, ताकि आप केवल उत्तर ही न जानें, बल्कि संबंधित अवधारणाओं को भी भली-भांति समझ सकें। आइए, अपनी विज्ञान की तैयारी को परखें और मजबूत करें!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. हीरे की चमक का मुख्य कारण क्या है?

    • (a) उच्च अपवर्तनांक
    • (b) पूर्ण आंतरिक परावर्तन
    • (c) प्रकाश का प्रकीर्णन
    • (d) (a) और (b) दोनों

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश का अपवर्तन और पूर्ण आंतरिक परावर्तन।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की अत्यधिक चमक उसके उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) और विशिष्ट कटाई के कारण होती है, जो प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) को अधिकतम करती है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो उसके उच्च अपवर्तनांक के कारण वह बहुत अधिक मुड़ता है। यदि प्रकाश का आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक होता है, तो प्रकाश हीरे की सतह से बाहर निकलने के बजाय अंदर ही परावर्तित हो जाता है। यह प्रक्रिया बार-बार होती है, जिससे हीरा अंदर से चमकता हुआ दिखाई देता है। प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण (dispersion) भी हीरे की इंद्रधनुषी चमक (fire) में योगदान देता है, लेकिन मुख्य कारण उच्च अपवर्तनांक और पूर्ण आंतरिक परावर्तन है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  2. निम्नलिखित में से कौन-सा कार्बन का अपररूप नहीं है?

    • (a) हीरा
    • (b) ग्रेफाइट
    • (c) फुलेरीन
    • (d) सिलिकॉन

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अपररूपता (Allotropy) और तत्व का वर्गीकरण।

    व्याख्या (Explanation): अपररूपता किसी तत्व के एक से अधिक रूपों में अस्तित्व में रहने की घटना है, जिनमें भौतिक गुण भिन्न होते हैं लेकिन रासायनिक गुण समान होते हैं। हीरा, ग्रेफाइट और फुलेरीन (जैसे C60 बकमिनस्टरफुलेरीन) सभी कार्बन के अपररूप हैं। सिलिकॉन (Si) एक अलग रासायनिक तत्व है जो कार्बन परिवार (समूह 14) में ही आता है, लेकिन यह कार्बन का अपररूप नहीं है। सिलिकॉन एक उपधातु है और इसके अपने अलग अपररूप और यौगिक होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  3. जैविक अणुओं में कार्बन की बहुमुखी प्रकृति का क्या कारण है?

    • (a) इसका उच्च गलनांक
    • (b) इसकी चतुष्फलकीय संयोजकता और श्रृंखलन का गुण
    • (c) इसका केवल आयनिक बंध बनाना
    • (d) इसका बहुत हल्का तत्व होना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन का रासायनिक बंधन और श्रृंखलन (Catenation)।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन की परमाणु संख्या 6 है और इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,4 है, अर्थात इसकी बाह्यतम कक्षा में 4 इलेक्ट्रॉन होते हैं। यह 4 सहसंयोजक बंध बना सकता है (चतुष्फलकीय संयोजकता)। इसकी सबसे महत्वपूर्ण विशेषता ‘श्रृंखलन’ (Catenation) का गुण है, जिसमें कार्बन परमाणु एक-दूसरे के साथ जुड़कर लंबी, शाखित या चक्रीय श्रृंखलाएं बना सकते हैं। यह गुण, इसकी संयोजकता के साथ मिलकर, विभिन्न प्रकार के जटिल और स्थिर जैविक अणुओं (जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, न्यूक्लिक अम्ल) के निर्माण में सक्षम बनाता है, जो जीवन के लिए आवश्यक हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  4. निम्नलिखित में से कौन-सा पदार्थ दुनिया में सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ माना जाता है?

    • (a) प्लैटिनम
    • (b) टंगस्टन
    • (c) हीरा
    • (d) ग्रेफाइट

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थों की कठोरता और मोह्स स्केल।

    व्याख्या (Explanation): हीरा (Diamond) प्रकृति में पाया जाने वाला सबसे कठोर पदार्थ है। इसकी कठोरता का कारण इसके कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधों की त्रि-आयामी (3D) जालीदार संरचना है। इसे मोह्स कठोरता पैमाने पर 10 अंक प्राप्त हैं, जो उच्चतम है। प्लैटिनम और टंगस्टन धातुएँ हैं जो कठोर होती हैं लेकिन हीरे से कम। ग्रेफाइट भी कार्बन का एक अपररूप है, लेकिन इसकी परतदार संरचना के कारण यह बहुत नरम होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  5. हीरे की संरचना में कार्बन परमाणु किस प्रकार के संकरण (hybridization) दर्शाते हैं?

    • (a) sp
    • (b) sp2
    • (c) sp3
    • (d) dsp2

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): संकरण (Hybridization) और आणविक ज्यामिति।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की संरचना में प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य चार कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंध द्वारा जुड़ा होता है। ये चार बंध एक चतुष्फलकीय (tetrahedral) ज्यामिति में व्यवस्थित होते हैं। इस प्रकार की व्यवस्था sp3 संकरण द्वारा प्राप्त होती है, जहाँ एक s-कक्षक और तीन p-कक्षक मिलकर चार sp3 संकरित कक्षक बनाते हैं, जो एक-दूसरे के साथ 109.5° के कोण पर होते हैं। यह मजबूत, त्रि-आयामी नेटवर्क हीरे को उसकी असाधारण कठोरता और स्थायित्व प्रदान करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  6. प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) के दौरान पौधे किस गैस का उपयोग करते हैं?

    • (a) ऑक्सीजन
    • (b) नाइट्रोजन
    • (c) कार्बन डाइऑक्साइड
    • (d) हाइड्रोजन

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे, शैवाल और कुछ बैक्टीरिया सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके जल और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को ग्लूकोज (भोजन) और ऑक्सीजन में परिवर्तित करते हैं। यह प्रक्रिया क्लोरोफिल की उपस्थिति में होती है। कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल से पत्तियों के स्टोमेटा (रंध्रों) के माध्यम से अवशोषित की जाती है। इस प्रकार, प्रकाश संश्लेषण पृथ्वी पर जीवन के लिए ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है और ऑक्सीजन का उत्पादन करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  7. एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाते समय प्रकाश के मुड़ने की घटना को क्या कहते हैं?

    • (a) परावर्तन
    • (b) अपवर्तन
    • (c) विवर्तन
    • (d) प्रकीर्णन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश का अपवर्तन।

    व्याख्या (Explanation): जब प्रकाश एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करता है, तो वह अपनी दिशा बदल देता है। इस घटना को प्रकाश का अपवर्तन (Refraction) कहते हैं। यह घटना प्रकाश की गति में परिवर्तन के कारण होती है, क्योंकि विभिन्न माध्यमों में प्रकाश की गति भिन्न होती है। प्रकाश के अपवर्तन का उपयोग लेंसों और प्रिज्मों में होता है, और यही सिद्धांत हीरे में प्रकाश के प्रवेश और बाहर निकलने को भी नियंत्रित करता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  8. ग्रेफाइट हीरे की तुलना में नरम क्यों होता है?

    • (a) इसकी आणविक संरचना अधिक जटिल होती है।
    • (b) इसमें परमाणुओं के बीच कमजोर वान डर वाल्स बल होते हैं।
    • (c) इसमें केवल आयनिक बंध होते हैं।
    • (d) यह अधातु नहीं है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थों की संरचना और उनके भौतिक गुण।

    व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट और हीरा दोनों कार्बन के अपररूप हैं, लेकिन उनकी संरचनाएँ भिन्न होती हैं। ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु sp2 संकरित होते हैं और षटकोणीय वलयों में व्यवस्थित होकर समतल परतें बनाते हैं। इन परतों के भीतर सहसंयोजक बंध बहुत मजबूत होते हैं, लेकिन विभिन्न परतों के बीच कमजोर वान डर वाल्स बल (Van der Waals forces) होते हैं। इन कमजोर बलों के कारण परतें एक-दूसरे पर आसानी से फिसल सकती हैं, जिससे ग्रेफाइट नरम और चिकना होता है। हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु sp3 संकरित होता है और एक मजबूत, त्रि-आयामी सहसंयोजक नेटवर्क बनाता है, जिससे यह अत्यंत कठोर होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  9. मनुष्य के शरीर में पाया जाने वाला सबसे कठोर ऊतक कौन सा है?

    • (a) अस्थि (Bone)
    • (b) उपास्थि (Cartilage)
    • (c) दन्तवल्क (Enamel)
    • (d) डेंटिन (Dentin)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मानव शरीर के ऊतक और उनकी संरचना।

    व्याख्या (Explanation): दन्तवल्क (Enamel) मानव शरीर में पाया जाने वाला सबसे कठोर ऊतक है। यह दांतों की बाहरी परत होती है और मुख्य रूप से कैल्शियम फॉस्फेट के एक क्रिस्टलीय रूप, हाइड्रॉक्सीपेटाइट से बनी होती है। इसकी कठोरता दांतों को चबाने और घिसाव से बचाती है। अस्थि भी कठोर होती है लेकिन इनेमल से कम, उपास्थि लचीली होती है, और डेंटिन इनेमल के नीचे का ऊतक है, जो इनेमल से नरम होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. निम्नलिखित में से कौन-सा पदार्थ ऊष्मा का सबसे अच्छा चालक है?

    • (a) तांबा
    • (b) चांदी
    • (c) हीरा
    • (d) एल्यूमीनियम

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थों की ऊष्मा चालकता।

    व्याख्या (Explanation): हालांकि धातुएँ (जैसे चांदी, तांबा, एल्यूमीनियम) आमतौर पर ऊष्मा की अच्छी चालक होती हैं, हीरा (Diamond) ज्ञात पदार्थों में सबसे अच्छा ऊष्मा चालक है। इसकी अत्यधिक प्रभावी जालीदार कंपन (lattice vibrations), जिसे फोनन (phonons) कहा जाता है, ऊष्मा को बहुत कुशलता से संचारित करती है। यही कारण है कि हीरे का उपयोग अक्सर उच्च-शक्ति वाले इलेक्ट्रॉनिक्स में हीट सिंक (heat sinks) के रूप में किया जाता है, जहाँ से ऊष्मा को प्रभावी ढंग से हटाने की आवश्यकता होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  11. ‘HPHT’ और ‘CVD’ तकनीकें किससे संबंधित हैं?

    • (a) हीरे का खनन
    • (b) कृत्रिम हीरे का निर्माण
    • (c) हीरे की कटाई और पॉलिशिंग
    • (d) हीरे का भूवैज्ञानिक अन्वेषण

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सामग्री संश्लेषण तकनीकें।

    व्याख्या (Explanation): ‘HPHT’ का अर्थ है “उच्च दाब, उच्च तापमान” (High Pressure, High Temperature) और ‘CVD’ का अर्थ है “रासायनिक वाष्प निक्षेपण” (Chemical Vapor Deposition)। ये दोनों विधियां प्रयोगशाला में कृत्रिम हीरे बनाने के लिए उपयोग की जाती हैं। HPHT विधि प्राकृतिक हीरे के निर्माण की पृथ्वी की प्रक्रिया की नकल करती है, जबकि CVD विधि कार्बन युक्त गैसों का उपयोग करके हीरे की पतली परतें जमा करती है। इन तकनीकों से बनाए गए हीरे का उपयोग औद्योगिक अनुप्रयोगों और आभूषणों दोनों में किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  12. निम्नलिखित में से कौन-सा जीवमंडल में कार्बन चक्र का एक महत्वपूर्ण घटक नहीं है?

    • (a) प्रकाश संश्लेषण
    • (b) श्वसन
    • (c) ज्वालामुखी गतिविधि
    • (d) नाइट्रोजन स्थिरीकरण

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन चक्र और जैव-भूरासायनिक चक्र।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन चक्र वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कार्बन पृथ्वी के जीवमंडल, भूमंडल, जलमंडल और वायुमंडल के बीच गति करता है। प्रकाश संश्लेषण (वायुमंडल से CO2 लेना), श्वसन (CO2 छोड़ना), और ज्वालामुखी गतिविधि (पृथ्वी के आंतरिक भाग से CO2 छोड़ना) सभी कार्बन चक्र के महत्वपूर्ण घटक हैं। नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitrogen Fixation) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा वायुमंडलीय नाइट्रोजन को अमोनिया में परिवर्तित किया जाता है, जिसका उपयोग पौधों द्वारा किया जा सकता है। यह नाइट्रोजन चक्र का हिस्सा है, न कि कार्बन चक्र का।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  13. दाब बढ़ाने पर किसी पदार्थ के गलनांक पर क्या प्रभाव पड़ता है?

    • (a) गलनांक बढ़ता है।
    • (b) गलनांक घटता है।
    • (c) गलनांक अपरिवर्तित रहता है।
    • (d) यह पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है।

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): दाब का गलनांक पर प्रभाव।

    व्याख्या (Explanation): सामान्यतः, अधिकांश पदार्थों के लिए दाब बढ़ाने पर गलनांक बढ़ता है, क्योंकि उच्च दाब अणुओं को अधिक कसकर पैक करता है, जिससे उन्हें पिघलने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। हालांकि, कुछ पदार्थ, जैसे बर्फ (पानी), के लिए दाब बढ़ाने पर गलनांक घटता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बर्फ पिघलने पर सिकुड़ती है (आयतन कम होता है), और ले चैटलियर के सिद्धांत के अनुसार, प्रणाली कम आयतन वाली अवस्था का पक्ष लेगी जब दाब बढ़ाया जाता है। हीरे के निर्माण में भी उच्च दाब महत्वपूर्ण है। इसलिए, यह पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  14. कार्बन आवर्त सारणी के किस समूह (Group) से संबंधित है?

    • (a) समूह 13
    • (b) समूह 14
    • (c) समूह 15
    • (d) समूह 16

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): आवर्त सारणी में तत्वों का स्थान।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन (C) आवर्त सारणी के समूह 14 में स्थित है, जिसे कार्बन परिवार के नाम से भी जाना जाता है। इस समूह के अन्य सदस्य सिलिकॉन (Si), जर्मेनियम (Ge), टिन (Sn), लेड (Pb) और फ्लेरोवियम (Fl) हैं। इन तत्वों की संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या 4 होती है, जिससे वे चतुष्फलकीय संयोजकता प्रदर्शित करते हैं और विभिन्न प्रकार के सहसंयोजक बंध बना सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  15. DNA (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) में निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व प्रमुख रूप से पाया जाता है?

    • (a) सल्फर
    • (b) कैल्शियम
    • (c) फॉस्फोरस
    • (d) पोटेशियम

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):):

    सिद्धांत (Principle): जैविक अणुओं की रासायनिक संरचना।

    व्याख्या (Explanation): DNA न्यूक्लियोटाइड नामक इकाइयों से बना होता है, जिनमें प्रत्येक में एक फॉस्फेट समूह, एक डीऑक्सीराइबोज शर्करा और एक नाइट्रोजनस बेस (एडेनिन, गुआनिन, साइटोसिन या थाइमिन) होता है। फॉस्फेट समूह DNA की बैकबोन (आधार) का एक अभिन्न अंग है और इसमें फॉस्फोरस तत्व प्रमुख रूप से उपस्थित होता है। कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन भी DNA के आवश्यक घटक हैं, लेकिन विकल्पों में से फॉस्फोरस सबसे उपयुक्त है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  16. श्वेत प्रकाश के अपने घटक रंगों में विभाजित होने की घटना को क्या कहते हैं?

    • (a) परावर्तन
    • (b) अपवर्तन
    • (c) वर्ण-विक्षेपण
    • (d) व्यतिकरण

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण।

    व्याख्या (Explanation): जब श्वेत प्रकाश किसी प्रिज्म या अन्य अपवर्तक माध्यम से गुजरता है, तो वह अपने घटक रंगों (बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल – VIBGYOR) में विभाजित हो जाता है। इस घटना को प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण (Dispersion of light) कहते हैं। यह इसलिए होता है क्योंकि विभिन्न रंगों के प्रकाश की तरंग दैर्ध्य भिन्न होती है और वे माध्यम में अलग-अलग गति से यात्रा करते हैं, जिससे उनका अपवर्तन कोण भी भिन्न होता है। हीरे की इंद्रधनुषी चमक (fire) आंशिक रूप से इस वर्ण-विक्षेपण गुण के कारण होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  17. हीरे का गलनांक (melting point) क्या होता है?

    • (a) कम (लगभग 1000°C)
    • (b) मध्यम (लगभग 2000°C)
    • (c) बहुत उच्च (लगभग 3500°C से अधिक)
    • (d) हीरा कभी पिघलता नहीं, सीधे वाष्पीकृत होता है।

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थों के भौतिक गुण और बंधन की शक्ति।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का गलनांक लगभग 3500°C से 4000°C तक होता है (एक अक्रिय वातावरण में)। यह अत्यंत उच्च होता है क्योंकि हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य चार कार्बन परमाणुओं के साथ बहुत मजबूत सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है, जिससे एक विशाल त्रि-आयामी नेटवर्क संरचना बनती है। इन बंधों को तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। वायुमंडलीय दाब पर, हीरा गलने के बजाय लगभग 763°C पर ऑक्सीकरण होकर CO2 में परिवर्तित हो जाता है। अक्रिय वातावरण में, यह उच्च तापमान पर ग्रेफाइट में बदल सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  18. प्रोटीन के निर्माण खंड (building blocks) क्या होते हैं?

    • (a) ग्लूकोज
    • (b) वसीय अम्ल
    • (c) न्यूक्लियोटाइड
    • (d) अमीनो अम्ल

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मैक्रोमोलेक्यूल्स की संरचना।

    व्याख्या (Explanation): प्रोटीन बड़े और जटिल मैक्रोमोलेक्यूल्स होते हैं जो अमीनो अम्ल नामक छोटी इकाइयों से बने होते हैं। अमीनो अम्ल पेप्टाइड बंधों द्वारा एक-दूसरे से जुड़कर लंबी श्रृंखलाएं बनाते हैं, जिन्हें पॉलीपेप्टाइड कहा जाता है। ये पॉलीपेप्टाइड फिर विशिष्ट त्रि-आयामी संरचनाओं में मुड़ते और फोल्ड होते हैं ताकि कार्यात्मक प्रोटीन बन सकें। ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट के निर्माण खंड हैं, वसीय अम्ल और ग्लिसरॉल वसा के निर्माण खंड हैं, और न्यूक्लियोटाइड न्यूक्लिक अम्ल (DNA और RNA) के निर्माण खंड हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  19. ध्वनि की चाल किस माध्यम में सबसे अधिक होती है?

    • (a) गैस
    • (b) द्रव
    • (c) ठोस
    • (d) निर्वात

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ध्वनि तरंगों का संचरण।

    व्याख्या (Explanation): ध्वनि को संचरण के लिए एक माध्यम की आवश्यकता होती है, इसलिए यह निर्वात में यात्रा नहीं कर सकती। ध्वनि की चाल माध्यम के कणों के घनत्व और प्रत्यास्थता (elasticity) पर निर्भर करती है। ठोस पदार्थों में, कण एक-दूसरे के बहुत करीब और कसकर पैक होते हैं, जिससे कंपन ऊर्जा एक कण से दूसरे कण में अधिक तेज़ी से और कुशलता से संचारित होती है। इसलिए, ध्वनि की चाल ठोस में सबसे अधिक, फिर द्रव में और गैस में सबसे कम होती है। उदाहरण के लिए, स्टील में ध्वनि की चाल वायु की तुलना में कई गुना अधिक होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. फुलेरीन (Fullerenes) की सबसे प्रसिद्ध संरचना कौन सी है, जो फुटबॉल के आकार जैसी दिखती है?

    • (a) C-10
    • (b) C-30
    • (c) C-60
    • (d) C-100

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन के अपररूप और उनकी संरचनाएँ।

    व्याख्या (Explanation): फुलेरीन कार्बन के एक वर्ग के अपररूप हैं जिनकी संरचना खोखले गोले, अण्डाकार या ट्यूबों के रूप में होती है। इनमें सबसे प्रसिद्ध C60 है, जिसे बकमिनस्टरफुलेरीन (Buckminsterfullerene) या “बकीबॉल” (Buckyball) के नाम से भी जाना जाता है। इसकी संरचना 60 कार्बन परमाणुओं से बनी होती है जो 12 पंचकोणीय और 20 षटकोणीय फलकों के साथ एक बंद, खोखले गोले के रूप में व्यवस्थित होते हैं, जो एक फुटबॉल की तरह दिखती है। इसकी खोज के लिए हैरी क्रोटो, रॉबर्ट कर्ल और रिचर्ड स्मैली को 1996 में रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार मिला था।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  21. विटामिन B12 में कौन सा धातु आयन मौजूद होता है?

    • (a) आयरन (Iron)
    • (b) जिंक (Zinc)
    • (c) कोबाल्ट (Cobalt)
    • (d) मैग्नीशियम (Magnesium)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विटामिनों की रासायनिक संरचना।

    व्याख्या (Explanation): विटामिन B12, जिसे कोबालामिन (Cobalamin) भी कहा जाता है, मानव शरीर के लिए आवश्यक एक पानी में घुलनशील विटामिन है। यह DNA संश्लेषण, लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और तंत्रिका तंत्र के समुचित कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एकमात्र विटामिन है जिसमें एक धातु आयन, विशेष रूप से कोबाल्ट (Co), केंद्रीय परमाणु के रूप में मौजूद होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  22. क्रिस्टल संरचनाओं के अध्ययन में आमतौर पर किस प्रकार की तरंगों का उपयोग किया जाता है?

    • (a) रेडियो तरंगें
    • (b) सूक्ष्म तरंगें (Microwaves)
    • (c) एक्स-रे (X-rays)
    • (d) पराबैंगनी (Ultraviolet) तरंगें

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एक्स-रे विवर्तन (X-ray Diffraction – XRD)।

    व्याख्या (Explanation): क्रिस्टलीय पदार्थों की आंतरिक संरचना, जैसे कि हीरे की जाली संरचना, का अध्ययन करने के लिए एक्स-रे विवर्तन (X-ray Diffraction) एक शक्तिशाली तकनीक है। एक्स-रे की तरंगदैर्ध्य क्रिस्टल जाली में परमाणुओं के बीच की दूरी के तुलनीय होती है। जब एक्स-रे क्रिस्टल से टकराते हैं, तो वे विवर्तित होते हैं और एक विशिष्ट पैटर्न बनाते हैं। इस विवर्तन पैटर्न का विश्लेषण करके, वैज्ञानिक क्रिस्टल की परमाणु व्यवस्था, बंध लंबाई और ज्यामिति को निर्धारित कर सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  23. रसायन विज्ञान में, उत्प्रेरक (Catalyst) का मुख्य कार्य क्या है?

    • (a) रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेना और उत्पाद बनाना
    • (b) रासायनिक अभिक्रिया की दर को बढ़ाना या घटाना
    • (c) रासायनिक अभिक्रिया में ऊर्जा का उत्पादन करना
    • (d) रासायनिक अभिक्रिया को पूरी तरह से रोकना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):):

    सिद्धांत (Principle): उत्प्रेरण (Catalysis)।

    व्याख्या (Explanation): उत्प्रेरक वे पदार्थ होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया की दर (वेग) को परिवर्तित करते हैं (आमतौर पर बढ़ाते हैं) बिना स्वयं अभिक्रिया में स्थायी रूप से उपभुक्त हुए। वे अभिक्रिया के सक्रियण ऊर्जा (Activation Energy) को कम करके ऐसा करते हैं, जिससे कम ऊर्जा पर अधिक अभिकारक अणु उत्पाद में बदल सकते हैं। उत्प्रेरक उत्पाद की मात्रा या अभिक्रिया की ऊष्मागतिकी को नहीं बदलते, वे केवल अभिक्रिया कितनी तेजी से होती है, इसे प्रभावित करते हैं। कुछ उत्प्रेरक अभिक्रिया की दर को धीमा भी कर सकते हैं (नकारात्मक उत्प्रेरक)।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  24. पौधों की कोशिका भित्ति (Cell Wall) मुख्य रूप से किससे बनी होती है?

    • (a) प्रोटीन
    • (b) लिपिड
    • (c) सेल्यूलोज
    • (d) स्टार्च

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पादप कोशिका की संरचना।

    व्याख्या (Explanation): पादप कोशिका भित्ति पौधों की कोशिकाओं के बाहर एक कठोर और सुरक्षात्मक परत होती है। यह मुख्य रूप से सेल्यूलोज (Cellulose) से बनी होती है, जो ग्लूकोज इकाइयों की लंबी श्रृंखलाओं से बना एक जटिल कार्बोहाइड्रेट (पॉलीसैकराइड) है। कोशिका भित्ति कोशिका को यांत्रिक सहायता प्रदान करती है, अत्यधिक जल अवशोषण से बचाती है, और कोशिका के आकार को बनाए रखने में मदद करती है। जंतु कोशिकाओं में कोशिका भित्ति नहीं पाई जाती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. प्रकाशिक तंतु (Optical Fiber) किस सिद्धांत पर कार्य करता है?

    • (a) परावर्तन
    • (b) अपवर्तन
    • (c) पूर्ण आंतरिक परावर्तन
    • (d) प्रकाश का प्रकीर्णन

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection – TIR)।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाशीय तंतु उच्च गति से डेटा संचारित करने के लिए उपयोग की जाने वाली पतली, पारदर्शी फाइबर होती हैं। वे पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करते हैं। जब प्रकाश एक सघन माध्यम (फाइबर का कोर) से एक विरल माध्यम (फाइबर की क्लैडिंग) की ओर एक निश्चित क्रांतिक कोण से अधिक कोण पर प्रवेश करता है, तो यह दूसरे माध्यम में अपवर्तित होने के बजाय पहले माध्यम में पूरी तरह से परावर्तित हो जाता है। यह प्रकाश को तंतु के भीतर लंबी दूरी तक न्यूनतम हानि के साथ यात्रा करने की अनुमति देता है। यह सिद्धांत हीरे की चमक के समान ही है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  26. ओजोन परत वायुमंडल की किस परत में पाई जाती है?

    • (a) क्षोभमंडल (Troposphere)
    • (b) समताप मंडल (Stratosphere)
    • (c) मध्यमंडल (Mesosphere)
    • (d) आयनमंडल (Ionosphere)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी के वायुमंडल की परतें और उनकी संरचना।

    व्याख्या (Explanation): ओजोन परत (O3) पृथ्वी के वायुमंडल के समताप मंडल (Stratosphere) में पाई जाती है, जो पृथ्वी की सतह से लगभग 10 से 50 किलोमीटर ऊपर स्थित है। यह परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी (UV) विकिरण को अवशोषित करके पृथ्वी पर जीवन को बचाती है। CFCs (क्लोरोफ्लोरोकार्बन) जैसे रसायन इस परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे ओजोन छिद्र का निर्माण होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

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