सामयिक विज्ञान प्रश्न: सौर ऊर्जा और जल शोधन की अवधारणाओं को समझें
परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी में सामान्य विज्ञान एक अत्यंत महत्वपूर्ण खंड है। चाहे वह भौतिकी हो, रसायन विज्ञान हो, या जीव विज्ञान, हर विषय के मौलिक सिद्धांत अक्सर सामयिक घटनाओं से जुड़े होते हैं। हालिया शोधों पर आधारित ये प्रश्न आपको न केवल वर्तमान वैज्ञानिक विकासों से अवगत कराएंगे, बल्कि आपकी ज्ञान की गहराई को भी परखेंगे। आइए, इन प्रश्नों के माध्यम से अपनी विज्ञान की समझ को और बेहतर बनाएं!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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सूर्य से प्राप्त ऊर्जा, जो पानी से अमोनिया निकालने की प्रक्रिया में उपयोग की जाती है, का प्राथमिक स्रोत क्या है?
- (a) नाभिकीय संलयन
- (b) नाभिकीय विखंडन
- (c) रासायनिक ऊर्जा
- (d) भू-तापीय ऊर्जा
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सूर्य की ऊर्जा का मुख्य स्रोत उसके कोर में होने वाली नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में, हाइड्रोजन के परमाणु मिलकर हीलियम बनाते हैं, जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है।
व्याख्या (Explanation): सौर उपकरण सूर्य से प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करते हैं, जो अंततः नाभिकीय संलयन से उत्पन्न होती है। अन्य विकल्प जैसे नाभिकीय विखंडन (परमाणुओं के टूटने से ऊर्जा), रासायनिक ऊर्जा (रासायनिक बंधों में संग्रहित) और भू-तापीय ऊर्जा (पृथ्वी की आंतरिक गर्मी) सूर्य की ऊर्जा के प्रत्यक्ष स्रोत नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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किसी उपकरण में सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके पानी से अमोनिया निकालने की प्रक्रिया को किस प्रकार की प्रक्रिया माना जा सकता है?
- (a) ऊष्माशोषी (Endothermic)
- (b) ऊष्माक्षेपी (Exothermic)
- (c) प्रकाश-रासायनिक (Photochemical)
- (d) विद्युत-रासायनिक (Electrochemical)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश-रासायनिक प्रतिक्रियाएं वे होती हैं जिनमें प्रकाश ऊर्जा का उपयोग रासायनिक बंधों को तोड़ने या बनाने के लिए किया जाता है। सौर उपकरण प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करके रासायनिक परिवर्तन लाते हैं।
व्याख्या (Explanation): यहाँ, सूर्य का प्रकाश (ऊर्जा का रूप) अमोनिया को पानी से अलग करने के लिए एक रासायनिक प्रक्रिया को उत्प्रेरित करता है, इसलिए यह एक प्रकाश-रासायनिक प्रक्रिया है। ऊष्माशोषी प्रतिक्रियाओं में ऊर्जा अवशोषित होती है, ऊष्माक्षेपी में ऊर्जा मुक्त होती है, और विद्युत-रासायनिक प्रतिक्रियाओं में विद्युत ऊर्जा का उपयोग होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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पानी से अमोनिया (NH₃) निकालने के लिए किस प्रकार के रासायनिक पृथक्करण (chemical separation) सिद्धांत का उपयोग किया जा सकता है?
- (a) आसवन (Distillation)
- (b) क्रिस्टलीकरण (Crystallization)
- (c) अधिशोषण (Adsorption)
- (d) उर्ध्वपातन (Sublimation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अधिशोषण वह प्रक्रिया है जिसमें किसी पदार्थ के अणु किसी अन्य पदार्थ (अधिशोषक) की सतह पर जमा हो जाते हैं। अमोनिया को पानी से निकालने के लिए विशेष अधिशोषक सामग्री का उपयोग किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): सौर उपकरण में, अमोनिया अणुओं को एक विशिष्ट सामग्री (अधिशोषक) की सतह पर अधिशोषित किया जाता है, जिससे वे पानी से अलग हो जाते हैं। आसवन क्वथनांक के अंतर पर आधारित है, क्रिस्टलीकरण विलयन से ठोस बनाने की प्रक्रिया है, और उर्ध्वपातन ठोस का सीधे गैस में बदलना है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अमोनिया (NH₃) के अणु में नाइट्रोजन (N) और हाइड्रोजन (H) परमाणुओं के बीच कौन सा रासायनिक बंध (chemical bond) पाया जाता है?
- (a) आयनिक बंध (Ionic Bond)
- (b) सहसंयोजक बंध (Covalent Bond)
- (c) हाइड्रोजन बंध (Hydrogen Bond)
- (d) धात्विक बंध (Metallic Bond)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंध तब बनता है जब दो परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं। नाइट्रोजन और हाइड्रोजन दोनों अधातु हैं, और वे इलेक्ट्रॉनों को साझा करके अमोनिया बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH₃) में, नाइट्रोजन परमाणु तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के साथ तीन सहसंयोजक बंध बनाता है, जहाँ प्रत्येक बंध में नाइट्रोजन और हाइड्रोजन के बीच एक-एक इलेक्ट्रॉन का साझा होता है। आयनिक बंध आयनों के बीच होते हैं, हाइड्रोजन बंध विशेष परिस्थितियों में अणुओं के बीच बनते हैं, और धात्विक बंध धातुओं में पाए जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर उपकरण में उपयोग की जाने वाली अधिशोषक सामग्री (adsorbent material) में से कौन सी सामग्री अमोनिया को प्रभावी ढंग से पकड़ सकती है?
- (a) सिलिका जेल (Silica Gel)
- (b) सक्रिय कार्बन (Activated Carbon)
- (c) जिओलाइट्स (Zeolites)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सिलिका जेल, सक्रिय कार्बन और जिओलाइट्स सभी अपनी उच्च सतह क्षेत्र (surface area) और छिद्रपूर्ण संरचना (porous structure) के कारण अच्छे अधिशोषक हैं, जो उन्हें विभिन्न गैसों और वाष्पों को अधिशोषित करने में सक्षम बनाते हैं, जिसमें अमोनिया भी शामिल है।
व्याख्या (Explanation): इन सभी सामग्रियों का उपयोग अमोनिया जैसी गैसों को जल उपचार या वायु शोधन जैसे अनुप्रयोगों में अधिशोषित करने के लिए किया जाता है। उनकी छिद्रपूर्ण संरचनाएँ गैस अणुओं को फँसाने के लिए बड़ी संख्या में साइटें प्रदान करती हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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सौर ऊर्जा का उपयोग करके अमोनिया निकालने की प्रक्रिया, यदि बड़े पैमाने पर की जाए, तो किस पर्यावरणीय लाभ से जुड़ी हो सकती है?
- (a) ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में वृद्धि
- (b) पानी की गुणवत्ता में सुधार
- (c) ध्वनि प्रदूषण में कमी
- (d) भूमि कटाव में वृद्धि
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया जलीय जीवन के लिए विषाक्त हो सकता है और यूट्रोफिकेशन (eutrophication) का कारण बन सकता है। इसे अपशिष्ट जल से हटाने से पानी की गुणवत्ता में सुधार होता है।
व्याख्या (Explanation): अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाने से यह जल निकायों में प्रवेश करने से रोका जा सकता है, जिससे जलीय पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा होती है और पानी की समग्र गुणवत्ता बढ़ती है। ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, ध्वनि प्रदूषण या भूमि कटाव से इसका कोई सीधा संबंध नहीं है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर उपकरण द्वारा अवशोषित प्रकाश ऊर्जा का उपयोग किस प्रकार की ऊर्जा रूपांतरण (energy conversion) प्रक्रिया का एक उदाहरण है?
- (a) यांत्रिक ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा
- (b) रासायनिक ऊर्जा से प्रकाश ऊर्जा
- (c) प्रकाश ऊर्जा से रासायनिक/ऊष्मीय ऊर्जा
- (d) विद्युत ऊर्जा से रासायनिक ऊर्जा
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर ऊर्जा उपकरण प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करते हैं और इसे आगे की प्रक्रिया के लिए या तो सीधे रासायनिक प्रतिक्रियाओं (प्रकाश-रासायनिक) या ऊष्मीय ऊर्जा (गर्मी) में परिवर्तित करते हैं, जिसका उपयोग प्रतिक्रिया को चलाने के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा उपकरण, जैसे कि सौर तापीय कलेक्टर या फोटोवोल्टिक सेल, प्रकाश ऊर्जा को पकड़ते हैं और इसे ऊष्मा या विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं। इस उदाहरण में, यह प्रकाश ऊर्जा अंततः अमोनिया निष्कर्षण प्रक्रिया को चलाने के लिए रासायनिक परिवर्तन (या संबंधित ऊष्मीय ऊर्जा) में परिवर्तित होती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अमोनिया (NH₃) के गुणों के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
- (a) यह एक रंगहीन गैस है जिसकी तीखी गंध होती है।
- (b) यह पानी में अत्यधिक घुलनशील है।
- (c) यह क्षारीय (alkaline) प्रकृति का होता है।
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया (NH₃) एक यौगिक है जिसके ये सभी विशिष्ट गुण हैं।
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सौर उपकरणों में प्रकाश को अवशोषित करने वाले पदार्थ को क्या कहा जाता है?
- (a) उत्सर्जक (Emitter)
- (b) अवशोषक (Absorber)
- (c) परावर्तक (Reflector)
- (d) संवाहक (Conductor)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर ऊर्जा को पकड़ने वाले उपकरणों में, प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करने और उसे ऊष्मा या अन्य उपयोगी ऊर्जा रूपों में परिवर्तित करने वाला घटक “अवशोषक” कहलाता है।
व्याख्या (Explanation): सौर तापीय प्रणालियों में, एक अवशोषक प्लेट सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करती है और इस ऊर्जा को एक तरल या गैस में स्थानांतरित करती है। फोटोवोल्टिक सेल में, अर्धचालक सामग्री प्रकाश को अवशोषित करती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पानी से अमोनिया निकालने के लिए सौर उपकरण में किस प्रकार की हीट ट्रांसफर (heat transfer) विधि प्रमुख हो सकती है?
- (a) चालन (Conduction)
- (b) संवहन (Convection)
- (c) विकिरण (Radiation)
- (d) सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर ऊर्जा उपकरण सूर्य से विकिरण (Radiation) द्वारा ऊर्जा प्राप्त करते हैं। इस ऊर्जा को फिर अवशोषक द्वारा ऊष्मा में परिवर्तित किया जाता है। इस ऊष्मा का स्थानांतरण चालन (Conduction) द्वारा अवशोषक से कार्यशील द्रव तक और फिर संवहन (Convection) द्वारा द्रव को उपकरण के अन्य भागों तक ले जाने में हो सकता है।
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पानी से अमोनिया निकालने के लिए उपयोग किए जाने वाले सौर उपकरण किस सिद्धांत पर काम कर सकते हैं, जो ऊष्मा को यांत्रिक कार्य में बदलता है?
- (a) थर्मोइलेक्ट्रिक प्रभाव
- (b) प्रकाश-विद्युत प्रभाव
- (c) थर्मियोनिक प्रभाव
- (d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया निष्कर्षण के लिए सौर उपकरण आमतौर पर प्रत्यक्ष प्रकाश-रासायनिक प्रतिक्रियाओं को बढ़ावा देने या अधिशोषक सामग्री को सक्रिय करने के लिए ऊष्मा (जो सूर्य से प्राप्त होती है) का उपयोग करते हैं, न कि ऊष्मा को सीधे यांत्रिक कार्य में बदलकर।
व्याख्या (Explanation): थर्मोइलेक्ट्रिक प्रभाव (सीबेक प्रभाव) तापमान अंतर से विद्युत उत्पन्न करता है। प्रकाश-विद्युत प्रभाव प्रकाश से विद्युत उत्पन्न करता है। थर्मियोनिक प्रभाव (थर्मियोनिक उत्सर्जन) उच्च तापमान पर इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन है। अमोनिया निष्कर्षण के लिए सौर उपकरण में सीधे तौर पर ऊष्मा को यांत्रिक कार्य में बदलने वाली कोई विशिष्ट तकनीक प्रमुख नहीं है; यह ऊर्जा को रासायनिक प्रक्रिया को संचालित करने में मदद करने के लिए उपयोग किया जाता है।
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पानी में अमोनिया की उपस्थिति का पता लगाने या मापने के लिए किस प्रकार की विश्लेषणात्मक तकनीक (analytical technique) का उपयोग किया जा सकता है?
- (a) स्पेक्ट्रोस्कोपी (Spectroscopy)
- (b) क्रोमेटोग्राफी (Chromatography)
- (c) इलेक्ट्रोकेमिकल सेंसर (Electrochemical Sensors)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न विश्लेषणात्मक तकनीकें, जिनमें स्पेक्ट्रोस्कोपी (जैसे UV-Vis), क्रोमेटोग्राफी (जैसे गैस क्रोमेटोग्राफी) और इलेक्ट्रोकेमिकल सेंसर शामिल हैं, का उपयोग पानी में अमोनिया की सांद्रता को मापने के लिए किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): ये तकनीकें अमोनिया अणुओं के विशिष्ट गुणों (जैसे प्रकाश अवशोषण, वाष्पशीलता, या विद्युत चालकता) का लाभ उठाती हैं ताकि उनकी पहचान और मात्रा निर्धारित की जा सके।
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सौर-प्रेरित अमोनिया निष्कर्षण प्रक्रिया में, अमोनिया को अलग करने के लिए आवश्यक ऊर्जा किस रूप में प्राप्त होती है?
- (a) रासायनिक ऊर्जा
- (b) विद्युत ऊर्जा
- (c) सौर विकिरण ऊर्जा
- (d) यांत्रिक ऊर्जा
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जैसा कि शीर्षक से पता चलता है, “Simple solar device” का अर्थ है कि ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत सूर्य से प्राप्त होने वाला सौर विकिरण है।
व्याख्या (Explanation): यह सौर विकिरण ऊर्जा अवशोषित होती है और फिर विभिन्न माध्यमों (जैसे ऊष्मा या सीधे प्रकाश-रासायनिक प्रभाव) से अमोनिया को पानी से अलग करने के लिए उपयोग की जाती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अमोनिया (NH₃) के निर्माण में, नाइट्रोजन (N) का परमाणु क्रमांक (atomic number) क्या है?
- (a) 1
- (b) 3
- (c) 7
- (d) 8
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणु क्रमांक एक तत्व के नाभिक में प्रोटॉन की संख्या है। नाइट्रोजन आवर्त सारणी में सातवें स्थान पर है।
व्याख्या (Explanation): नाइट्रोजन (N) का परमाणु क्रमांक 7 है, जिसका अर्थ है कि इसके नाभिक में 7 प्रोटॉन होते हैं। हाइड्रोजन (H) का परमाणु क्रमांक 1 है। अमोनिया (NH₃) में, एक नाइट्रोजन परमाणु तीन हाइड्रोजन परमाणुओं से जुड़ा होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सौर उपकरण द्वारा पानी से अमोनिया निकालने की प्रक्रिया को किस प्रकार के उपचार (treatment) के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है?
- (a) भौतिक उपचार
- (b) रासायनिक उपचार
- (c) जैविक उपचार
- (d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया को पानी से निकालने के लिए अक्सर रासायनिक या भौतिक-रासायनिक प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है, जहाँ सौर ऊर्जा एक उत्प्रेरक या ऊर्जा स्रोत के रूप में कार्य करती है। अधिशोषण एक भौतिक-रासायनिक प्रक्रिया है।
व्याख्या (Explanation): यद्यपि प्रकाश ऊर्जा का उपयोग हो रहा है, लेकिन अमोनिया को पानी से अलग करने की अंतर्निहित प्रक्रिया (जैसे अधिशोषण या आयन-विनिमय) रासायनिक सिद्धांतों पर आधारित होती है। भौतिक उपचार में केवल छानना या तलछट हटाना शामिल है, और जैविक उपचार सूक्ष्मजीवों का उपयोग करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पानी के शुद्धिकरण में अमोनिया को हटाने का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
- (a) पानी का स्वाद बेहतर बनाना
- (b) पानी की पारदर्शिता बढ़ाना
- (c) जलीय जीवन को नुकसान से बचाना और यूट्रोफिकेशन रोकना
- (d) पानी में खनिजों की मात्रा बढ़ाना
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया जलीय जीवों के लिए विषाक्त है और जब यह पानी में मौजूद पोषक तत्वों (नाइट्रोजन) के रूप में होता है, तो यह शैवाल (algae) के अत्यधिक विकास को बढ़ावा दे सकता है, जिससे यूट्रोफिकेशन होता है, जो पानी की गुणवत्ता को गंभीर रूप से खराब कर देता है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया हटाने का मुख्य कारण पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करना है। इसका स्वाद या पारदर्शिता पर सीधा प्रभाव कम होता है, और यह खनिजों को नहीं बढ़ाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सौर उपकरण का उपयोग करके अमोनिया निकालने की प्रक्रिया को कुशल बनाने के लिए, सामग्री का “सतह क्षेत्र” (surface area) क्यों महत्वपूर्ण है?
- (a) अधिक ऊष्मा को प्रतिबिंबित करने के लिए
- (b) अधिक अमोनिया अणुओं के अधिशोषण के लिए अधिक संपर्क स्थल प्रदान करने के लिए
- (c) पानी को अधिक तेजी से वाष्पित करने के लिए
- (d) उपकरण को अधिक मजबूत बनाने के लिए
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अधिशोषण एक सतह-आधारित प्रक्रिया है। सामग्री का सतह क्षेत्र जितना अधिक होगा, गैस के अणु अधिशोषित होने के लिए उतने ही अधिक स्थान उपलब्ध होंगे।
व्याख्या (Explanation): अधिशोषक सामग्री (जैसे सक्रिय कार्बन या जिओलाइट्स) के बड़े सतह क्षेत्र का मतलब है कि वे प्रति इकाई आयतन या द्रव्यमान में अधिक अमोनिया अणुओं को पकड़ सकते हैं, जिससे प्रक्रिया अधिक कुशल हो जाती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि सौर उपकरण में प्रयोग की जाने वाली अधिशोषक सामग्री अमोनिया को अधिशोषित कर लेती है, तो उसे पुनर्जीवित (regenerate) करने के लिए किस ऊर्जा रूप का उपयोग किया जा सकता है?
- (a) केवल यांत्रिक ऊर्जा
- (b) केवल विद्युत ऊर्जा
- (c) ऊष्मा (सौर ऊर्जा से प्राप्त)
- (d) प्रकाश की अनुपस्थिति
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कई अधिशोषक, विशेष रूप से वे जो अमोनिया को कसकर पकड़ते हैं, उन्हें अधिशोषित अमोनिया को छोड़ने और सामग्री को पुनर्जीवित करने के लिए ऊष्मा की आवश्यकता होती है। यह ऊष्मा अक्सर सौर ऊर्जा से प्राप्त की जाती है।
व्याख्या (Explanation): ऊष्मा अधिशोषक से अमोनिया के बंधों को कमजोर करती है, जिससे वह वाष्प बनकर उड़ जाता है और सामग्री को फिर से उपयोग के लिए तैयार करती है। यह प्रक्रिया सौर तापन (solar heating) का उपयोग करके विशेष रूप से कुशल हो सकती है।
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सौर उपकरण में पानी से अमोनिया निकालने की प्रक्रिया का क्या अर्थ है, यदि यह “सरल” (simple) है?
- (a) इसमें जटिल गणितीय मॉडल शामिल हैं
- (b) यह ऊर्जा-कुशल और लागत प्रभावी होने की उम्मीद है
- (c) इसके लिए विशेष प्रयोगशाला उपकरणों की आवश्यकता होती है
- (d) यह केवल उच्च तापमान पर काम करता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): “सरल” शब्द अक्सर उपकरण के डिजाइन, संचालन या लागत-प्रभावशीलता के संबंध में आसानी को इंगित करता है।
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पानी से अमोनिया (NH₃) निष्कर्षण में, यदि अमोनिया को अलग कर लिया जाता है, तो वह किस अवस्था में मौजूद हो सकता है?
- (a) केवल गैसीय अवस्था
- (b) केवल जलीय घोल
- (c) गैसीय अवस्था या तरल अमोनिया
- (d) केवल ठोस अवस्था
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया एक गैस है (क्वथनांक -33.34 °C)। पृथक्करण प्रक्रिया के आधार पर, इसे या तो गैसीय रूप में एकत्र किया जा सकता है या विशेष परिस्थितियों में द्रवीभूत करके तरल अमोनिया के रूप में प्राप्त किया जा सकता है।
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सौर उपकरण में अधिशोषक को गर्म करने से जो अमोनिया मुक्त होता है, उसे ठंडा करके किस रूप में प्राप्त किया जा सकता है?
- (a) केवल पानी
- (b) केवल नाइट्रोजन गैस
- (c) तरल अमोनिया
- (d) अमोनियम क्लोराइड
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया एक गैस है जिसका क्वथनांक बहुत कम है (-33.34 °C)। पर्याप्त ठंडा करने पर, यह गैस तरल रूप में संघनित हो जाती है।
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पानी से अमोनिया निकालने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने का एक संभावित नुकसान क्या हो सकता है?
- (a) प्रक्रिया को बहुत अधिक विद्युत की आवश्यकता होती है
- (b) यह केवल बादल वाले दिनों में ही काम कर सकता है
- (c) ऊर्जा की उपलब्धता मौसम और दिन के उजाले पर निर्भर करती है
- (d) यह बहुत अधिक शोर उत्पन्न करता है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर ऊर्जा सीधे सूर्य के प्रकाश पर निर्भर करती है।
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अमोनिया (NH₃) को अलग करने के लिए सौर-आधारित प्रक्रिया का उपयोग करने से, क्या भविष्य में इसका उपयोग उर्वरकों के उत्पादन में किया जा सकता है?
- (a) नहीं, यह केवल अपशिष्ट जल उपचार के लिए है
- (b) हाँ, अमोनिया उर्वरकों का एक प्रमुख घटक है
- (c) हाँ, लेकिन केवल बहुत सीमित मात्रा में
- (d) नहीं, अमोनिया इस प्रक्रिया में विकृत हो जाता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया (NH₃) हैबर-बॉश प्रक्रिया (Haber-Bosch process) का उपयोग करके बड़े पैमाने पर संश्लेषित किया जाता है और यह यूरिया जैसे विभिन्न उर्वरकों का एक मुख्य घटक है।
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निम्नलिखित में से कौन सी गैसें अमोनिया (NH₃) के निर्माण में सहयोग करती हैं?
- (a) नाइट्रोजन (N₂) और ऑक्सीजन (O₂)
- (b) नाइट्रोजन (N₂) और हाइड्रोजन (H₂)
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और हाइड्रोजन (H₂)
- (d) ऑक्सीजन (O₂) और हाइड्रोजन (H₂)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया का रासायनिक सूत्र NH₃ है, जिसका अर्थ है कि यह नाइट्रोजन और हाइड्रोजन के परमाणुओं से मिलकर बनता है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया का निर्माण औद्योगिक रूप से नाइट्रोजन गैस (N₂) और हाइड्रोजन गैस (H₂) की अभिक्रिया द्वारा किया जाता है, जिसे हैबर-बॉश प्रक्रिया कहते हैं।
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यदि एक सौर उपकरण पानी से अमोनिया निकालता है, तो वह किस प्रकार की ऊर्जा को अवशोषित कर रहा है?
- (a) ऊष्मा ऊर्जा
- (b) रासायनिक ऊर्जा
- (c) प्रकाश ऊर्जा
- (d) ध्वनि ऊर्जा
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): “Solar device” का अर्थ है कि यह सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करता है, जो प्रकाश (विकिरण) के रूप में होती है।
व्याख्या (Explanation): सौर उपकरण सूर्य से आने वाले प्रकाश (फोटॉन) को अवशोषित करते हैं। यह प्रकाश ऊर्जा फिर विभिन्न तरीकों से (जैसे ऊष्मा उत्पन्न करके या सीधे रासायनिक प्रतिक्रियाओं को चलाकर) अमोनिया निष्कर्षण प्रक्रिया के लिए उपयोग की जाती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
अतः, सही उत्तर (d) है।