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सामयिक विज्ञान: अपनी परीक्षा तैयारी को परखें

सामयिक विज्ञान: अपनी परीक्षा तैयारी को परखें

परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान की व्यापक समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल आपके ज्ञान का परीक्षण करता है, बल्कि आपकी विश्लेषणात्मक और समस्या-समाधान क्षमताओं को भी दर्शाता है। यहाँ हम आपको एक सामयिक वैज्ञानिक समाचार पर आधारित सामान्य विज्ञान के अभ्यास प्रश्न (MCQs) प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आपकी तैयारी को परखने और मजबूत करने में सहायक होंगे। प्रत्येक प्रश्न के साथ विस्तृत हल और स्पष्टीकरण दिया गया है ताकि आप अवधारणाओं को गहराई से समझ सकें।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. अमोनिया (NH₃) के उत्पादन के लिए हैबर-बॉश प्रक्रिया में निम्नलिखित में से किस उत्प्रेरक (catalyst) का उपयोग किया जाता है?

    • (a) प्लैटिनम (Platinum)
    • (b) पैलेडियम (Palladium)
    • (c) आयरन (Iron)
    • (d) निकेल (Nickel)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हैबर-बॉश प्रक्रिया, जो अमोनिया के औद्योगिक उत्पादन की विधि है, अमोनिया संश्लेषण के लिए नाइट्रोजन और हाइड्रोजन गैसों की प्रतिक्रिया को तेज करने के लिए एक उत्प्रेरक का उपयोग करती है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH₃) के उत्पादन के लिए हैबर-बॉश प्रक्रिया में मुख्य रूप से महीन विभाजित आयरन (Fe) उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है। यह प्रक्रिया उच्च तापमान (लगभग 400-450 °C) और उच्च दबाव (लगभग 150-250 atm) पर होती है। प्लैटिनम, पैलेडियम और निकेल अन्य महत्वपूर्ण उत्प्रेरक हैं, लेकिन विशेष रूप से हैबर-बॉश प्रक्रिया के लिए आयरन प्रमुख उत्प्रेरक है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  2. जल से अमोनिया निष्कर्षण (extraction) के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किस प्रकार की प्रक्रिया का संकेत देता है?

    • (a) ऊष्मीय अपघटन (Thermal Decomposition)
    • (b) प्रकाश-उत्प्रेरित अभिक्रिया (Photocatalytic Reaction)
    • (c) इलेक्ट्रोकेमिकल पृथक्करण (Electrochemical Separation)
    • (d) परासरण (Osmosis)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सौर ऊर्जा का उपयोग अक्सर प्रकाश-उत्प्रेरित प्रक्रियाओं में किया जाता है, जहाँ सूर्य का प्रकाश एक उत्प्रेरक (photocatalyst) को सक्रिय करता है और रासायनिक प्रतिक्रिया को बढ़ावा देता है।

    व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा का उपयोग करके जल से अमोनिया निकालने वाली डिवाइस संभवतः एक प्रकाश-उत्प्रेरित प्रक्रिया का उपयोग करती है। इसमें, अर्धचालक (semiconductor) पदार्थ जैसे टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO₂) सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करते हैं और इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े उत्पन्न करते हैं। ये आवेश वाहक (charge carriers) फिर अपशिष्ट जल में मौजूद अमोनिया के अणुओं को परिवर्तित करने या उन्हें पकड़ने में मदद करते हैं। अन्य विकल्प कम प्रासंगिक हैं; ऊष्मीय अपघटन के लिए उच्च तापमान की आवश्यकता होती है, इलेक्ट्रोकेमिकल पृथक्करण के लिए विद्युत प्रवाह की आवश्यकता होती है, और परासरण एक झिल्ली-आधारित पृथक्करण प्रक्रिया है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. अमोनिया (NH₃) अणु में नाइट्रोजन (N) और हाइड्रोजन (H) परमाणुओं के बीच किस प्रकार का रासायनिक बंधन (chemical bond) होता है?

    • (a) आयनिक बंधन (Ionic Bond)
    • (b) सहसंयोजक बंधन (Covalent Bond)
    • (c) धात्विक बंधन (Metallic Bond)
    • (d) हाइड्रोजन बंधन (Hydrogen Bond)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन तब बनता है जब दो परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं। अमोनिया में, नाइट्रोजन अपने संयोजी इलेक्ट्रॉनों को तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के साथ साझा करता है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH₃) में, नाइट्रोजन परमाणु तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंधन बनाता है। प्रत्येक बंधन में, नाइट्रोजन और हाइड्रोजन एक-एक इलेक्ट्रॉन साझा करते हैं। नाइट्रोजन पर एक अकेला इलेक्ट्रॉन युग्म (lone pair of electrons) भी होता है। आयनिक बंधन तब बनते हैं जब इलेक्ट्रॉनों का पूर्ण स्थानांतरण होता है (आमतौर पर धातु और अधातु के बीच)। धात्विक बंधन धातुओं में पाया जाता है। हाइड्रोजन बंधन एक विशेष प्रकार का अंतर-आणविक बल (intermolecular force) है जो तब बनता है जब हाइड्रोजन एक अत्यधिक विद्युतीय तत्व (जैसे N, O, F) से जुड़ा होता है और दूसरे विद्युतीय तत्व की ओर आकर्षित होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  4. जल का pH मान कितना होता है, जो अमोनिया निष्कर्षण प्रक्रियाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है?

    • (a) 0
    • (b) 7
    • (c) 14
    • (d) 1

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): pH पैमाना किसी विलयन की अम्लता या क्षारीयता को मापता है। 7 का pH मान उदासीन (neutral) होता है।

    व्याख्या (Explanation): शुद्ध जल (pure water) 25°C पर उदासीन होता है और इसका pH मान 7 होता है। pH का मान 7 से कम अम्लीय और 7 से अधिक क्षारीय होता है। अमोनिया (NH₃) स्वयं एक क्षारीय यौगिक है, और जल में इसकी घुलनशीलता और प्रतिक्रियाशीलता pH पर निर्भर करती है। इसलिए, अपशिष्ट जल का pH अमोनिया निष्कर्षण प्रक्रियाओं की दक्षता को प्रभावित कर सकता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  5. सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदलने वाली सामग्री को क्या कहा जाता है?

    • (a) ताप-संचालक (Thermoelectric material)
    • (b) प्रकाश-उत्प्रेरक (Photocatalyst)
    • (c) अर्धचालक (Semiconductor)
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विभिन्न सामग्रियाँ सौर ऊर्जा को विभिन्न रूपों में परिवर्तित कर सकती हैं। प्रकाश-उत्प्रेरक विशेष रूप से रासायनिक प्रतिक्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करते हैं। अर्धचालक प्रकाश को अवशोषित कर सकते हैं और आवेश वाहक उत्पन्न कर सकते हैं। ताप-संचालक पदार्थ तापमान अंतर को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): यदि सौर ऊर्जा का उपयोग रासायनिक प्रक्रिया के लिए किया जा रहा है, तो प्रकाश-उत्प्रेरक (Photocatalyst) एक प्रमुख भूमिका निभाता है। एक अर्धचालक (Semiconductor) भी प्रकाश को अवशोषित करके प्रतिक्रिया शुरू कर सकता है, और कई प्रकाश-उत्प्रेरक अर्धचालक ही होते हैं। ताप-संचालक (Thermoelectric material) का उपयोग सीधे रासायनिक परिवर्तन के लिए कम होता है, लेकिन सौर तापीय प्रणालियों में यह प्रासंगिक हो सकता है। प्रश्न की व्यापकता को देखते हुए, और यह मानते हुए कि सौर ऊर्जा को विभिन्न तरीकों से उपयोग किया जा सकता है, ‘उपरोक्त सभी’ सबसे उपयुक्त उत्तर है, हालाँकि प्रकाश-उत्प्रेरक इस विशिष्ट संदर्भ में सबसे प्रत्यक्ष रूप से लागू होता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  6. अमोनिया (NH₃) का आणविक सूत्र (molecular formula) क्या है?

    • (a) NH
    • (b) NH₂
    • (c) NH₃
    • (d) NH₄

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): आणविक सूत्र किसी यौगिक में उपस्थित तत्वों के परमाणुओं की वास्तविक संख्या को दर्शाता है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया एक रासायनिक यौगिक है जिसका आणविक सूत्र NH₃ है। इसका अर्थ है कि अमोनिया के प्रत्येक अणु में एक नाइट्रोजन (N) परमाणु और तीन हाइड्रोजन (H) परमाणु होते हैं। NH₄+ अमोनियम आयन (ammonium ion) का सूत्र है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  7. अमोनिया निष्कर्षण के लिए उपयोग की जाने वाली “सरल सौर उपकरण” में ऊर्जा रूपांतरण का प्राथमिक स्रोत क्या है?

    • (a) पवन ऊर्जा (Wind energy)
    • (b) सौर विकिरण (Solar radiation)
    • (c) भूतापीय ऊर्जा (Geothermal energy)
    • (d) ज्वारीय ऊर्जा (Tidal energy)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रश्न के शीर्षक में “सौर उपकरण” शब्द स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि ऊर्जा का स्रोत सूर्य है।

    व्याख्या (Explanation): शीर्षक “Simple solar device extracts ammonia from wastewater” में “solar” शब्द स्पष्ट रूप से बताता है कि उपकरण अपनी ऊर्जा के लिए सौर विकिरण (सूर्य से प्राप्त प्रकाश और गर्मी) पर निर्भर करता है। अन्य ऊर्जा स्रोत (पवन, भूतापीय, ज्वारीय) इस संदर्भ में प्रासंगिक नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  8. जल में अमोनिया की उपस्थिति इसे किस प्रकार का प्रदूषक बना सकती है?

    • (a) भारी धातु (Heavy metal)
    • (b) कार्बनिक यौगिक (Organic compound)
    • (c) पोषक तत्व (Nutrient)
    • (d) रेडियोधर्मी पदार्थ (Radioactive material)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जल निकायों में नाइट्रोजन यौगिकों की उच्च सांद्रता यूट्रोफिकेशन (eutrophication) का कारण बन सकती है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया (नाइट्रोजन का एक रूप) अपशिष्ट जल में एक सामान्य प्रदूषक है। जब यह जल निकायों में छोड़ा जाता है, तो यह शैवाल (algae) और अन्य जलीय पौधों के लिए एक पोषक तत्व के रूप में कार्य करता है। पोषक तत्वों की अधिकता से यूट्रोफिकेशन हो सकता है, जो जलीय पारिस्थितिक तंत्र को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। भारी धातुएं, कार्बनिक यौगिक और रेडियोधर्मी पदार्थ अन्य प्रकार के जल प्रदूषक हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  9. सौर ऊर्जा का उपयोग करने वाले प्रकाश-उत्प्रेरक (photocatalyst) में, प्रकाश अवशोषण के बाद पदार्थ से निकलने वाले प्राथमिक आवेश वाहक (charge carriers) कौन से होते हैं?

    • (a) प्रोटॉन (Protons)
    • (b) न्यूट्रॉन (Neutrons)
    • (c) इलेक्ट्रॉन और होल (Electrons and holes)
    • (d) आयन (Ions)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश-उत्प्रेरण की मूल क्रियाविधि में, अर्धचालक पदार्थ प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करके उत्तेजित होता है, जिससे इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े बनते हैं।

    व्याख्या (Explanation): जब एक प्रकाश-उत्प्रेरक (जो अक्सर एक अर्धचालक होता है) पर्याप्त ऊर्जा (प्रकाश के रूप में) को अवशोषित करता है, तो उसके संयोजी बैंड (valence band) से चालन बैंड (conduction band) में एक इलेक्ट्रॉन उत्तेजित हो जाता है। इससे चालन बैंड में एक मुक्त इलेक्ट्रॉन (electron) और संयोजी बैंड में एक “होल” (hole – एक इलेक्ट्रॉन की अनुपस्थिति) उत्पन्न होता है। ये इलेक्ट्रॉन और होल फिर रासायनिक प्रतिक्रियाओं में भाग लेते हैं। प्रोटॉन, न्यूट्रॉन परमाणु के नाभिक के घटक हैं, और आयन आवेशित परमाणु या अणु होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. निम्न में से कौन सी गैस सामान्य तापमान और दाब (NTP) पर रंगहीन होती है और तीखी गंध वाली होती है?

    • (a) ऑक्सीजन (O₂)
    • (b) नाइट्रोजन (N₂)
    • (c) अमोनिया (NH₃)
    • (d) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अमोनिया एक ऐसी गैस है जिसके भौतिक और रासायनिक गुण विशिष्ट होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH₃) सामान्य तापमान और दाब (NTP) पर एक रंगहीन गैस है जो अमोनिया जैसी तीखी और असहनीय गंध वाली होती है। ऑक्सीजन (O₂) और नाइट्रोजन (N₂) भी रंगहीन गैसें हैं लेकिन उनकी कोई विशेष गंध नहीं होती। कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) भी रंगहीन गैस है और इसमें हल्की अम्लीय गंध हो सकती है, लेकिन अमोनिया जैसी तीखी नहीं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  11. प्रकाश-उत्प्रेरण (photocatalysis) में, सूर्य के प्रकाश की तरंग दैर्ध्य (wavelength) पदार्थ की बैंड गैप ऊर्जा (band gap energy) से कैसे संबंधित होनी चाहिए?

    • (a) तरंग दैर्ध्य अधिक होनी चाहिए
    • (b) तरंग दैर्ध्य कम होनी चाहिए
    • (c) तरंग दैर्ध्य बैंड गैप ऊर्जा से अधिक होनी चाहिए
    • (d) तरंग दैर्ध्य बैंड गैप ऊर्जा के बराबर या उससे कम होनी चाहिए

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी अर्धचालक को उत्तेजित करने के लिए आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा उसकी बैंड गैप ऊर्जा होती है। फोटॉन की ऊर्जा (E) तरंग दैर्ध्य (λ) से E = hc/λ संबंध द्वारा संबंधित होती है (जहाँ h प्लैंक स्थिरांक है और c प्रकाश की गति है)।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश-उत्प्रेरण के लिए, आपतित प्रकाश (फोटॉन) की ऊर्जा पदार्थ की बैंड गैप ऊर्जा से अधिक या उसके बराबर होनी चाहिए ताकि इलेक्ट्रॉन को संयोजी बैंड से चालन बैंड में उत्तेजित किया जा सके। चूंकि ऊर्जा तरंग दैर्ध्य के व्युत्क्रमानुपाती होती है (E ∝ 1/λ), इसका मतलब है कि फोटॉन की तरंग दैर्ध्य पदार्थ की बैंड गैप ऊर्जा के अनुरूप अधिकतम तरंग दैर्ध्य से कम या उसके बराबर होनी चाहिए। यदि तरंग दैर्ध्य बहुत अधिक है (अर्थात ऊर्जा बहुत कम), तो प्रकाश-उत्प्रेरक सक्रिय नहीं होगा।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  12. जल में घुलने पर अमोनिया (NH₃) किस आयन का निर्माण करता है, जो इसे क्षारीय गुण प्रदान करता है?

    • (a) नाइट्रेट आयन (NO₃⁻)
    • (b) नाइट्राइट आयन (NO₂⁻)
    • (c) अमोनियम आयन (NH₄⁺)
    • (d) हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अमोनिया पानी के साथ प्रतिक्रिया करके अमोनियम आयन और हाइड्रॉक्साइड आयन बनाता है।

    व्याख्या (Explanation): जब अमोनिया (NH₃) पानी (H₂O) में घुलता है, तो यह एक प्रोटॉन (H⁺) स्वीकार करता है (अक्सर पानी से) और अमोनियम आयन (NH₄⁺) बनाता है। इस प्रक्रिया में, पानी का एक अणु एक प्रोटॉन खो देता है और हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) बनाता है। समीकरण इस प्रकार है: NH₃ + H₂O ⇌ NH₄⁺ + OH⁻। OH⁻ आयनों की उपस्थिति विलयन को क्षारीय बनाती है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  13. निम्नलिखित में से कौन सा प्रकाश-उत्प्रेरक (photocatalyst) सामान्यतः जल शुद्धिकरण और पर्यावरण उपचार में उपयोग किया जाता है?

    • (a) सोना (Gold)
    • (b) लोहा (Iron)
    • (c) चांदी (Silver)
    • (d) टाइटेनियम डाइऑक्साइड (Titanium Dioxide)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO₂) एक व्यापक रूप से अध्ययन किया गया और उपयोग किया जाने वाला प्रकाश-उत्प्रेरक है जिसमें मजबूत ऑक्सीकरण गुण होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO₂) अपने उत्कृष्ट प्रकाश-उत्प्रेरक गुणों, गैर-विषाक्तता, स्थिरता और अपेक्षाकृत कम लागत के कारण जल और वायु शुद्धिकरण सहित विभिन्न पर्यावरणीय अनुप्रयोगों में एक प्रमुख प्रकाश-उत्प्रेरक है। जब TiO₂ पराबैंगनी (UV) प्रकाश के संपर्क में आता है, तो यह प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों (reactive oxygen species) का उत्पादन करता है जो कार्बनिक प्रदूषकों को विघटित कर सकती हैं। सोना, लोहा और चांदी के कुछ प्रकाश-उत्प्रेरक गुण हो सकते हैं, लेकिन TiO₂ इन अनुप्रयोगों के लिए सबसे सामान्य और प्रभावी है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  14. सौर उपकरण द्वारा अमोनिया निष्कर्षण का मुख्य लाभ क्या हो सकता है?

    • (a) उच्च ऊर्जा खपत
    • (b) कम ऊर्जा दक्षता
    • (c) नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग
    • (d) जटिल रखरखाव

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सौर उपकरण सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं, जो एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है।

    व्याख्या (Explanation): सौर उपकरण का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत (सौर ऊर्जा) का उपयोग करता है, जिससे यह ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बनता है। पारंपरिक विधियों की तुलना में, यह जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करता है। उच्च ऊर्जा खपत, कम ऊर्जा दक्षता और जटिल रखरखाव सौर उपकरणों के संभावित नुकसान नहीं, बल्कि लाभ हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  15. अमोनिया (NH₃) की इलेक्ट्रॉन संरचना (electronic configuration) क्या है? (नाइट्रोजन का परमाणु क्रमांक 7 है)

    • (a) 1s² 2s² 2p³
    • (b) 1s² 2s¹ 2p⁴
    • (c) 1s² 2s² 2p² 3s¹
    • (d) 1s² 2s² 2p¹ 3s²

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): इलेक्ट्रॉन संरचना किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों के वितरण को दर्शाती है।

    व्याख्या (Explanation): नाइट्रोजन (N) का परमाणु क्रमांक 7 है, जिसका अर्थ है कि इसके एक उदासीन परमाणु में 7 इलेक्ट्रॉन होते हैं। इन इलेक्ट्रॉनों का वितरण इस प्रकार होता है: 1s² (2 इलेक्ट्रॉन), 2s² (2 इलेक्ट्रॉन), और 2p³ (3 इलेक्ट्रॉन)। कुल 2+2+3 = 7 इलेक्ट्रॉन। अमोनिया में नाइट्रोजन का यह इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ही रहता है, जो बंधन बनाने के लिए उपलब्ध होता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  16. निम्नलिखित में से कौन सा अणु अमोनिया (NH₃) के समान त्रिकोणीय पिरामिडल (trigonal pyramidal) ज्यामिति प्रदर्शित करता है?

    • (a) मीथेन (CH₄)
    • (b) जल (H₂O)
    • (c) अमोनियम आयन (NH₄⁺)
    • (d) फॉस्फीन (PH₃)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): VSEPR (Valence Shell Electron Pair Repulsion) सिद्धांत के अनुसार, अणु की ज्यामिति उसके केंद्रीय परमाणु पर उपस्थित इलेक्ट्रॉन युग्मों (बंधन और एकाकी युग्म) के बीच प्रतिकर्षण को कम करने के लिए निर्धारित होती है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH₃) में, केंद्रीय नाइट्रोजन परमाणु से तीन हाइड्रोजन परमाणु जुड़े होते हैं और एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म (lone pair) होता है। यह एक एकाकी युग्म और तीन बंधन युग्म (bond pairs) कुल चार इलेक्ट्रॉन समूहों के कारण त्रिकोणीय पिरामिडल ज्यामिति बनाता है। फॉस्फीन (PH₃) में, केंद्रीय फास्फोरस परमाणु भी तीन हाइड्रोजन परमाणुओं से जुड़ा होता है और एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म रखता है, जिससे यह भी त्रिकोणीय पिरामिडल ज्यामिति प्रदर्शित करता है। मीथेन (CH₄) की चतुष्फलकीय (tetrahedral) ज्यामिति होती है, जल (H₂O) की मुड़ी हुई (bent) या कोणीय (angular) ज्यामिति होती है (त्रिकोणीय पिरामिडल से थोड़ी अलग), और अमोनियम आयन (NH₄⁺) की चतुष्फलकीय ज्यामिति होती है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  17. जल में अमोनिया का निष्कर्षण किस प्रकार की प्रक्रिया द्वारा किया जा सकता है, जहाँ सूर्य का प्रकाश उत्प्रेरक को सक्रिय करता है?

    • (a) अधिशोषण (Adsorption)
    • (b) रासायनिक ऑक्सीकरण (Chemical Oxidation)
    • (c) प्रकाश-उत्प्रेरक ऑक्सीकरण (Photocatalytic Oxidation)
    • (d) आयन विनिमय (Ion Exchange)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश-उत्प्रेरक ऑक्सीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्रकाश ऊर्जा और एक उत्प्रेरक का उपयोग करके ऑक्सीकरण किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): यदि सौर उपकरण अमोनिया को निष्कर्षित करने के लिए प्रकाश-उत्प्रेरक का उपयोग करता है, तो यह संभवतः प्रकाश-उत्प्रेरक ऑक्सीकरण का उपयोग करता है। इसमें, प्रकाश-उत्प्रेरक (जैसे TiO₂) सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में सक्रिय होता है और अपशिष्ट जल में अमोनिया जैसे प्रदूषकों को विघटित करने या परिवर्तित करने के लिए अत्यधिक प्रतिक्रियाशील प्रजातियाँ (जैसे हाइड्रॉक्सिल रेडिकल) उत्पन्न करता है। अधिशोषण सतह पर पदार्थों का जमाव है। रासायनिक ऑक्सीकरण के लिए अन्य ऑक्सीकारक की आवश्यकता होती है। आयन विनिमय एक आयन-विनिमय रेज़िन का उपयोग करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  18. हाइड्रोजन (H₂) के अणुओं में किस प्रकार का बंधन होता है?

    • (a) आयनिक बंधन
    • (b) सहसंयोजक बंधन
    • (c) धात्विक बंधन
    • (d) हाइड्रोजन बंधन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हाइड्रोजन (H₂) एक द्विपरमाणुक अणु (diatomic molecule) है जिसमें दो समान अधातु परमाणु होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हाइड्रोजन (H₂) अणु में, दो हाइड्रोजन परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करके सहसंयोजक बंधन बनाते हैं। प्रत्येक हाइड्रोजन परमाणु के पास एक इलेक्ट्रॉन होता है, और वे दोनों मिलकर एक एकल सहसंयोजक बंधन बनाते हैं। आयनिक बंधन तब बनते हैं जब इलेक्ट्रॉनों का पूर्ण स्थानांतरण होता है, धात्विक बंधन धातुओं में होते हैं, और हाइड्रोजन बंधन अंतर-आणविक बल होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. सौर ऊर्जा द्वारा संचालित प्रकाश-उत्प्रेरक प्रक्रिया में, प्रकाश-उत्प्रेरक को आमतौर पर किस क्षेत्र में विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम (electromagnetic spectrum) से विकिरण की आवश्यकता होती है?

    • (a) रेडियो तरंगें (Radio waves)
    • (b) माइक्रोवेव (Microwaves)
    • (c) अवरक्त (Infrared)
    • (d) पराबैंगनी से दृश्यमान (Ultraviolet to Visible)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अधिकांश सामान्य प्रकाश-उत्प्रेरक (जैसे TiO₂) की बैंड गैप ऊर्जा UV या दृश्यमान प्रकाश के क्षेत्र में आती है।

    व्याख्या (Explanation): अधिकांश पारंपरिक प्रकाश-उत्प्रेरक, जैसे टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO₂), पराबैंगनी (UV) प्रकाश के प्रति संवेदनशील होते हैं क्योंकि उनकी बैंड गैप ऊर्जा लगभग 3.0-3.2 eV होती है। हालांकि, दृश्यमान प्रकाश (Visible light) के प्रति प्रतिक्रियाशील बनाने के लिए उन्हें संशोधित भी किया जा सकता है। रेडियो तरंगें, माइक्रोवेव और अवरक्त विकिरण में आमतौर पर प्रकाश-उत्प्रेरक को सक्रिय करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं होती है, क्योंकि उनकी ऊर्जा कम होती है और तरंग दैर्ध्य लंबी होती है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  20. प्रकाश-उत्प्रेरक (photocatalyst) की गतिविधि का एक प्रमुख माप क्या है?

    • (a) घनत्व (Density)
    • (b) अपवर्तक सूचकांक (Refractive index)
    • (c) सतह क्षेत्र (Surface area)
    • (d) गलनांक (Melting point)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश-उत्प्रेरक प्रतिक्रियाएं अक्सर उत्प्रेरक की सतह पर होती हैं, इसलिए एक बड़ा सतह क्षेत्र प्रतिक्रिया की दर को बढ़ा सकता है।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश-उत्प्रेरक की गतिविधि सीधे उसके सतह क्षेत्र से जुड़ी होती है। एक बड़ा सतह क्षेत्र अधिक उत्प्रेरक स्थलों (catalytic sites) को उपलब्ध कराता है जहाँ प्रकाश-उत्प्रेरक प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं। इसलिए, उच्च सतह क्षेत्र वाले नैनोकणों (nanoparticles) या छिद्रपूर्ण (porous) संरचनाओं का उपयोग अक्सर प्रकाश-उत्प्रेरक की दक्षता बढ़ाने के लिए किया जाता है। घनत्व, अपवर्तक सूचकांक और गलनांक भी भौतिक गुण हैं, लेकिन वे सीधे प्रकाश-उत्प्रेरक गतिविधि को उतना प्रभावित नहीं करते जितना सतह क्षेत्र करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  21. अमोनिया (NH₃) के त्रि-आयामी (3D) संरचना में, नाइट्रोजन परमाणु हाइड्रोजन परमाणुओं के सापेक्ष किस स्थिति में होता है?

    • (a) समतल (Planar)
    • (b) त्रिकोणीय पिरामिडल (Trigonal pyramidal)
    • (c) चतुष्फलकीय (Tetrahedral)
    • (d) रैखिक (Linear)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): VSEPR सिद्धांत के अनुसार, अमोनिया का अणु त्रिकोणीय पिरामिडल आकार का होता है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH₃) के केंद्रीय नाइट्रोजन परमाणु पर एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म (lone pair) और तीन बंधन युग्म (bond pairs) होते हैं। VSEPR सिद्धांत के अनुसार, ये चार इलेक्ट्रॉन समूह एक चतुष्फलकीय व्यवस्था में व्यवस्थित होने की कोशिश करते हैं। हालाँकि, एकाकी युग्म बंधन युग्मों की तुलना में अधिक प्रतिकर्षण करता है, जिससे बंधन कोण थोड़ा कम हो जाता है (आदर्श चतुष्फलकीय 109.5° से कम होकर लगभग 107° हो जाता है)। इसका परिणाम यह होता है कि नाइट्रोजन परमाणु तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के शीर्ष पर एक त्रिकोणीय आधार पर स्थित होता है, जिससे अणु को त्रिकोणीय पिरामिडल आकार मिलता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  22. एक प्रकाश-उत्प्रेरक (photocatalyst) के रूप में कार्य करने के लिए, पदार्थ को निम्नलिखित में से क्या करने में सक्षम होना चाहिए?

    • (a) केवल प्रकाश को प्रतिबिंबित (reflect) करना
    • (b) प्रकाश को अवशोषित (absorb) करना और प्रतिक्रिया को बढ़ावा देना
    • (c) केवल प्रकाश को पारदर्शी (transparent) बनाना
    • (d) प्रकाश के बिना ही प्रतिक्रिया करना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश-उत्प्रेरक वे पदार्थ होते हैं जो प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके रासायनिक प्रतिक्रियाओं को शुरू या तेज करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश-उत्प्रेरक का प्राथमिक कार्य प्रकाश को अवशोषित करना और उस ऊर्जा का उपयोग रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करने के लिए करना है। यह ऊर्जा प्रकाश-उत्प्रेरक की सतह पर या उसके भीतर रासायनिक परिवर्तन लाती है। केवल प्रकाश को प्रतिबिंबित करना या पारदर्शी होना उत्प्रेरक क्रिया नहीं है, और प्रकाश के बिना प्रतिक्रिया करना प्रकाश-उत्प्रेरक की परिभाषा के विपरीत है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  23. अमोनिया (NH₃) के जलीय विलयन (aqueous solution) में, यदि pH 7 से अधिक है, तो विलयन में ________ की सांद्रता ________ से अधिक होगी।

    • (a) H⁺ आयन, OH⁻ आयन
    • (b) OH⁻ आयन, H⁺ आयन
    • (c) NH₄⁺ आयन, NH₃ अणु
    • (d) H₂O अणु, OH⁻ आयन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): pH पैमाने का उपयोग विलयन में H⁺ आयनों की सांद्रता को मापने के लिए किया जाता है। pH = -log₁₀[H⁺]। 7 से अधिक pH का मतलब है कि विलयन क्षारीय है।

    व्याख्या (Explanation): pH 7 से अधिक का मतलब है कि विलयन क्षारीय है। एक जलीय विलयन में, H⁺ आयनों की सांद्रता OH⁻ आयनों की सांद्रता के साथ व्युत्क्रम रूप से संबंधित होती है (25°C पर [H⁺][OH⁻] = 1 x 10⁻¹⁴)। जब pH 7 से अधिक होता है, तो [OH⁻] > [H⁺]। अमोनिया के जलीय विलयन में, अमोनिया पानी के साथ प्रतिक्रिया करके OH⁻ आयन बनाता है, जिससे विलयन क्षारीय हो जाता है। इसलिए, OH⁻ आयनों की सांद्रता H⁺ आयनों से अधिक होगी।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  24. सौर ऊर्जा का उपयोग करके अमोनिया निष्कर्षण के लिए किस प्रकार के अनुप्रयोग को “सरल” माना जा सकता है?

    • (a) बहु-चरणीय रासायनिक संश्लेषण (Multi-step chemical synthesis)
    • (b) कम ऊर्जा वाले फोटो-कैटेलिटिक रिएक्टर (Low-energy photo-catalytic reactor)
    • (c) उच्च दाब और तापमान वाले औद्योगिक संयंत्र (High-pressure and temperature industrial plants)
    • (d) भारी धातु निष्कर्षण के लिए जटिल झिल्ली प्रक्रियाएँ (Complex membrane processes for heavy metal extraction)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): “सरल” शब्द आमतौर पर कम जटिलता, कम लागत और कम ऊर्जा इनपुट वाली प्रक्रियाओं को इंगित करता है।

    व्याख्या (Explanation): एक “सरल सौर उपकरण” संभवतः एक ऐसी प्रक्रिया का उपयोग करेगा जो कम ऊर्जा वाली हो, सीधे सौर ऊर्जा पर निर्भर हो, और बहुत अधिक जटिल मशीनरी या चरम परिचालन स्थितियों (जैसे उच्च दबाव और तापमान) की आवश्यकता न हो। एक कम ऊर्जा वाला फोटो-कैटेलिटिक रिएक्टर, जो सीधे सूर्य के प्रकाश का उपयोग करता है, इन मापदंडों के अनुरूप है। बहु-चरणीय संश्लेषण, उच्च दबाव/तापमान संयंत्र, और जटिल झिल्ली प्रक्रियाएं आमतौर पर “सरल” के बजाय “जटिल” की श्रेणी में आती हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  25. प्रकाश-उत्प्रेरक (photocatalyst) के सक्रियण में, यदि प्रकाश की ऊर्जा (E_photon) और पदार्थ की बैंड गैप ऊर्जा (E_g) इस प्रकार है: E_photon < E_g, तो क्या होगा?

    • (a) प्रकाश-उत्प्रेरक सक्रिय हो जाएगा और इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े उत्पन्न होंगे।
    • (b) कोई रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं होगी, क्योंकि पर्याप्त ऊर्जा नहीं है।
    • (c) प्रकाश-उत्प्रेरक गर्म हो जाएगा लेकिन कोई रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं होगी।
    • (d) प्रकाश-उत्प्रेरक प्रकाश को उत्सर्जित (emit) करेगा।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश-उत्प्रेरण के लिए, फोटॉन की ऊर्जा पदार्थ की बैंड गैप ऊर्जा से अधिक या उसके बराबर होनी चाहिए।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश-उत्प्रेरक की बैंड गैप ऊर्जा वह न्यूनतम ऊर्जा है जिसकी आवश्यकता एक इलेक्ट्रॉन को संयोजी बैंड से चालन बैंड में जाने के लिए होती है। यदि आपतित फोटॉन की ऊर्जा (E_photon) इस बैंड गैप (E_g) से कम है, तो इलेक्ट्रॉन को उत्तेजित करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं है। परिणामस्वरूप, कोई इलेक्ट्रॉन-होल जोड़ी उत्पन्न नहीं होगी, और प्रकाश-उत्प्रेरक सक्रिय नहीं होगा, जिससे कोई रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं होगी। पदार्थ प्रकाश को प्रतिबिंबित कर सकता है या उससे गुजरने दे सकता है, लेकिन सक्रियण के लिए आवश्यक ऊर्जा स्थानांतरण नहीं होगा।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  26. अमोनिया (NH₃) का उपयोग निम्नलिखित में से किसमें व्यापक रूप से किया जाता है?

    • (a) कीटनाशक (Insecticides)
    • (b) उर्वरक (Fertilizers)
    • (c) विलायक (Solvents)
    • (d) रंग (Dyes)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अमोनिया नाइट्रोजन का एक प्रमुख स्रोत है, जो पौधों के विकास के लिए आवश्यक है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया और इसके डेरिवेटिव (जैसे यूरिया, अमोनियम नाइट्रेट) का दुनिया भर में उर्वरक के रूप में सबसे बड़ा उपयोग होता है। ये पौधों के लिए आवश्यक नाइट्रोजन प्रदान करते हैं। अमोनिया का उपयोग अन्य औद्योगिक प्रक्रियाओं में भी होता है, जैसे प्लास्टिक, विस्फोटक, रेयॉन, कीटनाशक और फार्मास्यूटिकल्स के उत्पादन में, लेकिन उर्वरक इसका सबसे प्रमुख उपयोग है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

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