सामग्री को समझें: प्राचीन टैटू और सामान्य विज्ञान के प्रश्न
परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहरी समझ आवश्यक है। चाहे वह भौतिकी के नियम हों, रसायन विज्ञान के सिद्धांत हों, या जीव विज्ञान की प्रक्रियाएं हों, प्रत्येक विषय आपकी तैयारी को मजबूत करता है। यह अभ्यास सत्र आपको प्राचीन टैटूओं से प्रेरित एक सामान्य विज्ञान संकेत का उपयोग करके अपनी सामान्य विज्ञान की जानकारी को परखने का अवसर प्रदान करता है। तो, आइए इन सवालों के माध्यम से अपनी ज्ञान की गहराई को मापें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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शरीर पर स्याही का प्रयोग करके की जाने वाली स्थायी त्वचा रंगाई की प्रक्रिया क्या कहलाती है?
- (a) भित्तिचित्र (Mural)
- (b) टैटू (Tattoo)
- (c) नक्काशी (Engraving)
- (d) मूर्तिकला (Sculpture)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): त्वचीय रंगाई (Dermal Pigmentation)।
व्याख्या (Explanation): टैटू एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सुइयों का उपयोग करके त्वचा की डर्मिस परत में स्याही डाली जाती है, जिससे एक स्थायी डिजाइन बनता है। भित्तिचित्र दीवारों पर चित्रकारी है, नक्काशी किसी सतह पर डिजाइन उकेरना है, और मूर्तिकला त्रि-आयामी कला है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्राचीन टैटू बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली प्राथमिक स्याही का रंग क्या था, जो प्राकृतिक पिगमेंट से प्राप्त होता था?
- (a) हरा
- (b) नीला
- (c) काला
- (d) लाल
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन-आधारित पिगमेंट (Carbon-based Pigments)।
व्याख्या (Explanation): ऐतिहासिक रूप से, टैटू के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्याही अक्सर काजल, लकड़ी का कोयला या अन्य कार्बन-आधारित पदार्थों से बनाई जाती थी, जो काला रंग देती थी। अन्य रंग विशेष पौधों या खनिजों से प्राप्त होते थे, लेकिन काला सबसे आम और स्थायी रंगों में से एक था।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू स्याही का वह कण आकार क्या है जो इसे त्वचा के डर्मिस परत में रहने में मदद करता है?
- (a) मैक्रो कण (Macro particles)
- (b) नैनो कण (Nano particles)
- (c) माइक्रो कण (Micro particles)
- (d) ये सभी
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कण स्थायित्व (Particle Persistence)।
व्याख्या (Explanation): टैटू स्याही में कणों का आकार महत्वपूर्ण होता है। वे इतने छोटे होते हैं कि प्रतिरक्षा प्रणाली उन्हें पूरी तरह से निगल नहीं पाती, लेकिन इतने बड़े होते हैं कि वे त्वचा से बाहर नहीं निकलते। माइक्रो कण (आमतौर पर 1-5 माइक्रोन) इस उद्देश्य को पूरा करते हैं, जिससे स्याही लंबे समय तक त्वचा में बनी रहती है। नैनो कण बहुत छोटे होते हैं और मैक्रो कण बहुत बड़े।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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त्वचा में टैटू बनाने की प्रक्रिया के दौरान, कौन सी प्रतिरक्षा कोशिकाएं स्याही के कणों को घेरे रहती हैं?
- (a) लिम्फोसाइट्स (Lymphocytes)
- (b) मैक्रोफेज (Macrophages)
- (c) न्यूट्रोफिल (Neutrophils)
- (d) मोनोसाइट्स (Monocytes)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फैगोसाइटोसिस (Phagocytosis)।
व्याख्या (Explanation): मैक्रोफेज बड़ीPhagocytic कोशिकाएं हैं जो शरीर में विदेशी कणों, जैसे टैटू स्याही, को निगल जाती हैं और पचा जाती हैं। वे स्याही के कणों को अपने भीतर समाहित कर लेती हैं, जिससे वे वहीं बने रहते हैं और टैटू का स्थायी रूप देते हैं। लिम्फोसाइट्स, न्यूट्रोफिल और मोनोसाइट्स अन्य प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिकाएं हैं जिनके कार्य भिन्न होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्राचीन टैटू बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के बारे में सबसे संभावित भौतिकी सिद्धांत क्या है?
- (a) घर्षण (Friction)
- (b) उत्तोलन (Leverage)
- (c) बल और गति (Force and Motion)
- (d) विद्युत चुंबकत्व (Electromagnetism)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): यांत्रिकी (Mechanics)।
व्याख्या (Explanation): टैटू बनाने के लिए, चाहे वह हाथ से बना हो या मशीन से, स्याही को त्वचा में धकेलने के लिए शारीरिक बल (Force) का उपयोग किया जाता है। यह बल गति (Motion) उत्पन्न करता है, जो स्याही को त्वचा की परत में पहुंचाता है। घर्षण, उत्तोलन और विद्युत चुंबकत्व अन्य भौतिकी के सिद्धांत हैं, लेकिन टैटू की मूल क्रिया बल और गति पर आधारित है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि प्राचीन टैटू बनाने के लिए लकड़ी के औजार का उपयोग किया जाता था, तो सबसे अधिक संभावना क्या है कि वह किस प्रकार का लकड़ी का घनत्व (density) रखता होगा?
- (a) उच्च घनत्व (High density)
- (b) निम्न घनत्व (Low density)
- (c) मध्यम घनत्व (Medium density)
- (d) यह लकड़ी के प्रकार पर निर्भर करेगा
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सामग्री गुण (Material Properties)।
व्याख्या (Explanation): औजार के लिए उपयोग की जाने वाली लकड़ी का घनत्व इस बात पर निर्भर करेगा कि वह कितनी टिकाऊ, मजबूत और आसानी से आकार देने योग्य है। दृढ़ लकड़ी (Hardwood) जैसे ओक या मेपल का घनत्व अधिक होता है और वे अधिक टिकाऊ होते हैं, जबकि नरम लकड़ी (Softwood) जैसे देवदार का घनत्व कम होता है। प्राचीन कारीगरों ने अपने औजारों के लिए सबसे उपयुक्त लकड़ी का चयन किया होगा, जो जरूरी नहीं कि एक ही घनत्व की हो।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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टैटू बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ स्याही में संभावित रूप से कौन सा धातु आयन (metal ion) रंग प्रदान कर सकता है?
- (a) सोडियम (Na+)
- (b) पोटेशियम (K+)
- (c) लोहा (Fe2+/Fe3+)
- (d) कैल्शियम (Ca2+)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): संक्रमण धातु आयन के रंग (Color of Transition Metal Ions)।
व्याख्या (Explanation): कई रंगीन पिगमेंट में संक्रमण धातु आयन होते हैं। उदाहरण के लिए, लोहे के ऑक्साइड (Iron Oxides) लाल, भूरे या काले रंग प्रदान कर सकते हैं। तांबे के यौगिक (Copper Compounds) नीले या हरे रंग प्रदान कर सकते हैं, और कैडमियम सल्फाइड (Cadmium Sulfide) पीले रंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम आयन रंग प्रदान करने के लिए सामान्यतः उपयोग नहीं किए जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि टैटू स्याही में एक प्राकृतिक रंग पदार्थ के रूप में हल्दी (Turmeric) का उपयोग किया जाता है, तो मुख्य सक्रिय यौगिक कौन सा होगा जो रंग प्रदान करता है?
- (a) लाइकोपीन (Lycopene)
- (b) कैरोटीन (Carotene)
- (c) करक्यूमिन (Curcumin)
- (d) एंथोसायनिन (Anthocyanin)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्राकृतिक रंग (Natural Pigments)।
व्याख्या (Explanation): हल्दी का चमकीला पीला रंग मुख्य रूप से करक्यूमिन नामक पॉलीफेनोलिक यौगिक के कारण होता है। लाइकोपीन टमाटर में पाया जाने वाला लाल रंग का कैरोटीनॉयड है। कैरोटीन गाजर जैसे पौधों में पाए जाने वाले नारंगी रंग के यौगिक हैं। एंथोसायनिन विभिन्न फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले नीले, बैंगनी और लाल रंग के फ्लेवोनोइड हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्राचीन काल में टैटू बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली किसी भी सुई का सबसे संभावित सामग्री घटक क्या होगा?
- (a) एल्यूमीनियम (Aluminum)
- (b) सोना (Gold)
- (c) हड्डी या तेज पत्थर (Bone or Sharp Stone)
- (d) प्लास्टिक (Plastic)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आदिम उपकरण (Primitive Tools)।
व्याख्या (Explanation): प्राचीन काल में, धातु विज्ञान अभी भी अपने प्रारंभिक चरण में था या सामग्री उपलब्ध नहीं थी। इसलिए, टैटू बनाने के लिए तेज किनारों वाली नुकीली वस्तुओं, जैसे हड्डी के टुकड़े, तेज पत्थर (जैसे चकमक पत्थर या ओब्सीडियन), या कभी-कभी लकड़ी के कांटे का उपयोग किया जाता था। एल्यूमीनियम, सोना और प्लास्टिक आधुनिक सामग्री हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि टैटू की स्याही में इस्तेमाल किया जाने वाला प्राकृतिक रंग काला है, तो यह किस प्रकार के रासायनिक यौगिक से प्राप्त हो सकता है?
- (a) ऑक्सीकृत धातुएँ (Oxidized Metals)
- (b) कार्बनिक वर्णक (Organic Pigments)
- (c) अकार्बनिक वर्णक (Inorganic Pigments)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वर्णक की प्रकृति (Nature of Pigments)।
व्याख्या (Explanation): काला रंग विभिन्न स्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है। कार्बनिक स्रोतों में जला हुआ हाथीदांत या अन्य कार्बन युक्त सामग्री शामिल हो सकती है। अकार्बनिक स्रोतों में लोहे के ऑक्साइड (जैसे मैग्नेटाइट) या मैंगनीज डाइऑक्साइड जैसी धातुएँ शामिल हो सकती हैं। कुछ विशेष रूप से संसाधित धातुएँ (जैसे महीन कणों में) भी काला रंग दे सकती हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्राचीन टैटू बनाने की प्रक्रिया में, त्वचीय छिद्रों (dermal perforations) से रक्तस्राव (bleeding) का मुख्य कारण क्या था?
- (a) प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया
- (b) यांत्रिक क्षति
- (c) एलर्जिक रिएक्शन
- (d) संक्रमण
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): शारीरिक आघात (Physical Trauma)।
व्याख्या (Explanation): टैटू बनाने के लिए नुकीली वस्तुओं से त्वचा में छेद किए जाते हैं। यह यांत्रिक क्रिया (Mechanical action) त्वचा के ऊतकों और रक्त वाहिकाओं को तोड़ती है, जिससे रक्तस्राव होता है। जबकि प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया हो सकती है, यांत्रिक क्षति प्राथमिक कारण है। एलर्जी और संक्रमण बाद के परिणाम हो सकते हैं, लेकिन तत्काल रक्तस्राव का कारण नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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टैटू बनाने के बाद त्वचा की प्रारंभिक उपचार प्रक्रिया में कौन सा भौतिक गुण महत्वपूर्ण था?
- (a) परावर्तन (Reflection)
- (b) ऊष्मा चालन (Heat Conduction)
- (c) संपीड़न (Compression)
- (d) वाष्पीकरण (Evaporation)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): शीतलन (Cooling)।
व्याख्या (Explanation): टैटू के बाद, घाव को साफ रखने और सूजन को कम करने के लिए अक्सर ठंडा पानी लगाया जाता था। पानी का वाष्पीकरण (Evaporation) त्वचा से गर्मी को दूर ले जाता है, जिससे शीतलन प्रभाव (Cooling effect) होता है। यह एक भौतिक प्रक्रिया है जो उपचार में सहायता करती है। परावर्तन, संपीड़न और ऊष्मा चालन इस संदर्भ में मुख्य भूमिका नहीं निभाते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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टैटू बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण के डिजाइन में ‘एर्गोनॉमिक्स’ (ergonomics) के किस पहलू पर विचार किया गया होगा?
- (a) स्याही की चिपचिपाहट (Ink Viscosity)
- (b) पकड़ और नियंत्रण (Grip and Control)
- (c) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
- (d) ध्वनि तरंगें (Sound Waves)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव-मशीन इंटरैक्शन (Human-Machine Interaction)।
व्याख्या (Explanation): एर्गोनॉमिक्स का उद्देश्य दक्षता और आराम के लिए मानव क्षमताओं और सीमाओं के साथ किसी वस्तु के डिजाइन को संरेखित करना है। टैटू बनाने वाले औजार के लिए, एक अच्छी पकड़ (Grip) और नियंत्रण (Control) कारीगर को सटीक स्ट्रोक बनाने और थकान को कम करने की अनुमति देता है। अन्य विकल्प टैटू बनाने के उपकरण के डिजाइन से सीधे संबंधित नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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टैटू की स्याही में पाए जाने वाले कुछ रंग, जैसे लाल या नारंगी, किस प्रकार के रासायनिक यौगिक से आ सकते हैं?
- (a) सल्फेट (Sulphates)
- (b) कार्बोनेट (Carbonates)
- (c) कैडमियम सल्फाइड (Cadmium Sulfide)
- (d) अमोनियम क्लोराइड (Ammonium Chloride)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अकार्बनिक वर्णक (Inorganic Pigments)।
व्याख्या (Explanation): कैडमियम सल्फाइड (Cadmium Sulfide) एक अकार्बनिक यौगिक है जो एक चमकीला पीला से नारंगी रंग प्रदान कर सकता है। कैडमियम सेलेनॉइड (Cadmium Selenide) लाल रंग दे सकता है। हालांकि ये आधुनिक स्याही में अधिक सामान्य हैं, प्राचीन काल में भी इसी तरह के खनिज यौगिकों का उपयोग किया जा सकता था। सल्फेट, कार्बोनेट और अमोनियम क्लोराइड आमतौर पर रंग प्रदान करने वाले पिगमेंट नहीं होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू की स्याही में, कणों को एक तरल माध्यम में समान रूप से निलंबित रखने के लिए किस रासायनिक अवधारणा का उपयोग किया जाता है?
- (a) आसवन (Distillation)
- (b) पायसीकरण (Emulsification)
- (c) अवसादन (Sedimentation)
- (d) क्रिस्टलीकरण (Crystallization)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोलाइडल रसायन विज्ञान (Colloidal Chemistry)।
व्याख्या (Explanation): टैटू स्याही मूल रूप से कणों का एक कोलाइडल निलंबन (colloidal suspension) है। पायसीकरण (Emulsification) एक प्रक्रिया है जिसमें दो अमिश्रणीय तरल पदार्थों (जैसे तेल और पानी) को मिलाकर एक स्थिर मिश्रण बनाया जाता है, या इसमें ठोस कणों को एक तरल में समान रूप से फैलाना शामिल हो सकता है। यह स्याही को जमने या कणों को नीचे बैठने से रोकता है। आसवन तरल पदार्थों को अलग करने की प्रक्रिया है, अवसादन कणों का नीचे बैठना है, और क्रिस्टलीकरण ठोस रूप से व्यवस्थित होने की प्रक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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टैटू की स्याही में उपयोग किए जाने वाले कार्बनिक पदार्थों (जैसे जड़ी-बूटियों से प्राप्त) के अपघटन (decomposition) से बचने के लिए क्या आवश्यक है?
- (a) आर्द्रता (Humidity)
- (b) वायुमंडलीय दबाव (Atmospheric Pressure)
- (c) संरक्षक (Preservatives)
- (d) अत्यधिक ऊँचाई (Extreme Altitude)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक स्थिरता (Chemical Stability)।
व्याख्या (Explanation): जैविक या कार्बनिक पदार्थों में सूक्ष्मजीवों की वृद्धि हो सकती है, जिससे उनका अपघटन हो सकता है। संरक्षक (Preservatives) ऐसे पदार्थ होते हैं जिन्हें सूक्ष्मजीवों के विकास को रोकने के लिए जोड़ा जाता है, जिससे स्याही की शेल्फ लाइफ बढ़ती है और गुणवत्ता बनी रहती है। आर्द्रता, वायुमंडलीय दबाव और ऊँचाई सीधे अपघटन को नहीं रोकते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू की स्याही में उपयोग किए जाने वाले कुछ पिगमेंट, जैसे कि लाल कैडमियम सल्फाइड, प्रकाश के संपर्क में आने पर क्या रासायनिक प्रतिक्रिया से गुजर सकते हैं?
- (a) ऑक्सीकरण (Oxidation)
- (b) अपचयन (Reduction)
- (c) फोटोडिग्रेडेशन (Photodegradation)
- (d) बहुलकीकरण (Polymerization)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश रसायन (Photochemistry)।
व्याख्या (Explanation): फोटोडिग्रेडेशन (Photodegradation) एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें प्रकाश, विशेष रूप से यूवी विकिरण, रासायनिक यौगिकों को तोड़ता है। कई रंगीन पिगमेंट, विशेष रूप से अकार्बनिक, समय के साथ प्रकाश के संपर्क में आने पर फीके पड़ सकते हैं या रंग बदल सकते हैं। ऑक्सीकरण और अपचयन अन्य रासायनिक प्रतिक्रियाएं हैं, और बहुलकीकरण छोटी इकाइयों को जोड़कर बड़ी श्रृंखलाएं बनाने की प्रक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि प्राचीन टैटू बनाने के लिए नुकीले औजार का उपयोग किया जाता था, तो त्वचीय चोट (dermal injury) के कारण कौन सी शारीरिक प्रक्रिया शुरू हो सकती है?
- (a) त्वचा का कायापलट (Skin Metamorphosis)
- (b) तीव्र सूजन (Acute Inflammation)
- (c) ऑस्मोसिस (Osmosis)
- (d) श्वसन (Respiration)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊतक प्रतिक्रिया (Tissue Response)।
व्याख्या (Explanation): जब त्वचा में चोट लगती है, तो शरीर की प्रतिक्रिया के रूप में तीव्र सूजन (Acute inflammation) शुरू हो जाती है। इसमें चोट के स्थान पर रक्त का प्रवाह बढ़ना, लालिमा, गर्मी, सूजन और दर्द शामिल है, जो ऊतक की मरम्मत में मदद करता है। कायापलट, ऑस्मोसिस और श्वसन इस तत्काल प्रतिक्रिया के मुख्य घटक नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्राचीन टैटू बनाने वाले कारीगरों को त्वचा की कौन सी परत को लक्षित करना था ताकि स्याही स्थायी रूप से बनी रहे?
- (a) एपिडर्मिस (Epidermis)
- (b) डर्मिस (Dermis)
- (c) हाइपोडर्मिस (Hypodermis)
- (d) स्ट्रेटम कॉर्नियम (Stratum Corneum)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): त्वचा की संरचना (Skin Anatomy)।
व्याख्या (Explanation): टैटू स्याही त्वचा की डर्मिस परत में डाली जाती है, जो एपिडर्मिस (बाहरी परत) के नीचे स्थित होती है। डर्मिस में कोलेजन और इलास्टिन जैसे ऊतक होते हैं, और यह वह परत है जहां स्याही को ठीक करने के बाद भी स्थायी रूप से रखा जाता है। एपिडर्मिस लगातार नवीनीकृत होता है, और हाइपोडर्मिस वसा ऊतक है। स्ट्रेटम कॉर्नियम एपिडर्मिस की सबसे बाहरी परत है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि टैटू बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए उपकरण की नोक तेज थी, तो यह किस प्रकार की तरंग (wave) का निर्माण करती होगी जब यह त्वचा पर प्रहार करती थी?
- (a) विद्युत चुम्बकीय तरंग (Electromagnetic Wave)
- (b) ध्वनि तरंग (Sound Wave)
- (c) यांत्रिक तरंग (Mechanical Wave)
- (d) गुरुत्वाकर्षण तरंग (Gravitational Wave)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): तरंगों के प्रकार (Types of Waves)।
व्याख्या (Explanation): जब एक नुकीली वस्तु किसी माध्यम (जैसे त्वचा) से टकराती है, तो यह उस माध्यम में यांत्रिक कंपन (Mechanical vibrations) उत्पन्न करती है, जिसे यांत्रिक तरंग (Mechanical wave) कहा जाता है। ध्वनि तरंगें भी यांत्रिक तरंगें हैं, लेकिन यहां मुख्य घटना सीधे वस्तु का माध्यम में प्रहार है। विद्युत चुम्बकीय तरंगों (जैसे प्रकाश) और गुरुत्वाकर्षण तरंगों का यहां कोई संबंध नहीं है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू बनाने के बाद, त्वचा की ऊपरी परत (एपिडर्मिस) के नीचे, स्याही को फंसाने वाली डर्मिस कोशिकाओं की क्या विशेषता होती है?
- (a) वे संवहन (convection) में संलग्न होती हैं
- (b) वे बहुत तेजी से विभाजित होती हैं
- (c) वे अपेक्षाकृत स्थिर होती हैं
- (d) वे पारगम्य (permeable) होती हैं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊतक की स्थिरता (Tissue Stability)।
व्याख्या (Explanation): डर्मिस की कोशिकाएं, जैसे कि फाइब्रोब्लास्ट्स, अपेक्षाकृत स्थिर होती हैं और उनके पास एपिडर्मिस की तरह तीव्र विभाजन दर नहीं होती है। यह डर्मिस की स्थिरता और संरचना है जो स्याही कणों को अपने स्थान पर बने रहने में मदद करती है, जबकि एपिडर्मिस की कोशिकाएं लगातार पुरानी होकर गिरती रहती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्राचीन टैटू बनाने में इस्तेमाल होने वाले औजारों को साफ करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रिया का उपयोग किया जा सकता था?
- (a) निष्कर्षण (Extraction)
- (b) ऊष्मीय अपघटन (Thermal Decomposition)
- (c) विलायक क्रिया (Solvent Action)
- (d) वाष्पीकरण (Evaporation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सफाई और विलायक (Cleaning and Solvents)।
व्याख्या (Explanation): औजारों से स्याही या रक्त के अवशेषों को हटाने के लिए पानी या अन्य प्राकृतिक विलायक (Solvents), जैसे कि जड़ी-बूटियों से बने अर्क, का उपयोग किया जा सकता था। ये विलायक गंदगी और स्याही को घोलकर साफ करने में मदद करते हैं। अन्य प्रक्रियाएं सफाई के लिए सीधे तौर पर प्रासंगिक नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू स्याही में पाए जाने वाले कुछ रंग, जो विभिन्न प्राकृतिक खनिजों से प्राप्त होते हैं, किस प्रकार के रासायनिक बांड (chemical bonds) द्वारा एक साथ बंधे हो सकते हैं?
- (a) हाइड्रोजन बॉन्ड (Hydrogen Bonds)
- (b) आयनिक बॉन्ड (Ionic Bonds)
- (c) सहसंयोजक बॉन्ड (Covalent Bonds)
- (d) ये सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंधन (Chemical Bonding)।
व्याख्या (Explanation): खनिजों और पिगमेंट में विभिन्न प्रकार के रासायनिक बंधन हो सकते हैं। आयनिक बंधन धातु और गैर-धातु तत्वों के बीच इलेक्ट्रॉनों के हस्तांतरण से बनते हैं, सहसंयोजक बंधन तत्वों के बीच इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से बनते हैं, और हाइड्रोजन बॉन्ड विशेष रूप से ध्रुवीय अणुओं में पाए जाते हैं। रंग प्रदान करने वाले खनिजों में इनमें से एक या अधिक प्रकार के बंधन हो सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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यदि एक प्राचीन टैटू मास्टर अपने प्रशिक्षु को एक नई स्याही बनाने की विधि सिखा रहा था, तो वे मुख्य रूप से किस वैज्ञानिक सिद्धांत का पालन कर रहे थे?
- (a) गुरुत्वाकर्षण (Gravity)
- (b) ऊष्मागतिकी (Thermodynamics)
- (c) रासायनिक मिश्रण (Chemical Mixing)
- (d) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक प्रक्रियाएं (Chemical Processes)।
व्याख्या (Explanation): एक नई स्याही बनाने में विभिन्न रसायनों या प्राकृतिक अवयवों को सटीक अनुपात में मिलाना शामिल होता है। यह सीधे तौर पर रासायनिक मिश्रण (Chemical Mixing) की अवधारणा से संबंधित है, जहाँ अवयवों की रासायनिक प्रतिक्रियाएं वांछित रंग और गुण प्रदान करती हैं। गुरुत्वाकर्षण, ऊष्मागतिकी और प्रकाश संश्लेषण इस विशेष प्रक्रिया से सीधे संबंधित नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्राचीन टैटू में इस्तेमाल होने वाली स्याही के कणों को लंबे समय तक त्वचा में टिकाए रखने के लिए कौन सी भौतिक संपत्ति महत्वपूर्ण थी?
- (a) कम गलनांक (Low Melting Point)
- (b) उच्च चिपचिपाहट (High Viscosity)
- (c) कम घनत्व (Low Density)
- (d) उच्च ऊष्मीय चालकता (High Thermal Conductivity)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोलाइडल स्थिरता (Colloidal Stability)।
व्याख्या (Explanation): स्याही की उच्च चिपचिपाहट (High Viscosity) कणों को निलंबित रखने और उन्हें त्वचा के भीतर व्यवस्थित रूप से फैलने से रोकने में मदद करती है। यह कणों को डर्मिस में फंसाने में भी भूमिका निभा सकता है। कम गलनांक, कम घनत्व या उच्च ऊष्मीय चालकता स्याही को लंबे समय तक त्वचा में बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।