समाजशास्त्र महारथी: दैनिक अभ्यास प्रश्नोत्तरी
नमस्कार, भावी समाजशास्त्रियों! अपनी अवधारणात्मक स्पष्टता और विश्लेषणात्मक कौशल को निखारने के लिए तैयार हो जाइए। आज की विशेष प्रश्नोत्तरी के साथ अपनी तैयारी की गति को एक नया आयाम दें। यह आपके समाजशास्त्रीय ज्ञान की गहराई को परखने का एक शानदार अवसर है, तो आइए, शुरू करें यह ज्ञानवर्धक यात्रा!
समाजशास्त्र अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस समाजशास्त्री ने ‘अवलोकन’ (Verstehen) की अवधारणा प्रस्तुत की, जो मानव क्रियाओं के व्यक्तिपरक अर्थों को समझने की आवश्यकता पर बल देती है?
- एमिल दुर्खीम
- कार्ल मार्क्स
- मैक्स वेबर
- जॉर्ज हर्बर्ट मीड
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मैक्स वेबर ने ‘अवलोकन’ (Verstehen) की अवधारणा पेश की। यह समाजशास्त्रियों के लिए उन व्यक्तिपरक अर्थों को समझने का एक तरीका है जिन्हें लोग अपनी क्रियाओं से जोड़ते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा उनकी व्याख्यात्मक समाजशास्त्र (interpretive sociology) का एक केंद्रीय हिस्सा है और उनके कार्य ‘अर्थव्यवस्था और समाज’ (Economy and Society) में विस्तृत है। यह दुर्खीम के प्रत्यक्षवाद (positivist) दृष्टिकोण के विपरीत है।
- गलत विकल्प: ‘एनोमी’ (Anomie) एमिल दुर्खीम द्वारा विकसित एक अवधारणा है, वेबर द्वारा नहीं। ‘वर्ग संघर्ष’ (Class conflict) कार्ल मार्क्स का एक केंद्रीय विचार है।
प्रश्न 2: एम. एन. श्रीनिवास द्वारा गढ़ा गया ‘संस्कृतीकरण’ (Sanskritization) शब्द क्या दर्शाता है?
- पश्चिमी संस्कृति का अनुकरण
- जाति पदानुक्रम में उच्च स्थान प्राप्त करने के लिए निम्न जाति या जनजाति द्वारा उच्च जाति के रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और विश्वासों को अपनाना
- औद्योगीकरण और शहरीकरण की प्रक्रिया
- धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: संस्कृतीकरण, एम. एन. श्रीनिवास द्वारा गढ़ा गया एक शब्द है, जो निम्न जाति या जनजाति द्वारा उच्च जाति के रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और विश्वासों को अपनाने की प्रक्रिया को दर्शाता है ताकि वे जाति पदानुक्रम में उच्च स्थान प्राप्त कर सकें।
- संदर्भ और विस्तार: श्रीनिवास ने पहली बार यह अवधारणा अपनी पुस्तक ‘दक्षिण भारत के कूर्गों के मध्य धर्म और समाज’ (Religion and Society Among the Coorgs of South India) में प्रस्तावित की थी। यह संरचनात्मक गतिशीलता (structural mobility) के बजाय एक प्रकार की सांस्कृतिक गतिशीलता (cultural mobility) है।
- गलत विकल्प: ‘पश्चिमीकरण’ (Westernization) पश्चिमी सांस्कृतिक लक्षणों को अपनाने को संदर्भित करता है, जबकि ‘आधुनिकीकरण’ (Modernization) तकनीकी और संस्थागत परिवर्तनों से संबंधित एक व्यापक अवधारणा है।
प्रश्न 3: दुर्खीम के अनुसार, समाज की एकता और संरचना को बनाए रखने में ‘सामूहिक चेतना’ (Collective Conscience) की क्या भूमिका है?
- यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करती है।
- यह समाज के सदस्यों के बीच साझा विश्वासों, मूल्यों और नैतिकता का प्रतीक है, जो उन्हें एक साथ बांधता है।
- यह आर्थिक असमानता का परिणाम है।
- यह सामाजिक परिवर्तन का मुख्य चालक है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: दुर्खीम के अनुसार, ‘सामूहिक चेतना’ समाज के सदस्यों के बीच साझा विश्वासों, मूल्यों और नैतिकता का प्रतीक है, जो उन्हें एक साथ बांधता है और सामाजिक एकता बनाए रखता है।
- संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम ने अपनी पुस्तक ‘समाजशास्त्रीय पद्धति के नियम’ (The Rules of Sociological Method) और ‘सामाजिक श्रम विभाजन’ (The Division of Labour in Society) में इस अवधारणा को विस्तार से समझाया है। यह पूर्व-औद्योगिक समाजों (सरल या यांत्रिक एकजुटता) में अधिक मजबूत होती है।
- गलत विकल्प: यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा नहीं करती, बल्कि सामाजिक मानदंडों के अनुपालन की अपेक्षा करती है। यह आर्थिक असमानता का परिणाम नहीं, बल्कि एकता का स्रोत है। यह सामाजिक परिवर्तन का चालक होने के बजाय स्थिरता को बढ़ावा देती है।
प्रश्न 4: ‘अलगाव’ (Alienation) की अवधारणा, विशेष रूप से पूंजीवादी उत्पादन प्रणाली के संदर्भ में, किस प्रमुख समाजशास्त्री से जुड़ी है?
- मैक्स वेबर
- कार्ल मार्क्स
- इमाइल दुर्खीम
- टैल्कॉट पार्सन्स
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘अलगाव’ (Alienation) की अवधारणा, विशेष रूप से पूंजीवादी उत्पादन प्रणाली के संदर्भ में, कार्ल मार्क्स से जुड़ी है।
- संदर्भ और विस्तार: मार्क्स ने ‘आर्थिक और दार्शनिक पांडुलिपियां 1844’ (Economic and Philosophic Manuscripts of 1844) में चार प्रकार के अलगाव का वर्णन किया: उत्पाद से अलगाव, उत्पादन प्रक्रिया से अलगाव, स्वयं की प्रजाति-प्रकृति से अलगाव, और अन्य मनुष्यों से अलगाव।
- गलत विकल्प: वेबर नौकरशाही और सत्ता पर केंद्रित थे, दुर्खीम ने सामाजिक एकता और एनोमी पर काम किया, और पार्सन्स ने संरचनात्मक-प्रकार्यवादी सिद्धांत विकसित किया।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी एक ‘सामाजिक संस्था’ (Social Institution) नहीं है?
- परिवार
- शिक्षा
- धर्म
- मित्रता
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘मित्रता’ एक सामाजिक संबंध या समूह है, लेकिन समाजशास्त्र में इसे आमतौर पर एक प्रमुख ‘सामाजिक संस्था’ के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: सामाजिक संस्थाएं समाज के बड़े, स्थायी पैटर्न या संरचनाएं हैं जो सामाजिक जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को व्यवस्थित करती हैं, जैसे परिवार (प्रजनन, समाजीकरण), शिक्षा (ज्ञान हस्तांतरण), धर्म (आध्यात्मिक विश्वास), सरकार (व्यवस्था, नियंत्रण), और अर्थव्यवस्था (उत्पादन, वितरण)।
- गलत विकल्प: परिवार, शिक्षा और धर्म स्पष्ट रूप से स्थापित सामाजिक संस्थाएं हैं जो समाज के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक कार्य करती हैं।
प्रश्न 6: मैरीaabbott के ‘वर्गहीन समाज’ (Classless Society) की अवधारणा किस विचारक के आदर्शों से सबसे अधिक मेल खाती है?
- मैक्स वेबर
- कार्ल मार्क्स
- अगस्त कॉम्टे
- हरबर्ट स्पेंसर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कार्ल मार्क्स ने एक ऐसे ‘वर्गहीन समाज’ (Classless Society) की परिकल्पना की थी जहाँ उत्पादन के साधनों पर निजी स्वामित्व समाप्त हो जाएगा और कोई शोषण नहीं होगा।
- संदर्भ और विस्तार: मार्क्स का मानना था कि पूंजीवाद में पूंजीपति वर्ग (bourgeoisie) और सर्वहारा वर्ग (proletariat) के बीच वर्ग संघर्ष अंततः सर्वहारा क्रांति की ओर ले जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप साम्यवाद (communism) की स्थापना होगी, जो एक वर्गहीन और राज्यविहीन समाज होगा।
- गलत विकल्प: वेबर ने वर्ग, दर्जा और शक्ति के तीन आयामों का विश्लेषण किया, कॉम्टे ने प्रत्यक्षवाद की वकालत की, और स्पेंसर ने सामाजिक डार्विनवाद (Social Darwinism) पर काम किया।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘सामाजिक स्तरीकरण’ (Social Stratification) का आधार नहीं है?
- धन
- जाति
- धर्म
- शिक्षा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘धर्म’ अपने आप में एक प्राथमिक सामाजिक स्तरीकरण का आधार नहीं है, हालांकि यह सामाजिक समूहों को प्रभावित कर सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: सामाजिक स्तरीकरण समाज को विभिन्न स्तरों या पदानुक्रमों में विभाजित करने की एक प्रणाली है, जिसमें असमान शक्ति, विशेषाधिकार और प्रतिष्ठा होती है। धन, जाति, लिंग, उम्र, जातीयता और पेशा स्तरीकरण के सामान्य आधार हैं।
- गलत विकल्प: धन (आर्थिक स्थिति), जाति (भारतीय समाज में स्तरीकरण का ऐतिहासिक आधार), और शिक्षा (सामाजिक-आर्थिक गतिशीलता में भूमिका) सभी स्तरीकरण के महत्वपूर्ण आधार हैं।
प्रश्न 8: ‘प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद’ (Symbolic Interactionism) का जनक किसे माना जाता है?
- एमिल दुर्खीम
- कार्ल मार्क्स
- मैक्स वेबर
- जॉर्ज हर्बर्ट मीड
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: जॉर्ज हर्बर्ट मीड को ‘प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद’ का प्रमुख प्रणेता माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: मीड ने इस सिद्धांत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो व्यक्तियों के बीच सूक्ष्म-स्तरीय अंतःक्रियाओं पर केंद्रित है, जहाँ वे प्रतीकों (जैसे भाषा, हावभाव) के माध्यम से अर्थ बनाते और साझा करते हैं। उन्होंने ‘मैं’ (I) और ‘मी’ (Me) तथा ‘अन्य’ (The Other) की अवधारणाओं को विकसित किया।
- गलत विकल्प: दुर्खीम ने प्रकार्यवाद (functionalism) और सामूहिक चेतना पर काम किया, मार्क्स ने संघर्ष सिद्धांत (conflict theory) विकसित किया, और वेबर ने व्याख्यात्मक समाजशास्त्र पर जोर दिया।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘प्राथमिक समूह’ (Primary Group) का उदाहरण है?
- एक कंपनी का कर्मचारी वर्ग
- एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल
- एक परिवार
- एक विश्वविद्यालय का छात्र संघ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: एक परिवार ‘प्राथमिक समूह’ का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- संदर्भ और विस्तार: चार्ल्स कूले ने प्राथमिक समूहों को उन समूहों के रूप में परिभाषित किया है जो आमने-सामने, घनिष्ठ और स्थायी संबंधों की विशेषता रखते हैं, जैसे परिवार, बचपन के दोस्त और करीबी नातेदार। इन समूहों में व्यक्ति का सामाजिकरण महत्वपूर्ण रूप से होता है।
- गलत विकल्प: कंपनी के कर्मचारी, राजनीतिक दल और छात्र संघ आमतौर पर ‘द्वितीयक समूह’ (secondary groups) के उदाहरण हैं, जो बड़े, अधिक औपचारिक और कम व्यक्तिगत होते हैं।
प्रश्न 10: भारत में ‘कठोर जाति व्यवस्था’ (Rigid Caste System) के संबंध में, ‘अंतर्विवाह’ (Endogamy) का क्या अर्थ है?
- एक ही उप-जाति के भीतर विवाह
- विभिन्न उप-जातियों के बीच विवाह
- सभी जातियों के बीच विवाह की स्वतंत्रता
- विवाह के लिए किसी भी सामाजिक पृष्ठभूमि को स्वीकार करना
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘अंतर्विवाह’ (Endogamy) का अर्थ है कि व्यक्ति को अपनी स्वयं की जाति या उप-जाति के भीतर ही विवाह करना चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय जाति व्यवस्था में अंतर्विवाह एक प्रमुख नियम रहा है, जो जाति की पहचान और शुद्धता को बनाए रखने में मदद करता है। यह नियम जाति को एक बंद स्तरीकरण व्यवस्था के रूप में बनाए रखता है।
- गलत विकल्प: ‘बहिर्विवाह’ (Exogamy) वह नियम है जिसके तहत व्यक्ति को अपने गोत्र या कुल से बाहर विवाह करना होता है। अन्य विकल्प अंतर्विवाह के अर्थ के विपरीत हैं।
प्रश्न 11: रॉबर्ट मर्टन के ‘मध्यम-श्रेणी के सिद्धांत’ (Middle-Range Theories) का उद्देश्य क्या था?
- एक व्यापक, एकीकृत समाजशास्त्रीय सिद्धांत का निर्माण करना।
- समष्टिगत सामाजिक संरचनाओं की व्याख्या करना।
- अमूर्त सिद्धांतों (जैसे प्रकार्यवाद) और अनुभवजन्य अनुसंधान के बीच एक कड़ी स्थापित करना।
- व्यक्तिगत मनोवैज्ञानिक व्यवहार का विश्लेषण करना।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: रॉबर्ट मर्टन ने ‘मध्यम-श्रेणी के सिद्धांत’ का प्रस्ताव रखा, जिसका उद्देश्य अमूर्त सिद्धांतों (जैसे पार्सन्स के भव्य सिद्धांत) और अनुभवजन्य अनुसंधान (empirical research) के बीच एक पुल बनाना था।
- संदर्भ और विस्तार: मर्टन का मानना था कि समाजशास्त्रीय सिद्धांत को इतने व्यापक नहीं होना चाहिए कि वे परीक्षण योग्य न हों, न ही इतने संकीर्ण कि वे सामान्यीकरण न कर सकें। मध्यम-श्रेणी के सिद्धांत विशिष्ट सामाजिक घटनाओं या प्रक्रियाओं पर केंद्रित होते हैं, जैसे विचलन (deviance) या उप-समूहों (sub-groups) का अध्ययन।
- गलत विकल्प: जबकि वे समग्र सिद्धांतों का हिस्सा हो सकते हैं, मध्यम-श्रेणी के सिद्धांत का प्राथमिक लक्ष्य व्यापक एकीकृत सिद्धांत का निर्माण करना नहीं है।
प्रश्न 12: ‘सामाजिक नियंत्रण’ (Social Control) की अवधारणा से किस समाजशास्त्री का नाम विशेष रूप से जुड़ा है?
- जॉर्ज सिमेल
- टैल्कॉट पार्सन्स
- इमाइल दुर्खीम
- हरबर्ट ब्लूमर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: इमाइल दुर्खीम ने सामाजिक नियंत्रण पर महत्वपूर्ण कार्य किया, विशेष रूप से ‘एनोमी’ और ‘विचलन’ (deviance) के अपने विश्लेषण में।
- संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम ने बताया कि सामाजिक नियंत्रण, समाज द्वारा अपने सदस्यों के व्यवहार को विनियमित करने की प्रक्रिया है, जो सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उन्होंने अनौपचारिक नियंत्रण (जैसे रीति-रिवाज, परंपराएं) और औपचारिक नियंत्रण (जैसे कानून) दोनों पर चर्चा की।
- गलत विकल्प: सिमेल ने सामाजिक अंतःक्रिया के रूप, पार्सन्स ने संरचनात्मक-प्रकार्यवाद, और ब्लूमर ने प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद पर काम किया।
प्रश्न 13: भारत में ‘आधुनिकीकरण’ (Modernization) की प्रक्रिया के संदर्भ में, निम्न में से कौन सा एक महत्वपूर्ण कारक है?
- परंपरागत कृषि का विस्तार
- औद्योगिकीकरण और शहरीकरण
- जाति पंचायत का सुदृढ़ीकरण
- सामुदायिक भावना का बढ़ना
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: आधुनिकीकरण एक बहुआयामी प्रक्रिया है जिसमें औद्योगिकीकरण (industrialization) और शहरीकरण (urbanization) महत्वपूर्ण कारक हैं।
- संदर्भ और विस्तार: आधुनिकीकरण में तकनीकी विकास, आर्थिक वृद्धि, संस्थागत परिवर्तन (जैसे धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्रीकरण), और सामाजिक मूल्यों में परिवर्तन शामिल हैं। औद्योगिकीकरण से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और शहरीकरण सामाजिक संपर्क के स्वरूप को बदलता है।
- गलत विकल्प: परंपरागत कृषि का विस्तार, जाति पंचायत का सुदृढ़ीकरण, और सामुदायिक भावना का बढ़ना (आधुनिक संदर्भ में) आधुनिकीकरण की प्रक्रिया के प्रतिनिधि नहीं हैं, बल्कि पारंपरिक या अप्रत्याशित सामाजिक विकास के संकेत हो सकते हैं।
प्रश्न 14: ‘सामाजिक संरचना’ (Social Structure) से आपका क्या तात्पर्य है?
- व्यक्तिगत अंतःक्रियाओं का गतिशील प्रवाह।
- समाज के विभिन्न हिस्सों (जैसे संस्थाएं, समूह, वर्ग) के बीच स्थापित और अपेक्षाकृत स्थिर पैटर्न।
- मानव व्यवहार का अध्ययन।
- सामाजिक परिवर्तन की दर।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: सामाजिक संरचना समाज के विभिन्न हिस्सों (जैसे संस्थाएं, समूह, वर्ग, भूमिकाएं) के बीच स्थापित और अपेक्षाकृत स्थिर पैटर्न को संदर्भित करती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह समाज की समग्र रूपरेखा प्रदान करती है और व्यक्तियों के व्यवहार, अवसरों और सामाजिक संबंधों को प्रभावित करती है। यह एक स्थिर तत्व की तरह लग सकता है, लेकिन यह समय के साथ बदल भी सकता है।
- गलत विकल्प: व्यक्तिगत अंतःक्रियाएं संरचना का हिस्सा हो सकती हैं, लेकिन वे पूरी संरचना नहीं हैं। मानव व्यवहार का अध्ययन समाजशास्त्र का विषय है, लेकिन सामाजिक संरचना स्वयं व्यवहार का एक संदर्भ है।
प्रश्न 15: किस समाजशास्त्री ने ‘अराजकता’ (Anomie) की अवधारणा को सामाजिक विघटन और नियंत्रण के नुकसान के रूप में परिभाषित किया?
- मैक्स वेबर
- कार्ल मार्क्स
- इमाइल दुर्खीम
- जॉन हब्मास
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: इमाइल दुर्खीम ने ‘एनोमी’ (Anomie) की अवधारणा को समाजशास्त्रीय विश्लेषण में महत्वपूर्ण बनाया।
- संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम के अनुसार, एनोमी एक ऐसी स्थिति है जहाँ समाज के सदस्य सामाजिक नियमों और मानकों से खुद को अलग-थलग महसूस करते हैं, या जब वे मानक मौजूद नहीं होते हैं या खंडित हो जाते हैं। यह अक्सर सामाजिक परिवर्तन या संकट के समय में होता है, जिससे व्यक्ति में दिशाहीनता और हताशा आती है।
- गलत विकल्प: वेबर ने नौकरशाही, मार्क्स ने वर्ग संघर्ष, और हब्मास ने संचारत्मक क्रिया (communicative action) पर ध्यान केंद्रित किया।
प्रश्न 16: ‘सामाजिक गतिशीलता’ (Social Mobility) से आपका क्या तात्पर्य है?
- लोगों का समाज में उनकी स्थिति को बदलना।
- लोगों का एक सामाजिक वर्ग से दूसरे सामाजिक वर्ग में जाना।
- किसी व्यक्ति या समूह द्वारा सामाजिक सीढ़ी पर ऊपर या नीचे की ओर बढ़ना।
- समाज में व्यक्तियों की आवाजाही।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘सामाजिक गतिशीलता’ किसी व्यक्ति या समूह द्वारा सामाजिक सीढ़ी पर ऊपर या नीचे की ओर बढ़ने को संदर्भित करती है।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें ऊर्ध्वाधर गतिशीलता (vertical mobility) शामिल है (उच्च से निम्न या निम्न से उच्च स्थिति में जाना), क्षैतिज गतिशीलता (horizontal mobility) (समान स्तर पर स्थिति बदलना), और अंतर-पीढ़ी गतिशीलता (intergenerational mobility) (माता-पिता की स्थिति की तुलना में बच्चे की स्थिति)।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (d) सामाजिक गतिशीलता के पहलुओं का वर्णन करते हैं, लेकिन (c) सबसे सटीक और व्यापक परिभाषा है।
प्रश्न 17: ‘संस्कृति’ (Culture) को समाजशास्त्र में कैसे परिभाषित किया जाता है?
- केवल कला और साहित्य का संग्रह।
- लोगों द्वारा सीखे गए व्यवहार, ज्ञान, विश्वास, मूल्य, कला, नैतिकता, कानून, रीति-रिवाजों और अन्य क्षमताओं और आदतों का एक समग्र समुच्चय।
- किसी समाज की भौतिक वस्तुएं।
- व्यक्तिगत विचार और भावनाएं।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: संस्कृति को एक समाज के सदस्यों द्वारा सीखे गए व्यवहार, ज्ञान, विश्वास, मूल्य, कला, नैतिकता, कानून, रीति-रिवाजों और अन्य क्षमताओं और आदतों के समग्र समुच्चय के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह समाज की ‘जीने का तरीका’ है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती है। इसमें भौतिक संस्कृति (भौतिक वस्तुएं) और अभौतिक संस्कृति (विचार, विश्वास, मूल्य) दोनों शामिल हैं।
- गलत विकल्प: यह केवल कला और साहित्य तक सीमित नहीं है, न ही यह केवल भौतिक वस्तुएं हैं, और न ही यह केवल व्यक्तिगत विचार हैं।
प्रश्न 18: ‘बुद्धिजीवी वर्ग’ (Intellectual Class) की अवधारणा, सामाजिक परिवर्तन और सांस्कृतिक नेतृत्व के संदर्भ में, किस समाजशास्त्री से जुड़ी है?
- कार्ल मार्क्स
- मैक्स वेबर
- एंटोनियो ग्राम्स्की
- अगस्त कॉम्टे
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: एंटोनियो ग्राम्स्की ने ‘बुद्धिजीवी वर्ग’ (Intellectuals) और विशेष रूप से ‘प्रभुत्वशाली बुद्धिजीवी’ (Hegemonic Intellectuals) की अवधारणा पर महत्वपूर्ण कार्य किया।
- संदर्भ और विस्तार: ग्राम्स्की के अनुसार, बुद्धिजीवी केवल अकादमिक व्यक्ति नहीं होते, बल्कि समाज में सांस्कृतिक और वैचारिक प्रभुत्व स्थापित करने वाले भी होते हैं। वे ‘सहमति’ (consent) बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे शासक वर्ग की सत्ता कायम रहती है।
- गलत विकल्प: मार्क्स ने वर्ग संघर्ष और सर्वहारा क्रांति पर ध्यान केंद्रित किया, वेबर ने नौकरशाही और सत्ता पर, और कॉम्टे ने प्रत्यक्षवाद पर।
प्रश्न 19: ‘सामाजिक आधुनिकीकरण’ (Social Modernization) की प्रक्रिया से अक्सर कौन सी सामाजिक व्यवस्थाएं कमजोर होती हैं?
- लोकतांत्रिक संस्थाएं
- धार्मिक संस्थाएं और पारंपरिक सामाजिक संरचनाएं
- शिक्षा प्रणाली
- बाजार अर्थव्यवस्था
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: सामाजिक आधुनिकीकरण की प्रक्रिया अक्सर पारंपरिक धार्मिक संस्थाओं और सामाजिक संरचनाओं (जैसे जाति, सामंतवाद) को कमजोर करती है।
- संदर्भ और विस्तार: आधुनिकीकरण में धर्मनिरपेक्षता, तर्कवाद, व्यक्तिवाद और नौकरशाही का उदय शामिल है, जो पारंपरिक विश्वासों और पदानुक्रमों को चुनौती देते हैं।
- गलत विकल्प: लोकतांत्रिक संस्थाएं, शिक्षा प्रणाली और बाजार अर्थव्यवस्थाएं आधुनिकीकरण की प्रक्रिया के साथ अक्सर विकसित होती हैं या मजबूत होती हैं, न कि कमजोर।
प्रश्न 20: ‘विचलित व्यवहार’ (Deviant Behavior) को समाजशास्त्र में कैसे समझा जाता है?
- केवल गैरकानूनी गतिविधियां।
- समाज द्वारा निर्धारित नियमों और मानदंडों से विचलन।
- व्यक्तिगत मनोवैज्ञानिक समस्याएं।
- सभी प्रकार की सामाजिक असहमति।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: विचलित व्यवहार को समाज द्वारा निर्धारित नियमों और मानदंडों से विचलन के रूप में समझा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: समाजशास्त्र में, विचलन वह व्यवहार है जो समाज की अपेक्षाओं से भिन्न होता है और जिसे समाज द्वारा नकारात्मक या अस्वीकार्य माना जाता है। यह हमेशा गैरकानूनी नहीं होता, जैसे कि अजीब कपड़े पहनना या असामान्य शौक रखना भी एक प्रकार का विचलन हो सकता है।
- गलत विकल्प: यह केवल गैरकानूनी गतिविधियों तक सीमित नहीं है। यह व्यक्तिगत मनोवैज्ञानिक समस्याओं के साथ-साथ सामाजिक कारकों का भी परिणाम हो सकता है। यह सभी सामाजिक असहमति नहीं है, बल्कि वह असहमति है जो स्थापित मानदंडों का उल्लंघन करती है।
प्रश्न 21: ‘भूमिका संघर्ष’ (Role Conflict) की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब:
- एक व्यक्ति पर एक ही भूमिका के भीतर परस्पर विरोधी अपेक्षाओं को पूरा करने का दबाव होता है।
- एक व्यक्ति को विभिन्न भूमिकाओं से उत्पन्न परस्पर विरोधी अपेक्षाओं को पूरा करना होता है।
- एक व्यक्ति अपनी भूमिका से असंतुष्ट होता है।
- समाज में भूमिकाओं का स्पष्ट विभाजन नहीं होता।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘भूमिका संघर्ष’ (Role Conflict) तब उत्पन्न होता है जब एक व्यक्ति को विभिन्न सामाजिक भूमिकाओं (जैसे पिता, कर्मचारी, नागरिक) से उत्पन्न परस्पर विरोधी अपेक्षाओं को पूरा करना होता है।
- संदर्भ और विस्तार: उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति को एक ही समय में अपने बच्चे की स्कूल की बैठक में जाना है और अपने कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेना है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) ‘भूमिका तनाव’ (Role Strain) का वर्णन करता है, जहाँ एक ही भूमिका के भीतर कई अपेक्षाएं होती हैं।
प्रश्न 22: किस समाजशास्त्री ने ‘नारीवाद’ (Feminism) के विभिन्न प्रकारों, विशेष रूप से ‘उदारवादी नारीवाद’ (Liberal Feminism) का विश्लेषण किया?
- सिमोन डी ब्यूवोइर
- मिशेल फूको
- एंटोनियो ग्राम्स्की
- इर्विंग गॉफमैन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: सिमोन डी ब्यूवोइर, अपने मौलिक कार्य ‘द सेकंड सेक्स’ (The Second Sex) के साथ, नारीवादी विचार के विकास में एक महत्वपूर्ण हस्ती थीं और विभिन्न प्रकार के नारीवाद की पड़ताल की।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने महिलाओं की सामाजिक और व्यक्तिगत स्थिति के विश्लेषण में महत्वपूर्ण योगदान दिया और समानता प्राप्त करने के लिए महिलाओं की आवश्यकता पर जोर दिया।
- गलत विकल्प: फूको शक्ति और ज्ञान पर, ग्राम्स्की प्रभुत्व पर, और गॉफमैन नाटकीयता (dramaturgy) पर केंद्रित थे।
प्रश्न 23: ‘नगरीकरण’ (Urbanization) की प्रक्रिया के संदर्भ में, ‘औद्योगीकरण’ (Industrialization) का क्या महत्व है?
- यह ग्रामीण क्षेत्रों को अधिक आकर्षक बनाता है।
- यह शहरों में रोजगार के अवसर पैदा करता है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन बढ़ता है।
- यह पारंपरिक हस्तशिल्प को बढ़ावा देता है।
- यह शहरी जीवन की गुणवत्ता को कम करता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: औद्योगिकीकरण अक्सर शहरों में रोजगार के अवसर पैदा करता है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की ओर बड़े पैमाने पर पलायन होता है, जो नगरीकरण का एक प्रमुख चालक है।
- संदर्भ और विस्तार: कारखानों और व्यवसायों की स्थापना लोगों को बेहतर आर्थिक संभावनाओं की तलाश में शहरों की ओर आकर्षित करती है, जिससे शहरी आबादी बढ़ती है और ग्रामीण आबादी कम होती है।
- गलत विकल्प: यह ग्रामीण क्षेत्रों को कम आकर्षक बनाता है (पलायन के कारण), पारंपरिक हस्तशिल्प को कभी-कभी प्रभावित करता है (या बदलता है), और शहरी जीवन की गुणवत्ता पर मिश्रित प्रभाव डाल सकता है (सकारात्मक और नकारात्मक दोनों)।
प्रश्न 24: ‘सामाजिक पूंजी’ (Social Capital) की अवधारणा से क्या तात्पर्य है?
- किसी व्यक्ति की आर्थिक संपत्ति।
- समाज में किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा और ख्याति।
- सामाजिक संबंधों, नेटवर्क और विश्वास का वह जाल जो व्यक्तियों को सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
- किसी व्यक्ति के ज्ञान और कौशल का समुच्चय।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘सामाजिक पूंजी’ से तात्पर्य सामाजिक संबंधों, नेटवर्क और विश्वास का वह जाल है जो व्यक्तियों को सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा रॉबर्ट पुटनम (Robert Putnam) जैसे समाजशास्त्रियों द्वारा लोकप्रिय हुई, जिन्होंने सामाजिक पूंजी को सामुदायिक जुड़ाव और विश्वास के एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में देखा। यह व्यक्तिगत लाभ के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है, लेकिन इसका व्यापक अर्थ साझा सामाजिक संसाधनों से है।
- गलत विकल्प: आर्थिक संपत्ति, प्रतिष्ठा और ज्ञान (सामाजिक पूंजी के घटक हो सकते हैं) सामाजिक पूंजी की पूरी परिभाषा नहीं देते।
प्रश्न 25: इर्विंग गॉफमैन (Erving Goffman) ने ‘नाटकीयता’ (Dramaturgy) के अपने सिद्धांत में, सामाजिक जीवन को कैसे चित्रित किया?
- एक व्यवस्थित और पूर्व-निर्धारित प्रक्रिया के रूप में।
- एक मंच पर प्रदर्शन के रूप में, जहाँ व्यक्ति ‘अभिनेताओं’ की तरह अपनी भूमिकाएं निभाते हैं।
- अनियंत्रित और अराजक अंतःक्रियाओं के रूप में।
- केवल अमूर्त विचारों और विश्वासों के रूप में।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: इर्विंग गॉफमैन ने ‘नाटकीयता’ (Dramaturgy) के अपने सिद्धांत में, सामाजिक जीवन को एक मंच पर प्रदर्शन के रूप में चित्रित किया, जहाँ व्यक्ति ‘अभिनेताओं’ की तरह अपनी भूमिकाएं निभाते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: उनकी पुस्तक ‘द प्रेजेंटेशन ऑफ सेल्फ इन एवरीडे लाइफ’ (The Presentation of Self in Everyday Life) में, उन्होंने बताया कि कैसे लोग सामाजिक परिस्थितियों में ‘मुखौटे’ पहनते हैं, ‘रंगमंच’ (front stage) और ‘पर्दे के पीछे’ (back stage) व्यवहार करते हैं, और दूसरों पर एक विशेष प्रभाव डालने के लिए अपनी ‘छवि’ (impression management) को प्रबंधित करते हैं।
- गलत विकल्प: यद्यपि इसमें कुछ व्यवस्था होती है, यह पूरी तरह से पूर्व-निर्धारित नहीं है। इसे केवल अमूर्त विचारों के रूप में नहीं, बल्कि मूर्त सामाजिक अंतःक्रियाओं के रूप में देखा जाता है।